ट्रैक पर दौड़ेगी देश की पहली 320kmph स्पीड वाली बुलेट ट्रेन

देशवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारतीय रेल मंत्री ने एक वीडियो के जरिए बताया कि देश की पहली 320kmph स्पीड वाली बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैक तैयार हो रहा है। हाल ही में वैष्णव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है।

इस वीडियो में वैष्णव में बुलेट ट्रेन के ट्रैक को दिखाया है। आपको बता दें कि लगभग एक महीने पहले ही वैष्णव ने बुलेट ट्रेन की भी वीडियों शेयर किया था। अपने पोस्ट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोदी 3.0 में ऐसे कई बड़े बदलाव और विकास देखने को मिलेंगे।

एक्स पर शेयर किया वीडियो

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बुलेट ट्रेन के लिए भारत का पहला बैलास्टलेस ट्रैक। 320 किमी प्रति घंटे की गति सीमा, 153 किमी का वायाडक्ट( पुल) पूरा, 295.5 किमी के पियर वर्क( खंभे) का काम पूरा। मोदी 3.0 में और भी बहुत कुछ आने वाला है।

ट्रेन की वीडियो भी की गई थी शेयर

लगभग एक महीने पहले रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन की भी एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि सपने नहीं हकीकत बुनते हैं! Stay tuned for #BulletTrain in Modi 3.0!

इस पोस्ट में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को मुंबई-अहमदाबाद 'बुलेट ट्रेन' कॉरिडोर की एक क्लिप साझा की, जिससे दोनों शहरों के बीच 508 किलोमीटर के मार्ग पर यात्रा का समय घटकर मात्र 2 घंटे रह जाएगा।

यह क्लिप अत्याधुनिक ट्रेन परियोजना की कुछ विशेषताओं को दिखाती है, जिसको 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है।


...

" जिंदगी का सफर "

मुंबई उपभोक्ता जनघोष: सुना हैं की मूवीज ( movies ) एजूकेट ( Educate ) यानि शिक्षित करती हैं और इसका सही मायने में एक उधारण हैं " आनंद " मूवी जो कि १९७१ में रिलीज हुई थी, जिसका लोकप्रिय गीत हैं "जिंदगी का सफर, हैं यह कैसा सफर ; कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं !! । इस मूवी ने बहुत कुछ सिखाया हैं, जिंदगी को हस्ते हुए जीने का तरीका बताया हैं । मूवी में "राजेश खन्ना" साहब हमारे "आनंद बाबू" कहते हैं जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं..., तो आओ उपभोक्त जनघोश के संग इस बड़ी सी जिंदगी पर एक नजर डालते हैं।

इस ज़िंदगी के सफर में , हर व्यक्ति के अंदर एक आनंद बाबू बसा हैं जो अपनी तकलीफ को छिपाकर रखना बाखूबी जानता हैं। हम अपनी तकलीफ क्यों छिपाते हैं ? क्योंकि हमें डर होता हैं की कही लोग मजाक न उड़ाए या कोई ये ना पूछ ले की गलती आपकी कितनी थी ? बड़े बच्चो को तो समझा देते हैं की गलती करने पर बढ़ो से आकर वार्तालाप किया करो, पर खुद अपनी गलतियों पर पर्दा डालते हैं कभी झूठ बोलकर तो कभी बात टाल कर और इसी कारणवश हम ज़िंदगी का आनंद लेना भूल जाते हैं।

बड़े बुजुर्ग कहते हैं की जिंदगी का आनंद लेना हैं तो शारीर को तंदुरुस्त रखो और तंदुरुस्त रहने का सही उपाय हैं "सफर" , "यात्रा" ( Traveling ) । हम जैसे हर दिन एक ही पदार्थ का सेवन नहीं कर सकते हैं वैसे ही एक ही जगह रह कर इंसान का मन ऊब जाता हैं। स्वास्थ के लिए जितना खाना जरूरी है उतना ही नए और ताज़ी हवा का शरीर में लगना भी जरूरी हैं। 

बच्चो को गर्मी में छुट्टी मिलती हैं ताकि नए वर्ग या कक्षा में जानें से पहले उनका शरीर और बुद्धि अच्छे से काम कर सके। वैसे ही ऑफिस से छुट्टी निकाल कर बढ़ो को भी शहर से बाहर जाना चाहिए। इससे केवल आपके शरीर को आराम ही नहीं बल्कि सोचने की क्षमता भी बढ़ती हैं। हमारे शरीर में २०८ हड्डी हैं, जैसे वाहन को चलाने के लिए ऑयल की आवश्कता हैं वैसे ही शरीर को चलाने के लिए ताज़ी हवा की जरूरत हैं।

अब अंग्रेजी "Suffer" और असली सफर में बहुत अंतर हैं परंतु फिर भी दोनो एक दूसरे के साथी हैं। दोनो ही एक दूसरे के बिना अधूरे हैं पर दोनो का अंत सफलता की ऊंचाई को छू लेता हैं। वैसे ही ज़िंदगी में बेहद कठिनाई आएंगी पर यदि हम सफर में मुसाफिर बने रहेंगे तो हर मुशीकिले हस्ते हस्ते पार कर सकते हैं। इस जीवन मैं खुश वही है जो suffer के साथ सफर करना जानता हैं।

उपभोक्ता जनघोष के साथ मुसाफिर बनते हैं हम और अपनी अपनी मंजिलें पार करते हैं।

 #UJnews को tag करके जरूर अपनी सफर की दास्तां सुनाइएं और अपने भीतर "आनंद बाबू" के साथ खुश रहिए। 

Edit By Priya Singh


...

