चीन और रूस के बॉम्बर विमान अमेरिका की सीमा में घुसे, कनाडा की भी उड़ी नींद

चीन के बॉम्बर ने अमेरिका में दहशत मचा दी. इसमें रूस के सहयोग की भी बात सामने आई है. चीन के H-6 सीरीज के 2 विमानों ने रूसी TU-95 बॉम्बर के साथ बुधवार सुबह अमेरिका के अलास्का के पास उड़ान भरी थी. फॉक्स न्यूज के मुताबिक, नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) ने कहा कि उसने अलास्का के तट पर 2 रूसी टीयू-95 बॉम्बर और 2 चीनी एच-6 बमवर्षक को रोकने के लिए लड़ाकू जेट भेजे. एजेंसी ने पुष्टि की है कि उसने 24 जुलाई को अलास्का एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में 2 रूसी TU-95 और दो चीनी H-6 सैन्य विमानों का पता लगाया और उन्हें रोका गया.  

रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका और कनाडा के NORAD ने विमानों ने इन विमानों को वापस भेजा. फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया कि यह पहली बार हुआ, जब रूस और चीन ने अलास्का के तट पर संयुक्त बमवर्षक भेजे. एजेंसी ने ये भी कहा कि रूसी और चीन के विमान अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में ही बने रह. उन्होंने अमेरिकी या कनाडाई हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया. अलास्का एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में में रूसी और चीन की इस गतिविधि को खतरे के रूप में नहीं देखा गया है हालांकि, अमेरिका इस पर निगरानी जारी रखेगा.

ये है चीन के विमानों की खासियत

चीन के H-6 सीरीज के विमानों में अलग-अलग प्रकार विमान शामिल हैं, जिनमें मिसाइल वाहक विमान और हवाई ईंधन भरने वाले टैंकर भी हैं. इसके साथ ही बड़े आकार के हथियार ले जाने के लिए इन्हें डिजाइन किया गया. विज्ञप्ति में ये नहीं बताया गया कि अमेरिका के किन विमानों ने चीनी और रूसी बॉम्बर को रोकने के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन संभावना है कि अमेरिकी वायुसेना के F-16 या F-22 विमान इसमें शामिल थे. 

क्या कहा है NORAD ने

नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) ने बयान में कहा कि उसने 24 जुलाई को अलास्का एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन  में काम कर रहे 2 रूसी TU-95 और दो PRC पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के H-6 सैन्य विमानों का पता लगाया, उन पर नजर रखी और उन्हें रोका. NORAD ने कहा कि अमेरिकी और कनाडाई लड़ाकू विमानों ने यह काम किया और इस बात पर भी ध्यान दिया कि रूसी और चीनी विमान अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में ही रहे. उन्होंने अमेरिकी या कनाडाई हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया.


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कमला हैरिस को राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए मिला बहुमत

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से बाइडेन के पीछे हटने के 24 घंटे में ही कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी से नॉमिनेशन के लिए बहुमत हासिल कर लिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए 4 हजार में से अब तक 1976 डेलिगेट्स का समर्थन मिल चुका है।

1-7 अगस्त के बीच डेमोक्रैट्स नॉमिनेशन के लिए पहले राउंड की वोटिंग करेंगे। कमला हैरिस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के बाद पहली बार जनता को संबोधित किया।

उपराष्ट्रपति हैरिस ने राष्ट्रपति के काम की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने सिर्फ चार साल में इतना काम किया है जितना कई राष्ट्रपति दो कार्यकाल में पूरा नहीं कर पाए। कमला हैरिस पेरिस ओलंपिक से पहले, व्हाइट हाउस में अमेरिकी खिलाड़ियों के लिए एक सम्मान समारोह में पहुंची थीं। कोविड पॉजिटिव होने के कारण बाइडेन इस अवसर पर मौजूद नहीं थे।

कमला हैरिस ने चुनाव से जुड़ी कोई बात नहीं की

हैरिस ने कहा कि जब वे अटॉर्नी जनरल थीं तो उनकी मुलाकात दिवंगत ब्यू बाइडेन से हुई थी। उन्होंने ही पहली बार अपने पिता के बारे में बताया था। वो उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे।

सालों बाद मैंने खुद देखा कि राष्ट्रपति बाइडेन कैसे अमेरिकी लोगों के लिए हर दिन लड़ाई लड़ते हैं। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए उनके दिल में गहरा प्रेम है। हम अपने देश के प्रति उनकी सेवा के लिए बहुत-बहुत आभारी हैं।

हैरिस ने कहा कि आज बाइडेन यहां होते, लेकिन बीमार होने की वजह से यहां नहीं आ सके। राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हैरिस ने अपने पहले भाषण में चुनाव से जुड़ी कोई बात नहीं की।हिलेरी क्लिंटन ने कमला का समर्थन किया

अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अगले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस का समर्थन किया है। हिलेरी क्लिंटन, डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रह चुकी हैं। तब वे ट्रम्प से हार गई थीं।

हिलेरी क्लिंटन ने सोशल मीडिया पर लिखा है, “मैं कमला हैरिस को लंबे समय से जानती हूं। वे प्रतिभाशाली वकील रह चुकी हैं। कमला हैरिस दोषी करार दिए गए अपराधी डोनाल्ड ट्रम्प और आजादी छीनने वाले ‘प्रोजेक्ट 2025’ के एजेंडे के खिलाफ लड़ेंगी। हालांकि, वे यह काम अकेली नहीं कर सकतीं। हिलेरी ने देश के लोगों से कमला हैरिस का साथ देने की अपील की।

कमला हैरिस ने समर्थन जुटाने के लिए 10 घंटे तक फोन पर बात की

CNN ने सूत्र के हवाले से बताया कि बाइडेन की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने समर्थन जुटाने के लिए 10 घंटे तक लोगों से बातें कीं। इस दौरान हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और बिल क्लिंटन के साथ-साथ पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से भी बात की।

कश्मीर पर पाक समर्थक अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहले से ज्यादा जरूरी है कि हमारी पार्टी और देश ट्रम्प को हराने के लिए एकजुट हों। इसके अलावा डेमोक्रेटिक सांसद कोरी बुश और इल्हान उमर ने भी हैरिस को अपना समर्थन दिया है।

कमला हैरिस अभी नहीं बनी पार्टी की उम्मीदवार

भले ही जो बाइडन से लेकर हिलेरी क्लिंटन ने कमला हैरिस की उम्मीदवारी का समर्थन किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित उम्मीदवार हैं। ‌BBC की रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अभी भी कई उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होना है।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में करीब 100 दिन बचे हैं, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी में नया कैंडिडेट कैसे चुना जाएगा इसे लेकर अभी कोई रास्ता नहीं निकल पाया है।

मोक्रेट पार्टी का कन्वेंशन 19 अगस्त से, कमला को बहुमत पाना होगा

बाइडेन मैदान से हटे हैं, लेकिन जनवरी 2025 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। वे इस हफ्ते देश को संबोधित करेंगे। सबकी निगाह 1-7 अगस्त के बीच शिकागो में होने वाले डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन पर है। इसमें पार्टी के 4 हजार प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी का चयन करने के लिए जुटेंगे।

यह भी संभव है कि प्रत्याशी चयन कन्वेंशन से पहले वर्चुअल हो जाए। अगर, कोई डेमोक्रैट कमला को चुनौती देना चाहता है तो 600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर के साथ दावा करना होगा। कन्वेंशन में बहुमत समर्थन जुटाना होगा। कमला की उम्मीदवारी को गवर्नर गैविन न्यूसम, विटमर, बेशर और सैपियो से चुनौती मिल सकती है।

डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडेन-कमला के नाम पर 2007 करोड़ रु. का चंदा जमा हो चुका था। अब कमला को बाइडेन का समर्थन मिलने के बाद यह तय है कि वे इसका इस्तेमाल चुनाव में कर सकेंगी।

अपना नाम वापस लेते हुए बाइडेन ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर चुना है। हालांकि, अभी कमला के नाम पर पार्टी की मुहर लगनी बाकी है। कमला उम्र में बाइडेन से काफी छोटी हैं। विपक्ष के हमलों का जवाब देने में माहिर हैं, ब्लैक वोटर्स से लेकर महिलाओं तक में उनकी पैठ है। स्टोरी में वो 4 वजहें जो उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बेस्ट उम्मीदवार बनाती हैं..


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ऑस्ट्रेलिया से लेकर जर्मनी तक माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर ठप, दुनियाभर में विमान सेवाएं प्रभावित

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में आई समस्या की वजह से दुनियाभर में विमान सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कई देशों में विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। भारतीय एयरलाइन इंडिगो ने कहा है कि तकनीकी खराबी की वजह से विमान सेवाएं प्रभावित हुई है। कई विमानन कंपनियों के फ्लाइट उड़ान नहीं भर पा रही हैं।

विश्वभर में Windows पर काम करने वाले सिस्टम को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर ठप (Microsoft Server Outage) होने की वजह से दुनियाभर में बैंक से लेकर एयरलाइन्स तक की सर्विसेस बाधित हुई हैं।

दिल्ली एयरपोर्ट पर सेवाएं प्रभावित 

माइक्रोसॉफ्ट की बीएसओडी प्रॉब्लम का असर देश भर की कई एयरलाइंस कंपनियों पर भी पड़ा है। इंडिगो, अकासा और स्पाइसजेट एयरलाइंस के चेक इन सिस्टम डाउन हो गए हैं। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर सर्वर डाउन का असर पड़ा है।

 एयरलाइंस कंपनियां मैनुअल प्रोसेस को फॉलो कर रही है। 

टेकनिकल फॉल्ट पर एयर इंडिया ने भी जानकारी देते हुए कहा कि विमान कंपनी की डिजिटल सिस्टम भी प्रभावित हुई है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर सेवाएं अस्थायी रूप से प्रभावित

दिल्ली एयरपोर्ट ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी दी कि वैश्विक आईटी समस्या के कारण, दिल्ली हवाई अड्डे पर कुछ सेवाएं अस्थायी रूप से प्रभावित हुई हैं। हम अपने यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए अपने सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

यात्रियों से अनुरोध है कि वे उड़ान की अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन या ग्राउंड हेल्प डेस्क से संपर्क में रहें। हमें अपने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। वहीं, आईटी मंत्रालय सिस्टम आउटेज पर माइक्रोसॉफ्ट से बातचीत कर रहे हैं

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बुलाई आपातकालीन बैठक 

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में विमान सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कई एयरपोर्ट पर चेक-ईन सेवाएं बंद हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा अमेरिकी एयरलाइंस सर्विस पर असर पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने आपातकाल बैठक बुलाई है। ब्रिटिश समाचार चैनल स्काई न्यूज पर लाइव प्रसारण बंद हो चुका है।

 जर्मनी के बर्लिन एयरपोर्ट से विमानों के टेकऑफ बंद है। वहीं, एयरपोर्ट पर विमान सेवा रोक दी गई है। ब्रिटेन की रेल सेवा में भी तकनीकी खराबी आई है।


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जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला, कैप्टन समेत 5 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में आतंकवादियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। एक पुलिस कर्मी की भी मौत हुई है। यानी कुल 5 लोगों की जान गई है। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस यहां सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी।

सर्चिंग के दौरान आतंकी फायरिंग करते हुए भागे। घना जंगल होने की वजह से वे बच निकले। सोमवार रात 9 बजे के आसपास फिर गोलीबारी हुई। इसमें 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

शहीद हुए जवानों में से एक झुंझुनूं जिले के बुहाना तहसील के भैसावता कलां के रहने वाले अजय सिंह हैं। वह राष्ट्रीय राइफल्स में सिपाही थे। सेना इलाके में हेलिकॉप्टर, ड्रोन से आतंकियों की तलाश कर रही है।

हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से बात की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से मुठभेड़ की जानकारी ली है। जम्मू डिवीजन के डोडा में 34 दिन में यह पांचवां एनकाउंटर है। इससे पहले 9 जुलाई को एनकाउंटर हुआ था। यहां 26 जून को एक और 12 जून को 2 हमले हुए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों-आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 3 आतंकी मारे गए थे।

हमले पर नेताओं के बयान...

राहुल गांधी: आज जम्मू-कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं।

भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं। हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जवाबदेही ले कर देश और जवानों के गुनहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है।

केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह: मेरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में डोडा जिले के डेसा क्षेत्र में सशस्त्र मुठभेड़ की खबरों से बहुत परेशान हूं। हमारे बहादुरों की शहादत पर शोक व्यक्त करने और निंदा करने के लिए शब्द कम हैं। हम सभी मिलकर दुश्मन के नापाक मंसूबों को हराएं और शांति और सद्भाव बनाए रखें, जिसके लिए डोडा हमेशा से जाना जाता है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल: डोडा जिले में हमारी सेना के जवानों और जेकेपी कर्मियों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हम अपने सैनिकों की मौत का बदला लेंगे और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नापाक मंसूबों को विफल कर देंगे।

