शिमला में आफत की बारिश, छह लोग मलबे की चपेट में आए, पेड़ गिरने से चकनाचूर हुई गाड़ियां

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी वर्षा के कारण कई जगह पर पेड़ गिरने से घरों व गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा भूस्खलन से भी शहर में भारी नुकसान हुआ है। शिमला में जोधा निवास के समीप पेड़ गिरने से कई गाड़ियां चपेट में आ गईं। पेड़ गिरने के कारण गाड़ियां चकनाचूर हो गई हैं। वहीं, अस्थायी घर (ढारा) गिरने से लोग मलबे की चपेट में आ गए।

टूटीकंडी के समीप पांजडी में करीब आधा दर्जन पेड़ गिरे हैं, इससे कई गाड़ियां चकनाचूर हो गई हैं। इसके अलावा बिजली के खंभे भी पेड़ की जद में आए है। इससे आसपास के क्षेत्रों में बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई। इसके अलावा शिमला के विकासनगर हिमुडा कालोनी में भी एक पेड़ गाड़ियों पर गिरा।

छह लोग मलबे की चपेट में आए

खलीणी के झझीड़ी में सुबह 4:20 पर एक ढारा क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें 6 मजदूर थे। मजदूर मलबे की चपेट में आ गए, लेकिन गनीमत रही कि उन्हें ज्यादा चोट नहीं आई है। स्थानीय लोगों ने टाॅर्च के सहारे नीचे उतरकर मजदूरों का हाल जाना और उन्हें सुरक्षित निकाला। इसके अलावा शहर में रुक रुक कर वर्षा का दौर जारी है।

भारी बारिश जारी, लोग बरतें सावधानी

शिमला में भारी बारिश का दौर जारी है व प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने का भी आग्रह किया गया है। 

वर्षा से परियोजनाओं में गाद से गहराया पेयजल संकट

शिमला जिले में लगातार वर्षा से जलस्त्रोतों में गाद काफी ज्यादा बढ़ गई है। इस कारण शिमला शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं से पंपिंग ज्यादा प्रभावित हो गई है। पानी की आपृर्ति न होने से लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। शहर के कई क्षेत्रों में चार दिन से पानी नहीं आया है। ऐसे में लोगों को खरीद कर खाना बनाने एवं पानी पीने के लिए लाना पड़ रहा है। शिमला जल प्रबंधन निगम के एजीएम विनोद नेगी ने कहा कि भारी बारिश से गिरी और गुम्मा में गाद बढ़ने का खतरा है।