मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर उत्साह

नटवर नागर के 5252वें जन्मोत्सव का उत्साह है। शनिवार रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर कंस के कारागार में लाला का प्राकट्य होगा। जन्मस्थान भी अद्भुत रंगों से सजा है। जन्मोत्सव पर ठाकुरजी मेघधनु (इंद्रधनुषी रंग की) पोशाक धारण करेंगे। सीएम योगी मथुरा में आए हैं।

इसमें नाम के अनुरूप इंद्रधनुष के सात रंगों का प्रयोग रेशम, जरी, रत्नों के रूप में किया गया है। कंस की कारा (गर्भगृह) को 221 किलो चांदी की परत से सजाया जाएगा। गर्भ गृह में पुष्प बंगला बनेगा। मां योगमाया मंदिर में सिंहासन, अस्त्र-शस्त्र, पादुकाएं लगभग 51 किलोग्राम चांदी से तैयार कराई गई हैं। भगवान श्रीकृष्ण सिंदूर पुष्प बंगला में विराजमान होंगे। जन्मोत्सव पर आपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई देगी।

मथुरा पहुंचे सीएम योगी

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मथुरा पहुंचे। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कान्हा के दर्शन करने पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को हेलीकाप्टर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां से वे जन्मस्थान पहुंचे। जन्मस्थान पर उन्होंने सभी को कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई दी। सीएम ने भारत माता की जय का नारा लगाया और राधे राधे का नाम लिया। जन्मस्थान में सीएम योगी ने गर्भ गृह में ठाकुरजी के दर्शन किए। इसके बाद योगमाया, केशव देव महाराज का पूजन किया। भागवत भवन युगल सरकार के दर्शन किए।


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बांके बिहारी मंदिर न्यास विधेयक विधानसभा में पेश

 विधानमंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में बुधवार को श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक-2025 पेश किया गया। यह विधेयक 26 मई को जारी हुए उप्र श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश का प्रतिस्थानी है।

इसके तहत न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा के अनुसार मंदिर के रीति-रिवाज के आधार पर किया जाना है। विधेयक में स्पष्ट है कि मंदिर के चढ़ावे, दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा।

इसमें मंदिर में स्थापित मूर्तियां, मंदिर परिसर और सीमा के भीतर देवताओं के लिए दी गई भेंट/उपहार, किसी भी पूजा-सेवा-कर्मकांड-समारोह-धार्मिक अनुष्ठान के समर्थन में दी गई संपत्ति, नकद या वस्तु, मंदिर परिसर के उपयोग के लिए डाक/तार से भेजे गए बैंक ड्राफ्ट और चेक तक शामिल हैं।

मंदिर की संपत्तियों में आभूषण, अनुदान, योगदान, हुंडी संग्रह सहित श्री बांके बिहारी जी मंदिर की सभी चल एवं अचल संपत्तियां शामिल मानी जाएंगी।

विधानसभा में इस विधेयक को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रखा। विधेयक में स्पष्ट है कि न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। स्वामी हरिदास के समय से चली आ रही रीति-रिवाज, त्योहार, समारोह और अनुष्ठान बिना किसी हस्तक्षेप या परिवर्तन के जारी रहेंगे।

यह न्यास दर्शन का समय भी तय करेगा। पुजारियों की नियुक्ति करेगा और वेतन व भत्ते आदि निर्धारित करेगा। भक्तों और आगंतुकों की सुरक्षा तथा मंदिर के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इसी न्यास की होगी।

न्यास मंदिर का सर्वांगीण विकास व समुचित प्रबंधन करेगा। इसके गठन के बाद श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें प्रसाद वितरण, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अलग दर्शन मार्ग, पेयजल, विश्राम के लिए बेंच, पहुंच एवं कतार प्रबंधन कियोस्क, गोशालाएं, अन्नक्षेत्र, रसोईघर, होटल, सराय, प्रदर्शनी कक्ष, भोजनालय और प्रतीक्षालय जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।

