चीन में फैल रही है फेफड़े फूलने वाले बीमारी , भारत में 6 राज्य को किया अलर्ट

चीन में फेफड़े फुलाने वाली रहस्यमयी बीमारी को लेकर भारत के छह राज्यों में अलर्ट है। राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु की राज्य सरकारों ने हॉस्पीटल्स और स्वास्थ्य कर्मियों को सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।

राज्य सरकारों ने लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। पीडियाट्रिक यूनिट्स में बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है।

चीन में रहस्यमयी बीमारी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर हो रहा है। तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस बीमारी की वजह से हर रोज करीब 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है।

भारत सरकार ने 24 नवंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत में चीन की रहस्यमयी बीमारी का एक भी मामला अभी सामने नहीं आया है। सरकार इस पर बारीकी से निगरानी कर रही है।

कोरोना की जानकारी देने प्लेटफॉर्म ने अलर्ट जारी किया

प्रो-मेड नाम के एक सर्विलांस प्लेटफॉर्म ने 15 नवंबर को चीन में रहस्यमयी बीमारी को लेकर दुनियाभर में अलर्ट जारी किया था। प्रो-मेड ने कोरोना को लेकर भी दिसंबर 2019 में एक अलर्ट जारी किया था। ये प्लेटफॉर्म इंसानों और जानवरों में फैलने वाली बीमारियों की जानकारी रखता है।

हालांकि, प्लेटफॉर्म ने ये नहीं बताया कि ये बीमारी सिर्फ बच्चों तक सीमित है या युवाओं और बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में ले रही है। इस बीमारी ने कब फैलना शुरू किया, ये भी पता नहीं चल पाया है।

नए वायरस से बीमारी फैलने की बात से चीन का इनकार

23 नवंबर को चीनी मीडिया ने स्कूलों में रहस्यमय बीमारी फैलने की जानकारी दी थी। चीन ने बताया कि पीड़ित बच्चों में फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए स्कूलों में छुट्टी कर दी गई।

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में कोरोना के कारण लगाई गई पाबंदियां हटा ली गई थी। इसके कारण फिर से बीमारी फैल रही है। हालांकि, चीन सरकार ने इन दावों को खारिज किया।

चीन की हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि ये सामान्य निमोनिया बीमारी है। नई बीमारी या दूसरे बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण नहीं है। इस वक्त चीन में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कोरोना की पाबंदियां हटने के बाद ये सीजन की पहली ठंड है। सर्दियों में वायरल बीमारियों के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।

चीन में फैल रही इस बीमारी के लक्षण

खांसी

गले में दर्द या खराश

बुखार

फेफड़े में सूजन

सांस नली में सूजन

रहस्यमयी बीमारी को महामारी कहना जल्दबाजी

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने बताया कि चीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांस से जुड़ी एक बीमारी फैलने की जानकारी दी थी। WHO ने बीमारी की जांच के लिए चीन से हाल-फिलहाल में फैले सभी तरह के वायरस की सूची मांगी है।

लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है। WHO ने फिलहाल रहस्यमयी बीमारी के महामारी होने पर कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रो-मेड ने भी कहा कि इसे महामारी कहना गलत और जल्दबाजी होगा।

चीन की रहस्यमयी बीमारी कोरोना जैसी संक्रामक, क्या भारत में भी फैलेगी; स्वीडिश डॉक्टर से जानें 10 सवालों के जवाब

अगस्त 2023, चीन ने कोरोना लॉकडाउन में 3 साल रहने के बाद सारी पाबंदियां हटा लीं। एक महीने बाद यानी अक्टूबर में ही यहां एक रहस्यमयी बीमारी फैलने लगी।

एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है। ये चीन के एक शहर से दूसरे शहर में फैल रही है। WHO जवाब मांग रहा है, लेकिन चीन शांत है।

भारत सरकार ने राज्यों से कहा- ऑक्सीजन-दवाएं तैयार रखें, चीनी बच्चों को फेफड़े में जलन के साथ तेज बुखार

चीन की रहस्यमयी बीमारी पर भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पब्लिक हेल्थ सिस्टम को अपडेट करने के लिए कहा है।

इसके अलावा किसी बड़ी बीमारी के फैलने को लेकर अस्पतालों में तैयारी करने के लिए भी कहा गया है। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी च‍िंता जाह‍िर करते हुए चीन से इस बीमारी से जुड़ी जानकारी मांगी है।


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चीन में फैल रही फेफड़े फुलाने वाली रहस्यमयी बीमारी

अगस्त 2023, चीन ने कोरोना लॉकडाउन में 3 साल रहने के बाद सारी पाबंदियां हटा लीं। एक महीने बाद यानी अक्टूबर में ही यहां एक रहस्यमयी बीमारी फैलने लगी। तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस बीमारी की वजह से हर रोज 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।

एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है। ये चीन के एक शहर से दूसरे शहर में फैल रही है। WHO जवाब मांग रहा है, लेकिन चीन शांत है।

स्वीडन के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राम शंकर उपाध्याय ने 10 सवालों के जवाब में बताया कि आखिर ये बीमारी है क्या और भारत में इससे कितना खतरा है?

सवाल 1 : चीन में फैल रही सांस की बीमारी क्या है? क्या इस बीमारी का कोई नाम है?

जवाब: चीन कोरोना की तरह ही इस बीमारी को लेकर भी डेटा रिलीज नहीं कर रहा है। WHO कई बार चीन सरकार से इस बीमारी के बारे में पूछ चुका है। चीनी ऑफिशियल अथॉरिटी इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रही है।

कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं। एक तरह से चीन में फैल रही बीमारी को निमोनिया बताया जा रहा है। ये बीमारी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जरिए फैलती है। इस बैक्टीरिया को माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया कहते हैं।

सवाल 2: निमोनिया कब और किन वजहों से फैलता है?

जवाब: सर्दी के समय में 5 साल तक की उम्र के बच्चों में आमतौर पर माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया का इन्फेक्शन होता है। सर्दी के समय ही निमोनिया फैलने की दो वजह हैं...

1. ठंड के समय में वातावरण और शरीर का तापमान कम हो जाता है। 8 डिग्री से 15 डिग्री तक का तापमान इस बैक्टीरिया के लिए अनुकूल होता है।

2. सर्दी में पॉल्यूशन काफी ज्यादा होता है। इसकी वजह से ये बैक्टीरिया आसानी से सर्दी में लोगों को अपनी चपेट में लेता है।

सवाल 3: क्या चीन में फैल रही बीमारी सामान्य निमोनिया ही है?