इस एक स्थान पर होती है तीन धर्मों की यात्रा

संसार भर में भारत ही ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग एकजुट होकर रहते हैं। बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां विभिन्न धर्मों के पवित्र स्थल एक ही स्थान पर स्थापित हैं। उन्हीं में से एक तीर्थ है राजगृह। राजगृह हिन्दू, बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के अनुयायीयों का तीर्थ है। पुरातन काल में राजगृह मगध की राजधानी हुआ करती थी तत्पश्चात मौर्य साम्राज्य आया। महाभारत में राजगृह को तीर्थ माना गया है। राजगृह के समीप अरण्य में जरासंध की बैठक नाम की एक बारादरी अवस्थित है।


हिन्दू तीर्थ:- यहां प्रवाहित होने वाली सरस्वती नदी को स्थानीय लोग प्राची सरस्वती कहते हैं। सरस्वतीकुण्ड से आधा मील की दूरी पर सरस्वती को वैतरणी कहा जाता है। इस नदी के तट पर पिण्डदान और गोदान का बहुत महत्व है इसलिए यहां प्रत्येक धर्म-समुदाय के लोग पिण्डदान करते हैं। यहां मार्कण्डेयकुण्ड, व्यासकुण्ड, गंगा-यमुनाकुण्ड, अनन्तकुण्ड, सप्तर्षिधारा और काशीधारा हैं। जिनके समीप बहुत से देवी-देवताओं के मंदिर अवस्थित हैं।


बौद्ध तीर्थ:- पुरातन काल में इस स्थान पर बौद्धों के 18 विहार हुआ करते थे। राजगृह मुख्य बौद्ध तीर्थ है क्योंकि महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन काल का बहुत बड़ा हिस्सा यहां व्यतित किया था। वर्षा के चार महीने यहीं व्यतीत किया करते थे।


जैन तीर्थ:- जैन तीर्थ पंच पहाड़ों पर स्थित है। इक्कीसवें तीर्थंकर मुनि सुव्रतनाथ का जन्म इसी पहाड़ी पर हुआ था। यही उनकी तपो भूमी थी। मुनिराज धनदत्त और महावीर के बहुत सारे गणधर इसी स्थान से मोक्ष को प्राप्त हुए थे। जैनयात्री यहां विशेष रूप से दर्शनों के लिए आते हैं।





...

दिल्ली घूम ली और ये पांच जगह नहीं गए तो फिर क्या ही घूमा

लाल किला, कुतुबमीनार और चांदनी चैक घूम आए। अक्षरधाम, लोटस टेंपल और कालकाजी के दर्शन भी कर आए। इंडिया गेट, कनॉट प्लेस वगैरह भी घूम आए तो क्या लगता है आपको, पूरी दिल्ली घूम ली। गलत सोच रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं, दिल्ली की कुछ ऐसी जगहों के बारे में, जहां आप अबतक नहीं घूमे होंगे। 


मिर्जा गालिब की हवेली

मिर्जा गालिब का नाम भला किसने नहीं सुना होगा। दिल्ली में उनके नाम से एक हवेली भी है, लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। उर्दू के मशहूर शायर मिर्जा गालिब की याद में बनवाई गयी इस हवेली में गालिब ने अपने मुश्किल के दिन बिताए थे। इस हवेली में म्यूजियम बना हुआ है, जिसमें गालिब के कुछ नायाब काम सजाए गए हैं। 


ऐसे पहुंचें मिर्जा गालिब की हवेली

मिर्जा गालिब की हवेली चांदनी चैक के पास कासिम जान गली, बारादरी में है। यहां जाने के लिए आपको चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन से शाहजहानबाद तक के लिए ऑटो लेना होगा और वहां से हवेली आप पैदल जा सकते हैं।


हिजड़ों का खानकाह

इस जगह के नाम से ही मालूम होता है कि ये जगह हिजड़ों को समर्पित है। इस जगह पर चारों तरफ शांति का माहौल रहता है, लेकिन बहुत कम लोग ही यहां जाते हैं। इस परिसर के बाहर लोहे का दरवाजा है, जिस पर कभी ताला नहीं लगाया जाता। इसके अंदर एक बहुत पुरानी छोटी सी मस्जिद है, जिसे आज भी अच्छे से रखा जाता है। 


कुतुब मीनार के पास है

ये जगह कुतुब मीनार से कुछ ही दूरी पर है। बताया जाता है कि इस जगह को लोदी वंश के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था। इस जगह की देखभाल किन्नर करते हैं। अगर आप अगली बार कुतुब मीनार जाएं तो एक बार यहां जरुर जाएं। यहां जाने का अनुभव अलग ही होगा। 