न्यास में 11 मनोनीत व सात पदेन होंगे सदस्य

न्यास में 11 मनोनीत और सात पदेन सदस्य होंगे। मनोनीत सदस्यों में वैष्णव परंपराओं, संप्रदायों/पीठों से तीन प्रतिष्ठित सदस्य जिनमें साधु-संत, मुनि, गुरु, विद्वान, मठाधीश, महंत, आचार्य, स्वामी शामिल हो सकते हैं।

सनातन धर्म की परंपराओं, संप्रदायों/पीठों से तीन सदस्य, सनातन धर्म की किसी भी शाखा/संप्रदाय से तीन सदस्य (प्रतिष्ठित व्यक्ति/शिक्षाविद/विद्धान/उद्यमी/वृत्तिक/समाजसेवी), मंदिर में सेवारत गोस्वामी परंपरा से दो सदस्य जो स्वामी हरिदास जी के वंशज हों। इनमें एक राज-भोग सेवायतों व दूसरा शयन-भोग सेवायतों का प्रतिनिधित्व करेगा।

मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। पदेन सदस्यों में मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ, बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ, धर्मार्थ कार्य विभाग का अधिकारी और राज्य सरकार का नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे।

हर तीन महीने में होगी बैठक

न्यास की बैठक हर तीन महीने में अनिवार्य होगी। आयोजन से 15 दिन पहले नोटिस देना होगा। बोर्ड/सदस्य सद्भावना-पूर्वक किए गए कार्यों के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराए जाएंगे। न्यास को ₹20 लाख तक की चल/अचल संपत्ति स्वयं खरीदने का अधिकार होगा। इससे अधिक के लिए सरकार की स्वीकृति आवश्यक होगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एडीएम स्तर के अधिकारी होंगे।


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राजकुमार राव ने जालंधर कोर्ट में किया सरेंडर, HC ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अभिनेता राजकुमार राव के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब पुलिस से जालंधर पुलिस आयुक्त के शपथपत्र के माध्यम से जांच की स्थिति रिपोर्ट मांगी है।

यह मामला वर्ष 2017 की फिल्म "बहन होगी तेरी" के प्रचार के दौरान एक विवादास्पद पोस्टर से जुड़ा है, जिसमें राजकुमार राव भगवान शिव के रूप में मोटरसाइकिल पर बैठे नजर आए थे।

गैर-जमानती वारंट भी किया गया जारी

इस मामले में धारा 295ए (धार्मिक भावनाएं भड़काने की मंशा से किया गया कृत्य), धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके चलते अभिनेता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए थे।

हाल ही में राजकुमार राव ने जालंधर की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया, जहां उन्हें जमानत दे दी गई। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर रद्द करने की मांग की।

याचिका में कहा गया है कि धारा 295ए के तहत कार्रवाई के लिए ‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण मंशा’ जरूरी होती है, जो इस मामले में कहीं से भी प्रमाणित नहीं होती।

'अभिनेता महज एक फिल्मी किरदार'

याचिका में आगे कहा गया है कि अभिनेता ने महज एक फिल्मी किरदार निभाया, जिसमें उनका पात्र एक जागरण मंडली में भगवान शिव की भूमिका निभाता है, और यह पूरी तरह एक कलात्मक प्रस्तुति है। इसके पीछे किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोई मंशा नहीं थी।

राजकुमार राव की ओर से दलील दी गई कि फिल्म "बहन होगी तेरी" को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सर्टिफिकेट मिला था, जो यह दर्शाता है कि फिल्म की सामग्री कानूनी रूप से आपत्तिजनक नहीं है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित है।

न्यायमूर्ति एनएस शेखावत ने मामले में नोटिस जारी करते हुए कहा, "स्टेटस रिपोर्ट जालंधर पुलिस आयुक्त द्वारा शपथपत्र के माध्यम से अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत की जाए।"मामले की अगली सुनवाई अब 8 अगस्त 2025 को होगी।



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अमरनाथ यात्रा के बीच श्रीनगर में मुठभेड़, सेना ने चलाया 'ऑपरेशन महादेव'

अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान श्रीनगर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की सूचना है। सेना के जवानों ने आतंकियों को मार गिराने के लिए 'ऑपरेशन महादेव' चलाया है।

पहले तीन आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिल रही थी, अब सूचना है कि सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

सेना के मुताबिक, सोमवार को श्रीनगर के हरवान के लिडवास इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।

भारतीय सेना की चिनार कोर द्वारा एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट में जानकारी दी गई है कि लिडवास इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है और अभी ऑपरेशन जारी है।

इस बीच अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने महादेव के पास मुलनार के वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया है। जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध स्थान के पास पहुंचे, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चल रहे अभियान की निगरानी के लिए मौके पर पहुंच गए हैं।प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन से जुड़े आतंकवादियों का एक समूह इलाके में फंसा हुआ है। अभियान जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार है।


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भूस्खलन से पैदल मार्ग बन्द, केदारनाथ यात्रा रोकी

गौरीकुण्ड में पहाड़ी के दरकने से मलबा-पत्थर आने पर पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित‌ हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत मार्ग के खुलने तक यात्रियों की आवाजाही पूर्ण रूप से की गई है बन्द कर दी गई है।

गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के पास भूस्खलन के कारण केदारनाथ से गौरीकुंड की ओर जाने वाले कुछ तीर्थयात्री फंस गए हैं। जिन्हें एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित निकाला जा रहा है।

देर रात्रि करीब 03:30 बजे गौरीकुण्ड के समीप श्री केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर पहाड़ी दरकने से पैदल मार्ग बाधित हो गया है। सम्बन्धित कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग के स्तर से मार्ग को खोले जाने की कार्यवाही चल रही है।

यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टिगत फिलहाल पैदल आवाजाही पूर्णतया बन्द की गई है। प्रशासन व‌ पुलिस ने यात्रियों से अपील है कि मौसम पूर्वानुमान के अनुरूप ही यात्रा करें।


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जम्मू-कश्मीर के सात जिलों में स्कूल बंद, बारिश और भूस्खलन से हाहाकार, अमरनाथ यात्रियों की भी बढ़ी मुश्किल

जम्मू संभाग में बुधवार सुबह तक जारी रही वर्षा कई जगह जिंदगी पर भारी पड़ गई। रियासी जिला के माहौर में एक शिव गुफा के पास हुए भूस्खलन की चपेट में आने से टेंट में सो रहे दो युवकों की मौत हो गई।

वहीं, रामबन जिला में पहाड़ से मलबा व पत्थर आ जाने से जम्मू-श्रीनगर हाईवे करीब दो घंटे बंद रहा। इस दौरान अन्य वाहनों के साथ जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा पर निकला श्रद्धालुओं का जत्था भी रुक गया। हाईवे से मलबा हटाने के बाद वाहनों को रवाना कर दिया गया।

वैष्णो देवी पर भूस्खलन

इस बीच, राजौरी में एक नाले के तेज बहाव में बच्चा फंस गया। तीन घंटे चले बचाव अभियान के दौरान सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। कटड़ा में दो दिन पहले माता वैष्णो देवी के यात्रा मार्ग पर बाणगंगा क्षेत्र में हुए भूस्खलन के बाद रास्ता खोलने का काम जारी रहा।

श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग व नये ताराकोट मार्ग से भवन की ओर भेजा जा रहा है। कठुआ जिला में भी पहाड़ों पर भारी वर्षा से सेवा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिसके चलते डैम के गेट खोल दिए गए।

चिनाब, तवी और सांबा में बसंतर नदी भी उफान पर हैं। बसंतर में फंसे दो लोगों को बाया गया। वहीं ऊधमपुर के मोंगरी में भूस्खलन होने से गांव में 10 घर खाली करवा लिए गए हैं।

