शादी के लिए 28 KM पैदल चला दूल्हा

ओडिशा के रायगढ़ा जिले में कॉर्मशियल गाड़ियों के ड्राइवरों की हड़ताल एक दूल्हे के परेशानी का सबब बन गई। उसे 28 किमी पैदल चलकर दुल्हन के घर पहुंचना पड़ा। दरअसल, दूल्हा और उसके परिवार के लोग गुरुवार को कल्याणंसिंहपुर ब्लॉक के सुनाखांडी पंचायत से बारात लेकर निकले थे, लेकिन हड़ताल की वजह से वे लोग गाड़ियों की व्यवस्था नहीं कर सके, जिसके बाद उन लोगों ने पैदल चलने का फैसला किया।

पूरी रात चलने के बाद दिबालापाडु पहुंचे। यहां शुक्रवार को विवाह संपन्न हुआ। जानकारी के मुताबिक, शादी होने के बाद दूल्हे पक्ष के लोग दुल्हन के घर में रुके रहे। हड़ताल वापसी का इंतजार करते रहे।

बारात के लिए चार SUV का इंतजाम था
22 साल के दूल्हे नरेश प्रस्का ने बारात के लिए चार SUV का इंतजाम किया था, लेकिन जब ड्राइवर हड़ताल पर चले गए, तो काफी मुश्किल हुई। नरेश ने कहा- हमने टू व्हीलर्स पर शादी के लिए जरूरी सामान भेजा। इसके बाद आठ महिलाओं सहित परिवार के लगभग 30 सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों ने चलने का फैसला किया। यह एक लंबी यात्रा थी, लेकिन एक यादगार अनुभव भी था।

परिवार वाले बोले- हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं था
दूल्हे और उसके परिवार के पूरी रात पैदल चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दूल्हे के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वाहन चालकों की हड़ताल की वजह से कोई भी ड्राइवर चलने के लिए तैयार नहीं था। हम पूरी रात पैदल चलकर लड़की वाले के घर पहुंचे। हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं था।

हड़ताल की वजह क्या थी
ओडिशा में ड्राइवरों के एक संगठन एकता महासंघ ने बीमा, पेंशन और कल्याण बोर्ड गठित करने को लेकर बुधवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी। हालांकि, सरकार के अश्वासन के बाद ड्राइवरों ने अपनी हड़ताल 90 दिनों के लिए स्थगित कर दी है।

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संपूर्ण जीवन और वैदिक ज्ञान का सार

नई दिल्ली: श्रीमद्भगवद्गीता को गीतोपनिषद भी कहा जाता है। ये हमारे संपूर्ण जीवन और वैदिक ज्ञान का सार है। आप सभी जानते है इस महाग्रंथ के वक्ता स्वयं विष्णु अवतार श्री कृष्ण जी है। इस ग्रंथ के सभी पृष्ठ ज्ञान के सार से भरे हुए है। इस महाग्रंथ में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहते है की मैं तुम्हे इस परम रहस्य को इसीलिए प्रदान कर रहा हु क्योंकि तुम मेरे मित्र और भक्त हो। इससे ये ज्ञात होता है की ये महाग्रंथ विशेष रूप से भगवदभक्त भक्तो के निमित्त है। अध्यात्मवादियो की तीन श्रेणियों है। 

1. ज्ञानी2. योगी3. भक्त इस महाग्रंथ में भगवान कृष्ण अर्जुन कहते है की वे उनको इस परंपरा का सबसे पहला पात्र बना रहे है। क्योंकि उस समय प्राचीन परंपरा खंडित हो गई थी। वे चाहते थे की द्रोणशिष्य अर्जुन इस महाग्रंथ का प्रमाणिक विद्वान बने। आप सभी जानते भी है इस महाग्रंथ का उपदेश केवल विशेष रूप से अर्जुन के लिए ही दिया गया था। क्योंकि आप सभी जानते भी है अर्जुन कृष्ण भगवान का भक्तप्रत्यक्ष शिष्यतथा घनिष्ठ मित्र था। जिस व्यक्ति में अर्जुन जैसे गुण पाए जाते है वो इस महाग्रंथ को सबसे अच्छी तरह समझ सकता है। मेरे इस वाक्य का साधारण सा अर्थ है इस महाग्रंथ को पूर्ण रूप से समझने के लिए भक्त को भगवान से सच्ची भावना सच्चे मन और सच्चे भाव से समर्पित होना चाहिए। जैसे ही कोई सच्ची भावना के साथ भगवान का भक्त बन जाता है उसका सीधा संबंध भगवान से बन जाता है। अर्थात मुंह में राम बगल में छुरी वाली भावना नहीं होनी चाहिए। आज मैं  भगवान और भक्त के मध्य होने वाले कुछ संबंध आपके सामने रख रहा हूंआशा करता हूँ आपको अच्छे से समझ में आएगा।

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राहुल ने 7 बार विदेश से मोदी सरकार को घेरा

नई दिल्ली :'जो लोग प्रधानमंत्री मोदी या उनकी सरकार पर सवाल उठाते हैं, उस पर हमला किया जाता है। BBC के साथ भी यही हुआ। मेरे फोन की जासूसी होती है। विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। भारत में विपक्षी नेता के तौर पर यह एक ऐसा दबाव है, जो लगातार झेलना पड़ता है।'

यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का है। यह 7वीं बार है जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती से मोदी सरकार की आलोचना की है। दरअसल, राहुल ब्रिटेन के 7 दिनों के दौरे पर हैं।

राहुल के बयान पर BJP ने ऐतराज जताया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल विदेशी धरती पर भारत को बदनाम कर रहे हैं।

लंदन में ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन हो रहा था। राहुल गांधी इस सम्मेलन में BJP सरकार पर हमला बोलते हैं। राहुल कहते हैं, ‘आवाज के बिना आत्मा का कोई मतलब नहीं है, भारत की आवाज दबा दी गई है। कांग्रेस अब भारत के लिए लड़ रही है। यह एक वैचारिक लड़ाई है। पाकिस्तान की तरह ED, CBI जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके राज्यों और संस्थानों को खोखला किया जा रहा है।’

