चिल्ली गांव में मौत का सिलसिला जारी, अब तक 11 मौत हुई

पलवल :  जिले के उपमंडल हथीन के गांव चिल्ली में बच्चों की मौत के बाद अब यह बीमारी बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में ले रही है। शनिवार को बुखार के चलते एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के पास रोजाना दर्जनों बच्चे बुखार से पीड़ित आ रहे हैं।


हथीन विधानसभा के चिल्ली गांव में बुखार से हो रही मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले कुछ दिनों में अब तक 11 मौत बुखार से मौत हो चुकी हैं। स्वास्थय विभाग टीम गांव में लगातार काम कर रहीं है। उधर पेयजल की लाइनों को उखाड़े जाने से गांव के लोगों को पैसों से पानी मंगा कर पीना पड़ रहा है। रहस्यमयी बुखार गांव चिल्ली के निवासियों और स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। शनिवार को बुखार के चलते 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई, जिसके बाद बच्चों के बाद बड़ों में भी इस बुखार के लक्षण देखे जा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी तक यह पता नहीं कर पाया है कि यह वायरस कौन सा है इसके अलावा गांव में बनाए गए। अस्थाई क्लीनिक पर रोजाना दर्जनों के करीब बच्चे बुखार से पीड़ित आ रहे हैं। गांव में 2 बच्चों में डेंगू की भी पुष्टि हो चुकी है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने यह बुखार एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा हुआ है स्वास्थ्य विभाग लगातार सैंपलिंग कर रहा है और ग्रामीणों और बच्चों को दवाइयां दी जा रही हैं।


ग्रामीण सलीम का कहना है कि जहां एक तरफ ग्रामीण बुखार की चपेट में है तो वहीं दूसरी तरफ और परेशानियां भी मुंह खोलें ग्रामीणों के सामने खड़ी हुई है। गंदे पानी की सप्लाई को रोकने के लिए गांव में पेयजल सप्लाई के लिए बनाई गई लाइन को उखाड़ दिया गया है और अब इस लाइन के उखाड़ दिए जाने से नई मुसीबत ग्रामीणों के सामने खड़ी हो गई है। ग्रामीणों को अब 800 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का पानी का टैंकर मंगाकर अपने घर खर्चे और पीने के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है। आनन-फानन में प्रशासन ने पानी की सप्लाई वाली पाइपों को तो काट कर उखाड़ दिया। लेकिन पानी की सप्लाई करना भूल गया और अब ग्रामीण अपनी जेब से पैसा देकर घर खर्च और पीने के लिए पानी मंगा रहे हैं।