दिल्ली समेत देशभर में अब प्रदूषण से जंग होगी सख्त, बदले जाएंगे AQI के मानक

एनसीआर सहित देश भर में वायु प्रदूषण से जंग और सख्त हो सकती है। पहली बार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मानक बदलने की दिशा में काम हो रहा है। कुछ पुराने मानक हटाए जा सकते हैं और कुछ नई शुरुआत भी होने के संकेत हैं। एक्यूआई की गणना मई 2015 से हुई थी। तब से देश भर में वही मानक चले आ रहे हैं।

इसके मुताबिक, पीएम 2.5 और पीएम 10 सहित एक्यूआइ की गणना आठ मानकों के आधार पर की जा रही है। अन्य छह मानकों में कार्बन मोनोक्साइड (सीओ), नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ2), सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2), लेड व अमोनिया शामिल हैं। पर्यावरणविदों के मुताबिक, बदलते परिवेश में इन आठ में से कई मानक बहुत प्रासंगिक नहीं रह गए हैं।

लेड की नियमित ऑनलाइन निगरानी संभव नहीं है। एसओ2 और अमोनिया का स्तर कभी सामान्य से ज्यादा दर्ज नहीं होता। ऐसे ही पीएम 10 के उत्सर्जन स्रोत भी मानव जनित नहीं, बल्कि प्राकृतिक बताए जा रहे हैं, इसलिए इस पर अधिक काम करने की जरूरत नहीं है।

अप्रासंगिक मानकों की सांद्रता के अनुपात से एक्यूआई और वायु प्रदूषण का सही स्तर भी सामने नहीं आ पाता। विशेषज्ञों के अनुसार, पीएम 2.5 के महीन कण तो अहम हैं ही, पीएम 1 के अत्यंत महीन कण की निगरानी करना भी बहुत जरूरी हो गया है। इसलिए नए मानकों में पीएम 10 भी हटाया जा सकता है और इसकी जगह पीएम 1 शामिल हो सकता है।

सीपीसीबी सूत्रों ने बताया कि एक्यूआई मानकों में बदलाव करने से आईआईटी कानपुर से इस संदर्भ में एक शोध रिपोर्ट भी तैयार कराई गई है। रिपोर्ट को आधार बनाकर नए मानक फाइनल होंगे। सूत्र बताते हैं कि इस बदलाव को लेकर केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में उच्च स्तर पर विमर्श जारी है। जल्द ही इन्हें अंतिम रूप देकर अधिसूचित किए जाने के संकेत हैं।