डोडा डिविजन में 34 दिन में पांचवां एनकाउंटर

पहला एनकाउंटर- तारीख: 11 जून, रात 1-2 बजे

क्या हुआ: आतंकियों ने डोडा के भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की जॉइंट चेकपोस्ट पर फायरिंग की। 5 जवान और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स (जेईएम/जैश) ने ली।

दूसरा एनकाउंटर- तारीख: 12 जून, रात 8:20 बजे

क्या हुआ: डोडा के गंडोह में कोटा टॉप में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के कॉन्स्टेबल फरीद अहमद जख्मी हो गए। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज डोडा में भर्ती कराया गया है।

तीसरा एनकाउंटर- तारीख: 26 जून, सुबह 9:50 बजे

क्या हुआ: 3 आतंकी मारे गए

डोडा जिले के गंडोह इलाके में 26 जून को सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। सुबह 2-3 आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसके बाद सुबह 9.50 बजे एनकाउंटर शुरू हुआ था। इस एनकाउंटर में जम्मू-कश्मीर पुलिस में तैनात स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप का जवान भी घायल हुआ था।

चौथा एनकाउंटर- तारीख: 9 जुलाई, शाम करीब 5 बजे

क्या हुआ- किसी आतंकी के मरने की खबर नहीं

डोडा के गढी भगवा इलाके में शाम को शुरू हुए एनकाउंटर में सेना और आंतकियों की तरफ से लगातार फायरिंग हुई। इलाके में 2-3 आतंकियों के फंसे होने की आशंका थी। मुठभेड़ रुकने तक किसी आतंकी के मरने की खबर नहीं मिली।


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ट्रंप पर हमले के बाद जो बाइडेन का अमेरिका को संदेश, कहा- इस चुनाव में दांव बहुत ऊंचे...

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ अब हिंसक हो चुकी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक चुनावी रैली के दौरान गोली चलाई गई। ट्रंप की जान बाल-बाल बची क्योंकि गोली उनके कान को चीरते हुए निकल गई। इस घटना के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हंगामे के दौर शुरू हो गया है। वहीं, ट्रंप पर इस जानलेवा हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया है। आइए जानते हैं कि जो बाइडेन ने इस मुद्दे पर क्या कुछ कहा।

हिंसा जवाब नहीं है?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक पूर्व राष्ट्रपति को गोली मार दी गई, और एक अमेरिकी नागरिक की हत्या कर दी गई। अमेरिका को उस रास्ते पर नहीं जाना चाहिए जिस पर हम अपने इतिहास में पहले भी जा चुके हैं। बाइडेन ने कहा कि हिंसा कभी भी जवाब नहीं रही है। चाहे वह कांग्रेस सदस्यों को गोली मारना हो, 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हमला हो, नैन्सी पेलोसी के पति पर हमला,  चुनाव अधिकारियों को धमकी, मौजूदा गवर्नर के खिलाफ अपहरण की साजिश या फिर डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या का प्रयास हो। अमेरिका में इस प्रकार की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

लोग कोई धारणा नहीं बनाए- जो बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि ट्रंप की हत्या का प्रयास एक राष्ट्र के रूप में हमारी सभी मान्यताओं के विपरीत है। बाइडेन ने कहा कि ट्रंप पर हमले की जांच गहन और त्वरित तरीके से करने का निर्देश दिया गया है। बाइडेन ने अमेरिकी लोगों से ये भी कहा कि हत्या के प्रयास को लेकर अटकलें न लगाए। उन्होंने कहा कि हमलावर के इरादे या किसी संगठन या व्यक्ति से संबंध के बारे में कोई धारणा नहीं बनाए।

चुनाव में दांव बहुत ऊंचे- बाइडेन

आप जानते हैं, इस देश में राजनीतिक रिकॉर्ड बहुत गर्म हो गया है। अब ठंडा होने का समय है और ऐसा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। बाइडेन ने कहा कि हमने असहमतियों को गहराई से महसूस किया है। इस चुनाव में दांव बहुत ऊंचे हैं। बाइडेन ने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि इस चुनाव में हम जो चुनेंगे, वह आने वाले दशकों में अमेरिका और दुनिया के भविष्य को आकार देगा।