राहुल ने आगे कहा था कि भारत की स्थिति इस वक्त ठीक नहीं है, BJP ने पूरे देश में केरोसिन छिड़क दिया है। एक चिंगारी और हम सब एक बड़े संकट में पहुंच जाएंगे। ये जिम्मेदारी भी कांग्रेस की है वो लोगों को एक साथ लेकर आए और लोगों का गुस्सा और जो आग लोगों के बीच है उसे शांत किया जाए। राहुल ने इस दौरान भारत की तुलना पाकिस्तान से की थी।

उन्होंने कहा कि जो रूस यूक्रेन में कर रहा है ठीक वही पैटर्न चीन भारत में डोकलाम और लद्दाख में दिखा रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना तैनात कर रखी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इंकार करता है।

राहुल गांधी उस वक्त कांग्रेस के अध्यक्ष थे और जर्मनी के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री उस पर बात नहीं करना चाहते। चीन हर रोज 50 हजार लोगों को रोजगार देता है, जबकि भारत में रोजाना 400 लोगों को ही रोजगार मिलता है।

राहुल गांधी ने इस दौरान मोदी की तुलना ट्रंप जैसे पॉपुलर नेताओं से की। उन्होंने कहा कि लोगों की रोजगार जैसी समस्याएं सुलझाने के बजाय ये नेता उनके गुस्से का फायदा उठाते हैं। ऐसा करके ये लोग देश को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों को अब सरकारी लाभ नहीं मिलता। गरीबों की योजनाओं का पैसा अब महज चंद बड़े कॉरपोरेट को दिए जा रहे हैं।

राहुल गांधी ने आतंकी संगठन IAS के बनने का जिक्र करते हुए आगाह किया या कि अगर विकास की प्रक्रिया से लोगों को बाहर रखा गया, तो इसी तरह के हालात देश में पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बाहर रखना 21वीं सदी में बेहद खतरनाक है। अगर 21वीं सदी में आप लोगों को नजरिया नहीं देते हैं तो कोई और देगा।

राहुल ने कहा कि चीन के साथ डोकलाम में गतिरोध नहीं हुआ होता, अगर प्रधानमंत्री मोदी खुद सावधान रहते। उन्होंने कहा कि डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं था। यह एक प्रक्रिया का हिस्सा था। यदि प्रधानमंत्री सावधानी से पूरी प्रक्रिया पर नजर रखते तो इसे रोका जा सकता था।

3. मार्च 2018 मलेशिया : नोटबंदी का प्रस्ताव मैं कचरे के डिब्बे में फेंक देता

मलेशिया दौर के समय राहुल गांधी ने 2016 में हुई नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था। राहुल ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता और कोई मुझे नोटबंदी करने के प्रस्ताव की फाइल देता, तो मैं उसे कचरे के डिब्बे में, कमरे से बाहर या कबाड़खाने में फेंक देता।’

उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह इसे लागू करता, क्योंकि मेरे हिसाब से नोटबंदी के साथ ऐसा ही किया जाना चाहिए, क्योंकि यह किसी के लिए भी अच्छी नहीं है।’

सिंगापुर के ली कुआन यी स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के पैनल डिस्कशन में बोलते हुए राहुल ने कहा था कि भारत की परिकल्पना ही इसमें है कि भले ही व्यक्ति किसी भी धर्म, जाति या भाषा से संबंध क्यों न रखता हो, उसे अपने घर जैसा महसूस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिंसा का सहारा ले रहे हैं। जबकि हमारा दृष्टिकोण लोगों को जोड़ने का है।

राहुल ने कहा था कि अगर आप मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपने देश की किस बात पर गर्व होता है तो यह बहुलवाद का विचार है। यह विचार है कि भारत में लोग जो चाहें कह सकते हैं, कुछ भी कर सकते हैं, और उन्हें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा था कि लोग इंसाफ के लिए न्यायपालिका के पास जाते हैं, लेकिन पहली बार चार जज इंसाफ के लिए लोगों के पास आए। राहुल ने आरोप लगाया कि व्यवस्था पर और न्यायपालिका पर बहुत ही आक्रामक और संगठित हमला हो रहा है।

अगर आप प्रेस से, उद्योग जगत के लोगों से बात करेंगे तो वे भी आपको बताएंगे कि हम डरा हुआ महसूस करते हैं। इसलिए आमतौर पर डर का माहौल है।

5. जनवरी 2018 बहरीन : सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार विदेश दौरे पर बहरीन पहुंचे थे। राहुल ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में आज विचित्र स्थिति है। सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और गुस्से में दिखाई दे रहे हैं।

सरकार इससे बचने के लिए जातीय व धार्मिक उन्माद पैदा करवा रही है। देश में बांटने वाली ताकतें तय कर रही हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

देश में विघटन की स्थिति पैदा हो रही है। दलितों को पीटा जा रहा है, पत्रकारों को धमकाया जा रहा है। उनका विश्वास है कि आम चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी को हराकर फिर नया भारत बनाएगी।

साल 2017 के सितंबर में अपने दो हफ्ते के अमेरिकी दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बर्कले की मशहूर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई।

उन्होंने कहा था कि आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है। हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है क्योंकि इसमें मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है। अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है, हालांकि यही एक ऐसी विचारधारा है जो मानवता को आगे ले जा सकती है।

राहुल ने कहा था, ‘हमने सूचना का अधिकार दिया, लेकिन मोदी सरकार ने इसे दबा दिया। अब सरकार में क्या हो रहा है, लोगों को नहीं पता। सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो रही हैं, उदारवादी पत्रकारों को गोली मार दी जा रही है।

