पंजाब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मंत्रिमंडल में राणा गुरजीत सिंह को शामिल करने का विेरोध किया

चंडीगढ़ : चरणजीत सिंह चन्नी नीत पंजाब सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे पहले राज्य के कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने रविवार को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिखकर मांग की कि 'दागी' पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।


इन नेताओं का कहना है कि मंत्री पद उनकी (राणा गुरजीत) जगह साफ छवि वाले दलित नेता को दिया जाना चाहिए। इस पत्र की प्रति मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी भेजी गई है।


सूत्रों ने बताया कि पंजाब मंत्रिमंडल में सात नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है जबकि पांच मंत्री जो अमरिंदर सिंह नीत सरकार का हिस्सा थे, उन्हें संभवत: हटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परगट सिंह, राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, कुलजीत नागरा और राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, नामों की सूची की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।


बालू खनन ठेकों की नीलामी में अनियमितता के आरोपों को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करने के बाद राणा गुरजीत सिंह को 2018 में अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। तब वह सिंचाई एवं ऊर्जा मंत्री थे।


सिद्धू को भेजे पत्र में इन नेताओं ने कहा है कि राणा गुरजीत सिंह ''दोआबा के भ्रष्ट एवं दागी नेता हैं'' तथा उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।


यह पत्र पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहिंदर सिंह कायपी, विधायक नवतेज सिंह चीमा, बलविंदर सिंह धालीवाल, बावा हेनरी, राज कुमार, शाम चौरसी, पवन आदिया और सुखपाल सिंह खैरा ने लिखा है।


खैरा हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं।