इमरान खान के घर में पुलिस घुसी, बुलडोजर चलाया

पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान तोशाखाना मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद कोर्ट पहुंच गए हैं। इधर उनके निकलते ही पुलिस लाहौर में उनके घर जमान पार्क में घुस गई। यहां पुलिस ने बुलडोजर से गेट तोड़ा और घर के अंदर दाखिल हुई। इस दौरान पुलिस की PTI कार्यकर्ताओं से झड़प हुई। पुलिस ने PTI वर्कर्स पर लाठीचार्ज किया है और कई लोगों को गिरफ्तार किया।

जमान पार्क में पुलिस के पहुंचने पर इमरान ने ट्वीट कर कहा- पंजाब पुलिस मेरे पीछे से घर पहुंची है। मेरी बीवी वहां अकेली है। ये कार्रवाई किस कानून के तहत हो रही है। ये सब नवाज शरीफ के प्लान का हिस्सा है।

इमरान के काफिले की 3 गाड़ियां टकराईं
इस्लामाबाद जाने के रास्ते में इमरान के काफिले की 3 गाड़ियां कल्लर कहार के पास आपस में टकरा गईं। बताया जा रहा है कि हादसा तेज रफ्तार की वजह से हुआ। यह जगह राजधानी से करीब 135 किमी दूर है। हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर है। 

'नवाज शरीफ मुझे जेल भेजने चाहते हैं'
हादसे के बाद पूर्व पीएम ने कहा- मुझे रोकने की कोशिश की जा रही है। वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं। ये सब लंदन प्लान का हिस्सा है। नवाज शरीफ की डिमांड है कि इमरान को जेल में डाला जाए। वे नहीं चाहते कि मैं किसी भी चुनाव में हिस्सा लूं। मैं कानून पर विश्वास रखता हूं इसलिए कोर्ट में पेश होने जा रहा हूं। 

राजधानी में भारी सुरक्षा, धारा 144 लागू
इस्लामाबाद में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने शहर में धारा 144 लगा दी है। पाकिस्तान के दूसरे शहरों से करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था के लिए इस्लामाबाद बुलाया गया है। जुडीशियल कॉम्प्लेक्स के पास मौजूद कि

इमरान को 9 केस में लाहौर हाईकोर्ट ने दी जमानत
इससे पहले शुक्रवार को शाम करीब साढ़े 6 बजे इमरान खान लाहौर हाईकोर्ट पहुंचे थे। यहां कोर्ट ने उन्हें 9 केस में प्रोटेक्टिव बेल दे दी है। इस्लामाबाद में चल रहे 5 केस के लिए कोर्ट ने खान को 24 मार्च तक जमानत दी है। वहीं लाहौर में चल रहे 3 केस के लिए उन्हें 27 मार्च तक जमानत दी गई है। 14-15 मार्च को इमरान की गिरफ्तारी को लेकर जमान पार्क के बाहर PTI कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इसकी तहकीकात के लिए कोर्ट ने पुलिस को जमान पार्क जाने की इजाजत दी है। सी गार्ड को भी कोई हथियार रखने की इजाजत नहीं है। वहां से गुजरने वाले सभी लोगों का ID कार्ड भी चेक किया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस ने इलाके में कंटेनर्स भी रखे हैं।

इमरान को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी पुलिस
14 मार्च को पुलिस और रेंजर्स की टीम इमरान खान को गिरफ्तार करने उनके लाहौर वाले बंगले पर पहुंची थी। उन्हें तोशाखाना मामले में अरेस्ट किया जाना था। लेकिन इमरान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर और लाठियों से हमला कर दिया था। इससे पुलिस इमरान को गिरफ्तार नहीं कर सकी। 

‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पुलिस और रेंजर्स की टीम 22 घंटे बाद खान के लाहौर वाले बंगले (जमान पार्क) से लौट गई थी। एक पुलिस अफसर ने कहा था- लाहौर में 15 से 19 मार्च तक पाकिस्तान सुपर लीग- सीजन आठ (PSL-8) के मैच कज्जाफी स्टेडियम में खेले जाने हैं। शहर में अफरातफरी और हिंसा का माहौल ना बने इसलिए हम गिरफ्तारी टाल रहे हैं। 

इमरान पर अब तक 80 केस दर्ज

  • खान पर अब तक कुल 80 केस दर्ज हो चुके हैं। खान पर तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदने और ज्यादा दामों में बेचने का आरोप है। इसे लेकर पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने उन्हें 5 साल के लिए अयोग्‍य घोषित किया है। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
  • इस फैसले के खिलाफ इमरान समर्थकों ने चुनाव आयोग (EC) के ऑफिस के बाहर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए थे। इस घटना के बाद खान के खिलाफ एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत वारंट जारी हुआ था।
  • पिछले साल 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान इमरान ने महिला जज और पुलिस अधिकारियों को खुलेआम धमकी दी थी। इसी बीच इमरान की पार्टी PTI की लीगल टीम ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में खान की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका दायर कर दी थी। ये खारिज हो गई।


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700 करोड़ तक पहुंचा पठान का वर्ल्डवाइड कलेक्शन

पठान का थिएटर्स में ब्लॉकबस्टर रन जारी है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, फिल्म ने रिलीज के नौंवे दिन 15 करोड़ का कलेक्शन किया है। इस हिसाब से फिल्म का हिंदी नेट कलेक्शन 351 करोड़ हो गया है। तमिल और तेलुगु के आंकड़े मिला लिए जाए तो फिल्म की कुल कमाई 364.15 करोड़ हो गई है। वर्ल्डवाइड कलेक्शन की बात करें तो फिल्म ने अब तक 696.98 करोड़ की कमाई कर ली है। 

