मुंबई में लगातार तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में लगातार तीसरे दिन भी तेज बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग ने मुंबई समेत आसपास के जिलो में भारी बरसात का रेड अलर्ट जारी किया है।

पिछले तीन दिन से मुंबई में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालांकि, मुंबई को अभी बारिश से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

सड़कों पर भरा पानी

बारिश की वजह से मुंबई के कई इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे कई किलोमीटर का लंबा ट्रैफिक देखने को मिल रहा है। मुंबई में सड़कें तालाब बन चुकी हैं। खासकर शहर के दो सबसे व्यस्त इलाके अंधेरी सबवे, कुर्ला और लोखंडवाला में भारी मात्रा में पानी भरने के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है।

मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों पर भी बारिश का असर देखने को मिल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, शहर की लोकल ट्रेनें लगभग 15-20 मिनट की देरी से चल रही हैं।

मौसम विभाग ने दी चेतावनी

मौसम विभाग ने मुंबई समेत ठाणे और रायगढ़ के आसपास के इलाकों में तेज से बहुत तेज बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को इन शहरों के कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने रत्नागिरी में भी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही सिंधुदुर्ग में सोमवार और मंगलवार को बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


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जम्मू कश्मीर में बादल फटने से भारी नुकसान

देशभर में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहले हिमाचल के शिमला में बादल फटा और अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने (Kishtwar Cloudburst) से बड़ी तबाही हुई है. इस आपदा में 12 लोगों की मौत हो गई. सभी के शव बरामद कर लिए गए है. बादल फटने की यह घटना जिस जगह पर हुई, वहां लंगर चल रहा था. बादल फटते ही वहां पर पानी तेजी के साथ आया, जिसकी चपेट में वहां मौजूद लोग आ गए. हालांकि यह घटना कैसे हुई ये अब तक पता नहीं चल सका है.रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं. 

गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से बात की

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. अधिकारियों ने बताया कि सुदूरवर्ती चशोती गांव में बादल फटने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई तथा व्यापक क्षति हुई.

शाह ने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य चला रहा है तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. शाह ने ‘एक्स' पर कहा कि किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की. स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है. एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं."

मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए जुटे थे लोग

बादल चशोती में फटा जो मंदिर के मार्ग पर स्थित ऐसा अंतिम गांव है, जहां किसी वाहन से पहुंचा जा सकता है. चशोती में दोपहर 12 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच उस समय बादल फटा जब बड़ी संख्या में लोग मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए एकत्र हुए थे. चशोती से मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है.

प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष और सहायता डेस्क स्थापित किया

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किश्तवाड़ के एक गांव में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद लोगों और तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए गुरुवार को एक नियंत्रण कक्ष एवं सहायता डेस्क स्थापित किया. अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 12 लोग मारे गए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. पद्दार में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो चशोती गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर है, जहां यह आपदा आई.

कंट्रोल रूम बना, हेल्पलाइन नंबर भी जारी

नियंत्रण कक्ष के लिए पांच अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. लोग 9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, और 7006463710 पर संपर्क कर सकते हैं. इनके अलावा, जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 01995-259555 और 9484217492 हैं, तथा किश्तवाड़ के पुलिस नियंत्रण कक्ष का नंबर 9906154100 है.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने वहां सभी बचाव दल पहुंच गए हैं. वे वहां काम कर रहे हैं और जो भी सहयोग और सहायता जरूरी है, वह सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. हम सभी एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं अगर किसी मरीज़ को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना पड़े तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी हेलीकॉप्टर के लिए मौसम अनुकूल नहीं हैं.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना पर चिंता जताई है. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. साथ ही सिविल, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को और तेज़ करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया, "चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज़ करने 

अचानक बादल फटने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मौजूदा हालात को लेकर  स्थानीय डीसी से बात की है. बादल फटने वाली जगह पर एक लंगर चले की वजह से वहां बड़ी संख्या में लोग जमा थे. बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की वजह से 12 लोगों की मौत हो गई.

हालांकि ये अब तक पता नहीं चल सका है कि लोगों की मौत लैंडस्लाइड में दबने की वजह से हुई है या फिर पानी में बहने की वजह से हुई है. केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में पूरी जानकारी स्थानीय डीसी से ली है. आपदा की तस्वीरें डरा देने वाली हैं.

पहले शिमला, अब किश्तवाड़ में बादल फटा

देश के ज्यादातर हिस्सों में  बुधवार देर रात से रुक-रुककर बारिश हो रही है. लगातार बारिश होने की वजह से जगह-जगह बादल फटने की घटनाएं भी हो रही थीं. पहले शिमला में बादल फटा और अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना हो गई.