भूली भटियारी का महल

अगर आप ‘हॉन्टेड प्लेस’ पर जाने की दिलचस्पी रखते हैं तो ये जगह खास आपके लिए है। करीब 700 साल पुराना ये महल इस्लामिक विरासत का नमूना है। इस महल को 14 वीं सदी में सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। इस जगह का नक्शा आपको बेहद पसंद आएगा। किले के दो प्रवेश द्वार हैं। दूसरे प्रवेश द्वार से आप सीधा आंगन पहुंचेंगे। आंगन के किनारों में कमरे बने हैं और उत्तर की तरफ सीढ़ियां जो चबूतरे की तरफ जाती हैं। 


दिन में जाएं, रात में है मनाही

यह जगह करोल बाग में है। करोल बाग के बग्गा लिंक से यहां तक जाने के लिए एक रोड दी गई है। ये आपको वीरान जंगल की ओर ले जाती है। इस रास्ते यहां से आप ऐसी जगह पहुंचेगे, जहां रात के वक्त किसी के जाने की हिम्मत नहीं होती। यहां समय बिताकर आपको अच्छा लगेगा, लेकिन किले की भूतहा घटनाओं को सुनने के बाद मन में एक डर भी रहेगा।


जहाज महल

आप सोच रहे होंगे इस महल का नाम जहाज महल क्यों है। दरअसल, इस महल के पास में झील है, जिसकी परछाई इस पर पड़ती है। इसलिए इस महल का नाम जहाज महल रखा गया। इस महल को लोदी साम्राज्य के समय बनाया गया था। ये महल महरौली में स्थित है। अगर आप शांति के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो ये जगह परफेक्ट है।



...

रेगिस्तान से लेकर खूबसूरत बीच तक, ये हैं बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन्स

शादी के बाद हनीमून डेस्टिनेशन चुनना काफी कठिन होता है। अगर आप फरवरी में अपना हनीमून मनाना चाह रहे हैं और किसी बेहतरीन डेस्टिनेशन की खोज कर रहे हैं तो हम आपकी मदद कर रहे हैं। रेगिस्तान से लेकर खूबसूरत बीच तक, यहां हम कुछ बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन्स के बारे में बता रहे हैं, जहां आप फरवरी में अपना हनीमून प्लान कर सकते हैं।


गोवा है बेस्ट

भारत के हनीमून डेस्टिनेशन सूची में गोवा हमेशा टॉप पर रहता है। यह वाकई में इंडिया में कपल्स के लिए स्वर्ग है। यहां आप अपने पार्टनर के साथ पार्टी कर सकते हैं, वॉटर ऐक्टिविटी में हिस्सा ले सकते हैं या किसी शांत बीच पर कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं। गोवा में भारत के कुछ सबसे अच्छे बीच भी हैं।


रोमांटिक गंगटोक

गंगटोक उत्तर पूर्व में भारत के सबसे रोमांटिक स्थानों में से एक है। यहां रोमांटिक पल बिताने के लिए कई स्थान हैं। हनीमून कपल्स यहां हिमालय पर्वत शृंखला के शानदार नजारों के साथ झील में बोटिंग या किनारे बैठकर समय बिता सकते हैं। इसके अलावा ट्रेकिंग और माउंटेनिंग कर सकते हैं।


गुलमर्ग

कश्मीर भी हनीमून मनाने के लिए चुनी जाने वाली जगहों में शामिल रहता है। कश्मीर के बारामूला जिले में स्थित गुलमर्ग की खूबसूरती सर्दी के मौसम में बर्फबारी के साथ ही काफी बढ़ जाती है। यहां के नजारे वाकई बेहद रोमांच पैदा करते हैं।


हैवलॉक आइलैंड, अंडमान

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह को भारत में हनीमून कपल्स का स्वर्ग कहा जाता है। लेकिन इस द्वीपसमूह के हैवलॉक आइलैंड का राधानगर बीच सबसे बेस्ट है। रोमांटिक गेटअवे के लिए यह जगह सबसे बेस्ट है। यहां परफेक्ट मौसम के साथ भीड़भाड़ से दूर समुद्र का शांत किनारा, खूबसूरत बीच और रिजॉर्ट, बढ़िया खाना, वॉटर स्पोर्ट्स के ढेरों ऑप्शन्स उपलब्ध हैं।


जैसलमेर

रेगिस्तान के बीच में तारों की छत के नीचे हनीमून मनाना कैसा लगता है, यह आपको जैसलमेर जाने के बाद ही पता चलेगा। थार रेगिस्तान के बीच में हनीमून मनाने के लिए आप किसी ट्रैवल एजेंसी का सहारा ले सकते हैं जो रेगिस्तान के बीच में कैंपिंग करते हैं।


कोवलम, एक शांत तटीय इलाका

कोवलम एक खूबसूरत और शांत तटीय इलाका है जो केरल में स्थित है। फरवरी महीने में यहां का मौसम काफी सुहावना होता है जो हनीमून मनाने के लिए आदर्श होता है। यहां के रेतीले समुद्र तट, वाटर स्पोर्ट्स और केरल का स्थानीय भोजन हनीमून को और बेहतरीन बना देगा।


