आम आदमी पार्टी को दिल्ली में मिला नया ठिकाना, HC के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने आवंटित किया दफ्तर

आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में होने के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के लिए अच्छी खबर आई है।

 दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी को नया दफ्तर आवंटित कर दिया है। बंगला नंबर 1, रविशंकर शुक्ला लेन, नई दिल्ली अब आम आदमी पार्टी मुख्यालय का नया पता होगा।

बता दें कि जून में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को अपने कार्यालय के निर्माण के लिए स्थायी भूमि आवंटित होने तक सामान्य पूल से आवास इकाई का उपयोग करने का अधिकार है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह सप्ताह के भीतर आप के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, आप को 15 जून तक अपना वर्तमान पार्टी कार्यालय खाली करना था। यह तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि आप का पार्टी कार्यालय दिल्ली हाईकोर्ट के विस्तार के लिए आवंटित जमीन पर है।

इस पर आप की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट को बताया था कि एक राष्ट्रीय पार्टी को तब तक अस्थायी कार्यालय का अधिकार है जब तक कि उसे स्थायी कार्यालय बनाने के लिए भूमि आवंटित नहीं की जाती।



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केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ी

आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आठ अगस्त तक बढ़ा दी है।

बता दें कि न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर केजरीवाल को आज गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था।

सीबीआई ने 26 जून को किया था गिरफ्तार 

केजरीवाल वर्तमान में सीबीआई व ईडी मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी ने 21 मार्च और भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था।

मनी लॉड्रिंग मामले में मिल चुकी है अंतरिम जमानत 

उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल को मनी लॉड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है और सीबीआई मामले से जुड़ी जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है। 

सीबीआई ने आबकारी नीति मामले से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को ‘मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक’ बताया है। एजेंसी ने दावा किया है कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर कई शराब उत्पादकों और व्यापारियों से संपर्क में थे।

उधर, कोर्ट ने मामले‌ में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआर‌एस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। दोनों वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए थे। इसके साथ ही केजरीवाल को लेकर ईडी की ओर से दाखिल सातवें पूरक आरोपपत्र पर भी आज सुनवाई होनी है।



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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे किया पेश

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक सर्वे को पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पिछले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया है. सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी 6.5 - 7 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं महंगाई दर के 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है.    


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पीएम मोदी ने एक दिन पहले ही बताया, कैसा होगा इस बार का बजट

केंद्रीय बजट पेश होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया से बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट अगले पांच साल की यात्रा की दिशा तय करेगा और 2047 में ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा।

सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया से बात करते हुए मोदी ने कुछ दलों की 'नकारात्मक राजनीति' की भी आलोचना की। पीएम ने कहा कि वे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए संसद के समय का इस्तेमाल करते हैं।

अगले 5 साल मिलकर लड़ना चाहिए

पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुना दिया है और अब सभी राजनीतिक दलों को अगले पांच साल तक देश के लिए मिलकर लड़ना चाहिए।

संसद में मेरी आवाज को दबाने की कोशिश

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सत्र को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ने संसद में उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की। इसको लेकर उन्होंने साफ किया कि लोकतंत्र में ऐसी रणनीति का कोई स्थान नहीं है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार लोगों को दी गई गारंटी को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए आगे बढ़ रही है।

अमृत काल का एक महत्वपूर्ण बजट

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 'यह बजट सत्र है। मैं जो गारंटी देता रहा हूं, हम उन गारंटियों को जमीन पर लागू करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। यह बजट अमृत काल का एक महत्वपूर्ण बजट है। हमारे पास पांच साल का जो अवसर है, यह बजट उस यात्रा की दिशा तय करेगा और साथ ही 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा।'

उन्होंने यह भी कहा कि बजट सत्र हमारे लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। पीएम मोदी ने कहा कि  60 वर्षों के बाद कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है।'


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केजरीवाल की जमानत पर आज ही फैसला हो

शराब नीति केस में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को CBI ने अरेस्ट किया है। केजरीवाल ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- अरविंद केजरीवाल जनता के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं, आतंकवादी नहीं।

सिंघवी ने कोर्ट में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का जिक्र किया। उन्होंने कहा- हाल ही में इमरान खान को रिहा किया गया था, लेकिन उन्हें दूसरे मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। हमारे देश में ऐसा नहीं हो सकता।

