प्रियंका ने उप्र सरकार से कहा : गेहूं की अधिकतम खरीद सुनिश्चित की जाए

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि राज्य में गेहूं की अधिकतम खरीद सुनिश्चित की जाए।


उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उप्र में गेहूं की सरकारी खरीद की अंतिम तारीख निकल गई और कई किसानों के गेहूं की खरीद नहीं हो पाई है।’’


कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘अंतिम छोर के किसान तक गेहूं की खरीद यदि जुमला नहीं था तो भाजपा सरकार गेहूं खरीद की तिथि आगे बढ़ाए और अधिकतम खरीद सुनिश्चित करे। अन्यथा बारिश में किसानों का गेहूं बर्बाद हो जाएगा।’’


इससे पहले, प्रियंका गांधी ने सोमवार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि किसानों की उपज की खरीद सुनिश्चित की जाए।








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प्रियंका का योगी से आग्रह : किसानों की उपज की खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि किसानों की उपज की खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘प्रदेश के तमाम जिलों से मुझे लगातार सूचनाएं आ रही हैं कि गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई लेकिन कोरोना महामारी के चलते क्रय केंद्रों पर ताला लटकता रहा। जैसे ही किसानों का गेहूं क्रय केंद्रों पर पहुंचने लगा, उसी समय खरीद को कम करके आधा कर दिया गया।’’


कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेशों में गेहूं की सरकारी ख़रीद कुल उत्पादन का 80-85 प्रतिशत तक होती है, जबकि उत्तरप्रदेश में उत्पादित 378 लाख मीट्रिक टन गेहूं के मात्र 14 प्रतिशत हिस्से की ही सरकारी केंद्रों पर खरीद हुई है। प्रियंका ने पत्र में लिखा, ‘‘कोरोना महामारी और महंगाई के चलते किसानों की हालत पहले से ही ख़राब है, ऐसे में उनकी फसल की खरीद न हो पाने या औने-पौने दामों में गेहूं बेचने के लिए मजबूर होने जैसी स्थिति किसानों की कमर तोड़ देगी।’’


उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया, ‘‘क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं की खरीद की गारंटी दी जाए। प्रत्येक क्रय केंद्र पर खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए भटकना न पड़े।’’ कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा, ‘‘ कई जिलों से खबरें आ रही हैं कि एक किसान से एक बार में अधिकतम 30 या 50 कुंतल गेहूं खरीदा जा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान हैं। इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर किसानों से गेहूं की अधिकतम खरीद की जाए।’’



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दतिया में समर्थन मूल्य पर 76 हजार 495 मैट्रिक टन गेंहूँ का उपार्जन

दतिया : मध्यप्रदेश के दतिया में राज्य शासन द्वारा घोषित समूर्थन मूल्य पर गेंहूँ खरीदी 11 हजार 665 किसानों से 76 हजार 495.39 मैट्रिक टन गेंहूँ की खरीदी उपार्जन केन्द्रों पर की जा चुकी है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी शैलेष शर्मा ने बताया कि जिले में समर्थन मूल्य पर गेंहूँ बेचने वाले 3 हजार 285 किसानों के खाते में 35 करोड़ 23 लाख 19 हजार से अधिक की राशि का सफल भुगतान किया गया है। शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर गेंहूँ खरीदी के लिए जिले में 80 उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। इन केन्द्रों पर 40 हजार 701 कृषकों ने पंजीयन कराया है। 30 हजार 149 कृषकों को एसएमएस भेजे जा चुके है। शेष कृषकों को एसएमएस भेजने की कार्यवाही जारी है। 11 हजार 665 कृषकों द्वारा अपनी फसल का विक्रय किया गया। जिले में अभी तक 76 हजार 495.39 मैट्रिक टन की खरीदी की जा चुकी है। जिले में 48 हजार 176.47 मैट्रिक टन गेंहूँ का परिवहन किया जा चुका है। ...

