64 साल बाद होली-रमजान का जुमा एकसाथ

4 मार्च को होली और रमजान का जुमा 64 साल बाद एकसाथ पड़ रहे हैं। देशभर में पुलिस-प्रशासन अलर्ट है। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में खास व्यवस्था की गई है।

उत्तर प्रदेश में होली से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढंक दिया गया है। शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा 67 और संभल में 10 मस्जिदों को ढंका गया है। बरेली में 5 मस्जिदें ढंकी गई हैं।

उधर MP में इंदौर के महू में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि यदि होली के रंगों से दिक्कत हो तो मस्जिदों को प्लास्टिक से कवर कर दें।

छत्तीसगढ़ में जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया गया है। होली के दिन मस्जिदों में दोपहर 1 बजे होने वाली नमाज अब 2 से 3 बजे के बीच होगी। सभी मस्जिदों के बोर्ड को पत्र भेजा गया है।

राज्यों में क्या हैं सुरक्षा इंतजाम...

उत्तर प्रदेश

होली से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढंका; संभल-शाहजहांपुर में हाई अलर्ट

होली और रमजान का जुमा एक ही दिन पड़ रहा है। अब से 64 साल पहले 4 मार्च 1961 को होली ऐसा संयोग हुआ था। इसे लेकर UP में पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट पर है। शाहजहांपुर और संभल में मस्जिदों को रंग-गुलाल से बचाने के लिए तिरपाल से ढक दिया गया है। 12 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदला गया है। इनमें शाहजहांपुर, संभल, जौनपुर, मिर्जापुर, ललितपुर, औरैया, लखनऊ, मुरादाबाद, रामपुर, उन्नाव, बरेली और अयोध्या शामिल हैं। अधिकतर जिलों में अब नमाज 2 से ढाई बजे के बीच पढ़ी जाएगी। 

मध्य प्रदेश

पुलिस की हिदायत- रंगों से दिक्कत तो मस्जिदें ढंक लें, होली पर इंदौर में 2 हजार का फोर्स तैनात

इंदौर के महू में रविवार रात हुए विवाद के बाद पुलिस हाई अलर्ट पर है। 21 जगहों पर होलिका दहन होना है। इन इलाकों के आसपास जहां-जहां मस्जिदें हैं, वहां पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से कहा है कि यदि होली के रंगों से दिक्कत हो तो उन्हें प्लास्टिक से कवर कर दें। होली पर इंदौर में 2 हजार जवान तैनात किए गए हैं। सभी जोन में 2-2 ड्रोन रहेंगे। 3 से ज्यादा ड्रोन से होली पर संवेदनशील इलाकों में नजर रखी जाएगी। घरों की छतों पर होने वाली मूवमेंट पर भी नजर रखेंगे। 

छत्तीसगढ़

होली के दिन नमाज का वक्त बदला: दोपहर 2-3 बजे के बीच अदा की जाएगी, 48 घंटे अलर्ट

छत्तीसगढ़ में जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया गया है। होली के दिन मस्जिदों में दोपहर 1 बजे होने वाली नमाज अब 2 से 3 बजे के बीच होगी। सभी मस्जिदों के बोर्ड को पत्र भेजा गया है। होली के दौरान किसी तरह का विवाद ना हो, इसलिए रायपुर पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। त्योहार शांति पूर्वक रहे, इसलिए रायपुर में 80 नाके लगाकर जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि सड़कों पर लगातार 48 घंटे पुलिस मुस्तैद रहेगी। 

आंध्र प्रदेश

हैदराबाद में लोगों पर रंग फेंकने की मनाही, ग्रुप में आने-जाने पर रोक

होली के चलते हैदराबाद पुलिस ने सड़क और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों पर जबरदस्ती रंग डालने पर रोक लगाई है। पुलिस की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में ग्रुप में बाइक और कार से आने-जाने पर भी रोक लगी है। अधिकारियों के मुताबिक, शहर में शांति व्यवस्था भंग न हो इसके लिए यह नियम लागू किया गया है।

