नोएडा में घृणा अपराध से जुड़ी शिकायत पर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर न्यायालय में याचिका

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर एक वरिष्ठ नागरिक की शिकायत पर निष्पक्ष जांच एवं सुनवाई की मांग की गई है। वरिष्ठ नागरिक ने दावा किया है कि नोएडा में इस वर्ष जुलाई में कथित घृणा अपराध के मामले में उनसे गाली-गलौच की गई और उनका उत्पीड़न किया गया।


याचिका में जिला गौतमबुद्ध नगर (नोएडा, उत्तर प्रदेश) के कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के पहले के एक निर्देश के मुताबिक एहतियाती और उपचारात्मक उपाय करने में कथित तौर पर विफल रहने के लिए विभागीय या दंडात्मक कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की गई है। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ के समक्ष शुक्रवार को याचिका सुनवाई के लिए आई।


पीठ ने कहा कि नफरत भरे भाषण के मुद्दे पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ ही इस मामले पर सुनवाई होगी।


उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ता को छूट दे दी कि याचिका की प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के वकील एवं अन्य प्रतिवादियों को दें।


दिल्ली के रहने वाले याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह नोएडा में ‘‘घृणा अपराध’’ के पीड़ित रहे हैं, जहां इस वर्ष चार जुलाई को लोगों के एक समूह ने उनसे ‘‘गाली-गलौच की, उनका उत्पीड़न किया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई।’’


याचिका में दावा किया गया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के साथ ही संबंधित पुलिस अधिकारियों को कई बार आवेदन देने के बावजूद घटना के सिलसिले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


याचिका में आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता पर ‘‘उनकी दाढ़ी और मुस्लिम पहचान’’ के कारण हमला किया गया।