खाद्य तेल, चावल महंगे, गेहूं नरम, दालों, चीनी में टिकाव

नई दिल्ली : विदेशों में खाद्य तेलों में नरमी के बीच दिल्ली थोक जिंस बाजार में शुक्रवार को खाद्य तेलों के दाम बढ़ गये। चावल में भी तेजी देखी गई। गेहूं का भाव टूट गया जबकि दालों और चीनी में टिकाव रहा। तेल-तिलहन : वैश्विक स्तर पर मलेशिया के बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में पाम ऑयल का जुलाई वायदा 48 रिंगिट टूटकर 3,888 रिंगिट प्रति टन रह गया। जुलाई का अमेरिकी सोया तेल वायदा 0.18 सेंट गिरकर 59.71 सेंट प्रति पौंड बोला गया। स्थानीय बाजार में ग्राहकी आने से सूरजमुखी तेल 585 रुपये, सोया तेल 440 रुपये और सरसों तेल 292 रुपये प्रति क्विंटल महंगा हो गया। मूंगफली तेल, पाम ऑयल और वनस्पति के भाव गत दिवस के स्तर पर पड़े रहे। ...

पंजाब की मंडियों में कल तक 55 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद

चंडीगढ़ : पंजाब में रबी सीजन में कल तक 554055 टन गेहूँ की खरीद की गई जिसमें से सरकारी एजेंसियों ने 553939 टन और आढ़तियों ने 116 टन की खरीद की गई । पंजाब के खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग के प्रवक्ता ने यहां बताया कि राज्य में 553939 टन गेहूँ की खरीद सरकारी एजेंसियों ने की जिसमें से पनग्रेन 125679 टन, मार्कफैड 120553 टन और पनसप ने 138609 टन गेहूँ की खरीदी की है जबकि पंजाब स्टेट वेयरहाऊसिंग निगम ने 72482 टन गेहूँ खरीदी की है। भारतीय खाद्य निगम ने 68534 टन गेहूँ खरीदी की। पनग्रेन ने राज्य मेंं सार्वजनिक वितरण के लिये 28082 टन गेहूँ भी खरीदी । प्रवक्ता ने बताया कल तक की खरीद समेत अब तक राज्य में कुल 9597359 टन गेहूँ की खरीद की जा चुकी है। ...

शनिवार तक 6 लाख 36 हजार 83 मीट्रिक टन गेहूं की हुई आवक

कैथल, (वेबवार्ता)। उपायुक्त सुजान सिंह ने बताया कि जिला में विभिन्न एजैंसियों द्वारा शनिवार तक 6 लाख 36 हजार 83 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद गई है। उपायुक्त ने बताया कि जिला में गेहूं की कुल आवक में से 2 लाख 21 हजार 853 मीट्रिक टन गेहूं खाद्य एंव आपूर्ति विभाग द्वारा, 2 लाख 64 हजार 740 हैफेड द्वारा, 49 हजार 877 मीट्रिक टन भारतीय खाद्य निगम द्वारा, 71 मीट्रिक टन हैफेड कॉमर्सियल तथा 99 हजार 520 मीट्रिक टन गेहूं हरियाणा वेयरहाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा खरीदा गया है। उपायुक्त ने किसानों का आह्वान किया है कि किसान व आढ़ती जारी हिदायतों व सावधानियों की पालना करते हुए स्वयं सुरक्षित रहें तथा दूसरों को भी सुरक्षित करने का कार्य करें। किसान गेहूं की फसल को सुखाकर व साफ करके मंडियों में लाएं, ताकि उनकी फसल की बिक्री में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा है कि किसान गेहूं की फसल की कटाई के बाद खेत में खड़े फसल अवशेषों को आग न लगाएं। ऐसा करना दंडनीय अपराध है तथा ऐसा करने से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के साथ-साथ जानमाल का नुकसान होने का अंदेशा बना रहता है। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा पशुओं के लिए चारे की कमी होती है। ...

