सांख्यिकी प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में करेंगे उपयोग : शिवराज

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के कामकाज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। चौहान आज यहां मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।

 

चौहान ने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टॉस्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। इस मौके पर वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा।

 

चौहान ने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। 

 

राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। उन्होंने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया।

 

टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके।

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सलाद पार्लर में बनाये कैरियर, शुरू करे अपना होम बिजनेस

नई दिल्ली:  लोगो में सलाद के रूप में सब्जियों को नया रंग और आकार देकर मसालों के साथ स्वादिष्ट बना कर खाने का ट्रेड बहुत देखा जाता है। आप इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है, और अपना होम बिजनेस शुरू कर सकते है। सलाद पार्लर सलाद डेकोरेशन में कैरियर बनाने के लिए कोई विशेष शैक्षिणिके योग्यता की जरूरत नहीं है। आप हाउस वाइफ हैं और चीजों को बेहतर तरीके से सर्व करने की कला में माहिर हैं तो सलाद डेकोरेशन या सलाद काविंग आपके लिए आय का नया साधन बन सकता है। 

 

यहां क्रिएटिविटी दिखाने के भरपूर मौके हैं। सबसे पहले जरूरत के मुताकि कुछ हेल्पर रखें, जो आपके बताए गए काम करेंगे। स्कूल कॉलेजों की कैंटीनों, कैटरर्सव आसपास के ऑफिसों की कैंटीनोंसे संपर्क करें, उन्हें सलाद के सैंपल दें व अलग अलग सलादों के दाम बताएं।यदि आपका सलाद पौष्टिक, स्वच्छ व समय पर उपलब्ध होगा तो आपको ऑर्डर जरूर मिलेगा। यदि आपको बडी मात्रा में ऑर्डर मिलने लगे तो हेल्परों की संख्या बढा दें। पैकिंग की कीमत सलाद डेकोरेशन में कैरियर बेस्ट है। 

 

इसके लिए पैकिंग की कीमत, आनेजाने में लगने वाला किराया, सब्जियां खरीदने काखर्च आदि मिलाकर उसमें से कम से कम मात्रा में अपना मुनाफा मिलाकर सलाद के डब्बे के दाम निश्चित कर लें। 

 

ध्यान रखने योग्य बातें:- सलाद में ऐसी सामग्रियों का यूज करें, जो रंगबिरंगी हों। अमूूमन सलाद में हरे, लाल और पीले रंग की सामग्रियों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। सलाद की पौष्टिकता और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। सलाद डेकोरेशन के लिएकुछ अनोखे और नए आइडिया पर विचार करें।

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बैंक ऋण धोखाधड़ी: ईडी ने हैदराबाद की आभूषण कंपनी के प्रवर्तक को गिरफ्तार किया

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 67 करोड़ रुपए की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में हैदराबाद की एक आभूषण कंपनी के प्रबंध भागीदार को गिरफ्तार किया है। निदेशालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

संजय अग्रवाल को 11 फरवरी को हैदराबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अग्रवाल ‘घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स’, हैदराबाद में एक प्रबंध भागीदार है। यह कंपनी सोने का थोक व्यापार करती है।

निदेशालय ने शुल्क-मुक्त निर्यात के लिए निर्धारित सोने का कथित रूप से घरेलू बाजार में व्यापार करने से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में भी अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह पहले से ही कोलकाता की जेल में बंद है। एजेंसी ने एक बयान में बताया कि ताजा मामला ‘‘ऋण धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें हैदराबाद की भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।’’ जांच में पाया गया, ‘‘2010-2011 में, अग्रवाल ने फर्जी और जाली बैंक गारंटी और पीएनबी द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए कवर पत्रों को दिखाकर एसबीआई से सोने के बुलियन खरीदे और फिर इन्हें स्थानीय बाजार में विभिन्न आभूषण विक्रेताओं और छोटे कारोबारियों को नकद बेच दिया।’’

