स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने के 8 उपाय

आज की तारीख में ज्यादातर स्मार्टफोन हाई-रिजॉल्यूशन वाले बड़े डिस्प्ले, पावरफुल प्रोसेसर और ज्यादा मैमोरी के साथ आते हैं। इनका मकसद मल्टी-टास्किंग और मुश्किल काम को भी आसानी से पूरा करने का होता है। हालांकि, इसका मतलब यह भी है किऐसे में फोन की बैटरी को पूरे दिन चलने में परेशनी होगी और इस कारण से ही पावर बैंक मजबूरी बन गए हैं।ऐसा ही लैपटॉप के बारे में भी कहा जा सकता है। जैसे-जैसे इसकी बैटरी पुरानी होती जाती है, बार-बार पावर प्लग इस्तेमाल करने की जरूरत भी बढ़ती जाएगी। हमारे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस लिथियम इयॉन और लिथियम पॉली बैटरी के साथ आते हैं। ये क्विक चार्ज फीचर से तो लैस होते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि आपको लंबी बैटरी लाइफ मिले। बैटरी की उम्र को ध्यान में रखते हुए लैपटॉप को अपग्रेड करने से बेहतर बैटरी बदलना होता है। चाहे आप स्मार्टफोन, टैबलेट या फिर लैपटॉप इस्तेमाल करते हों। ये टिप्स आपके डिवाइस की बैटरी लाइफ बढ़ाने में मदद करेंगे। (1) तापमान का रखें ध्यान बैटरी को ऊंचे तापमान में इस्तेमाल करना, इसकी साइकलिंग से भी ज्यादा परेशान करने वाला हो सकता है। बैटरी यूनिवर्सिटी का कहना है कि ज्यादा तापमान और बढ़ती उम्र धीरे-धीरे बैटरी की परफॉर्मेंस को कम कर देते हैं। कम तापमान (30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान को ज्यादा माना जाता है) में डिवाइस का इस्तेमाल करने से उसकी लाइफ साइकल बेहतर होगी। टेस्टिंग में पाया गया है कि तीन महीने के लिए बैटरी को 60 डिग्री तापमान में इस्तेमाल करने पर परफॉर्मेंस 60 फीसदी तक पहुंच जाती है और 40 डिग्री तापमान में 65 फीसदी पर। आप अपने डिवाइस को गर्मी से बचाने की कोशिश करें, जैसे कि तपती गर्मी में अपने मोबाइल को कार के डैशबोर्ड पर छोड़ने की गलती ना करें। लैपटॉप कुलिंग पैड स्मार्टफोन के ज्यादा गर्म होने की समस्या से परेशान होना वाजिब है, क्योंकि बीतते समय के साथ बैटरी लाइफ बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है। लैपटॉप में इस बात का ध्यान रखें कि आप कूलिंग पैड का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि सीपीयू वेंट से गर्म हवा आसानी से निकल जाए। धूल के कारण अक्सर लैपटॉप का वेंट बंद होने लगता है जिस कारण से उसमें बने पंखों को ज्यादा काम करना पड़ता था, धीरे-धीरे यह भी आपके लिए खर्च बढ़ाने का काम करता है। इसलिए सफाई रखें, खासकर धूल को जरूर हटाएं। (2) मुफ्तऐप से बचें,ऐप्स खरीदना शुरू करें विज्ञापन के साथ आने वालेऐप्स आपके डिवाइस की बैटरी लाइफ औसतन 2.5 से 2.1 घंटे तक कम कर सकते हैं।ऐसा दावा है कि कुछ अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, फोन का प्रोसेसर उसके दिमाग की तरह होता है। विज्ञापन भी इस दिमाग के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल करता है जिस कारण से यह धीमा पड़ जाता है।ऐसा नहीं है कि सभी फ्रीऐप्स आपकी बैटरी पर असर डाल रहे हैं, लेकिन अगर आपको उस पर कोई विज्ञापन नजर आए तो समझ लीजिए कि यह बैंडविथ और प्रोसेसर पर असर डालेगा ही।ऐप्स के लिए पैसे चुकाने पर आपको कई फायदे होंगे। वो भी तब जब आज की तारीख मे कईऐप्स मात्र 10 रुपये में उपलब्ध हैं। लैपटॉप पर टेक्स्ट कोएडिट करने के लिए सिस्टम में मौजूदएप्लिकेशन को इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होगा।ऐसा करने से ब्राउजर इस्तेमाल करने की तुलना में ज्यादा कम बैटरी खपत होगी। अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर कर रहे हैं तो वाई-फाई का कनेक्शन ऑफ कर दें। विंडोज पीसी पर आपको कीबोर्ड पर ‘एफएनप्लसएफ2’ दबाने की ही जरूरत है। वैसे, यह कमांड डिवाइस निर्माता पर भी निर्भर करता है।ऐसे में आप डिवाइस पर बने वाई-फाई के आइकन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। (3) लोकेशन ट्रैकिंग बंद कर दें हाल ही में आईएक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेसबुकऐप आईफोन की बैटरी को जल्दी खत्म कर देता है क्योंकि यह बार-बार जीपीएस मॉड्यूल का इस्तेमाल करके यूजर की लोकेशन जानता रहता है।ऐसे में जिनऐप को आपके लोकेशन की जरूरत नहीं है, उनके लोकेशन ट्रैकिंग को ऑफ कर देने से जरूर मदद मिलेगी। लोकेशनमोडएंड्राइड ज्यादाएंड्रॉयड डिवाइस पर आप सेटिंग्स के बाद लोकेशन में जाकर लोकेशन ट्रैकिंग को पूरी तरह से ऑफ कर सकते हैं। वैसे,ऐप के स्तर पर यह तय करने का विकल्प फिलहाल सिर्फएंड्रॉयड मार्शमैलो में दिया गया है। आईओएस 9 में आप सेटिंग्स में जाएं, फिर प्राइवेसी चुनें और उसके बाद लोकेशन सर्विसेज। इसके बाद आप हरऐप के हिसाब से इसको डिसेबल कर सकते हैं। उन्हींऐप के लिए लोकेशनऐक्सस ऑन रखिए जिन्हें इनकी जरूरत हो। (5) डिस्प्ले की ब्राइटनेस कम करें यह सुझाव लैपटॉप और मोबाइल डिवाइस पर लागू होता है। ज्यादातर डिवाइस में ब्राइटनेस सेटिंग्स को आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर स्क्रीन की ब्राइटनेस को लक्स जैसे थर्ड-पार्टीऐप्स से कम कर सकते हैं। यह डिस्प्ले की ब्राइटनेस कम करने के अलावा स्क्रीन का कलर कास्ट को भी बदल देता है। हालांकि,एक सॉफ्टवेयर लेयर के जरिए ही ओलेड स्क्रीन पर पावर बचाया जा सकता है जबकिएलसीडी में इसके लिए बैकलाइट ब्राइटनेस को कम करना होगा। डिस्प्ले ब्राइटनेस डिवाइस के इनएक्टिव रहने पर आपका डिस्प्ले कितनी देर तक ऑन रहे, यह कम करके भी आप थोड़ी बैटरी बचा सकते हैं।एंड्रॉयड पर आप सेटिंग्स के बाद डिस्प्ले में जाकर यह तय कर सकते हैं। आईओएस में सेंटिग्स के बाद जनरल के बाद ऑटो-लॉक में जाकर आप सेटिंग को अपनी सुविधा के हिसाब से बदल सकते हैं। विंडोज लैपटॉप में बैटरी आइकन पर राइट-क्लिक करें, फिर पावर ऑप्शन पर। इसके बाद सेटिंग को पावर सेवर में बदल दें। विंडोज इसके बाद अपने आप ही ब्राइटनेस को कम कर देगा। इसके अलावा स्टैंडबाय और अन्य सेटिंग्स को बैटरी की परफॉर्मेंस के हिसाब से प्राथमिकता देने लगेगा। (6) वाई-फाई परऐप अपडेट करें या बैटरी चार्ज करते वक्त आमतौर पर कोई भीएक्शन जिससे प्रोसेसर या बैंडविथ पर दबाव पड़ता है, वह ज्यादा ही सीपीयू पावर लेगा। सबसे बेहतर यही होगा कि यहएक्शन आम तौर पर स्थिर रहे और मोबाइल डेटा इंटरनेट के बजाय वाई-फाई का इस्तेमाल करे।