न्यूज वेबसाइट बार एंड बेंच के मुताबिक- सिंघवी ने कहा- CBI ने आज अपना पक्ष रखने की बात कही है। यदि वे समय लेते हैं, तो केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए। इसके जवाब में CBI के वकील- डीपी सिंह ने कहा- हम आज ही अपनी दलीलें देंगे। लेकिन दलीलें देते-देते 4 बज जाएं तो कोर्ट सुनवाई के लिए कोई और तारीख भी दे सकता है।

ट्रायल कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 20 जून को PMLA के तहत नियमित जमानत दी। 4 दिनों के बाद CBI ने केजरीवाल से न्यायिक हिरासत में पूछताछ करने का आदेश लिया और 26 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुझे न आवेदन की कॉपी मिली, न नोटिस मिला और आदेश पारित कर दिया गया। मेरी बात ही नहीं सुनी गई।

कोर्ट रूम Live

सिंघवी: केजरीवाल सीएम हैं, आतंकवादी नहीं। CBI ने ट्रायल कोर्ट में पूछताछ के लिए आवेदन दिया, आवेदन स्वीकार कर लिया गया, नोटिस भी नहीं भेजा गया।

सिंघवी: मुझे गिरफ्तार करने का सिर्फ एक ही कारण बताया गया है कि मैं संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा हूं। ट्रायल कोर्ट को इसकी इजाजत नहीं देनी चाहिए थी। इसका आधार क्या है?

सिंघवी: मान लीजिए मैं कहता हूं कि मैं जवाब नहीं दूंगा। मैं एक बहुत बड़ा सवाल पूछ रहा हूं, लेकिन क्या मेरे लॉर्ड कहेंगे कि मैं जवाब नहीं दे रहा हूं, इसलिए मुझे गिरफ्तार कर लिया जाए? अनुच्छेद 22 और 23 का क्या होगा?

सिंघवी: यह एक सामान्य कानून है। कोई स्पेशल कानून नहीं है। आप स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार और कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए मेरे साथ व्यवहार नहीं कर सकते हैं।

सिंघवी: CBI के दस्तावेज की कोई कॉपी मुझे नहीं दी गई। कस्टडी के दौरान पूछताछ की जानकारी दी गई थी। कोई नोटिस नहीं दिया गया। मामले को लेकर हमारी बात नहीं सुनी गई।

सिंघवी: ट्रायल कोर्ट ने चार दिन पहले ही मुझे PMLA के तहत नियमित जमानत दी थी। तीन दिन पहले इमरान खान रिहा हुए, सबने अखबार में पढ़ा। उन्हें एक और मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। हमारे देश में ऐसा नहीं हो सकता।

सिंघवी: जिस दिन CBI ने एप्लिकेशन लगाई, उसी दिन ट्रायल कोर्ट ने पूछताछ की अनुमति दे दी। बिना हमें बताए अनुमति दे दी गई। यह कोई पोस्ट ऑफिस सिस्टम नहीं है। अगले दिन एक और एप्लिकेशन दी गई, जिसमें अरेस्ट करने की अनुमति मांगी गई। हैरानी की बात यह है कि एप्लिकेशन में ही धारा 160 का जिक्र कर दिया गया। केजरीवाल अचानक आरोपी बन गए। यह कैसे, कब हो गया। कुछ नहीं बताया गया।

सिंघवी: मामले में नया सबूत क्या है। मंगुटा रेड्डी का स्टेटमेंट पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया था। यह हुक और क्रूक अरेस्ट है।

सिंघवी: अरेस्ट करना ही क्यों है। क्या यह बहुत महत्वपूर्ण है। केजरीवाल पहले ही जेल में थे। आप पूछताछ कर सकते थे। आपको अरेस्ट करने की जरूरत नहीं थी। यह एक अतिरिक्त अरेस्ट है। एक इंश्योरेंस अरेस्ट की तरह। ये चाहते हैं कि केजरीवाल जेल के बाहर न आएं, इसलिए दूसरे केस में गिरफ्तार किया।

सिंघवी: इस मामले में देरी होने पर हमने अंतरिम जमानत के लिए भी अर्जी दाखिल की है। CBI ने कहा कि वे आज अपना पक्ष रखेंगे। यदि वे समय लेते हैं, तो केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए।

डीपी सिंह: हम आज ही अपनी दलीलें देंगे। लेकिन अगर दलीलें देते-देते समय 4 बज जाए तो कोर्ट इस मामले पर सुनवाई के लिए कोई और तारीख भी दे सकता है।

सिंघवी: केजरीवाल को 3 बार जमानत मिली है। दो बार सुप्रीम कोर्ट से और एक बार ट्रायल कोर्ट से। अगर आपको मामले में कुछ ठोस नहीं मिल जाता तो फिर हमारा बेल मांगने में क्या गलत है।

