दिल्ली में गेहूं खरीद के लिए एफसीआई ने नहीं खोला एक भी काउंटर, फिर भी एक अप्रैल से एमएसपी पर खरीदारी करने का कर रहा झूठा दावा- गोपाल राय

दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने एमएसपी पर गेहूं की फसल नहीं खरीदने पर एफसीआई को कटघरे में खड़ा किया है। एफसीआई ने दिल्ली में गेहूं खरीद के लिए अभी तक एक भी काउंटर नहीं खोला है और झूठा दावा कर रहा है कि एक अप्रैल से एमएसपी पर खरीदारी की जा रही है, जबकि हम काउंटर खोलने के लिए एफसीआई को तीन बार चिट्ठी लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फसल की एमएसपी निर्धारित करती है और एफसीआई खरीदारी करती है, लेकिन भाजपा झूठा आरोप लगा रही कि दिल्ली सरकार एमएसपी पर गेहूं नहीं खरीद रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर फसल खरीदने के प्रधानमंत्री के आश्वासन की यही हकीकत है और इसलिए एमएसपी का कानून बनाना बहुत जरूरी है। हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि नजफगढ़ और नरेला मंड़ी में तत्काल एमएसपी पर खरीदारी शुरू की जाए और एक अप्रैल से दिल्ली में खरीदारी करने के झूठे दावे की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने आज दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय से देश के किसान केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ-साथ मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों, केंद्रीय कृषि मंत्री और संसद के अंदर भाजपा के तमाम नेताओं ने बार-बार कहा कि प्रधानमंत्री ने जब कह दिया कि एमएसपी दी जाएगी और एमएसपी पर खरीदारी की जाएगी, तो इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। आंदोलन के दौर में देश भर में गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है और कटाई शुरू हो चुकी है। दिल्ली के अंदर बहुत छोटे से हिस्से में खेती होती है। दिल्ली के नार्थ और वेस्ट हिस्से नरेला, बवाना, मुंडका, नजफगढ़ और मेहरौली में खेती होती है, जहां गेहूं की फसल तैयार है और कटाई हो रही है। हमारे बार-बार निवेदन के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा संचालित फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) मंडी के अंदर अभी तक किसानों की उपज को एमएसपी के रेट पर लेने के लिए तैयार नहीं है। किसान अपनी उपज लेकर मंडी में आ रहे हैं और उन्हें अलग-अलग रेट पर आढ़तियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गोपाल राय ने कहा कि हमने सबसे पहले एफसीआई को 11 फरवरी को कृषि विभाग की तरफ से चिट्ठी लिखी थी कि गेहूं की फसल आने वाली है और खरीदने के लिए दिल्ली की मंडियों में तैयारी की जाए, ताकि सही समय पर किसानों की उपज की खरीदारी हो सके और उन्हें एमएसपी मिल सके। 11 फरवरी के बाद हमने एक मार्च को उन्हें रिमाइंडर भेजा कि एफसीआई गेहूं की खरीदारी की तैयारी करे। इस पर एफसीआई की तरफ से लिखित में जवाब आया कि हम मायापुरी एफएसडी, शक्तिनगर एफएसडी, नरेला मंडी और नजफगढ़ मंडी में काउंटर लगाएंगे। वहीं, किसानों की कई शिकायत आने पर दो दिन पहले जब मैने इसकी समीक्षा की, तब पता चला कि अभी तक कोई काउंटर नहीं लगा है। इसके बाद हमने 6 अप्रैल को फिर एफसीआई को चिट्ठी भेजी कि आप जहां मर्जी वहां काउंटर लगाएं, लेकिन नरेला और नजफगढ़ मंडी में काउंटर जरूर लगाएं और एमएससी की गारंटी दी जाए। कृषि मंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी यह बात है कि अभी तक काउंटर तो नहीं लगे, लेकिन उन्होंने 6 अप्रैल को चिट्ठी भेज कर बताया कि एक अप्रैल से दिल्ली के अंदर काउंटर लग गए हैं और खरीदारी हो रही है। जब हमें चिट्ठी मिली, तो मैंने आज दोनों मंडियों से रिपोर्ट तलब की। नरेला मंडी के सेक्रेटरी ने हमें लिखित में भेजा है कि आज तक एक दाना भी एसबीआई की तरफ से मंडी में खरीदारी नहीं की गई है। काउंटर लगाए ही नहीं गए हैं। इसी तरह नजफगढ़ मंडी की भी लिखित में रिपोर्ट आई है और वहां भी काउंटर नहीं लगाया जाए गए हैं। वहीं, भाजपा के नेताओं ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि केजरीवाल सरकार एमएसपी पर खरीदारी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी केंद्र सरकार ने निर्धारित किया है, फसल को एफसीआई को खरीदना है। हम बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि एफसीआई फसल खरीदे, अभी तक एफसीआई के काउंटर लगे ही नहीं है और फिर भी लिखित में जवाब दे दिए कि एक अप्रैल से खरीदारी हो रही है। आज तक जमीन पर एक भी काउंटर लगा नहीं है। अगर देश की राजधानी दिल्ली में नाक के नीचे यह सारा तिकड़म चल रहा है, तो सुदूर गांवों और जिलों के अंदर किसानों की क्या हालत हो रही होगी। प्रधानमंत्री के नाम की दुहाई देकर किसानों से कहा जा रहा है कि आप आंदोलन खत्म करिए। उस पूरे आश्वासन की यह हकीकत है। कृषि मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मैं आज केंद्र सरकार से दो मांग कर रहा हूं। एक यह कि केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से इसमें हस्तक्षेप करें और नजफगढ़ और नरेला मंडी में कल से काउंटर की शुरुआत कर खरीदारी की जाए और दूसरा जो अधिकारी इस तरह की कार्रवाई में शामिल है और लिखित में कह रहे हैं कि एक अप्रैल से मंदी में खरीदारी शुरू हो गई है, जबकि दोंनों मंडियां कह रही हैं कि वहां पर एक दाना तक नहीं खरीदा गया है, तो इसकी जांच होनी चाहिए। अगर इसमें कोई अधिकारी सम्मिलित है, तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। यह चीजें इस बात को दर्शा रही हैं कि एमएसपी का कानून बनाना कितना जरूरी है, क्योंकि दिल्ली के अंदर तो सिर्फ दो मंडी है, लेकिन जो बड़े-बड़े राज्य है, वहां पर हर ब्लाक के अंदर खरीदारी की जरूरत है। दिल्ली में एक छोटा सा हिस्सा है, जहां पर खेती होती है। आज मैं इन सारी तथ्यों को रख कर यह बात कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने अगर कहा था, तो उन्हें इस सारे मसले पर तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। अगर उनकी बात का महत्व है, तो इसमें पीएमओ को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए और कल से दोनों मंडियों में अनाज की खरीदारी शुरू होनी चाहिए।