नोएडा में 3.5 करोड़ की जमीन पर गरजा बुलडोजर, अथॉरिटी ने कई दुकानों को किया ध्वस्त

सेक्टर-42 स्थित पांच प्रतिशत विकसित भूखंड पर कब्जा कर भूमाफिया अवैध रूप से दुकानों को निर्माण करा रहे थे। इसका वाणिज्यिक उपयोग जल्द होने वाला था।

जानकारी पर बृहस्पतिवार वर्क सर्किल-3 वरिष्ठ प्रबंधक राजकमल के नेतृत्व में प्राधिकरण पुलिस साथ तोड़फोड़ टीम पहुंची, उन्होंने अवैध निर्माण ध्वस्त कर एक हजार वर्ग मीटर जमीन को अपने कब्जे में लिया।

जमीन की कीमत करीब 3.5 करोड़ रुपये आंकी गई है। कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से इसका विरोध किया गया, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल व अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों केा शांत कराया और समझाकर वापस भेज दिया।

बता दें कि अब तक करीब छह लाख वर्गमीटर जमीन को अवैध कब्जा मुक्त कराया जा चुका है, जिसकी कीमत करीब दो हजार करोड़ रुपये के आसपास है। प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने स्पष्ट कहा कि अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ऐसे में जो लोग भी निवेश कर रहे है वह पहले प्राधिकरण से भूमि संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर ले। वर्क सर्किल तीन वरिष्ठ प्रबंधक राज कमल ने बताया कि प्राधिकरण का अवैध निर्माण हटाने का अभियान जारी है।

इसी क्रम में यह कार्रवाई हुई है। आवासीय मद की यह जमीन थी, जिस पर कब्जा कर कुछ लोगों की ओर से अवैध तरीके से दुकानों को बनाकर व्यवसायिक इस्तेमाल करने का प्रयास किया जा रहा था।

यह प्राधिकरण की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन है। बार बार नोटिस देने के बाद भी अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया। ऐसे में प्राधिकरण ने सुबह अभियान चलाकर यहां अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। इस दौरान प्राधिकरण के 50 कर्मचारियों के साथ दो जेसीबी रही। वहीं स्थानीय पुलिस मौजूद रही।


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कोटे में कोटा के विरोध में बिहार में ट्रेन-हाइवे जाम, राजस्‍थान-MP में नहीं खुले स्‍कूल; पंजाब में बंद का विरोध

सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने की इजाजत देने के फैसले के विरोध में बुधवार को दलित-आदिवासी संगठनों ने 14 घंटे का भारत बंद का आह्वान किया है।

नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने कोर्ट के इस फैसले को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। साथ ही मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए।

भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में नजर आ रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्‍यप्रदेश में भी पुलिस-प्रशासन अलर्ट है।  भारत बंद में दलित व आदिवासी संगठनों के अलावा राजनीतिक पार्टियां भी समर्थन कर रही हैं।

इनमें बहुजन समाजवादी पार्टी, समाजवादी पार्टी, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी (काशीराम),  भारत आदिवासी पार्टी, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, एलजेपी (R) और झारखंड में झामुमो समेत कई पार्टियों शामिल हैं। कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है। 

भारत बंद का असर राज्‍यवार

बिहार में सबसे ज्यादा असर

बिहार में भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर नारेबाजी की। इससे गाड़ियों की आवाजाही रुक गई। प्रदर्शनकारियों ने  आरा और दरभंगा में ट्रेनें रोकीं। इसके अलावा जहानाबाद, सहरसा और पूर्णिया में हाईवे जाम कर दिया, जिससे आम लोगों को खासा परेशानी हो रही है। नवादा और छपरा समेत कई शहरों में नारेबाजी और प्रदर्शन जारी। 

पटना में प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की। शहर में डाकबंगला चौराहे बेरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पहले वाटर केनन चलाई, फिर लाठीचार्ज की।

राजस्थान में स्कूल बंद

राजस्थान के सवाई माधोपुर प्रदर्शनकारियों डंडे लहराते हुए नारेबाजी की। राज्‍य में जयपुर समेत 16 जिलों में स्कूल बंद हैं। अनहोनी की आशंका को देखते हुए भरतपुर में एहतियातन इंटरनेट बंद कर दिया गया है। अलवर में रोडवेज की बसों की आवाजाही भी रोक दी गई है। अजमेर और जोधपुर में प्रदर्शन जारी है।

मध्य प्रदेश: दुकानदार और प्रदर्शनकारी भिड़े

मध्य प्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन में बाजार बंद कराने को लेकर दुकानदारों की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई।इसके अलावा, आज ग्वालियर में एहतियातन स्कूल बंद हैं।

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सख्त

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में भारत बंद को लेकर प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और नारेबाजी की। इसके अलावा, मुरादाबाद, मेरठ, कासगंज, एटा और बरेली में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए हैं। गाजियाबाद और नोएडा में भारत बंद बेअसर रहा है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है।

पंजाब में बंद का विरोध

पंजाब के फाजिल्का के बाजारों में भारत बंद का जरा भी असर नजर नहीं आया। यहां हर रोज की तरह ही बाजार और स्‍कूल खुले हैं। यातायात भी जारी है। यहां कई शहरों में एक पक्ष में बंद का आह्वान तो दूसरा भारत बंद का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।

झारखंड में  बैनर लिए सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी

झारखंड की राजधानी रांची में भारत बंद के समर्थकों ने SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़क पर टायर जलाकर विरोध किया। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा और झामुमो के लोग हाथों में बैनर लिए सड़क पर उतरे और नारेबाजी की। 



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हर घंटे तीन सेमी बढ़ रहीं गंगा-यमुना, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

जिले में बारिश के बाद गंगा-यमुना के जल स्तर में पुन: वृद्धि शुरू हो गई है। पहाड़ों पर हो रही वर्षा के कारण यहां पानी आने का क्रम लगातार जारी है। बारिश के बाद शुक्रवार को तेजी के साथ दोनों नदियों में हलचल तेज दिखी। जल स्तर की गति धीमी है लेकिन इसमें निरंतरता बनी हुई है।

शुक्रवार की सुबह आठ बजे गंगा नदी में फाफामऊ का जल स्तर 78.28 मीटर था जो रात आठ बजे 78.40 पहुंच गया। 12 घंटे में 12 सेंटीमीटर यहां जल स्तर में वृद्धि रिकार्ड की गई। वहीं, छतनाग में 75.97 मीटर से जल स्तर बढ़कर 76.31 हो गया, यहां 12 घंटे में 34 सेमी पानी बढ़ा है।

यमुना नदी में नैनी में जल स्तर सुबह 76.65 मीटर था जो रात आठ बजे 32 सेमी बढ़कर 76.97 मीटर हो गया। जबकि एक दिन पहले गुरुवार से शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अुनसार फाफामऊ में छह सेंटीमीटर, छतनाग में 12 सेंटीमीटर, नैनी में यमुना का जल स्तर 17 सेंटीमीटर ही बढ़ा है।

शुक्रवार को अचानक तेजी आने से फिर से बाढ़ के संकेत मिलने लगे हैं। गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से लगभग आठ मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन बीते 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो अगस्त महीने के अंत तक जल स्तर के खतरे के निशान के आस-पास पहुंचने की संभावना है।

हालांकि जल स्तर जैसे जैसे बढ़ेगा उसका फैलाव कछारी इलाके में होगा, इससे तेज गति मंद पड़ेगी। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी को खास कर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है।

प्रयागराज में बड़ी संख्या में तटीय इलाके में बने घरों में किराये के कमरे में छात्र रहते हैं। पानी बढ़ने से छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली कछार, दारागंज आदि इलाकों में 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंचने लगी है।

गंगा-यमुना

चेतावनी लेवल - 83.73 मीटर

खतरे का निशान - 84.73 मीटर

सेवटी नदी पर बना रपटा डूबा, आधा दर्जन गांवों का टूट गया संपर्क

कोरांव क्षेत्र में लपरी, सेवटी व अन्य पहाड़ी नदियों में उफान आ गया है। लपरी नदी के किनारे बसे बिसरी व जमुआ गांव में नदी पार करने के लिए बनाया गया रास्ता पूरी तरह से पानी में डूब गया है। सेवटी नदी पर छड़गड़ा गांव में बनाया गया रपटा भी पानी में डूबा हुआ है।

क्षेत्र के कोरांव-कोहड़ार घाट मार्ग से जुड़े बिसरी संपर्क मार्ग पर लपरी नदी में उफान के कारण रपटा के तीन फिट ऊपर पानी बह रहा है। शुक्रवार सुबह से ही गांव के लोगों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है। छड़गड़ा गांव में बना रपटा डूबने से भी कई गांव की आवाजाही प्रभावित है।