सिंघवी: 5 बार ऐसा हो चुका है, जब केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल 50 से नीचे हो चुका है। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।

डीपी सिंह: यह कौन तय करेगा कि जांच कैसे की जाती है। केजरीवाल या उनके वकील तय नहीं करेंगे। सिंघवी कहते हैं कि केजरीवाल की पूछताछ 9 घंटे तक चली। हमारे पास रिकॉर्डिंग है। इस सब के दौरान CBI ऑफिस के सामने भारी भीड़ थी।

केजरीवाल के खिलाफ ED-CBI के अलग-अलग मामले

केजरीवाल पर दो मामले दर्ज हैं। पहला ED का, जिसमें उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। दूसरा CBI का, जिसे शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर दर्ज किया गया।

इस केस में 26 जून को केजरीवाल को दोबारा गिरफ्तार किया गया। यह केस दिल्ली LG वीके सक्सेना की शिकायत पर दर्ज हुआ था। दोनों मामले अलग-अलग दर्ज किए गए हैं, इसलिए इनमें गिरफ्तारी भी अलग-अलग हुई है।

ED केस में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

केजरीवाल को शराब नीति से जुड़े ED केस में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।

जस्टिस खन्ना ने कहा- हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है।

ED ने शराब नीति केस में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की

इधर, शराब नीति केस में ED ने मंगलवार (9 जुलाई) को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया है। चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी पर खर्च हुआ है।

ED ने चार्जशीट में कहा कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में AAP के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। दावा किया गया है कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे।

ED ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि CM ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।


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मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर CBI-ED को SC का नोटिस

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (16 जुलाई) को सुनवाई हुई. दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद सिसोदिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया है. मनीष सिसोदिया ने दोनों जांच एजेंसियों की ओर से दर्ज केस में जमानत मांगी है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 जुलाई को होगी.

शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने सिसोदिया के ऊपर केस दर्ज किया है, जबकि सीबीआई ने भ्रष्टाचार के केस में आप नेता पर मुकदमा दर्ज किया. दिल्ली शराब नीति को अब रद्द कर दिया गया है, लेकिन इसमें हुए तथाकथित घोटाले के आरोप में आप के कई नेता जेल गए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी शराब नीति मामले में ही जेल में बंद हैं. राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी इस केस में जेल जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

16 महीनों से जेल में बंद में मनीष सिसोदिया: वकील

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की. आप नेता की तरफ से पेश वकील विवेक जैन ने दलील दी कि उनके मुवक्किल पिछले 16 महीनों से जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ मुकदमा उसी स्टेज में हैं, जैसा वह अक्टूबर, 2023 में था. 

अदालत ने ईडी-सीबीआई को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

पिछले साल अक्टूबर में अदालत ने कहा था कि अगर मुकदमा आगे नहीं बढ़ता है तो सिसोदिया जमानत के लिए अपील कर सकते हैं. शीर्ष अदालत की पीठ ने सिसोदिया की वकील की दलीलों को सुनने के बाद दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों यानी ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा. कोर्ट ने अब इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को तय की है. 

कब गिरफ्तार किए गए थे मनीष सिसोदिया?

दरअसल, मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को ईडी ने 'प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट' (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. वह दिल्ली सरकार में आबकारी मंत्री थे, जिसकी वजह से शराब नीति केस से जुड़े तार उन तक पहुंचे. गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने 28 फरवरी को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. पिछले साल ही 9 मार्च को सीबीआई ने शराब नीति मामले से जुड़े एक भ्रष्टाचार केस में सिसोदिया को अरेस्ट किया था. 


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राज्यसभा में भाजपा के 86, NDA के 101 सांसद

संसद का बजट सत्र 23 जुलाई से शुरू हो रहा है। विपक्ष फिर से सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। वहीं, राज्यसभा में भाजपा के पास 86 सीटें और सहयोगी दलों को मिलाकर यानी NDA के पास 101 सीटें हैं। चार साल बाद भाजपा की स्ट्रेंथ 90 से नीचे से चली गई है।

13 जुलाई को पार्टी के 4 मनोनीत सदस्य सेवानिवृत्त हो गए। राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है। फिलहाल 226 सांसद हैं। इसमें बहुमत का आंकड़ा 114 है। NDA की बहुमत के आंकड़े से 13 सीटें कम हैं। इस लिहाज से देखें तो सरकार को बिल पास कराने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