जवाब: चीन की हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि ये सामान्य निमोनिया बीमारी ही है। नई बीमारी या दूसरे बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण नहीं है। हालांकि, 15 नवंबर 2023 को प्रो-मेड नाम के एक सर्विलांस प्लेटफॉर्म ने चीन में निमोनिया को लेकर दुनियाभर में अलर्ट जारी किया है।

इसी संस्था ने 2019 में भी कोरोना को लेकर भी अलर्ट जारी किया था। इस संस्था का कहना है कि एक दिन में 13 हजार बच्चे बीजिंग के अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। 7 हजार से ज्यादा बच्चे हर रोज अस्पताल में आ रहे हैं। ये सब कुछ 2019 के कोरोना जैसे हालात की याद दिला रहा है। ये सब कुछ देखकर ऐसा नहीं लगता है कि ये सिर्फ सामान्य निमोनिया है।

सवाल 4: चीन की ये बीमारी सामान्य निमोनिया नहीं तो क्या है और कोरोना से इसका क्या कनेक्शन है?

जवाब: जब किसी को निमोनिया होता है तो उसमें कफ भी डेवलप होता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि चीन के रहस्यमयी निमोनिया में बच्चों में कफ नहीं बन रहा है। उनके चेस्ट के एक्स रे में उनके लंग्स पर नोड्यूल यानी एक तरह के गोल चकत्ते दिखाई दे रहे हैं। इन्हें पल्मोनरी नोड्यूल कहते हैं। जिस तरह के नोड्यूल बन रहे हैं वो ज्यादातर बैक्टीरियल इन्फेक्शन में बनते हैं, वायरल इन्फेक्शन में ऐसा नहीं होता है।

बीमारी से पीड़ित बच्चों को देखकर लग रहा है कि उनमें सिर्फ माइको प्लाज्मा निमोनिया का ही केस नहीं, बल्कि कोई वायरल इन्फेक्शन भी है। एक साथ उनमें बैक्टीरिया और वायरस दोनों का इन्फेक्शन है। इसे को- इन्फेक्शन या क्रॉस इन्फेक्शन कहते हैं।

अगर ऐसा है तो काफी गंभीर है क्योंकि ऐसे कई केस में तो दवाइयां तक काम नहीं करती हैं। बच्चों में सिर्फ माइको प्लाज्मा निमोनिया होता तो उसके लिए दवाइयां हैं। चीन में बच्चों पर दवाइयां काम करतीं तो स्थिति कंट्रोल में होती। चीन ने भी इस बात को स्वीकार किया है। चीन ने रविवार को बताया है कि ये कई पैथोजन यानी रोगाणुओं से फैलने वाली बीमारी है।

सवाल 5: ये रहस्यमयी बीमारी चीन में ही तेजी से क्यों फैल रही है?

जवाब: चीन के बिगड़ते हालातों की एक वजह वहां कोरोना के वक्त लगी जीरो कोविड पॉलिसी भी हो सकती है। उस वक्त बरती गई कड़ाई की वजह से काफी सारे बच्चों में इम्यूनिटी डेवलप नहीं हो पाई। वो घरों में कैद रहे।

अब जब वो बाहर निकल रहे हैं तो वो वायरस और बैक्टीरिया की चपेट में आ रहे हैं। इनसे लड़ने के लिए उनके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता ही नहीं है। इसलिए यहां तेजी से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।

सवाल 6: क्या ये सिर्फ बच्चों में फैलने वाली बीमारी है या किसी को भी हो सकती है?

जवाब: बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए ये बीमारी बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है। इसका मतलब ये नहीं है कि ये सिर्फ बच्चों में फैलने वाली बीमारी है। जिसकी भी इम्यूनिटी कमजोर होगी, ये बीमारी उसे अपना शिकार बनाएगी।

सवाल 7: चीन में फैल रही इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?

जवाब: इस बीमारी के चपेट में आने पर ज्यादातर ये लक्षण दिखते हैं…

खांसी

गले में दर्द या खराश

बुखार

फेफड़े में सूजन

सांस नली में सूजन

सवाल 8: क्या चीन की ये बीमारी संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकती है?

जवाब: हां, ये बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज के संपर्क में आने से ये बीमारी फैलती है। यही वजह है कि इस बीमारी के फैलने की संभावना बढ़ रही है।

सवाल 9: क्या चीन में फैल रही ये बीमारी भारत या दूसरे देशों में भी फैल सकती है?

जवाब: अगर हम चीन का ही उदाहरण लें तो वहां के काफी हिस्सों में ये बीमारी फैल चुकी है। खासकर वहां के उत्तरी इलाके में इसका काफी ज्यादा असर है।

कुछ मामले चीन के पड़ोसी देश वियतनाम से भी सामने आए हैं। ये साफ दिख रहा है कि बीमारी फैल रही है। ऐसे में इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है कि दूसरे देशों में भी ये बीमारी फैल सकती है।

ये भारत में भी फैल सकती है। भारत को इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।

सवाल 10: रहस्यमयी बीमारी से क्या कोरोना की तरह मौतें हो सकती हैं?

जवाब: कोरोना वायरल इन्फेक्शन था, जबकि ये बैक्टीरियल इन्फेक्शन है। हालांकि, कोरोना होने के बाद भी निमोनिया ही होता था। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती थी। इसलिए कई मरीजों को वेंटिलेटर पर ले जाना होता था।

बैक्टीरियल इन्फेक्शन को रोकने के लिए काफी सारे एंटीबायोटिक्स हैं। इनका इस्तेमाल करके इसके असर को कम किया जा सकता है। हालांकि चीन में जो हालात हैं उन्हें देखकर लग रहा है कि ये सिर्फ बैक्टीरियल इन्फेक्शन नहीं, कुछ और भी हो सकता है। ये चीन के डेटा शेयर करने के बाद ही पता चलेगा।

अगर ये बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो एंटीबायोटिक्स दवाओं से मरीजों की मौत को टाला जा सकता है।


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चीन की रहस्यमयी बीमारी से भारत में अलर्ट

चीन के लोगों खासकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू फैलने के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. इस मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी च‍िंता जाह‍िर करते हुए चीन से संबंध‍ित जानकारी मांगी है. इसको लेकर भारत सरकार (Government of India) भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गई है.

 केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा करने के सख्‍त न‍िर्देश द‍िए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कहा है क‍ि स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में बच्चों में फैली सांस की बीमारी के मामलों में वृद्धि पर करीब से नजर रख रहा है. 

इन्फ्लूएंजा और सर्दियों के मौसम में ज्‍यादा सावधानी बरतने की सलाह

मंत्रालय की ओर से पत्र में सभी राज्‍यों को यह खास न‍िर्देश द‍िया है क‍ि वो अस्‍पतालों में मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का बारीकी से न‍िरीक्षण करें. साथ ही इन्फ्लूएंजा और सर्दियों के मौसम में ज्‍यादा सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई है. 