राहुल ने कहा था कि भारत में 30 हजार युवा हर दिन जॉब मार्केट में आते हैं, मगर उनमें से सिर्फ 450 को ही रोजगार मिल पाता है। यह परिस्थिति आज भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। रोजगार की समस्या इसलिए पनप रही है, क्योंकि आजकल सिर्फ टॉप 100 कंपनियों पर ही फोकस किया जा रहा है। अगर रोजगार बढ़ाने हैं तो छोटी और मझोली कंपनियों को भी बढ़ावा देना होगा।

पॉलिटिकल एक्सपर्ट से राहुल द्वारा विदेश में सरकार की आलोचना करने का 5 मकसद जानिए

1. विपक्ष का काम ही है आलोचना करना : राशिद किदवई

  • पॉलिटिकल एक्सपर्ट राशिद किदवई कहते हैं कि राजनीतिक दलों का काम ही आलोचना करना होता है। सकारात्मक बात करने से कोई फायदा नहीं होता है। जब BJP विपक्ष में थी तो वो भी यही काम करती थी।
  • BJP पूरे समय जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की आलोचना करती थी। सितंबर 2014 में मैडिसन स्क्वायर में भी प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं।

2. सोशल मीडिया के जमाने में देश-विदेश की बात करना जायज नहीं

  • किदवई कहते हैं कि आज जब हर चीज रियल टाइम पर सबको मिल रही है तो ऐसे में देश और विदेश की बात करना कहीं से जायज नहीं हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिर्फ भारत में तो है नहीं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति चाहे चंडीगढ़ में बोले या लंदन में उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
  • आज संचार माध्यमों को जो स्वरूप है वो हर जगह मौजूद है। ऐसे में ये कहना कि राहुल गांधी देश को बदनाम कर रहे हैं ये सही नहीं है।
  • देश में विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच जो राजनीतिक शिष्टाचार का भाव होता है उसका अभाव है। इसलिए जो आरोप लगाए जाते हैं वो काफी तीखे और व्यक्तिगत होते हैं।
  • राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन मनभेद होना अटपटा होता है।
  • 3. देश में रहेंगे तो सरकार की आलोचना करेंगे और विदेश में जाएंगे तो सरकार की तारीफ ऐसा कोई नियम नहीं : अभय दुबे
    • पॉलिटिकल एक्सपर्ट अभय दुबे कहते हैं कि कोई भी जो भारत का नागरिक है, वो कहीं भी भारत के बारे में, उसकी व्यवस्था के बारे में बात कर सकता है।
    • राहुल विपक्ष के नेता हैं तो सरकार की आलोचना ही करेंगे। ये कौन सा नियम है कि देश में रहेंगे तो सरकार की आलोचना करेंगे और विदेश में जाएंगे तो सरकार की तारीफ करेंगे।
    • सरकार देश का पर्याय नहीं है। सरकार अस्थायी है यानी आती जाती रहती हैं और देश स्थायी होता हैं। इसलिए सरकार के कामों की आलोचना भी होगी और तारीफ होगी।
    • प्रधानमंत्री मोदी भी विदेश में जाते हैं तो नेहरू की आलोचना करते हैं। कहते हैं कि आजादी के 70 साल में कुछ नहीं हुआ। यह सब उन्होंने विदेशी धरती पर ही कहा है।
    • 4. राहुल को कोई फायदा नहीं मिलने वाला
      • किदवई कहते हैं कि राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक यात्रा की है। इस दौरान चीन से लेकर कई मुद्दों पर बात की।
      • अगर उसका राजनीति रूप से यानी गुजरात और पूर्वोत्तर के चुनावों में असर नहीं हुआ तो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से कहने से भी कोई असर नहीं होगा।
      • राहुल गांधी कोई ऐसी बात तो बोल नहीं रहे हैं जो देश में नहीं बोले हों। राजनीतिक दल इसमें जरूर ऐसी कोशिश करते हैं कि राहुल गांधी देश के प्रति संवेदनशील नहीं है।

      5. भारतीय संघ और भारत सरकार के बीच का भेद मिटाने की कोशिश हो रही

      • किदवई बताते हैं कि देश में इस वक्त भारतीय संघ और भारत सरकार के बीच का भेद मिटाने की कोशिश हो रही है। मतलब एक नागरिक होने के नाते जो मेरी कटिबद्धता देश के प्रति होगी वह सरकार के प्रति नहीं होगी।
      • इस वक्त अगर आप सरकार की आलोचना करते हैं तो ऐसा माहौल बनाया जाता है कि आप देश की आलोचना कर रहे हैं।
      • वैसे ही राहुल और कई विपक्षी दलों की साख की कमी है। ऐसे मामले आने पर सरकार जानबूझकर इनकी साख कमजोर करने की कोशिश करता है।
      • ऐसा भी नहीं है कि विपक्ष बहुत भोला-भाला है। मौका आने पर विपक्ष भी सरकार की नीयत और निष्ठा पर सवाल उठाता है।

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17 साल की बेटी ने पिता को लिवर दिया

केरल में 17 साल की लड़की ने अपने पिता को लिवर डोनेट किया है। ऐसा करके वह देश की सबसे कम उम्र की ऑर्गन डोनर बन गई है। लड़की का नाम देवनंदा है और वह 12वीं की स्टूडेंट है। देवनंदा के पिता गंभीर लिवर रोग से जूझ रहे थे और लिवर ट्रांसप्लांट ही उनके इलाज का तरीका था।

देश के ऑर्गन डोनेशन नियमों के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र के लोग अंगदान नहीं कर सकते हैं। ऐसे में देवनंदा ने केरल हाईकोर्ट से विशेष इजाजत मांगी, जिसे कोर्ट ने मान लिया। कोर्ट की इजाजत मिलने के बाद देवनंदा ने 9 फरवरी को अपने पिता प्रतीश को लिवर का एक टुकड़ा डोनेट किया। देवनंदा की बहादुरी को देखकर अस्पताल प्रशासन ने सर्जरी का बिल भी माफ कर दिया।

सितंबर 2022 में पहली बार दिखे थे लिवर डिजीज के लक्षण
त्रिशूर की रहने वाली देवनंदा बताती हैं कि उनके पिता कैफे चलाते है। पिछले साल सितंबर में ओणम के समय उनके पिता जब काम से घर लौटते थे, तो उनके पैर सूजे होते थे। उस वक्त उसके पिता की बहन की ब्रेस्ट कैंसर से मौत हुई थी और सब इस दुख से उबर रहे थे, इसलिए किसी ने पिता की हालत पर गौर नहीं किया।

उसके पिता प्रतीश का दो महीने में ही 20 किलो वजन बढ़ गया। वे अक्सर थकान और पैरों में दर्द की बात करते थे। परिवार ने उनका ब्लड टेस्ट करवाया, जिसमें रिपोर्ट्स नॉर्मल आई। परिवार उनकी सेहत को लेकर चिंतित था, तो CT स्कैन समेत उनके कई और टेस्ट कराए गए।

इनकी रिपोर्ट्स को देवनंदा की आंटी के पास भेजा, जो नर्स हैं। उन्होंने कहा कि लिवर में कुछ गड़बड़ दिख रही है, इसे चेक कराना चाहिए। तब वे लोग प्रतीश को लेकर राजगिरी अस्पताल गए जहां यह साफ हुआ कि उन्हें लिवर में बीमारी के साथ कैंसर है। इसके बाद सिर्फ एक ही रास्ता बचा- लिवर ट्रांसप्लांट।

रेयर ब्लड ग्रुप के चलते नहीं मिला कोई डोनर
इसके बाद देवनंदा के परिवार ने उसके पिता के लिए डोनर तलाशना शुरू किया। उनका ब्लड ग्रुप B- है, जो रेयर होता है। परिवार में किसी का ब्लड ग्रुप उनसे मैच नहीं हुआ। उन्होंने परिवार के बाहर डोनर ढूंढे, लेकिन जो भी मिला उसने 30-40 लाख रुपए की डिमांड की। इतने पैसे देना देवनंदा के परिवार के लिए संभव नहीं था। देवनंदा कहती हैं कि अफसोस इस बात का भी था कि मेरा ब्लड ग्रुप O+ है।

उन्होंने आगे बताया कि जब कहीं से डोनर नहीं मिला तो राजगिरी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि O+ यूनिवर्सल डोनर होता है, लिहाजा वह अपने लिवर का एक हिस्सा अपने पिता को डोनेट कर सकती है, लेकिन परिवार, डॉक्टर्स और देवनंदा के पेरेंट्स समेत हर कोई इसके खिलाफ था।

एक महीने की एक्सरसाइज में लिवर को बनाया डोनेशन के लिए फिट
जैसे-तैसे देवनंदा ने परिवार और डॉक्टरों को मनाया, लेकिन जब उसके लिवर का टेस्ट हुआ तो पता चला कि उसका अपना लिवर ही स्वस्थ नहीं है। ऐसे लिवर के पार्ट को वह डोनेट नहीं कर सकती थी, लेकिन देवनंदा ने हार नहीं मानी।

उसने डॉक्टरों से अपने लिए डाइट चार्ट और एक्सरसाइज बताने को कहा जिससे लिवर को स्वस्थ्य बनाया जा सके। देवनंदा ने एक महीने तक डाइट फॉलो की और एक्सरसाइज की। एक ही महीने में उसका लिवर स्वस्थ हो गया और वह लिवर का पार्ट डोनेट करने के लिए फिट हो गई।

जब कानून आया आड़े, देवनंदा ने कानून को दी चुनौती
इसके बाद देवनंदा के सामने सबसे बड़ी चुनौती आई। देश के कानून के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र के लोग यानी नाबालिग ऑर्गन या ऑर्गन टिश्यू डोनेट नहीं कर सकते हैं। देवनंदा ने इस बाधा को भी पार करने की ठानी।

उसने इंटरनेट पर आर्टिकल्स और मेडिकल जर्नल खोजे ताकि पता चल सके कि इस तरह का कोई केस पहले हुआ है या नहीं। उसे एक ऐसा केस मिला जिसमें माइनर लड़की को अपना लिवर डोनेट करने की इजाजत दी गई थी, लेकिन किसी कारण से सर्जरी नहीं हो सकी।

इस मामले को आधार बनाकर उसने अपने अंकल की मदद से नवंबर 2022 में केरल कोर्ट में अर्जी दाखिल की। उसने अर्जी मे लिखा कि ह्यूमन ऑगर्न्स एंड टिश्यू एक्ट, 1994 के मुताबिक, कोई नाबालिग जीते जी अपने अंगदान नहीं कर सकता है, लेकिन 2011 में इस एक्ट में संशोधन हुआ था, जिसके मुताबिक अगर उचित कारण दिए जाएं तो यह नियम बदल सकता है।

एक्सपर्ट पैनल को मनाया, पिता को लिवर डोनेट किया
कोर्ट ने 3 डॉक्टरों के एक्सपर्ट पैनल का गठन किया, जिसने पहले तो इस डोनेशन के लिए मना कर दिया, लेकिन देवनंदा की कोशिशों के चलते एक्सपर्ट पैनल मान गया। आखिरकार 9 फरवरी को देवनंदा ने अपने लिवर का एक हिस्सा अपने पिता को डोनेट किया।

एक हफ्ते अस्पताल में रिकवरी के बाद देवनंदा अब डिस्चार्ज होकर घर आ गई है। उसने बताया कि मैं 12वीं की परीक्षाओं की तैयारी कर रही हूं और अपने पिता के घर आने का इंतजार कर रही हूं। डॉक्टरों ने मुझे बताया है कि उनकी बीमारी लौट सकती है, लेकिन मैं उनके लिए प्रार्थना कर रही हूं और उनके लिए ईश्वर से भी लड़ सकती हूं।