लक्षद्वीप, एकांत में बसा स्वर्ग

फरवरी में लक्षद्वीप हनीमून मनाने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक है। यह एक ऐसा स्थान है जहां अब भी ज्यादा पर्यटक नहीं आते हैं। अरब सागर में स्थित यह द्वीपसमूह अपने शांत और खूबसूरत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। यहां किसी समुद्र फेसिंग लग्जरी रिजॉर्ट में ठहरें और रेतीले समुद्र तट पर खाली समय बिताएं।


मुन्नार, दक्षिण का स्वर्ग

झीलें और पहाड़ के साथ हरियाली इस स्थान को खास बनाती हैं। फरवरी महीने में हनीमून के लिए अगर आप मुन्नार को चुनेंगे तो आपको निराशा नहीं होगी। चाय और कॉफी के बागानों के बीच बिताया जाने वाला समय आपको हमेशा याद रहेगा। बैकवॉटर में चलने वाली हाउसबोट में रात का डिनर आपके हनीमून को और खास बना देगा।


रोमांटिक पैराडाइज नैनीताल

उत्तराखंड में स्थित नैनीताल एक ठंडा लेकिन खूबसूरत इलाका है। फरवरी में यहां का मौसम अच्छा होता है। नैनीताल शहर का नाम यहां स्थित नैनी झील के कारण पड़ा है। कई बार यहां स्नोफॉल भी होता है जो हनीमून के दौरान किसी रोमांटिक कहानी से कम नहीं लगेगा। फरवरी महीना नैनीताल जाने के सबसे अच्छे समय में से भी एक है।


पूवर आइलैंड, केरल

घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के साथ ही हनीमून कपल्स के लिए भी केरल एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। शांत समुद्र तट, सुहावना मौसम, हरे-भरे पहाड़ और दूर तक फैली हरियाली के साथ यहां के बैकवॉटर्स डेस्टिनेशन्स कमाल का फील देते हैं। पूवर आइलैंड केरल के बैकवॉटर्स में हनीमून कपल्स के लिए एक बेहतरीन टूरिस्ट पॉइन्‍ट है।

...

आप भी हैँ कैंपिंग के शौकीन तो जरूर जाएं इन बेहतरीन जगहों पर

क्या आपको हैं कैंपिंग करने का शौक और आप खोज रहे हैं कोई ऐसी जगह जगहां पर आप आराम से और शांत वातावरण में कैंपिंग कर पाएं तो आज हम आपके लिए लाएं है कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां पर आप आराम से और शांत वातावरण में कैंपिंग कर सकते हैं। नेश्नल पार्क से प्राइवेट ग्राउंड तक यह हैं कुछ बहुत ही बेहतर जगह कैंपिंग करने के लिए। तो आईए जानते हैं इन जगहों के बारे में -


अलास्का-यह सबसे मशहूर और सबसे बेहतरीन कैंपिंग ग्राउंड्स में से एक हैं। यह जगह अलास्का के कूपर लैंडिंग में स्थित हैं। यह तीन कैंपसाइट लूप प्रदान करता है, जिनमें से एक झील पर है। यह वन्यजीवों के अवलोकन के लिए एक आदर्श स्थल है, जिसमें लायनक्स, भालू, गिलहरी और लॉन शामिल हैं। यहां पर जाने का सही समय मई से सितंबर का हैं।


अरिज़ोना-ग्रैंड कैन्यन-यह एक ऐसी कैंपिंग साइट हैं जो कि यहां के पर्यटकों के बीच काफी मशहूर हैं। यहां पर हर साल कई पर्यटक कैंपिंग करने आते हैं। रात के समय यहां का नज़ारा देखने लायक होता हैं। अगर आप यहां पर कैंपिंग का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो मार्च से मई और सितंबर से नवंबर आपके लिए एकदम सही समय हैं।


अर्कांसस-पेटिट जीन स्टेट पार्क-यह पार्क अर्कांसस का पहला स्टेट पार्क हैं। यह जगह अपने पर्यटकों के 125 कैंपिंग साइट्स प्रदान करती हैं। यह जगह परिवार के साथ जाने के लिए काफी अच्छी हैं। यहां पर आपको मछली पकड़ना, स्विमिंग पूल, प्लेगाउंड, टेनिस और बास्केटबॉल कोर्ट और वॉटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियां उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां पर और भी कई खूबसूरत जगह भी हैं। यहां पर जाने का सही समय अक्टूबर से नवंबर क बीच का हैं।


कैलिफोर्निया-योसेमाइट नेशनल पार्क-वैसे तो कैलिफोर्निया में घूमने के लिए कई सारे नेश्नल पार्क्सहैं लेकिन यह पार्क कैलिफोर्निया का सबसे मशहूर पीर्क हैं। बता दें कि इस पार्क को यूनेस्कों की सूची में भी शामिल किया गया हैं। यहां पर आपकोसिकोइया के पेड़ और झरनों क बीच अपना समय बीताने का मौका मिलेगा। आपको यहां पर कैंपिंग करने के लिए पहले से ही रिसर्वेशन करना हेगा। अगर आप यहां पर कैंपिंग करने जाना चाहते हैं तो आपको मई से अक्टूबर और नवंबर से दिसंबर क बीच जाना चाहिए।


मिनेसोटा-स्प्लिट रॉक लाइटहाउस स्टेट पार्क-यहां पर आपको काफी सारे पर्यटक मिल जाएंगे यह कैंपिंग करने वाले पर्यटकों के लिए एक बहुत ही पसंदीदा स्थल हैं। इसलिए अगर आप यहां पर कैंपिंग के लिए जाना चाहते हैं तो आप अपने लिए पहले से ही रिसर्वेशन कर लें। यहां कई पर्यटक कैंपिंग के साथ साथ हाइकिंग और फिशिंग भी करने आते हैं। यहां पर जाने का सही समय जून से अगस्त के बीच का हैं।





...

