रेवंत रेड्डी बने तेलंगाना के तीसरे मुख्यमंत्री, मल्लू भट्टी ने ली डिप्टी सीएम पद की शपथ

 चार दिन की खींचतान के बाद आखिरकार रेवंत रेड्डी ने गुरुवार (7 दिसंबर) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली. हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में लाखों लोगों की मौजूदगी में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने रेवंत रेड्डी को शपथ दिलाई. इस खास मौके को लोगों ने खूब सेलिब्रेट किया.

रेवंत रेड्डी के साथ मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इनके अलावा नलमदा उत्तम कुमार रेड्डी, सी. दामोदर राजनरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, डुडिल्ला श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, डी. अनसूया सीताक्का, तुम्मला नागेश्वर राव, जुपल्ली कृष्णा राव, गद्दाम प्रसाद कुमार ने कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ ली है.

शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन हुआ शामिल?

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुडा जैसे बड़े नाम शामिल रहे. इसके अलावा कांग्रेस के कई और वरिष्ठ नेता भी इस समारोह में मौजूद थे. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और सीपीआई महासचिव डी. राजा रेवंत रेड्डी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

दो दिन पहले रेवंत के नाम पर लगी थी मुहर

बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के बाद सीएम की रेस में कई नाम थे. अचानक खबर आई कि रेवंत रेड्डी प्रदेश के सीएम होंगे और सोमवार शाम वह शपथ लेंगे. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद पार्टी में कुछ नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया और शपथ ग्रहण समारोह को रद्द करना पड़ा. इसके बाद पार्टी के आलाकमान ने दिल्ली में रेवंत रेड्डी के नाम का ऐलान किया. बताया जा रहा है कि छह बार के विधायक और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने रेवंत रेड्डी का विरोध किया था.

कांग्रेस के अभियान का चेहरा थे रेवंत

बेशक रेवंत के विरोधियों ने उन्हें सीएम बनने से रोकने की तमाम कोशिश की, लेकिन वह पार्टी के टॉप लीडरों की पहली पसंद बन रहे. दरअसल, तेलंगाना में चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले और बाद में भी वही बीआरएस के खिलाफ कांग्रेस के अभियान का चेहरा बने रहे. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2023 में 119 में से 64 सीटों पर जीत दर्ज की है.


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दिल्ली में BJP संसदीय दल की बैठक जारी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज संसद भवन परिसर में संसदीय दल की बैठक शुरू हो गई है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई मंत्री मौजूद हैं। तीन राज्यों में भाजपा की धमाकेदार जीत के बाद पीएम मोदी का स्वागत किया गया गया। बैठक में शामिल नेताओं ने 'मोदी जी का स्वागत है' के नारे भी लगाए।

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर चर्चा की संभावना है। तीनों ही राज्यों में अब तक सीएम का ऐलान नहीं हुआ। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा इस बार युवा चेहरों को सत्ता की बागडोर दे सकती है।

विधानसभा चुनाव जीतने वाले सांसदों ने बुधवार को इस्तीफा दिया

इससे एक दिन पहले ही विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने वाले भाजपा के 12 सांसदों में से 10 ने लोकसभा सांसद पद से इस्तीफा दिया था। राजस्थान से चुनाव जीतने वाले महंत बालकनाथ ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है।

संसद सदस्यता छोड़ने वालों में मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप और रीति पाठक हैं। वहीं छत्तीसगढ़ से अरुण साव और गोमती साय, जबकि राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा शामिल हैं।

राजस्थान में सीएम पद को लेकर असमंजस

राजस्थान बीजेपी में यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरे हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं, इसलिए असमंजस नहीं हुआ था।

वहीं बुधवार देर रात पूर्व सीएम वसुंधरा राजे दिल्ली पहुंचीं। रात करीब साढ़े 10 बजे वे जयपुर एयरपोर्ट से निकली थीं। बताया जा रहा है कि वे गुरुवार को संगठन के नेताओं से मुलाकात करेंगी। हालांकि दिल्ली बुलाने के कयासों के बीच वसुंधरा ने एयरपोर्ट पर कहा- मैं बहू से मिलने जा रही हूं। 