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भारत को धोखा देगा रूस...' अमेरिका को रास नहीं आई मोदी-पुतिन की दोस्ती, चीन को लेकर किया ये दावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8-9 जुलाई को रूस के दौरे पर थे, इस दौरान उनका मॉस्को में भव्य स्वागत हुआ। जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को अपना परम मित्र कह कर संबोधित किया वहीं रूस ने उन्हें अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाज। मगर, रूस और भारत की दोस्ती अमेरिका को रास नहीं आ रही है।

पीएम मोदी की रूस यात्रा को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का कहना है कि भारत का लंबे समय तक रूस पर भरोसा करना अच्छा नहीं है। अगर एशिया की दो महाशक्तियों भारत और चीन के बीच कभी युद्ध की स्थिति बनती है तो रूस बीजिंग के पक्ष में खड़ा नजर आएगा।

हमने भारत सहित दुनिया के हर देश को आगाह किया- सुलिवन

सुलिवन ने कहा, "हमने भारत सहित दुनिया के हर देश को स्पष्ट कर दिया है कि लंबे समय तक विश्वसनीय साझेदार के रूप में रूस पर दांव लगाना अच्छा कदम नहीं है।"

रूस चीन के काफी नजदीक होता जा रहा- अमेरिका

जेक सुलिवन ने आगे कहा कि रूस चीन के काफी नजदीक होता जा रहा है। सही मायनों में रूस चीन का जूनियर पार्टनर बन रहा है। इस तरह रूस कभी भी भारत के बजाय चीन का पक्ष लेगा। प्रधानमंत्री मोदी, निश्चित रूप से भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता की संभावना के बारे में गहरी चिंता रखते हैं।

भारत के रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध- सुलिवन

हालांकि एनएसए सुलिवन ने यह भी माना है कि भारत के रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं और यह रातो-रात बदलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, लंबा खेल है। हम (अमेरिका) दुनियाभर में भारत जैसे अपने लोकतांत्रिक सहयोगियों के साथ रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे।

बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के साथ भारत के रिश्ते मजबूत करने पर जोर दिया।


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'41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया, ये मेरा सौभाग्य', वियना में बोले पीएम मोदी

रूस के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया की ऐतिहासिक यात्रा की। तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में पीएम मोदी को ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला। दरअसल, पीएम मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा ऐतिहासिक होने के साथ-साथ काफी विशेष भी है। बता दें कि 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है।

तीसरे कार्यकाल की शुरुआत ऑस्ट्रिया के साथ

इस बीच, आज बुधवार को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में पीएम मोदी ने चांसलर कार्ल नेहमर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। ऑस्ट्रिया ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसका पीएम मोदी ने  आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रेस मीट के दौरान कहा, 'मुझे खुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला।'

41 साल बाद पीएम मोदी का ऐतिहासिक दौरा

पीएम मोदी ने कहा कि 'मेरी ये यात्रा ऐतिहासिक भी है और विशेष भी है। 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है। ये भी सुखद संयोग है कि ये यात्रा उस समय हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं।'

पीएम मोदी ने आगे कहा कि लोकतंत्र और Rule of Law जैसे मूल्यों में साझा विश्वास, हमारे संबंधों की मजबूत नींव है। आपसी विश्वास और आपसी हित से हमारे रिश्तों को बल मिलता है। बता दें कि पीएम मोदी और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। दोनों ही नेताओं ने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं पर चर्चा की। 

आतंकवाद के मुद्दे पर खुल कर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी खुल कर बात की। उन्होंने कहा कि 'मैंने और चांसलर नेहमर ने विश्व में चल रहे विवादों (चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति) पर विस्तार से बात की है। मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि हम दोनों आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं। हम सहमत हैं कि ये किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। हम संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में रिफॉर्म के लिए सहमत हैं, ताकि उन्हें समकालीन बनाया जाए।


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सरकार गठन के बाद भारत आने वाली पहली विदेशी अतिथि बनीं शेख हसीना, द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने किया बड़ा एलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि 2019 से दोनों नेताओं के बीच 10 बार मुलाकात हो चुकी है।

आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ लिया निश्चय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने रक्षा उत्पादन से लेकर सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण तक विस्तृत चर्चा की। हमने आतंकवाद, कट्टरवाद और सीमा के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर अपनी सहभागिता को मजबूत करने का निश्चय किया है। हिंद महासागर क्षेत्र के लिए हमारा दृष्टिकोण भी एक समान है। हम हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत करते हैं। हम बिम्सटेक समेत अन्य क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना सहयोग जारी रखेंगे।"

