चुनाव आते ही अरविंद केजरीवाल को याद आ जाती है यमुना की सफाई : आदेश गुप्ता

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर झूठे वायदें और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब-जब दिल्ली में चुनाव नजदीक आते हैं तो केजरीवाल और उनके मंत्रियों को यमुना सफाई की याद आती है और चुनाव बीतने के बाद सफाई का काम उनके बाकी झूठे वादों की तरह जुमला साबित हो जाता है। 


उन्होंने कहा कि साल 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच साल के भीतर यमुना नदी को साफ करने का वादा दिल्लीवालों से किया था। केजरीवाल ने अपने कैबिनेट सहयोगियों और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर यमुना आरती में भाग लेते हुए कुदेशिया घाट से दिल्लीवालों को स्वच्छ यमुना का सपना दिखाया था आज भी स्वच्छ यमुना का सपना जहरीले झाग से भरा हुआ है और राजधानी की सड़कों पर बाढ़ का मंजर आए दिन देखने को मिलता है। 


श्री गुप्ता ने कहा कि यहां तक कि डीपीसीसी ने यमुना के प्रदूषित होने का मुख्य कारण बिना शोधन वाला अपशिष्ट जल और सीईटीपी से निकलने वाले गंदे पानी की खराब गुणवत्ता तथा सीवेज जल शोधन संयंत्र को मुख्य कारण बताया है। उन्होंने कहा कि यमुना सफाई को लेकर मनीष सिसोदिया ने साल 2021-22 के बजट में 2,074 करोड़ रुपये का प्रावधान भी तय कर दिया है, लेकिन उस बजट का उपयोग अभी तक धरातल पर होता हुआ नहीं दिख रहा है। यमुना के बढ़ते हुए प्रदूषण स्तर और अपनी सरकार की नाकामी और धीमी गति से कार्य करने पर स्वयं मुख्यमंत्री केजरीवाल परियोजना के प्रगति को लेकर अप्रैल 2021 में अपने ही लोगों पर खासी नाराजगी जता चुके हैं। 


आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने साल 2018-21 के दौरान यानि सिर्फ 3 सालों में दरियागंज के डॉ. सेन नाले की सफाई पर ही 200 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है, लेकिन वास्तविकता देखते ही बनती है। इस जगह यमुना गंदे नाले का एक रुप ले चुकी है और इसमें इतनी गंदगी है कि पास खड़े होना भी मुश्किल हो जाता है। कोरोनाकाल में वर्ष 2020-2021 मे केजरीवाल सरकार ने 152 करोड़ रुपये यमुना की सफाई में खर्च दिखाया है जिससे साफ है कि यह सब सफेद झूठ है क्योंकि यमुना नदी की स्थिति पहले से बदतर हुई है।