डोमेस्टिक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो पठान ने सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है और रणबीर कपूर की फिल्म संजू के लाइफटाइफ कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया है। अब इसके आगे आमिर खान की फिल्म दंगल है जिसके हिंदी वर्जन ने 374.43 करोड़ की कमाई की थी। दंगल के रिकॉर्ड को तोड़ने के साथ ही पठान सबसे ज्यादा कमाने वाली बॉलीवुड फिल्म बन जाएगी।

दंगल के रिकॉर्ड से बस चंद दूरी पर पठान
आमिर खान की 2016 में रिलीज हुई फिल्म दंगल ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 374.43 करोड़ की कमाई की थी। इस रिकॉर्ड को अभी तक कोई भी हिंदी फिल्म तोड़ नहीं पाई है। अब पठान, दंगल के रिकॉर्ड के काफी नजदीक आ गई है। आने वाले दो दिनों में शाहरुख की ये फिल्म आमिर की फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। पठान ने अभी 'टाइगर जिंदा' और 'संजू' के लाइफटाइम कलेक्शन को पीछे छोड़ा है। 

वर्ल्डवाइड हाइएस्ट कलेक्शन वाली फिल्मों में पठान की एंट्री
मूल रूप से हिंदी भाषा में बनने वाली फिल्मों में दंगल ने वर्ल्डवाइड सबसे ज्यादा 2,024 करोड़ कलेक्शन किया था। दूसरे नंबर पर सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान थी जिसने पूरी दुनियाभर में 969.06 करोड़ का ओवरऑल कलेक्शन किया था। अब 696.98 करोड़ के साथ इस लिस्ट में पठान की एंट्री हो गई है।

गौर करने वाली बात ये है कि दंगल और सेक्रेट सुपरस्टार जैसी फिल्में चीन में काफी बंपर हिट हुई थी।

सबसे कम समय में 300 करोड़ कमाने वाली फिल्म है पठान
पठान ने सबसे कम समय में 300 करोड़ का आंकड़ा पूरा किया था। पठान ने ओपनिंग वीक में ही 318.50 करोड़ की कमाई कर रिकॉर्ड बना दिया है। इससे पहले केजीएफ 2 के हिंदी वर्जन ने पहले हफ्ते में सबसे ज्यादा कमाई की थी। केजीएफ 2 ने पहले हफ्ते में 268.63 करोड़ का कलेक्शन किया था वहीं बाहुबली 2 ने 247 करोड़ की कमाई की थी। 

पठान ने पहले ही दिन बनाया था रिकॉर्ड
रिलीज के पहले दिन ही दिन पठान ने 55 करोड़ की बंपर ओपनिंग की थी। इससे पहले ये रिकॉर्ड केजीएफ 2 के नाम था जिसके हिंदी वर्जन ने पहले दिन 53.95 करोड़ की कमाई की थी। हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम ने रिलीज के पहले दिन इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 53.35 करोड़ का कलेक्शन किया था। पठान ने रिलीज के साथ ही इन सभी रिकॉर्ड्स को ध्वस्त कर दिया है। 

ब्राजील के फेमस ऑथर और सॉन्ग राइटर पाउलो कोएलो ने शाहरुख खान की जमकर तारीफ की है। पाउलो ने अपने सोशल मीडिया पर शाहरुख की तारीफ में लिखा है कि जो लोग पश्चिमी देशों में शाहरुख को नहीं जानते हैं उन्हें माई नेम इज खान देखना चाहिए। दरअसल शाहरुख ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वो अपने घर मन्नत के बाहर फैंस का अभिवादन कर रहे थे। पाउलो ने इसी वीडियो पर रिएक्ट करते हुए शाहरुख खान को किंग कहा है साथ ही ये भी लिखा है कि वो उनके काफी अच्छे दोस्त हैं।  

शाहरुख खान की फिल्म पठान इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर कमाई कर रही है। फिल्म का टोटल कलेक्शन 350 करोड़ के करीब पहुंच गया है। अब हाल ही में फिल्म के राइटर श्रीधर राघवन ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में सलमान और शाहरुख को दोबारा साथ में देखा जा सकता है। उन्होंने बातों- बातों में इशारा किया है कि भविष्य में पठान और टाइगर को साथ लेकर आया जा सकता है। ये मुख्य रूप से एक क्रॉसओवर होगा, जो ऑडियंस के लिए अलग अनुभव लेकर आएगा। 

पठान के हिट होने के बाद शाहरुख खान के सितारें बुलंदियों पर हैं। अब उनकी अगली फिल्म जवान के सेट से एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें उनका चेहरा बैंडेज से बंधा हुआ है। फिल्मफेयर के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल ने ये तस्वीर शेयर की है।

 


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6 करोड़ साल पहले पेड़-पौधों के दबने से बने पत्थर

लखनऊ: नेपाल के जनकपुर से 40 टन वजनी शालिग्राम की 2 शिलाएं 7 दिन के सफर के बाद बुधवार रात अयोध्या पहुंचीं। इन्हीं शिलाओं से भगवान राम और माता सीता की भव्य मूर्तियां बनाई जाएंगी। माना जा रहा है कि ये मूर्तियां अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएंगी।

वैज्ञानिक मान्यता : 6 करोड़ साल पहले बने जीवाश्म पत्थर

साइंस की भाषा में शालिग्राम डेवोनियन-क्रिटेशियस पीरियड का एक काले रंग का एमोनोइड शेल फॉसिल्स है। डेवोनियन-क्रिटेशियस पीरियड 40 से 6.6 करोड़ साल पहले था। ये वो पीरियड था जब धरती के 85% हिस्से पर समुद्र होता था।

जीवाश्म शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘जीव’ तथा ‘अश्म’। अश्म का अर्थ होता है-पत्थर। इस प्रकार जीवाश्म का अर्थ हुआ वह जीव जो पत्थर बन गया। अंग्रेजी में जीवाश्म को फॉसिल कहा जाता है।