द्विपक्षीय राजकीय यात्रा पर आईं पहली विदेशी अतिथि

मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद भारत की द्विपक्षीय राजकीय यात्रा पर आईं शेख हसीना पहली विदेशी अतिथि हैं। उनका शनिवार सुबह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। बता दें कि शेख हसीना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर शुक्रवार को भारत पहुंचीं।

विशेष साझेदार का स्वागत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "एक विशेष साझेदार का औपचारिक स्वागत! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का स्वागत किया। वे भारत में नई सरकार के गठन के बाद द्विपक्षीय राजकीय यात्रा पर आईं पहली अतिथि हैं।"

महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की

शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में दोनों देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस अवसर पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और कीर्ति वर्धन सिंह भी मौजूद रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री हसीना ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।


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कुवैत की बिल्डिंग में आग, 49 की मौत

कुवैत के मंगाफ शहर की 6 मंजिला इमारत में आग लगने से 49 मजदूरों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों में 40 भारतीय हैं। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

कुवैत के समयानुसार ये हादसा आज सुबह करीब 6 बजे हुआ। विदेश मंत्रालय ने बस 30 लोगों के घायल होने की जानकारी दी है। मरने वालों में कितने भारतीय हैं, इसे लेकर कुछ नहीं कहा है। हालांकि, केरल और तमिलनाडु के लोग होने की आशंका जताई जा रही है।

उधर, पीएम मोदी ने दिल्ली में रिव्यू मीटिंग बुलाई। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि वे जल्द कुवैत जा सकते हैं। वे आग लगने से घायल हुए लोगों की सहायता की निगरानी करने और मारे गए लोगों के शवों को जल्द वापस लाने के लिए जा रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये देने की घोषणा की है।

आग लगने की वजह से साफ नहीं, लेकिन किचन से शुरू हुई

सुबह ग्राउंड फ्लोर के किचन में लगी आग तेजी से पूरी इमारत में फैल गई। कई लोग इमारत के अंदर ही फंसे रह गए। आग लगने की वजह का अब तक पता नहीं चला है। कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बिल्डिंग में 200 से ज्यादा मजदूर रह रहे थे।

मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच

अरब टाइम्स के मुताबिक, मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच है। इनमें ज्यादातर केरल, तमिलनाडु और नॉर्थ इंडियन हैं। सभी NBTC कंपनी में काम करते थे। कुवैत की कुल आबादी में 21%(10 लाख) भारतीय हैं। कुवैत के कुल वर्कफोर्स में भारतीयों की हिस्सेदारी 30% यानी 9 लाख है।

पीएम मोदी से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, ममता बनर्जी ने इस घटना पर दुख जताया। उधर, कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ ने कहा कि इमारत में कई देशों के लोग अवैध रूप से रह रहे थे। इसलिए अभी मरने वालों के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है।

भारतीय राजदूत ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पोस्ट में कहा, "कुवैत में हुए हादसे से स्तब्ध हूं। वहां करीब 40 लोगों की मौत हुई है। हम डीटेल्स सामने आने का इंतजार कर रहे हैं। जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।" भारतीय राजदूत आदर्श स्वाइका ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की है।

कुवैत सरकार ने बिल्डिंग के मालिक की गिरफ्तारी का आदेश दिया

कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबह ने बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से रियल एस्टेट मालिक के लालच की वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं। ज्यादा किराए के लालच में बिल्डिंग ओनर्स एक ही कमरे में कई लोगों को ठहराते हैं और इमारत की सुरक्षा व्यवस्था नजरअंदाज कर देते हैं।

बिल्डिंग के मालिक हैं मलयाली बिजनेसमैन केजी अब्राहम

मलयाली मीडिया ऑनमनोरमा की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्डिंग में रहने वाले भारतीय केरल और तमिलनाडु के थे। यह बिल्डिंग NBTC ग्रुप ने किराए पर ली थी, जो कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनी है। NBTC ग्रुप के मलयाली व्यापारी केजी अब्राहम हैं।

केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के व्यवसायी हैं। केजी अब्राहम, जिन्हें केजीए के नाम से भी जाना जाता है, केजीए समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह कंपनी 1977 से कुवैत के ऑयल एंड इंडस्ट्रीज का हिस्सा है।


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ईरान के राष्ट्रपति रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया है. हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य लोगों के शव दुर्घटनास्थल से मिलने की भी पुष्टि हो चुकी है. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी 63 वर्ष के थे. ईरानी राष्ट्रपति के निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा," ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन से गहरा दुख और सदमा लगा है. भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति संवेदना. दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है."

