किसानों के वापस जाने से सूना हुआ एसकेएम मु्ख्यालय, पहले रहती थी खूब चहल-पहल

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों के अपने-अपने घरों की ओर लौटने के बाद शनिवार को सिंघू बॉर्डर पर स्थित संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के मुख्यालय में सन्नाटा पसर गया। कृषि कानूनों के निरस्त कर दिया गया है, जिनके खिलाफ किसानों ने लगभग एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया।


हरियाणा के कुंडली में प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बंद किये राजमार्ग पर टाइल के गोदाम में स्थित एसकेएम मुख्यालय आंदोलन के दौरान किसानों का केंद्र हुआ करता था। यहां अनिगन बैठकें और संवाददाता सम्मेलन हुए।


मुख्यालय के लोहे के जिस द्वार पर एसकेएम के स्वयंसेवक आगंतुकों पर नजर रखते थे, आज सुबह वहां सन्नाटा पसरा दिखा। किसान अपने तंबू और अन्य ढांचे उखाड़ने और सामान पैक करने में व्यस्त दिखे।


मुख्यालय के अंदर लगभग साठ साल की आयु के व्यक्ति बलिराम भोजन कर रहे थे। वह गोदाम में चौकीदार के तौर पर काम करते हैं।


बिहार के बेगुसराय के रहने वाले बलिराम ने कहा, ''इस जगह बहुत चहल-पहल रहती थी और किसान नेता यहां रोजाना बैठकें और चर्चा करते थे। अब देखिये, मैं यहां अकेला हूं।''


पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संघों के नेताओं ने एसकेएम मुख्यालय में अपनी कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिसमें पिछले बृहस्पतिवार को हुई एक बैठक भी शामिल है, जिसमें उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित करने और राजमार्ग खाली करने की घोषणा की थी।


एसकेएम 40 किसान संघों का नेतृत्व करने वाला संगठन है, जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों कानूनों को निरस्त करने और फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहा था।