अस्‍पतालों में बेड्स उपलब्‍धता, दवाओं व अन्‍य पर फोकस करने का न‍िर्देश   

मंत्रालय ने राज्यों से अपने अस्पताल की तैयारी के उपायों में जैसे कि अस्पताल बेड्स उपलब्‍धता, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाएं और टीके, चिकित्सा ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, पीपीई आदि की जांच करने को व‍िशेष तौर पर कहा गया है.

सरकार हर तरह की आपात स्थिति से न‍िपटने तैयार

 इससे पहले मंत्रालय की ओर से कहा गया था क‍ि रहस्‍यमयी निमोनिया से भारत को खतरा कम है लेकिन सरकार हर तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है. बच्चों और किशोरों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के सभी मामलों की निगरानी की जानी चाहिए. पत्र में गले के स्वाब के नमूनों को रोगाणुओं के परीक्षण के लिए भेजने की जरूरत पर भी व‍िशेष बल द‍िया गया है. 

किसी भी तरह की चेतावनी का कोई मामला सामने नहीं 

मंत्रालय ने इस बात को भी दोहराया कि फिलहाल किसी भी तरह की चेतावनी का कोई मामला सामने नहीं है. दरअसल, चीन की तरफ से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सूचित किया है कि कोई नया रोगाणु (Pathogen) नहीं पाया गया है. 

चीन के दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों में बढ़ रहे हैं इस तरह के मामले  

इस बीच देखा जाए तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार (24 नवंबर) को एक बयान में कहा था कि चीन के बच्चों में एच9एन2 के प्रकोप और उनके श्वसन संबंधी कई बीमारी से घिरने की घटना पर सरकार गहन नजर रखे हुए है. अपने दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों के लोगों खासकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के बढ़ते मामलों पर वैश्विक चिंताओं के बीच, चीन ने दावा किया है कि मौसमी बीमारी के अलावा इसका कारण कोई असामान्य या नया रोगाणु नहीं पाया गया है. 


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कनाडा के नागरिकों के लिए भारत ने शुरू की वीजा सर्विस

भारत और कनाडा के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलती हुई नजर आ रही है. भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए ई-वीजा सर्विस की फिर से शुरुआत कर दी है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है. पिछले दो महीने से कनाडाई नागरिकों के लिए भारत ने इलेक्ट्रॉनिक वीजा सर्विस पर रोक लगाई हुई थी. ऐसे में एक बार फिर से वीजा सर्विस बहाल होने के बाद कनाडाई नागरिक भारत की यात्रा कर पाएंगे. 

दरअसल, कनाडा ने सितंबर में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंट्स पर लगाया था. इस वजह से दोनों देशों के संबंध काफी खराब हो गए. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने संसद में कहा था कि कनाडाई नागरिक निज्जर की जून में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में गुरुद्वारे के बाहर हुई हत्या को भारतीय एजेंट्स ने अंजाम दिया था. इसके बाद 21 सितंबर को भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए ई-वीजा सर्विस पर रोक लगा दी. 

भारत ने हत्या में हाथ होने से किया इनकार

भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. भारत ने कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था. नई दिल्ली ने कहा था कि अगर कनाडा को सच में लगता है कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, तो उसे अपने इस दावे को साबित करने के लिए सबूत पेश करने चाहिए. इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए. भारत-कनाडा दोनों ने ही अपने-अपने देश से कई सारे राजनयिकों को जाने को भी कह दिया.

सभी वीजा सर्विस शुरू

सरकार के इस फैसले के बाद कनाडा के नागरिकों के लिए सभी तरह की वीजा सर्विस शुरू हो गई हैं. इसमें टूरिस्ट वीजा भी शामिल हैं. इसके अलावा एंट्री वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा की भी शुरुआत हो चुकी है. आपको बता दें कि बहुत से भारतीय कनाडा में रहते हैं, जिन्होंने अब कनाडा की नागरिकता ले ली है. ऐसे में अगर उनके पास ओसीआई कार्ड नहीं है, तो उन्हें वीजा लेकर ही भारत आना होता है. इसके अलावा ढेर सारे कनाडाई नागरिक भी टूरिस्ट वीजा पर भारत आते हैं. 

ट्रूडो संग पीएम मोदी की वर्चुअल मीटिंग से पहले शुरू हुईं सेवाएं

दरअसल, भारत की तरफ से वीजा सर्विस ऐसे समय पर शुरू की गई हैं, जब मंगलवार को ही जी20 नेताओं की वर्चुअल बैठक हो रही है. इसमें कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो समेत जी20 देशों के नेता हिस्सा लेने वाले हैं. जी20 वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष सहित सभी जी20 सदस्यों के नेताओं साथ ही नौ अतिथि देशों और 11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है. चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित कई नेता इसमें हिस्सा लेने वाले हैं.




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भारत का फिलिस्तीनी इलाकों में इजराइली कब्जे के खिलाफ वोट

इजराइल और हमास की जंग के बीच भारत ने फिलिस्तीन में इजराइली कब्जे के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को UN में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें फिलिस्तीन के ईस्ट यरुशलम, सीरियाई गोलन समेत फिलिस्तीनी इलाकों पर इजराइली कब्जे की निंदा की गई थी।

इस प्रस्ताव के पक्ष में भारत समेत 145 देशों ने वोट किया। वहीं करीब 7 देशों ने इसके खिलाफ तो वहीं 18 देश वोटिंग से दूर रहे। शनिवार को इजराइली PM नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी को गाजा नहीं सौंपेंगे। गाजा पर हमारी सेना का ही कंट्रोल होगा। यहां सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय ताकतों पर भरोसा नहीं है।

नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'इजराइल हमास को मिटाकर रहेगा, फिर चाहे इसके लिए हमें दुनिया के खिलाफ ही क्यों न जाना पड़े। सेना के खिलाफ कोई भी झूठे दावे, या प्रेशर हमें ऐसा करने से रोक नहीं सकता। इस जंग के बाद गाजा की तरफ से इजराइल को कोई खतरा नहीं होगा।'

सीजफायर पर समिट के लिए सऊदी पहुंचे ईरानी राष्ट्रपति

दूसरी तरफ, सऊदी अरब और ईरान ने शनिवार को साथ आकर गाजा में सीजफायर की मांग की। दशकों बाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी जंग पर बातचीत के लिए सऊदी की राजधानी रियाद पहुंचे। यहां सीजफायर से जुड़ी एक बैठक में अरब देशों ने इजराइल पर हथियारों को लेकर प्रतिबंध लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति के लिए फिलिस्तीनी मुद्दे को हल करना बेहद जरूरी है।

ईरान के राष्ट्रपति रईसी ने बैठक के दौरान इजराइली सेना को आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके अलावा अरब देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि इजराइल फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ आतंक फैला रहा है। हालांकि सभी अरब देश उस प्रस्ताव के समर्थन में नहीं आए जिसमें इजराइल पर दबाव बनाने के लिए उसे तेल सप्लाई बंद करने की बात कही गई थी।

