एम्यूजमेंट पार्क, फिल्म इंस्टीट्यूट व स्टूडियो बनेंगे

ग्रेटर नोएडा, (वेबवार्ता)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में विकसित होने वाली फिल्म सिटी के पहले चरण का प्रस्ताव प्रदेश कैबिनेट को भेज दिया गया है। 376 एकड़ में विकसित होने वाले पहले चरण के लिए विकासकर्ता कंपनी की तलाश करने के लिए 15 मई तक टेंडर निकाले जाएंगे। यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर विकसित की जाएगी।पहले चरण में एम्यूजमेंट पार्क, विला, फिल्म इंस्टीट्यूट, फिल्म स्टूडियो आदि विकसित किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण सेक्टर-21 में एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी विकसित करेगा। इसमें 220 एकड़ जमीन का भू उपयोग व्यावसायिक है। इसकी डीपीआर सीबीआरई कंपनी से बनवाई गई है। डीपीआर शासन को भेजी गई थी। शासन के दिशा-निर्देश में आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीपीआर में फिल्म सिटी को तीन चरणों में विकसित करने का सुझाव दिया गया है। यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की तैयारी है। इसमें जमीन प्राधिकरण देगा और पैसा कंपनी लगाएगी। डीपीआर के अध्ययन के बाद इस बात पर मुहर लग गई है कि फिल्म सिटी तीन चरणों में विकसित की जाएगी। पहला चरण 376 एकड़, दूसरा चरण 300 एकड़ और तीसरा चरण 324 एकड़ में विकसित किया जाएगा। पहले चरण का प्रस्ताव प्रदेश कैबिनेट को भेज दिया गया है। कैबिनेट से पास होने के बाद इसका टेंडर निकाला जाएगा। 15 मई तक टेंडर निकलने की उम्मीद है। परियोजना में 220 एकड़ जमीन व्यावसायिक उपयोग की है। पहले इसका उपयोग प्राधिकरण खुद करने की योजना बनाई थी, लेकिन योजना को सिरे चढ़ाने के लिए विकासकर्ता कंपनी को ही व्यावसायिक जमीन दी जाएगी। इससे परियोजना को पूरा करने में आसानी रहेगी। पहले चरण में एम्यूजमेंट पार्क, विला, फिल्म स्टूडियो, फिल्म इंस्टीट्यूट, होटल, मॉल आदि विकसित किए जाएंगे। पहला चरण 2023-24 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाले जाएंगे। कंपनी ने प्रस्तुतिकरण दिया यमुना प्राधिकरण दफ्तर में बुधवार को डीपीआर बनाने वाली कंपनी सीबीआरई ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। इस प्रजेंटेशन में परियोजना के आर्थिक पक्ष पर चर्चा हुई। मसलन कंपनी को जमीन निशुल्क दी जाएगी। कंपनी से जमीन का मूल्य किस तरह से लिया जाए। कंपनी को कितने वर्ष के लिए परियोजना दी जाए ताकि उसकी लागत निकल आए। प्रजेंटेशन में आर्थिक बिंदुओं पर चर्चा हुई। फिल्म सिटी के पहले चरण को विकसित करने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। 376 एकड़ में विकसित होने वाले पहले फेज के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा। डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण