क्या खुलेगा शंभू बॉर्डर! सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, पंजाब व हरियाणा को दिए ये निर्देश

हरियाणा व पंजाब के बॉर्डर पर किसान आंदोलन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दरअसल, हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के बॉर्डर खोलने के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हरियाणा व पंजाब सरकार को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। यानी अभी शंभू बॉर्डर नहीं खोला जाएगा। इसके साथ ही एक स्वतंत्र समिति के गठन का भी प्रस्ताव रखा है, जो प्रदर्शनकारियों से संपर्क कर उनकी मांगों का समाधान ढूंढेगी।

तटस्थ मध्यस्थ की जरूरत- सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि एक 'तटस्थ मध्यस्थ' की जरूरत है, जो किसानों और सरकार के बीच विश्वास पैदा कर सके। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आपको किसानों तक पहुंचने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे अन्यथा वो दिल्ली क्यों आना चाहेंगे? आप यहां से मंत्रियों को भेज रहे हैं और उनकी बेहतरीन मंशा के बावजूद विश्वास की कमी है।

13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं किसान

पीठ ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर उचित निर्देश लिए जाएं। तब तक शंभू सीमा पर स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए पक्षकारों को यथास्थिति बनाए रखने दें। शीर्ष अदालत हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें उसे एक सप्ताह के भीतर अंबाला के पास शंभू सीमा पर बैरिकेड्स हटाने के लिए कहा गया था जहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।


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इधर हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने का दिया ऑर्डर, उधर किसान संगठनों ने फिर बनाया दिल्ली कूच का प्लान

हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की आज बैठक होने वाली है. इस बैठक में किसान आने वाले दिनों के आंदोलन की रणनीति तय कर करेंगे. किसानों की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इस बैठक के बाद सुस्त पड़ रहे आंदोलन में फिर से एक बार नई जान आ सकती है. इस बैठक में सभी किसान संगठन दिल्ली कूच करने के फैसले पर मंथन करेंगे. इसके बाद किसान दिल्ली कूच करने का एलान कर सकते हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए गए हैं. इसके बाद से ही किसान अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. 

यह बैठक आज दोपहर में लगभग ढाई बजे आयोजित की जाएगी. बैठक शाम तक चलेगी इसके बाद किसान दिल्ली कूच करने को लेकर एलान कर सकते हैं. शंभू बॉर्डर पर यह बैठक किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल की अगुवाई में की जाएगी. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पहले की खनौरी बॉर्डर पर किसानों को तैयार रहने के लिए कहा है. माना जा रहा है कि बैठक में रणनीति तय करने बाद और हरियाणा सरकार की तरफ से बॉर्डर खोलने के बाद किसान शंभू और बॉर्डर से दिल्ली मार्च की शुरुआत कर सकते हैं. वहीं आज होने वाली इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान नेता भी शामिल हो सकते हैं. 

अपनी मांगों पर अडिग हैं किसान

गौरतलब है कि किसानों ने पांच महीने पहले ही दिल्ली मार्च करने का एलान किया था. जिसके बाद से शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया गया था. पंजाब और हरियाणा को अलग-अलग करने वाले इस बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग की गई थी. लंबे समय तक बॉर्डर बंद रहने के कारण आम लोगों और व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. जबकि किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं.  बॉर्डर पर विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे और अपनी मांगों को पूरा कराकर ही दम लेंगे. 

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के कारण आम लोगों और व्यापारियों को हो रही परेशानी को देखते हुए बॉर्डर खोलने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर बड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हाईवे पर कैसे ट्रैफिक को रोक सकती है. साथ ही कहा कि राज्य सरकार का काम है कि वो यातायात को नियंत्रित करें. कोर्ट ने कहा कि हम कह रहे हैं कि बॉर्डर को खुला रखें लेकिन उसको नियंत्रित भी करें. आखिर राज्य सरकार हाईवे को खोलने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती क्यों देना चाहती है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसान भी देश के नागरिक हैं, उन्हें भी सुविधाएं चाहिए. उन्हें भी भोजन और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दी जानी चाहिए. वे आएंगे, नारे लगाएंगे और चले जाएंगे. 


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स्वाति मालीवाल केस में गिरफ्तारी के बाद विभव कुमार ने कोर्ट का किया रुख, अग्रिम जमानत की याचिका दायर

आम आदमी पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट और बदसलूकी मामले में दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तारी के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सहयोगी विभव कुमार ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है.

स्वाति मालीवाल केस में दिल्ली पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास से शनिवार (18 मई) को विभव कुमार को गिरफ्तार किया है. जिसके बाद उन्हें सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन लेकर जाया गया. 

स्वाति मालीवाल केस में विभव कुमार गिरफ्तार

विभव कुमार की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार उनकी लोकेशन को लेकर नजर रख रही थी. विभव कुमार ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से एफआईआर को लेकर जानकारी मिली. विभव कुमार ने भी ईमेल के माध्यम से पुलिस में शिकायत दी है. उन्होंने अनुरोध किया है कि उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस संज्ञान ले. दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता आतिशी ने शुक्रवार को खुलासा करते हुए बताया था कि दिल्ली सीएम के सहयोगी विभव कुमार ने स्वाति मालीवाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है. 

उधर, इस मामले में एफआईआर के बाद दिल्ली एम्स में स्वाति मालीवाल की मेडिकल जांच कराई गई. मेडिकल रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि मालीवाल के बाएं पैर और दाईं आंख के नीचे चोट के निशान हैं. आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालिवाल का आरोप है कि जब वो मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए गई थी तो इस दौरान उनका पीए विभव कुमार ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट की थी. 


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किसान मजदूर महापंचायत में 37 संगठनों के 4000 लोग पहुंचे

किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा गुरुवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान मजदूर महापंचायत आयोजित कर रहा है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को इस शर्त पर दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी है कि वे ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल नहीं करेंगे। पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली में जुटे हैं।

रामलीला मैदान में किसान मजदूर महापंचायत में 37 किसान संगठनों के चार हजार लोग पहुंचे हैं। भाकियू के राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा को तोड़ने की कोशिश करेगी। जो भी सरकार किसानों के विरुद्ध फैसले लेगी, उसके विरुद्ध हमारा आंदोलन जारी रहेगा। भले किसी दल की सरकार हो हमे किसी दल से कोई लगाव नहीं है।

किसान महापंचायत में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने का प्रस्ताव पारित होने की संभावना है। दिल्ली पुलिस ने इस शर्त के साथ किसानों के जमावड़े की अनुमति दी है कि महापंचायत में न तो 5000 से अधिक प्रतिभागी होंगे और न ही आयोजन स्थल के पास ट्रैक्टर ट्रॉलियों को जाने की अनुमति होगी।

इससे पहले महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को पंजाब के विभिन्न जिलों से भारी संख्या में किसान रवाना हुए। अधिकतर किसान ट्रेनों से गए तो कुछ ने निजी वाहन से जाना उचित समझा।

बता दें, पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किसानों के राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रालियों से जाने पर एतराज जताया था। इसे देखते हुए किसान इस बार ट्रेनों और बसों में रवाना हुए हैं।


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'किसान आंदोलन को चुनाव तक टालना चाहती है सरकार'

 ट्रैक्टर मार्च से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने किसानों पर किए जा रहे शक्ति प्रदर्शन की भी आलोचना की. राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की पॉलिसी है कि इस आंदोलन को चुनाव तक आगे ले जाओ, ताकि चुनाव के बहाने इसे दबा दिया जाए. पंजाब सरकार को किसान और भारत सरकार दोनों से डर है. किसान की हालत खराब है. किसान की जमीन को लूटा जा रहा है,

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि भूमि अघिग्रहण के नाम पर किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है. सबका विरोध करने का अपना तरीका है. हमलोग ट्रैक्टर मार्च निकालकर एक नए तरीके का विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं. चंडीगढ़ में हम लोगों की बैठक हुई है. जल्द आगे की रणनीति तय करेंगे.

 सदस्यीय कमेटी का किया गया है गठन

किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि हम संयुक्त मोर्चा की बैठक के लिए चंडीगढ़ गए थे. हमने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई है. इसका गठन उन सभी किसान संगठनों से बातचीत करने के लिए किया गया है जो संयुक्त मोर्चा से अलग हैं. अगर कोई भी संगठन संयुक्त मोर्चा में शामिल होना चाहता है तो वह समिति से बातचीत कर सकता है. जल्द ही आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला होगा.