सर्दियों में जंगल सफारी के लिए बेस्ट है कान्हा नैशनल पार्क

सर्दियों में जंगल सफारी का एक अलग ही मजा है। अगर आप भी सर्दियों में जंगल सफारी का मजा लेना चाहते हैं, तो आपके लिए कान्हा नैशनल पार्क बेस्ट जगह है। यह नैशनल पार्क मध्य प्रदेश में स्थित है और सतपुरा के जंगलों में 2 जिलों मंडला और बालाघाट में 940 स्क्वेयर किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। यहां बंगाल टाइगर की अच्छी खासी आबादी है, जिसके करण जंगल सफारी के दौरान यहां बाघ दिखने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। बंगाल टाइगर के अलावा यह नैशनल पार्क बारहसिंघों के लिए भी फेमस है। हालांकि यहां चीता, बाघ, चीतल, बार्किंग डियर, गौड़ और पक्षियों की कई प्रजातियां भी पाई जाती हैं। 


कान्हा नैशनल पार्क हर साल 15 अक्टूबर से 30 जून तक सैलानियों के लिए खुला रहता है। कान्हा नैशनल पार्क में सबसे ज्यादा सैलानी नवंबर और फरवरी के बीच आते हैं क्योंकि यह समय नैशनल पार्क में आने के लिए सबसे अच्छा होता है। सर्दी के महीनों में बहुत सारे प्रवासी पक्षी पार्क में आते हैं, इसलिए यह समय बर्ड वॉचिंग के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर अपको भी जंगल और जानवरों को देखने का शौक है, तो एक बार आपको कान्हा नैशनल पार्क घूमने जरूर जाना चाहिए।बाघ के अलावा इस नैशनल पार्क में आपको स्लॉथ बेअर और जंगली कुत्ते भी नजर आ सकते हैं।


प्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग की मशहूर किताब 'जंगल बुक' में भी इस नैशनल पार्क का जिक्र मिलता है। साल के ऊंचें-ऊंचे पेड़, बांस के घने जंगल और ऊंचे-ऊंचे घास के हरे-भरे मैदान कान्हा नैशनल पार्क की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। प्रकृति को नजदीक से फील करने आप होटलों के बजाए फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं। कान्हा नैशनल पार्क का सनसेट पॉइंट सैलानियों के बीच काफी फेमस है। जहां आप सांभर और गौड़ जैसे जानवरों के बीच खूबसूरत सनसेट का नजारा देख सकते हैं। जंगल सफारी की बात करें, तो जीप के साथ ही एलिफेंट सफारी भी करवाई जाती है। इसके जरिए आप बेहद नजदीक से जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में रहते हुए देख सकते हैं। 


अक्टूबर से जून के बीच करें यात्रा

कान्हा नैशनल पार्क यहां आने वाले विजिटर्स के लिए अक्टूबर महीने से जून महीने के बीच खुला रहता है। जंगल का और ज्यादा फील हासिल करने के लिए आप चाहें तो होटलों में ठहरने की बजाए फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में भी ठहर सकते हैं। कान्हा का सनसेट पॉइंट विजिटर्स के बीच सबसे ज्यादा फेमस है जहां आप सांभर और गौड़ जैसे जानवरों के बीच सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यहां जीप सफारी के साथ ही एलिफेंट सफारी भी करवायी जाती है जिसके जरिए आप बेहद नजदीक से जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में रहते हुए देख सकते हैं।


कैसे पहुंचें कान्हा नैशनल पार्क?

रेल मार्ग

कान्हा नैशनल पार्क से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गोंडिया है जो यहां से 123 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा जबलपुर 160 किलोमीटर और नागपुर 250 किलोमीटर है। ये सभी रेलवे स्टेशन्स दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से जुड़े हैं और नियमित ट्रेनें भी मौजूद हैं। स्टेशन से बाहर निकलकर आप टैक्सी या कैब के जरिए आसानी से कान्हा पहुंच सकते हैं।


हवाई मार्ग

अगर आप फ्लाइट से पहुंचना चाहते हैं तो जबलपुर, नागपुर और रायपुर ये तीनों सबसे नजदीकी एयरपोर्ट्स हैं जहां नियमित फ्लाइट्स मौजूद हैं। एयरपोर्ट से बाहर निकलकर आप टैक्सी लेकर सड़क मार्ग से कान्हा पहुंच सकते हैं। 



...