इसमें आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने अपनी पत्नी, भाइयों और अपने कर्मचारियों के नाम पर स्थापित कई अन्य कंपनियों में इस नकद राशि को हस्तांतरित किया। ईडी ने कहा, ‘‘बाद में, सोने पर लिया गया ऋण चुकाया नहीं गया। एसबीआई ने पाया कि बैंक गारंटी और पत्र फर्जी थे। अग्रवाल और उनके भाइयों अजय और विनय ने 17 अगस्त, 2011 को हैदराबाद के एबिड्स में अपने स्टोर पर रखे सोने और आभूषणों के पूरे भंडार को गुप्त रूप से हटा दिया।’’

कंपनी ने स्वर्ण के बदले ऋण के एवज में इस भंडार को पहले ही पीएनबी के पास गिरवी रख दिया गया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अग्रवाल और अन्य के खिलाफ ‘‘उनकी कंपनी द्वारा ऋण के लिए पीएनबी को गिरवी रखे सोने और आभूषणों को धोखाधड़ी करके हटाने और इस तरह पंजाब नेशनल बैंक को 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है।

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युवतियों को पसंद आ रहे स्वच्छता के अत्याधुनिक तरीके, पीरियड में अपना रही हाइजीनिक मेथड

चित्रकूट। जागरूकता आने से माहवारी के दौरान पुराने गंदे कपड़े लगाने का चलन समाप्ति की ओर है। युवतियों को अब इस कठिन वक्त में हाइजीनिक मेथड पसंद आ रहे हैं। एन एफ एच एस-5 का आंकड़ा इसकी गवाही देता है। एनएफएचएस-5 के आंकडें के मुताबिक जिले में वर्ष 2015-16 में, जहां 31 फीसद युवतियां हाइजीनिक मेथड अपना रही थी। वहीं वर्ष 2019 -21 में यह आंकड़ा बढ़कर 55 फीसद पहुंच गया है।

 

आशा संगिनी सरिता शुक्ला ने बुधवार को बताया कि वह समय-समय पर महिलाओं को माहवारी के दौरान साफ सफाई रखने के लिए समझाती रहती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को प्रेरित करते हैं कि वह माहवारी के दौरान हाइजीनिक मेथड यानी पैड का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से वह कई प्रकार के संक्रमण से बची रहेंगी। उनके समझाने का युवतियों पर खासा प्रभाव पड़ रहा है।

 

स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ रफीक अंसारी बताते हैं कि योनि में पाया जाने वाला तरल पदार्थ अम्लीय (एसीडिक) होता है जो लगभग सभी प्रकार के संक्रमण को होने से रोकता है। माहवारी के दौरान यह तरल पदार्थ क्षारीय (बेसिक) हो जाता है, इससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। स्वच्छता के अभाव में संक्रमण का यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसीलिए इस दौरान साफ सफाई की अतिरिक्त जरूरत होती है।

 

उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में मासिक धर्म की शुरूआत में एक से अधिक बार पैड बदलना चाहिए। ताकि संक्रमण का खतरा बिल्कुल न रहे। पीरियड के दौरान खुजली सहित अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर उसे छिपाने की गलती न करें। बल्कि डाक्टर से परामर्श लें, अन्यथा की स्थिति में बैक्टीरिया व फंगस से सम्बंधित संक्रमण हो सकता है। साफ सफाई नजर अंदाज करने पर संक्रमण बच्चेदानी में भी पहुंच सकता है। यहां तक स्वच्छता न अपनाने से प्रजनन रोग भी हो सकता है।

 

जिला मुख्यालय में रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता गुड़िया का कहना है कि माहवारी के दौरान साफ सफाई जरूरी है। इसके लिए हाइजीनिक मेथड अपनाएं। उनका कहना है वह खुद इस कठिन समय में पैड इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने अपील किया की महिलाएं माहवारी के दौरान पैड इस्तेमाल करें ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना न रहे। 

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डीसीडब्ल्यू का एसबीआई को नोटिस, गर्भवती महिलाओं से संबंधित रोजगार दिशा-निर्देश वापस लेने की मांग

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को शनिवार को नोटिस जारी कर उन नए दिशा-निर्देशों को वापस लेने की मांग की, जिनके तहत नई भर्ती की स्थिति में तीन महीने से अधिक अवधि की गर्भवती महिला उम्मीदवारों को ‘‘अस्थायी रूप से अयोग्य’’ माना जाएगा और वे प्रसव के बाद चार महीने के भीतर बैंक में काम शुरू कर सकती हैं।

 

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की ओर से इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, ''ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय स्टेट बैंक ने तीन महीने से अधिक अवधि की गर्भवती महिलाओं की भर्ती को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं और उन्हें 'अस्थायी रूप से अयोग्य' करार दिया है। यह भेदभावपूर्ण और अवैध है। हमने उन्हें नोटिस जारी कर इस महिला विरोधी नियम को वापस लेने की मांग की है।''

 

आयोग ने नोटिस में नए दिशा-निर्देशों की एक प्रति के साथ-साथ इससे पहले लागू समान नियमों की एक प्रति मांगी। इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गई है।

 

एसबीआई ने नई भर्तियों या पदोन्नत लोगों के लिए अपने नवीनतम मेडिकल फिटनेस दिशानिर्देशों में कहा कि तीन महीने के समय से कम गर्भवती महिला उम्मीदवारों को 'योग्य' माना जाएगा।

 

बैंक द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को जारी फिटनेस संबंधित मानकों के अनुसार गर्भावस्था के तीन महीने से अधिक होने की स्थिति में महिला उम्मीदवार को अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा और उन्हें बच्चे के जन्म के बाद चार महीने के भीतर काम पर आने की अनुमति दी जा सकती है।

 

इससे पहले, गर्भधारण के छह महीने तक महिला उम्मीदवारों को विभिन्न शर्तों के तहत बैंक में भर्ती किया जाता था।

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इन पांच एक्सरसाइज से तेज हो जायेगी स्मार्ट फोन की नेट स्पीड

भारत की नयी जेनरेशन के पास कम कम एक स्मार्ट फोन तो है। यह अच्छी बात है। इससे भी अच्छी बात यह है कि हर स्मार्ट फोन में इंटरनेट की सुविधा है और लगभग हर कोई किसी न किसी सोशल प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ है। लेकिन सिर दर्द यह कि फोन स्मार्ट होने के बावजूद इंटरेनट स्पीड स्मार्ट नहीं है। कहने भर को 3जी, 4जी आ गया है, लेकिन स्पीड 2जी भी नहीं मिल पाती। कारण बहुत से हैं, लेकिन स्मार्ट फोन के इंटरनेट की स्पीड कुछ मामूली एक्सरसाइज करने से बढ़ सकती है। वो कौन-कौन सी एक्सरसाइज हैं हम आपको बता रहे हैं...

 

नेट यूज करने के बाद एंटीवायरस जरूर चलाएं

स्मार्टफोन के इंटरनेट ब्रॉउजर को वायरस का खतरा सबसे अधिक होता है। वायरस सबसे पहले इंटरनेट की स्पीड को कम कर देता हैं। इसलिए दिन में एक बार करें की वायरस स्कैनर से फोन को स्कैन करें।

 

अलर्ट पर ध्यान रखें और एप्स को अपडेट करते रहें

फोन पर आये हुए अपडेट को अनदेखा कर देते है, इस वजह से ब्रॉउजर सही से सपोर्ट नहीं करता और नेट की स्पीड धीमी हो जाती है। अपडेट के जरिए छोटी-छोटी कमियों को दूर कर ब्राउजिंग को बेहतर बनाया जा सकता है।

 

डाउनलोड्स फोल्डर भी स्कैन और क्लीन रखें

इंटरनेट से हम अधिकतर कुछ न कुछ डाउनलोड करते हैं। ऐसे में डाउनलोड फोल्डर भर जाता है और स्पीड कम हो जाती है।

 

इंटरनल स्पेस खाली रखें

स्मार्टफोन प्रयोग के दौरान इंटरनल मैमारी को जितनी खाली रहेगी फोन की परफॉर्मेंस उतनी अच्छी रहेगी। 

 

टैंपररी फाइल्स डिलीट करते रहें

इंटरनेट बूस्टर और एंड्रॉयड ऑप्टिमाइजर जैसे एप्लिकेशंस से टैंपररी फाइल्स को डिलीट करने भी इंटरनेट स्पीड बढ़ जाती है।

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उपभोक्ता अदालतों में फैमिली कोर्ट जज की भांति, पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया जाये

बांदा। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी उर्फ जीतू ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजते हुए अवगत कराया है कि भारतवर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में मोटर एक्सीडेंट कोर्ट और फैमिली कोर्ट जज की भांति पूर्णकालिक अध्यक्ष जो वर्तमान की सेवा में हो, को राज्य की उच्च न्यायालय से लेकर प्रतिनियुक्त पर लेकर नियुक्त किया जाए।

 

इससे उपभोक्ता हितों की रक्षा करने वाली जिला उपभोक्ता अदालतों में न्यायिक कार्य तेजी से होगा और उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय मिलेगा।

 

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में जिला उपभोक्ता अदालतों में सेवानिवृत्त जज को नियुक्ति की तिथि से 65 वर्ष अथवा 04 वर्ष के लिए मूल पद के लिए नियत अंतिम वेतन के आधार पर राज्य सरकारों के द्वारा मनोनीत किया जाता है। जब जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त होते हैं तो महीनों तक यह पद खाली बना रहता है। जिससे उपभोक्ता अदालतों का न्यायिक कार्य लंबित होता है और उपभोक्ता हितों की अनदेखी होने लगती है। राज्य सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है जिससे और भी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

 

साथ ही श्री जीतू ने अपने पत्र में लिखा है कि यदि राज्य की उच्च न्यायालय से मोटर एक्सीडेंट कोर्ट और फैमिली कोर्ट की भांति पूर्णकालिक आधार पर वर्तमान सेटिंग जजों को जिला उपभोक्ता संरक्षण कानून में संशोधन करते हुए नियुक्त किया जाता है तो जिला उपभोक्ता अदालतों में कार्य तेजी से संपादित होगा और न्याय भी तेजी से मिलेगा साथ ही उपभोक्ता अदालतों में लंबित वादों की संख्या घटेगी। इसके अलावा नए अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार निर्धारित अवधि में प्रति माह मुकदमे निस्तारित होगे।

 

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष जीतू ने अपने पत्र की एक प्रति भारत सरकार के कानून मंत्री किरण रिजुजू और एक प्रति उपभोक्ता मामले के मंत्री पियूष गोयल को भेजते हुए लिखा है कि यदि संपूर्ण भारतवर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में एमएससीटी कोर्ट और फैमिली कोर्ट की भांति राज्य की उच्च न्यायालय से प्रतिनियुक्ति पर लेकर पूर्णकालिक सिटिंग जजों को नियुक्त किया जाता है तो निश्चित रूप से संपूर्ण भारत वर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में बहुत से उपभोक्ता को लाभ मिलेगा।

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कोरोना काल के दौरान देश के 84% परिवारों की कमाई घटी, लेकिन अरबपति 102 से बढ़कर 142 हो गए

नई दिल्ली : जाने आलम (जानू चौधरी ) कोरोना महामारी के दौरान जहां एक ओर देश में गरीबों के सामने खाने-पीने का संकट पैदा हो गया था, तो दूसरी तरफ इस दौरान देश में अरबपति अमीरों की संख्या बढ़ गई है।

गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में जहां भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में गिरावट आई, वहीं भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई।

आज वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2022 का पहला दिन है। इस मौके पर ऑक्सफैम इंडिया की तरफ से वार्षिक असमानता सर्वे जारी किया गया है। इसके अनुसार, कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई। इनकी अमीरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टॉप-10 अमीरों के पास इतनी दौलत है कि वे देश के सभी स्कूलों और कॉलेजों को अगले 25 सालों तक चला सकते हैं।

45% पैसा सिर्फ 10% लोगों के पास
कोरोना के कारण असमानता इतनी बढ़ गई है कि देश के सबसे अमीर 10% लोगों के पास देश की 45% दौलत है। वहीं, देश की 50% गरीब आबादी के पास महज 6% दौलत है।

1% टैक्स से मिल जाएंगे 17.7 लाख एक्स्ट्रा ऑक्सीजन सिलेंडर
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के टॉप 10% अमीर लोगों पर अगर 1% एडिशनल टैक्स लगाया जाए तो उस पैसे से देश को 17.7 लाख एक्स्ट्रा ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाएंगे। वहीं, देश के 98 अमीर परिवारों पर अगर 1% एक्स्ट्रा टैक्स लगाया जाए तो उस पैसे से आयुष्मान भारत प्रोग्राम को अगले सात सालों तक चलाया जा सकता है। आयुष्मान भारत दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम है।

98 अमीर लोगों के पास 55.5 करोड़ गरीब लोगों के बराबर दौलत
इस आर्थिक असमानता रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 142 अरबपतियों की कुल दौलत 719 बिलियन डॉलर, यानी 53 लाख करोड़ रुपए है। 98 सबसे अमीर लोगों के पास 55.5 करोड़ गरीब लोगों के बराबर दौलत है। यह करीब 657 बिलियन डॉलर, यानी 49 लाख करोड़ रुपए होती है। इन 98 परिवारों की कुल दौलत भारत सरकार के टोटल बजट का करीब 41% है।

84 सालों तक रोजाना खर्च कर सकते हैं 7.4 करोड़ रुपए
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत के टॉप-10 अमीर रोजाना आधार पर 1 मिलियन डॉलर, यानी 7.4 करोड़ रुपए खर्च करें तो भी उनकी दौलत को खर्च होने में 84 साल लग जाएंगे। वहीं अगर देश के अमीरों पर वेल्थ टैक्स लगाया जाए तो 78.3 बिलियन डॉलर, यानी 5.8 लाख करोड़ रुपए कलेक्ट किए जा सकते हैं। इस पैसे से सरकार का हेल्थ बजट 271% बढ़ सकता है।

कोरोना काल में 28% महिलाओं की नौकरी गई
जेंडर की बात करें तो कोरोना काल में 28% महिलाओं ने अपनी जॉब गंवाई। इससे उनकी कुल कमाई दो तिहाई घट गई। महिलाओं की स्थिति को लेकर कहा गया कि बजट 2021 में सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट पर केवल उतना खर्च किया, जितना भारत के बॉटम-10 करोड़पतियों की कुल संपत्ति का आधा भी नहीं है।

शिक्षा के लिए बजट आवंटन घटा
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा के लिए सरकार के बजट आवंटन में 6% की कटौती की गई, जबकि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन कुल केंद्रीय बजट के 1.5% से घटकर 0.6% हो गया।

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घर में प्रिंटर से छाप रहे थे एकदम असली जैसे नकली नोट

गाजियाबाद। गाजियाबाद में स्वाट टीम ने नकली नोट बनाने वाले गैंग का खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी नगर कोतवाली क्षेत्र के इस्लामनगर से नकली नोटों का धंधा चला रहे थे। इनके कब्जे से 6.59 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं। इनमें 100 से लेकर 2000 के नोट शामिल हैं। गैंग के मास्टरमाइंड ने नकली नोट बनाने का तरीका यू-ट्यूब से सीखा था और करीब चार महीने में वह नकली नोट बनाने का एक्सपर्ट हो गया था। पुलिस का कहना है कि देश की अन्य एजेंसियों को भी सूचना दे दी गई है।

 

एएसपी आकाश पटेल ने बताया कि स्वाट टीम को इस्लामनगर निवासी यूनुस के मकान में नकली नोट बनाए जाने की सूचना मिली थी। छापेमारी की गई तो मकान से 6.59 लाख के नकली नोट, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर और कागज के बंडल बरामद हुए। मौके से यूनुस के अलावा नगर कोतवाली के कालकागढ़ी निवासी अमन, मोती मस्जिद के पीछे कैलाभट्टा निवासी रहबर व सोनू उर्फ गंजा, चमन कॉलोनी निवासी आजाद, लालकुआं स्थित राज कंपाउंड निवासी आलम उर्फ आशीष तथा विजयनगर के पुराना कैलाश नगर निवासी फुरकान अब्बासी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, आठवीं पास आजाद गिरोह का मास्टरमाइंड है। आजाद, सोनू और यूनुस नकली नोट बनाने का काम करते थे, जबकि बाकी आरोपी नकली नोटों को बाजार में चलाने का काम करते थे। 

 

पुलिस का कहना है कि नकली नोट चलाने के लिए आरोपी बाजारों के छोटे दुकानदारों से संपर्क करते थे। पैठ बाजार में ठेली-पटरी वाले दुकानदार इनके निशाने पर रहते थे। आरोपी रहबर का भाई घंटाघर मार्केट में चूड़ियों की दुकान करता है। इस दुकान के जरिये ग्राहकों को बड़ी तादाद में नकली नोट खपाए जाते थे। रहबर का भाई असली नोटों के बीच में नकली नोट रखकर ग्राहकों को थमा देता था।