तहसीलदार राजेश कुमार पाल ने बताया की जिन गांवों में नदियों में उफान के कारण रपटे डूबे हुए हैं, वहां क्षेत्रीय लेखपालों के माध्यम से लोगों को आवागमन में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया जा रहा है।

जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से लगभग आठ मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन बीते 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो महीने के अंत तक जल स्तर के खतरे के निशान के पास पहुंचने की संभावना है।

जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी को खासकर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है। पानी बढ़ने से कछारी क्षेत्र में रहने वाले 50 हजार से अधिक लोगों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं।


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'इजरायल को चुकानी होगी भारी कीमत', ईरान ने हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या पर दे डाली धमकी

हमास चीफ इस्माइल हानिया की आज एयरस्ट्राइक हमले में मौत हो गई। ईरान की राजधानी तेहरान में उसके आवास पर एयर स्ट्राइक की गई। इस हमले में वो और उसका बॉडीगार्ड मारा गया। हमास चीफ का मारा जाना इजरायल के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है।

ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पूर्व कमांडर मोहसेन रेजाई ने बुधवार को इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है। रेजाई ने कहा कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के लिए इजरायल को "भारी कीमत चुकानी पड़ेगी"। 

हमारे भाई की मौत बेकार नहीं जाएगी- अबू जुहरी

हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू जुहरी ने कहा, हमारे भाई (इस्माइल हानिया) की मौत के बाद भी इजरायल अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकेगा। हमास एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा है। एक संस्था है। हमास जीत की ओर निरंतर बढ़ता जाएगा। वहीं, हमास ने धमकी दी है कि उसके चीफ की मौत बेकार नहीं जाएगी। हमास इस हत्या का बदला जरूर लेगा।

हमास ने इजरायल पर लगाए हत्या के आरोप

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बुधवार को तेहरान में इस्माइल हानिया की मौत की पुष्टि कर दी है। हमास ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है।

दरअसल, पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजरायल में हमला किया था। इस हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 250 लोगों को बंधक बनाया गया था। इस हमले के बाद से हमास के टॉप लीडर्स इजरायल के निशाने पर हैं।

2019 में हानिया ने छोड़ी थी गाजा पट्टी

हानिया ने 2019 में गाजा पट्टी छोड़ दी थी और कतर में रह रहे थे। गाजा में हमास के शीर्ष नेता येह्या सिनवार हैं, जिसने 7 अक्टूबर के हमले की साजिश रची थी। इससे पहले अप्रैल में हानिया के परिवार पर इजरायल की ओर से हमला किया गया था।

इजरायली एयरस्ट्राइक में हमास के तीन बेटे और चार पोते मारे गए थे। हमास ने इस हमले को आतंकी कार्रवाई बताया था। कुछ समय पहले इस्माइल हानिया ने कहा था कि इजरायल के साथ इस जंग में उसके परिवार के 60 लोगों की मौत हुई है। इजरायल से इस जंग में फिलिस्तीन में अब तक करीब 38 हजार लोग मारे गए हैं।


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यूपी में आईएएस अधिकारियों के तबादले, दीक्षा जैन को मिली कानपुर सीडीओ की कमान

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों को तबादलों की लिस्ट जारी की गई। मुख्य विकास अधिकारी कानपुर नगर सुधीर कुमार को नगर आयुक्त कानपुर बनाया गया है।

करीब एक माह से केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल अतिरिक्त नगर आयुक्त का काम देख रहे थे। इसी तरह कानपुर विकास प्राधिरकरण (केडीए) में करीब तीन साल से सचिव के पद पर तैनात शत्रोहन वैश्य का तबादला कर दिया गया है। उन्हें मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) फिरोजाबाद बनाकर भेजा गया है। वहीं दीक्षा जैन सीडीओ फिरोजाबाद को कानपुर नगर का सीडीओ बनाया गया है

सिद्धार्थ को मिली एडीएम वित्त कानपुर की कमान

न्यू कानपुर सिटी योजना को धरातल पर उतारने में शत्रोहन वैश्य का काफी योगदान रहा है। उनके कार्यकाल में किसानों से बातकर के रजिस्ट्री शुरु करायी। अब तक 30 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री करायी जा चुकी है।

वहीं, एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार को रामपुर भेजा गया है। सिद्धार्थ को एडीएम वित्त एवं राजस्व कानपुर नगर बनाया गया है।


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सीएम योगी की मंत्र‍ियों के साथ बैठक खत्‍म, मंत्री स्‍वतंत्र देव स‍िंह ने बताया क‍ि बैठक में विकास परियोजनाओं बाढ़ की स्थिति के मुद्दे पर चर्चा हुई

उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा क‍ि बैठक में विकास परियोजनाओं, बाढ़ की स्थिति आदि पर चर्चा की गई। उन्‍होंने कहा क‍ि सभी 10 सीटें जीतनी हैं, इसलिए (विधानसभा उपचुनाव) पर भी चर्चा की गई। बता दें, विधानसभा उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बैठक बुलाई थी, ज‍िसमें सभी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रभारी बनाए गए मंत्री शामिल हुए। हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों के अलावा संगठन से एक-एक पदाधिकारी की तैनाती की गई है।

इन सीटों पर होना है उपचुनाव

लोकसभा चुनाव में नौ विधायकों के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई कटेहरी, मिल्कीपुर, करहल, फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद, मीरापुर, कुंदरकी व खैर विधानसभा सीटों के अलावा कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव होना है।

सीसामऊ की सीट सपा के विधायक इरफान सोलंकी को सात वर्ष की सजा होने के बाद रिक्त हो गई है। करहल, कुंदरकी, कटेहरी, मिल्कीपुर व सीसामऊ सीटों पर जहां सपा का कब्जा रहा है वहीं फूलपुर, खैर व गाजियाबाद सीट भाजपा की रही है। मीरापुर की सीट पर एनडीए के सहयोगी दल रालोद तथा मझवां की सीट पर निषाद पार्टी का विधायक रहा है।

सीएम योगी ने अपने हाथों में ली कमान

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी अहम हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने उपचुनाव की कमान स्वयं अपने हाथों में ले ली है।


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यूपी के स्कूलों में बदल गए हैं नियम, शिक्षकों का वेतन कटने तक की आई नौबत, हर महीने DIOS के पास जाएगी रिपोर्ट

राजकीय माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने अगर अब बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं की तो उनका वेतन कटेगा। अभी तक यह व्यवस्था लागू होने के बावजूद मनमाने ढंग से हाजिरी दर्ज की जा रही थी। उनका वेतन भी नहीं काटा जा रहा था लेकिन अब सख्ती की जाएगी। उनका वेतन बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के आनलाइन उपस्थिति के बहिष्कार के बीच अब माध्यमिक स्कूलों में सख्ती शुरू कर दी गई है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकाें (डीआइओएस) को निर्देश दिए गए हैं कि वह शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अब बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाएं। प्रधानाचार्य हर महीने बायोमीट्रिक उपस्थिति का ब्योरा डीआइओएस कार्यालय भेजेंगे और उसी आधार पर वेतन बनेगा। जितने दिन की उपस्थिति नहीं होगी उतने दिन का वेतन काट दिया जाएगा।

18 अगस्त वर्ष 2022 को यह व्यवस्था राजकीय माध्यमिक स्कूलों में लागू की गई थी लेकिन शिक्षक व कर्मचारी इस आदेश का मनमाने ढंग से पालन कर रहे हैं। तमाम विद्यालयों में तो बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए लगाई गई मशीन भी खराब है। फिलहाल अब उन्हें इस व्यवस्था का पालन करना ही होगा। उधर दूसरी ओर परिषदीय स्कूलों में बीते आठ जुलाई से यह व्यवस्था लागू की गई है लेकिन शिक्षक इसका लगातार बहिष्कार कर रहे हैं।

छह लाख परिषदीय शिक्षकों में से मात्र 588 ने लगाई उपस्थिति

परिषदीय स्कूलों में शिक्षक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें उपस्थिति दर्ज कने के लिए आधा घंटे की छूट और तकनीकी गड़बड़ी होने पर स्कूल समय में कभी भी हाजिरी लगाने की सहूलियत दिए जाने के बावजूद वह विरोध कर रहे हैं। शनिवार को छह लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों में से केवल 588 ने ही आनलाइन उपस्थिति दर्ज की।

उधर, फतेहपुर से सपा सांसद नरेश चंद्र उत्तम पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को 25 अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, 18 आकस्मिक अवकाश, 30 अर्जित अवकाश और 15 वर्ष में प्रोन्नति की सुविधा देने की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षकों के साथ अन्याय न किया जाए

