बिल्डरों से बकाया वसूल करने के लिए एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। जिन बिल्डरों अमिताभ कांत रिपोर्ट की सिफारिश का लाभ उठाया था, उन्होंने पहली किस्त जमा करने के बाद दूसरी किस्त के रूप में 25 प्रतिशत धनराशि का भुगतान नहीं किया।
इससे 21034 फ्लैटों की रजिस्ट्री अटक गई है। बिल्डरों द्वारा दूसरी किस्त का भुगतान कर देने के बाद ही प्राधिकरण खरीदारों के पक्ष में रजिस्ट्री करने की अनुमति प्रदान करेगा।
मई में बिल्डरों को जमा करनी थी दूसरी किस्त
बकाया भुगतान न करने वाले बिल्डरों पर नकेल कसने के लिए प्राधिकरण उन्हें नोटिस जारी करेगा। मई में बिल्डरों को दूसरी किस्त प्राधिकरण में जमा करनी थी, लेकिन किसी भी बिल्डर ने बकाया राशि को अब तक जमा कराने की जहमत नहीं उठाई।
नोटिस का मकसद है कि बिल्डर समय पर बकाया राशि प्राधिकरण खाते में जमा कराये, जमा राशि के हिसाब से प्राधिकरण उन्हें फ्लैट की रजिस्ट्री करने की अनुमति प्रदान करे। इससे 21034 फ्लैट खरीदारों को जल्द से जल्द मालिकाना हक मिल सकेगा।
डिफाल्टर की श्रेणी में है 57 बिल्डर
बता दें कि प्राधिकरण में 57 बिल्डर डिफाल्टर की श्रेणी में है। इन्होंने प्राधिकरण से भूखंड आवंटन के बाद बकाया राशि जमा नहीं कराई। इस कारण प्राधिकरण की ओर से उनकी तैयार या अधूरी परियोजनाओं पर कंप्लीशन सार्टिफिकेट (अभिभाग प्रमाण पत्र) जारी नहीं किया, जबकि इन्हीं परियोजनाओं में बिल्डराें को 40 हजार फ्लैट निर्माण की अनुमति दी गई है।
तमाम परियोजनाएं पूरी हो चुकी है। इसमें बिना प्राधिकरण से आक्यूपेंसी सार्टिफिकेट (कब्जा प्रमाण पत्र) लिए बिल्डरों ने खरीदारों को रहने के लिए फ्लैट उपलब्ध करा दिया, लेकिन रजिस्ट्री नहीं होने से खरीदारों को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर बिल्डर व बायर्स के बीच विवाद चल रहा है।
विवाद को शांत कराने के लिए शासन ने बीच का रास्ता निकाला, अमिताभकांत की सिफारिशों की रिपोर्ट पर 21 दिसंबर 2023 में शासनादेश जारी किया गया। इसमें नए सिरे से बिल्डरों की बकाये की गणना हुई। 25-25 प्रतिशत राशि की चार किस्तों को बनाकर रजिस्ट्री का रास्ता नोएडा प्राधिकरण खोल दिया गया।
57 में से सिर्फ 35 बिल्डरों ने प्राधिकरण खाते में पहली किस्त भी जमा करा दी, प्राधिकरण ने 5536 फ्लैट की रजिस्ट्री कराने की अनुमति दे दी, लेकिन बिल्डरों अब तक केवल 3379 फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री करा सके है, जबकि इन्हीं बिल्डरों में से 12 बिल्डरों ने एनजीटी का लाभ भी ले लिया है। तीन माह से अधिक समय बीतने के बाद जब दूसरी किस्त प्राधिकरण खाते में नहीं पहुंची तो प्राधिकरण ने दोबारा से बिल्डरों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।
शासनादेश के बाद बिल्डर-बॉयर्स की स्थिति
वर्ग संख्या
कुल डिफाल्टर - 57 बिल्डर
25 प्रतिशत राशि जमा प्राधिकरण खाते में जमा कराई : 35 बिल्डर
बिल्डरों ने आंशिक राशि प्राधिकरण खाते में जमा कराई : 12 बिल्डर
प्राधिकरण में बकाया राशि जमा नहीं कराई : 04 बिल्डर
बकाया जमा करने की सहमति नहीं दी- 06 बिल्डर
वर्ग संख्या
57 परियोजना में अपंजीकृत फ्लैट : 21034
25 प्रतिशत राशि जमा के बाद फ्लैट रजिस्ट्री की अनुमति : 5536
अब तक कराई गई फ्लैटों की रजिस्ट्री : 3379
पहली किस्त के रूप में जमा 25 प्रतिशत राशि : 530 करोड़
आंशिक रूप में जमा कराई गई राशि : 25.38 करोड़
अब तक बिल्डरों ने कुल जमा कराई राशि : 720 करोड़
दूसरी किस्त बिल्डरों की बकाया हो चुकी है, चूंकि छह-छह माह की चार किस्त है। अक्टूबर में एनजीटी पर लिया गया लाभ भी समाप्त हो जाएगा। इसलिए बकाया राशि जमा कराने के लिए बिल्डरों को नोटिस भेजा जा रहा है। इससे अधिक से अधिक फ्लैट की रजिस्ट्री कराई जा सके।