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रविशंकर बोले- नीतीश से बिहार संभलता नहीं, देश संभालने चले

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नीतीश कुमार से बिहार तो संभल नहीं रहा है और वे देश संभालने की बात कर रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने यह बात नीतीश के उस बयान के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के 100 सीटों पर सिमटने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि नीतीश का PM बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा क्योंकि देश की जनता PM मोदी और उनकी लीडरशिप पर यकीन करती है।

रविशंकर ने कहा कि नीतीश कई बार प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने की इच्छा जता चुके हैं, जबकि उनसे अपना राज्य ही नहीं संभल रहा है। नीतीश कुमार हों या कोई और, उन्हें यह पता होना चाहिए कि PM मोदी की लीडरशिप में देश ने बहुत तरक्की की है, जबकि नीतीश तो अभी तक अपनी राजनीतिक विश्वसनीयता भी नहीं बना पाए हैं।

कांग्रेस भाव नहीं दे रही, लालू के चक्कर में फंसे
रविशंकर प्रसाद ने न्यूज एजेंसी से कहा- बिहार के CM नीतीश कुमार को क्या हो गया है? वे बिहार को संभालने में सक्षम नहीं हैं। राज्य संकट में है। उनकी पार्टी में अराजकता है। कांग्रेस उन्हें भाव नहीं दे रही है, इसके बाद भी वे लालूजी के चक्कर में फंस गए हैं और रात में सपने देखने लगे है। नीतीश बाबू देवगौड़ा या इंद्र कुमार गुजराल बनना चाहते हैं। वे यह नहीं देख रहे हैं कि PM मोदी के नेतृत्व में भारत आगे बढ़ रहा है।

गिरिराज सिंह ने भी नीतीश को घेरा था
इससे पहले 18 जनवरी को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला था और कहा था कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब हैं। गिरिराज सिंह ने कहा था नीतीश कुमार के दिमाग में प्रधानमंत्री बनने के लड्डू फूट रहे हैं। नीतीश कुमार 17 साल तक बिहार में विकास नहीं कर पाए। उनकी 'समाधान यात्रा' इस बात का सबूत है कि विकास नहीं हो सका।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा था कि जब केसीआर बिहार गए तो केसीआर के दिमाग में था कि नीतीश कुमार उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएंगे जबकि नीतीश ने सोचा था कि केसीआर उन्हें (नीतीश कुमार) उम्मीदवार बनाएं। लालू जी के साथ नीतीश कुमार कांग्रेस से मिले थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

अब जानिए नीतीश कुमार ने क्या कहा था?

पटना में शनिवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-ML) के अधिवेशन में नीतीश ने कहा था- अब कांग्रेस को निर्णय लेना होगा कि 2024 में क्या रणनीति होनी चाहिए और विपक्षी एकता को किस तरह से मजबूत करना चाहिए। यदि कांग्रेस इस बात पर तैयार हो जाए तो 2024 में भाजपा 100 सीटों के अंदर सिमट कर रह जाएगी।

नीतीश की सलाह पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने जवाब दिया था। उन्होंने कहा- नीतीश कुमार जी जो आप सोचते हैं, वो कांग्रेस भी सोचती है। बस बात इतनी सी है कि पहले आई लव यू कौन कहेगा।

विपक्षी एकता का मैसेज दे रहे हैं नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों विपक्षी एकता को एकजुट करने की कवायद शुरू की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के बिना भाजपा को हराया नहीं जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस को विपक्षी एकता में शामिल करना ही होगा। कुछ लोगों ने सहमति जताई तो कुछ लोगों ने असहमति जताई थी।

पिछले साल लालू यादव के साथ नीतीश कुमार कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई थी। तब ये कयास लगाई जाने लगी कि नीतीश कुमार के फॉर्मूले से कांग्रेस सहमत नहीं है।

नीतीश कुमार का क्या है फॉर्मूला?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फॉर्मूला यह है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई भी विवाद नहीं होना चाहिए। किसी एक चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल बस इस उद्देश्य से चुनाव लड़ें कि भाजपा को हराना है और जब भाजपा हार जाएगी और विपक्षी एकता जीत जाएगी तो मिल बैठकर प्रधानमंत्री के चेहरे का फैसला कर लिया जाएगा।

अब ऐसे में कांग्रेस ने इस बात को लेकर अपनी सहमति नहीं दी थी। नीतीश कुमार बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस को फैसला लेना है और यदि कांग्रेस फैसला ले ले तो आगे की राह आसान हो जाएगी।

महाधिवेशन में भाग लेने लेखिका अरुंधति रॉय भी पटना आईं

माले का 11वां राष्ट्रीय महाधिवेशन पटना के एसकेएम हॉल में चल रहा है। 16 फरवरी से यह महाधिवेशन जारी है। 15 फरवरी को माले की ओर से पटना के गांधी मैदान मे बड़ी रैली की गई थी। महाधिवेशन में भाग लेने चर्चित लेखिका और सोशल एक्टिविस्ट अरुंधति रॉय भी पटना आईं। महाधिवेशन में दुनिया के 11 देशों से नेता पहुंचे। देश-दुनिया की वर्तमान समस्याओं के समाधान पर विस्तार से चर्चा हुई। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट पर भी मंथन हुआ।

 


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लड़की पर गंडासे से हमला, बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सिरफिरे शख्स ने नाबालिग लड़की के घर में घुसकर उस पर गंडासे से हमला कर दिया। खून से लथपथ लड़की जान बचाने के लिए भागी तो युवक ने उसका पीछा किया और सड़क पर उसके बाल पकड़कर घसीटने लगा। इस दौरान आरोपी ने अपने ऊपर भी हमला किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

