जो किसानों को सता रहे हैं उनकी नींद उड़ी हुई है,हम तो रात तसल्ली से सोए: योगेंद्र यादव

करनाल/नई दिल्ली : करनाल के जिला सचिवालय के बाहर आंदोलनकारी किसान डटे हैं। किसानों नेताओं के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। उन्होंने रात यहीं खुले में बिताने के बाद सुबह ही टेंट लगाने शुरू कर दिए। दिन में धूप से बचाव के लिए टैंट की व्‍यवस्‍था की जा रही है। सुबह के नाश्‍ते और लंगर की व्यवस्था भी की गई है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया के सामने आए। बुधवार को मीडिया के सामने आए योगेंद्र यादव ने कहा कि हम बीती रात पूरी तसल्ली से सोए। नींद उनकी जरूर उड़ी है,जो किसानों को सता रहे हैं। तीन बार सरकार ने किसानों पर जुल्म करके आंदोलन की ऊर्जा बांटने का भरसक प्रयास किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। बल्कि इससे आंदोलन को और अधिक मजबूती मिली। उम्मीद है कि शासन प्रशासन को अब किसानों के हौसले और तेवर देखकर कुछ समझ आ गई होगी लेकिन यदि अब भी ऐसा नहीं होता तो किसान कतई पीछे नहीं हटेंगे। योगेंद्र यादव ने कहा, हमें उस अधिकारी पर कार्रवाई चाहिए, जिसका वीडियो वायरल हुआ। लगातार यह मांग की जा रही है। पांच मिनट में बात सुलझ सकती है। हम न्यूनतम मांग कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। अगर एक अधिकारी को सस्पेंड करने और जांच बिठाने तक से पीछा हटा जा रहा है तो किसान इस तरह आवाज उठाने के सिवा और क्या कर सकते हैं। सरकार अगर अब भी मांग मान ले तो हम 15 मिनट में यहां से डेरा उठा लेंगे। सच यह है कि प्रशासन पूरी तरह बैकफुट पर है। अन्य राज्यों से भी जत्थे यहां लाए जा सकते हैं। आंदोलन जितना लंबा खिंचेगा, सरकार की उतनी फजीहत होगी। राकेश टिकैत ने दो टूक कहा कि दिल्ली बार्डर से अलग यहां कितने भी समय के लिए अलग मोर्चा लगाने से कोई गुरेज नहीं है। यह साफ हो चुका है कि प्रशासन न तो वायरल वीडियो में लाठीचार्ज कराने के आदेश देने वाले अधिकारी पर किसी प्रकार की कार्रवाई के मूड में है और न ही किसानों से ठोस वार्ता करना चाहता है। इसलिए हम भी लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। फिर चाहे दो दिन, दो महीने और दो साल ही यहां क्यों न बैठना पड़े।