जीवाश्म करोड़ों सालों तक पृथ्वी की सतह में गहरे दबे हुए जंतुओं एवं वनस्पति अवशेषों से बने हैं। जीव अवशेष धीरे-धीरे तलछट के नीचे दबकर एकत्रित हो जाते हैं जिससे उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाती। तलछट के आवरण के कारण न तो जीव अवशेषों का ऑक्सीकरण हो पाता है और न ही विघटन। इसी के चलते ये जीवाश्म मजबूत और कठोर चट्‌टान में बदल जाते हैं।

प्राचीनकाल की मूर्तिकला में इस पत्थर का इस्तेमाल किया जाता रहा है। शालिग्राम पत्थर बेहद मजबूत होते हैं। इसलिए शिल्पकार बारीक से बारीक आकृति उकेर लेते हैं। अयोध्या में भगवान राम की सांवली प्रतिमा इसी तरह की शिला पर बनी है।

जीवाश्मों को हिंदू पवित्र मानते हैं क्योंकि माधवाचार्य ने उन्हें अष्टमूर्ति से प्राप्त किया था। माधवाचार्य को व्यासदेव के नाम से भी जाना जाता है। यह विष्णु के प्रतीक यानी शंख जैसा होता है। शालिग्राम अलग-अलग रूपों में मिलते हैं। कुछ अंडाकार होते हैं तो कुछ में एक छेद होता है। इस पत्थर में शंख, चक्र, गदा या पद्म की तरह निशान बने होते हैं।

धार्मिक मान्यता: भगवान विष्णु ने तुलसी के पति को छल से मारा, शाप के चलते पत्थर बने

देवी भागवत पुराण के अध्याय 24, शिव पुराण के अध्याय 41 के अलावा ब्रह्मवैवर्त पुराण में शालिग्राम शिला की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है। वृषध्वज नाम का एक राजा था। वह शिव के अलावा किसी और देवता की पूजा नहीं करता था। इसी के चलते सूर्य ने उसे शाप दिया कि वह और उसकी पीढ़ियां गरीब ही रहेंगी।

अपनी खोई हुई समृद्धि को पाने के लिए वृषध्वज के पोते धर्मध्वज और कुशध्वज देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या करते हैं। देवी लक्ष्मी तपस्या से प्रसन्न होती हैं और उनकी समृद्धि लौटा देती हैं। साथ ही दोनों की पुत्रियों के रूप में जन्म लेने का वरदान देती हैं।

इसके बाद देवी लक्ष्मी कुशध्वज की बेटी वेदवती और धर्मध्वज की बेटी तुलसी के रूप में अवतार लेती हैं। तुलसी अपने पति के रूप में भगवान विष्णु को पाने के लिए बद्रिकाश्रम में तपस्या करने चली जाती हैं। ब्रह्मा उन्हें बताते हैं कि इस जीवन में पति के रूप में विष्णु उन्हें नहीं मिलेंगे और उन्हें शंखचूड़ नामक दानव से विवाह करना होगा।

अपने पिछले जन्म में शंखचूड़ ही सुदामा थे। दरअसल, राधा ने सुदामा को शाप दिया था कि वह अगले जन्म में दानव बनेंगे। इसी वजह से शंखचूड़ स्वभाव से सदाचारी और पवित्र था और विष्णु का भक्त था। उन्होंने ब्रह्मा की आज्ञा पर तुलसी से विवाह किया।

विवाह के बाद शंखचूड़ के नेतृत्व में दानवों ने अपने प्रमुख शत्रुओं, देवताओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। शंखचूड़ के गुणों की वजह से यह युद्ध दानव जीत गए। इसके बाद दानवों ने स्वर्ग से देवताओं को बाहर निकाल दिया। पराजय से हतोत्साहित देवता भगवान विष्णु के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि शंखचूड़ की मौत भगवान शिव के हाथों होनी तय है।

देवताओं के अनुरोध पर शिव शंखचूड़ के खिलाफ युद्ध छेड़ देते हैं। हालांकि कोई भी पक्ष एक दूसरे पर हावी नहीं हो पाता। ऐसे में ब्रह्मा जी शिव को बताते हैं कि शंखचूड़ को तब तक नहीं हराया जा सकता, जब तक कि वह अपना कवच पहने हुए है और उसकी पत्नी की पवित्रता भंग न हो जाए।

इसके बाद भगवान विष्णु एक बूढ़े ब्राह्मण का वेश धारण कर शंखचूड़ के पास पहुंचते हैं और भिक्षा कवच मांगते हैं। शंखचूड़ उन्हें अपना कवच दे देता है। इसके बाद वह शिव के साथ युद्ध में व्यस्त हो जाता है। इसी बीच विष्णु कवच पहन कर शंखचूड़ का रूप धारण करते हैं और तुलसी के साथ सहवास करते हैं। इस प्रकार तुलसी की पवित्रता भंग हो जाती है और शिव के त्रिशूल द्वारा शंखचूड़ को मार दिया जाता है।

शंखचूड़ की मृत्यु के क्षण तुलसी को संदेह हो गया कि जो पुरुष उस वक्त उनके साथ था वह शंखचूड़ नहीं था। जब उन्हें पता चला कि विष्णु ने उनके साथ छल किया है तो उन्होंने भगवान विष्णु को पत्थर बनने का शाप दिया। तुलसी का मानना था कि वह अपने भक्त शंखचूड़ को मारने के लिए और उसकी पवित्रता चुराने के दौरान पत्थर की तरह भावहीन थे।

इसके बाद विष्णु ने तुलसी को यह कहकर सांत्वना दी कि यह उन्हें पति के रूप में पाने के लिए की गई तपस्या का फल था। साथ ही वह अपनी देह त्यागने के बाद फिर से उनकी पत्नी बन जाएंगी। इसके बाद लक्ष्मी ने तुलसी के शरीर को त्याग दिया और एक नया रूप धारण किया जिसे तुलसी के नाम से जाना जाने लगा। तुलसी का परित्यक्त शरीर गंडकी नदी में बदल गया और उसके बालों से तुलसी की झाड़ी निकली।

