एनसीआर में साइबर ठगी की 50 वारदात करने वाले पांच गिरफ्तार

फरीदाबाद :  क्रेडिट कार्ड पर रिवार्ड प्वाइंट को कैश कराने का लुभावना आफर देकर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह के पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित एनसीआर में साइबर अपराध की करीब 50 वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पुलिस ने इनके खाते में पिछले एक साल में करीब 65 लाख रुपये का लेन-देन पाया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम विकास, रोहित, इमरान, मुजीब तथा अमानुल्लाह उर्फ गुड्डू हैं। आरोपित मुजीब उत्तर प्रदेश के बदायूं तथा बाकी आरोपित दिल्ली में रह रहे थे। 


आरोपित विकास तथा इसका एक साथी इन वारदात के मुख्य आरोपित हैं। विकास व इमरान पहले से तिहाड़ तथा सुमित मंडोली जेल में बंद थे, जिसमें से आरोपित विकास तथा इमरान को फरीदाबाद पुलिस द्वारा प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया। आरोपित जेल से ही साइबर ठगी की इन वारदात को अंजाम देते थे। रोहित तथा अमानुल्लाह जेल के बाहर से मोबाइल को जेल में फेंकते थे, जहां से आरोपित इमरान उसे विकास तक पहुंचाता था। विकास जेल से ही अपने साथियों के साथ मिलकर साइबर ठगी की वारदात करते थे। आरोपितों के खिलाफ साइबर थाना में षड्यंत्र रचने तथा धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। आरोपितों ने फरीदाबाद के रहने वाले यशपाल के क्रेडिट कार्ड से करीब 95 हजार रुपये की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था।


पुलिस उपायुक्त नीतीश अग्रवाल के अनुसार आरोपित शातिर किस्म के अपराधी हैं। आरोपित जस्ट डायल से इंडसइंड क्रेडिट कार्डधारकों का डाटा खरीदते थे। क्रेडिट कार्ड पर ट्रांजेक्शन करने से क्रेडिट कार्ड से कुछ रिवार्ड प्वाइंट मिलते हैं जिन्हें कैशबैक या कोई अन्य सामान खरीदने के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। इसी का फायदा उठाकर आरोपित क्रेडिट कार्डधारकों को फर्जी लिक भेजते थे और उन्हें रिवार्ड प्वाइंट को कैश करवाने का लुभावना आफर देते थे। आरोपित विकास का एक साथी रोजाना एक लाख लोगों को बल्क में एसएमएस भेजता था। इंडसइंड बैंक के क्रेडिट कार्डधारकों को अपना निशाना बनाते थे, जिन्होंने बैंक से मिलती-जुलती वेबसाइट बनवा रखी थी। आरोपित क्रेडिट कार्डधारक को रिवार्ड प्वाइंट रीडिम करवाने के नाम पर एक लिक भेजते थे और उस लिक पर क्लिक करते ही इंडसइंड बैंक से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट खुल जाती थी। इसमे कार्ड धारकों को अपनी क्रेडिट कार्ड की सारी जानकारी फिलअप करनी होती थी। वेबसाइट से आरोपितों के पास क्रेडिट कार्ड की सारी डिटेल पहुंच जाती थी। इसके अलावा आरोपित हाउसिग डाट काम वेबसाइट का उपयोग करते थे, जिस पर आमजन अपना-अपने मकान का रेंट भर सकते हैं। आरोपित इस वेबसाइट पर कार्डधारक के नाम से अकाउंट बनाकर उसमें वालेट बनाते थे और उसमें पैसा डालने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया जाता था, जिसके लिए कार्डधारक की ईमेल आइडी पर एक ओटीपी प्राप्त होता था। आरोपियों के पास कार्ड धारक की ईमेल का पासवर्ड पहले से होता है जो उन्हे फर्जी वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त हुआ था। आरोपित इस ईमेल आइडी को खोलकर उसमें से ओटीपी ले लेते थे और ईमेल को डिलीट कर देते थे। ओटीपी डालते ही क्रेडिट कार्ड से पैसा वेबसाइट के वालेट में आ जाता था, जिसके पश्चात उस वालेट से पैसे को आसानी से किसी भी बैंक अकाउंट में भेजा जा सकता है। आरोपी हाउसिग डाट काम वेबसाइट में अपना बैंक अकाउंट जोड़ देते थे और वालेट से पैसा सीधा आरोपियों के बैंक अकाउंट में आ जाता था। वारदात में आरोपित मुजीब फर्जी आइडी पर सिम उपलब्ध करवाता था। आरोपित रोहित ने हाउसिग डाट काम वेबसाइट पर अपना अकाउंट जोड़ रखा था, जिसमें इनको पैसे प्राप्त होते थे। आरोपित विकास तथा उसका एक साथी इसमें साइबर मुख्य साइबर क्रिमिनल है जो वर्ष 2017 से साथ मिलकर कई साइबर अपराध को अंजाम दे चुके हैं। आरोपितों के कब्जे से 9100 रुपये, वारदात में प्रयोग दो मोबाइल फोन व सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। आरोपित विकास के खिलाफ एनसीआर में साइबर ठगी के 18 मुकदमे दर्ज हैं। इसमे नौ मुकदमे दिल्ली, सात गुरुग्राम तथा दो मुकदमे फरीदाबाद के शामिल हैं। आरोपित इमरान के खिलाफ भी हत्या का एक मुकदमा दिल्ली में दर्ज है। आरोपित सुमित को मंडौली जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गिरफ्तार किया जाएगा।