रस्ता मुश्किल है, वहां तक पहुंचना आसान नहीं 

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि बादल फटने की बड़ी घटना किश्तवाड़ में हुई है. इस घटना को लेकर उन्होंने स्थानीय डीसी से बात की है. उन्होंने बताया कि जहां पर बादल फटा है वहां पर हालात बहुत मुश्किल हैं. वहां तक पहुंचना आसान नहीं था.  लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से जगह-जगह पर रास्ता टूटा हुआ है. मौके पर फंसे अपनों के साथ वहां से निकलने की जुगत में लगे हैं.










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राजधानी दिल्ली में उमस भरी गर्मी से लोगों को मिली राहत,बारिश के कारण सड़को पर भरा पानी सड़कें

 इस साल राजधानी दिल्ली में सावन का महीना तो सावन जैसा रहा ही, भादो में भी बादल खूब बरस रहे हैं। कमोबेश हर रोज ही हल्की से तेज बारिश हो रही है।

दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह से ही तेज बारिश का दौर जारी है। बारिश से विभिन्न इलाकों में सड़कों पर जलभराव होने से वाहनों के पहिए थम गए। इससे सुबह समय से स्कूल-कॉलेज और दफ्तर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

राजधानी में अल सुबह से हो रही बारिश से सदर बाजार हुआ जलभराव। 

मौसम विभाग ने आज बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। पूरे दिन बादल छाए रहने और गर्जन वाले बादल बनने सहित और बारिश होने के आसार हैं। 

सदर बाजार में दुकानों में भी भरा पानी।

वहीं, अधिकतम और न्यूनतम तापमान अभी सामान्य से नीचे या उसके आसपास ही रहेगा। 

तामपान गिरने से उमस भरी गर्मी से लोगों ने राहत की सांस ली है। इसके अलावा आईएमडी ने शुक्रवार यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन भी हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है।

दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के बाहर सड़क पर भरा पानी।

बृहस्पतिवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। बारिश सुबह साढ़े 8 बजे तक 13.1 मिमी रिकॉर्ड की गई है। आयानगर में सर्वाधिक 57.4 और पालम में 49.4 मिमी दर्ज की गई है।

मौसम की मेहरबानी से दिल्ली की हवा साफ

दूसरी तरफ मौसम की मेहरबानी से दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार अच्छी बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक बृहस्पतिवार सुबह साढ़े 9 दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 110 दर्ज किया गया। इसे मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।

एनसीआर के शहरों का एक्यूआई भी कहीं संतोषजनक तो कहीं मध्यम श्रेणी में ही बना हुआ है। बारिश की वजह से हाल फिलहाल इसमें वृद्धि होने की संभावना भी नहीं लग रही।


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हिमाचल प्रदेश में बाढ़ ने पुल से पेट्रोल पंप तक सब कुछ नष्ट कर दिया

हिमाचल में इस समय बाढ़ और बारिश से हालात खराब हैं। गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में अचानक आई बाढ़ के बाद सेना ने एक घायल सहित चार लोगों को बचाया।

बुधवार शाम को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ ने किन्नौर जिले में ऋषि डोगरी घाटी के ऊंचे इलाकों को प्रभावित किया और सतलुज नदी पर बना पुल जलमग्न हो गया। सेना ने बताया कि यह स्थल सीपीडब्ल्यूडी के तहत गंगथांग बरलम की ओर एक सक्रिय सड़क निर्माण क्षेत्र था।

एचडीआर टुकड़ी को किया गया तैनात

किन्नौर के पुलिस अधीक्षक से तत्काल अनुरोध प्राप्त होने पर, सेना ने तुरंत मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) की एक टुकड़ी को तैनात किया। बयान में कहा गया है कि अंधेरे, तेज़ धाराओं और अस्थिर इलाके का सामना करते हुए, टीम उस स्थान पर पहुंची और नदी के दूर किनारे पर फंसे चार नागरिकों को पाया।

वहीं, बाढ़ का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के लिए सड़क बना रही एक निर्माण कंपनी का पूरा कैंप जलमग्न हो गया। कंपनी के कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए तुरंत वहां से भागना पड़ा।

सेना ने घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सटीकता से काम करते हुए, एचएडीआर टीम ने रात्रिकालीन बचाव कार्यों में सहायता के लिए सामान्य क्षेत्र को रोशन किया और फंसे हुए नागरिकों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। टीम ने घायल व्यक्ति को भी निकाला और उसे रिकांगपियो के क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया।

