दो दिन तक यूपी के 19 गांवों को पूरे दिन नहीं मिलेगी बिजली

हरिहरगंज उप केंद्र से संबंधित बिजली उपभोक्ताओं को 19 व 20 सितंबर को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक बिजली आपूर्ति बंद रहेगी। अधिशासी अभियंता बालकृष्ण ने बताया कि उपकेंद्र में लगे पुराने ओसीबी को बदलने का कार्य प्रस्तावित है।

इस कारण हरिहरगंज बाजार, घूघुलपुर, टेंगनहिया मानकोट, सरदारगढ़, जबदही, जबदहा, बगाही, ज्योनार, सेखुईकला, सेखुईया चौराहा, पनहिया, बरांव, नरायनपुर, कलंदरपुर, पाननकुईया, हरवशडीह, पैगापुर, जमालीजोत व ढोढरी समेत अन्य संबंधित गांवों की बिजली दो दिन तक पूरे दिन के लिए बंद रहेगी।

गोंडा में भी ढाई घंटे गुल रही 150 गांवों की बिजली

बेलसर (गोंडा) : मंगुरा बाजार-गोंडा मार्ग स्थित रेशम फार्म के निकट मंगलवार की देर शाम साढ़े सात बजे 33 हजार लाइन का इंसुलेटर दग गया इससे बिजली उपकेंद्र बेलसर के चार फीडर से जुड़े लगभग 150 गांवों की बिजली गुल हो गई। ढाई घंटे बाद दस बजे रात बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी।

वहीं बुधवार दिनभर अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान रहे। रेशम फार्म के पास खेत में लगे खंभे पर लगे 33 हजार लाइन का इंसुलेटर दग जाने से आपूर्ति बाधित हो गई इससे उपकेंद्र शुकुलगंज बेलसर के मंगुरा, बेलसर, डेहरास व उमरी फीडर के लगभग 150 गांवों की बिजली आपूर्ति बंद हो गई।

दो लाख आबादी प्रभावित रही। बिजली कर्मियों ने उसे सही किया और ढाई घंटे बाद आपूर्ति बहाल हुई। दूसरे दिन बुधवार को दिन में भी बिजली की अघोषित बिजली कटौती होती रही। अवर अभियंता अमोद कुमार ने कहा कि इंसुलेटर दगने से आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे सही कराकर आपूर्ति बहाल कर दी गई थी।


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'भिंडरावाले संत नहीं, आतंकवादी था' Emergency के पोस्टपोन होने पर फूटा कंगना का गुस्सा

बॉलीवुड एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म 'इमरजेंसी' अधर में लटकी है। यह मूवी 6 सितंबर को रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन आखिरी वक्त पर इसकी रिलीज पर रोक लगा दी गई।

'भिंडरावाले संत नहीं, आतंकवादी था' 

फिल्म पोस्टपोन हो चुकी है, तो इसकी नई रिलीज डेट का अब फैंस को इंतजार है। कंगना ने ये साफ जरूर किया है कि यह फिल्म रिलीज होगी, लेकिन कब इसका अता पता नहीं है। इसी बात को लेकर कंगना ने हाल ही में भड़ास निकाली। एक्ट्रेस ने कहा कि उनकी फिल्म से कुछ लोगों को आपत्ति थी। उन्होंने भिंडरावाले का बचाव करने वालों पर सवाल उठाया और कहा कि वह संत नहीं बल्कि आतंकवादी था।

'इमरजेंसी' की रिलीज पर बोलीं कंगना

कंगना रनौत ने न्यूज 18 के चौपाल कार्यक्रम में एक बार फिर बेबाक अंदाज में बात की। एक्ट्रेस ने कहा, ''ये हमारा इतिहास रहा है, जिसे जानबूझकर छुपाया गया है। हमे इसके बारे में नहीं बताया गया। भले लोगों का जमाना नहीं है। मेरी फिल्म रिलीज के लिए तैयार है। चार इतिहासकारों ने फिल्म देखी है। इसे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है। मेरी फिल्म के साथ कुछ गलत नहीं है, लेकिन कुछ लोग हैं जो भिंडरावाले को संत और लीडर कहते हैं। उन्होंने दलीलों के जरिये धमकी दी। मुझे भी धमकी मिली।''