यूपी गेट बॉर्डर पर जुटने का है प्लान

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के कई दलों ने आज हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का आह्वान कर रखा है. इस प्रदर्शन के लिए भारतीय किसान यूनियन कई दिनों से तैयारी कर रहा है. किसान संगठन हरिद्वार से लेकर गाजीपुर बॉर्डर (यूपी गेट) तक ट्रैक्टरों की श्रृंखला बनाएंगे. यह ट्रैक्टर मार्च सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक निकलेगा. बीकेयू के राकेश टिकैत मुज्जफरनगर से आंदोलन की शुरुआत करेंगे. इसके बाद वह मेरठ होते हुए दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पहुंचेंगे. इसके अलावा हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान WTO का पुतला जलाएंगे.


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खिनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का कैंडल मार्च

किसान आंदोलन का आज बारहवां दिन है। किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल दिया है। इसे लेकर किसानों में थोड़ी निराशा भी दिख रही है। सीमाओं पर भीड़ महज तीन सौ से चार सौ तक के बीच में सिमट कर रह गई है।

वहीं किसानों ने बीते दिन बैठक में आगामी दिनों का प्लान तैयार किया। प्लान के अंतर्गत किसान बठिंडा के युवक शुभकरन सिंह की मौत को लेकर आज खनौरी और शंभू बॉर्डर पर कैंडल मार्च करेंगे।

सीमाओं पर होगा कैंडल मार्च: सरवन सिंह पंढेर

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शंभू और खनौरी में मोर्चों का यह 12वां दिन है। कल किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने फैसला किया कि आज शाम को दोनों सीमाओं पर एक कैंडल मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद 25 फरवरी को हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे क्योंकि 26 फरवरी को फिर से डब्ल्यूटीओ पर चर्चा होगी।

उन्होंने कहा कि उस दिन सुबह डब्ल्यूटीओ, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों की अर्थियां निकाली और जलाई जाएगी। दोपहर में, दोनों सीमाओं पर 20 फीट से अधिक ऊंचे पुतले जलाए जाएंगे। 27 फरवरी को, किसान मजदूर मोर्चा, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की एक बैठक करेगा। आगामी 28 फरवरी को, दोनों फोरम बैठेंगे और चर्चा करेंगे। 29 फरवरी को अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा।


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आज देश भर में किसान बनाएंगे 'काला दिवस'

आंदोलन के बीच एक बार फिर से किसान भड़क गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शंभू बॉर्डर पर हुई किसान की मौत पर आक्रोश जताते हुए आज यानी 23 जनवरी को देश में काला दिवस बनाने का एलान किया है। वहीं  भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आने वाली 26 फरवरी को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालने की भी घोषणा की है।

14 मार्च को रामलीला मैदान में होगी महापंचायत

संयुक्त किसान मोर्चा ने 23 फरवरी को काला दिवस मनाने का फैसला लिया। इस दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज के पुतले फूंके जाएंगे। वहीं आने वाली 14 मार्च को किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत आयोजित करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे लेकर छह सदस्यीय कॉर्डिनेटिंग कमेटी का गठन किया है।

बॉर्डर पर हुई थी किसान की मौत

बीते दिन शंभू बॉर्डर पर पंजाब के बठिंडा के रहने वाले किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। जिसके बाद किसान संगठन आक्रोशित हैं। पंजाब में आज जगह-जगह लोगों ने सड़कें जाम कर विरोध प्रदर्शन जताया। बीते कल किसान संगठनों को केंद्र की ओर से बैठक का पांचवां निमंत्रण दिया गया। जिसके बाद किसान संगठनों ने अपना प्रदर्शन दो दिनों के लिए टाल दिया।




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नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद से दिल्ली आने वाले ध्यान दें, किसान आंदोलन के चलते जगह-जगह लग रहा जाम

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने आज पंजाब-हरियाणा से दिल्ली कूच करने का एलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता और सदस्य मंगलवार सुबह से ही शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रणनीति बनाने में जुट गए हैं। 

वहीं किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए गाजीपुर, चिल्ला और भोपुरा बार्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां पर दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात किए गए हैं।

यातायात प्रतिबंधों के चलते दिल्ली के बॉडरों पर जगह-जगह जाम की स्थिति देखी जा रही है। वहीं नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद की दिल्ली से लगी सीमाओं पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं कई जगहों पर भीषण जाम की स्थिति बन गई है। 

दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेस वे लगा जाम

दिल्ली में किसानों के कूच को लेकर दिल्ली के रजोकरी बॉर्डर से साउथ सिटी चौक तक दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर लंबा जाम लग गया है। भोपुरा बार्डर पर पुलिस ने बैरिकेड लगाने के साथ ही अवरोध के रूप में ट्रक सड़क पर खड़े करवा दिए हैं। दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर सिर्फ जाम ही जाम नजर आ रहा है। वाहनों की लंबी कतारें दिख रही है। 

रजोकरी बॉर्डर पर लगी भीषण जाम

किसानों के दिल्ली कोच को लेकर दिल्ली पुलिस ने रजोकरी बार्डर पर बेरिकेडिंग से वाहनों की रफ्तार कम होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। सिरहौल बार्डर से दिल्ली बार्डर में प्रवेश करने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। किसानों को रोकने के लिए गुरुग्राम पुलिस भी सतर्क नजर आई बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है वाहन चालकों के आई कार्ड देखकर ही वाहनों को आगे बढ़ाया जा रहा है।

सीमाओं पर अलर्ट, वाहनों की हो रही है जांच

गाजियाबाद के किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सीमाओं पर हाई अलर्ट है। यूपी गेट पर राष्ट्रीय राजमार्ग-9 की अप डाउन लेन पूरी तरह से बंद कर दी गई है। कंक्रीट की दीवार खड़ी कर दी गई है। खाली हिस्सों में गहरी खाई खोद दी गई है। फ्लाईओवर के ऊपर भी बैरिकेडिंग है। वाहनों को एक-एक लेन से दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है। इसकी वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी है। राष्ट्रीय राजमार्ग नौ और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की दिल्ली जाने वाली लेन पर फ्लाईओवर के ऊपर वाहन रेंग रहे हैं। महाराजपुर, ज्ञानी बार्डर और भोपुरा पर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।

फरीदाबाद से लगती सीमाओं पर भी बैरिकेडिंग

किसानों के दिल्ली कुछ करने की घोषणा को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। पुलिस गांव मोहना में धरने पर बैठे किसानों पर विशेष नजर रखे हुए हैं। तिगांव के एसीपी राजेश लोहान पूरे पुलिस बल के साथ मौजपुर टोल प्लाजा पर तैनात रहेंगे। मौके पर मोहना तहसील के नायब तहसीलदार ओम दत्त शर्मा बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। यदि किसानों ने कोई कदम उठाया तो मौके पर एसडीएम त्रिलोक चंद पहुंचेंगे।

नोएडा के किसान भी दिल्ली कूच की तैयारी में

नोएडा के अधिकांश किसान संगठन दिल्ली कूच करने के लिए एक मंच पर आ गए हैं। किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह आंदोलन किया जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को किसानों को मनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम व जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री की अगुआई में एक बैठक की गई थी।


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धुआं-धुआं हुआ शंभू बॉर्डर, पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले

हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों के दिल्ली कूच की घोषणा के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है। किसानों को रोकने के पुलिस की तरफ से आंशू गैस के गोल दागे गए हैं। दिल्ली जानें के लिए आग बढ़ रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोल दागे गए हैं। आंसू गैस के गोलों से शंभू बॉर्डर धुआं धुआं हो गया है। ड्रोन की मदद से पुलिस आंसू गैस के गोलों को दाग रही है। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों को एक बार फिर से बातचीत का न्योता दिया है। अर्जुन मुंडा ने किसानों से आगे न बढ़ने की अपील की है।

हाईकोर्ट पहुंची सरकार

किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा हरियाणा की खट्टर सरकार फिर हाईकोर्ट पहुंची है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मोडिफाई किए ट्रैक्टरों और ट्रालियों को इकट्ठा न होने की गुहार लगाई गई है। सरकार ने कहा कि यह कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है, पंजाब सरकार इस पर कार्रवाई करे और इन्हें वहीं रोका जाए। हालांकि हाईकोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

पूरी तैयारी के साथ पहुंचे किसानदिल्ली कूच को लेकर किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस के बैरिकेड्स तोड़ने के लिए शंभू बॉर्डर पर कई किसान फोकलेन व बुलडोजर लेकर पहुंच गए हैं। उधर किसानों के ऐलान से पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवानों की धड़कन भी बढ़ रही है। ड्यूटी पर तैनात एक सब इंस्पेक्टर कौशल कुमार का निधन हो गया। बेशक उनकी ओर से किसानों को रोकने के लिए पुख्ता बंदोबस्तों का दावा किया जा रहा है। लेकिन बॉर्डर पर किसानों की बढ़ती संख्या उनके लिए बड़ी चुनौती बन रही है।