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होलिका दहन आज, भद्रा के कारण मुहूर्त रात 11.30 से: सिर्फ प्रहलाद की कहानी ही नहीं, होली से जुड़ी हैं कई पौराणिक कथाएं

आज रात में होलिका दहन होगा। परंपराएं कहती हैं, शाम को सूरज डूबते वक्त होली की पूजा और उसके बाद दहन किया जाता है। लेकिन आज शाम को भद्रा का अशुभ समय रहेगा। इस वक्त होली की पूजा तो कर सकते हैं, लेकिन होली जलाने का मुहूर्त रात 11.30 से 12:30 तक रहेगा।


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बरसाना में रंगोत्सव का शुभारंभ, सीएम योगी ने खेली होली, भक्तों पर की फूलों की बारिश

बरसाना में रंगोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया है। मथुरा नगरी रंगों में डूब चुकी है। बरसाना के रंगोत्सव कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए हैं। आज बरसाना में लड्डू होली का कार्यक्रम है। कल लठमार होली खेली जाएगी।

रंगोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ करने के साथ साथ बरसाना में ही सीएम योगी ने होली खेली। श्री राधा बिहारी इंटर कॉलेज से एक वीडियो सामने आई, जिसमें मुख्यमंत्री भक्तों के ऊपर पुष्पवर्षा कर रहे हैं। इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रहा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के भव्य आयोजन के बाद आज मैं होली की शुभकामनाएं देने और राधा रानी के चरणों में नमन करने बरसाना आया हूं। हमारी ब्रजभूमि भारत के सनातन धर्म की अगाध श्रद्धा की भूमि है और यह हमारा सौभाग्य है कि बाबा विश्वनाथ का धाम काशी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या और लीलाधारी श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और लीलाभूमि मथुरा, वृंदावन और बरसाना उत्तर प्रदेश में हैं। 

सीएम योगी ने मथुरा नगरी में कहा कि यहां का विकास होगा। पूरा विकास होगा। जैसे अयोध्या में, जैसे प्रयागराज में, जैसे काशी में आपको दिखाई दे रहा है। यही विकास आपको मथुरा में दिखाई देगा। संतों को युमना मैया की चिंता रहती थी, मैं आपसे कहने आया हूं कि अब तो दिल्ली में भी रामभक्तों की सरकार आ गई है। 

चौथी बार बरसाना आए हैं सीएम

आदित्यनाथ होली में शामिल होने बरसाना चौथी बार आ रहे हैं। सेवायत मोंटू गोस्वामी ने बताया कि राधारानी की पूजा अर्चना के दौरान भोग के लिए 11 किलो का लड्डू तैयार किया गया है। प्रशासन ने सीएम के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर रखी है। 

20 कुंतल लड्डुओं की वर्षा

प्रेम व मिठास के साथ अबीर गुलाल में सराबोर बरसाना की लड्डू होली बृषभानु नंदनी के आंगन में खेली गई। 20 कुंतल बूंदी के लड्डुओं की वर्षा की गई। जिसे लूटने के लिए श्रद्धालु भी लालायित हुए। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को लड्डू होली होती है।

स्थानीय हलवाई बबलू शर्मा ने बताया कि उन्हें लड्डू होली पर श्रद्धालुओं से 10 कुंतल लड्डू तैयार करने का ऑर्डर मिला। कुछ बिना ऑर्डर के भी लडडू तैयार किए जा रहे है। सेवायत मोंटू गोस्वामी ने बताया कि लड्डू होली के दौरान करीब दस कुंतल अबीर गुलाल भी लड्डुओं के साथ भक्तों पर उड़ाया जाएगा।