फिल्म पोस्टपोन से झेला आर्थिक नुकसान

कंगना ने कहा, ''पिछली सरकारों ने खलिस्तानियों को आतंकवादी कहा था। वह (भिंडरावाले) संत नहीं थे, जो मंदिर में AK47 लेकर बैठा था। मुझे नहीं लगता कि पंजाब के 99 प्रतिशत लोग भिंडरावाले को संत मानते हैं। वह आतंकवादी है अगर ऐसा है, तो मेरी फिल्म रिलीज होनी चाहिए।'' कंगना ने आगे बताया कि उनकी फिल्म के पोस्टपोन होने से उन्हें आर्थिक नुकसान भी हुआ है।


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PM मोदी बोले- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में कहा, 'हमने देश की संसद में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिलाएंगे। भाजपा ही इसे पूरा करेगी। इसलिए मेरी आपसे अपील है कि 25 सितंबर को वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए।'

इसके पहले उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP और कांग्रेस को लेकर कहा, 'इन तीन खानदानों ने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक घाटी में नफरत का सामान बेचा है। इनके कारण ही यहां के युवा तरक्की नहीं कर पाए।'

पिछले 6 दिन में राज्य में PM मोदी का यह दूसरा कश्मीर दौरा है। इससे पहले वे 14 सितंबर को डोडा पहुंचे थे। वे यहां पार्टी कैंडिडेट्स से भी मिलेंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे वे कटरा जाएंगे, जहां एक और जनसभा होगी।

पीएम मोदी की स्पीच की बड़ी बातें

पहले फेज की रिकॉर्ड वोटिंग पर : चुनाव में पहले फेज में इतनी बड़ी तादाद में वोटिंग हुई। ये खुशी की बात है कि दहशतगर्दी खत्म हुई और चुनाव के लिए लोग इतनी बड़ी तादाद में घर से बाहर निकले। ये नया इतिहास बना है। आपने ये इतिहास रचा है। दुनिया देख रही है कि कैसे जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं।

NC-कांग्रेस और PDP पर : दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक ये लोग बौखलाए हुए हैं। इन्हें लगता है, जैसे-तैसे कुर्सी पर कब्जा जमाना और फिर आपको लूटना, ये इनका पैदायशी हक है। जम्मू-कश्मीर की आवाम को उनके जायज हक से महरूम रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने सिर्फ डर और अराजकता ही दी है। अब कोई इनके शिकंजे में रहने वाला नहीं है।

कश्मीर के युवाओं पर: जिन नौजवानों को आगे नहीं बढ़ने दिया। वे इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं युवा। आज वादी का जो नौजवान 20-25 साल का है, उनमें से कई पढ़ाई-लिखाई से मेहरूम रह गए हैं। कई ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं-12वीं या कॉलेज तक पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से ज्यादा साल लगे हैं। ये इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए हैं।

घाटी में होने वाली पत्थराबाजी पर : इन्होंने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक नफरत का सामान बेचा है। आप वो वक्त याद रखिए, जो स्कूल कॉलेज बच गए, वहां कई-कई सालों तक पढ़ाई नही हो पाती थी। ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमा कर खुश रहते थे।

राज्य के लिए BJP की योजनाओं पर: यहां अमन की बहाली के लिए मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हूं। यहां स्कूल-कॉलेज आराम से चल रहे हैं, बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पेन और किताबे हैं, लैपटॉप हैं। आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी ये बनने की खबरें आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे पढ़े-लिखें और ज्यादा काबिल बनें, उनके लिए यहीं पर नए मौके बने।

जम्मू-कश्मीर में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स पर : मैं सिर्फ बीते 5 साल का हिसाब आपको देता हूं। मोदी ने 50 हजार बच्चों का दोबारा स्कूल में दाखिला कराया। यहां 15 हजार स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू की गईं, इनमें आज डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। आज यहां करीब 250 स्कूलों को पीएम श्री स्कूल्स में अपग्रेड किया जा रहा है। यहां कई कॉलेज बने हैं।