वहीं माहौर के बडोरा में शिव गुफा में बुधवार को धार्मिक कार्यक्रम होना था। इसके लिए की जा रही तैयारी में जेसीबी आपरेटर रशपाल सिंह निवासी चसाना (रियासी) और रवि निवासी चिनैनी भी शामिल हुए थे। मंगलवार रात को अपना काम करने के बाद दोनों टेंट में सो गए। इसी बीच, पहाड़ी से भूस्खलन हुआ और दोनों युवकों की मौत हो गई।

रियासी में भूस्खलन की घटना दुखद है। दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।

सात जिलों में बंद रहे स्कूल

रामबन, राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, सांबा व जम्मू में नदी-नालों के किनारे स्थित कई स्कूल बुधवार को बंद रहे। रामबन व राजौरी में कई स्कूल गुरुवार भी बंद रहें।



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सीएम योगी ने मानसरोवर मंदिर में किया रुद्राभिषेक, लोक मंगल की कामना की

सावन शिवरात्रि (बुधवार) को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

प्राचीन मानसरोवर मंदिर में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प, दुर्वा, अनेकानेक पूजन सामग्री अर्पित करने कर बाद जल, गोदुग्ध और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक किया।

गोरखनाथ मंदिर के विद्वत पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक कराया। रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती कर अनुष्ठान को पूर्ण किया।

उन्होंने देवाधिदेव महादेव से प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की। इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे


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हरिद्वार में आस्था का सैलाब, अब तक चार करोड़ से ज्‍यादा कांवड़ यात्री गंगाजल लेकर लौटे

कांवड़ मेला अब अपने समापन के पड़ाव पर है। बुधवार जलाभिषेक के चलते मंगलवार को धर्मनगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मुख्य मार्गों से लेकर गंगा तट तक कांवड़ यात्रियों का रैला नजर आया।

बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों से गंगा घाट गुंजायमान रहे। कांवड़ यात्रा के 12 वें दिन 56 लाख श्रद्धालु गंगाजल लेकर लौटे। इनमें मिलाकर अब तक 4.12 करोड़ कांवड़ यात्री गंगाजल लेकर गंतव्य को लौट चुके हैं। जिस रफ्तार से बाइक सवार कांवड़ यात्री पहुंच रहे हैं उससे मेला समाप्ति तक कांवड़ यात्रियों का आंकड़ा पांच करोड़ के करीब पहुंचने का अनुमान है।

मुख्य मार्गों से लेकर गंगा तट तक रेला

मंगलवार को हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के अलावा शहर के अंदरुनी मार्गों से भी डाक कांवड़ यात्री गंतव्यों को जाते दिखे। बीते वर्षों के मुकाबले इस बार बाइक कांवड़ यात्रियों की तादात ज्यादा रही। रोड़ी बेलवाला,अलकनंदा समेत सभी पार्किंग दो पहिया वाहनों से फुल रहे।

पार्किंग के इतर भी बड़ी तादात में दोपहयाि वाहन खड़े दिखे। वाहनों पर लगे पताका संदूरी आभा बिखेर रहे थे। 17 जुलाई को पंचक खत्म होने के बाद धर्मनगरी में शिवभक्तों का जो रेला उमड़ा वह अनवरत है। कांवड़ मेले के पहले सात दिनों में शिवभक्तों का आंकड़ा डेढ़ करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका था।

हालांकि इसके बाद डाक कांवड़ यात्रियों की आमद शुरू हुयी। महज तीन दिनों (18 से 20 जुलाई) में ही आंकड़ा 1.5 करोड़ के अधिक हो गया। प्रशासन को इस बार रेकार्ड पांच करोड़ से अधिक कांवड़ यात्रियों के पहुंचने का अनुमान है।


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अमरनाथ जाने वाले यात्रियों की बढ़ी मुश्किल, रामबन में भारी बारिश से हाईवे बंद

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय मानसून सक्रिय होने से रामबन में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने बुधवार सुबह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया।

सेरी, कैनोपी टनल में बरसात के पानी के साथ बह कर आये मलबे व पत्थरों ने हाईवे को बाधित कर दिया। जिससे जम्मू श्रीनगर हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है। हाईवे बंद होने से अमरनाथ यात्रा भी प्रभावित हुई है।