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केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट को मोदी सरकार की हरी झंडी, निर्माण के बाद सिर्फ 36 मिनट में यात्रा होगी पूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई। यह परियोजना 12.9 किलोमीटर लंबी होगी। इस पर करीब 4081 करोड़ रुपये का खर्च होंगे। रोपवे परियोजना की शुरुआत सोनप्रयाग से होगी और यह केदारनाथ तक जाएगी। रोपवे परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी से विकसित किया जाएगा।

केदारनाथ रोपवे परियोजना पर सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। रोपवे को ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस)तकनीक से निर्मित किया जाएगा। हर घंटे एक तरफ कुल 1800 लोग रोपवे के माध्यम से यात्रा कर सकेंगे। वहीं पूरे दिन प्रतिदिन 18000 लोग यात्रा कर सकेंगे। खास बात यह है कि अभी तक केदारनाथ धाम तक जाने में 8 से 9 घंटे का समय लगता है। मगर रोपवे परियोजना के तैयार होने के बाद महज 36 मिनट में लोग धाम तक पहुंच सकेंगे।


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'किसी को मियां-तियां या पाकिस्तानी कहने पर केस नहीं चला सकते', मुस्लिम शख्स की FIR पर बोला SC

सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहने के आरोपी को राहत दी है. कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दर्ज केस निरस्त कर दिया है. जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस तरह की बात कहने को असभ्यता कहा है, लेकिन उसके चलते मुकदमा चलाने को सही नहीं माना है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, 'इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी को मियां-तियां या पाकिस्तानी कह कर अपमानित करना असभ्यता है, लेकिन यह धारा 298 (धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की नीयत से कुछ कहना) की श्रेणी में नहीं आएगा. झारखंड के बोकारो के रहने वाले याचिकाकर्ता को जिस केस में राहत मिली है, उसे 2020 में एक मुस्लिम सरकारी कर्मचारी ने दर्ज करवाया था.

सरकारी मुस्लिम कर्मचारी ने दर्ज करवाई थी FIR

बोकारो सेक्टर 4 थाने में दर्ज यह एफआईआर चास के सब डिविजनल ऑफिस में उर्दू ट्रांसलेटर और क्लर्क के पद पर काम कर रहे कर्मचारी ने दर्ज करवाई थी. कर्मचारी ने कहा था कि वह एडिशनल कलेक्टर के आदेश पर आरटीआई आवेदन का जवाब व्यक्तिगत रूप से पहुंचाने गया था. आरोपी ने बहुत बहस करने के बाद दस्तावेज स्वीकार किए. उस दौरान उसने धर्म आधारित टिप्पणी कर उसे अपमानित किया और भड़काने की कोशिश की.

झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC पहुंचा आरोपी

पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 353 (बल का इस्तेमाल कर सरकारी कर्मचारी को काम से रोकना), 504 (शांति भंग करने के उद्देश्य से किसी को अपमानित करना) और 298 (धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की नीयत से कुछ कहना) की धाराएं लगाई थीं. लगभग 80 साल की उम्र वाले आरोपी को बोकारो की निचली अदालत से लेकर झारखंड हाई कोर्ट तक राहत नहीं मिली. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में बल प्रयोग या शांति भंग जैसी कोई बात सामने नहीं आती. जहां तक 'मियां-तियां' कह कर अपमान की बात है, उसके आधार पर भी धारा 298 लगाना सही नहीं था.


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महाकुंभ- दुनिया के सबसे बड़े आयोजन का आखिरी दिन

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ का आज 45 दिनों बाद समापन हो रहा है. इस धार्मिक उत्सव के दौरान करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. अब तक लगभग रिकॉर्ड 64 करोड़ लोग त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ के अंतिम दिन महाशिवरात्रि होने से अद्भुत संयोग बना है. ऐसे में जो लोग अब तक संगम स्नान के लिए नहीं पहुंच सके वो आज यानी शिवरात्रि पर वहां जाने का प्रयास कर रहे हैं. महाशिवरात्रि पर ग्रह-नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बनाने से आज के दिन महाकुंभ का महत्व और भी बढ़ गया है. हालांकि, इस दौरान कई लोगों में एक संशय बना हुआ है कि, आखिर गंगा स्नान कब तक कर सकते हैं? इस बारे में News18 को बता रहे हैं गाजियाबाद प्रतापविहार के ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी-

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, महाकुंभ के अमृत काल के स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05:10 बजे से 06:00 बजे समाप्त हो गया. इसके बाद अंतिम शाही स्नान का समय सुबह 07:28 बजे से सुबह 09 बजे तक है. इसके अलावा पूरे दिन ही महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर श्रद्धा की डुबकी लगाई जा सकती है.