घटना गुढ़ियारी इलाके की है। परिजनों के मुताबिक उनकी लड़की आरोपी ओंकार तिवारी के मसाला सेंटर में काम करती थी। तिवारी ने लड़की की मां से कहा था- मुझे अपनी बेटी दे दो, मैं उसे पत्नी बनाकर रखूंगा। घर वालों ने इससे इनकार कर दिया था। इसी बात से नाराज होकर ओंकार तिवारी ने घटना को अंजाम दिया है। 

गर्दन और शरीर के कई हिस्सों पर आई चोट
परिजनों ने बताया कि शनिवार रात सनकी ओंकार तिवारी गंडासा लेकर उनके घर में घुसा। फिर परिवार के लोगों के साथ बदसलूकी की। लड़की को पीटा और फिर उसके गर्दन और शरीर के कई हिस्सों पर गंडासे से हमला कर दिया। इस दौरान खून से लथपथ लड़की बचने के लिए बाहर भागी, लेकिन वह दौड़ते ही सड़क पर गिर पड़ी। लड़की के परिजन भी उसे संभालने की कोशिश करते रहे। तब तक बदमाश ने फिर से लड़की पर हमला कर दिया। 

1 से डेढ़ घंटे तक सड़क पर खतरनाक मंजर
कई लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया है। इसमें नजर आता है कि खून से लथपथ लड़की दर्द से कराह रही है और आरोपी ओंकार उसके बाल पकड़कर खींचता हुआ सड़क पर बेधड़क आगे बढ़ रहा है। उसके हाथ में गंडासा भी है। इस दौरान आसपास लोग भी आते-जाते दिख रहे हैं, लेकिन कोई लड़की को बचाने की कोशिश नहीं कर रहा।

सड़क के बीचों-बीच यह वाकया एक से डेढ़ घंटे तक चलता रहा, लेकिन पुलिस को कुछ पता ही नहीं चला। जबकि घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर गुढ़ियारी थाना भी है। कुछ लोगों ने जब घटना की जानकारी दी, तब प्रशासन हरकत में आया और युवक को गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल लड़की का इलाज चल रहा है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

लड़की को जलाने की तैयारी में था आरोपी
परिजनों का कहना है कि आरोपी ओंकार तिवारी के पास केरोसिन भी मिला है। जब वह लड़की के घर पहुंचा तो इसके पास मिट्टी का तेल मौजूद था। लड़की पर यह तेल डालकर उसे जलाने की कोशिश भी आरोपी करने वाला था। फिलहाल पुलिस आरोपी और लड़की के परिजनों से पूछताछ कर रही है। लड़की की हालत ठीक होने पर पुलिस उसका भी बयान लेगी।

आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज

गुढ़ियारी थाना प्रभारी अलेक्जेंडर कीरो के मुताबिक आरोपी ओंकार तिवारी नाबालिग से विवाह करना चाहता था, जबकि नाबालिग लगातार इनकार कर रही थी। दोनों के बीच पिछले कुछ महीनों से इसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। आखिरकार आरोपी ने लड़की पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

47 साल का ओंकार तिवारी उर्फ मनोज गुढ़ियारी के दुर्गा चौक आंगनबाड़ी के पास बड़ा अशोक नगर इलाके में रहता है। गुढ़ियारी इलाके में ही तिवारी मसाला सेंटर नाम की दुकान चलाता है। लड़की 6 महीने पहले सितंबर 2022 में उसकी दुकान में काम करने पहुंची थी। वह वहां उसके साथ छेड़छाड़ करता था, जिसके चलते लड़की ने काम छोड़ दिया था।

मजदूरी करते हैं माता-पिता

नाबालिग लड़की के माता-पिता मजदूरी करते हैं। लड़की का एक भाई भी है। उसी ने थाने पहुंचकर इस मामले में FIR दर्ज करवाई है। जिस वक्त घटना हुई, लड़की अपनी मां के साथ घर पर मौजूद थी। पूरी घटना शनिवार रात 8 बजे की है।

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राज्यसभा के सभापति पर फूटा जया बच्चन का गुस्सा

नई दिल्ली: जया बच्चन को कई बार पैपराजी पर भड़कते हुए देखा गया है। लेकिन हाल ही में हंगामा तब और बढ़ गया जब जया राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर भड़क गईं।

चर्चित वीडियो में जया बेहद गुस्से में अपनी कुर्सी से उठते हुए नजर आ रही हैं। इस दौरान सभापति उनसे बार-बार कहते हैं- प्लीज आप सीट ले लें। लेकिन जया उन्हें गुस्से में उंगली दिखाते हुए चली जाती हैं। सोशल मीडिया पर जया का ये वीडियो बेहद सुर्खियों में है। जया के इस रवैए के लिए यूजर्स उन पर जमकर मीम्स बना रहे हैं।

सूचना प्रसारण मंत्री ने कंचन गुप्ता ने कसा तंज
जया के इस बर्ताव पर तंज कसते हुए सूचना प्रसारण मंत्री कंचन गुप्ता ने तंज कसते हुए कहा- इस वीडियो ने मुझे उस समय की याद दिला दी जब यूपीए सत्ता में थी और जया बच्चन ने बेहद विवादित बयान दिया था। तब उनके इस बर्ताव पर अमिताभ माफी मांगने के लिए दौड़े थे और उन्होंने कहा था -वो राजा हैं, हम रंक हैं। 

कंचन गुप्ता के अलावा भी कई विपक्षी नेताओं ने भी जया बच्चन पर निशाना साधा है। लोगों का मानना है कि जया को इस तरह से राज्य सभा के वाइस प्रेसिडेंट से पेश नहीं आना चाहिए था।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये वीडियो 9 फरवरी को राज्यसभा की कार्यवाही का है, जिसमें अडानी घोटाले को लेकर संसद में हंगामा हो रहा था। इस दौरान राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल को निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए चल रहे बजट सेशन से निलंबित कर दिया गया। जय ने कांग्रेस सांसद के समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें सफाई देने का मौका नहीं मिला। इस बीच जया को गुस्सा आ गया और उन्होंने सभापति से बुरी तरह बर्ताव किया।