अल-शिफा अस्पताल से बच्चों को निकालेगी इजराइली सेना

वहीं इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने नॉर्थ गाजा में हमास के कंट्रोल को खत्म कर दिया है। अब सेना अल-शिफा अस्पताल से बच्चों को निकालने में मदद करेगी। IDF ने कहा- अल-शिफा अस्पताल पर कोई फायरिंग नहीं हुई और न ही इसके पास किसी जगह पर कब्जा किया गया है। हॉस्पिटल अब भी खुला है।

इस बीच सेना ने शनिवार रात कहा कि उसने गाजा पर करीब 5 हजार एयर स्ट्राइक की हैं और ये रियल टाइम थ्रेट (खतरे) को देखते हुए की गईं। दूसरी तरफ, लेबनान बॉर्डर पर हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। यहां लगातार अलर्ट सायरन बज रहे हैं। हिजबुल्लाह चीफ ने कहा है कि अगर इजराइल के हमले रोकने हैं तो अमेरिका पर दबाव बनाना जरूरी है।

गाजा पर अब तक 5 हजार एयरस्ट्राइक: IDF

इजराइली फौज ने कहा- गाजा पर अब तक करीब 5 हजार एयरस्ट्राइक की गई हैं। हमारी ग्राउंड फोर्सेस ने गाजा में रियर टाइम थ्रेट्स को देखते हुए एयरफोर्स से टारगेट हिट करने को कहा। 3300 एयरस्ट्राइक फाइटर जेट्स, 860 कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स और 570 अटैक ड्रोन्स से की गईं।

अमेरिका पर दबाव बनाए दुनिया

हिजबुल्लाह आतंकी संगठन के सरगना हसन नसरल्लाह ने शनिवार को एक बड़ा बयान दिया। उसने कहा- इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन और निंदा से कुछ नहीं होगा। अगर गाजा पर हमले रोकना है तो अमेरिका पर दबाव बनाना होगा। अमेरिका ही वो ताकत है जो इजराइल के हमले बंद करा सकता है।

उसने आगे कहा- हम देख रहे हैं कि वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, लंदन और पेरिस में लगातार इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। अब वक्त आ गया है जब पश्चिमी देश सीजफायर के लिए दबाव बनाएं। उन्होंने शुरुआत में हमास के हमलों की निंदा की थी।

लेबनान सीमा पर अलर्ट

लेबनान और इजराइल बॉर्डर से सटे काबरी इलाके में शनिवार को दिनभर अलर्ट सायरन बजते रहे। काबरी के आसपास नेवेज जिव, मनोत और एवडॉन शहर भी हैं। इसके पहले भी यहां अलर्ट सायरन बजते रहे हैं। यह सिलसिला जंग शुरू होने के बाद और तेज हो गया है।

इजराइली फौज के एक अफसर ने टाइम्स ऑफ इजराइल को बताया- ये अलर्ट सायरन इसलिए ज्यादा तेज हो गए हैं, क्योंकि खुफिया जानकारी मिली है कि लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा है। अगर वहां से कोई हरकत हुई तो हमारी सेना बिना देर किए जबरदस्त जवाब देने को तैयार है। वहां से लगातार ड्रोन हमलों की कोशिश भी हो रही है।

गाजा में हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत

गाजा में इजराइल का जमीनी ऑपरेशन जारी है। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO के चीफ ने UNSC को बताया है कि इजराइली बमबारी से गाजा में हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है। जंग में अब तक गाजा के 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। मरने वालों में 4506 बच्चे हैं।

इजराइल ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मरने वाले लोगों की संख्या घटा दी है। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पहले 1400 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन ये संख्या 1200 है।

गाजा में इजराइली बमबारी से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत, अमेरिका समेत कई देश इजराइल पर गाजा में बमबारी रोकने का दबाव बना रहे हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि अब बातों की नहीं, एक्शन की जरूरत है। गाजा में हो रही हत्याओं के खिलाफ सभी मुस्लिम देशों को साथ आना चाहिए।

इजराइली सेना ने गाजा के 3 अस्पतालों को घेरा

इजराइली सेना ने पहले तो गाजा के अल शिफा अस्पताल के पास स्ट्राइक की। इसके बाद 3 अस्पतालों को चारों तरफ से घेर लिया है। मरीज और स्टाफ अस्पताल में बंद हैं, जबकि बाहर इजराइल और हमास लड़ाकों के बीच मुठभेड़ हुई।

अल शिफा अस्पताल के पास हुए धमाके में 13 लोगों की जान चली गई। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली सेना ने जिन 3 अस्पतालों को घेरा है उनमें अल शिफा, अल कुद्स और इंडोनेशिया हॉस्पिटल शामिल हैं।

इजराइल की डिफेंस फोर्सेज ने दावा किया है कि इन अस्पतालों के नीचे हमास के कमांड सेंटर हैं। इजराइल ने कहा है कि अल शिफा अस्पताल के नीचे हमास इंटेलिजेंस का मेन क्वार्टर है। वो इसी पर बमबारी कर रहे हैं। वहीं, हमास ने इजराइल पर बेगुनाह लोगों की जान लेने का आरोप लगाया है।

गाजा की जिम्मेदारी लेने को तैयार महमूद अब्बास

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि वो जंग के बाद गाजा की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। दरअसल, इजराइल के बनने के बाद फिलिस्तीनी अरबों की आबादी केवल 2 हिस्सों में रह गई। वेस्ट बैंक और गाजा।

वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी अथॉरिटी का कब्जा रहा है और गाजा में हमास ने शासन किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि वो गाजा पर कब्जा नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि हम गाजा को बेहतर भविष्य देंगे।

'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?

मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।

गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।


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हमास के कमांडर ने बाइडेन के देश को 'तोड़ने' की दी धमकी

 हमास के एक सीनियर कमांडर ने कहा है कि एक दिन ऐसा आएगा जब अमेरिका का अस्तित्व नहीं होगा. हम लगातार रूस और चीन से संपर्क में हैं. हमारी कई बैठकें भी हुई हैं.

 इजरायल-हमास जंग के बीच हमास के एक वरिष्ठ कमांडर ने अमेरिका के रुख की निंदा की है और कहा कि एक दिन अमेरिका दुनिया के लिए 'इतिहास' हो जाएगा. कमांडर अली बराका ने ये बातें लेबनानी यू-ट्यूब चैनल को दिए बयान में कहीं.

यरूशलम पोस्ट के मुताबिक कमांडर अली बराका ने दावा किया कि एक दिन संयुक्त राज्य अमेरिका अतीत की बात हो जाएगा और यूएसएसआर की तरह उसका भी विघटन हो जाएगा. हमास के कमांडर ने कहा, "अमेरिका के सारे दुश्मन मध्य-पूर्व में एक साथ आ रहे हैं और जल्द ही वो दिन नजदीक होगा जब सारे मिलकर एक साथ अमेरिका के खिलाफ जंग छेड़ देंगे. इसके बाद अमेरिका 'इतिहास' में बदल जाएगा."

