पैरालंपिक के लिये दो अफगानी खिलाड़ी तोक्यो पहुंचे

तोक्यो : पैरालंपिक खेलों में भाग लेने के लिए अफगानिस्तान के दो खिलाड़ी शनिवार को यहां पहुंच गये लेकिन वे अभी मीडिया से बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं है।


अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के अनुसार जाकिया खुदादादी और हुसैन रासौली की दो सदस्यीय टीम काबुल से पेरिस होकर तोक्यो पहुंची। ये दोनों खिलाड़ी कोविड-19 की सभी जांच को पूरी करने के बाद अपनी स्पर्धाओं में भाग लेने से पहले खेल गांव में है और अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वे इन खेलों के पांच सितंबर को समापन के बाद कहा जायेंगे।


आईपीसी के प्रवक्ता क्रेग स्पेंस ने कहा कि उन्हें परिस्थितियों से अनुकूल होने के लिए कुछ दिनों के लिए एकांत में रहने की जरूरत है।


स्पेंस ने रविवार को एक सम्मेलन में कहा, ‘‘यह वास्तव में एक जटिल स्थिति है। हमने जिन परिस्थियों का सामना किया है उसमें यह सबसे जटिल स्थिति में से एक हैं।’’


उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। मानव जीवन यहां सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यहां खिलाड़ियों का होना मीडिया कवरेज हासिल करने के बारे में नहीं है। यह इन खिलाड़ियों के पैरालंपिक खेलों में भाग लेने में सक्षम होने के अपने सपने को पूरा करने के बारे में है।’’


स्पेंस ने यह नहीं बताया कि वे काबुल से कैसे निकले, लेकिन उन्होंने इस मामले में कई सरकारों और अन्य एजेंसियों की मदद का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि आईपीसी कई दिनों से उनकी निगरानी कर रहा था। इन खेलों के उद्घाटन समारोह में  24 अगस्त को टीम की अनुपस्थिति में देश की प्रतिनिधित्व को दर्शाने के लिए एक स्वयंसेवक अफगानिस्तान का झंडा लेकर चला था।


जाकिया 2004 एथेंस के बाद पैरालंपिक में भाग लेने वाली अफगानिस्तान की पहली महिला एथलीट होंगी।


वह गुरुवार को ताइक्वांडो के महिलाओं के 44-49 किग्रा वजन वर्ग चुनौती पेश करेंगी।


दल के दूसरे साथी मंगलवार को पुरुषों की लंबी कूद टी47 स्पर्धा की हीट में हिस्सा लेंगे।


रासैली को हालांकि 100 मीटर टी47 स्पर्धा में भाग लेना था लेकिन देर से पहुंचने के कारण आयोजकों ने उन्हें शुक्रवार को होने वाले इस वर्ग के 400 मीटर स्पर्धा में डाल दिया। वह हालांकि इसे लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है।


स्पेंस ने रासौली के हवाले से कहा, ‘‘मैं 100 मीटर फर्राटा घावक हूं। 400 मीटर मेरे लिए काफी थका देने वाला होगा।’’


इसकी जगह उन्हें अब मंगलवार होने वाले की टी47 वर्ग के लंबी कूद स्पर्धा में शामिल किया गया है।


इन खिलाड़ियों को शरण का मुद्दा भी अधर में है। जब स्पेंस से इस बारे में पूछा गया कि क्या वे पेरिस लौटेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब खिलाड़ी ही दे सकते है।’’


उन्होंने कहा, ‘‘इन खिलाड़ियों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।’’