एक जून से लॉकडाउन, दुकान और रेहड़ी बाजार पर व्‍यापारियों ने दिल्‍ली सरकार को भेजे सुझाव

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के चलते राजधानी दिल्‍ली में चल रहे लॉकडाउन को खोलने की मांग उठ रही है। व्‍यापारियों के संगठन ने एक जून से दिल्‍ली के सभी बाजारों को खोलने की मांग की है। कन्‍फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से भेजे गए प्रस्‍ताव में दिल्ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से एक जूल से बाजारों और दुकानों को लॉकडाउन से राहत देने की मांग की गई है।


कैट की ओर से कहा गया कि एक महीने से ज्‍यादा समय से दिल्ली में लॉक डाउन के कारण व्‍यापारी वर्ग वित्‍तीय कठिनाई से गुजरा है। अब जबकि कोरोना के मामले दिल्ली में काफी हद तक काबू में आ गए हैं तो 1 जून से दिल्ली में बाज़ारों को खोला जाना जरूरी है। साथ ही करीब 150 व्‍यापारिक संगठनों ने यह मांग की है कि बाजार में ऑड-ईवन व्‍यवस्‍था लागू करन के बजाय समय सीमा तय कर दी जाए।


दिल्‍ली सरकार को भेजे गए अपने प्‍लान में कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि दिल्ली में थोक और रिटेल, दो तरह के बाजार हैं। ऐसे में यह किया जा सकता है कि दिल्ली में थोक बाजार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक और रिटेल बाजार दोपहर 12 बजे से शाम सात बजे तक खोले जाएं। साथ ही अभी एक जूल से सात जून तक दिल्ली में रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया जाए।


साथ ही बाज़ारों के अलावा सरकार रेहड़ी पटरी को भी हॉकिंग ज़ोन में या अस्थायी तौर पर सरकारी स्कूलों के खाली पड़े परिसरों में भी लगता सकती है। ताकि ये लोग भी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपनी रोजी रोटी चला सकें। इन सब के अलावा व्यापारियों के कर्मचारियों के टीकाकरण किया जाना बेहद जरूरी है। जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके लिए बाज़ारों में टीकाकरण के विशेष कैंप लगाए जाएं। जिसकी व्यवस्था सम्बंधित मार्केट एसोसिएशन करेगी। इसके साथ ही ट्रांस्‍पोर्ट सेवाओं को भी सुचारू किए जाने की जरूरत है ताकि व्‍यापारियों को माल लाने और ले जाने में दिक्‍कतों का सामना न करना पड़े। साथ ही लॉकडाउन खोलने से पहले बाजारों में स्‍वच्‍छता अभियान भी चलाया जाए। एक महीने से बंद रहने के कारण गंदगी भी काफी बढ़ गई है।