तुलसी से शापित होने के कारण विष्णु ने गंडकी नदी के तट पर शालिग्राम के नाम से जाने जाने वाले एक बड़े चट्‌टानी पर्वत का रूप धारण कर लिया। वज्र के समान मजबूत दांतों वाले कीड़े वज्रकिता ने इन चट्‌टानों पर कई चिह्नों को उकेरा। वज्रकिता द्वारा उकेरे गए पत्थर जो उस पर्वत की सतह से गंडकी नदी में गिरते हैं, शालिग्राम शिला के रूप में जाने जाते हैं।

इतिहास: आदि शंकराचार्य के कई लेखों में इसका जिक्र

आदि शंकराचार्य के कई लेखों में भी शालिग्राम शिला का जिक्र है। वह विष्णु की पूजा में शालिग्राम शिला के उपयोग की सलाह देते हैं। तैत्तिरीय उपनिषद के श्लोक 1, 6, 1 और ब्रह्म सूत्र के 1, 3, 14 में भी शालिग्राम शिला का जिक्र है।

इन 4 बड़े मंदिरों की मूर्तियां भी शालिग्राम शिला से बनाई गई हैं

नेपाल से इस पत्थर को भिजवाने में नेपाली कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी PM बिमलेंद्र निधि का अहम योगदान है। उन्होंने बताया कि काली गंडकी नदी में पाए जाने वाले ये पत्थर बहुत कीमती हैं। यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि ये पत्थर भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि यदि यह पत्थर मिल जाए तो अयोध्या में राम लला की मूर्ति इसी से बनाई जाएगी। इस अनुरोध के बाद मैं एक्टिव हुआ और पत्थर को अयोध्या पहुंचाने के लिए काम करने लगा।

नेपाल में पोखरा स्थित शालिग्रामी नदी (काली गंडकी ) से यह दोनों शिलाएं जियोलॉजिकल और आर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गई हैं। 26 जनवरी को इन्हें ट्रक में लोड किया गया। पूजा-अर्चना के बाद दोनों शिलाओं को ट्रक के जरिए सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा गया।

राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने बताया कि नदी के किनारे से इन विशाल शिलाखंड को निकालने से पहले धार्मिक अनुष्ठान किए गए। नदी से क्षमा याचना की गई। विशेष पूजा की गई। एक शिला का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है। यानी दोनों शिलाओं का वजन 40 टन है।

 

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बाबर आजम बने ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर

पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम साल 2022 के ICC मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुने गए हैं। इसके अलावा उन्होंने वनडे क्रिकेटर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड भी जीता है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स मेंस टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए हैं। एक दिन पहले टी-20 मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड भारत के सूर्यकुमार यादव ने जीता था।

लगातार दूसरे साल मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड किसी पाकिस्तानी खिलाड़ी को मिला है। पिछले साल तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी ने बाजी मारी थी। मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर को सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी दी जाती है।

दावेदारों में कोई भारतीय नहीं
ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड के दावेदारों में कोई भारतीय क्रिकेटर नहीं था। इसमें पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम के अलावा इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स, न्यूजीलैंड के टेस्ट कप्तान टिम साउदी और जिम्बाब्वे के सिकंदर रजा के नाम थे।

अब जानते हैं इस अवॉर्ड के बारे में
2004 में शुरू हुए ICC के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड को वेस्टइंडीज के दिग्गज सर गारफील्ड सोबर्स के नाम पर दिया जाता है। क्रिकेट जगत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर में से एक सोबर्स ने 1954 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। विंडीज के लिए 93 टेस्ट में उन्होंने 8032 रन बनाए। इनमें 26 शतक और 30 अर्धशतक आए। इस दौरान उन्होंने 235 विकेट भी लिए। 

किस आधार पर मिलता है अवॉर्ड?
ICC हर साल सभी फॉर्मेट में साल के बेस्ट क्रिकेटर्स को सम्मानित करता है। इनमें विमेंस और मेंस क्रिकेट के 9 अलग-अलग अवॉर्ड शामिल होते हैं। सभी कैटेगरी में 4 प्लेयर्स को नॉमिनेट किया जाता है। ICC की वेबसाइट पर इन चारों में से बेस्ट प्लेयर्स को वोट करने के लिए पोल रहता है।

वहीं, ICC के अवॉर्ड पैनल में क्रिकेट के मशहूर लेखक, दुनियाभर के ब्रॉडकास्टर्स और दिग्गज क्रिकेटर शामिल रहते हैं। आखिर में फैन पोल के पॉइंट्स और अवॉर्ड पैनल की राय के आधार पर क्रिकेटर ऑफ द ईयर के अवॉर्ड दिए जाते हैं। आमतौर पर अवॉर्ड पैनल में शामिल एक्सपर्ट्स के नाम जारी नहीं किए जाते।

लगातार दूसरी बार वनडे क्रिकेटर ऑफ ईयर बने बाबर
बाबर आजम लगातार दूसरी बार वनडे के क्रिकेटर ऑफ ईयर बने हैं। वे साल 2021 के वनडे क्रिकेटर ऑफ ईयर भी थे। वे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के क्लब में शामिल हो गए हैं।

बाबर से पहले ये धोनी, कोहली और डिविलियर्स लगातार दो बार वनडे क्रिकेटर ऑफ ईयर बन चुके हैं। धोनी को 2008 और 2009 में लगातार दो बार ICC वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया था। जबकि एबी डिविलियर्स 2014 और 2016 में इस अवॉर्ड से नवाजे गए थे। वहीं, विराट कोहली को 2017 और 2018 में लगातार दो बार यह अवॉर्ड मिला था।