मध्य प्रदेश में CM बनने की रेस में शिवराज के साथ 5 बड़े नेता

मध्य प्रदेश संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान के बाद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम लिए जा रहे हैं। हालांकि, शिवराज सिंह के बाद वीडी शर्मा ने भी कहा है कि वे सीएम की रेस में नहीं हैं। 

छत्तीसगढ़ में 8 दिसंबर को विधायक दल की बैठक संभव

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसका फैसला आज हो सकता है। पूर्व सीएम और भाजपा नेता रमन सिंह ने भी एक दिन पहले कहा था कि 3 दिन में फैसला हो जाएगा। इससे पहले बुधवार को विधानसभा चुनाव जीते 3 सांसदों- अरुण साव, गोमती साय और रेणुका सिंह ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रेणुका दिल्ली पहुंच गई हैं। इस्तीफे की बात पर उन्होंने कहा कि पार्टी जैसा निर्देश देगी, वैसा करेंगे।

 

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अमित शाह का लोकसभा में कांग्रेस पर बड़ा हमला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस पर बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि नेहरू की गलतियों के कारण PoK बना है. अमित शाह ने कहा, ''दो बड़ी गलतियों पंडित नेहरू के प्रधानमंत्री रहते हुए हुई, उनके कारण सालों तक कश्मीर को भुगतना पड़ा. जब हमारी सेना जीत रही थी, तब पंजाब का एरिया आते ही सीजफायर कर दिया गया और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का जन्म हुआ.''

कांग्रेस सांसदों ने जताई आपत्ति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कहा, ''अगर सीजफायर तीन दिनों की देरी से हुई होती तो, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत का आज हिस्सा होता. संयुक्त राष्ट्र में हमारे मसले को ले जाया गया, जो एक बड़ी गलती है.'' अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई और सदन में जमकर हंगामा हुआ. 

कांग्रेस सांसदों ने किया वॉकआउट 

इसपर अमित शाह ने कहा कि अगर गुस्सा होना है तो मुझपर नहीं, नेहरू पर गुस्सा हों. इसके बाद कांग्रेस के सांसद लोकसभा से वॉकआउट कर गए. अमित शाह ने कहा, "पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं. कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और PoK में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है."

इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी सरकार की कई उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने कहा, "मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व परिवर्तन देखा गया. केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में सभी व्यक्तियों का पांच लाख रुपये तक के इलाज का खर्च उठाती है. अब घाटी में 100 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो रही है और 100 से अधिक मूवी थिएटरों के लिए बैंक ऋण प्रस्ताव प्रक्रिया में है."

लोकसभा चुनाव में जीत का दावा

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ''मुझे विश्वास है कि 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापसी करेगी और मुझे उम्मीद है कि 2026 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी.'' गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के बाद जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल लोकसभा से पारित हो गया है.      

 


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कोर्ट ने कहा- बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने का असर असम पर नहीं पड़ा

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (5 दिसंबर) को असम में सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A से जुड़ी 17 याचिकाओं पर 5 जजों की बेंच में सुनवाई शुरू कर दी। दो जजों की बेंच ने 2014 में इस मामले को कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच के पास भेज दिया था।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। बेंच ने इस एक्ट के लाभार्थियों का डेटा मांगा है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो बताता हो कि 1966 से 1971 के बीच बांग्लादेशी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का असर असम की जनसंख्या और सांस्कृतिक पहचान पर पड़ा हो।

असम में सीमा पार से हो रही घुसपैठ को स्वीकार करते हुए CJI ने कहा कि बांग्लादेश की मुक्ति के लिए 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के कारण अप्रवासी भी आए थे।

इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से 1966 से 16 जुलाई 2013 तक कानून के तहत लाभ हासिल करने वाले लोगों का डेटा सबमिट करने कहा।

याचिकाकर्ताओं ने प्रावधान अमान्य घोषित करने और 1951 के बाद असम आए भारतीय मूल के लोगों के पुनर्वास के लिए नीति बनाने का निर्देश देने की मांग की है।

क्या कहती है सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A

असम समझौते के तहत भारत आने वाले लोगों की नागरिकता से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़ी गई थी। जिसमें कहा गया है कि जो लोग 1985 में बांग्लादेश समेत क्षेत्रों से 1 जनवरी 1966 या उसके बाद लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले असम आए हैं और तब से वहां रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

नतीजतन, इस प्रावधान ने असम में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की अंतिम तारीख 25 मार्च 1971 तय कर दी।

कोर्ट ने कहा- बांग्लादेश बनने में हमारी भी अहम भूमिका थी

CJI की बेंच ने कहा- एक बात ध्यान रखें यदि संसद अवैध आप्रवासियों के केवल एक ग्रुप को माफी दे देती है तो यह बहुत अलग है। लेकिन इससे इनकार नहीं कर सकते कि धारा 6ए तब लागू किया गया था जो हमारे इतिहास से जुड़ा है। बांग्लादेश बनने में भारत की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी, क्योंकि बांग्लादेश की तरह हम भी युद्ध का हिस्सा थे और तब अवैध रूप से लोग भारत आए थे।

याचिकाकर्ता के वकील बोले

नागरिकता अधिनियम 1955 के संशोधित प्रावधान का विरोध करने वाले असम के कई याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए एडवोकेट दीवान ने कहा कि इस संशोधन ने संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन किया है जो राष्ट्र की धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में असम से ज्यादा अवैध अप्रवासी हैं। यह प्रावधान असम के लिए इस तरह लागू किया गया जैसे कि यह बाहरी लोगों को आने और भारतीय नागरिकता हासिल करने का लाइसेंस हो।

दीवान ने बांग्लादेश से असम में आए लोगों की वजह से होने वाले खतरों पर असम के पूर्व राज्यपाल एस के सिन्हा द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अंश भी कोर्ट के सामने रखे। जिसमें लिखा था कि अवैध प्रवासियों के आने से जिले मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बदल रहे हैं। कुछ समय बाद बांग्लादेश के साथ उनके विलय की मांग की जा सकती है।



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लोकसभा में नारे लगे- तीसरी बार मोदी सरकार

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 4 दिसंबर से शुरू हो गया। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचते ही एनडीए के सांसदों ने उनका जोरदार स्वागत किया। सांसदों ने नारे लगाए- बार-बार मोदी सरकार। तीसरी बार मोदी सरकार। यह सेशन 22 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में 15 बैठके होंगी।

वहीं, सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से अपील की। उन्होंने कहा कि बाहर मिली पराजय का गुस्सा सदन में मत निकालिए। सभी का भविष्य उज्ज्वल है। सदन में सकारात्मक चर्चा कीजिए।

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने बैनर लहराए। इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन में प्लेकार्ड्स नहीं ला सकते। सदन नियमों के मुताबिक ही चलेगा। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

मोदी बोले- विपक्ष के लिए ये सत्र अपनी बात रखने का अच्छा मौका

पीएम ने कहा कि राजनीतिक गर्मी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। चार राज्यों के नतीजे आए हैं। बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम हैं। ये देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं। महिलाएं, युवा, किसान और गरीब ये ऐसी महत्वपूर्ण जातियां हैं, जिनका एम्पॉवरमेंट जरूरी है। जब आप लोक कल्याण के लिए काम करते हैं तो एंटी-इन्कंबेंसी फैक्टर खत्म हो जाता है।

नई संसद है, कुछ कमियां महसूस हो सकती हैं। उन्हें दूर करेंगे। मुझे विश्वास है कि स्पीकर और उपराष्ट्रपति के निर्देशन में संसद चलेगी। सत्र के लिए हम विपक्ष के साथियों के साथ चर्चा करते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। लोकतंत्र का ये मंदिर जनआकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नींव मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण मंच है। सभी सांसद ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं। बिलों पर अच्छी बहस हो और ज्यादा से ज्यादा सुझाव आएं। जब चर्चा नहीं होती तो देश इन चीजों को मिस करता है। वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार पर कहूं तो विपक्ष के साथियों के लिए अच्छी अपॉरच्युनिटी है।

पिछले 9 साल की नकारात्मकता छोड़कर सकारात्मकता लेकर आइए। सबका भविष्य उज्जवल है। बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारिए। लोकतंत्र के मंदिर के वो मंच मत बनाइए। थोड़ा सा अपना रुख बदलिए। देशहित में सकारात्मकता का साथ दीजिए। देश के मन में कुछ बातों को लेकर नफरत पैदा हो रही है, उसे दूर कीजिए। सदन की कार्यवाही में सहयोग दीजिए। देश को सकारात्मकता का संदेश दें। लोकतंत्र में विपक्ष में महत्वपूर्ण और सामर्थ्यवान है। अब देश विकसित होने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहता। सभी सांसद इस भाव का आदर करते हुए आगे बढ़ें।

सत्र शुरू होने से पहले I.N.D.I.A ब्लॉक की मीटिंग हुई

सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक के सांसदों ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग की। इसमें सदन की कार्यवाही को लेकर रणनीति तैयार की गई। विपक्षी सांसदों ने तय किया कि महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट सदन में रखे जाने से पहले लीक कैसे हो गई, इसे सदन में उठाया जाएगा।

विपक्ष के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार

सत्र की शुरुआत से ठीक पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें 23 दलों के 30 नेता शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने क्रिमिनल लॉ के अंग्रेजी नामकरण की मांग, महंगाई, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और मणिपुर के मुद्दों को भी उठाया।

मीटिंग के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। बशर्ते विपक्ष चर्चा के लिए माहौल बना रहने दे। इसलिए विपक्ष से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया गया है।

जो बिल पेश किए जाने हैं, उनके बारे में जानिए:

भारतीय न्याय संहिता 2023 : मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया। ये बिल इंडियन पीनल कोड, 1860 (IPC) की जगह लेगा। भारतीय न्याय संहिता लोकसभा में पेश होने के बाद स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया था। 10 नवंबर को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 : भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भी मानसून सेशन में आया था। इसका उद्देश्य कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर 1973 (CrPC) की जगह लेना है। 11 अगस्त, 2023 को इसे लोकसभा में पेश किया गया था। फिर स्टैडिंग कमेटी के पास भेजा गया।

चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर (अपॉइंटमेंट, कंडीशंस एंड टर्म ऑफ ऑफिस) बिल 2023 : मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए ये बिल लाया गया। चुनाव आयुक्तों की योग्यता का आधार क्या होगा, सर्विस के दौरान क्या नियम कानून होंगे, ये सब इसी बिल के आधार पर तय होगा। ये बिल 10 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था।

एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इस बिल के पास होने पर लीगल प्रैक्टिसनर एक्ट 1879 से कुछ सेक्शंस को हटाया जाएगा। उन्हें एडवोकेट्स एक्ट 1961 के अंतर्गत लाया जाएगा। ये बिल राज्यसभा में पास हो चुका है, लोकसभा में पेंडिंग है।

जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2023 : जम्मू-कश्मीर के वीक एंड अंडर प्रिविलेज्ड क्लास का नाम बदल कर अदर बैकवर्ड क्लास किया जाएगा। 26 जुलाई को लोकसभा में बिल पेश किया गया था, अभी पास होना बाकी है।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (अमेंडमेंट) बिल 2023 : जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 83 सीटों को बढ़ाकर 90 सीट किया जाएगा। 7 सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की जाएंगी। बिल 26 जुलाई 2023 को लोकसभा में पेश किया जा चुका है। इस बिल में विधानसभा की एक सीट विस्थापित नागरिक और दो सीटें कश्मीरी पंडितों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है।