महाकुंभ में अंतिम स्नान के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त स्नान – 05:10 ए एम से 06:00 ए एम

अमृत काल 7:28 बजे से 9:00 बजे तक

संध्या मुहूर्त सुबह 5:34 बजे से 6:49 बजे तक

विजय मुहूर्त दोपहर 2:29 बजे से 3:15 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त शाम 6:17 बजे से 6:42 बजे तक

शाम का मुहूर्त 6:19 बजे से 7:34 बजे तक

महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ महूर्त

महाशिवरात्रि की रात निशिता काल में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. निशिता काल का मुहूर्त 27 फरवरी 12:09 एएम (26 फरवरी की मध्यरात्रि) से 12:59 एएम तक रहेगा. ऐसे में इस समय तक गंगा में पवित्र स्नान भी किया जा सकता है.

महाशिवरात्रि पर रात्रि में चार प्रहर के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.

रात्रि प्रथम प्रहर की पूजा – 26 फरवरी 6:19 पीएम से 9:26 पीएम तक

रात्रि द्वितीय प्रहर की पूजा – 26 फरवरी 9:26 पीएम से 12:34 पीएम तक

रात्रि तृतीय प्रहर की पूजा – 27 फरवरी 12:34 एएम से 3:41 एएम तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर की पूजा – 27 फरवरी 3:41 एएम से 6:48 एएम तक


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महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 18 में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू, कोई जनहानि नहीं

उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र में गुरुवार को आग लग गई. हालांकि फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया है. आग लगने की घटना पीपा पुल संख्या 18 के पास घटी. मौके पर आरएएफ, यूपी पुलिस और दमकल ने पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. आग  सेक्टर 18,  शंकराचार्य मार्ग पर हरिहरानंद कैंप में लगी. 

पत्रकारों से बात करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आग लगी और कुछ मिनटों के भीतर ही काबू पा लिया गया. कोई जनहानि नहीं हुई है. आर्थिक नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. फायर ब्रिगेड की स्पेशलाइज्ड टीम यह पता लगाएगी कि आग किस वजह से लगी.

एक पुलिस अधिकारी ने मौके पर अनाउंस करते हुए कहा कि कोई कैजुअलटी नहीं है और सब चीजें कंट्रोल में हैं. सभी लोग असेंबली प्वाइंट पर आ जाएं. आग लगने के बाद पांटून पुल संख्या 18 पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई. 

सेक्टर 18 में आग जिस जगह पर लगी थी, वहां बड़ी संख्या में संत और महात्मा रहते हैं. बीते कई दिनों से यहां इतनी भीड़ हो रही है कि तिल रखने की जगह नहीं होती. मौके पर पहुंची पुलिस, आरएएफ और दमकल ने टीमवर्क करते हुए कहीं रास्ता रोका, तो कहीं रूट डायवर्ट किया. ऐसे में राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. 