प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए स्विट्जरलैण्ड से अच्छा कोई देश नहीं

अगर आप विदेश यात्रा में जाने का प्लान कर रहे है और आप प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए स्विट्जरलैण्ड से अच्छा कोई देश नही होगा, क्योंकि एक ऐसा देश है जो 60 प्रतिशत सरजमीन ऐल्प्स पहाड़ों से ढकी हुई है। इस देश में बहुत ही खूबसूरत पर्वत, गांव, सरोवर (झील) और चारागाह हैं।यहां एक तरफ बर्फ के सुंदर ग्लेशियर हैं। ये ग्लेशियर साल में आठ महीने बर्फ की सुंदर चादर से ठके रहते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ सुंदर वादियां हैं जो सुंदर फूलों और रंगीन पत्तियों वाले पेड़ों से ढकीं रहती हैं। स्विस लोगों का जीवनस्तर दुनिया में सबसे ऊंचे जीवनस्तरों में से एक है। स्विस घड़ियां, चीज, चॉकलेट, बहुत मशहूर हैं। निर्देशक यश चोपड़ा ने दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे से लेकर ढाई अक्षर प्रेम के, जुदाई, हीरो जैसी फिल्में फिल्माईं हैं। 


भारतीय पर्यटक स्विट्जरलैंड की ओर पहलें से अधिक मात्रा में यहां के लिए रुख कर रहे है। यह इजाफा 26 प्रतिशत बढा है इस बात की स्विट्जरलैंड पर्यटन के निदेशक क्लाउडियो जेम्प ने मीडिया को बताई। स्विट्जरलैंड में 2015 की पहली छमाही में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है और इस पूरे वर्ष में इसमें 20 प्रतिशत से अधिक इजाफा दर्ज होने की उम्मीद है। भारत में स्विट्जरलैंड पर्यटन के निदेशक क्लाउडियो जेम्प ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमने 2015 में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी है। पिछले तीन वर्षों में अपेक्षाकृत स्थिर बढोतरी के बाद इस वर्ष भारतीय पर्यटकों की संख्या में जनवरी से जून के दौरान 26.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।


इन लव विथ स्विट्जरलैंड...

उन्होंने बताया कि जून सबसे अच्छा महीना रहा और इस दौरान 40 प्रतिशत बढोतरी दर्ज की गई। जेम्प ने कहा, भारतीय नए अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं इसलिए हमें लगता है कि वे अब सर्दियों की छुट्टियों के लिए तैयार हैं । इसके मद्देनजर हम सर्दियों में पर्यटन को बढावा देने के लिए भारत में इन लव विथ स्विट्जरलैंड मुहिम शुरू कर रहे हैं।


निदेशक ने कहा कि इस मुहिम की मदद से सर्दियों के महीनों में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत और पूरे साल में 20 प्रतिशत से अधिक की बढोतरी होने की उम्मीद है। स्विट्जरलैंड टूरिज्म इंडिया की उपनिदेशक रितु शर्मा ने कहा, भारत में मजबूत आर्थिक विकास देखने को मिल रहा है जिसके कारण विदेशों की यात्रा और पर्यटन बाजार के बढने की उम्मीद है। भारतीय पर्यटक नई गतिविधियां करना और नई जगहों पर जाना चाहते हैं इसलिए हमने मांग के अनुसार भारत में नए उत्पाद पेश किए हैं।


यदि आपके पास थोड़ा सा वक्त और हौसला हो तो सूर्योदय के समय यहां की पहाड़ियों पर चहलकदमी करना बेहद सुखद लगता है। यदि पैदल नहीं जा सकते तो यहां से एक ट्रेन सीधी पहाड़ी के ऊपर जाती है। बिना चूके उसका टिकट ले लीजिए। और पहाड़ी के ऊपर से सुंदर स्विट्जरलैंड का नजारा लीजिए।


जंगफ्रोज...

समुद्र तल से 4158 मीटर ऊंचाई पर बना यह यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत श्रंखला है। इसी के साथ-साथ यहां यूरोप का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन भी है। इंटरलेकन स्टेशन से यहां के लिए ट्रेन मिलती है। इस ट्रेन से अपना सफर शुरू कर खूबसूरत स्विट्जरलैंड को अपनी आंखों में कैद करते हुए आप जंगफ्रोज पहुंच जाएंगें। बर्फ के पहाड़ों को काटती हुई ऊपर जाती इस ट्रेन से आप नयनाभिराम दृश्य देख और अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में यहां आईस स्कींग का लुफ्त उठाया जा सकता है। यहां की बर्फ पर पड़ती सूरज की तिरछी किरणों की आभा देखने का आनंद ही कुछ और है। जंगफ्रोज में बॉलीवुड की इतनी फिल्में फिल्माईं गईं हैं कि यहां बॉलीबुड रेस्त्रां ही बना दिया गया है। यह रेस्त्रां 15 अप्रैल से 15 सितंबर के मध्य खुलता है। इसके अलावा आइस पैलेस भी जंगफ्रोज का खास आकर्षण है।


शिल्थॉर्न ग्लेशियर...

जंगफ्रोज के अलावा शिल्थॉर्न ग्लेशियर का रास्ता भी इंटरलेकन ओस्ट से होकर जाता है। इसे विश्व के सबसे खूबृसूरत बर्फ के पहाड़ों में शुमार किया जाता है। यहां पाइन ग्लोरिया नामक राइड से आप पूरे ग्लेशियर का पैरोनामिक व्यू ले सकते हैं। यहां भव्य रेस्टोरेंट की श्रृंखला है। इन पड़ावों पर रुककर आप शिल्थॉर्न की खूबसूरती अपनी आंखों में कैद कर सकते हैं।


टिटलिस पर्वत श्रृंखला...

