कार फाइनेंस कराने से पहले क्या आप भी ध्यान रखते हैं ये बातें, या फिर बाद में हाथ लगता है सिर्फ पछतावा

नई दिल्ली : भारत में आज हर दूसरा व्यक्ति वाहन को फाइनेंस कराता है। कार फाइनेंस के चलते आज देश के लाखों लोगों के पास कार है। लेकिन कार लोन लेना कार को खरीदते समय आसान लगता है,और बाद में इसे चुकाना आम आदमी के लिए भारी पड़ जाता है। इस लेख में हम कुछ ऐसी बातों पर चर्चा करने जा रहे हैं, जो आपको कार लोन लेते समय ध्यान में रखनी चाहिए।

कार लोन की ईएमआई: कार को किश्तों पर लेकर चलाना किसी सपने से कम नहीं होता है। क्योंकि इसमें हमारी जेब से ज्यादा रकम नहीं जाती है। हालांकि लोन के भीतर डुबकी लगाने से पहले ईएमआई पर जरूर विचार कर लें। अगर आपकी होम लोन, एजुकेशन लोन आदि के लिए अन्य ईएमआई पहले से चल रही हैं, तो आप यह बात जरूर ध्यान रखें कि मंथली ईएमआई आपके बजट में फिट होती हो।

कम से कम अवधि के लिए लोन लेने की कोशिश: लोन की अवधि जितनी ज्यादा लंबी होती है, उतना ही अधिक ब्याज आपको चुकाना पड़ता है। इसलिए लोन लेते समय हमेशा अवधि पर गौर करे और जितना हो सके कम से कम समय के लिए लोन लें। हालांकि इससे आपको ईएमआई में परेशानी जरूर हो सकती है, लेकिन जब आप मूल और ब्याज जोड़कर देखेंगे तो आपको नफा नुकसान समझ आएगा। कार लोन आमतौर पर 1 से 7 साल की लोन अवधि के साथ उपलब्ध होते हैं। तो कोशिश करें कि इस अवधि को कम रखें।

प्रोसेसिंग फीस: कार लोन या किसी भी प्राकर के लोन पर प्रोसेसिंग फीस लगाई जाती है, जो बैंक लोन लेने वाले से वसूलता है। इस पर आप बैंक के साथ खुलकर बातचीत कर सकते हैं। लोन की राशि के आधार पर प्रोसेसिंग फीस आम तौर पर 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच होती है, और बहुत से बैंक इसे माफ कर देते हैं। लेकिन इसके लिए आपको समझ होनी चाहिए।