रोजगार के अवसरों पर : जम्मू-कश्मीर का नौजवान मजबूर नहीं रहा, वो मोदी सरकार में मजबूत हो रहा है। भाजपा ने भी नौजवानों के रोजगार के लिए बड़े ऐलान किए हैं। स्किल डेवलपमेंट हो, बिना धांधली काबिल लोगों को सरकारी नौकरी मिले, ये सारे काम भाजपा यहां पूरे करके दिखाएगी।

पिछले चुनावों पर: यहां के 3 खानदानों ने 80 के दशक में क्या किया था। इन्होंने सियासत को अपनी जागीर समझ रखा था। किसी दूसरे को आगे आने ही नहीं देना चाहते। पंचायत, डीडीसी के इलेक्शन को क्यों रोका इन्होंने। इन्हें लगता था कि नए लोग सियासत में आएंगे, जो इन्हें चैलेंज करेंगे। इसका नतीजा क्या हुआ? नौजवानों में जम्हूरियत से भरोसा कम होता गया।

कैसे इलेक्शन होते थे। शाम 5 बजे के बाद कैंपेन बंद हो जाता था। डोर टू डोर मिलना नहीं होता था। तीनों खानदान इससे खुश थे, आपके हक-हुकूक छीनकर ये लोग मौज में रहते थे। पहले के उन हालात से अलग अब कितना कुछ बदल गया है। अब देर रात कैंपेन होता है। लोग जम्हूरियत को सेलिब्रेट कर रहे हैं, युवा में भरोसा जागा है कि उनका वोटिंग का हक ही बदलाव ला सकता है।

जनता के लोकतंत्र पर बढ़ते भरोसे पर: जम्हूरियत को लेकर यही आस, उम्मीद बड़ी कामयाबी की तरफ ले जाने वाली पहली सीढ़ी है। यहां जो ऐजाज हसन जैसे नौजवान हैं, वे इन खानदानी पार्टियों को चैलेंज कर रहे हैं, जब ये खानदान ऐसे युवाओं को गालियां देते हैं तो साफ होता है कि जमीनी लोकतंत्र से ये तीन खानदान कितने डरे हुए हैं।

घाटी में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर: इन तीन खानदानों के राज में हजरतबल, खीर भवानी जैसी पवित्र जगहें भी महफूज नहीं थीं। एक दौर था जब लाल चौक पर आना यहां तिरंगा फहराना जान जोखिम में डालने वाला काम था। अब तस्वीर बदल गई है। 3 दशक के बाद अब यहां मुहर्रम का जुलूस निकल पाया है। ये माहौल, ये काम किसने किया है। ये काम मोदी ने नहीं, ये काम आपने किया है।

राज्य के लिए केंद्र सरकार की कोशिशों पर : कश्मीरियत को सींचने में, उसे आगे बढ़ाने में कश्मीरी पंडितों की भूमिका रही है, लेकिन तीन खानदानों की खुदगर्ज सियासत ने कश्मीरी हिंदुओं को बेघर कर दिया। सिख परिवारों पर जुल्म हुए। ये तीन खानदान, उनके लोग हर जुर्म के भागीदार बने रहे। इन्होंने सिर्फ बंटवारा किया, भाजपा सबको जोड़ रही है। हम दिल और दिल्ली की दूरी मिटा रहे हैं।

कश्मीर में लगने वाले कर्फ्यू पर : 35 साल में 3000 दिन बंद रहा। 35 साल में से 8 साल बंद में गुजर गए। पिछले पांच साल में 8 घंटे भी कश्मीर बंद नहीं रहा। ये आपका क्रेडिट है। क्या आप चाहते हैं कि पुराने दिन फिर लौटें, क्या चाहते हैं कि फिर हड़तालें हों, खून खराबा हो। क्या चाहते हैं कि फिर हमारी बेटियों के, कमजोर तबकों के हक मारे जाएं, स्कूल जलाए जाएं?

