सरिता ने गीता फोगाट को हराकर जीता राष्ट्रीय खिताब

गोंडा :  सरिता मोर ने अपने दमखम और कौशल का अच्छा नमूना पेश करके शुक्रवार को यहां गीता फोगाट को हराकर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में महिलाओं के 59 किग्रा का खिताब जीता जबकि दिव्या काकरान और साक्षी मलिक जैसी स्थापित पहलवानों को हार का सामना करना पड़ा।


महिलाओं में 59 किग्रा सबसे मुश्किल भार वर्ग था क्योंकि विश्व चैंपियनशिप की तीन पदक विजेता खिताब की दौड़ में शामिल थी।


विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता सरिता मोर को केवल पूजा ढांडा (2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता) से ही चुनौती मिली। उन्होंने दो मुकाबलों में अपनी प्रतिद्वंद्वियों को चित किया और एक मुकाबले को अंकों के आधार पर जीता।


गीता फोगाट ने तीन साल तक मातृत्व अवकाश पर रहने के बाद प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी की। विश्व चैंपियनशिप 2012 की कांस्य पदक विजेता 32 वर्षीय गीता ने फाइनल में प्रवेश भी किया जहां उन्हें 26 वर्षीय सरिता ने 8-0 से हराया।


गीता ने इससे पहले आखिरी बार 2017 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और तब उन्होंने फाइनल में सरिता को हराया था।


सरिता ने बाद में कहा, ‘‘विश्व चैंपियनशिप के बाद मेरा मनोबल बढ़ा हुआ था। मैंने अपने आक्रमण पर काम किया और मुझे खुशी है कि मैंने जो अभ्यास किया उसका मुझे फायदा मिला।’’


गीता ने कहा कि फाइनल में 8-0 का स्कोर आहत करने वाला है लेकिन वह रजत पदक जीतकर खुश हैं।


उन्होंने कहा, ‘‘जीत और हार मायने नहीं रखती लेकिन जिस तरह की हार रही वह आहत करने वाली है। फाइनल में मैं अपनी रणनीति के अनुसार नहीं खेल पायी। मैंने सरिता को हावी होने का मौका दिया।’’


गीता की छोटी बहन संगीता ने 63 किग्रा का खिताब जीता। इस भार वर्ग में मनीषा ने साक्षी मलिक को 6-1 से हराकर बाहर किया। रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी पिछले कुछ समय से संघर्ष कर रही है और उन्हें घरेलू प्रतियोगिताओं में हार का सामना करना पड़ रहा है।


संगीता को अपने पहले मुकाबले में पंजाब की लवलीन कौर से कड़ी चुनौती मिली लेकिन इसके बाद उन्होंने हर अगले मैच में अच्छा प्रदर्शन किया।


अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता दिव्या काकरान को भी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें पिंकी ने हराया जिन्होंने बाद में स्वर्ण पदक जीता। कुलविंदर को रजत पदक मिला।


शिवानी पंवार और सिमरन ने भी 50 किग्रा भार वर्ग में प्रभावित किया। शिवानी ने तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाली सीमा बिस्ला को सेमीफाइनल में 7-2 से हराया और सिमरन को पराजित करके स्वर्ण पदक जीता।