भाजपा ने पुराने चेहरों पर खेला दांव, सभी विधायकों को टिकट

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए 10 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए गाजियाबाद की पांचों सीट पर भाजपा ने वर्तमान विधायकों को फिर से मैदान में उतार दिया है। गाजियाबाद शहर से अतुल गर्ग, साहिबाबाद से सुनील कुमार शर्मा, मुरादनगर से अजित पाल त्यागी, मोदीनगर से डा. मंजू शिवाच और लोनी से नंद किशोर गुर्जर भाजपा के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ेंगे। दरअसल, भाजपा से पांचों सीट पर 70 लोगों ने टिकट मांगा था। घोषणा के बाद विधायकों ने राहत की सांस ली है, तो वहीं दावेदारों को निराशा मिली है। सुनील शर्मा का यह चौथा चुनाव होगा तो अतुल गर्ग तीसरी बार मैदान में होंगे। बाकी तीनों उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में दूसरी बार उतरेंगे।

 

अतुल गर्ग (गाजियाबाद) पिछला चुनाव : 124,201 वोट (54.99) जीत का अंतर- 70,505 पूर्व महापौर स्वर्गीय दिनेश चंद्र गर्ग के बड़े बेटे अतुल गर्ग एमएमएच कालेज से बीकाम की डिग्री लेने के बाद से ही राजनीति में सक्रिय हैं। कविनगर निवासी अतुल आरएसएस और भाजपा के विभिन्न संगठनों में रहे। उनके खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है। पिछले चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रसाधन का राज्यमंत्री बनाया गया। मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में अतुल गर्ग को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली। सरकार बनने के बाद से ही वह राज्यमंत्री हैं।

 

अजित पाल त्यागी (मुरादनगर) पिछला चुनाव: 140,759 वोट (55.52) जीत का अंतर- 89,612 पूर्व मंत्री और छह बार विधायक रहे राजपाल त्यागी के बेटे अजित पाल त्यागी 2017 के चुनाव से डेढ़ माह पूर्व ही भाजपा में आए थे। पिता ने भी बेटे को जिताने के लिए भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इससे पहले अजित कांग्रेस के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। मामा नरेशपाल त्यागी की हत्या के आरोप में अजित के बड़े भाई गिरीश जेल में बंद हैं। इस मामले में काफी उठापठक होती रही। बावजूद इसके अजित पाल त्यागी की व्यक्तिगत छवि पर कोई दाग नहीं लगा। यही वजह है कि संगठन ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है।

 

सुनील कुमार शर्मा (साहिबाबाद) पिछला चुनाव: 262,741 वोट (61.70) जीत का अंतर-150,685 मोहन मीकिग्स सोसायटी निवासी सुनील कुमार शर्मा इकलौते भाजपाई हैं, जिन्हें संगठन की ओर से नियुक्त करने के बजाय कार्यकर्ताओं ने चुनावी प्रक्रिया में चुना था। बीए, एमए व एलएलबी डिग्रीधारक सुनील ने गाजियाबाद सीट से 2007 में जीत दर्ज कर इस सीट पर भाजपा की वापसी कराई थी। 2012 में साहिबाबाद सीट पर अमरपाल से हार मिली तो 2017 में उन्होंने बदला लिया और दोबारा विधायक बने। सुनील को उनकी छवि के आधार पर टिकट मिला है।

 

नंद किशोर गुर्जर (लोनी) पिछला चुनाव: 113,088 वोट (41.19) जीत का अंतर पोस्ट ग्रेजुएट और एलएलबी करने वाले नंद किशोर गुर्जर छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के नेता समेत तमाम दिग्गजों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर लोनी सीट से जीत हासिल कर महारथियों की जमानत जब्त कराई थी। विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने वाले नंद किशोर गुर्जर का विवादों से गहरा नाता रहा है। कोविडकाल में भी प्रशासनिक अधिकारियों पर आक्सीजन की कालाबाजारी के आरोप लगाने वाले नंद किशोर गुर्जर को उनकी कट्टर छवि के लिए जाना जाता है।

 

डा. मंजू शिवाच (मोदीनगर) पिछला चुनाव: 108,631 वोट (50.32) जीत का अंतर- 66,582 डा. मंजू शिवाच मोदीनगर में पति देवेंद्र के साथ अस्पताल चलाती हैं। उत्तराखंड की मूल निवासी मंजू मोदीनगर की बैंक कालोनी में रहती हैं। गैर राजनीतिक परिवार से आने वाली मंजू ने मोदीनगर से ही समाजसेवा के साथ उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर उन्होंने मोदीनगर से जीत दर्ज की थी। पूर्व में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रहीं मंजू को बेदाग छवि के कारण संगठन ने दोबारा मौका दिया है। उन पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है।