पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी अब आईपीएल सट्टेबाजी कांड में उनका नाम घसीटने के लिए दो बड़े मीडिया चैनलों और एक पत्रकार के खिलाफ दायर 100 करोड़ रुपये के मानहानि केस में अपना बयान दर्ज कराएंगे।
मद्रास हाईकोर्ट ने उनके 100 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में ट्रायल का आदेश दिया है। हाईकोर्ट का ये आदेश 11 साल बाद दिया गया है।
MS Dhoni 100 करोड़ रुपये के मानहानि केस पर HC का बड़ा आदेश
दरअसल, साल 2013 आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग और सट्टेबाजी घोटाले को लीग के इतिहास का सबसे बड़ा कलंक माना जाता है। इसमें तीन क्रिकेटर दोषी पाए गए थे, जिसमें श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण जैसे बड़े खिलाड़ी का नाम था। वहीं, चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद और टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी इस मामले में आया था।
जबकि दो फ्रेंचाइजी, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को उनके शीर्ष अधिकारियों की सट्टेबाजी गतिविधियों के चलते दो साल के लिए बैन कर दिया गया था।
साथ ही बता दें कि पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni Defamation Case 100 crores) ने साल 2014 में मानहानि का केस दायर किया था, जिसमें उन्होंने प्रतिवादियों से 100 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा था। उनका आरोप है कि एक टीवी डिबेट में उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए गए थे।
11 साल बाद एक्शन में हाईकोर्ट
अब इस केस पर 11 साल बाद मद्रास हाई कोर्ट ने एक्शन लिया। बता दें कि जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने एक एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त किया है, जो धोनी (MS Dhoni) की ओर से सबूत दर्ज करेंगे। दो बार के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान धोनी कोर्ट मेंे पेश नहीं होंगे, क्योंकि उनके आने से भीड़-भाढ़ वाली स्थिति पैदा हो सकती है।
सीनियर काउंसिल पी.आर. रमन ने धोनी की ओर से एक हलफनामा पेश किया, जिसमें उन्होंने एक दशक से लंबित इस ट्रायल को शुरू करने की मांग की। हलफनामे में धोनी ने कहा,
"ये रिक्वेस्ट इस मंशा से की गई है कि मामले के निपटारे में और कोई देरी न हो और निष्पक्ष, न्यायपूर्ण और त्वरित सुनवाई हो सके। मैं एडवोकेट कमिश्नर के साथ पूरा सहयोग करूंगा और इस माननीय न्यायालय द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करूंगा।"
बता दें कि धोनी ने अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन वे आईपीएल में सीएसके के लिए खेल रहे हैं।