दिल्ली में गेहूं खरीद के लिए एफसीआई ने नहीं खोला एक भी काउंटर, फिर भी एक अप्रैल से एमएसपी पर खरीदारी करने का कर रहा झूठा दावा- गोपाल राय

दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने एमएसपी पर गेहूं की फसल नहीं खरीदने पर एफसीआई को कटघरे में खड़ा किया है। एफसीआई ने दिल्ली में गेहूं खरीद के लिए अभी तक एक भी काउंटर नहीं खोला है और झूठा दावा कर रहा है कि एक अप्रैल से एमएसपी पर खरीदारी की जा रही है, जबकि हम काउंटर खोलने के लिए एफसीआई को तीन बार चिट्ठी लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फसल की एमएसपी निर्धारित करती है और एफसीआई खरीदारी करती है, लेकिन भाजपा झूठा आरोप लगा रही कि दिल्ली सरकार एमएसपी पर गेहूं नहीं खरीद रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर फसल खरीदने के प्रधानमंत्री के आश्वासन की यही हकीकत है और इसलिए एमएसपी का कानून बनाना बहुत जरूरी है। हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि नजफगढ़ और नरेला मंड़ी में तत्काल एमएसपी पर खरीदारी शुरू की जाए और एक अप्रैल से दिल्ली में खरीदारी करने के झूठे दावे की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने आज दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय से देश के किसान केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ-साथ मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों, केंद्रीय कृषि मंत्री और संसद के अंदर भाजपा के तमाम नेताओं ने बार-बार कहा कि प्रधानमंत्री ने जब कह दिया कि एमएसपी दी जाएगी और एमएसपी पर खरीदारी की जाएगी, तो इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। आंदोलन के दौर में देश भर में गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है और कटाई शुरू हो चुकी है। दिल्ली के अंदर बहुत छोटे से हिस्से में खेती होती है। दिल्ली के नार्थ और वेस्ट हिस्से नरेला, बवाना, मुंडका, नजफगढ़ और मेहरौली में खेती होती है, जहां गेहूं की फसल तैयार है और कटाई हो रही है। हमारे बार-बार निवेदन के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा संचालित फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) मंडी के अंदर अभी तक किसानों की उपज को एमएसपी के रेट पर लेने के लिए तैयार नहीं है। किसान अपनी उपज लेकर मंडी में आ रहे हैं और उन्हें अलग-अलग रेट पर आढ़तियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गोपाल राय ने कहा कि हमने सबसे पहले एफसीआई को 11 फरवरी को कृषि विभाग की तरफ से चिट्ठी लिखी थी कि गेहूं की फसल आने वाली है और खरीदने के लिए दिल्ली की मंडियों में तैयारी की जाए, ताकि सही समय पर किसानों की उपज की खरीदारी हो सके और उन्हें एमएसपी मिल सके। 11 फरवरी के बाद हमने एक मार्च को उन्हें रिमाइंडर भेजा कि एफसीआई गेहूं की खरीदारी की तैयारी करे। इस पर एफसीआई की तरफ से लिखित में जवाब आया कि हम मायापुरी एफएसडी, शक्तिनगर एफएसडी, नरेला मंडी और नजफगढ़ मंडी में काउंटर लगाएंगे। वहीं, किसानों की कई शिकायत आने पर दो दिन पहले जब मैने इसकी समीक्षा की, तब पता चला कि अभी तक कोई काउंटर नहीं लगा है। इसके बाद हमने 6 अप्रैल को फिर एफसीआई को चिट्ठी भेजी कि आप जहां मर्जी वहां काउंटर लगाएं, लेकिन नरेला और नजफगढ़ मंडी में काउंटर जरूर लगाएं और एमएससी की गारंटी दी जाए। कृषि मंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी यह बात है कि अभी तक काउंटर तो नहीं लगे, लेकिन