द कॉन्स्टिट्यूशन (जम्मू-कश्मीर) शेड्यूल्ड कास्ट ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इस बिल के पारित होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछड़े जातीय समुदायों के लिए 'वाल्मीकि' शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही राज्य की अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इस साल 26 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया था।

द कॉन्स्टीट्यूशन (जम्मू-कश्मीर) शेड्यूल्ड ट्राइब ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इस बिल के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए अनुसूचित जनजाति की लिस्ट अलग-अलग होगी।

द पोस्ट ऑफिस बिल 2023 : यह बिल भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 को निरस्त करेगा। पोस्ट ऑफिस की कार्यप्रणाली, शिपमेंट की प्रक्रिया के प्रावधान तय किए जाएंगे। ये बिल राज्यसभा में पेश किया जा चुका है।

द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिक बिल 2023 : प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट 1867 को खत्म करेगा। इसके अंतर्गत अखबारों, वीकली, मैगजीन और बुक्स का रजिस्ट्रेशन भी होगा। इस बिल के पास होने के बाद प्रेस रजिस्ट्रार जनरल की नियुक्ति होगी। ये बिल इस साल 3 अगस्त को राज्यसभा में पास हो चुका है।

वे बिल जो पहली बार इस सत्र में टेबल किए जाएंगे

जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाजेशन (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इसके तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा की एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।

द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (अमेंडमेंट) बिल 2023 : पुडुचेरी विधानसभा में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने का प्रावधान होगा।

द नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ डेल्ही लॉज (स्पेशल प्रोवीजन) सेकंड (अमेंडमेंट) बिल 2023 : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की अवधि को तीन साल के लिए बढ़ाया जाएगा। बिल के पास होने पर 31 दिसंबर 2026 तक कार्रवाई पर रोक लग जाएगी।

द सेंट्रल यूनिवर्सिटी (अमेंडमेंट) बिल 2023 : ये बिल तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए लाया जा रहा है।

द बॉयलर्स बिल 2023 : ये बिल स्टीम बॉयलर्स को रेगुलेट करने वाले बॉयलर्स एक्ट की जगह लेगा।

महुआ के निष्कासन पर अधीर-रंजन का लोकसभा स्पीकर को लेटर

पार्लियामेंट का विंटर सेशन शुरू होने से पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को 4 पन्नों का लेटर लिखा। जिसमें रंजन ने कहा कि - टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करना बेहद गंभीर सजा होगी। इसका बड़े पैमाने पर असर होगा। 



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6 दिसंबर को INDIA गठबंधन की चौथी बैठक

नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की चौथी बैठक 6 दिसंबर को दिल्ली में होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के सभी 28 दलों को मीटिंग के लिए बुलाया है।

पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) में चुनावी नतीजों के बाद विपक्षी दलों की यह पहली बैठक है। इस बैठक में चुनाव नतीजों पर मंथन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना विधानसभा चुनाव का परिणाम आज आ रहा है। जबकि मिजोरम में वोटों की गिनती 4 दिसंबर को होगी।

INDIA अलायंस की पिछली और तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त-1 सितंबर को हुई थी। मीटिंग में अलायंस ने 5 कमेटियों का गठन किया था। इनमें कैंपेन कमेटी, कोऑर्डिनेशन/स्ट्रैटजी कमेटी, मीडिया, सोशल मीडिया और रिसर्च कमेटी शामिल हैं। इस बैठक में 28 विपक्षी दलों ने पांच राज्यों में हो चुके चुनाव की रणनीति तैयार की थी। 

विपक्षी एकता की दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आए थे। इस बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA तय किया गया था। इसका फुल फॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस है। 

विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी। इस बैठक की अगुआई बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने की थी। बैठक में विपक्ष के 15 दल शामिल हुए थे। ये बैठक अगले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार का सामना करने के लिए विपक्ष को एकसाथ लाने के लिए थी। 