ऐसे मे सबसे सही फैसला यही होगा कि आप अपनेऐप्स अपडेट को सिर्फ वाई-फाई पर शेड्यूल करें। अगर आपके डिवाइस में विकल्प मौजूद है तो सिर्फ चार्ज होते वक्त इसे शेड्यूल कर सकते हैं।एप्पअपडेट वाईफाईएंड्रॉयड पर प्ले स्टोरऐप में इस सेटिंग तक पहुंच सकते हैं।ऐप को लॉन्च करें। स्क्रीन पर बाएं तरफ से स्वैप करके मेन्यू खोलें। इसके बाद सेटिंग्स मे जाएं, फिर ऑटो-अपडेटऐप्स में। इसके बाद वाई-फाई ऑन्ली मोड को ही चुनें। आईफोन या आईपैड वाई-फाई़सेलुलर में सेटिंग्स में जाएं, फिर आईट्यून्सएंडऐप्प स्टोर में। इसके बाद यूज सेलुलर डेटा को ऑफ कर दें। (7) लो पावर मोड को ऑन करें सभीएंड्रॉयड फोन में बैटरी सेवर मोड मौजूद नहीं है। अगर आपएंड्रॉयड 5.0 या उसके बाद के वर्जन को इस्तेमाल कर रहें तो आपके डिवाइस पर इस मोड के मौजूद रहने की संभावना ज्यादा है। जैसे ही आपके फोन की बैटरी 15 फीसदी पर पहुंचती है, यह अपने आपएक्टिव हो जाता है। यह बैकग्राउंडऐप रिफ्रेश, लोकेशन ट्रैकिंग और सिंकएक्टिविटी को बंद कर देता है, ताकि बैटरी लाइफ बचाई जा सके।एंड्रॉयड मार्शमैलो डोज फीचर के साथ आता है। अगर आप अपने फोन लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करते हैं तो यह फीचर आपके फोन को डीप स्लो मोड में भेज देता है। इस फीचर के कारण स्टैंडबाय टाइम दोगुना हो जाता है। अगर आप पुराने वर्जन वालेएंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको यह फीचर नहीं मिलेगा। आईओएस 9 से लैस आईफोन में भी लो पावर मोड मौजूद है जो बैकग्राउंड रिफ्रेश, विजुअल इफेक्ट और ऑटोमैटिक डाउनलोड को बंद कर देता है। आप सेटिंग्स से बैटरी ऑप्शन में जाकर इस फीचर कोएक्सेस कर सकते हैं। अगर आप पुरानाएंड्रॉयड फोन इस्तेमाल कर रहे हैं तो संभव है आपके फोन पर निर्माता कंपनी ने अपना लो पावर मोड दिया हो। उदाहरण के तौर पर, सोनी के फोन पर इसे स्टेमिना मोड के नाम से जाना जाता है औरएचटीसी मेंएक्सट्रीम पावर मोड के नाम से। वैसे, आप कई थर्ड-पार्टीऐप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, हमारा अनुभव बताता है कि बिल्ट-इनऐप्स ज्यादा कारगर होते हैं। (8) फ्लाइट मोड का इस्तेमाल करें अगर आपका फोन सेलुलर टावर के नजदीक नहीं है तो इसका असर स्टैंडबाय टाइम पर भी पड़ेगा। अगर आपऐसी जगह पर हैं जहां कोई नेटवर्क नहीं है तो बेहतर होगा कि फोन मेंएयरप्लेन मोड (फ्लाइट मोड)एक्टिव कर लें। आपका फोनऐसी जगहों पर बार-बार नेटवर्क तलाश करेगा जिसका असर बैटरी लाइफ पर पड़ेगा। इन सुझावों का पालन करने पर आप पाएंगे कि आपका फोन पहले की तुलना में ज्यादा बेहतर बैटरी लाइफ दे रहा है। क्या आपके पास बैटरी लाइफ बेहतर बनाने के सुझाव हैं तो कमेंट बॉक्स के जरिए हमें बताएं।