धन शोधन मामले में न्यायालय ने सचिन जोशी को दी चार महीने की अस्थायी जमानत


नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता और निर्माता सचिन जोशी को धन शोधन के एक मामले में मंगलवार को चार महीने की अस्थायी जमानत दे दी। जोशी को मुंबई स्थित कंपनी ओंकार रियलटर्स के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।


न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक पीठ ने स्पष्ट किया कि जमानत की अवधि और बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा कि अस्थायी जमानत सत्र न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्तो के अनुसार होगी।


जोशी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा की दलीलों का पीठ ने संज्ञान लिया और कहा कि अभिनेता-निर्माता को चिकित्सकीय उपचार की जरूरत है। लूथरा ने पीठ के सामने कहा कि उच्च न्यायालय के सामने पेश किये गए चिकित्सा रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता की रीढ़ की सर्जरी के अलावा उन्हें अन्य प्रकार की चिकित्सा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीमार व्यक्ति को स्थायी जमानत मिलनी चाहिए लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने चिकित्सा रिपोर्ट का हवाला देते हुए दलील दी कि जोशी को किसी बड़ी सर्जरी की जरूरत नहीं है और उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। बंबई उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर मई महीने में जोशी की जमानत रद्द कर दी थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने की वजह से निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति देते हुये समर्पण करने के लिये दो महीने का वक्त दिया था।