'किम जोंग उन में अमेरिका पर हमला करने की कुव्वत'

कमांडर अली बराका ने कहा, "आप जानते हैं कि उत्तर कोरिया का नेता (किम जोंग उन) पूरी दुनिया में शायद अकेला ऐसा नेता है जो अमेरिका पर हमला करने की कुव्वत रखता है." कमांडर ने कहा कि उत्तर कोरिया हमास के गठबंधन का हिस्सा है और जल्द ही वह अमेरिका पर हमला करेगा. अली बराका ने कहा कि ईरान के पास अमेरिका के ऊपर हमला करने की क्षमता नहीं है लेकिन अगर वह हस्तक्षेप करता भी है तो अमेरिका को कुछ ठिकानों पर ही हमला कर सकेगा.

अली बराका ने कहा, "मैं साफ-साफ बता देता, दरअसल ईरान के पास अमेरिका तक घात करने वाला हथियार नहीं है. लेकिन हां, अगर अमेरिका हस्तक्षेप करना नहीं छोड़ता तब ईरान भी हमले तेज करेगा." इसके साथ ही कमांडर अली बराका ने बताया कि हमास का डेलीगेशन जल्द ही उत्तर कोरिया और चीन जा सकता है. यरुशलम पोस्ट में कमांडर अली बराका के हवाले से लिखा गया, "मौजूदा समय में रूस हमसे रोजाना संपर्क करता है. चीन ने भी हमारे नेताओं से मुलाकात की है. हमारे एक डेलीगेशन ने रूस का दौरा किया है." 


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इजराइली चेतावनी के बावजूद नॉर्थ गाजा लौटे लोग

इजराइल-हमास जंग का 17वां दिन हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि गाजा में चारों तरफ हो रही बमबारी के बीच लोग फिर से नॉर्थ गाजा लौटने लगे हैं। उन्हें इजराइल की उन चेतावनियों का डर नहीं है। दरअसल, इजराइल ने कहा था कि जो लोग नॉर्थ गाजा खाली नहीं करेंगे उन्हें भी आतंकी समझ लिया जाएगा।

पिछले 24 घंटों में गाजा में की जा रही इजराइली बमबारी में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अलजजीरा के मुताबिक इजराइली सेना ने दक्षिणी गाजा में राफा और जबालिया कैंप समेत 25 जगहों पर भारी बमबारी की है। जबालिया से अब तक 30 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

वहीं, गाजा में रेड के लिए घुसे इजराइली सैनिकों की पहली बार हमास के लड़ाकों के साथ भिड़ंत हुई है। बंधक बनाए इजराइलियों को ढूंढ़ने के लिए घुसे सैनिकों पर हमास ने एंटी-टैंक मिसाइल्स फायर कीं।

इस दौरान एक इजराइली सैनिक की मौत हो गई। हमास ने दावा किया है कि गाजा पट्टी में घुसे इजराइली सैनिक अपने टैंक और दूसरे मिलिट्री वाहन छोड़कर वापस भाग गए।.

लेबनान बॉर्डर पहुंचे नेतन्याहू

लेबनान की तरफ से लगातार हो रहे हमलों का जवाब दे रहे इजराइली सैनिकों से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को मुलाकात की। उन्होंने सैनिकों से कहा- जंग में शामिल होना हिजबुल्लाह की सबसे बड़ी गलती होगी।

उन्होंने हिजबुल्लाह को चेतावनी भी देते हुए कहा- लगातार हमले करने से या जंग शुरू करने से इजराइल ऐसी जवाबी कार्रवाई करेगा जो लेबनान में तबाही ला सकती है। हमास के साथ जंग में शामिल होना हिजबुल्लाह की सबसे बड़ी गलती होगी।

इस बीच इजराइली सेना ने कहा- इजराइल पर अब तक 7400 रॉकेट्स से हमला हुआ है। हालांकि, हमास ने 7 अक्टूबर को दावा किया था कि उसने एक दिन में इजराइल पर 5 हजार रॉकेट दागे थे। वहीं, जंग में अब तक 6 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

ऑपरेशन अजय के तहत छठी फ्लाइट भारत पहुंची

इजराइल से भारतीयों का रेस्क्यू करने के लिए भारत सरकार ऑपरेशन अजय चला रही है। इसके तहत रविवार रात 143 पैसेंजर्स को लेकर छठी फ्लाइट नई दिल्ली पहुंची। इनमें दो नेपाली नागरिक भी थे। केंद्रीय राज्य मंत्री स्टील और ग्रामीण विकास फग्गन सिंह कुलस्ते ने एयरपोर्ट पर इन पैसेंजर्स का स्वागत किया। अब तक 18 नेपाली नागरिकों समेत करीब 1200 पैसेंजर्स को इजराइल से भारत लाया जा चुका है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इजराइल दौरे पर जाएंगे।

अमेरिकी सरकार ने इजराइल से अपील की है जब तक बंधकों को नहीं छुड़ाया गया है वो गाजा में अपने जमीनी ऑपरेशन को कुछ और समय के लिए टाल दें।

अमेरिका ने कहा है कि हमास उनके नागरिकों को गाजा नहीं छोड़ने दे रहा है।

गाजा में इजराइली हमले की तस्वीरें...

गाजा में अब तक 19 जर्नलिस्ट्स की मौत

गाजा सिटी में रविवार को इजराइल की एयरस्ट्राइक में रोश्दी सैराज नाम के जर्नलिस्ट की मौत हो गई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक- गाजा में 7 अक्टूबर के बाद से अब तक कुल 19 जर्नलिस्ट्स मारे गए हैं। ये सभी फिलिस्तीनी मूल के थे। ‘कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ ने भी सैराज के मारे जाने की पुष्टि की है। कुछ दिन पहले न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के एक वीडियो जर्नलिस्ट की मौत हो गई थी।

सिर्फ तीन दिन का फ्यूल बचा

गाजा में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रमुख का कहना है कि यहां तीन दिनों में ईंधन खत्म हो जाएगा। बिना फ्यूल के अस्पतालों में जनरेटर काम नहीं करेंगे। ये लोगों की जिंदगी के साथ खिलड़वाड़ है। उन्होंने कहा- इस वक्त ईंधन की आपूर्ति सबसे अहम है। इस बीच रविवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि राहत सामग्री के दूसरे बैच में गाजा में फ्यूल पहुंचाया गया है। इस दावे को इजराइल ने खारिज कर दिया। दूसरे बैच में 17 ट्रक राफा बॉर्डर से होते हुए गाजा पहुंचे थे।

अलजजीरा के मुताबिक, कतर से 87 टन खाना और मेडिकल एड लेकर दो विमान मिस्र के शहर अल-अरीश के लिए रवाना हुए हैं। इसके पहले 21 अक्टूबर को 20 ट्रकों में पानी की 44 हजार बोतलें गाजा पहुंची थीं। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, राफा बॉर्डर को पार करके करीब 200 ट्रक 3 हजार टन के सामान लेकर गाजा पहुंचने हैं। इस दौरान उम्मीद जताई जा रही है कि विदेशी नागरिक भी इस रास्ते गाजा छोड़कर इजिप्ट जाएंगे।.