पहलगाम से जम्मू लौट रहे श्रद्धालुओं का काफिला केला मोड़ टनल स्लाइड के कारण रोक दिया गया है, जबकि बालटाल मार्ग वाले श्रद्धालुओं का काफिला श्रीनगर से बनिहाल की बढ़ रहा है।

भारी बारिश से भूस्खलन जैसे हालात

बुधवार को भारी वर्षा के चलते सुबह 10.30 बजे के करीब रामबन जिला के कई संवेदनशील स्थलों पर भू-स्खलन की स्थिति बन गई, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद करना पड़ा।

इस मार्ग पर लगातार बरसात के कारण सेरी के पास बहने वाले नाले से मिट्टी, बजरी व भारी मात्रा में मलबा बह कर हाईवे पर आ गया। इसके चलते हाईवे की एक ट्यूब पर कीचड़ और मलबा जमा हो गया, जिससे वह हिस्सा पूरी तरह से बंद हो गया।

कैनोपी टनल पर जमा हुई मिट्टी

इससे अलावा कैनोपी टनल के ऊपर की पहाड़ी से बरसाती पानी झरने की शक्ल में गिरने लगा। पानी के साथ भारी मात्रा में पत्थर और मिट्टी भी बह कर टनल के मुहाने पर जमा होने लगे।

कई वाहन भी कैनोपी टनल में फंस गए हैं। इसी तरह केला मोड़ स्थित टी-2 टनल के भीतर भी लगातार बरसात का पानी बह रहा है। यह नजारा कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे टनल के अंदर कोई छोटा नाला बह रहा हो।

साढ़े दस बजे बंद किया हाईवे

टीसीयू रामबन के मुताबिक, उक्त परिस्थितियों के चलते जम्मू श्रीनगर हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए सुबह 10.30 बजे से बंद हो गया है। दोनों तरफ रास्ते में बड़ी संख्या में वाहन फंसे है। यातायात बहाल करने के लिए मलबा हटाने का काम जारी है।

टीसीयू रामबन के मुताबिक हाईबे बाधित होने का असर अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा है। पहलगाम से जम्मू की ओर लौट रहे श्रद्धालुओं का काफिला केला मोड़ टनल स्लाइड के चलते अस्थाई रूप से रोक दिया गया है, जबकि बालटाल मार्ग से यात्रा काफिला श्रीनगर से बनिहाल की ओर बढ़ रहा है।

टीसीयू के अनुसार जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहे पहलगाम और बालटाल मार्ग वाले दोनों जत्थे हाईवे बंद होने से काफी समय पहले बनिहाल स्थित नवयुगा सुरंग पार कर जा चुके थे।



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यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग के होटलों-ढाबों पर QR कोड होना जरूरी, योगी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद खाने की दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने को लेकर योगी सरकार द्वारा जारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई है। मंगलवार को संबंधित मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग के सभी होटलों पर उनके लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य जरूरी कागजात लगाए जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कांवड़ यात्रा मार्ग पर समेत अन्य सभी होटलों पर वैधानिक रूप से जरूरी उनके लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य कागजातों को प्रदर्शित किया जाए। 

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि मंगलवार को कांवड़ यात्रा का अंतिम दिन होने के कारण होटल या ढाबा मालिक का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करने जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई। शीर्ष अदालत शिक्षाविद अपूर्वानंद झा और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है, जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है, जिससे वही भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग हो रही है, जिस पर पहले इस अदालत ने रोक लगा दी थी।

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का निर्देश के अनुसार स्टॉल मालिकों को "कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं" के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान प्रकट करने के लिए कहा गया है जो कि दुकान, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

इस पर कोर्ट ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि आज यात्रा का अंतिम दिन है। बहरहाल, निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना है। इसलिए, इस समय हम केवल यह आदेश पारित कर सकते हैं कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करें।’

गौरतलब है कि बीते साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश की सरकारों के उस निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों पर मालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरणों के नाम लिखे जाएं।



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