बेन स्टोक्स टेस्ट क्रिकेटर ऑफ ईयर
इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स टेस्ट प्लेयर ऑफ ईयर चुने गए हैं। इस अवॉर्ड के दावेदारों की सूची में स्टोक्स के अलावा जॉनी बेयरस्टो , उस्मान ख्वाजा और कगिसो रबाडा शामिल थे।

एक दिन पहले सूर्या टी-20 के क्रिकेटर ऑफ द ईयर बने
एक दिन पहले बुधवार को भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ICC मेंस टी-20 प्लेयर ऑफ ईयर बने थे। वे यह मुकाम हासिल करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज हैं।

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दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन लॉन्च

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और साइंस-टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन iNCOVACC को लॉन्च किया। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा।

भारत सरकार ने 23 दिसंबर को इस वैक्सीन की मंजूरी दी थी। सबसे पहले नेजल वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे। दिसंबर में भारत बायोटेक ने घोषणा की थी कि यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपए में लगवाई जा सकेगी। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपए चुकाने होंगे। इस वैक्सीन के लिए Cowin पोर्टल से ही बुकिंग होगी।

नेजल वैक्सीन सामान्य स्प्रे की तरह ले सकेंगे
फिलहाल हमें मांसपेशियों में इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन लगाई जा रही है। इस वैक्सीन को इंट्रामस्कुलर वैक्सीन कहते हैं। नेजल वैक्सीन वो होती है जिसे नाक के जरिए दिया जाता है। क्योंकि ये नाक के जरिए दी जाती है इसलिए इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। यानी इसे इंजेक्शन से देने की जरूरत नहीं है और न ही ओरल वैक्सीन की तरह ये पिलाई जाती है। यह एक तरह से नेजल स्प्रे जैसी है।

प्राइमरी और बूस्टर के तौर पर दी जा सकेगी
इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले कहा था कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी।

नेजल वैक्सीन सामान्य स्प्रे की तरह ले सकेंगे
फिलहाल हमें मांसपेशियों में इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन लगाई जा रही है। इस वैक्सीन को इंट्रामस्कुलर वैक्सीन कहते हैं। नेजल वैक्सीन वो होती है जिसे नाक के जरिए दिया जाता है। क्योंकि ये नाक के जरिए दी जाती है इसलिए इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। यानी इसे इंजेक्शन से देने की जरूरत नहीं है और न ही ओरल वैक्सीन की तरह ये पिलाई जाती है। यह एक तरह से नेजल स्प्रे जैसी है।

प्राइमरी और बूस्टर के तौर पर दी जा सकेगी
इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले कहा था कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी।

नेजल वैक्सीन को एक पंप के जरिए नाक में भेजा जाता है। एक डोज में इसकी कुछ बूंदें ही देने की जरूरत होती है।
नेजल वैक्सीन को एक पंप के जरिए नाक में भेजा जाता है। एक डोज में इसकी कुछ बूंदें ही देने की जरूरत होती है।

इन्फेक्शन-ट्रांसमिशन ब्लॉक करेगी नेजल वैक्सीन
इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसका नाम BBV154 था। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन को इंजेक्शन से नहीं दिया जाता, इसलिए इन्फेक्शन का खतरा नहीं है। इसे देने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स को भी खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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SRK की पठान को ब्लॉकबस्टर ओपनिंग

पठान ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन 53 करोड़ की बंपर ओपनिंग की है। वहीं पूरी दुनियाभर में 100 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन किया है। पठान शाहरुख खान के फिल्मी करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग हासिल करने वाली फिल्म बन गई है। हालांकि, मेकर्स की तरफ से अभी फिल्म की कमाई के फाइनल आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। इससे पहले 2014 में आई उनकी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर ने 42.62 करोड़ का फर्स्ट-डे कलेक्शन किया था।

तमाम विवादों और विरोध के बावजूद पठान के कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा है। लगभग 250 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म के पहले दिन के आंकड़े काफी बेहतर हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरे दिन फिल्म भारत में कमाई का आंकड़ा 100 करोड़ के पार कर लेगी, रविवार तक फिल्म 300 करोड़ के आसपास कमाई कर लेगी। 2014 में आई हैप्पी न्यू ईयर के बाद शाहरुख खान की किसी फिल्म को इतनी बड़ी ओपनिंग मिली है।

विवादों का नहीं पड़ा असर
रिलीज से पहले पठान काफी ज्यादा विवादों में थी। फिल्म के गाने बेशरम रंग को लेकर देश के कई हिस्सों में बवाल मच गया था। विरोध कर रहे लोगों ने गाने में दीपिका की ड्रेस पर आपत्ति जताई थी। फिल्म के रिलीज को भी रोकने की बात की गई थी, लेकिन अब फिल्म रिलीज भी हुई है, साथ ही इसने बॉक्स ऑफिस पर बंपर शुरुआत भी कर दी है। फिल्म दुनियाभर में 8000 स्क्रीन्स पर रिलीज की गई है।

केजीएफ चैप्टर 2 के हिंदी वर्जन से पीछे रह गई पठान
केजीएफ चैप्टर 2 के हिंदी वर्जन से पीछे रह गई पठान पठान ने पहले दिन 53 करोड़ की कमाई कर मूल रूप से हिंदी भाषा में बनने वाली सभी फिल्मों में सबसे बड़ी ओपनिंग हासिल की है। इसने ऋतिक रोशन की फिल्म वार के पहले दिन के कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया है।

वार ने रिलीज के पहले दिन 51.6 करोड़ की कमाई की थी। हालांकि पठान, एक छोटे मार्जिन से केजीएफ चैप्टर 2 के हिंदी वर्जन से पीछे रह गई। हालांकि अभी फाइनल डाटा आना बाकी है, हो सकता है कि पठान केजीएफ 2 से भी आगे निकल जाए।

शोज हाउसफुल होने की वजह से बढ़ाने पड़े स्क्रीन्स
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, पठान वर्ल्डवाइड 8000 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है। हिंदी तमिल और तेलुगु मिलाकर फिल्म 5500 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है वहीं विदेशों में फिल्म को 2500 स्क्रीन्स मिले हैं। शुरुआत में फिल्म 5200 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई थी लेकिन फिल्म के क्रेज को देखते हुए 300 स्क्रीन्स और बढ़ा दिए गए हैं। 

कोविड के दौरान बंद पड़े 25 सिंगल स्क्रीन्स को पठान की रिलीज के साथ ही फिर से खोल दिया गया है। शाहरुख ने खुद अपने सोशल मीडिया के जरिेए इस बात की जानकारी दी। 

देश के कई हिस्सों में फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन
कल कई जगहों पर पठान की रिलीज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में फिल्म के पोस्टर फाड़े गए। मध्य प्रदेश के इंदौर में हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के चलते पहला शो रद्द कर दिया गया था।

वहीं भोपाल में भी पठान के खिलाफ कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। मामले को देखते हुए थिएटर्स के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

चार साल बाद शाहरुख की वापसी
शाहरुख खान ने पठान के साथ सिल्वर स्क्रीन पर बतौर लीड चार साल बाद वापसी की है। वो आखिरी बार 2018 में आई फिल्म 'जीरो' में नजर आए थे। बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी।

इन चार सालों में उन्होंने 'ब्रह्मास्त्र', 'लाल सिंह चड्ढा' और 'रॉकेट्री' जैसी फिल्मों में कैमियो किया था लेकिन अब पठान के साथ उन्होंने धमाकेदार वापसी की है। पठान उनकी सबसे बड़ी ओपनिंग हासिल करने वाली फिल्म बन गई है।

RRR ने हासिल की है अब तक की सबसे बेस्ट ओपनिंग
किसी भी भारतीय फिल्म के पहले दिन की कलेक्शन की बात करें तो 'आरआरआर' ने पूरी दुनियाभर में 225.5 करोड़ रुपए बटोरे थे। इस लिस्ट में 'बाहुबली 2' 213 करोड़ के फर्स्ट डे कलेक्शन के साथ दूसरे नंबर पर है।

तीसरे पर यश की फिल्म 'केजीएफ चैप्टर 2' थी जिसने रिलीज के पहले दिन 165.1 करोड़ का ग्लोबल बिजनेस किया था। चौथे और पांचवे पर प्रभास की 'साहो' और रजनीकांत की फिल्म '2.0' है। 

शाहरुख की फिल्म के लिए इतना क्रेज कभी नहीं दिखा:पठान की रिलीज को फेस्टिवल की तरह मना रहे फैंस, थिएटर के अंदर जमकर कर रहे डांस


शाहरुख खान की फिल्म पठान रिलीज हो चुकी है। रिलीज होते ही इस फिल्म के लिए गजब का क्रेज देखने को मिल रहा है। शाहरुख के फैंस देश के कई हिस्सों में पठान की रिलीज को सेलिब्रेट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिसमें फैंस फिल्म के गानों पर थिएटर में ही डांस करते दिखाई दे रहे हैं। 

थिएटर में रिलीज से पहले ऑनलाइन लीक हुई पठान:मध्य प्रदेश-बिहार-यूपी समेत कई राज्यों में विरोध, फर्स्ट शो के बाद 300 स्क्रीन और बढ़ाए

शाहरुख खान की फिल्म पठान बुधवार को देशभर की 5200 स्क्रीन पर रिलीज हुई। कहीं इस फिल्म को सपोर्ट मिल रहा है तो कहीं इसका विरोध चल रहा है। मध्य प्रदेश के इंदौर में हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के चलते पहला शो रद्द कर दिया गया है। वहीं राजधानी भोपाल में भी पठान के खिलाफ सिनेमा हॉल के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी है। बिहार और यूपी में कई जगह पठान के पोस्टर फाड़े गए।
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BBC डॉक्यूमेंट्री पर अमेरिका ने बदला स्टैंड

भारत में चल रहे BBC डॉक्यूमेंट्री पर विवाद में अमेरिका ने 48 घंटे में अपना स्टैंड बदल दिया। उसने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देकर BBC डॉक्यूमेंट्री का साथ देने की कोशिश की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने को प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में फ्रीडम ऑफ स्पीच के महत्व को हाइलाइट्स करने का यह सही समय है और ऐसा भारत में भी लागू होता है।

इससे पहले मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री विवाद के सवाल पर प्राइस ने कहा था- दोनों देशों के साझा मूल्य भारत और अमेरिका को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्र बनाते हैं।

अमेरिका ने कहा- हम डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल्स को हाइलाइट करते हैं
बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में प्राइस ने कहा कि वॉशिंगटन दुनियाभर में प्रेस की स्वतंत्रता का सपोर्ट करता हैं। हम लगातार डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल्स को हाइलाइट करते हैं, जिसमें फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, धार्मिक विश्वास चुनने की आजादी, ह्यूमन राइट्स की मजबूती शामिल है, जिससे हमारे लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। यही एक पॉइंट है, जिससे हम दुनिया भर में अपने रिश्ते बनाते हैं और इसी पॉइंट पर भारत के साथ भी हमारे रिश्ते को मजबूती मिलती है।

भारत में BBC डॉक्यूमेंट्री पर चले रहे विवाद को सिलसिलेवार समझिए...