वादियों के इस देश का अगला पड़ाव है टिटलिस पर्वत श्रृंखला। यहां आप केबल कार के जिरए पूरे टिटलिस ग्लेशियर का खूबसूरती को निहार सकते हैं। केबल कार के सफर में आप स्विट्जरलैंड से ही जर्मनी के ब्लैक फारेस्ट के नजारे भी देख सकते हैं। इसी के साथ यहां के ग्लैशियर पार्क में घूमता मत भूलिएगा। इस पार्क में आइस से जुड़ी कई फन पैक्ड राइड्स हैं। जिनका रोमांच अलग मजा देता है। यह पार्क मई से अक्टूबर के मध्य खुला होता है।


ग्लेशियर ग्रोटो...

यदि आप स्विट्जरलैंड जाएं तो ग्लेशियर ग्रोटो को निहारना मत भूलिएगा। यहां बर्फ में बनी सुंदर गुफाएं हैं। इन गुफाओं की बर्फ की दीवारों पर 8,450 लेम्पस जगमगाते हैं। यहां हॉल ऑफ फेम भी है। जिसमें स्विट्जरलैंड आए प्रमुख हस्तियो के फोटों लगे हैं। यहां करिश्मा कपूर, वीरेंद्र सहवाग से लेकर कई भारतीय हस्तियों के फोटो पारंपरिक स्विज पोशाक में लगे हुए हैं।


मैटरहार्न...

प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यदि आप रोमांचक खेलों के शौकीन हैं तो मैटरहार्न जाना मत भूलिएगा। यदि आप खतरों के खिलाड़ी हैं और बेहद नजदीक से ग्लेशियरों का नजारा देखना चाहते हैं तो यहां के मैटरहार्न क्लाइंबर्स क्लब की सदस्यता आपका इंतजार कर रही है। यहीं पर यूरोप का सबसे बड़ा आईस स्कींग जोन भी है।


ग्रोरनरग्रेट...

ग्रोरनरग्रेट जिसे अल्पाइन का स्वर्ग कहते हैं की खूबसूरती जरूर निहारिए। सर्दियों में बर्फ से ढके रहने वाला यह ग्लेशियर गर्मियों में फूलों की घाटी में बदल जाता है। म्यूजिक लवर्स के लिए रिगी फोलकरोले का सफर बेहद यादगार रहेगा। हर जुलाई में यहां स्विज सरकार म्यूजिक प्ले करवाती है। जिसमें सात घंटे तक लगातार लाइव कांसर्ट होते हैं।


रिगी कुलम...

यह ग्लेशियर नीली स्याही जैसी झीलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां तक आप ल्यूजरैन शहर से बाय बोट, बाय कार, बाय केबल कार जैसा आप चाहे पहुंच सकते हैं। पहुंचने के बाद स्टीम ट्रेन में सफर करना न भूले। बैली यूरोप सैलून रेल कार नामक यह ट्रेन आपको पचास के दशक के राजसी वैभव का अहसास कराएगी। यहां का एंटीक महोगनी फर्नीचर, ब्रांज वर्क, रेड कारपेट और बैकग्राउंड म्यूजिक आपको दूसरी दुनिया में ले जाएंगे।



...

गोवा की बात ही अलग है, दिन भर करिये मस्ती और रात को पार्टी

गोवा का नाम सामने आते ही आंखों के सामने घूमने लगते हैं खूबसूरत और लंबे-चौड़े समुद्री किनारे, ऐतिहासिक चर्च, इमारतें, शाम की ठंडी हवा, क्रूज का शानदार सफर, फेनी, पब्स, काजू, डांस पार्टीज, बाइक पर मस्ती करते युवा और ना जाने क्या क्या...। गोवा घूमने के लिए वैसे तो आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अक्तूबर से दिसबंर तक यहाँ घूमने का अपना अलग मजा है। खासकर दिसंबर में तो गोवा विदेशी पर्यटकों से भरा रहता है और यहां की न्यू ईयर पार्टीज पूरी दुनिया में मशहूर हैं। अब तो मुंबई से गोवा के लिए क्रूज भी चलने लगा है जिससे पर्यटकों की तादाद बढ़ गयी है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि गोवा में वो सबकुछ है जो एक पर्यटक चाहता है। आइए डालते हैं एक नजर गोवा की कुछ विशेषताओं पर..