मौजूदा चुनावी वादों पर : आज जो कश्मीर में काम हो रहा है, वो पहले भी हो सकते थे। आज जो ईंट-पत्थर आपकी रोड, घर बनाने में लग रहे हैं, उसका इस्तेमाल लोग दूसरी चीजों में करते थे। आज तीनों खानदानों के पास बताने के लिए काम नहीं, सिर्फ नाकामियां हैं। भाजपा गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं, सबके लिए बहुत बड़े इरादों के साथ चुनाव में उतरे हैं।

सरकार की योजनाओं पर : भाजपा सरकार हर परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला के खाते में हर साल 18 हजार रुपए जमा करेगी। 7 लाख तक मुफ्त इलाज मिलेगा। गरीबों को हजारों घर मिले हैं। सरकार 24 घंटे मुफ्त बिजली देने के लिए काम कर रही है। इसके लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम चल रही है। छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब 80 हजार रुपए हर परिवार को दे रही है।

डोडा में कहा था- एक तरफ तीन खानदान, उनके सामने कश्मीर के नौजवान

पीएम मोदी ने डोडा रैली के दौरान परिवारवाद को लेकर कहा- जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव 3 खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है। एक तरफ तीन खानदान हैं, दूसरी तरफ सपने लेकर निकल पड़े नौजवान हैं। तीनों खानदान जम्मू-कश्मीर को दशकों तक बर्बादी देने के जिम्मेदार हैं। इन खानदानों ने यहां करप्शन को बढ़ावा दिया। जमीन कब्जा करने वाले गिरोहों को बढ़ावा दिया। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए आपको तरसाया गया।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। उन्होंने पाड्डर नागसेनी, किश्तवाड़ और रामबन में जनसभा की। उन्होंने धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विकास और केंद्र सरकार की योजनाओं का यहां के लोगों को मिले लाभ गिनाए।

शाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन में आतंकवादी पोषित हुआ। ये पार्टियां धारा 370 वापस लाना चाहती हैं। लेकिन बीजेपी के रहते हुए ऐसा कभी नहीं होगा।

शाह ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने इस अब्दुल्ला परिवार को देशद्रोही कहा, आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया और उमर अब्दुल्ला के दादा को सालों तक जेल में रखा। आज मोदी जी के सामने जीतने के लिए राहुल और उमर अब्दुल्ला ILU-ILU कर रहे हैं।'

पहले चरण की वोटिंग में रिकॉर्ड 61.13% टर्नआउट

18 सितंबर को पहले फेज में 7 जिलों की 4 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इस दौरान 61.13% मतदान हुआ है। चुनाव आयोग के मुताबिक किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80.14% और पुलवामा में सबसे कम 46.65% वोटिंग हुई। दूसरे नंबर पर डोडा 71.34%, तीसरे नंबर पर रामबन 70.55% रहा। पहले फेज की वोटिंग को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले 35 हजार से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने भी वोट डाले। उनके लिए कुल 24 स्पेशल बूथ बनाए गए थे। दिल्ली 4, जम्मू 19 और उधमपुर में 1 बूथ था।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।

18 सितंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है। 25 सितंबर को दूसरे फेज और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।

भाजपा ने 90 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बची हुई 28 सीटों पर भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन करेगी।.


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हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी किया संकल्प पत्र, महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संकल्प पत्र जारी किया। बीजेपी हरियाणा में अगर में आती है तो वो हर महीने महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये देगी। इसी के साथ सरकार 24 फसलों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में 20 वादे किए है। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और संकल्प पत्र कमिटी के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पहले यह घोषणा पत्र बुधवार को जारी होना था। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आना था। बाद में उनकी जगह जेपी नड्डा का कार्यक्रम तय किया गया। मंगलवार देर रात को अचानक ही संकल्प पत्र जारी करने का दिन बदल दिया गया।

बीजेपी के संकल्प पत्र में क्या-क्या

1. सभी महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत प्रतिमाह ₹2,100

2. IMT खरखौटा की तर्ज पर 10 औद्योगिक शहरों का निर्माण। प्रति शहर 50,000 स्थानीय युवाओं को नौकरी देने के लिए उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन

3. चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का मुफ्त इलाज एवं परिवार के 70 वर्ष से अधिक प्रत्येक बुजुर्ग को अलग से ₹5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा

4. 24 फसलों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद

5. 2 लाख युवाओं को 'बिना पर्ची बिना खचर्ची' पक्की सरकारी नौकरी

6. 5 लाख युवाओं के लिए अन्य रोजगार के अवसर एवं नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना से मासिक स्टाइपेंड

7. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख आवास

8. सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस तथा सभी अस्पतालों में डायग्नोसिस मुफ्त

9. हर जिले में ओलंपिक खेलों की नर्सरी

10. हर घर गृहणी योजना तहत ₹500 में सिलेंडर

11. अव्वल बालिका योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज जाने वाली प्रत्येक छात्रा को स्कूटर

12. हर हरियाणवी अग्निवीर को सरकारी नौकरी की गारंटी

13. भारत सरकार के सहयोग से केएमपी के ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण एवं नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत

14. भारत सरकार के सहयोग से विभिन्न रैपिड रेल सेवाओं एवं फरीदाबाद से गुरुग्राम के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस मेट्रो सेवा की शुरुआत

15. छोटी पिछड़े समाज की जातियों (36 बिरादरियों) के लिए पर्याप्त बजट के साथ अलग-अलग कल्याण बोर्ड

16. DA और पेंशनों को जोड़ने वाले साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर सभी सामाजिक मासिक पेंशनों में वृद्धि

17. भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल और इंजीनियरिंग पढ़ने वाले ओबीसी एवं एससी जातियों के हरियाणा के विद्यार्थियों को पूर्ण छात्रवृत्ति

18. सभी ओबीसी वर्ग के उद्यमियों की, मुद्रा योजना के अतिरिक्त, 25 लाख रुपये तक के ऋण की गारंटी हरियाणा राज्य सरकार उठाएगी

19. हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाकर आधुनिक स्किल का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे

20. दक्षिण हरियाणा में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का अरावली जंगल सफारी पार्क




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आतिशी के साथ पांच नेता भी लेंगे मंत्री पद की शपथ, मंत्रिमंडल में एक नया चेहरा होगा शामिल

दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी और उनका मंत्रिमंडल 21 सितंबर को शपथ लेंगे। आतिशी मार्लेना अरविंद केजरीवाल की जगह लेंगी। कहा जा रहा है कि आतिशी के साथ 5 मंत्री शपथ ले सकते हैं।

कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा जोरों पर है। इन नामों में गोपाल राय (Gopal Rai), कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot), सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj), इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत (Mukesh Ahlawat) शपथ ले सकते हैं।

फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे केजरीवाल- आतिशी

दिल्ली (Delhi News) के अगले मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने इससे पहले मंगलवार को कहा था कि वह निवर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा उन पर जताए गए भरोसे से खुश हैं, लेकिन इस बात से भी दुखी हैं कि भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता फिर से केजरीवाल को सीएम चुनेगी।

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी

43 साल की आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम रह चुकी हैं। आतिशी, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के शिक्षा मंत्री रहते हुए उनकी सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं।


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दिलजीत दोसांझ को फैन ने भेजा लीगल नोटिस

पॉपुलर सिंगर दिलजीत दोसांझ भारत के 10 शहरों में दिल-लुमिनाटी टूर करने वाले हैं। टूर की अनाउंसमेंट के बाद से ही फैंस के बीच टिकट की मारा-मारी हो रही है। इसी बीच टिकट बुकिंग में हुई गड़बड़ के चलते दिलजीत दोसांझ लीगल पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। दिलजीत पर धोखाधड़ी और हेरफेरी के आरोप लगे हैं।

हफ्तों से टिकट का इंतजार कर रही एक फीमेल फैन को जब शो का टिकट नहीं मिल पाया, तो उन्होंने दिलजीत दोसांझ समेत ऑर्गेनाइजर्स को लीगल नोटिस भेज दिया है।

