कोविड के बाद हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में परामर्श मांगने वालों की संख्या में वृद्धि: अपोलो अस्पताल

नई दिल्ली : दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल ने सोमवार को कहा कि उसके यहां कोविड-19 के बाद हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में परामर्श मांगने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा किया है कि आने वाले महीनों में हृदय रोगों का बोझ बढ़ सकता है।


इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स ने एक बयान में कहा कि लॉकडाउन के चलते गतिहीन जीवन शैली ने कई लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान और तनाव में वृद्धि की है, जिससे हृदय रोगों (सीवीडी) का खतरा बढ़ गया है।


देश 2020 की शुरुआत से कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। अप्रैल से जून तक दूसरी लहर के दौरान बहुत बुरे हालात पैदा हो गए थे। दिल्ली भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुई, जहां बिस्तर और ऑक्सीजन संकट ने लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया।


अस्पताल ने एक बयान में दावा किया, '' कोविड के बाद होने वाली मायोकार्डिटिस जैसी हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में परामर्श मांगने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, लिहाजा हृदय संबंधी जटिलताओं वाले रोगियों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि दिन-ब-दिन स्पष्ट होती जा रही है।''


बयान में कहा गया है, '' संक्रमण से उबरने के बाद भी वायरस के कारण शरीर में होने वाली सूजन और क्षति के चलते लोगों को इस तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है। शरीर का कोई भी हिस्सा कमजोर होने पर इस तरह के नुकसान सामने आते है।


दक्षिणी दिल्ली के इस प्रमुख निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने यह भी दावा किया कि आने वाले महीनों में हृदय रोग का बोझ कई गुना बढ़ सकता है।


उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन और गतिहीन जीवन शैली से सीवीडी के कई मामले सामने आ रहे हैं।


अस्पताल ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण कारक यह है कि महामारी ने लोगों में स्वास्थ्य जांच के लिए बाहर जाने में झिझक पैदा कर दी है। कोरोनो वायरस संक्रमण की चपेट में आने के डर से अनेक लोग नियमित स्वास्थ्य जांच भी नहीं करा पाए। ऐसे में जो लोग पहले से ही हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे, वे अब डॉक्टरों के पास जा रहे हैं।


अपोलो अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ मुकेश गोयल ने कहा, महामारी से पहले के समय की तुलना में, हमने निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए ओपीडी में आने वाले रोगियों की संख्या में तेज गिरावट देखी है।


उन्होंने कहा, ''इनमें वे मरीज शामिल हैं जो महामारी से पहले हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। वे अब नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच नहीं करा रहे।''


डॉक्टरों ने कहा कि निवारक स्वास्थ्य जांच में गिरावट और कोविड के बाद की हृदय संबंधी जटिलताओं से ऐसे मामलों में वृद्धि होने की आशंका है।