इजराइल में 13 परिवारों के 21 बच्चे अनाथ हुए

7 अक्टूबर को इजराइल में हुए हमास के हमलों के बाद 13 परिवारों के 21 बच्चे अनाथ हुए हैं। इजराइल की वेलफेयर मिनिस्ट्री ने इसकी जानकारी दी। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, इनमें से एक 4 साल की बच्ची है, जो फिलहाल हमास की बंधक है। एक बच्ची ऐसी है जिसकी मां की हत्या कर दी गई और पिता को बंधक बना लिया गया।

इजराइल के 2 लाख लोग विस्थापित

इजराइल-हमास जंग के कारण दो लाख इजराइली नागरिकों को घर छोड़ना पड़ा है। इन्हें गाजा और लेबनान बॉर्डर से हटाकर इजराइल में सुरक्षित जगह ले जाया गया है। वहीं, 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनमें से अब तक 700 से ज्यादा शवों की पहचान हुई हहिजबुल्लाह के साथ इजराइल की जंग शुरू होने की आशंका बढ़ी

लेबनान की तरफ से इजराइल पर लगातार हमले हो रहे हैं। इजराइली सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, 22 अक्टूबर को लेबनान की तरफ से इजराइल के कम्युनिकेशन टावर पर हमला हुआ। वहीं, इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आज हिजबुल्लाह के 3 ठिकाने तबाह कर दिए।

इसके बाद अब हिजबुल्लाह के साथ इजराइल की जंग शुरू होने की आशंका बढ़ गई है। इजराइल-हमास जंग भी ऐसे ही शुरू हुई थी। हमास लड़ाकों ने ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए गाजा की सीमा पर लगे इजराइली सेना के सर्विलांस कैमरे और कम्युनिकेशन टावर तबाह कर दिए थे। इससे इजराइली सेना कमजोर पड़ गई थी और लड़ाके इजराइली सीमा में घुसने में सफल हुए थे।

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जंग के खतरे को देखते हुए इजराइल ने लेबनान बॉर्डर से 13 गांवों को खाली करा लिया है। वहीं, लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने बताया कि 7 अक्टूबर से अब तक उनके 14 मेंबर मारे जा चुके हैं।

अमेरिका बोला- मिडिल ईस्ट में संघर्ष बढ़ा तो एक्शन लेंगे

अमेरिकी डिफेंस मिनिस्टर लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अगर मिडिल ईस्ट में संघर्ष बढ़ा तो अमेरिका एक्शन लेगा। उन्होंने कहा- अगर कोई और संगठन या देश इजराइल-हमास जंग के बीच आता है तो ये सही नहीं होगा। दरअसल, जंग के बाद से अमेरिका ने भू-मध्य सागर में अपनी गतिविधियां तेज कर दी है। दो वॉरशिप भी भेजे हैं। डिफेंस मिनिस्टर ऑस्टिन ने कहा- हमें अपनी रक्षा करने का अधिकार है और हम उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।

भारत ने फिलिस्तीनियों के लिए राहत सामग्री भेजी

भारत ने भी करीब 6500 किलो मेडिकल एड और 32 हजार किलो जरूरी सामान फिलिस्तीनियों के लिए भिजवाया है। सामान के डिब्बों पर लिखा है कि ये भारत के लोगों की तरफ से फिलिस्तीनियों के लिए तोहफा है।

ये राहत सामग्री C-17 एयरक्राफ्ट के जरिए गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस से रवाना हो चुकी है, जो पहले मिस्र पहुंचेगी। इसके बाद इसे शनिवार को खुले राफा बॉर्डर के जरिए गाजा तक पहुंचाया जाएगा। इसमें कई जरूरी दवाइयां, सर्जरी का सामान, टेंट, स्लीपिंग बैग, पानी साफ करने वाली टैबलेट सहित दूसरे जरूरी सामान शामिल हैं।

वेस्ट बैंक में मस्जिद पर हमला

इजराइल की सेना ने रविवार को वेस्ट बैंक में जेनिन की अल-अंसार मस्जिद पर एयरस्ट्राइक की। इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने बताया कि सुरक्षा इंटेलिजेंस ने हमें बताया कि हमास के लड़ाकों ने मस्जिद को कमांड सेंटर बना रखा था। वे यहीं से हमले की प्लानिंग करते और उसे अंजाम देते थे।

'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया।

हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?

मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।

गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने नमाजियों को गिरफ्तार किया; हमास ने कहा- कीमत चुकानी पड़ेगी

इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी।


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भारत में नहीं हो सकता इजराइल-हमास जैसा युद्ध

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि, जिस मुद्दे पर इजराइल और हमास लड़ रहे हैं उस पर भारत में कभी झगड़ा हुआ ही नहीं।

यह हिंदुओं का देश है, जो सभी धर्मों का सम्मान करता है। इस देश में, एक धर्म, संस्कृति है जो सभी संप्रदायों और आस्थाओं का सम्मान करती है। वह धर्म हिंदू धर्म है।

मोहन भागवत शनिवार को छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने पर नागपुर में एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा- आप पूरी दुनिया को देखें। हर जगह लड़ाई हो रही है। आपने रूस-यूक्रेन युद्ध, हमास-इजराइल युद्ध के बारे में सुना होगा। हमारे देश में ऐसे मुद्दों पर कभी लड़ाई नहीं हुई।

शिवाजी महाराज के समय में उस तरह की परिस्थिति बनी, लेकिन हमने धर्म के मुद्दे पर लड़ाई नहीं लड़ी, क्योंकि हम हिंदू हैं और एक हिंदू ही ऐसा सोच सकता है।

हमने दूसरे धर्मों को भी बचाया

भागवत ने आगे कहा- इसका मतलब यह नहीं है कि हम अन्य सभी (धर्मों) को अस्वीकार करते हैं। यह बताने की जरूरत है हमने मुसलमानों की भी रक्षा की है। केवल हिंदू ही ऐसा करते हैं। केवल भारत ही ऐसा करता है। दूसरों ने ऐसा नहीं किया है।

भागवत बोले:स्कूल में बच्चों से प्राइवेट पार्ट्स के नाम पूछे जा रहे, ऐसे लोग खुद को साइंटिस्ट बुलाते हैं