सेना ने कहा कि लॉजिस्टिक्स ड्रोन हाई एल्टीट्यूड (एलडीएचए) प्रणाली सहित नई पीढ़ी के उपकरणों का उपयोग बाढ़ के पानी में खाद्य सामग्री और नारियल पानी जैसी आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए किया गया ताकि फंसे हुए लोगों को रात भर जीवित रहने में मदद मिल सके।


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शिमला में आफत की बारिश, छह लोग मलबे की चपेट में आए, पेड़ गिरने से चकनाचूर हुई गाड़ियां

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी वर्षा के कारण कई जगह पर पेड़ गिरने से घरों व गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा भूस्खलन से भी शहर में भारी नुकसान हुआ है। शिमला में जोधा निवास के समीप पेड़ गिरने से कई गाड़ियां चपेट में आ गईं। पेड़ गिरने के कारण गाड़ियां चकनाचूर हो गई हैं। वहीं, अस्थायी घर (ढारा) गिरने से लोग मलबे की चपेट में आ गए।

टूटीकंडी के समीप पांजडी में करीब आधा दर्जन पेड़ गिरे हैं, इससे कई गाड़ियां चकनाचूर हो गई हैं। इसके अलावा बिजली के खंभे भी पेड़ की जद में आए है। इससे आसपास के क्षेत्रों में बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई। इसके अलावा शिमला के विकासनगर हिमुडा कालोनी में भी एक पेड़ गाड़ियों पर गिरा।

छह लोग मलबे की चपेट में आए

खलीणी के झझीड़ी में सुबह 4:20 पर एक ढारा क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें 6 मजदूर थे। मजदूर मलबे की चपेट में आ गए, लेकिन गनीमत रही कि उन्हें ज्यादा चोट नहीं आई है। स्थानीय लोगों ने टाॅर्च के सहारे नीचे उतरकर मजदूरों का हाल जाना और उन्हें सुरक्षित निकाला। इसके अलावा शहर में रुक रुक कर वर्षा का दौर जारी है।

भारी बारिश जारी, लोग बरतें सावधानी

शिमला में भारी बारिश का दौर जारी है व प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने का भी आग्रह किया गया है। 

वर्षा से परियोजनाओं में गाद से गहराया पेयजल संकट

शिमला जिले में लगातार वर्षा से जलस्त्रोतों में गाद काफी ज्यादा बढ़ गई है। इस कारण शिमला शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं से पंपिंग ज्यादा प्रभावित हो गई है। पानी की आपृर्ति न होने से लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। शहर के कई क्षेत्रों में चार दिन से पानी नहीं आया है। ऐसे में लोगों को खरीद कर खाना बनाने एवं पानी पीने के लिए लाना पड़ रहा है। शिमला जल प्रबंधन निगम के एजीएम विनोद नेगी ने कहा कि भारी बारिश से गिरी और गुम्मा में गाद बढ़ने का खतरा है।


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पश्चिम यूपी में भी आई बाढ़, घरों में घुसा पानी तो लोगों ने छतो पर डाला डेरा

गंगा नदी में आई बाढ का पानी खादर क्षेत्र के गांवों में घुस गया। घरों में पानी भर जाने से सीकरी व सलेमपुर खादर के ग्रामीणों ने छत पर तम्बू तान लिए है। बाढ के पानी के चलते पशुओं की परेशानी बढ गई है। गांव सीकरी में बाढ़ के पानी से हालत बहुत बदतर है।

यहां रहने वाले सिक्ख परिवारों के घरों में पानी भरने से जहा सामान बर्बाद हो गया है वही लोगों के सामने खाने पीने के सामान की दिक्कत आ रही है। जिलाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।

पिछले तीन दिनों से बढे गंगा के जलस्तर के कारण खादर क्षेत्र के सलेमपुर खादर, ढोलनपुर आदि गावों में पानी भरा हुआ है। घरों में पानी भर जाने से लोगों ने छतों के ऊपर तम्बू तानकर रहने का ठिकाना बनाया है। जलस्तर लगातार बढने से ग्रामीणों को भारी दिक्कत उठानी पड रही है।

गुरुवार को जिलाधिकारी के नाव में सवार होकर गांव में पहुंचने पर ग्रामीण गुरदेव सिंह, पंजाब सिंह, सुरेंद्र सिंह चीमा, लखविंदर सिंह प्रधान, मंजूरा सिंह, साहब सिंह आदि ने जिलाधिकारी के समक्ष बाढ़ से बचाव के लिए गंगा के निकट बंदा लगवाने, सीकरी में फंसे परिवारों को रेस्क्यू के जरिए स- कुशल निकलवाने की मांग की। बाढ़ में फंसे परिवारों ने ट्रैक्टर ट्राली व बैलगाडी में सामान भरकर सुरक्षित ठिकाने की तलाश शुरु कर दी है।