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महाकुंभ में भगदड़ का CAA-NRC कनेक्शन! ATS के रडार पर 10 हजार संदिग्ध

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में भगदड़ ने सभी को हिला दिया। इस भगदड़ को हादसा माना जा रहा है, लेकिन इसकी गुत्थी सुलझाने के लिए सरकार ने न्यायिक समिति का गठन किया है। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसिया इसे हादसा नहीं, बल्कि साजिश मानकर जांच कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में NIA, ATS, STF और LIU के रडार पर 10 हजार से अधिक संदिग्ध हैं। इनमें CAA और NRC के प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं, महाकुंभ में जिनके मूवमेंट के शिनाख्त मिले हैं।

जांच एंजेसियां ऐसे गैर हिंदुओं की महाकुंभ भगदड़ में भूमिका तलाश रही हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर महाकुंभ को लेकर निगेटिव कमेंट किए या फिर उन्होंने गूगल और यूट्यूब पर महाकुंभ को बहुत ज्यादा सर्च किया। इसके अलावा जेल में 18 PFI के सदस्यों से भी पूछताछ हो रही है।

महाकुंभ जाने को किया था मना, फिर भी मूवमेंट के सबूत

निजी समाचार पत्र को STF के एक अफसर ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों को आना था। इसलिए महीनों पहले से खुफिया एजेंसियां एक्टिव थीं। उन्होंने बताया कि इंटेलिजेंस ने CAA, NRC के प्रदर्शनकारी, क्रिमिनल हिस्ट्री, प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन करने वाले लोगों पर इनपुट दिए थे। इसके आधार पर UP के 1 लाख से ज्यादा लोगों का वेरिफिकेशन कराया गया। उन्हें कहा गया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज न आएं। इसके बावजूद भी कुछ लोग आए। भगदड़ के बाद जांच में ऐसे सबूत मिले हैं। इनकी संख्या 50 ज्यादा है। पूछताछ में इन लोगों ने अलग अलग कारण बताए हैं। सभी संदिग्ध गैर हिंदू हैं।

कैसे की जा रही जांच

जांच एजेंसियों द्वारा महाकुंभ में लगे 600 सीसीटीवी की फुटेज देखी गई। इसके बाद फिल्टर किया गया। इस काम में यूपी की 8 टीमें लगी थीं। फेस रिकग्निशन सिस्टम, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट देखकर संदिग्धों की पहचान हुई। इसके बाद जांच एजेंसियां ने 10 हजार से ज्यादा लोगों चिन्हित किया है। इनको नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। इनमें 30% लोग गैर हिंदू समुदाय के हैं। ATS ने UP के बाहर के संदिग्धों का डेटा मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के गुवाहाटी समेत 9 राज्यों की पुलिस को भेजा है। एजेंसियों के पास संदिग्धों के मोबाइल नंबर और सोशल मीडिया अकाउंट के एड्रेस भी मौजूद हैं।

वाराणसी में NSUI नेता के बेटे से हो चुकी है पूछताछ

वाराणसी ATS ने पिछले दिनों जैतपुरा के अमानतुल्लाह निवासी NSUI नेता शाहिद जमाल के बेटे सिराजुद्दीन को नोटिस जारी किया था। सोमवार (3 फरवरी) को उसे अशोक विहार कॉलोनी स्थित ATS कार्यालय बुलाया गया। उससे 3 घंटे तक पूछताछ की गई। सिराजुद्दीन 19 जनवरी को महाकुंभ मेला क्षेत्र में था। सोशल मीडिया पर लाइव होकर वहां के बारे में जानकारी दी थी। हालांकि, पूछताछ में उसने बताया कि सेक्टर-7 में उसने पार्टनरशिप में दुकान लगाई थी, जिसे अब हटा दिया गया है।


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महाकुंभ में दूसरी बार फिर लगी भीषण आग, कई टेंट जलकर हुए खाक, लाखों का हुआ नुकसान

प्रयागराज महाकुंभ में गुरुवार (30 जनवरी) को एक बार फिर से आग लग गई. यह भीषण आग महाकुंभ के सेक्टर 22 में लगी है. जिससे मौके पर अफरा तफरी मच गई. इस आगजनी में कई टेंट जलकर खाक हो गए. फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच कर आग बुझाने में जुट गया. 