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत करीब एक महीने पहले एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां उन्होंने वामपंथी विचारधारा पर जमकर हमला बोला। भागवत ने कहा- स्कूलों में छोटे बच्चों से प्राइवेट पार्ट्स के नाम पूछना वामपंथी ईकोसिस्टम का हमला है। ऐसे विचारधारा के लोगों को लगता है कि वे ताकतवर हैं, भगवान हैं। वे खुद को साइंटिस्ट बुलाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।

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फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले के 75वें संस्करण में इंडिया नेशनल स्टैंड का उद्घाटन किया गया

यह स्टैंड 'नये भारत की नई कहानियाँ' के नारे के साथ भारत की बहुभाषावाद को जीवित परंपरा के रूप में पेश करता है।

 विश्व मंच पर भारत के ज्ञान, प्रौद्योगिकी और सॉफ्ट पावर को प्रस्तुत करने की दिशा में एक कदम के रूप में, भारतीय प्रकाशन उद्योग दुनिया के सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय पुस्तक मेले - फ्रैंकफर्ट बुक फेयर 2023 में इंडिया नेशनल स्टैंड के बैनर तले एक साथ आया।

अपनी तरह के पहले, फ्रैंकफर्टर बुचमेस के 75वें संस्करण में भारतीय प्रकाशकों को भारत की एक इकाई के रूप में प्रदर्शित किया गया, जिसमें वैश्विक मंच पर भारतीय प्रकाशन उद्योग की सामूहिक ताकत को पेश किया गया। यह स्टैंड 'नये भारत की नई कहानियाँ' के नारे के साथ भारत की बहुभाषावाद को जीवित परंपरा के रूप में पेश करता है।

इंडिया नेशनल स्टैंड का उद्घाटन आज सुबह जर्मनी के समयानुसार सुबह 11 बजे फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले के अधिकारियों, सीजीआई फ्रैंकफर्ट, भारतीय प्रकाशकों और प्रतिभागियों और कई विदेशी प्रकाशकों, व्यापार आगंतुकों, खरीदारों, साहित्यिक और अधिकार विनिमय एजेंटों, वितरकों, अनुवादकों की उपस्थिति में किया गया। विदेशी अधिकार प्रबंधक, और इस सबसे बड़े बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) पुस्तक मेले से जुड़े अन्य लोग।

10-12 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित मूल्य और 19 प्रतिशत की सीएजीआर से वृद्धि के साथ, भारत प्रकाशन के लिए एक महत्वपूर्ण विकास बाजार बना हुआ है, जो दुनिया में कुल मिलाकर पांचवें स्थान पर है। प्रिंट और डिजिटल प्रारूपों के मिश्रण और किताबों की बिक्री, वितरण और किफायती एडटेक सहित एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र की शुरुआत के साथ, भारत दुनिया को सामग्री विकास और प्रकाशन के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में एक रोमांचक अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बहुभाषावाद पर सरकार के फोकस के साथ, जहां भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के अलावा, कोरियाई, जापानी, थाई, फ्रेंच, स्पेनिश, पुर्तगाली, जर्मन और रूसी जैसी विदेशी भाषाओं को माध्यमिक शिक्षा में पेश किया गया है, एक बड़ा अवसर है दुनिया भर के प्रकाशकों, लेखकों और चित्रकारों के लिए भारत के साथ काम करना।

इंडिया नेशनल स्टैंड, CAPEXIL (वाणिज्य और व्यापार मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से, विदेशों में भारतीय पुस्तक को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की नोडल संस्था, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया की एक पहल है और यह नेटवर्किंग और व्यावसायिक अवसर प्रदान करता है। फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले में भाग लेते भारतीय प्रकाशक। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद द्वारा डिज़ाइन किया गया स्टैंड हॉल 6.0, स्टैंड A35-B15-B35 में 300 वर्ग मीटर में फैला हुआ है और 35 से अधिक भारतीय प्रदर्शकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से और 50 से अधिक प्रकाशकों द्वारा प्रदर्शित पुस्तकों की सामूहिक प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। के अधिकार क्षेत्र में. इसके अलावा, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत एनबीटी-इंडिया और एआईसीटीई जैसे विभिन्न सरकारी निकायों की भागीदारी है; संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत साहित्य अकादमी और आईजीएनसीए, और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत प्रकाशन विभाग।

इंडिया नेशनल स्टैंड की एक छतरी के नीचे सार्वजनिक और निजी प्रकाशकों की भागीदारी व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ वैश्विक प्लेटफार्मों पर भारतीय प्रकाशनों और ज्ञान प्रणाली के प्रक्षेपण में भारत सरकार के दृष्टिकोण पर जोर देती है। 'ब्रिंगिंग स्टोरीज़ फ्रॉम न्यू इंडिया' (नए भारत की नई कहानियाँ) के रूप में योजनाबद्ध चर्चाओं की एक श्रृंखला में फिलीपींस, मलेशिया, स्लोवेनिया के साथ भारत का प्रकाशन संवाद और आयुर्वेद, भारतीय लोकाचार और भारतीय प्रकाशन परिदृश्य में प्रकाशनों पर चर्चा शामिल है। यह आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के वित्तीय सहायता कार्यक्रम की घोषणा का भी प्रतीक है। भारतीय पुस्तकों के विदेशी भाषाओं में अनुवाद के साथ-साथ 10-18 फरवरी 2024 तक निर्धारित नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में प्रस्तुति के लिए।


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जंग लड़ने के लिए विदेशों से लौट रहे इजराइली

इजराइल-हमास जंग का आज छठा दिन है। इस बीच दुनियाभर से हजारों इजराइली जंग में शामिल होने के लिए अपने वतन लौट रहे हैं। ग्रीस से लेकर न्यूयॉर्क तक एयरपोर्ट पर इजराइलियों की भीड़ है। इजराइली मीडिया के मुताबिक, सेना ने रिजर्व सैनिकों की संख्या 3 लाख 60 हजार कर दी है, इसीलिए इजराइलियों में घर लौटने की होड़ मची है। आज अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी इजराइल पहुंचे हैं।

वहीं, इजराइल हमास जंग में विदेशी नागरिकों की भी लगातार जान जा रही है। आज 3 चीनी नागरिकों की मौत की खबर सामने आई है। बुधवार को इजराइल ने रातभर गाजा पर हमले किए, जिसमें करीब 51 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। 7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में अब तक 2,500 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से करीब 1,300 इजराइली हैं। अब तक करीब 1,200 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है।

इस बीच भारत इजराइल में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की शुरुआत कर चुका है। आज रात इजराइल के डेविड बेंगुरिअन एयरपोर्ट से रात 9 बजे चार्टर प्लेन भारत के लिए रवाना होगा। इससे 230 लोगों वापस लौटेंगे।