 

पूछताछ में मास्टरमाइंड आजाद ने बताया कि कुछ समय पहले उसने पेट्रोल पंप पर एक व्यक्ति से रुपये खुले करवाए थे। उसने उसे नकली नोट थमा दिए। पता लगने पर उसने बाजार में वो नोट चलाने कोशिश की तो नकली नोट चल गए, जिसके बाद उसके दिमाग में नकली नोट बनाने का विचार आया। एएसपी सदर ने बताया कि मई 2021 में उसने यू-ट्यूब से नकली नोट बनाने का तरीका जाना। करीब चार महीने की ट्रेनिंग के बाद वह नकली नोट बनाने का एक्सपर्ट हो गया। इसके बाद उसने अन्य साथियों के साथ मिवकर नकली नोट बनाना और उन्हें बाजार में चलाना शुरू कर दिया।

 

एएसपी ने बताया कि आरोपी नकली नोट बनाने में मोल्ड कागज का इस्तेमाल करते थे। इसके अलावा नोट छपने के बाद आरोपी उस पर हरे रंग की बर्थ-डे टेप काटकर चिपका देते थे, ताकि हरी लाइन स्पष्ट दिखाई दे और लोग नोट को असली समझ लें। आरोपी नकली नोट इस तरह तैयार करते थे कि असली नोटों के बीच में कोई भी व्यक्ति आसानी से उसे पकड़ न सके। एएसपी का कहना है कि अभी तक किसी बाहरी संगठन या विदेशी ताकत से आरोपियों का कोई लिंक सामने नहीं आया है। फिर भी देश की एजेंसियों को सूचना दे दी गई है।

 

एएसपी ने बताया कि आरोपी एक हजार के बदले तीन हजार रुपये के नकली नोट देते थे। मुखबिर से सूचना मिलने पर स्वाट टीम का एक सदस्य नोटों की सौदाबाजी करने भेजा गया था। आरोपियों ने कहा था कि डेढ़ लाख रुपये के बदले साढ़े चार लाख रुपये के नकली नोट दे दिए जाएंगे। सूचना पुख्ता होने के बाद मौके पर छापेमारी की गई थी। एएसपी का कहना है कि आरोपी बाजार में करीब 12 लाख रुपये खपा चुके हैं।

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नए साल से मीटर रीडर भी बिजली बिल जमा करेंगे

नोएडा : बिजली उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए विद्युत निगम के बिलिंग काउंटर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। नए साल से मीटर रीडर भी बिल जमा कर सकेंगे। मीटर रीडरों के पास बिल जमा करने के लिए वॉलेट मशीन होगी।


जिले में विद्युत निगम के सवा तीन लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इसमें 60 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता विद्युत निगम के बिलिंग काउंटर पर जाकर बिल जमा कर करते हैं, जबकि शेष 40 प्रतिशत उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा करते हैं। निगम के बिलिंग काउंटर पर जाकर बिल जमा करने में उपभोक्ताओं को कई बार लंबी-लंबी कतार में लगना पड़ता है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए विद्युत निगम ने मीटर रीडरों को वॉलेट मशीन दी है। ताकि वह तुरंत बिल भी जमा कर सकेंगे।


मीटर रीडरों को भी बिल जमा करने के लिए लक्ष्य दिया गया है। ताकि वह भी बिल जमा करने के लिए प्रयास करें। विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार मीटर रीडर महीने भर में जितने उपभोक्ताओं का बिल तैयार करेंगे, उनमें 30 प्रतिशत उपभोक्ता का मीटर रीडर को बिल भी जमा करना होगा। इसका मीटर रीडर को शुल्क भी विद्युत निगम द्वारा दिया जाएगा। ताकि मीटर रीडर उपभोक्ताओं का बिल जमा करने के लिए स्वयं भी प्रयास कर सकें।


उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए मीटर रीडरों को बिल जमा करने के लिए वॉलेट मीशन दी गई है। ताकि उपभोक्ता घर बैठे ही बिल जमा कर सकें।


-वीएन सिंह, मुख्य अभियंता, विद्युत निगम




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