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सिद्धार्थ-कियारा का वेडिंग रिसेप्शन

मुम्बई : कियारा और सिद्धार्थ अपने वेडिंग रिसेप्शन में शामिल होने के लिए वैन्यू पर पहुंच चुके हैं। सिद्धार्थ जहां ब्लैक सूट में तो कियारा ब्लैक-व्हाइट आउटफिट में नजर आईं। अभिषेक बच्चन पहले गेस्ट के तौर पर फंक्शन में शामिल हुए। अभी धीरे-धीरे गेस्ट पहुंचना शुरू हो रहे हैं। 9 फरवरी को सिद्धार्थ-कियारा ने दिल्ली में शादी का पहला रिसेप्शन दिया था। इसमें सिद्धार्थ से जुड़े फैमिली मेंबर्स और दोस्त शामिल हुए थे। 

अंबानी की एंट्री के पहले उनकी सिक्योरिटी पहुंची
रिसेप्शन में मुकेश अंबानी के भी पहुंचने की संभावना है। उनकी एंट्री से पहले ही उनकी सिक्योरिटी वैन्यू पर पहुंची। मुकेश अंबानी की बेटी ईशा और कियारा बचपन के दोस्त हैं। ईशा अपने पति आनंद पीरामल के साथ कियारा-सिद्धार्थ की शादी में भी शामिल हुई थीं। 

सिद्धार्थ कियारा ने मीडिया को भेजी मिठाई
सिद्धार्थ- कियारा ने मुंबई लौटने के बाद मीडिया और पैपराजी को मिठाई बांटी थी। इन मिठाई के डिब्बों के अंदर एक छोटा सा नोट भी था जिस पर कियारा और सिद्धार्थ का नाम लिखा था। 

सलमान,शाहरुख और अक्षय सहित कई स्टार्स के पहुंचने की संभावना
सिद्धार्थ- कियारा का ये वेडिंग रिसेप्शन कई मायनों में खास होने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी में बॉलीवुड स्टार्स से लेकर कई बिजनेसमैन शिरकत करेंगे। पार्टी में शाहरुख खान. अक्षय कुमार, अनिल कपूर, अजय देवगन, परिणीति चोपड़ा, जूही चावला, करण जौहर, शाहिद कपूर और मनीष मल्होत्रा के पहुंचने की संभावना है।

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिसेप्शन में सलमान खान, रणबीर- आलिया, वरुण धवन और भूषण कुमार की भी पहुंचने की उम्मीद है।

वायरल हुआ रिसेप्शन का कार्ड
रिसेप्शन का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कार्ड काफी खूबसूरत है साथ ही इसमें कियारा-सिद्धार्थ की एक तस्वीर भी लगी हुई है। कार्ड में रिसेप्शन का वैन्यू और डेट लिखा हुआ है। रिसेप्शन मुंबई के 5 स्टार होटल सेंट रेजिस में रखा गया है। 

कियारा-सिद्धार्थ की शादी का पहला वीडियो सामने आया
कियारा-सिद्धार्थ की शादी का पहला वीडियो 10 फरवरी को सामने आया। कियारा आडवाणी ने इंस्टाग्राम पर ये वीडियो शेयर किया। वीडियो के साथ कैप्शन में उन्होंने शादी की डेट भी लिखी। वीडियो को देखने के बाद फैंस काफी खुश नजर आ रहे हैं। फैंस का कहना है कि दोनों की जोड़ी सबसे खूबसूरत लग रही है। 

कियारा ने पहना 2 करोड़ का मंगलसूत्र
रिपोर्ट्स की मानें तो कियारा ने शादी के बाद जो मंगलसूत्र पहना है, उसकी कीमत 2 करोड़ के आस-पास है। मंगलसूत्र काफी सिंपल है। इसमें गोल्डन चेन में चारों ओर काले मोती लगे हुए हैं। वहीं बीच में एक बड़ा डायमंड लगा हुआ है। जानकारी के मुताबिक इस मंगलसूत्र को सिद्धार्थ मल्होत्रा ने खुद खरीदा था। 

कियारा आडवाणी और सिद्धार्थ मल्होत्रा की शादी की फोटो इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा लाइक्स हासिल करने वाली फोटो बन गई है। इससे पहले कटरीना कैफ और विक्की कौशल की शादी की फोटो को सबसे ज्यादे लाइक्स मिले थे। कियारा- सिद्धार्थ की फोटो को 23 मिलियन लाइक्स मिले हैं वहीं कटरीना-विक्की को 20.4 मिलियन लाइक्स मिले थे। आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी की फोटोज पर 13.19 मिलियन लाइक्स मिले थे। 

न्यूली वेड कपल सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी ने अपनी ग्रैंड वेडिंग के बाद बीती रात दिल्ली के द लीला पैलेस में एक रिसेप्शन होस्ट किया। ये रिसेप्शन सिद्धार्थ के दिल्ली में रहने वाले दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए था। दिल्ली के बाद अब वे मुंबई में अपने बॉलीवुड फ्रेंड्स के लिए ग्रैंड रिसेप्शन पार्टी होस्ट करेंगे। 


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पटियाला में दिल दहलाने वाला हादसा

पटियाला : पंजाब के पटियाला में दिल दहलाने वाला हादसा हुआ है। यहां आपस में रेस लगा रही स्कॉर्पियो ने साइकिल सवार को टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि साइकिल सवार का सिर गर्दन से अलग हो गया।

उसका सिर स्कॉर्पियो के शीशे से जा लगा। इसके बावजूद युवक ने गाड़ी नहीं रोकी। उसने गाड़ी की नंबर प्लेट तोड़ दी और गाड़ी को छुपा दिया। युवक का कटा सिर न मिलने की वजह से उसका संस्कार नहीं हो पा रहा है। युवक के परिजन पुलिस के पास चक्कर काट रहे हैं।