रक्षा मंत्री बोले- अब जंग के सारे नियम खत्म, गाजा को 180 डिग्री बदल देंगे

इजराइल सरकार ने जंग से जुड़े फैसले लेने के लिए यूनिटी गवर्नमेंट और 3 सदस्यीय वॉर कैबिनेट बनाई है। नई सरकार में विपक्षी पार्टी को भी शामिल किया गया है। कैबिनेट में प्रधानमंत्री नेतन्याहू, विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज और मौजूदा डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट रहेंगे। इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- हमने युद्ध के सभी नियम खत्म कर दिए हैं। हमारे सैनिक अब किसी भी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। उन पर मिलिट्री कोर्ट में कोई केस दर्ज नहीं होगा। हमास गाजा को बदलना चाहता था, हम इसे 180 डिग्री तक बदल डालेंगे। वे इस बात के लिए हमेशा पछताएंगे कि गाजा अब कभी भी पहले जैसा नहीं हो पाएगा।

क्या है यूनिटी गवर्नमेंट और वॉर कैबिनेट

इजराइल में हमास के खिलाफ वॉर कैबिनेट या यूनिटी गवर्नमेंट बन गई है। ऐसा 1973 के बाद पहली बार हुआ है। यूनिटी गवर्नमेंट यानी ऐसी सरकार जिसमें सभी पार्टियां शामिल हैं। ये जंग के वक्त बनती है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, वॉर कैबिनेट में 3 मेंबर्स हैं।

भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की शुरुआत

वहीं, भारत सरकार ने इजराइल में फंसे 18 हजार भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की घोषणा की है। इसके लिए आज पहली फ्लाइट रवाना हो चुकी है। इस दौरान इंडियन नेवी भी मदद के लिए तैयार रहेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- भारत सरकार ऑपरेशन अजय के तहत भारतीयों को वापस लाएगी। जो भी वापस आना चाहे, आ सकता है।

इजराइल में भारतीय राजदूत ने बताया कि पहली फ्लाइट से भेजे जाने वाले रजिस्टर्ड लोगों की जानकारी ईमेल कर दी गई है। अगली फ्लाइट के लिए अन्य रजिस्टर्ड लोगों की जानकारी भेजी जाएगी। तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। इजराइल पहुंचे भारतीय पर्यटकों ने दूतावास से सुरक्षित निकाले जाने की अपील की है।

जंग से जुड़े कुछ अहम अपडेट्स...

हमास के हमले में इजराइल के अब तक 220 सैनिकों की मौत हो चुकी है।

इजराइली सेना ने गाजा पट्टी पर हमास के नौसैनिक बल के एक सीनियर मेंबर को मार गिराया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज इजराइल पहुंचेंगे। वे PM नेतन्याहू, राष्ट्रपति इसाक हर्जोग और अन्य अधिकारियों से मिलेंगे।

राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिका में यहूदी नेताओं से मुलाकात की।

इजराइल-हमास की जंग में 22 अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है।

हमास ने दावा किया है कि उसने बंधक बनाए लोगों में से 2 बच्चों और 1 महिला को छोड़ दिया है।

इजराइल में घायलों की संख्या 3,000 हो गई है। वहीं, गाजा में 5,339 लोग घायल हुए हैं।

इजराइली सेना बोली- घुसपैठ की खबर गलत

अलजजीरा के मुताबिक भारतीय समयानुसार रात करीब 10 बजे लेबनान बॉर्डर से घुसपैठ की खबर मिली थी। इसके बाद इजराइल-लेबनान बॉर्डर से लगे 3 शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन बाद में इजराइली सेना ने कहा कि घुसपैठ नहीं हुई है।

दरअसल, 10 अक्टूबर को लेबनान से इजराइल में 15 रॉकेट दागे गए थे। जवाबी कार्रवाई में इजराइली सेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 3 ठिकानों पर हमला किया था। 8 अक्टूबर को पहली बार लेबनान बॉर्डर से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर गोलीबारी की थी और बम दागे थे।

गाजा में UN एजेंसी के पास सिर्फ 12 दिन का खाना-पानी बचा

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में फिलिस्तीनी रेफ्यूजी के लिए काम कर रही UN रिलीफ एंड वर्क एजेंसी के पास बहुत कम मात्रा में खाना और पानी बचा है। इस मात्रा से सिर्फ 12 दिन का काम चल सकता है। इसके बाद 1 लाख 80 हजार लोगों के भूखे रहने की नौबत आ जाएगी।

एजेंसी की डिप्टी डायरेक्टर जेनेफर ऑस्टिन ने कहा- सड़कों पर मलबा है, रास्ते बंद हो गए हैं। कम्युनिकेशन लाइन कट गई हैं। लोगों की मदद करने में काफी मुश्किलें हो रही है।

इजराइल पर फास्फोरस बम दागने का आरोप

इजराइल पर फिलिस्तीन ने फास्फोरस बम दागने के आरोप लगाए हैं। फिलिस्तीन की न्यूज एजेंसी 'वाफा' के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर इजराइल ने प्रतिबंधित फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया। ये बम जिस इलाके में गिरते हैं वहां ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इसके कण इतने छोटो होते हैं कि मानव शरीर में घुस जाते हैं।

पूरे गाजा की बिजली ठप, अस्पतालों में 2 दिन का ही इमरजेंसी बैकअप

अलजजीरा के मुताबिक, इजराइली हमलों के बाद पूरे गाजा में बिजली सप्लाई ठप हो गई। फिलिस्तीन की एनर्जी अथॉरिटी के चेयरमैन थाफर मेल्हेम ने वॉयस ऑफ फिलिस्तीन रेडियो को बताया कि गाजा पट्टी के एकमात्र पावर प्लांट में ईंधन खत्म हो गया है।

इससे पूरे इलाके की बिजली सप्लाई रुक गई। अस्पतालों की इमरजेंसी लाइट सिर्फ 2 दिन चल सकेगी। 9 अक्टूबर को गाजा बॉर्डर पर कब्जे के बाद इजराइल ने गाजा तक होने वाली बिजली सप्लाई रोक दी थी।

गाजा बॉर्डर पर इजराइल का कब्जा

10 अक्टूबर को इजराइल की सेना ने घोषणा की थी कि उन्होंने गाजा बॉर्डर पर कब्जा कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया है। दरअसल, 9 अक्टूबर को इजराइल सरकार ने अपनी सेना को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे के आदेश दिए थे।

इजराइल ने 1 लाख सैनिकों को गाजा बॉर्डर पर तैनात किया था। साथ ही 3 लाख सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा गया। इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अधिकारियों को गाजा पट्टी में खाना, पानी, बिजली और फ्यूल की सप्लाई बंद करने के भी आदेश दिए थे।

'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन '

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया है। वहीं इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया है।

हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने शनिवार को कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।


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