दिलजीत दोसांझ 26 अक्टूबर को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कॉन्सर्ट करने वाले हैं। 12 सितंबर को इस शो की टिकट विंडो ओपन की गई थी। टिकट बुकिंग टाइम 1 बजे अनाउंस किया गया था, हालांकि ऑर्गेनाइजर्स ने इसे 12 बजकर 59 मिनट में ही ओपन कर दिया। फ्री प्रेस जरनल के मुताबिक, हफ्तों से टिकट बुक करने का इंतजार कर रहीं दिल्ली की रहने वालीं रिद्धिमा कपूर 1 बजे का इंतजार कर रही थीं, लेकिन जब वो साइट पर गईं, तो शो हाउसफुल हो चुका था।

रिद्धिमा के अकाउंट से पैसे भी कट चुके थे, लेकिन बाद में उन्हें ये कहते हुए रिफंड दे दिया गया कि शो की टिकट एक मिनट पहले ही बिक चुकी हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, रिद्धिमा, दिलजीत के शो के लिए इतनी एक्साइटेड थीं कि उन्होंने अर्ली बर्ड पास के लिए क्रेडिट कार्ड तक बनवा लिया था। उन्होंने शो के ऑर्गेनाइजर्स पर भी टिकट प्राइज में हेराफेरी करने और कस्टमर्स राइट्स का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं। फैन का आरोप है कि टिकट्स की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है। महज 1 मिनट में सारे टिकट बिक जाने से साफ जाहिर है कि टिकट की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है। फैन रिद्धिमा ने दिलजीत दोसांझ के साथ-साथ जोमैटो, एचडीएफसी बैंक और सारेगामा प्राइवेट लिमिटेड को भी लीगल नोटिस भेजा है।


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दिल्ली-NCR के लोगों के लिए खुशखबरी, गाजियाबाद में बनेगा नया एम्स ,CM योगी ने किया एलान

गाजियाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एम्स जैसा सेंटर बनेगा। इसकी कार्यवाही शुरू हो चुकी है। जल्द ही सेंटर का निर्माण कार्य कराया जाएगा। यह बड़ी घोषणा बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कही है।

सीएम ने कहा कि आज गाजियाबाद कितना बदल गया है। पहले यहां क्या स्थिति थी। एक तरफ पावन दूधेश्वर नाथ मन्दिर है तो दूसरी तरफ यहां पर गंदगी, माफिया की पैरलल सरकार और गुंडागर्दी थी। सात साल पहले जो लोग गाजियाबाद आये थे, वह अब आएंगे तो इसे पहचान नहीं आ पाएंगे।

गाजियाबाद बन चुका स्मार्ट सिटी-सीएम योगी

यहां पर 14 लेन का एक्सप्रेस-वे बना है। देश की पहले नमो भारत ट्रेन का परिचालन यहां हो रहा है। यहां पर मेट्रो सेवा, एयरपोर्ट सेवा भी उपलब्ध है। सुरक्षा का बेहतरीन माहौल है।

आज गाजियाबाद स्मार्ट सिटी (Ghaziabad Smart City) बन चुका है। यहां कन्वेंशन सेंटर के मॉडल के रूप में पूर्वांचल भवन, उत्तरांचल भवन बन रहे हैं। दूधेश्वर नाथ मन्दिर के पास सफाई व्यवस्था बेहतर है।

अगले तीन साल में बनाना है नंबर एक-योगी आदित्यनाथ

पिछले साढ़े सात साल में जो विकास कार्य हुआ है, उससे उत्तर प्रदेश अब देश मे नम्बर एक अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन गया है। सपा के समय यह सातवें नम्बर पर था। अगले तीन साल में इसे नम्बर एक पर लाना है।

इस दौरान सीएम (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि मैंने पूछा था कि मौसम कैसा है? पहले सुनील शर्मा, फिर अतुल गर्ग से पूछा, दोनों ने कहा कि मौसम कैसा भी आपको सुनने के लिए सब उत्सुक हैं। इसलिए मैं आपके बीच मे आया हूँ।

'यूपी से अब माफिया गायब'

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा धूम धड़ाके के साथ अब निकलती है। माफिया गायब हो गए हैं। इससे इनको संरक्षण देने वालों की नींद उड़ी है। वह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