काम से घर लौट रहा था हादसे में जान गंवाने वाला नवदीप
पुलिस की शुरूआती जांच के मुताबिक पटियाला के तफज्जलपुरा का रहने वाला नवदीप कुमार (42) रात करीब सवा 10 बजे घर लौट रहा था। वह पार्टियों में कॉफी के स्टॉल लगाता था। रात को भी वह साइकिल पर कॉफी मशीन लादकर वापस लौट रहा था। इसी दौरान नाभा रोड पर सफेद रंग की स्कॉर्पियो ने पीछे से आकर उसे टक्कर मार दी। युवक का धड़ वहीं पड़ा रहा लेकिन सिर गायब था।

सड़क पर लगे खून के निशान से आरोपी तक पहुंची पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। सड़क पर पुलिस को खून व टायरों के निशान मिले। उनका पीछा करते हुए पुलिस हादसे वाली जगह से हरजिंदर नगर तक पहुंची। जहां पुलिस को स्कॉर्पियो खड़ी मिल गई। उसकी नंबर प्लेट टूटी हुई थी। चेसिस नंबर के जरिए पुलिस मालिक का पता लगाकर उसके घर तक पहुंची।

हादसे के वक्त ऊंची आवाज में गाने चला हुल्लड़बाजी कर रहे थे
जांच में पता चला कि एक्सीडेंट करने वाली स्कॉर्पियो को पटियाला की सिद्धू कॉलोनी का रहने वाला सुखमन सिंह चला रहा था। पुलिस का कहना है कि हादसे के वक्त गाड़ी सुखमन चला रहा था। उसके साथ 2 और लड़के थे। जो खूब हुल्लड़बाजी कर रहे थे। उन्होंने ऊंची आवाज में गाने भी लगा रखे थे। पुलिस उन आरोपियों को भी नामजद करने की तैयारी में है।

परिजन बोले- रेस लगा रहे थे, सिर साथ ले गए
इस मामले में मृतक नवदीप के भाई संजीव ने कहा कि आरोपी बोलेरो और स्कॉर्पियो के बीच रेस लगा रहे थे। इसी दौरान उसके भाई नवदीप कुमार की साइकिल को टक्कर मार दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी जानबूझकर उसके भाई का सिर अपने साथ ले गए हैं।

सिर की तलाश जारी : DSP
पटियाला पुलिस के DSP जसविंदर टिवाणा ने कहा कि शुरूआती जांच में ऐसा लग रहा है कि नवदीप का सिर गाड़ी में फंस गया हो। जिसे बाद में युवक ने कहीं फेंक दिया। घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज मिल गई है। पुलिस को घटना की फुटेज भी मिली है। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर सिर को तलाश कर लिया जाएगा। सुखमन की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा।

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हमें सनातन से परेशानी नहीं, आपको भी इस्लाम से शिकायत नहीं होनी चाहिए:जमीयत चीफ

नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी ने कहा है कि भाजपा और RSS से हमारा कोई धार्मिक मतभेद नहीं है, बल्कि वैचारिक मतभेद है। दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को जमीयत के 34वें अधिवेशन में उन्होंने कहा- भारत जितना मोदी और भागवत का है, उतना ही मदनी का भी है।

जमीयत चीफ ने कहा- हम RSS और उसके सर संघ चालक को न्योता देते हैं। आइए, आपसी भेदभाद और दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाएं और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाएं। हमें सनातन धर्म से कोई शिकायत नहीं है, आपको भी इस्लाम से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

जमीयत चीफ बोले- हम इंसान के बीच फर्क नहीं करते
जमीयत चीफ ने कहा- हमारी नजर में हिंदू और मुसलमान बराबर हैं। हम इंसान के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं। जमीयत की पॉलिसी रही है कि भारत के तमाम शहरी बराबर हैं, इनके बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए।

मुसलमानों के लिए भारत सबसे अच्छा देश- मदनी
मदनी ने कहा कि यह भूमि मुसलमानों की पहली मातृभूमि है। यह कहना कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो बाहर से आया है, सरासर गलत और निराधार है। इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है। मुसलमानों के लिए भारत सबसे अच्छा देश है, लेकिन यहां मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और उकसावे के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल के दिनों में इस्लामोफोबिया काफी बढ़ गया है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहीं
मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश के अलग-अलग सामाजिक समूहों, समुदायों, जातियों और सभी वर्गों से संबंधित है। शनिवार को अधिवेशन में शामिल मौलवियों ने इस्लामोफोबिया, यूनिफॉर्म सिविल कोड, पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप, पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण, मदरसों का सर्वे, इस्लाम के खिलाफ गलत सूचनाएं और कश्मीर पर प्रस्ताव भी पारित किए। 

100 साल पुराना संगठन है जमीयत उलेमा-ए हिंद
जमीयत उलेमा-ए-हिंद मुसलमानों का 100 साल पुराना संगठन है। यह संगठन मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन होने का दावा करता है। इसके एजेंडे में मुसलमानों के पॉलिटिकल, सोशल और धार्मिक मुद्दे रहते हैं। ये संगठन इस्लाम से जुड़ी देवबंदी विचारधारा को मानता है।

असम में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद का समर्थन मिला है। दिन पहले मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ये बिल्कुल सही है, लेकिन ऐसे लग रहा है कि ये कार्रवाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ की जा रही है। इसे निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समान नागरिक संहिता पर आम सहमति बनाने के लिए कुछ संजीदा कोशिशें की जा रही हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर दलित मुसलमानों और दलित ईसाईयों को भी अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की मांग की है। इस सम्बन्ध में जमीयत ने अनुच्छेद 341 में धर्म के आधार पर किए गए भेदभाव को समाप्त करने का अनुरोध किया है। इसे भारत के संविधान की भावना के विरुद्ध बताया है। 

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