घाटी को दिल्ली व देश के शेष हिस्सों से रेल के माध्यम से जोड़ने वाली ऐतिहासिक वंदे भारत रेल सेवा (Kashmir Vande Bharat Express) कश्मीर की लाइफ लाइन बनती जा रही है। वंदे भारत के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कटड़ा से श्रीनगर और वापसी में ट्रेन यात्रियों से भरी रहती है।
यात्री जम्मू-श्रीनगर हाईवे के बजाए ट्रेन से जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे एक तो समय बच रहा है और आरामदायक सफर के साथ किराया भी सड़क मार्ग से जाने की तुलना में कम लग रहा है। यही कारण है कि यात्री एडवांस बुकिंग करा रहे हैं, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो।
15 हजार यात्रियों ने उठाया लुत्फ
रेल अधिकारियों के अनुसार, बीते सात दिन में रेल से लगभग 15 हजार यात्रियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। 550 सीटों की क्षमता वाली इस रेल में अगले 10 दिन तक सभी सीटें बुक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने छह जून को श्रीनगर से दिल्ली (Kashmir Vande Bharat Express) तक रेल सेवा का उद्घाटन किया था और सात जून से औपचारिक तौर पर यह सेवा शुरू की गई थी। सेवा शुरू होते ही रेल की बोगियां यात्रियों से भरनी शरू हो गई थीं।
रेलवे अधिकारी सिकंदर अहमद ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Express Train News) में पिछले सात दिन में 15 हजार से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं, जिनमें लगभग तीन हजार पर्यटक हैं। इनमें से ज्यादातर पर्यटक माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटड़ा आए थे।
उन्होंने बताया अगले 10 दिन तक ट्रेन की सभी सीटें बुक हैं। इस सेवा को लेकर यात्रियों की ओर से किसी प्रकार की कोई शिकायत के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि फिलहाल किसी भी यात्री की तरफ से हमारे विभाग को कोई शिकायत नहीं मिली है। रेल समय पर आ-जा रही है।
ट्रेन और पीएम के दौरे ने दिया सुरक्षा और स्थिरता का संकेत
पहलगाम में आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा था। होटल की 90 प्रतिशत और हवाई जहाज की करीब 45 प्रतिशत बुकिंग में गिरावट आई थी। अलबत्ता, ट्रेन की शुरुआत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे ने सुरक्षा और स्थिरता का संकेत दिया है, जिससे पर्यटकों का विश्वास फिर से बढ़ने लगा है।
उम्मीद की जा रही है कि यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाले कश्मीर के पर्यटन उद्योग को बढ़ाएगी। ऐसे समय में जब कश्मीर के होटल, हाउसबोट लगभग खाली थे, ट्रेन आने से एक नई उम्मीद जगी है।