कांग्रेस और सपा को आस्था न युवा की चिंता है, परिवार की चिंता है। जातिवाद के नाम पर आपस मे लड़ाने का काम करेंगे, दंगाइयों को छूट देंगे। दरिंदे पकड़े जा रहे हैं, इनके संबंध सपा से हैं। सपा आज दरिंदों का गैंग बन चुकी है।


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Emergency की रिलीज पर लटकी तलवार, Kangana Ranaut की फिल्म को मिला एक और लीगल नोटिस

इस वक्त एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का नाम फिल्म इमरजेंसी को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते समय में उनकी इस अपकमिंग मूवी की रिलीज का टाला गया है, जिसकी वजह से इमरजेंसी (Emergency Movie) कानून पचड़े में फंस गई। बढ़ते विवाद के बाद कोर्ट में इसकी रिलीज को लेकर फैसला होना है। 

इस बीच कंगना रनौत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और अभिनेत्री की इस फिल्म को एक और लीगल नोटिस मिल गया है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है। 

जानिए क्या है पूरा मामला

6 सितंबर को कंगना रनौत की इमरजेंसी को रिलीज किया जाना था। लेकिन सिख सुमदाय की आपत्ति की बात फिल्म की रिलीज को टाला गया और मामला कोर्ट में चला गया। इसके बाद अब चंडीगढ़ डिस्ट्रिक कोर्ट के एक अधिवक्ता की तरफ से कंगना की इमरजेंसी को लेकर लीगल नोटिस जारी किया गया है। 

चंडीगढ़ न्यायालय के पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष रहे रविंदर सिंह बस्सी ने इमरजेंसी को लेकर आपत्ति जताई है। उनके आरोप के मुताबिक कंगना रनौत की फिल्म में सिख समुदाय की छवि के साथ छेड़छाड़ की गई है और उसे खराब तरीके से पेश किया गया है। 

इस तरह से कंगना की फिल्म की मुसीबत और बढ़ गई हैं और इमजरेंसी की रिलीज को लेकर फिलहाल तलवार लटकी हुई है। मालूम हो कि सेंसर बोर्ड की तरफ से रिलीज से 4 दिन पहले इमरजेंसी को पोस्टपॉन किया गया था। 

आज होनी है सुनवाई 

18 सितंबर यानी आज बॉम्बे हाई कोर्ट में कंगना रनौत की इमरजेंसी के कानूनी विवाद को लेकर सुनवाई होनी है। ऐसे में हर किसी की नजर इस बात की टिकी हुई है कि क्या इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड की तरफ से सर्टिफिकेट मिल सकता है और ये फिल्म कब तक रिलीज की जा सकती है। बता दें कि इस मूवी में कंगना रनौत ने बतौर एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है। 


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MI-17 हेलीकॉप्टर से कैलाश दर्शन अगले हफ्ते से

भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से MI-17 हेलिकॉप्टर से अगले हफ्ते से कैलाश पर्वत के दर्शन शुरू हो जाएंगे। इसकी घोषणा 2-3 दिन में हो सकती है। इस यात्रा का खर्च 75 हजार रुपए होगा।

कैलाश पर्वत चीन आधिपत्य वाले तिब्बत में है और व्यू पॉइंट से चीन बॉर्डर 10 किमी दूर है। व्यू पॉइंट की ऊंचाई 14 हजार फीट से अधिक है। इसलिए 55 साल की उम्र तक वालों को ही यात्रा कराई जाएगी।

पुराने रास्तों की तुलना में आधे से भी कम में होगी यात्रा...