सीकरी गांव में बाढ़ में फंसे हैं दर्जनों परिवार

खादर क्षेत्र में स्थित ग्राम सीकरी में अधिकांश सिक्ख समुदाय के लोग अपने खेतों पर घर बनाकर रहते है। गंगा नदी में आई बाढ़ में सूबा सिंह, अशोक चौधरी, सिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, बाज सिंह, निशांत सिंह सहित 85 परिवार बाढ़ के पानी में फंसकर रह गये है। पानी कई लोगों के मकानों की छत तक पहुंचने लगा है जिससे छत पर डेरा जमाये बैठे पीड़ितों की चिंता बढ गई है। एनडीआरएफ की टीम ने अभियान चलाकर बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरु किया गया है।


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उत्तराखंड में हर ओर बारिश का कहर, अब रुद्रपुर में बाढ़ से आफत

पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में दो दिन से लगातार हो रही बारिश से कल्याणी नदी ने विकराल रूप ले लिया। इससे कल्याणी नदी उफना गई। आसपास बसे जगतपुरा, आजादनगर, भूतबंग्ला क्षेत्र में बाढ़ आ गई। जिससे बाढ़ का पानी घरों में घुस गया।

बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए लोगों ने घरों की छतों पर जागकर रात बिताई। सुबह होते होते इन क्षेत्रों में 5 फीट तक बाढ़ का पानी जमा हो गया।

बुधवार सुबह पांच बजे कल्याणी नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे नदी उफान पर आ गई। जगतपुरा काली मंदिर, मुखर्जीनगर, वार्ड 39, आजादनगर, वार्ड 17, भूतबंग्ला समेत कई मोहल्लों में जलभराव हो गया। इससे मोहल्लेवासियों में हड़कंप मच गया और लोग घरों का सामान निकालने लगे।

वहीं, कल्याणी नदी के उफनाने से बाढ़ आने की सूचना पर तत्काल ही एसडीएम मनीष बिष्ट, नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल, तहसीलदार दिनेश कुटौला, पुलिस, राजस्व व एसडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और रेस्क्यू अभियान चलाया।

जगतपुरा वार्ड 39 के 100, भूतबंग्ला में 50 व आजादनगर में 50 परिवार प्रभावित इनमें, टीमों ने जगतपुरा के प्रभावित परिवारों के 160 लोगों को नजदीकी बालिका विद्या मंदिर व कन्या जूनियर हाईस्कूल, आजादनगर के 50 लोगों को ओम पब्लिक स्कूल में ठहराया है।

घरों में करीब तीन से चार फीट तक बाढ़ का पानी घुसने से घरों में रखा अनाज, फर्नीचर आदि समान भी भीग गया है। इससे लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। एसडीएम ने बाढ़ राहत कैम्पों का निरीक्षण कर वहां ठहराए गए पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है।

इधर, महापौर विकास शर्मा व ट्रांजिट कैम्प थाने के निरीक्षक महेश चंद्र पांडेय के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित मोहल्लों का निरीक्षण किया।

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द ओवल में तीसरे दिन कैसा रहेगा मौसम का हाल

 इंग्लैंड और भारत के बीच पांचवें और आखिरी टेस्ट के तीसरे दिन का मंच तैयार है। भारत ने दूसरे दिन गेंद से शानदार प्रदर्शन किया। पहली पारी में 224 रन बनाने के बाद इंग्लैंड की बल्ले से अच्छी शुरुआत के बाद टीम इंडिया मुश्किल में दिख रही थी। सिराज और कृष्णा ने 247 के स्कोर पर इंग्लैंड को समेट दिया।

प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज ने चार-चार विकेट लिए। इसके अलावा दूसरे दिन के खेल के अंत तक भारत ने मेजबान टीम के खिलाफ बढ़त हासिल की ली थी। तीसरा दिन भारतीय टीम के लिए एक अहम दिन साबित हो सकता है।

कैसा रहेगा द ओवल का मौसम

तीसरे दिन के करीब आते ही कई लोग सोच रहे होंगे कि उस दिन आसमान कैसा रहेगा? क्या बारिश ओवल में खेल में खलल डालेगी और खेल को रोक देगी? आइए जानते हैं इन सारे सवालों के जवाब। बता दें कि फैंस के लिए अच्छी खबर है।

