रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट केस : संदिग्धों ने वकील व पुलिस के वेशभूषा में फाइल के साथ अंदर घुसने का शक

नई दिल्ली : दिल्ली की रोहिणी अदालत में हुए ब्लास्ट मामले की तफ्तीश में जुटी एजेंसियों को शक है कि संदिग्धों ने वकील व पुलिस के वेशभूषा में फाइल लेकर अंदर घुसे होंगे। दरअसल पिछले करीब छह दिनों से लगातार सीसीटीवी फुटेज खंगालने व डंप डाटा के आधार पर संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच के दौरान पुलिस को अबतक ऐसा कोई संदिग्ध हाथ नहीं लगा, जिस पर शक के आधार पर पूछताछ में कुछ पुख्ता हाथ लगा हो। इसलिए पुलिस को शक है कि परिसर में बम रखने वाला शक सुरक्षा एजेंसियों व लोगों को चकमा देने के लिए वकील व पुलिस की हाथ में फाइल व दस्तावेज लिए अंदर घुसा होगा, ताकि कोई उसपर शक न कर सके। बहरहाल ऐसे तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस मामले की तफ्तीश आगे बढ़ा रही है। 


फाइल व दस्तावेज वाले पहलू को लेकर जांच कारण यह है कि जिस लैपटॉप बैग में बम धमाका हुआ था, उस बैग में टिफिन बम के अलावा कुछ फाइल व उसमें रखे दस्तावेज की तरह कुछ कागज रखे थे। वह भी एकदम खाली। उसमें कुछ भी नहीं लिखा था और न ही कोई जरूरी फाइल ही थी। इस कारण यह माना जा रहा है कि आरोपी ने कोर्ट में घुसने के लिए खुद को या तो वकील या फिर पुलिस तरह दिखाने के लिए फाइल व दस्तावेजों की तरह दिखने वाले कागजों को साथ रखा हो। ताकि उसकी मंशा पर कोई भी शक न कर सके और वह आसानी से कोर्ट में बम रखकर निकल सके। बहरहाल पुलिस की शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि संदिग्धों ने ब्लास्ट करने के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया था। दरअसल जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि ब्लास्ट के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया गया था।


मामले की जांच में जुटी पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मॉनिटरिंग के अधार पर एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर दिखाई देने वाले हर संदिग्ध शख्स के बारे में जानकारी जुटा रही है और इनके बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है। घटना के बाद से चल रही इस जांच में स्पेशल सेल समेत तफ्तीश से जुड़ीं अन्य दूसरी यूनिट ने अबतक करीब 45 से ज्यादा लोगों के बारे में जांच कर चुकी है। स्पेशल सेल की अलग अलग टीमें इस ब्लास्ट की जांच में अलग-अलग पहलू पर अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही हैं। जांच टीम ब्लास्ट के पैटर्न को देखते हुए कुछ आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल भी राडार पर हैं। इसके मद्देनजर भी स्पेशल सेल की एक टीम अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है।


ब्लास्ट मामले की जांच में जुटी पुलिस फिलहाल हर एंगल को ध्यान में रखते हुए तफ्तीश कर रही है। पुलिस को इस मामले में कुछ नई जानकारी भी मिली हैं, जिसके आधार पर पुलिस आगे की तफ्तीश कर रही है। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक रोहिणी कोर्ट में हुए माइनर ब्लास्ट मामले में लोकल कनेक्शन बेहद अहम हो सकता है। किसी नौसिखिया अपराधी का किसी बड़े माइंडसेट के साजिशकर्ता के साथ कनेक्शन हो सकता है। इस कारण अब स्पेशल सेल की टीम इस इनपुट को ध्यान में रखते हुए लोकल कनेक्शन की तरफ भी अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।


उधर सूत्रों की मानें तो यह बात भी सामने आई है कि जिस दिन रोहिणी के कोर्ट नम्बर 102 में ब्लास्ट हुआ था, उस दिन उस कोर्ट में कोई बड़ा आतंकी या गैंगस्टर से जुड़े किसी बड़े मामले की सुनवाई नहीं होनी थी। और ना ही उस कोर्ट के द्वारा पिछले तीन सालों के दौरान किसी बड़े गैंगस्टर या आतंकी को कोई बड़ी सजा सुनाई गई है। वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर अबतक शक के आधार पर करीब 60 से ज्यादा संदिग्धों से पुलिस पूछताछ भी कर चुकी है। लेकिन स्पष्ट तौर पर अभी भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।