पहले की तुलना में इस बार यात्रा का खर्च आधे से भी कम है। 2019 तक भारतीय नागरिक तीन रास्तों से कैलाश पर्वत पहुंच सकते थे। पहला- नेपाल, दूसरा- ओल्ड लिपुलेख और तीसरा- सिक्किम। इन रूट्स से यात्रा 11 से 22 दिन में पूरी होती थी और 1.6 लाख से 2.5 लाख रु. तक खर्च हो जाते थे।

कोरोना आते ही चीन ने तीनों रास्ते बंद कर दिए। इसलिए भारत सरकार ने ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से कैलाश दर्शन कराने का रास्ता निकाला। इस रास्ते को बीआरओ ने बड़ी मुश्किल से कई पहाड़ों को काटकर बनाया है।

पहले आदि कैलाश के दर्शन होंगे

हर यात्री को धारचूला (पिथौरागढ़ से 11 किमी) में स्वास्थ्य जांच करानी होगी। यहीं परमिट मिलेगा।

पहले दिन हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ से गुंजी गांव पहुंचेंगे। यहां रात बिताएंगे।

अगले दिन कार से आदि कैलाश के दर्शन के लिए जॉलिंगकॉन्ग जाएंगे। शाम को गुंजी लौटकर रात बिताएंगे।

तीसरे दिन कैलाश व्यू पॉइंट जाकर लौटेंगे। गुंजी में तीसरी रात बिताएंगे।

चौथे दिन हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लौटेंगे।

सुबह 6 बजे से शुरू होंगीं हेलिकॉप्टर उड़ानें

कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के डीटीओ ललित तिवारी के मुताबिक सुबह 6 बजे से हेलिकॉप्टर की उड़ानें होंगी और दोपहर 2 बजे तक सभी श्रद्धालुओं को गुंजी गांव वापस ले लाएंगे।

इस टूर का पैकेज 4 दिनी रहेगा। इसके लिए हमने 75 हजार रु. प्रति व्यक्ति खर्च प्रस्तावित किया है। इसमें हेलीकॉप्टर-जीप का किराया, रुकना, खाना, गर्म पानी, रजाई-गद्दे आदि शामिल हैं। गुंजी गांव के सभी होम स्टे बुक कर लिए हैं। राज्य या केंद्र सरकारी यात्रा किराए में सब्सिडी दे सकती है, लेकिन हमने यही खर्च तय किया है।

15 सितंबर से सड़क रास्ते से शुरू होनी थी यात्रा

पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्तिराज आर्य के मुताबिक पहले कैलाश पर्वत यात्रा सड़क मार्ग से 15 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन बीते दो हफ्ते में हुई बारिश ने बूंदी गांव के आगे कई सड़कें बुरी तरह खराब कर दी हैं। इसलिए हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू हो रही है। अगले चार-पांच दिन में कैलाश दर्शन की तारीख का ऐलान हो जाएगा।


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जम्मू-कश्मीर की 24 सीटों पर 11 बजे तक 27% वोटिंग

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में बुधवार को 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। इसमें 23.27 लाख वोटर्स शामिल होंगे।

सुबह 11 बजे तक 27 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है। सबसे ज्यादा किश्तवाड़ 26% मतदान हुआ, जबकि सबसे कम पुलवामा में 20% वोट डाले गए। वोटिंग शाम 6 बजे तक होगी।

अलग-अलग राज्यों में रह रहे 35 हजार से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडित भी वोट डाल सकेंगे। उनके लिए दिल्ली में 24 स्पेशल बूथ बनाए गए हैं।

2014 विधानसभा चुनाव में फर्स्ट फेज में दक्षिण कश्मीर की 22 सीटों पर चुनाव हुए थे। तब 11 सीटों पर महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP को जीत मिली थी। भाजपा और कांग्रेस ने 4-4 सीटें जीती थीं। वहीं फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को 2 और CPI (M) को एक सीट मिली थी।

2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस 11 सीट, PDP 5, कांग्रेस 4 और भाजपा 3 पर आगे थी। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 9, नेशनल कॉन्फ्रेंस 6, PDP 4 और भाजपा 2 सीटों पर आगे रही। 2014 में नेशनल कॉन्फ्रेंस 11, PDP 5, कांग्रेस और भाजपा को तीन-तीन सीटों पर बढ़त मिली।

90 सीटों पर 3 फेज में हो रही वोटिंग

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर फर्स्ट फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में वोटिंग होगी। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2014 चुनाव में PDP ने सबसे ज्यादा 28 और भाजपा ने 25 सीटें जीती थीं। दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई थी।


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