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केंद्र सरकार चार और फसलों पर MSP देने को तैयार

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई चौथे दौर की बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा।

केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर सोमवार को इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। करीब पांच घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों को बताया कि चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही है।

पंजाब और हरियाणा में घटते भूजल स्तर को बचाने के लिए फसलों का विविधीकरण जरूरी है। इसके मद्देनजर सरकार ने आगे बढ़कर यह प्रस्ताव दिया है और ज्यादातर किसानों ने सैद्धांतिक तौर पर सहमति व्यक्त की है।

इसी बीच बैठक में मौजूद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाहर आकर पत्रकारों को बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे। इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंर्तगत लाया जा सकता है। हम केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार करेंगे।

इससे पहले, इस वार्ता में किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र अध्यादेश लेकर लाए। वह इससे कम किसी बात पर नहीं मानेंगे। करीब दो घंटे देरी से शुरू हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए।

बैठक से पहले भी किसान नेता सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी की गारंटी पर अध्यादेश से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। खबर लिखे जाने तक बैठक जारी थी। इसी बीच, केंद्र सरकार ने हरियाणा से सटे पंजाब के सात जिलों पटियाला, एसएएस नगर, बठिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में इंटरनेट पर पाबंदी 24 फरवरी तक बढ़ा दी है।

इससे पहले 12 से 16 फरवरी तक तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय मंत्रियों से चंडीगढ़ में 15 फरवरी को हुई बैठक में इंटरनेट बंद होने का मुद्दा उठाया था। वहीं, हरियाणा ने भी अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं।

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने लुधियाना में बैठक कर 20 से 22 फरवरी तक टोल प्लाजा फ्री करवाने का निर्णय लिया। रविवार को भी कई जिलों में टोल प्लाजा फ्री करवाए गए। लुधियाना में हुई बैठक में 37 किसान जत्थेबंदियों ने हिस्सा लिया है।

मान ने कहा- मैंने की पंजाब के फायदे की बात

बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि किसानों के साथ पांच घंटे तक चर्चा चली। मैंने पंजाब के फायदे के बारे में बात की। हमने दालों की खरीद पर एमएसपी की गारंटी मांगी थी जिस पर आज चर्चा हुई।

किसान नेता बोले...

बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के प्रस्ताव (एमएसपी पर) पर चर्चा करेंगे और फिर एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। हमारा मार्च तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं होती। कई अन्य मांगों पर बातचीत की जरूरत है। 

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम अगले दो दिनों में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। सरकार अन्य मांगों पर भी विचार करेगी। अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो 21 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रखेंगे। 

हरियाणा : महापंचायत में बड़ी लड़ाई का एलान

ब्रह्मसरोवर पर हुई हरियाणा के किसान नेताओं, खापों और अन्य संगठनों की बैठक में फैसला लिया है कि यदि केंद्रीय मंत्रियों के साथ पंजाब के किसान संगठनों की वार्ता असफल रही तो हरियाणा के किसान संगठन और खाप पंचायतें आंदोलन में शामिल होंगी। आंदोलन में दिल्ली के किसानों का भी साथ लेंगे। भाकियू (चढ़ूनी) ने ब्रह्मसरोवर पर बुलाई महापंचायत में तय किया कि हरियाणा की ओर से गुरनाम सिंह चढूनी आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा दिल्ली की खापों और किसानों के साथ आंदोलन की रणनीति धनखड़ खाप के प्रधान डॉ. ओमप्रकाश धनखड़ की अगुवाई में चार सदस्यीय कमेटी बनाएगी।

एक और किसान की हार्ट अटैक से मौत

किसान आंदोलन के दौरान रविवार को एक और किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर बैठे कांगथला (पटियाला) के किसान मंजीत सिंह को सिविल अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे पहले गुरदासपुर के बटाला के एक किसान और हरियाण के सुरक्षाकर्मी की भी आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। किसानों ने आरोप लगाया था कि आंसू गैस के धुएं से तबीयत खराब होने के कारण किसान की जान गई।

किसानों से पहले केंद्रीय मंत्रियों ने सीएम मान से की अलग बैठक

किसान नेताओं से पहले केंद्रीय मंत्रियों से ने होटल हयात में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा और डीजीपी गौरव यादव के साथ अलग से बैठक की। इस बैठक में किसानों के मुद्दों के अलावा राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी चर्चा हुई।


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