उन्होंने 6 अप्रैल को चिट्ठी भेज कर बताया कि एक अप्रैल से दिल्ली के अंदर काउंटर लग गए हैं और खरीदारी हो रही है। जब हमें चिट्ठी मिली, तो मैंने आज दोनों मंडियों से रिपोर्ट तलब की। नरेला मंडी के सेक्रेटरी ने हमें लिखित में भेजा है कि आज तक एक दाना भी एसबीआई की तरफ से मंडी में खरीदारी नहीं की गई है। काउंटर लगाए ही नहीं गए हैं। इसी तरह नजफगढ़ मंडी की भी लिखित में रिपोर्ट आई है और वहां भी काउंटर नहीं लगाया जाए गए हैं। वहीं, भाजपा के नेताओं ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि केजरीवाल सरकार एमएसपी पर खरीदारी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी केंद्र सरकार ने निर्धारित किया है, फसल को एफसीआई को खरीदना है। हम बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि एफसीआई फसल खरीदे, अभी तक एफसीआई के काउंटर लगे ही नहीं है और फिर भी लिखित में जवाब दे दिए कि एक अप्रैल से खरीदारी हो रही है। आज तक जमीन पर एक भी काउंटर लगा नहीं है। अगर देश की राजधानी दिल्ली में नाक के नीचे यह सारा तिकड़म चल रहा है, तो सुदूर गांवों और जिलों के अंदर किसानों की क्या हालत हो रही होगी। प्रधानमंत्री के नाम की दुहाई देकर किसानों से कहा जा रहा है कि आप आंदोलन खत्म करिए। उस पूरे आश्वासन की यह हकीकत है। कृषि मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मैं आज केंद्र सरकार से दो मांग कर रहा हूं। एक यह कि केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से इसमें हस्तक्षेप करें और नजफगढ़ और नरेला मंडी में कल से काउंटर की शुरुआत कर खरीदारी की जाए और दूसरा जो अधिकारी इस तरह की कार्रवाई में शामिल है और लिखित में कह रहे हैं कि एक अप्रैल से मंदी में खरीदारी शुरू हो गई है, जबकि दोंनों मंडियां कह रही हैं कि वहां पर एक दाना तक नहीं खरीदा गया है, तो इसकी जांच होनी चाहिए। अगर इसमें कोई अधिकारी सम्मिलित है, तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। यह चीजें इस बात को दर्शा रही हैं कि एमएसपी का कानून बनाना कितना जरूरी है, क्योंकि दिल्ली के अंदर तो सिर्फ दो मंडी है, लेकिन जो बड़े-बड़े राज्य है, वहां पर हर ब्लाक के अंदर खरीदारी की जरूरत है। दिल्ली में एक छोटा सा हिस्सा है, जहां पर खेती होती है। आज मैं इन सारी तथ्यों को रख कर यह बात कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने अगर कहा था, तो उन्हें इस सारे मसले पर तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। अगर उनकी बात का महत्व है, तो इसमें पीएमओ को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए और कल से दोनों मंडियों में अनाज की खरीदारी शुरू होनी चाहिए। ...

इंदौर बाजार दो इंदौर

किराना शक्कर 3320 से 3350 रुपये प्रति क्विंटल। गुड भेली 2850 से 2900, कटोरा 3000 से 3050, लड्डू 3150 से 3200, आर्गेनिक 3950 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल। खोपरा गोला 175 से 192 रुपये प्रति किलोग्राम। खोपरा बूरा 2900 से 4300 रुपये प्रति 15 किलोग्राम। हल्दी खडी 100 से 145 रुपये प्रति किलोग्राम। साबूदाना 4400 से 5000, पैकिंग में 5300 से 5400 रुपये प्रति क्विंटल। तिलहन सरसों निमाड़ी 5150 से 5200, सोयाबीन 4850 से 5100 रुपये प्रति क्विंटल। तेल मूूंगफली तेल इंदौर 1530 से 1540, सोयाबीन रिफाइंड इंदौर 1180 से 1185, सोयाबीन साल्वेंट 1120 से 1125, पाम तेल 1218 से 1220 रुपये प्रति 10 किलो। सं शुक्ला जारी वार्ता...