कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर की विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर ममता ने 2021 में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एक्शन लिया होता तो आज उनकी बेटी जिंदा होती।
विक्टिम के पिता बोले- 'CBI अपना काम कर रही है। जो लोग इस मर्डर से किसी भी तरह जुड़े हैं, या जो सबूतों की छेड़छाड़ में शामिल हो सकते हैं, उन सबकी जांच हो रही है। जो जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे तकलीफ में हैं। वे मेरे बच्चों जैसे हैं। उन्हें ऐसे देखकर हमें भी तकलीफ होती है।
जिस दिन आरोपियों को सजा दी जाएगी, उस दिन हमारी जीत होगी। साल 2021 में भी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, अगर मुख्यमंत्री ने तब संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती तो मेरी बेटी जिंदा होती।'
डॉक्टर ने प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया
जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार-बुधवार रात करीब 2 बजे बताया कि वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। डॉक्टरों की गवर्निंग बॉडी की बैठक शाम 6:30 बजे शुरू हुई थी, जो रात 1 बजे तक चली। जूनियर डॉक्टरों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। हम सरकार से दोबारा बातचीत करना चाहते हैं।
संदीप घोष और अभिजीत मंडल की तीन दिन की CBI हिरासत बढ़ी
कोलकाता के सियालदाह कोर्ट ने संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के SHO अभिजीत मंडल की CBI हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान CBI के वकील ने कहा कि घोष और मंडल से कॉल रिकॉर्डिंग, DVR, CCTV और घटना से जुड़े अन्य डेटा के बारे में आगे की जांच की जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पूछताछ के दौरान बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे थे, लिहाजा इस मामले में उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ जरूरी है।
ममता सरकार ने पुलिस कमिश्नर को पद से हटाया
मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाया था। उनकी जगह मनोज वर्मा नए कमिश्नर होंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस कमिश्नर समेत स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को हटाने की मांग की थी।
स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया है।
इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए हैं। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलिजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO EFR सेकंड बटालियन का नाम शामिल है।
16 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच बैठक हुई थी। इसके बाद ममता ने कहा था कि उन्होंने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली हैं। CM ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा था वे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगी।
अस्पताल में वित्तीय अनियमितता मामले में ED का छापा
दूसरी तरफ, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता मामले में मंगलवार को कोलकाता में फिर से छापा मारा। एजेंसी ने एक नर्सिंग होम सहित कई जगहों पर तलाशी ली।
वित्तीय अनियमितता मामले में ED की यह तीसरी रेड है। एजेंसी ने 6 सितंबर को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था। 12 सितंबर को घोष के पिता सत्य प्रकाश घोष के घर सहित कई ठिकानों पर तलाशी ली थी।
घोष पर कॉलेज के प्रिंसिपल रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप है। इस मामले में CBI ने घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। CBI ने रेप-मर्डर केस में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में 14 सितंबर को SHO अभिजीत मंडल के साथ संदीप घोष को फिर से गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार का काम
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (17 सितंबर) को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टरों की नाइट ड्यूटी खत्म करने के फैसले पर बंगाल सरकार को फटकार लगाई।
CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? उन्हें कोई रियायत नहीं चाहिए। सरकार का काम उन्हें सुरक्षा देना है। पायलट, सेना जैसे सभी प्रोफेशन में महिलाएं रात में काम करती हैं।
कोर्ट की फटकार पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बंगाल सरकार की तरफ से कहा कि सरकार महिला डॉक्टरों की ड्यूटी 12 घंटे तक सीमित करने और नाइट ड्यूटी पर रोक लगाने वाले अपने फैसले वापस ले लेगी।
कोर्ट ने विकिपीडिया को मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और तस्वीर हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट 24 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा।
CJI बोले- अस्पतालों में 18-23 साल की डॉक्टर्स काम कर रहीं, वहां पुलिस होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर प्राइवेट एजेंसियों के सुरक्षाकर्मियों की नियुक्त पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम रहे लोगों को 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और वे पूरे अस्पताल में घूमते हैं। इनके जरिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
कोर्ट ने कहा कि रेप-मर्डर मामले का मुख्य आरोपी भी एक सिविक वॉलंटियर ही है। बंगाल में 28 सरकारी अस्पताल हैं। वहां 18-23 साल की युवा डॉक्टर काम कर रही हैं। राज्य के 45 मेडिकल कॉलेजों में लड़कियां 12वीं कक्षा के बाद आती हैं। वे बहुत छोटी हैं। उनमें इंटर्न भी हैं। ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूरी तरह से असुरक्षित है।
CJI ने कहा कि राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पुलिस बल तैनात करना चाहिए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भी प्रोग्रेस काफी स्लो है। वहां 415 अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाने की मंजूरी मिली है, लेकिन अब तक सिर्फ 36 लगे हैं।