 

गोवा लगभग 450 साल तक पुर्तगाली शासन के आधीन रहा इसलिए यहां पर यूरोपीय संस्कृति का प्रभाव अधिक महसूस होता है। दिसंबर 1961 में गोवा को भारतीय प्रशासन को सौंपा गया था। संस्कृति की दृष्टि से गोवा की संस्कृति काफी प्राचीन है। मान्यता है कि 1000 साल पहले गोवा "कोंकण काशी" के नाम से जाना जाता था। क्षेत्रफल के हिसाब से देखा जाये तो गोवा भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य कला के लिये जाना जाता है।


बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि गोवा के बारे में एक मान्यता यह भी है कि इसकी रचना स्वयं भगवान परशुराम ने की थी। भगवान परशुराम ने एक यज्ञ के दौरान अपने बाणों की वर्षा से समुद्र को कई स्थानों पर पीछे धकेल दिया था। इसी वजह से आज भी गोवा में बहुत से स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि हैं। उत्तरी गोवा में हरमल के पास भूरे रंग के एक पर्वत को परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है।

 

गोवा के मनभावन समुद्री किनारों की बात करें तो इनमें पणजी से 16 किलोमीटर दूर कलंगुट बीच, उसके पास बागा बीच, पणजी बीच के निकट मीरामार बीच, जुआरी नदी के मुहाने पर दोनापाउला बीच प्रमुख हैं। इसके अलावा दूसरी दिशा की ओर देखेंगे तो कोलवा बीच पर मानसून के समय पर्यटक बड़ी तादाद में जुटते हैं। बागाटोर बीच, अंजुना बीच, सिंकेरियन बीच, पालोलेम बीच जैसे अन्य सुंदर सागर तट भी मन को बड़े लुभावने लगते हैं। गोवा में कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर भी हैं जिनमें श्री कामाक्षी, सप्तकेटेश्वर, श्री शांतादुर्ग, महालसा नारायणी, परनेम का भगवती मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर आदि दर्शनीय हैं।


पर्यटन के अलावा गोवा में लौह खनिज भी बड़ी मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा गोवा का मछली पालन उद्योग भी काफी प्रमुख है। यहाँ के काजू की गुणवत्ता सउदी अरब, ब्रिटेन तथा अन्य यूरोपीय राष्ट्रों में भी काफी प्रसिद्ध है। फुटबाल गोवा का सबसे लोकप्रिय खेल है। यहाँ कई लोकप्रिय फुटबाल क्लब भी हैं। 


गोवा के हवाई मानचित्र की बात करें तो राजधानी पणजी देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई है। इसके अलावा सड़क मार्ग से गोवा आना चाहें तो मुम्बई, बंगलोर से काफी अच्छी कनेक्टिविटी है। कोंकण रेलवे के माध्यम से गोवा रेल नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है।





...

प्री-वेडिंग फोटोशूट के लिए दी-बेस्ट हैं भारत की ये जगहें, जाने का मौका न छोड़े

मानसून में अपने जीवन साथी के संग कुछ मस्ती भरे पल गुजारने का अपना ही मजा है। इस हसीनुमा मौसम में अपने होने वाले जीवनसाथी के संग खिचवाई तस्वीरें इंसान को ताउम्र याद रहती है। पिछले कुछ सालों से प्री-वेडिंग शूटिंग काफी चर्चा में है। प्री-वेडिंग शूटिंग यानि शादी से पहले लड़का-लड़की किसी अच्छी सी जगह पर जाकर फोटोशूट करवाते हैं। 


आगरा का ताजमहल : ताजमहल के इतिहास और खूबसूरती के चर्चे दुनिया भर में होते हैं !! शादी से पहले अपने प्यार के लम्हों को कैमरे में कैद करने के लिए इससे बेहतर जगह भला कौन सी हो सकती है। ताजमहल के अलावा आगरा में और भी कई ऐसी जगहें हैं जहां आप एक परफैक्ट फोटोशूट का आनंद ले सकते हैं। 


जयपुर की खूबसूरत जगहें : उदयपुर की तरह जयपुर भी प्री-वेडिंग फोटोशूट के लिए एक बेहतर ऑप्शन रहेगा। यहां आपको फोटोशूट के लिए एक से बढ़कर एक लोकेशन मिल जाएगी। यहां का जल-महल, मानसागर झील, आमेर फोर्ट और कनक वृंदावन अपने बेहतरीन लुक्स के लिए काफी फेमस है। 


उदयपुर के राजवाड़ी महल : झीलों के इर्द-गिर्द बना यह शहर प्री-वेडिंग फोटोशूट के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। उदयपुर की लेक-पिचोला इंसानो को प्रकृति की तरफ से मिला एक हसीन तोहफा है। उदयपुर की लेक-पिचोला और जगमंदिर दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। 


मध्यप्रदेश का ओरछा गांव : मध्यप्रदेश के इस गांव का नाम आप पहली बार सुन रहे होंगे। शांत-सुंदर और ऐतिहासिक माहौल से घिरे इस गांव को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं। यहां पहुंचने के लिए दिल्ली, ग्वालियर और वाराणसी से आपको आसानी से बस मिल जाएगी। 


गोवा के हसीन नजारे : हनीमून कप्लस के लिए बेस्ट डेस्टीनेशन होने के साथ-साथ गोवा प्री-वेडिंग डेस्टीनेशन के लिए भी काफी मशहूर है। यहां के बीचिस ही नहीं बल्कि चर्च और कई तरह के किले अपनी लुक्स के लिए टॉप-मोस्ट लिस्ट में हैं। इनके अलावा वागातोर बीच, कोलोम्ब बीच, दूधसागर फॉल्स, चपोरा फोर्ट और कैथेड्रल चर्च भी फोटोशूट के लिए बेस्ट रहेंगे। 



...