दरअसल, यह आग महाकुंभ के सेक्टर 22 में झूसी इलाके के छतनांग घाट के पास स्थित नागेश्वर पंडाल में लगी. इस आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी लपटें दूर से देखी जा सकती थीं. फायर ब्रिगेड की टीम सूचना मिलती ही मौके पर पहुंच गई और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है. 

लाखों का सामान जलकर खाक

महाकुंभ क्षेत्र में नागेश्वर पंडाल लगी आग में राहत की बात यह है कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है. यह आग दोपहर करीब पौने दो बजे लगी थी. आग से लाखों रुपये नुकसान का हुआ है, जिसमें कई टेंट जलकर खाक हो गए. पंडाल में मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं, समय रहते वह पंडाल से बार आ गए थे. कड़ी मशक्कत के बाद कुछ ही मिनटों में फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया.

'15 टेंट हुए हैं प्रभावित'

इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमें सूचना मिली थी कि टेंट में आग लग गई है. मौके पर पहुंचने पर पता चला कि 15 टेंट प्रभावित हुए हैं. हमने तुरंत कार्रवाई की, आग बुझाई और उस पर काबू पा लिया." उन्होंने आगे बताया कि "मौके पर पहुंच मार्ग न होने के कारण कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन अब सब कुछ नियंत्रण में है. कोई हताहत नहीं हुआ है और कोई भी टेंट जला नहीं है."

घटना को लेकर मेला पुलिस अधिकारी सीओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि यहां अनधिकृत रूप से टेंट लगे हुए थे. एसडीएम ने भी अनधिकृत रूप से टेंट लगने की पुष्टि की है. यह क्षेत्र चमनगंज चौकी के अंतर्गत आता है. टेंट कैसे लगे अब लोकल पुलिस इसकी जांच करेगी.


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महाकुंभ में भगदड़ के बाद किए गए 5 बड़े बदलाव, VVIP पास रद्द, गाड़ियों की एंट्री पर भी रोक

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान से पहले संगम तट पर हुई भगदड़ और दुखद मौतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. जिसके तहत मेला क्षेत्र में पांच बड़े बदलाव लागू किए हैं. इसके साथ ही पूरे मेला क्षेत्र को अब नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी. यही नहीं वीवीआईपी पास और ट्रैफिक को लेकर भी परिवर्तन किए गए हैं. 

महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है, सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र के लिए पांच बड़े फैसले लिए गए हैं ताकि आने वाले समय में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके. पुलिस प्रशासन के लिए अब बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को कुशलता पूर्वक कराने की चुनौती है जिसे देखते हुए ये बदलाव किए गए हैं. 

मेला क्षेत्र में किए गए ये पांच बड़े बदलाव

1. मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है जिसके तहत सभी प्रकार के वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा.

2. मेला प्रशासन की ओर से VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं. किसी भी विशेष पास के जरिए वाहनों को मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा.

3. मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं. श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू हुई जिसके तहत श्रद्धालुओं के एक मार्ग से एंट्री मिलेगी और वो दूसरे रास्ते से बाहर आ सकेंगे. 

4. वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है. प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है.

5. 4 फरवरी बसंत पंचमी का स्नान संपन्न होने तक सख्त प्रतिबंध लागू रहेंगे, शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी.

भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन अब कोई भी लापरवाही बरतने के मूड में नहीं हैं, इसलिए ये सख्त नियम लागू किए गए हैं. प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें.


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मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में संगम पर मची भगदड़

 मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर मची भगदड़ में 30 लोग मारे गए। करीब 60 लोग घायल हुए और भगदड़ के बाद हादसास्थल पर खौफनाक दिल दहलाने वाला मंजर देखने को मिला। हादसे के लिए महाकुंभ की तैयारियों और सुरक्षा के लिए नियुक्त 5 अधिकारियों DIG वैभव कृष्ण, ADG भानु भास्कर, SSP राजेश द्विवेदी, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को जिम्मेदार ठहराया गया।