बारिश की संभावना जीरो

लंदन में पिछले दो दिन मौसम ने खेल में खलल डाला है। वहीं, तीसरा दिन फैंस के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। क्योंकि, एक्यूवेदर के अनुसार, तीसरे दिन बारिश की संभावना शून्य प्रतिशत है। सुबह धूप खिली रहेगी। दोपहर में कुछ बादल छाए रहेंगे और खेल के तीसरे सेशन के दौरान एक बार फिर धूप निकलने की उम्मीद है।

भारत बनाना चाहेगा बड़ा स्कोर

गौरतलब है कि मैच के दूसरे दिन यशस्वी जायसवाल 49 गेंद में नाबाद 51 रन बनाकर क्रीज पर जमे हुए थे और टीम का स्कोर 75/2 था। तीसरे दिन उन्हें अपने मध्यक्रम के बल्लेबाजों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 52 रन की बढ़त हासिल कर ली है। अब भारत का लक्ष्य अपनी बढ़त को मजबूत करना होगा।


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दिल्ली-NCR में बारिश बनी आफत, बेसमेंट पार्किंग में खड़ी गाड़ियां डूबीं, जलभराव और जाम ने बढ़ाई टेंशन

 दिल्ली-एनसीआर में आज (गुरुवार) सुबह से बारिश हो रही है। जहां बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई तो वहीं तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, बारिश ने सुबह ऑफिस जाने वालों की टेंशन भी बढ़ा दी है।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग शहरों में तेज बारिश होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि कई जगहों पर जलभराव हो गया तो कई मार्गों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। हाईवे पर जाम लगने से लोगों को ऑफिस पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही है।

पार्किंग में खड़ी गाड़ियां पानी में डूबीं

ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक इकोविलेज-1 सोसायटी की बेसमेंट पार्किंग में बुधवार देर हुई तेज वर्षा से कई फीट तक पानी भर गया है। इस वजह से पार्किंग में खड़ी सैकडों गाडियां डूब गई हैं।

वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित शाहबेरी में तेज बारिश के बाद जलभराव हुआ है। जलभराव होने से लोगों को दिक्कत हो रही है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में वर्षा के बाद शाहबेरी के पास सड़क भी धंस गई है।

गुरुग्राम में रिमझिम वर्षा से मौसम हुआ सुहाना

गुरुग्राम में बुधवार देर रात से शुरू हुई रिमझिम वर्षा गुरुवार सुबह तक जारी रही, जिससे पूरे जिले का मौसम खुशनुमा हो गया। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम तहसील में 17 एमएम वर्षा दर्ज की गई है।

वहीं, लगातार होती हल्की बारिश के कारण शहर के कई निचले इलाकों में हल्का जलभराव देखने को मिला, हालांकि, लोगों ने गर्मी और उमस से राहत की सांस ली।

बताया गया कि आज सुबह से आसमान में घने बादल छाए रहे और हल्की फुहारों के साथ ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई और मौसम सुहाना बना रहा।

सड़कों पर हुआ जलभराव

उधर, गुरुग्राम के सेक्टर-10ए की सड़कों पर जलभराव हुआ है। जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विभिन्न तहसीलों में हुई वर्षा का आंकड़ा (एमएम)

गुरुग्राम: 17 

कादीपुर (उप-तहसील): 11 

हरसरू (उप-तहसील): 11 

वजीराबाद: 19 

बादशाहपुर (उप-तहसील): 2 

सोहना: 38  (जिले में सर्वाधिक)

मानेसर: 24 

पटौदी: 10 

फरुखनगर: 5 

मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 24 घंटों के दौरान भी इसी तरह की रिमझिम वर्षा की संभावना बनी हुई है।


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हिमाचल में बादल फटा, घरों में घुसा मलबा

देशभर में बारिश के कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। एमपी में भोपाल 34 जिलों में भारी बारिश हो रही है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में सोमवार देर रात बादल फटा। अब तक 3 लोगों की मौत हो गई और 2 लापता हैं। 15 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। चंडीगढ़-मनाली और मंडी-जोगेंद्रनगर फोरलेन बंद हो गया है। भूस्खलन और पानी के तेज बहाव से कई घरों में मलबा घुस गया।

राजस्थान में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, पाली और सिरोही में घरों तक में पानी घुस गया है। टोंक-चित्तौड़गढ़ में बारिश से हुए हादसों में दो लोगों की मौत हो गई।

भीलवाड़ा के बिजौलिया इलाके में सड़कों पर नाव चल रही है। बाढ़ में फंसे लोगों को SDRF की टीम रेस्क्यू कर रही है। आज राज्य के 27 जिलों में बारिश का अलर्ट है। इसके चलते 15 जिलों में स्कूलों की छुट्टी कर दी है।


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