आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर और उचित रखा जाए : पीयूष गोयल

Jane Aalam (janu choudhary)

नई दिल्ली : जाने आलम (जानू चौधरी) उपभोक्ता मामले,  खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज अधिकारियों से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर कड़ी नजर रखने को कहा है। मंत्री ने उपभोक्ता मामलों के विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि असामान्य रूप से कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने और कीमतों को स्थिर रखने के लिए एक बफर (अतिरिक्त संग्रह) बनाने के लिए जरूरी खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखा जाए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि कोई मिल कारोबारी, थोक विक्रेता या खुदरा विक्रेता कोविड की परिस्थिति का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करता है और वह आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करता है तो राज्यों द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधान लागू किए जाएं।

आज केंद्रीय मंत्री राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के प्रावधानों की समीक्षा कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मामले विभाग 34 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 157 केंद्रों से कीमतों के बारे में आंकड़े एकत्र करता है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से सभी 22 आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से दालों, तिलहन, सब्जियों और दूध की कीमतों की निगरानी करने और किसी भी असामान्य मूल्य वृद्धि के शुरुआती संकेतों पर नजर रखने की उम्मीद की जाती है। ताकि समय पर हस्तक्षेप किया जा सके और उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सके।

उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने भी दो दिन पहले राज्यों के प्रधान सचिवों के साथ बैठक कर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में बताया था। उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी स्टॉकहोल्डर्स जैसे मिल कारोबारी, ट्रेडर्स, आयातक आदि को भी दालों के स्टॉक की घोषणा करने का निर्देश दिया है और इसे राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों द्वारा सत्यापित कराया जा सकता है।

यदि कोई मिल कारोबारी, थोक विक्रेता या फुटकर विक्रेता कोविड की परिस्थितियों का अनुचित फायदा उठाकर जमाखोरी करता है तो राज्यों द्वारा अनिवार्य वस्तु अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया जाए: श्री पीयूष गोयल

 केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने राज्यों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर और उचित रखने के प्रावधानों की समीक्षा की.