दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों के आतंक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

 दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के आतंक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने "एमसीडी और एनडीएमसी को सभी आवारा कुत्तों को तुरंत उठाकर दूसरे इलाके में भेजें।" साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोई भी संगठन कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में बाधा डालता है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट की ओर से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

जल्द से जल्द सभी इलाकों में शुरू करें कार्रवाई

शहर में आवारा कुत्तों की समस्या को "अत्यंत गंभीर" बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और नागरिक निकायों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू करें और उन्हें कुत्तों के आश्रयस्थलों में रखें। शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई को दिल्ली में कुत्तों के काटने की घटना से रेबीज होने की मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया था।

5,000 आवारा कुत्तों का आश्रयस्थल

कुत्तों के काटने की घटनाओं से निपटने के लिए कई निर्देश पारित करते हुए, कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन अधिकारियों द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने में बाधा डालता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जस्टिस जेबी परदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि अभी के लिए लगभग 5,000 आवारा कुत्तों को समायोजित करने के लिए कुत्तों के आश्रयस्थल बनाए जाएं और वहां पर्याप्त कर्मचारियों को तैनात किया जाए ताकि कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जा सके।

कोर्ट ने कहा, "आवारा कुत्तों को कुत्तों के आश्रय स्थलों में रखा जाए और उन्हें सड़कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाए। हम ये निर्देश व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए जारी कर रहे हैं।"

एक सप्ताह में शुरू करें हेल्पलाइन नंबर

कोर्ट ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर एक हेल्पलाइन बनाई जाए ताकि कुत्तों के काटने की सभी घटनाओं की तुरंत सूचना दी जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, "फिलहाल आप सभी नियमों को भूल जाइए। हमें सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए कि बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़कों पर सुरक्षित रहें और उन्हें रेबीज का खतरा न हो।" 

दिल्ली सरकार ने फैसले का किया स्वागत

सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश की सराहना करते हुये मंत्री कपिल मिश्र ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट का ये ऑर्डर दिल्ली को रेबीज और बेसहारा पशुओं के भय से मुक्ति एक रास्ता दिखाता है। सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का पशु विभाग सभी एजेंसियों के साथ मिलकर इस आदेश का अध्ययन करके इसको समुचित लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। इस आदेश को समयबद्ध तरीके पूर्णतया लागू करते हुए बेसहारा पशुओं के समुचित कल्याण का विशेष ध्यान भी रखा जाएगा।"