अखंड सुहागिन रहने की कामना को लेकर महिलाओं ने की शिव-पार्वती की पूजा

देवघर : तीज पर्व को लेकर सुबह से ही महिलाएं बाबा मंदिर एवं आसपास स्थित शिवालयों में शिव और पार्वती की पूजा पति के दीर्घायु को लेकर किया। जिसमें राम मंदिर रोड के समीप स्थित हरि शरणम बाबा कुटिया में बड़ी संख्या में महिलाओं ने मंदिर में स्थापित शिवलिग की पूजा अर्चना के साथ-साथ व्रत कथा सुना। बाबा मंदिर के आसपास स्थित ठाकुरबाड़ी एवं कच्ची बाड़ी में व्रत सुनने के लिए महिलाएं अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिखी। राज्य सरकार के आदेशानुसार मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है जिसमें आज के दिन मंदिर प्रांगण में महिलाएं कथा सुनने के लिए आती थी और मंदिर में पैर रखने तक का जगह नहीं होती थी। मगर मंदिर बंद रहने से व्रती महिलाएं मंदिर के बाहर ही परंपरा का निर्वाह करती हुई नजर आई। जिला प्रशासन की ओर से सुबह से ही बाबा मंदिर के सभी द्वार पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि राज्य सरकार के द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जा सके एवं मंदिर में अतिरिक्त भीड़ व बाहरी श्रद्धालु का प्रवेश ना हो सके।


अखंड सुहाग की रक्षा को किया हरितालिका व्रत मधुपुर शहर के लगभग सभी जगहों पर गुरुवार शाम महिलाओं ने हरितालिका तीज व्रत का उपवास रखा।बता दें कि भाद्रपद मास में हस्त नक्षत्र से युक्त शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इस अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। आज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु तथा सभी तरह के पापों से मुक्ति के लिए इस पर्व को निष्ठा पूर्वक करती है। आज के दिन दिन भर के उपवास के बाद सायं काल में किसी पवित्र स्थान पर भगवान शंकर और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र को प्रतिष्ठित कर उसकी पूजा की जाती है। इस दौरान हरितालिका तीज व्रत कथा भी सुनी जाती है। इस अवसर पर विशेषकर मंदिरों में दर्जनभर से अधिक महिलाएं उपस्थित होकर इस कथा का श्रवण करती है तथा उचित दान दक्षिणा भी देती है। इस वर्ष भी पंच मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों और व्यक्तिगत घरों में इस तरह की पूजा का आयोजन हुआ। जिसमें महिलाओं ने पूरे साज-सज्जा के साथ अनुष्ठान में भाग लिया।कथा के अनुसार इस व्रत कथा को मात्र सुन लेने से प्राणी को एक हजार अश्वमेध और सैकड़ों यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। इसमें कोई संशय नहीं है कि व्रत को करने से प्राणी सब पापों से छूट जाता है। कल प्रात :काल व्रत का समापन होगा जिसमें पूजा अर्चना के बाद महिलाएं पारण करेंगी। इसी आशा और विश्वास के साथ हर वर्ष महिलाएं इस पर्व को करती है साथ ही पूरे घर परिवार के लिए मंगल कामनाएं करती है।


सारठ बाजार समेत पूरे क्षेत्र में त्योहार को लेकर धार्मिक माहौल बना रहा। सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखा तथा अपने नजदीकी शिवालयों में पहुंचकर भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना की। इस दौरान सारठ के दुखहरण नाथ मंदिर, शक्तिनाथ मंदिर खैरबनी, शिव मंदिर सबेजोर, शिव मंदिर माहपुर, समेत क्षेत्र के सभी शिव मंदिरों में महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई।