क्या भारत में दो टाइम ज़ोन होने चाहिये?

साल 2002 से संसद के हर सत्र में बार-बार दोहराया गय सवाल है; क्या भारत में दो समय क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव है और इसे लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? सबसे पहले ये सवाल मार्च 2002 में उठाया गया था, उस वर्ष के अगस्त में प्रश्न को प्रभावी ढंग से सुलझा लिया गया था। उस वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित एक 'उच्च स्तरीय समिति' ने इस मुद्दे का अध्ययन किया था और निष्कर्ष निकाला था कि कई ज़ोन 'कठिनाइयों' का कारण बन सकते हैं जो "एयरलाइंस, रेलवे, रेडियो, टेलीविज़न" और टेलीफोन सेवाएं” के सुचारू कामकाज को बाधित करेंगे। इसलिए एकीकृत समय के साथ जारी रखना सबसे अच्छा था।

 

भारत पूर्व से पश्चिम तक लगभग 3000 किमी तक फैला हुआ है। देश के पूर्वी और पश्चिमी छोरों के बीच लगभग 28 डिग्री देशांतर है जिसके परिणामस्वरूप पश्चिमी और पूर्वी बिंदु के बीच लगभग दो घंटे का अंतर होता है। भारतीय मानक समय (उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में 82.5′ ई देशांतर के आधार पर गणना की गई), अधिकांश भारतीयों को प्रभावित नहीं करता है, सिवाय उन लोगों को छोड़कर जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में रहते हैं जहां सूरज गर्मियों में सुबह 4 बजे के आसपास उगता है, और शाम 4 बजे से पहले सर्दियों में अंधेरा हो जाता है। इसलिए, पूर्वोत्तर क्षेत्र ने लंबे समय से उनके जीवन और उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर एकल समय क्षेत्र के प्रभाव के बारे में शिकायत की है।

 

हाल ही में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल), जो भारतीय मानक समय (आईएसटी) को बनाए रखती है, ने भारत में दो समय क्षेत्रों और दो आईएसटी का सुझाव देते हुए एक शोध प्रकाशित किया: अधिकांश भारत के लिए आईएसटी-I और आईएसटी- II के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्र - एक घंटे के अंतर से अलग। दो समय क्षेत्रों की मांग इसलिए बढ़ी क्योंकि उत्तरपूर्वी भारत और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अपने भूगोल के कारण, देश के बाकी हिस्सों की तुलना में जल्दी सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं।

 

लेकिन घड़ियां इसके लिए जिम्मेदार नहीं थीं और आधिकारिक काम के घंटे हर जगह समान थे, सुबह के समय मूल्यवान काम के घंटे खराब होने और इन क्षेत्रों में शाम के घंटों में अनावश्यक बिजली की खपत हुई इसलिए, व्यापक रूप से प्रचलित यू.एस. के पांच समय क्षेत्र और रूस के 11 के आधार पर भारत में भी कई टाइम जोन लागू करने की बात सामने आई। मगर विशेषज्ञ समिति ने, कई समय क्षेत्रों का समर्थन नहीं करते हुए, सिफारिश की कि पूर्वी राज्यों में काम के समय को एक घंटे आगे बढ़ाया जाए, ताकि सुबह के घंटों का "लाभदायक उपयोग" किया जा सके और इसमें संबंधित अधिकारियों द्वारा इस संबंध में केवल प्रशासनिक निर्देश शामिल होंगे।

 

लेकिन दो समय क्षेत्रों के लाभ अपनी जगह है हम उनको नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते; इससे कार्यबल के बीच और ऊर्जा की खपत में अधिक दक्षता आएगी। ऊर्जा की खपत में कमी से भारत के कार्बन फुटप्रिंट में काफी कमी आएगी, जिससे जलवायु परिवर्तन से लड़ने के भारत के संकल्प को बढ़ावा मिलेगा। प्राकृतिक चक्रों के अनुसार दो अलग-अलग समय क्षेत्र होने से आर्थिक लाभ होते हैं क्योंकि लोग बेहतर काम करने और बेहतर योजना बनाने में सक्षम होंगे। कई सामाजिक नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है जैसे सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करना।

 

दूसरी तरफ दो समय क्षेत्र होने की समस्या को देखे तो दो टाइम जोन होने से रेल हादसों की संभावना बढ़ जाएगी। रेलवे सिग्नल पूरी तरह से स्वचालित नहीं हैं, और कई मार्गों में सिंगल ट्रैक हैं। समय क्षेत्र के प्रत्येक क्रॉसिंग के साथ घड़ियों को रीसेट करना। दो समय क्षेत्र होने पर कार्यालय समय के बीच ओवरलैप कम हो जाता है। बैंकों, उद्योगों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नए समय क्षेत्रों में समायोजन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। दो जोन की डिवाइडिंग लाइन को चिह्नित करने में दिक्कत होगी। दो समय क्षेत्रों के प्रतिकूल राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं क्योंकि भारत धर्म, जाति, नस्ल, भाषा आदि के आधार पर विभाजित होने के अलावा, अब समय क्षेत्र की तर्ज पर विभाजित हो जाएगा।

 

भारतीय समय क्षेत्र के संबंध में सभी पहलुओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए परामर्श की प्रक्रिया शुरू करना समय की मांग है। आईएसटी को आधे घंटे आगे सेट करने के कुछ शोधकर्ताओं के प्रस्ताव की जांच की जा सकती है और बहस की जा सकती है। इसका मतलब होगा कि आईएसटी को 82.5 डिग्री पूर्व से 90 डिग्री पूर्व में आगे बढ़ाना, जो पश्चिम बंगाल-असम सीमा के साथ एक देशांतर पर होगा, असम की मांग को पूरा करने में किसी तरह से मदद करेगा और उत्तर-पश्चिमी भारत से संबंधित असुविधाओं के बारे में संभावित शिकायतों से बचने में मदद करेगा। यदि अलग मानक समय की व्यवस्था से मानव श्रम का उचित प्रबंधन और बड़ी मात्रा में बिजली की बचत की जा सकती है तो इस संबंध में विचार किये जाने की आवश्यकता है।

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स्मासर्टफोन खरीदने से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान

आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन न केवल शौक बल्कि जरूरत भी बन गया है। ऑनलाइन शॉपिंग, बिल भुगतान, टिकट बुकिंग, सरकारी योजनाओं की जानकारी, ईमेल आदि सभी कुछ इस छोटे से यंत्र में समा चुका है। सही मायनों में काफी हद तक इसने कंप्यूटर को भी रिप्लेस कर दिया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण आज मोबाईल के दाम काफी कम हो गए हैं।

 

अगर आप भी स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं या अपने पुराने फोन को बदलना चाहते हैं तो जरूरी है कि कुछ विशेष बातों पर ध्यान दें जैसेकि कंपनी, हार्डवेयर, आॅपरेटिंग सिस्टम, फीचर्स, रैम, मेमोरी, बैट्री, आफ्टर सेल्स सर्विस आदि ताकि आपके पैसों की सही कीमत मिले तथा भविष्य में आपको परेशानी भी न उठानी पड़े। कम कीमत में अधिक फीचर्स व स्पेसिफिकेशन्स पाने के लिए स्मार्टफोन का चुनाव करते समय पांच बातों का ध्यान रखें...

 

साइज 

आप अपनी सुविधानुसार 4-5 इंच का फोन चुन सकते हैं। चूंकि इससे बड़े साइज के फोन को रखना असुविधाजनक हो सकता है। अल्मोड व आईपीएस डिस्प्ले अच्छी मानी जाती है। 5 इंच से बड़ी डिस्प्ले एचडी (720गुणा1280) तो 5 इंच तक की डिस्प्ले फुल एचडी (1920गुणा1080) होनी अच्छी मानी जाती है।

 

प्रोसेसर, रैम व मेमोरी 

फोन ऑक्टासकोर या क्वाडकोर प्रोसेसर और कम से कम 2 जीबी रैम वाला हो। फोन की इंटरनल मेमेारी कम से कम 16 जीबी हो व उसमें मेमोरी काॅर्ड स्लाॅट भी हो तो अच्छा रहेगा।

 

ऑपरेटिंग सिस्टैम

बाजार में एंड्रायड, विंडोज व आईओएस ऑपरेटिंग सिस्ट्म और फायरफॉक्सच, सायोनोजे़न आदि साफ्टवेयर वाले फोन मिल रहे हैं। नये वर्जन वाले ओएस का फोन लें जैसे हो सके तो एंड्रायड 5.0 लॉलीपॉप वर्जन लें। चैक करें कि भविष्य में उसमें कोई अपग्रेड मिलेगा या नहीं। आईओएस वाले आईफोन काफी महंगे और इसके सभी एप्स पेबेल होने से एंड्रायड या विंडोज वाले फोन पर जा सकते हैं। एंड्रायड फोन में एप्स काफी मिल जाते हैं वो भी मुफ्त जबकि विंडोज फोन में आवश्यकतानुसार कम ही एप्स होते हैं।

 

