फेक वीडियो के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने ट्वीटर इंडिया समेत 5 को फिर से नोटिस भेजा

गाजियाबाद : ट्विटर की मुसीबतें कम होते नहीं दिख रहीं हैं। गाजियाबाद में बुजुर्ग मुस्लिम की पिटाई और दाढ़ी काटने का फेक वीडियो वायरल करने के मामले में उत्तर प्रदेश ने ट्विटर इंडिया समेत 5 लोगों को फिर से नोटिस भेजा है। सभी को गाजियाबाद के लोनी थाने में आकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है।


पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एक्स रेजिडेंस ग्रीवांस ऑफिसर धर्मेंद्र चतुर को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा द वायर के सिद्धार्थ वर्द्धाराजन समेत मस्कूर उस्मानी, शमा मोहम्मद और सलमान निजामी को फिर से नोटिस भेजा गया है। पुलिस ने कहा है कि बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई की मामले में जो भ्रामक ट्वीट हुए थे, उसके संबंध में थाने आकर अपने-अपने बयान दर्ज कराएं। इससे पहले ग़ाज़ियाबाद की लोनी पुलिस ने ट्वीटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को भी नोटिस दिया था, जिसके जवाब में माहेश्वरी ने कहा था कि विवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वह ऐसे टॉपिक को डील नहीं करते।


पांच जून को बुलंदशहर के अनूपशहर निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग अब्दुल समद गाजियाबाद गए थे। यहां एक मकान में बंधक बनाकर उनकी पिटाई हुई। इस मामले में 14 जून को थाना लोनी बॉर्डर में मुकदमा दर्ज हुआ। अब 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें 10 को जमानत भी मिल चुकी है। बुजुर्ग का उमेद पहलवान नाम के शख्स ने लाइव करते हुए झूठ और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला वीडियो बनाया था। उमेद के खिलाफ पुलिस ने एनएसए की कार्रवाई की है।


भ्रामक ट्वीट में 10 लोगों पर हुई थी एफआईआर

पुलिस का कहना है कि इस मामले में तमाम लोगों ने भ्रामक ट्वीट किए। ट्वीट में यह बताया कि हिंदुओं ने मुस्लिम अब्दुल समद की पिटाई की है। जबकि इस पिटाई में हिंदू-मुस्लिम दोनों शामिल थे। थाना लोनी बॉर्डर में इस मामले में ट्विटर समेत 10 लोगों पर भ्रामक ट्वीट करने में एक और एफआईआर हुई थी। ट्विटर पर आरोप है कि गाजियाबाद पुलिस के सच्चाई बताने के बावजूद उन्होंने भ्रामक ट्वीट नहीं हटाए।


तीन के बयान पहले दर्ज हुए, पांच को फिर नोटिस जारी

गाजियाबाद के एसपी (ग्रामीण) डॉ. ईरज राजा ने कहा कि भ्रामक ट्वीट में मोहम्मद जुबेर, राना अय्यूब समेत तीन लोग अपने बयान पहले ही आकर दर्ज करा चुके हैं। अब ट्विटर इंडिया के एक्स रेजिडेंस ग्रीवांस ऑफिसर धर्मेंद्र चतुर, द वायर के सिद्धार्थ वर्द्धाराजन समेत मस्कूर उस्मानी, शमा मोहम्मद और सलमान निजामी को फिर से नोटिस भेजा गया है। सभी को थाना लोनी बॉर्डर पर आकर अपने बयान दर्ज कराने के लिए कहा है।


ट्विटर कठघरे में क्यों?

एफआईआर में लिखा गया कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट्स डिलीट नहीं किए, जिसके कारण धार्मिक तनाव बढ़ा। इसके अलावा ट्विटर इंडिया और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से भी उन ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153-ए, 295-ए, 505, 120-बी, और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।