NDA को 7 राज्यों से राज्यसभा सीट मिलने की उम्मीद

खाली19 सीटों पर जल्द ही चुनाव होने हैं। भाजपा और सहयोगी दलों को 7 राज्यों से सीटें मिलने की उम्मीद है। NDA के गणित के मुताबिक, उन्हें बिहार, महाराष्ट्र और असम से 2-2 और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से 1-1 राज्यसभा सीट मिल सकती है।

माना जा रहा है कि जिन 4 लोगों को राज्यसभा में नॉमिनेट किया गया है, वे भी सरकार का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्हें उच्च सदन में सरकार ही लेकर आई है। सामान्य रूप से राज्यसभा में नामित सदस्य स्वतंत्र होते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से वे उसी का समर्थन करते हैं, जिस दल ने उन्हें नॉमिनेट किया है।

10 साल में 55 से 101 तक पहुंची भाजपा

राज्यसभा में भाजपा 10 साल में 55 से 101 तक पहुंच गई। भाजपा के 2014 में 55 और 2019 में 78 सांसद थे। जून 2020 में यह संख्या 90 हो गई। इसके बाद पार्टी ने 11 सीटें जीतीं। इससे सदस्यों की संख्या 101 तक पहुंच गई। 1990 के ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी पार्टी ने 100 का आंकड़ा पार किया था।

राज्यसभा में 19 सीटें खाली सीटों का गणित

राज्यसभा में जो 19 सीटें अभी खाली हैं, उनमें जम्मू-कश्मीर से 4 और नामित सदस्यों की 4 सीटें हैं। वहीं, बाकी की 11 सीटें अलग-अलग राज्यों से हैं, जिसमें असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा हैं। इनमें से 10 सीटें राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने के कारण खाली हुई हैं।

एक सीट भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कांग्रेस में जाने से खाली हुई है। BRS नेता रहे के केशव राव कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव आयोग ने अभी तक इन सीटों पर इलेक्शन की तारीखों का ऐलान नहीं किया है।

अभी 7 मनोनीत सदस्य मौजूद, ये किसी भी दल से संबद्ध नहीं

हाल ही में जो मनोनीत सदस्य राज्यसभा से रिटायर हुए, उनमें राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी शामिल हैं। 7 मनोनीत सदस्यों ने किसी भी दल की सदस्यता नहीं ली हुई यानी वे असंबद्ध सदस्य हैं। केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति कुल 12 सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करते हैं।



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25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का एलान

केंद्र की मोदी सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का एलान किया है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अधिसूचना की प्रति पोस्ट कर यह जानकारी दी।

केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।"

अधिसूचना में क्या कहा गया?

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद "तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादती और अत्याचार किए गए।"

इसमें कहा गया है कि भारत के लोगों को संविधान और इसके लचीले लोकतंत्र की शक्ति पर अटूट विश्वास है। अधिसूचना में कहा गया, "इसलिए भारत सरकार 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में घोषित करती है, ताकि आपातकाल के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके और भारत के लोगों को भविष्य में सत्ता के ऐसे घोर दुरुपयोग का किसी भी तरह से समर्थन न करने के लिए प्रतिबद्ध किया जा सके।"

अमित शाह ने कांग्रेस पर बोला हमला

अमित शाह ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।

एक और पोस्ट में गृह मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।"


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दिल्ली के सीएम को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई है।

अब सीएम केजरीवाल को लेकर तीन सदस्यों की बेंच सुनवाई करेगी। बताया गया कि बड़ी बेंच की सुनवाई तक केजरीवाल बाहर रहेंगे।

वहीं, केजरीवाल को जमानत मिलने से आप कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल बन गया है। हालांकि, पहले ही उम्मीद थी कि सीएम केजरीवाल को जमानत मिल सकती है। 

आबकारी नीति मामले में मिली है जमानत

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है।

आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।



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केजरीवाल शराब नीति केस के सरगना और साजिशकर्ता

शराब नीति केस में ED ने मंगलवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया। चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी पर खर्च हुआ है।

ED ने अपनी चार्जशीट में कहा कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में AAP के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। दावा किया गया है कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे।

ED ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि CM ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।

केजरीवाल ने हाईकोर्ट में कहा- जमानत रद्द करना न्याय की विफलता के समान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (10 जुलाई) को हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में कहा- मेरी जमानत रद्द करना न्याय की विफलता के समान है। मैं विच हंट का शिकार हुआ हूं। दरअसल, जानबूझकर किसी व्यक्ति को परेशान करना विच हंट का शिकार होना कहलाता है। यह राजनीतिक विरोधी भी हो सकता है।