राजकीय माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने अगर अब बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं की तो उनका वेतन कटेगा। अभी तक यह व्यवस्था लागू होने के बावजूद मनमाने ढंग से हाजिरी दर्ज की जा रही थी। उनका वेतन भी नहीं काटा जा रहा था लेकिन अब सख्ती की जाएगी। उनका वेतन बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के आनलाइन उपस्थिति के बहिष्कार के बीच अब माध्यमिक स्कूलों में सख्ती शुरू कर दी गई है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकाें (डीआइओएस) को निर्देश दिए गए हैं कि वह शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अब बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाएं। प्रधानाचार्य हर महीने बायोमीट्रिक उपस्थिति का ब्योरा डीआइओएस कार्यालय भेजेंगे और उसी आधार पर वेतन बनेगा। जितने दिन की उपस्थिति नहीं होगी उतने दिन का वेतन काट दिया जाएगा।

18 अगस्त वर्ष 2022 को यह व्यवस्था राजकीय माध्यमिक स्कूलों में लागू की गई थी लेकिन शिक्षक व कर्मचारी इस आदेश का मनमाने ढंग से पालन कर रहे हैं। तमाम विद्यालयों में तो बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए लगाई गई मशीन भी खराब है। फिलहाल अब उन्हें इस व्यवस्था का पालन करना ही होगा। उधर दूसरी ओर परिषदीय स्कूलों में बीते आठ जुलाई से यह व्यवस्था लागू की गई है लेकिन शिक्षक इसका लगातार बहिष्कार कर रहे हैं।

छह लाख परिषदीय शिक्षकों में से मात्र 588 ने लगाई उपस्थिति

परिषदीय स्कूलों में शिक्षक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें उपस्थिति दर्ज कने के लिए आधा घंटे की छूट और तकनीकी गड़बड़ी होने पर स्कूल समय में कभी भी हाजिरी लगाने की सहूलियत दिए जाने के बावजूद वह विरोध कर रहे हैं। शनिवार को छह लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों में से केवल 588 ने ही आनलाइन उपस्थिति दर्ज की।

उधर, फतेहपुर से सपा सांसद नरेश चंद्र उत्तम पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को 25 अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, 18 आकस्मिक अवकाश, 30 अर्जित अवकाश और 15 वर्ष में प्रोन्नति की सुविधा देने की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षकों के साथ अन्याय न किया जाए


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नोएडा में घर बनाना हुआ महंगा, आवासीय से लेकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी तक के भूखंडों के इतने बढ़ गए दाम

नोएडा में आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्तियों की आवंटन दरों में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। संस्थागत उपयोग के अंतर्गत कॉर्पोरेट ऑफिस और व्यावसायिक संपत्तियों की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।

यह निर्णय शुक्रवार को लखनऊ में हुई नोएडा प्राधिकरण की 214 वीं बोर्ड बैठक में लिया गया। लखनऊ स्थित पिकअप भवन में आयोजित बोर्ड बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने की।

इसमें नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम, ग्रेनो प्राधिकरण सीईओ रवि कुमार एनजी, यमुना प्राधिकरण सीईओ अरूणवीर सिंह समेत बोर्ड के अन्य सदस्य शामिल रहे।

नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि आवासीय भूखंड की श्रेणी ए, बी औ सी में करीब 17500 वर्ग मीटर जमीन के तहत करीब 50 भूखंड खाली पड़े हुए हैं। अब नए रेट लागू होने पर इन भूखंडों को प्राधिकरण बेचेगा। औद्योगिक व संस्थागत संपत्तियों के हिसाब से शहर को तीन वर्गों में बांटा हुआ है।

आवासीय दरों में 6 प्रतिशत का इजाफा

जहां तक आवासीय भूखंडों का सवाल है, शहर को ए प्लस से ई तक छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जबकि ए प्लस (सेक्टर 14 ए, 15 ए, और 44 ए और बी) में भूमि आवंटन दर सबसे अधिक है और ई में सबसे कम है

प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ए प्लस से ई श्रेणी के सेक्टर के लिए प्रचलित दरों में 6 प्रतिश की वृद्धि की है। हालांकि श्रेणी ए प्लस आवासीय भूखंडों की दर 1.75 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर पर ही रहेगी।

ए श्रेणी के सेक्टरों (14, 17, 19, 30, 35, 36, 39, 44, 47, 50, 51, 52, 93, 93ए और 93बी) में भूखंडों की दर 1.18 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ा दी गई है। 1.25 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर। बी, सी, डी और ई के लिए दरें 82,420 रुपये से 45,380 रुपये से बढ़ाकर 87,370 रुपये से 48,110 रुपये तक कर दी गई हैं।

