धंसने से 21 घरों में दरार आई

उत्तराखंड के जोशी मठ जैसी आपदा जम्मू-कश्मीर में आई है। जम्मू के डोडा में जमीन धंसने से 21 घरों में दरारें आ गई हैं। सूचना मिलने पर पहुंचे थथरी के SDM ने बताया कि आपदा पीड़ितों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। घटना के कारणों की जांच के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पहुंच गई है।

डोडा के जिलाधिकारी अतहर अमीन ने बताया कि जिले में दिसंबर में कुछ घरों में दरारों की सूचना मिली थी। गुरुवार तक छह और इमारतों में दरारें आ गई हैं। ये बढ़ती जा रही हैं। सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है। क्षेत्र दरक रहा है।

उत्तराखंड के जोशी मठ में 849 घरों में दरारें
इससे पहले उत्तराखंड के जोशी मठ में 849 घरों में दरारें देखी गईं। इनमें से 155 निजी भवन और 10 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से असुरक्षित माना गया है। इस कारण अभी तक इनमें रहने वाले 237 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है।

जोशी मठ में कब-क्या हुआ?

  • 27 दिसंबर: जोशीमठ के घरों में दरारें आने के बाद लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद प्रशासन की तरफ से इंजीनियर्स और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की। इसके बाद जोशीमठ के घरों में दरारें बढ़ती गईं, जब हालात ज्यादा बिगड़ गए तो राज्य और केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया।
  • 6 जनवरी: करीब 500 घरों और इमारतों में दरारें आने से लोगों में डर बढ़ गया। प्रभावित घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर निकालने का काम तेज किया गया।
  • जोशीमठ में घरों में दरारें आने के बाद अब शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है।
  • 7 जनवरी: उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी हालात का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे। इस दौरान चमोली के DM हिमांषु खुराना ने बताया कि समस्या कुछ ही इलाकों में है। CM ने प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।
  • 8 जनवरी: जोशीमठ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक हाई लेवल मीटिंग की। जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है। PM मोदी ने राज्य के CM धामी से इस मुद्दे पर बात की।
  • 9 जनवरी: शाम को जोशीमठ की इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की एक टीम पहुंची। टीम ने जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी। 478 घरों और 2 होटलों को डेंजर जोन घोषित किया गया। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया। 9 जनवरी तक 81 परिवारों को विस्थापित किया गया।
  • 10 जनवरी: जोशीमठ में 2 होटल गिराए जाने की कार्रवाई को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दिया गया। होटल मालिकों ने कहा कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है। साथ ही उन्होंने मुआवजे की मांग भी उठाई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अर्जेंट हियरिंग करने से इनकार कर दिया।
  • 11 जनवरी: जोशीमठ के 723 घरों में दरारें दिखने लगीं। CM धामी ने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और डेढ़ लाख रुपए की मदद देने की बात कही। CM ने बताया कि 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा।
  • 12 जनवरी: जोशीमठ के 50 से ज्यादा अन्य घरों में दरारें देखी गईं, पहले यह आंकड़ा 723 था। लोगों ने कहा कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति कैसे छोड़ दें। सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि शाम तक प्रभावितों के खाते में 1.5 लाख रुपए पहुंच जाएंगे।
  • जोशीमठ अपनी जगह से सालाना ढाई इंच खिसक रहा, घर ढह रहे, लोग बेघर हो रहे। वजह सरकारी प्रोजेक्ट। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 8 जनवरी को घोषणा- ‘फिलहाल, सभी बड़े प्रोजेक्ट बंद कर दिए हैं।
  • उत्तराखंड के जोशीमठ में जिन घरों में दरारें आई हैं, उनके रहवासियों को अभी डेढ़ लाख रुपए की मदद की जाएगी। 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा। एक हफ्ते में सर्वे पूरा होगा और उसके बाद ये मदद दी जाएगी।