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में केजरीवाल ने कहा- ED कस्टडी के दौरान जांच अधिकारी ने कोई खास इन्टेरोगेशन (पूछताछ) नहीं किया। एक राजनीतिक विरोधी को परेशान और अपमानित करने के लिए अवैध रूप से गिरफ्तारी की गई है।

मामले को लेकर जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने अब ED से जवाब दाखिल करने को कहा है। केस की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। केजरीवाल पर ED के अलावा CBI का केस भी चल रहा है। शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर CBI ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था।

केजरीवाल को शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 20 जून को ट्रायल कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके खिलाफ ED ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने 25 जून को ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।

केजरीवाल बोले- ट्रायल कोर्ट ने विवेक के आधार पर फैसला सुनाया था

केजरीवाल ने कहा कि ED की दलीलें कानून के हिसाब से ठीक नहीं थीं। ED की दलीलें असंवेदनशीलता के रवैये को दर्शाती हैं। PMLA की धारा 3 के तहत उनके खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। और उनके जीवन और स्वतंत्रता को झूठे और दुर्भावनापूर्ण मामले से बचाया जाना चाहिए।

केजरीवाल ने कहा- ED ने अन्य सह आरोपियों पर दबाव बनाया और उनसे ऐसे बयान दिलवाए, जिससे केस में ED को फायदा हुआ। ट्रायल कोर्ट का जमानत ऑर्डर न केवल तर्कपूर्ण था, बल्कि यह दर्शाता है कि दोनों पक्षों की दलीलों पर विवेक के आधार पर फैसला सुनाया गया था।

ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह साबित करे कि AAP को साउथ ग्रुप से रिश्वत मिली है। इस रिश्वत का गोवा चुनाव में इस्तेमाल तो दूर की बात है। AAP के पास एक भी रुपया नहीं मिला। इस संबंध में लगाए गए आरोप को साबित करने के कोई भी ठोस सबूत नहीं है।

बेल पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा- ट्रायल कोर्ट ने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया

हाईकोर्ट ने कहा कि दलीलों पर सही ढंग से बहस नहीं हुई थी, इसलिए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हैं। फैसले को देखकर ऐसा लगता है कि केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया। ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता, पूरी तरह से अनुचित है। यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है।

इस बात पर मजबूत तर्क दिया गया कि जज ने धारा 45 PMLA की दोहरी शर्त पर विचार-विमर्श नहीं किया। ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई निर्णय नहीं देना चाहिए जो हाईकोर्ट के फैसले से उलट हो। ट्रायल कोर्ट ने धारा 70 PMLA के तर्क पर भी विचार नहीं किया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट के बेल ऑर्डर की 5 बातें...

ED के पास केजरीवाल के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। वह किसी भी तरह से सबूत हासिल करने के लिए वक्त ले रही है। यही बात अदालत को जांच एजेंसी के खिलाफ फैसला लेने के लिए मजबूर करती है कि वह पक्षपात के बिना काम नहीं कर रही है।

राउज एवेन्यू कोर्ट के जज न्याय बिंदू ने कहा- ED केजरीवाल के उठाए कुछ मुद्दों पर चुप है, जैसे कि उनका नाम CBI केस या ECIR की FIR में नहीं है। केजरीवाल के खिलाफ आरोप कुछ सह-आरोपियों के बयानों के बाद सामने आए हैं। कोर्ट ने अमेरिका के संस्थापकों में से एक बेंजामिन फ्रैंकलिन के कोट का जिक्र किया- 'एक निर्दोष को सजा देने से बेहतर है कि 100 दोषी छूट जाएं।'

यह भी एक बड़ा फैक्ट है कि केजरीवाल को आज तक अदालत ने तलब नहीं किया है, फिर भी वे अभी भी चल रही जांच के बहाने ED के कहने पर न्यायिक हिरासत में हैं। ED यह स्पष्ट करने में विफल रहा है कि पूरी धनराशि का पता लगाने के लिए उसे कितना समय चाहिए।

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ED इस बारे में चुप है कि अपराध की आय का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कैसे किया है, जबकि लगभग 2 साल बाद भी इस पूरे अमाउंट का बड़ा हिस्सा पता लगाना बाकी है।

इसकी भी संभावना है कि केजरीवाल के कुछ परिचित लोग किसी अपराध में शामिल हों या अपराध में शामिल किसी तीसरे व्यक्ति को जानते हों, लेकिन ED अपराध की आय के संबंध में उनके खिलाफ कोई जाहिर सबूत नहीं दे सकी है।


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