17 जनवरी को पहला एपिसोड टेलिकास्ट हुआ, अगले दिन सरकार ने हटाया
BBC ने 17 जनवरी को गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री द मोदी क्वेश्चन का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया। भारत सरकार ने डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम नहीं जानते कि डॉक्‍यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्‍प्रचार है।

JNU के कुछ स्टूडेंट्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले थे। प्रशासन ने स्टूडेंट्स से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग न करने की अपील की थी, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। JNU प्रशासन ने स्टूडेंट्स से कहा था कि इस तरह की एक्टिविटीज यूनिवर्सिटी में शांति और सद्भाव को भंग कर सकती है।

छात्र नहीं माने और मंगलवार रात 9 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की योजना बनाई। JNU स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष ने छात्रों के मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री डाउनलोड करने के लिए QR कोड शेयर किया। इसी पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई जा रही थी। इसी दौरान छात्रों पर पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। अंधेरे का फायदा उठाकर हमलावर भाग गए। इससे पहले यहां छात्र संघ कार्यालय की बिजली और इंटरनेट बंद कर दिया गया, जिसे देर रात बहाल कर दिया गया। आइशी ने 25 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है।

जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस ने 7 छात्रों को हिरासत में लिया
बुधवार को जामिया मीलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी पहुंच गया। जामिया में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर अब तक 7 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है। SFI ने छात्रों की रिहाई तक स्क्रीनिंग टाल दी। यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर इन्हें हिरासत में लिया गया। जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्र संगठन SFI यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहा है। हम ऐसी किसी भी काम की अनुमति नहीं देंगे। छात्रों की किसी भी गैरजरूरी हरकत पर कार्रवाई होगी।

पंजाब यूनिविर्सिटी में भी हुई स्क्रीनिंग
बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में भी स्टूडेंट सेंटर में विवादित डॉक्यूमेंट्री चलाने पर हंगामा हो गया। NSUI ने यह डॉक्यूमेंट्री चलाई। जिसे देखने कई स्टूडेंट्स जुट गए। इतने में यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को इसकी भनक लग गई और प्रोजेक्टर पर चलाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को तुरंत बंद करवा दिया गया। इससे पहले लगभग आधी डॉक्यूमेंट्री चल चुकी थी। 

राहुल गांधी बोले- सच हमेशा सामने आता है, एंटनी के बेटे ने कहा- इससे देश के लिए खतरा

  • राहुल गांधी ने मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री बैन करने को गलत बताया है। राहुल ने कहा कि अगर आपने हमारे शास्त्रों को पढ़ा है, या आपने भगवत गीता या उपनिषदों को पढ़ा है तो आप देख सकते हैं कि सच्चाई हमेशा सामने आती है। आप उसे कैद नहीं कर सकते हैं। आप मीडिया को दबा सकते हैं। आप संस्थानों को कंट्रोल कर सकते हैं, आप CBI, ID और सभी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सच तो सच होता है।
  • कांग्रेस नेता अनिल एंटनी ने मंगलवार को कांग्रेस से अलग रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थानों पर BBC के विचारों को रखने का मतलब देश की संप्रभुता को कमजोर करना है। यह बात ऐसे समय में कही है, जब केरल के कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने BBC डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की घोषणा की है। अनिल केरल के पूर्व CM एके एंटनी के बेटे हैं।
  • इससे पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सोमवार को स्टूडेंट्स के एक समूह ने कैंपस के अंदर डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" की स्क्रीनिंग की। पुलिस ने कहा कि इस बारे में लिखित शिकायत मिलने पर जांच शुरू की जाएगी।

एके एंटनी के बेटे का कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा
वहीं, BBC की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने का समर्थन करने वाले कांग्रेस के नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बुधवार सुबह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- कांग्रेस ने मुझसे ट्वीट डिलीट करने को कहा था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। क्या चाटुकारिता ही योग्यता का मापदंड बन गई है। उन्होंने मंगलवार दोपहर 1 बजे ट्वीट कर कहा था कि भारतीय संस्थानों पर BBC के विचारों को रखने का मतलब देश की संप्रभुता को कमजोर करना है।

अनिल एंटनी बोले- ट्वीट के बाद धमकी भरे कॉल आए
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अनिल एंटनी ने कहा- मैं मानता हूं कि भले ही अंदरूनी तौर पर हमारे बीच कितने भी मतभेद हों, लेकिन हम बाहरी लोगों को उसका फायदा नहीं उठाने दे सकते। हमें एक पॉलिटिकल पार्टी के रूप में विदेशी ताकतों को हमारे मतभेदों का लाभ उठाकर देश में बंटवारा करने की छूट नहीं देनी चाहिए। इसी वजह से मैंने ट्वीट किया था, लेकिन पार्टी की तरफ से उसे डिलीट करने के लिए कहा गया। मेरे ट्वीट के बाद मुझे रातभर धमकी भरे फोन और मैसेज आते रहे। अब मुझे नहीं लगता कि मुझे ऐसे लोगों के साथ काम करना चाहिए। इसीलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट PM मोदी को क्लीन चिट दे चुका है
गुजरात में 2002 में हुए दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया था। कमेटी ने दंगों में नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं पाया था। SIT ने कहा था कि मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने SIT की तरफ से मोदी को मिली क्लीन चिट को सही माना था।

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पाकिस्तान में गलती से मिसाइल दागने के मामले में वायुसेना ने तीन अधिकारियों को किया बर्खास्त

नई दिल्‍ली : 

पाक सीमा में गलती से ब्रह्मोस मिसाइल दागने का मामले में भारतीय वायुसेना के तीन अधिकारियों को बर्खास्‍त कर दिया गया है. सरकार की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गई.एक अधिकारी ने बताया, "कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने पाया कि दुर्घटनावश ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने की घटना में तीन अधिकारियों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया. 9 मार्च को ब्रह्मोस फायर किया गया था और मिसाइल पाकिस्तान में गिरी थी." वायुसेना ने एक बयान में कहा, "ब्रह्मोस मिसाइल गलती से 9 मार्च 2022 को दागी गई थी.  इस घटना के लिए जिम्‍मेदारी तय करने सहित मामले की जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इनक्‍वायरी ने पाया कि मानक संचालन प्रक्रिया (SOP)का पालन नहीं करते हुए तीन अधिकारी इस एक्‍सीडेंटल फायरिंग में शामिल थे.