कई नेताओं, साधु संतों ने भी भगदड़ और 30 मौतों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन के इंतजामों को जिम्मेदार ठहराया। योगी सरकार का सिस्टम फेल हुआ, इसलिए आस्था की नगरी में इतने बड़े पर्व में, धार्मिक आयोजन में भगदड़ मची। प्रयागराज की धरती, मां गंगा के किनारे खून से सनी, लेकिन आखिर इंतजामों और सुरक्षा व्यवस्था में चूक कहां हुई? पुलिस और प्रशासन का सिस्टम कैसे फेल हुआ? आइए 5 पॉइंट में जानते हैं…

संगम पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ में भगदड़ मचने का एक कारण त्रिवेणी संगम नोज पर लाखों श्रद्धालुओं का जुटना है। महाकुंभ में 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, ताकि वहां लोगों को रोककर भीड़ कंट्रोल की जा सके, लेकिन पुलिस जवानों और अधिकारियों ने होल्डिंग एरिया से आगे लोगों को जाने दिया, जो संगम पर जुट गए। काली मार्ग पार्किंग और अन्य जगहों पर भी श्रद्धालु डेरा जमाकर बैठे थे। 8 बजे से लोग संगम पर जुटना शुरू हुए और यही भीड़ हादसे का कारण बनी।

एंट्री-एग्जिट का वन वे रूट प्लान फेल

महाकुंभ में स्नान के लिए घाट बनाए गए हैं। घाटों तक जाने के लिए और वापस आने के लिए वन-वे रूट बनाया गया। प्लानिंग के अनुसार, काली रोड से त्रिवेणी बांध पार करके श्रद्धालुओं को संगम अपर मार्ग से संगम नोज जाना था। स्नान करने के बाद अक्षयवट रोड से त्रिवेणी बांध के रास्ते त्रिवेणी मार्ग से होते हुए एग्जिट करना था, लेकिन यह प्लानिंग फेल हुई, क्योंकि लोगों ने रूल का पालन नहीं किया। वे अक्षयवट मार्ग पर नहीं गए, बल्कि संगम मार्ग से ही वापस जाते दिखे।

पांटून पुलों को बंद रखना बड़ी गलती

महाकुंभ परिसर में भीड़ कम हो, इसलिए पांटून पुल बंद कर दिए गए। करीब 30 पांटून पुल लोगों की आवाजाही के लिए बनाए गए थे, लेकिन 10 से ज्यादा पांटूल पुल पुलिस ने बंद रखे। इसलिए झूंसी की ओर से आने वाले लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, लेकिन थक जाने के कारण वे संगम नोज पर ही आराम करते दिखे। इस वजह से भी संगम नोज पर भीड़ बढ़ी, जो देररात अंधेरे में लोगों की मौत का कारण बनी।

पुलिस-प्रशासन की मनमानी भी एक वजह

महाकुंभ में मची भगदड़ का एक कारण उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की मनमानी भी रही। महाकुंभ तक आने वाली सड़कों को काफी चौड़ा बनाया गया था, ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो, लेकिन पुलिस ने मनमानी से इन सड़कों बैरिकेडिंग करके ब्लॉक किए रखा। इस कारण श्रद्धालुओं को लगातार पैदल चलना पड़ा और जब वे थक गए तो उन्होंने संगम किनारे आराम करने के लिए डेरा डाल लिया। अगर सड़कें खुली रहतीं तो संगम नोज पर भीड़ न बढ़ती।

CISF कंपनी को आने में समय लगा

महाकुंभ में मची भगदड़ का एक कारण CISF कंपनी का हादसास्थल तक देरी से पहुंचना है। महाकुंभ में आपात स्थिति से निपटने के लिए बचाव और राहत दल तैनात किए गए थे, लेकिन उन्हें महाकुंभ परिसर से दूर ठहराया गया था। CISF कंपनी सेक्टर-10 में ठहरी थी, जो हादसा होने के बाद इस कंपनी को मौके पर पहुंचने में समय लगा, जिससे हालात खराब हुए।


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