क्रैश हेलीकॉप्टर का मलबा मिला

ईरान में बचाव दल को उस हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया है जो रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान के अलावा सात अन्य लोग सवार थे. इससे पहले ईरानी रेड क्रिसेंट के प्रमुख पीर-हुसैन कुलिवंद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर बताया था कि कई घंटों की खोज के बाद आपात सेवा की टीम अब भी क्रैश वाली जगह से दो किलोमीटर दूर है. हालांकि उन्होंने हेलीकॉप्टर को देख लिया है और उसकी पहचान कर ली है.

अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में लापता हुआ था हेलिकॉप्टर

राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर रविवार को ईरान के उत्तर पश्चिमी प्रांत ईस्ट अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में लापता हो गया था. इसके बाद से ही हेलीकॉप्टर की तलाश जारी थी. इससे पहले, ईरानी मंत्रिमंडल ने रविवार शाम एक आपात बैठक की. सरकारी समाचार एजेंसी इरना की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबर ने इसकी अध्यक्षता की. जानकारी के मुताबिक ये हादसा ऐसी जगह हुआ, जहां घना जंगल और पहाड़ी है.

ईरान में सुप्रीम लीडर खामेनेई ने आपात बैठक की

ईरान सरकार ने तलाश के लिए 40 टीमें बनाई गई. ईरान में सुप्रीम लीडर खामेनेई ने आपात बैठक की. साथ ही रिवोल्यूशनरी गार्ड को अलर्ट पर रखा गया. आपको बता दें कि कुर्द इलाक़ों में पिछले साल हुए सरकार विरोधी आंदोलन हुए थे. जो बेल 212 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ वो अमेरिका में बना था. बेल 212 हेलीकॉप्टर में ईरानी राष्ट्रपति सवार थे. बेल 212 दो ब्लेड वाला मध्यम आकार वाला हेलीकॉप्टर है. इसमें पायलट समेत 15 लोग सवार हो सकते हैं.

हेलिकॉप्टर में कौन-कौन था सवार?

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी

विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान

पूर्वी अज़रबैजान के गवर्नर मलिक रहमती

धर्मगुरू अयातुल्ला अल हाशिम

पायलट, को-पायलट, क्रू चीफ

हेड ऑफ सिक्योरिटी, बॉडीगार्ड 

हादसे का कारण अभी तक मालूम नहीं

सरकारी टीवी ने पूर्वी अजरबैजान प्रांत में हुए इस हादसे का कोई कारण अभी नहीं बताया है. बताया गया कि इस हादसे में रईसी के साथ जिन लोगों के शव मिले हैं, उनमें ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन (60) भी शामिल हैं. सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए' की खबर के अनुसार, रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री अमीराब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर एवं अन्य अधिकारी और अंगरक्षक भी यात्रा कर रहे थे.

ड्रोन फुटेज में जंगल में लगी आग दिखीं

तुर्किये के प्राधिकारियों ने सोमवार की सुबह ड्रोन से ली एक फुटेज जारी की जिसमें जंगल में आग लगी दिखायी दी. उन्होंने इसके ‘‘हेलीकॉप्टर का मलबा होने का संदेह'' जताया. उन्होंने एक दुर्गम पहाड़ी पर अजरबैजान-ईरान सीमा से करीब 20 किलोमीटर दक्षिण में यह आग लगी होने की जानकारी दी. आईआरएनए द्वारा सोमवार को सुबह जारी फुटेज में दुर्घटनास्थल को पहाड़ी इलाके में एक दुर्गम घाटी बताया गया.

ईरान ने पिछले महीने ही इजराइल पर किया था ड्रोन हमला

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रईसी और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने पिछले महीने इजराइल पर एक जबरदस्त ड्रोन और मिसाइल हमला किया था. इसके अलावा ईरान का यूरेनियम संवर्धन भी हथियार बनाने के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच गया है. इसकी वजह से देश और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है. तेहरान ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को बम ले जाने वाले ड्रोन की आपूर्ति भी की और पूरे क्षेत्र में सशस्त्र मिलीशिया समूहों को भी भेजा.


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