बनना हैं आईएएस अधिकारी, तो ये क्वॉ लिटीज होना जरूरी

हर साल लाखों युवा आईएएस अधिकारी बनने के लिए अपनी किस्मत आजमाते हैं। यह हमेशा से भारतीय युवाओं के सबसे पसंदीदा करियर ऑप्शंस में से एक रहा है। इस फील्ड में अच्छे वेतन-भत्ते तो हैं ही, साथ ही यह आपको सरकारी मशीनरी का हिस्सा बनकर देशवासियों के भले के लिए काम करने का मौका भी देता है। यही कारण है कि आईएएस साल-दर-साल भारी तादाद में युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।


संघ लोक सेवा आयोग हर साल सिविल सर्विसेज एग्जाम आयोजित कर आईएएस, आईपीएस तथा अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है। यह देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। मगर यह परीक्षा क्लियर करना ही काफी नहीं होता। सरकारी मशीनरी में आईएएस अधिकारी की अहम भूमिका निभाने के लिए अकादमिक क्वॉलिफिकेशंस और बुद्धिमत्ता से बढ़कर भी कुछ चाहिए होता है। आईएएस की तैयारी कर रहे युवाओं में कुछ ऐसे गुण भी होने चाहिए, जो यूपीएससी द्वारा निर्धारित सामान्य क्वॉलिफिकेशंस के अलावा हों। जानते हैं कौन-से हैं वे गुण, जो आईएएस अधिकारी बनने के लिए जरूरी हैं...


लीडरशिप

आईएएस अधिकारी जहां भी, जिस भी पद पर हो, सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर काम करता है। शासकीय पद पर रहते हुए उसे उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करना होता है। उसके पास अपनी टीम को विकास और भारतवासियों की बेहतरी के लक्ष्य की ओर ले जोन की क्षमता होनी चाहिए। ऐसा अच्छी लीडरशिप स्किल्स से ही संभव है।


प्रशासकीय क्षमता

किसी आईएएस अधिकारी को सरकार द्वारा सौंपी गई एक प्रमुख जिम्मेदारी होती है अपने अधिकार क्षेत्र में दैनंदिन के प्रशासनिक कार्यों को देखना। इस जिम्मेदारी को पूरा करने और सबको साथ लेकर सारे प्रशासनिक कार्य संपन्न करने के लिए एक आईएएस अधिकारी का कुशल प्रशासक होना जरूरी होता है।


निर्णय क्षमता

कई मौकों पर आईएएस अधिकारी खुद को ऐसी नाजुक परिस्थिति में पाता है, जहां त्वरित निर्णय लेना जरूरी होता है। इसके लिए जरूरी है कि वह विपरीत परिस्थितियों में भी ठंडे दिमाग से स्पष्ट सोच सके और सभी उपलब्धं विकल्पों का आलकन कर इनमें से प्रत्येक के परिणामों पर गौर करे। इसके आधार पर एक सुविचारित निर्णय लेकर उस पर अमल करना होता है। आपात स्थितियों में यह सब कम से कम समय में कर दिखाना होता है। इसलिए आईएएस अधिकारी की निर्णय क्षमता अच्छी होनी चाहिए।


ज्ञानवान

ज्ञान धरती पर मौजूद सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। किसी आईएएस अधिकारी के लिए यह निहायत जरूरी है कि उसके पास उसके कार्यक्षेत्र से संबंधित सभी विषयों का अच्छा-खासा ज्ञान हो। ज्ञानवान होने से न सिर्फ उसे सरकारी नीतियों के प्रभावी अमल में मदद मिलेगी, बल्कि किसी प्रशासनिक समस्या को समझने और उसे हल करने के लिए सरकारी मशीनरी में मौजूद खामियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी।


परिश्रम और समर्पण

अगर आपको आईएएस परीक्षा की तैयारी मुश्किल और थका देने वाली लगती है, तो ध्यान रखिए, आईएएस में चयनित हो जाने पर तो इससे भी कहीं अधिक मुश्किल और थका देने वाला काम करना होगा। आईएएस अधिकारी पर विभिन्न क्षेत्रों की कई जिम्मेदारियां होती हैं। इनमें कानून अनुपालन, विकास कार्य, प्रशासनिक कार्य, प्रबंधन आदि शामिल है। इन सब कार्यों को बेहतर तरीके से करने के लिए आईएएस अधिकारी का परिश्रमी और काम के प्रति पूरी तरह समर्पित होना आवश्यक है।


ईमानदारी

सरकारी मशीनरी में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है। तमाम सरकारें आईं और गईं लेकिन इस समस्या का कोई हल अब तक नहीं निकल पाया है। अपने कार्यक्षेत्र में प्रशासन, वित्त और कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होने के चलते आईएएस अधिकारी के पास इस समस्या से निपटने की जबरदस्त शक्ति होती है। व्यक्तिगत ईमानदारी से लैस अफसर भ्रष्टाचार विरोधी जंग में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।


कम्युनिकेशन स्किल्स

कुशल प्रशासक होने के लिए यह जरूरी है कि आईएएस अधिकारी में अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स हों। वह बोलकर तथा लिखकर स्वयं को बेहतरीन तरीके से अभिव्यक्त कर सके। इससे वह अपने अधीनस्थों को स्पष्ट रूप से निर्देश दे पाएगा और किसी गफलत या गलतफहमी की गुंजाइश नहीं रहेगी। यही नहीं, आईएएस अधिकारियों को समय-समय पर उच्च पदों पर आसीन विशिष्ट व्यक्तियों से भी मिलना होता है। इन मौकों पर भी कम्युनिकेशन स्किल्स काम आती हैं।


आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग

भारत जैसे विधिताओं भरे देश में सरकारी मशीनरी का हिस्सा होने की सबसे बड़ी चुनौती यही है कि अलग-अलग इलाकों में समस्याओं में भी विविधता होती है और कोई एक ही समाधान हर जगह लागू नहीं होता। इसके अलावा, सीमित बजट में विभिन्न टारगेट पूरे करने होते हैं। ऐसी स्थितियों में बंधी-बंस्ईन लीक से हटकर सोचने और काम करने से बात बनती है।


वर्क एथिक्स

एक आईएएस अधिकारी में कार्य के प्रति अनुकरणीय नैतिकता होनी चाहिए। फिर वह समय पर ऑफिस पहुंचना हो या फिर सरकारी मशीनरी का निजी काम के लिए उपयोग न करना हो। वर्क एथिक्स आपको अपना काम बेहतर तरीके से अंजाम देने में तो मदद करते ही हैं, इनके माध्यम से आप अपने कनिष्ठों के सामने मिसाल भी पेश कर सकते हैं।


देशभक्ति

यह गुण तो एक आईएएस अधिकारी में होना ही चाहिए। आखिर उसे देश की सेवा ही तो करनी है। उसे भविष्य के भारत का निर्माण करना है। इसमें देशभक्ति का जज्बा उसका मार्ग प्रशस्त करेगा।