इसमें कहा गया है, "इन तीन अधिकारियों को मुख्‍य रूप से घटना के लिए जिम्‍मेदार ठहराया गया. केंद्र सरकार ने तत्‍काल प्रभाव से इनकी सेवाएं समाप्‍त कर दी है. 23 अगस्‍त 2022 को अधिकारियों को बर्खास्‍तगी के आदेश दिए गए हैं. "रक्षा मंत्रालय ने इस घटना को बेहद खेदजनक बताते हुए इसके लिए तकनीकी खराबी को दोषी ठहराया था.पाकिस्‍तान के अनुसार, यह मिसाइल पाकिस्‍तान के हवाई क्षेत्र में 100 किमी अंदर आया. उस समय यह  40 हजार फीट की ऊंचाई पर और ध्‍वनि की गति से तीन गुना रफ्तार हासिल किए गए था.चूंकि इसमें कोई वारहेड नहीं था, इसलिए इसमें कोई विस्‍फोट नहीं हुआ. 

भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध 2019 के बाद ऐतिहासिक तौर पर सबसे खराब हैं, जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सैनिक आत्मघाती हमले में मारे गए थे. भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच आसमान में झगड़ा हुआ था

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रूस ने लोगों को निकालने के लिए यूक्रेन के दो शहरों में संघर्ष विराम की घोषणा की

लवीव (यूक्रेन), 05 मार्च (वेब वार्ता)। रूस के रक्षा अधिकारियों ने यूक्रेन के दो शहरों में अस्थायी तौर पर संघर्ष विराम की घोषणा की है, ताकि लोगों को वहां से निकाला जा सके। लेकिन एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि शनिवार को उनके इलाके में गोलाबारी जारी रही। रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह दक्षिण पूर्व में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह मारियूपोल और पूर्व में स्थित वोलनोवाखा शहर में लोगों को निकालने के लिए रास्ता देने को सहमत है। हालांकि, इस बयान में यह स्पष्ट नहीं था कि वे मार्ग कब तक खुले रहेंगे। पिछले कई दिनों से मारियूपोल में रूसी सेनाएं गोलाबारी कर रही हैं और बर्फीली सर्दी में वहां फंसे सैकड़ों लोगों के लिए बिजली, फोन, भोजन और पानी का संकट पैदा हो गया है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स नामक संस्था ने कहा कि शहर में दवाओं की भी कमी हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे तक संघर्ष विराम लागू रहना है और पूर्वाह्न 11 बजे लोगों को निकालने का कार्य शुरू किया गया। मारियूपोल, दोनेत्स्क सैन्य-नागरिक प्रशासन के तहत आता है। दोनेत्स्क प्रशासन के प्रमुख पाव्लो किरिलेंको ने कहा कि मानवीय सहायता गलियारा, शहर से जाफोरिझिया तक होगा, जो कि लगभग 140 किलोमीटर दूर है। मारियूपोल के उप महापौर सेरही ओरलोव ने बाद में बीबीसी को बताया कि रूसी सेना ने मारियूपोल पर गोलाबारी और रॉकेट से हमला करना जारी रखा है। उन्होंने कहा कि इसलिए लोग डरे हुए हैं और वे तीन स्थानों पर पर जा रहे हैं जहां से उन्हें बसों द्वारा निकाला जाएगा।

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यूक्रेन से लौटे भारतीयों का एयरपोर्ट पर स्वागत करेंगे दो केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली जाने आलम (जानू चौधरी)। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन सरकारी चार्टर्ड उड़ानों के जरिये युद्धग्रस्त यूक्रेन से स्वदेश लौट रहे भारतीयों की हवाई अड्डों पर अगवानी करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि गोयल शनिवार रात मुंबई हवाई अड्डे पर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से एयर इंडिया की उड़ान से आने वाले भारतीयों की अगवानी करेंगे, जबकि मुरलीधरन यूक्रेन से स्वदेश लौटने वाले लोगों की अगवानी के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाएंगे।

 

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बृहस्पतिवार को बताया था कि यूक्रेन में लगभग 16,000 भारतीयों के फंसे होने का अनुमान है, जिनमें अधिकतर छात्र शामिल हैं। वहीं, कीव स्थित भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा था कि वह रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकासी मार्ग स्थापित करने की कोशिशों में जुटा है। अधिकारियों ने बताया कि एयर इंडिया की पहली निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 219 भारतीयों को लेकर शनिवार दोपहर बुखारेस्ट से मुंबई के लिए रवाना हुई। उन्होंने बताया कि विमानन कंपनी के दूसरे निकासी विमान ने शनिवार सुबह 11.40 बजे उड़ान भरी और इसके भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे बुखारेस्ट पहुंचने की संभावना है।

 

अधिकारियों के मुताबिक, सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंचे भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा बुखारेस्ट ले जाया गया है, ताकि उन्हें एयर इंडिया की निकासी उड़ानों से स्वदेश भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि पहली निकासी उड़ान एआई-1944 ने बुखारेस्ट से भारतीय समयानुसार दोपहर 1.55 बजे उड़ान भरी और इसके रात लगभग नौ बजे मुंबई हवाईअड्डे पर उतरने की उम्मीद है।

 

अधिकारियों के अनुसार, दूसरी निकासी उड़ान एआई-1942 के 250 अन्य भारतीय नागरिकों के साथ रविवार सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचने की संभावना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर बताया कि एआई-1944 ने 219 भारतीय नागरिकों के साथ रोमानिया से उड़ान भर दी है। उन्होंने कहा, “हम यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की निकासी के मामले में प्रगति कर रहे हैं। हमारी टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।”

 

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया शनिवार को बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए और उड़ानें संचालित करेगी। मालूम हो कि यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को 24 फरवरी की सुबह नागरिक विमानों के संचालन के लिए बंद कर दिया गया था। ऐसे में भारतीय नागिरकों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के रास्ते संचालित की जा रही हैं।

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