चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने बुधवार को दिल्ली-NCR की सड़कों से आवारा कुत्तों पर लगे प्रतिबंध पर फिर से विचार करने आश्वासन दिया। CJI ने कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की।
संगठन की सचिव ननीता शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में मामले में सुनवाई के लिए जल्द तारीख तय करने की मांग की थी। CJI ने जब मामले की सुनवाई पहले होने की बात कही तो, याचिकाकर्ता ने 2024 में जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि कुत्तों की बेहिसाब हत्या नहीं हो सकती।
इससे पहले SC ने 11 अगस्त को डॉग बाइट्स और रेबीज के मामलों को देखते हुए सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
ननीता शर्मा (याचिकाकर्ता): माई लॉर्ड, हमारी याचिका तुरंत लिस्ट होनी चाहिए। यह दिल्ली में आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण से जुड़ा मामला है।
CJI बीआर गवई: इस पर तो दूसरी बेंच आदेश दे चुकी है।
ननीता शर्मा: यही समस्या है माई लॉर्ड। 11 अगस्त को जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने कुत्तों को शेल्टर भेजने का आदेश दिया, जबकि मई 2024 में जस्टिस माहेश्वरी की बेंच ने कहा था कि अंधाधुंध हत्या नहीं हो सकती और दया दिखाना संवैधानिक मूल्य है।
CJI गवई: समझ गया… मैं देखूंगा।
सुप्रीम कोर्ट ने खुद नोटिस लेते हुए 2 बार सुनवाई की
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के नगर निकायों को निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर नसबंदी करें और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखें। इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया। कहा कि किसी भी तरह की रुकावट से कानूनी कार्रवाई हो सकती है। कोर्ट ने कुत्तों के हमले और रेबीज के खतरे से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा है।
28 जुलाई:सुप्रीम कोर्ट ने देश में आवारा कुत्तों के हमलों के कारण रेबीज से होने वाली मौतों की घटनाओं पर खुद नोटिस लिया था। कोर्ट ने इसे बेहद चिंताजनक और डराने वाला बताया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में सरकार के उस आंकड़े पर संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया था कि 2024 में 37 लाख से ज्यादा डॉग बाइट्स के मामले आए। इसके अलावा 54 लोगों की मौत रेबीज से हुईं। ये जानकारी 22 जुलाई को पशुपालन राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने लोकसभा में दिल्ली में छह साल की बच्ची छवि शर्मा की मौत से जुड़े सवाल पर दी थी। बच्ची को 30 जून को एक कुत्ते ने काट लिया था। इलाज के बावजूद उसकी मौत हो गई थी।
राहुल और प्रियंका न कहा था- बेजुबान पशु कोई 'समस्या' नहीं हैं
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंगलवार को प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि ये दशकों से चली आ रही मानवीय और साइंटिफिक पॉलिसी से पीछे ले जाने वाला कदम है। ये बेजुबान पशु कोई 'समस्या' नहीं हैं, जिन्हें हटाया जाए।
प्रियंका गांधी ने कहा कि कुत्ते सबसे सुंदर और कोमल प्राणी होते हैं, वे इस तरह की क्रूरता के लायक नहीं हैं। आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में शेल्टर होम भेजने का फैसला उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार होगा। उन्हें रखने के लिए जरूरी शेल्टर होम भी नहीं हैं। शहर में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार और क्रूरता होती है। निश्चित रूप से इस स्थिति से निपटने का एक बेहतर और एक मानवीय तरीका खोजा जा सकता है जिससे इन मासूम जानवरों की देखभाल की जा सके और उन्हें सुरक्षित भी रखा जा सके।
मेनका गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाया सवाल मेनका गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर सवाल उठाए हैं। मेनका ने भी सोमवार को कहा था, 'दिल्ली में तीन लाख आवारा कुत्ते हैं। उन सभी को पकड़कर शेल्टर होम भिजवाया जाएगा। उनको सड़कों से हटाने के लिए दिल्ली सरकार को 1 हजार या 2 हजार शेल्टर होम बनाने होंगे। क्योंकि ज्यादा कुत्तों को एक साथ नहीं रखा जा सकता।'
देश में मणिपुर, दुनिया में नीदरलैंड्स में आवारा कुत्ते नहीं 2019 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में ओडिशा में सबसे अधिक 1000 लोगों पर 39.7 कुत्ते हैं। वहीं, लक्षद्वीप-मणिपुर में कोई कुत्ते नहीं। जबकि दुनिया में नीदरलैंड्स ऐसा देश है जहां आवारा कुत्ते नहीं हैं।