आवासीय भूखंडों के लिए प्राधिकरण ने पाया कि ई-नीलामी में बोलियां अधिकतर रिजर्व प्राइज से 30 प्रतिश अधिक होती हैं। जिसमें उपलब्ध भूखंड की तुलना में आवेदनों की संख्या काफी अधिक होती है।

6 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद ग्रुप हाउसिंग की दर

ग्रुप हाउसिंग संपत्तियों को भी ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किया जाता है, जिसमें भूखंड के स्थान और बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन की बोली लगाई जाती है। इस उद्देश्य के लिए, शहर को पांच में वर्गों में वर्गीकृत किया गया है- ए से ई तक।

जबकि प्रचलित दरें 1.03 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से 65,250 प्रति वर्गमीटर तक हैं, उन्हें बढ़ाकर 1.09 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से 69,170 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है।

वर्ग मीटर श्रमिक कुंज और ईडब्ल्यूएस आवासीय भवनों की दरें 10,140 रुपये प्रति वर्गमीटर पर अपरिवर्तित रहेंगी।

फेस वन, फेज टू और फेस तीन के अलावा आईटी-आईटीईएस एवं डाटा सेंटर उपयोग की परिसंपत्तियों की आवंटन दरों में भी 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।

बीते सालों में व्यावसायिक संपत्तियों के बेहद कम खरीदार आए हैं। इसको देखते हुए इस संपत्ति की आवंटन दरें यथावत रखी गई हैं।

औद्योगिक भूखंड की दर में इजाफा

औद्योगिक भूखंड आवंटन के लिए शहर को तीन फेज में बांटा गया है। फेज-1 में सेक्टर 1 से 11, 16 और 16 ए आते हैं। दूसरे फेज में सेक्टर- 80, 140, 150 और 160 के दशक के औद्योगिक क्षेत्र आते हैं, जबकि तीसरे फेज में कई सेक्टर है।

यहां मौजूदा दरें अधिकतम 44,800 रुपये और न्यूनतम 16,020 रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़कर अधिकतम 47,490 रुपये और न्यूनतम 16,990 रुपये प्रति वर्गमीटर हो गई हैं।


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यूपी में 10 आईपीएस के तबादले, 6 जिलों के पुलिस कप्तान बदले

शासन ने एक बार फिर से यूपी में 10 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। एटा से पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात राजेश कुमार सिंह को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नेट कानपुर नगर बनाया गया है। वहीं एटा पुलिस अधीक्षक के पद पर श्याम नारायण सिंह को बनाया गया है। 

गौरव बंशवाल, पुलिस अधीक्षक, प्रशिक्षण एवं सुरक्षा लखनउ को वाराणसी में पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। शामली के एसपी अभिषेक का तबादला एसपी बिजनौर के पद पर किया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक बिजनौर के पद पर तैनात नीरज कुमार जादौन को हरदाेई का एसपी बनाया गया है।

जालौन से गाजीपुर भेजे ईराज राजा

ईराज राजा जो पुलिस अधीक्षक जालाैन थे, उनका तबादला गाजीपुर के लिए किया गया है। रामसेवक गौतम, पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नेट कानपुर नगर से शामली के पुलिस अधीक्षक बनाकर भेजे गए हैं।

जालौन के एसपी बने दुर्गेश कुमार

केशव चंद गोस्वामी का तबादला पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना मुख्यालय, लखनऊ के लिए किया गया है। गाजीपुर के एसपी डॉक्टर ओमवीर सिंह, पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नेट, लखनऊ बनाए गए हैं। दुर्गेश कुमार को जालौन का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।


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121 लोगों की मौत के 8 द‍िन बाद योगी सरकार का बड़ा एक्‍शन

हाथरस में सत्‍संग के बाद हुई भगदड़ के मामले में योगी सरकार ने बड़ा एक्‍शन ले लिया है. इस हादसे की एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद शासन ने सिकंदरामऊ एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित 6 अधिकारी सस्‍पेंड कर दिए हैं. रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी समुचित जानकारी नहीं दी गई.

SIT की रिपोर्ट में हाथरस हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक को मुख्य जिम्मेदार तो बताया ही गया है, साथ ही स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है. जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने यह कार्रवाई की है. दो सदस्यीय जांच समिति द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट में मुख्‍य तौर पर यह भी कहा गया है कि इस घटना में साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसमें गहन जांच की जरूरत है.

जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि ‘एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है. जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत है.’

आगे कहा गया है कि जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है. स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं. उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया.

जांच कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया. एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है. इसके बाद उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है.



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