लोकतंत्र को खतरे के खिलाफ कार्रवाई पर सहमति के लिए जी7 मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे जयशंकर

लंदन : विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार शाम जी7 समूह देशों के नेताओं के साथ पहली बार मुलाकात करेंगे और लोकतंत्र को खतरे जैसे बेहद महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर सहमति के लिए दुनिया के अग्रणी लोकतांत्रिक देशों के कुछ विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से यह पहला बड़ा राजनयिक सम्मेलन है जो ऑनलाइन नहीं हो रहा। यह 2019 के बाद जी7 विदेश मंत्रियों की पहली बैठक है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब इस चर्चा का नेतृत्व करेंगे, जिसमें लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को कमजोर करने का खतरा पैदा करने वाले भूराजनैतिक मुद्दों पर बात होगी। इन मुद्दों में रूस, चीन और ईरान के साथ संबंध, म्यांमा में संकट तथा इथियोपिया एवं सीरिया में मौजूदा हिंसा जैसे मामले शामिल हैं। लंदन स्थित लैंकास्टर हाउस में जी7 देशों - कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के विदेश मंत्री, यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्री तथा अतिथि देशों भारत, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका के मंत्री और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) विदेश मंत्रियों की बैठक के अध्यक्ष सम्मेलन में शामिल होंगे। सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित रहेगा। राब ने कहा, ‘‘ब्रिटेन को ऐसे वक्त में जी7 की अध्यक्षता करने और लोकतांत्रिक समाज को एकसाथ लाने तथा एकजुटता प्रदर्शित करने का अवसर मिला, जब साझा चुनौतियों और बढ़ते खतरों से निपटने के लिए इसकी सबसे अधिक जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया, भारत और कोरिया गणराज्य तथा दक्षिण अफ्रीका से हमारे मित्रों समेत आसियान के अध्यक्ष का जुड़ना जी7 में हिंद प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।’’ विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि ब्रिटेन एक मेजबान देश के नाते बैठक के दौरान जी7 एवं हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच सहयोग एवं मजबूत कारोबारी संबंध विकसित करने, स्थिरता सुनिश्चित करने के अलावा जलवायु परिवर्तन से निपटने में ब्रिटेन का दृष्टिकोण रखेगा। जयशंकर सोमवार को लंदन पहुंचे और बृहस्पतिवार को केंट में राब के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है।