कैमरा, बैटरी व कनेक्टिीविटी 

फोटोग्राफी का शौक है तो फोन का कैमरा 8-13 मेगापिक्सल का लें। कैमरे की गुणवत्ता, एलईडी फ्लैश और अन्य कैमरा फीचर्स को भी अच्छे से चैक कर लें। बैटरी कम से कम 2800 एमएएच की हो तो अच्छा रहेगा। यदि आप टूर पर रहते हैं तो रिमूवेबल बैटरी वाला फोन लें ताकि बैटरी रिपलेक्स की जा सके। अपनी सुविधा एवं बजट के हिसाब से फोन डबल सिम, सी.डी.एम.ए., जी.एस.एम., 3जी, 4जी आदि चुनें।

 

वारंटी व सर्विस सेंटर 

अधिकतर फोन एक साल की वारंटी के साथ मिलते हैं। पर घर के पास सर्विस सेंटर का न होना या फिर सपोर्टिंग रेप्युटेशन ठीक न होने पर वारंटी का भी कोई महत्व नहीं रहता। फोन एक्सेसरीज और मार्केट में स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता आदि को अच्छे से चैक कर लें। हो सके तो मोबाइल की डमी से उसकी लुक, डिजाइन, बिल्ड क्वालिटी, पोट्र्स व बटन प्लेसमेंट आदि को पहले से ही देखकर जांच लें।

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इन पांच एक्सरसाइज से तेज हो जायेगी स्मार्ट फोन की नेट स्पीड

भारत की नयी जेनरेशन के पास कम कम एक स्मार्ट फोन तो है। यह अच्छी बात है। इससे भी अच्छी बात यह है कि हर स्मार्ट फोन में इंटरनेट की सुविधा है और लगभग हर कोई किसी न किसी सोशल प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ है। लेकिन सिर दर्द यह कि फोन स्मार्ट होने के बावजूद इंटरेनट स्पीड स्मार्ट नहीं है। कहने भर को 3जी, 4जी आ गया है, लेकिन स्पीड 2जी भी नहीं मिल पाती। कारण बहुत से हैं, लेकिन स्मार्ट फोन के इंटरनेट की स्पीड कुछ मामूली एक्सरसाइज करने से बढ़ सकती है। वो कौन-कौन सी एक्सरसाइज हैं हम आपको बता रहे हैं...

 

नेट यूज करने के बाद एंटीवायरस जरूर चलाएं

स्मार्टफोन के इंटरनेट ब्रॉउजर को वायरस का खतरा सबसे अधिक होता है। वायरस सबसे पहले इंटरनेट की स्पीड को कम कर देता हैं। इसलिए दिन में एक बार करें की वायरस स्कैनर से फोन को स्कैन करें।

 

अलर्ट पर ध्यान रखें और एप्स को अपडेट करते रहें

फोन पर आये हुए अपडेट को अनदेखा कर देते है, इस वजह से ब्रॉउजर सही से सपोर्ट नहीं करता और नेट की स्पीड धीमी हो जाती है। अपडेट के जरिए छोटी-छोटी कमियों को दूर कर ब्राउजिंग को बेहतर बनाया जा सकता है।

 

डाउनलोड्स फोल्डर भी स्कैन और क्लीन रखें

इंटरनेट से हम अधिकतर कुछ न कुछ डाउनलोड करते हैं। ऐसे में डाउनलोड फोल्डर भर जाता है और स्पीड कम हो जाती है।

 

इंटरनल स्पेस खाली रखें

स्मार्टफोन प्रयोग के दौरान इंटरनल मैमारी को जितनी खाली रहेगी फोन की परफॉर्मेंस उतनी अच्छी रहेगी। 

 

टैंपररी फाइल्स डिलीट करते रहें

इंटरनेट बूस्टर और एंड्रॉयड ऑप्टिमाइजर जैसे एप्लिकेशंस से टैंपररी फाइल्स को डिलीट करने भी इंटरनेट स्पीड बढ़ जाती है।

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इन स्मार्ट चार्जिंग टिप्स से बेहतर होगी फोन की परफॉर्मेंस

यूं तो स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने के लिए ढ़ेरों टिप्स अब तक आप पढ़ ही चुके होंगे, लेकिन फोन की बैटरी बचाने के तरीकों के अलावा और क्या उपाय हो सकता है फोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने का सोचा है आपने? दरअसल फोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने से ज्यादा अगर फोन को सही और स्मार्ट तरीकों से चार्ज करने पर ध्यान दिया जाएं तो सही मायने में आपको स्मार्टफोन सुरक्षित होगा। आज हम आपको अपने स्मार्टफोन की बैटरी चार्ज करने के कुछ ऐसे ही स्मार्ट तरीके सुझाएंगे, जिनसे फोन की बैटरी ज्यादा दिन तक चलेगी, दूसरे शब्दों में कहा जाए तो आपको स्मार्ट चार्जिंग के टिप्स दिए देंगेः


अनब्रांडेड या दूसरे चार्जर से बचें: फोन हमेशा अपने ही चार्जर से चार्ज करें यानि स्मार्टफोन खरीदते समय जो चार्जर साथ मिला है उसी से फोन को चार्ज करें। अनब्रांडेड या दूसरे फोन का चार्जर आपके फोन की बैटरी लाइफ को नुकसान पहुंचाता है जबकि सेल्स पैक में साथ मिला चार्जर उतना ही वोल्टेज फोन को देगा जितने की उसे जरूरत है, इतना ही नहीं जहां तक हो सकें मल्टी चार्जिंग से बचें। बहुत बार लोग कार या घर में फोन को चार्ज करने के लिए उसे मल्टी चार्जर पर लगा देते हैं इससे भी फोन की बैटरी डैमेज होती है।


पूरा डिस्चार्ज होने से पहले चार्ज करें: बहुत लोग सोचते हैं कि फोन की बैटरी जितना खींच सकती है खींचो, कुछ लोग मानते हैं कि फोन को हफ्ते में एक बार पूरी तरह डिस्चार्ज करके फुल चार्ज करना चाहिए, लेकिन यह सही तरीके नहीं हैं। ध्यान दें कि फोन बार-बार डिस्चार्ज न हो। एक टेक फर्म के अनुसार आपके फोन के लिए आइडियल चार्जिंग का प्रतिशत 40-80 फीसदी होना ज्यादा बेहतर साबित होता है और पूरी तरह डिस्चार्ज बैटरी से स्मार्टफोन की क्षमता घटती है।


फोन को चार्जर ओनली मोड पर चार्ज करें: लोग अक्सर अपना चार्जर जब कहीं भूल जाते हैं तो यूएसबी केबल से फोन को चार्ज करते हैं लेकिन यहां भी स्मार्ट चार्जिंग की जरूरत पड़ती है। ध्यान रखें कि यूएसबी से चार्जिंग के टाइम डाटा ट्रांसफर न करें और फोन को चार्जर ओनली मोड पर रखकर ही चार्ज करें, इससे टाइम तो बचेगा ही साथ ही फोन की परफॉर्मेंस भी ठीक रहेगी।


पुरानी बैटरी का उपयोग न करें: आप स्मार्टफोन के साथ मिली बैटरी को साल दर साल इस्तेमाल करते रहते हैं पर शायद आपको पता नहीं कि बैटरी यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार एक साल के इस्तेमाल के बाद बैटरी की कार्यक्षमता घटने लगती है। इसलिए अगर बैटरी एक साल से ज्यादा पुरानी हो गई है तो उसे बदल दें क्योंकि वही पुरानी बैटरी से चार्जिंग में न केवल टाइम ज्यादा खर्च होगा साथ ही बैकअप भी कम हो जाएगा।


कॉमन चार्जर से बैटरी चार्ज न करें: मार्केट में ऐसे बहुत से इलेक्ट्रोनिक्स आइटम्स है जिनको चार्ज करने के ले एक समान चार्जर का इस्तेमाल होता है यानि कॉमन चार्जर का प्रयोग होता है,लेकिन याद रखें की सभी इलेक्ट्रोनिक्स गैजेट्स एक समान वोल्टेज पर चार्ज नहीं होते क्योंकि प्रत्येक डिवाइस में वोल्टेज का स्केल अलग होता है। इसलिए कॉमन चार्जर से चार्ज करने पर इलेक्ट्रोनिक्स डिवाइस को क्षति पहुंचती है। इनके प्रयोग से बचें।



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जियाओमी रेडमी नोट की खास बातें

चीनी स्मार्टफोन कंपनी जियाओमी ने अपने रेडमी नोट को 2 वेरिएंट- डुअल सिम (2जी $ 3जी) और सिंगल सिम (4जी कनेक्टिविटी) वेरिएंट में भारत में लांच कर दिया है। सूचना के अनुसार रेडमी नोट को 2 दिसंबर को फ्लिपकार्ट पर सेल के लिए उतारा जाएगा जिसके लिए रेजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। लेकिन इसे खरीदने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जरूर जान लें कि आखिर क्या खास है इस डिवाइस में।


जानिए डिस्प्ले, डिजाइन व प्रोसेसर की क्षमता

जियाओमी रेडमी नोट में 5.5 इंच का एचडी आईपीएस एलसीडी डिस्प्ले है जो कि 720गुणा1280 पिक्सल का रेजोल्यूशन प्रदान करने में सक्षम है। कंपनी द्वारा रेडमी नोट के डिस्प्ले को कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास3 की सुरक्षा भी प्रदान की गई है। जियाओमी रेडमी नोट का वजन केवल 199 ग्राम है और इसकी डायमेंशंस 154गुणा78.7गुणा9.5एमएम हैं। डिजाइन के मामले में भी यह डिवाइस काफी हद तक आकर्षक है। प्रोसेसर के मामले में रेडमी नोट के डुअल सिम वेरिएंट में 1.7 गीगा हट्र्ज ऑक्टा कोर मीडिया टेक प्रोसेसर है जबकि 4जी वेरिएंट में 1.6 गीगा हट्र्ज क्वालकॉल स्नैपड्रैगन400 सीपीयू प्रोसेसर है। डिवाइस के दोनो वेरिएंट में ही 2जीबी का रैम है जो इस डिवाइस को बेहतर स्पीड में चलाने के लिए सक्षम है।


कितना है एंड्रायड

एंड्रायड की बात करें तो जहां डुअल सिम वेरिएंट में एंड्रायड का 4.2 जेली बीन वर्जन है वहीं दूसरी ओर 4जी वाले वेरिएंट में एंड्रायड 4.4.2 किटकैट वर्जन है। फिलहाल कंपनी ने इन दोनों एंड्रायड को अपडेट करने की कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं की है लेकिन संभावना है कि एमआई सीरीज के स्मार्टफोन को एंड्रायड 5.0 लॉलीपॉप अपडेट मिलने के बाद रेडमी नोट के दोनों वेरिएंट को भी यह नया अपडेट प्राप्त हो सकता है।


कैमरा क्वालिटी कैसी होगी

जियाओमी रेडमी नोट के दोनों वेरिएंट में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है जिसे एफ/2.2 के अपर्चर व एलईडी फ्लैश का सपोर्ट मिला है। यह कैमरा 1080 पिक्सल के रेजोल्यूशन वाली एचडी वीडियो रेकार्डिंग करने में सक्षम है। इसके अलावा दोनो वेरिएंट में 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा भी है।


बैटरी बैकअप

जियाओमी रेडमी नोट में 3, 100 एमएएच की लीथियम आयन पॉलिमर 2ए बैटरी है जिसे डिवाइस से अलग भी किया जा सकता है। उम्मीद है कि यह बैटरी डिवाइस को अच्छा पॉवर बैकअप देने में सक्षम साबित होगी। जियाओमी रेडमी नोट का फिलहाल केवल 3जी वेरिएंट 2 दिसंबर को फ्लिपकार्ट पर बिक्री के लिए उतारा जाएगा जिसकी कीमत कंपनी ने 8, 999 रुपये लगाई है।

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व्हाट्सएप, वी-चैट और स्काइपः क्या हैं फायदे और कितने हैं नुकसान

आज के बढ़ते हुए दौर में शायद ही कोई ऐसा स्मार्टफोन या मल्टीमीडिया मोबाइल होगा जिसमें इंस्टैंट मैसेंजर - व्हाट्सएप, वी-चैट, निम्बज व स्काइप जैसी सुविधा ना हो। आज हर कोई इन एप्स के जरिये लोगों से जुड़ रहा है। यह ट्रेंड बहुत तेजी से लोगों के बीच फैल गया है। सिर्फ निजी ही नहीं बल्कि व्यवसायिक तौर पर भी इन मैसेंजर का इस्तेमाल काफी बड़े पैमाने पर हो रहा है। यह मैसेंजर आपको इंटरनेट के माध्यम से फ्री मैसेजिंग, ऑडियो व वीडियो कॉलिंग, इमेज व वीडियो शेयरिंग, इत्यादि सुविधाएं देते हैं। इसके अलावा आप अपनी लोकेशन शेयर कर सकते हैं और साथ ही अपने दोस्त की भी लोकेशन का पता लगा सकते हैं।


इंस्टैंट मैसेजिंग एप्स आपके आइओएस, एंड्रायड व विंडोज मोबाइल पर आसानी से चलते हैं। इन मैसेंजर की सबसे अच्छी खासियत है इनकी तेजी से मैसेज पहुंचाने की क्षमता। आपने अपने मोबाइल से अभी सेंड का बटन बस दबाया ही था कि एक सेकेंड के अंदर वह मैसेज दूसरे व्यक्ति के स्क्रीन पर फ्लैश भी हो गया। इसके साथ ही अनगिनत फायदे देने वाले इन मैसेंजर को आप इंटरनेट द्वारा मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।


अपने मनोरंजन के अलावा इंस्टैंट मैसेजिंग एप्स आपको व्यापार से जुड़े कायरें में भी खासा मदद करते हैं। कुछ समय पहले तक दुनिया भर में मशहूर रहे मैसेंजर याहू व एमएसएन ने व्यापार जगत में लोगों को एक-दूसरे से जुड़े रहने में काफी योगदान दिया था। इन मैसेंजर के जरिये आप आसानी से गु्रप चैट कर सकते हैं जो आपको विभिन्न मुद्दों व प्रॉजेक्ट पर चर्चा करने में मदद करता है। मैसेंजर कोई भी हो, अंत में यह आपको कई तरह के फायदों से रूबरू कराते हैं जैसे कि आप हर समय सोशल साइट पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व व्यवसाय-संबंधी लोगों से जुड़े रहते हैं।


यदि आप एक कंपनी दृष्टिकोण से सोच रहे हैं तो यह मैसेंजर आपको ढेर सारे फायदे देते हैं। इन पर मौजूद वीडियो कॉलिंग के ऑप्शन से आप दूर बैठे अपने क्लाइंट से आमने-सामने होकर बात कर सकते हैं या फिर एक कॉंफ्रेंस भी कर सकते हैं। यह सभी सुविधाएं आपके काम की उत्पादकता को बढ़ाती हैं व समय और पैसे को भी बचाती हैं। इसके साथ ही आप यदि व्यापार के सिलसिले से देश या शहर से बाहर गए हैं तो इन मैसेंजर की मदद से आप सबसे जुड़े रह सकते हैं।


कई विशेषताओं के होते हुए भी इन मैसेंजर में कुछ कमियां भी आंकी गई हैं। जैसे कि इनके ज्यादा इस्तेमाल से एक कंपनी की नेटवर्क बैंडविड्थ पर फर्क पड़ता है। इसके अलावा इन मैसेंजर द्वारा कई तरह के इंटरनेट वायरस का भी खतरा रहता है। साथ ही यदि कर्मचारियों को बिना रोक-टोक के मैसेंजर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी जाए तो वो काम करने की बजाय अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ बातें करने में ज्यादा व्यस्त हो जाएंगे।


आपकी कही बात या आपका भेजा हुआ मैसेज कितनी सुरक्षा से रिसीवर तक पहुंचता है इस बात की कोई गारंटी नहीं है और यह बेहद गौर करने वाली बात है। मैसेंजर के लगातार इस्तेमाल से इंटरनेट व बैट्री भी काफी खर्च होती है। यह कुछ मुद्दे यदि साफ हो जाएं तो इन सुविधाओं को आप बेझिझक आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।




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एप्पल ने सफारी टेक्नोलॉजी प्रीव्यू 137 बग फिक्स के साथ नया अपडेट किया जारी

सैन फ्रांसिस्को : क्यूपर्टिनो आधारित टेक दिग्गज ऐप्पल ने सफारी टेक्नोलॉजी प्रीव्यू 137 के लिए कई बग फिक्स और प्रदर्शन में सुधार के साथ एक नया अपडेट जारी किया है।


मैकरियूमर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सफारी टेक्नोलॉजी प्रीव्यू रिलीज 137 वेब इंस्पेक्टर, सीएसएस, जावास्क्रिप्ट, वेब असेंबली, प्रायोगिक मॉडल एलीमेंट, एक्सेसिबिलिटी, वेब एपीआई, कंटेंट सुरक्षा नीति, मीडिया, एप्पल पेय और वेब एक्सटेंशन के प्रदर्शन में सुधार के साथ आता है।


सफारी टेक्नोलॉजी प्रीव्यू का लेटेस्ट वर्जन मैक चलाने वाले यूजर्स के लिए सफारी का एक प्रयोगात्मक वर्जन है, जिसमें वर्तमान में मैकओएस बिग सुर या मैकओएस मोंटेरी स्थापित है।


इसके अलावा, सफारी के लेटेस्ट वर्जन में लाइव टेक्स्ट, एक नया डिजाइन किया गया टैब अनुभव और बहुत कुछ जैसी नई सुविधाएं शामिल हैं। अपडेट में नए 14 और 16-इंच मैकबुक प्रो मॉडल के लिए 120 हट्र्ज रिफ्रेश रेट भी जोड़े गए हैं।


डेवलपर्स के लिए लॉन्च करने के बाद, पहला मैकओएस 12.2 बीटा अब उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो सार्वजनिक बीटा प्रोग्राम में हैं।


अपडेट में तेज खोज और स्क्रॉलिंग के साथ एक नया मूल एप्पल म्यूजिक ऐप और मैकबुक प्रो पर प्रोमोशन के साथ सफारी में स्क्रॉल करने के लिए एक फिक्स है।


यदि उपयोगकर्ता अभी तक बीटा नहीं चला रहे हैं तो उपयोगकर्ता इसे एप्पल की डेवलपर वेबसाइट या सार्वजनिक बीटा वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।


मैकओएस 12.2 में नए, मूल एप्पल म्यूजिक ऐप के साथ कुछ उल्लेखनीय बदलाव हैं।





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अगर आपको किसी ने व्हाट्सएप पर कर दिया ब्लॉक, तो ऐसे करें उसे मैसेज

आज के दौर में लोग सबसे ज्यादा व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही व्हाट्सएप भी अपने यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार फीचर्स पेश करता रहता हैं। इस प्लेटफॉर्म पर हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मैसेज, वीडियो और तस्वीरें भेजते हैं। लेकिन कई बार होता है कि किसी गलत मैसेज या फोटो के चले जाने की वजह से आपको ब्लॉक कर दिया जाता है।


एक बार ब्लॉक हो जाने के बाद आप उस दोस्त या रिश्तेदार को मैसेज सेंड नहीं सकते हैं। हम आपको एसी ट्रिक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप उस व्हाट्सएप यूजर को आसानी मैसेज भेज पाएंगे, जिसने आपको ब्लॉक किया था। साथ ही आप उसे मना भी सकेंगे। तो आइए जानते हैं पूरा तरीका...


ब्लॉक करने वाले यूजर को मैसेज भेजने के लिए आपको अपने और उसके कॉमन दोस्त या रिश्तेदार की मदद लेनी होगी। तभी आप उस यूजर को मैसेज भेजकर अपनी बात रख सकेंगे। 


इतना करने के बाद आपका मित्र या रिश्तेदार (कॉमन यूजर) एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएगा। इस ग्रुप में आप होंगे, आपका कॉमन मित्र या परिवार का रिश्तेदार होगा और वह भी होगा जिसने आपको ब्लॉक किया है। बता दें कि आपका मित्र ही उस यूजर को एड करेगा, जिसने आपको ब्लॉक किया था।


वैसे तो सुनने में थोड़ा मजाकिया लग रहा है लेकिन ग्रुप बनाने वाला आपका मित्र ग्रुप छोड़ देगा।


अब इस ग्रुप में आप और आपका दोस्त या रिश्तेदार बच जाएगा, जिसने आपको ब्लॉक किया था। इस बाद आप ग्रुप में मैसेज भेजकर उस मित्र या परिवार के सदस्य को मना सकते हैं। 






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iPhone 14 स्मार्टफोन में 48MP कैमरा समेत मिलेंगे ये कमाल के फीचर्स, यहां जानें ....

नई दिल्ली :  आईफोन 14 (iPhone 14) सीरीज की लॉन्चिंग में काफी वक्त है। लेकिन इससे पहले ही स्मार्टफोन की डिटेल लीक होने की सूचना है, जिसके मुताबिक अपकमिंग iPhone 14 स्मार्टफोन में 8 जीबी रैम का सपोर्ट मिलेगा। यह iPhone 13 के टॉप वेरिएंट के 6जीबी रैम के मुकाबले ज्यादा रैम वेरिएंट के साथ आएगा। 8 जीबी रैम सपोर्ट Apple iPhone 14 के टॉप वेरिएंट में दिया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि अपकमिंग आईफोन सीरीज के स्मार्टफोन में क्या खास होगा.

अपकमिंग iPhone 14 स्मार्टफोन सीरीज को सितंबर 2022 में लॉन्च किया जा सकता है। Apple की तरफ से फिलहाल लॉन्चिंग को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है। खबर है कि लॉन्चिंग में देरी भी हो सकती है, क्योंकि चिपसेट की कमी एक बड़ी वजह बनी हुई है। चिपसेट की कमी की वजह से इस साल अक्टूबर माह में iPhone 13 का प्रोडक्शन बंद रहा है। एक्सपर्ट की मानें, तो अगले साल 2022 में भी चिपसेट की कमी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लीक रिपोर्ट के मुताबिक अपकमिंग iPhone 14 सीरीज में 6.1 इंच वाला iPhone 14 स्मार्टफोन मौजूद रहेगा। साथ ही 6.7 इंच स्क्रीन साइज में iPhone 14 Max और 6.1 इंच स्क्रीन साइज में iPhone 14 Pro और 6.7 इंच स्क्रीन साइज में iPhone 14 Pro Max स्मार्टफोन आएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक iPhone 14 Pro वेरिएंट में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप मिलेगा। इसका प्राइमरी कैमरा 48MP का होगा। इसके अलावा 12MP अल्ट्रा-वाइड एंगल लेंस और एक टेलिफोटो लेंस का सपोर्ट मिलेगा। इससे पहले अप्रैल माह में एनालिस्ट Ming-Chi-Kuo की तरफ से भी खुलासा किया गया था कि iPhone 14 Pro मॉडल 48MP प्राइमरी कैमरे के साथ आएगा। इसमें 8K वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट दिया जाएगा। iPhone 14 Pro मॉडल को 8 जीबी रैम सपोर्ट के साथ पेश किया जाएगा। 



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लर्निंग एप्स की मदद से खेल-खेल में बच्चों को सिखाएं बहुत कुछ

टेक्नोलॉजी के इस युग में बच्चे फोन पर गेम खेलते हुए आसानी से नजर आ जाते हैं। बच्चों के बीच मोबाइल का क्रेज बढ़ाता जा रहा है। परिजनों की शिकायत रहती है कि बच्चे पढ़ाई छोड़कर फोन में लगे रहते है। अगर आपका नाम भी ऐसी ही मम्मी की लिस्ट में शुमार है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। बल्कि वक्त आ गया है कि आप थोड़ा स्मार्टली प्ले करें। आप स्मार्टफोन में कुछ ऐसे ऐप्स इन्स्टॉल करें, जो आपके बच्चों को लर्न करने का काम करें। इन ऐप्स में ऐसे फीचर्स होते हैं जो बच्चों को खेल-खेल में सिखाते हैं। इन्हें आप एंड्रॉयड यूजर्स गूगल प्ले स्टोर से फ्री इन्स्टॉल कर सकते हैं।


खान अकादमी 


खान अकादमी एक नॉन प्रॉफिट वेबसाइट है, जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए डिज़ाइन की गई है। इस ऐप में व्याकरण, गणित, राजनीति, विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र जैसे विषयों पर 4,000 से अधिक वीडियो हैं। आपइसे साइट से स्ट्रीम कर सकती हैं या इसे डाउनलोड कर सकती हैं। इस एप में आप वीडियो के साथ-साथ स्टेप बाई स्टेप प्रैक्टिस भी की जा सकती है, बुकमार्क्स सेट कर सकते हैं और खुद की प्रोग्रेस का टेस्ट भी ले सकते हैं।


फोटोमैथ 


अगर आपका बच्चा मैथ्स में कहीं पर अटक गया है और आप झटपट उसका उत्तर चाहती हैं तो यह एप इसमें आपकी मदद करेगा। यह एक तरह से कैमरा केलकुलेटर है। इसमें आप किसी भी मैथ्स के किसी समीकरण या समस्या पर कैमरा लेकर जाएं और आपको उत्तर खुद ब खुद मिल जाएगा।


डुओलिंगो


अगर आप अपने बच्चे को कई भाषाओं में अभ्यस्त करना चाहती हैं तो यह एप एक अच्छा विकल्प है। इस एप की मदद से बच्चे स्पेनिश, डच, डेनिश, फ्रेंच, जर्मन, इतालवी, आयरिश और यहां तक कि अंग्रेजी सहित कई प्रकार की भाषाएं बेहद सरल तरीके से सीख सकते हैं। यह डाउनलोड व उपयोग करने के लिए पूरी तरह से मुफ्त है और इन-ऐप खरीदारी को वैकल्पिक रखा गया है। इस एप में डेली कुछ वक्त बिताकर बच्चे खेल-खेल में दुनिया की कई भाषाओं को सीख सकते हैं।


ड्रैगनबॉक्स


आमतौर पर बच्चे मैथ्स को एक बहुत ही मुश्किल सब्जेक्ट समझते हैं, लेकिन अगर आप मस्ती-मस्ती में और बेहद दिलचस्प तरीके से बच्चे को मैथ्स को सिखाना चाहती हैं तो ड्रैगनबॉक्स आपके लिए ही है। यह एक एजुकेशनल गेम सीरीज है। इस गेम ने ‘बेस्ट लर्निंग गेम’के लिए 2016 गेम्स फॉर चेंज अवार्ड जीता। इस एप की मदद से अलजेब्रा और ज्योमेट्री को अपनी उंगलियों पर नचा सकते हैं।




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