I.N.D.I.A गठबंधन की कैंपेन कमेटी के 21 सदस्य
I.N.D.I.A गठबंधन की कैंपेन कमेटी के 21 सदस्यों के नाम हैं- गुरदीप सिंह सप्पल (कांग्रेस), संजय झा जद (यू), अनिल देसाई (एसएस), संजय यादव (RJD), पीसी चाको (NCP), चंपई सोरेन (झामुमो), किरणमय नंदा (सपा), संजय सिंह (AAP), अरुण कुमार (CPI-M), बिनॉय विश्वम (CPI), रिटायर्ड जस्टिस हसनैन मसूदी (NC), शाहिद सिद्दीकी (RLD), एनके प्रेमचंद्रन, (RSP), जी देवराजन (AIFB), रवि राय (CPI-ML), थिरुमावलन (VCK), केएम कादर मोइदीन (IUML), जोस के मणि (KC-M), तिरुचि शिवा (DMK), मेहबूब बेग (PDP) और TMC (नाम तय नहीं)।

14 सदस्यीय कोऑर्डिनेशन कमेटी में 1 CM, एक डिप्टी CM, दो पूर्व मुख्यमंत्री
विपक्ष की कोऑर्डिनेशन कमेटी में 1 CM, 1 डिप्टी CM, दो पूर्व CM, 5 राज्यसभा और 2 लोकसभा सांसदों को जगह दी गई है। इसके अलावा लेफ्ट से दो नेताओं को कमेटी में शामिल किया गया है।

कमेटी में झारखंड के CM हेमंत सोरेन (JMM), बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव (RJD)। जम्मू-कश्मीर से दो पूर्व मुख्यमंत्री- उमर अब्दुल्ला (NC) और महबूबा मुफ्ती (PDP) हैं।

पांच राज्यसभा सांसद- केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), संजय राउत (शिवसेना UBT), शरद पवार (NCP), राघव चड्ढा (AAP) और जावेद अली खान (SP)।

लोकसभा के दो सांसद- ललन सिंह (JDU), अभिषेक बनर्जी (TMC)। डी राजा (CPI) और एक सदस्य CPI (M) से शामिल किया गया है। CPI (M) के सदस्य के नाम की घोषणा नहीं की गई है।



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सदन में 26 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

 उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन के पटल पर बुधवार को 2023-2024 का पहला अनुपूरक बजट रखा गया. योगी सरकार का अनुपूरक बजट 26760.67 करोड़ का है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पेश किए गए बजट में कई नई योजनाओं का भी प्रावधान किया गया है. अनुपूरक बजट में 7421 करोड़ की नई योजनाओं को जोड़ा गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में मौजूद हैं. अनुपूरक बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री योगी सदन को संबोधित कर सकते हैं. 

अनुपूरक बजट में लोकसभा चुनाव की झलक

अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव की झलक भी अनुपूरक बजट में देखी जा सकती है. कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोक लुभावन खाके पेश किए गए हैं. सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने बताया कि 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये का सालाना स्वास्थ्य बीमा सरकार उपलब्ध करवा रही है. उत्तर प्रदेश के लोग किसी भी निजी अस्पताल में योजना का लाभ उठा सकते हैं.

अखिलेश यादव ने सदन में पूछे तल्ख सवाल

सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने सवालों की लंबी फेहरिस्त तैयार की है. बेरोजगारी, बिजली, कानून-व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर विपक्ष ने तेवर तल्ख किए हैं. शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खेती-किसानी का मुद्दा उठाकर तेवर दिखा दिए. उन्होंने पूछा कि "क्या गेहूं सरकार ने खरीदा या निजी कंपनियों को खरीदवाया गया?" उन्होंने खेती के उपकरणों पर लगनेवाला जीएसटी का मुद्दा भी उठाया. योगी सरकार से अखिलेश यादव ने जानना चाहा कि क्या डबल इंजन की सरकार खजाने से किसानों के लिए सौगात का पिटारा खोलेगी? क्या खेती उपकरणों पर लगनेवाले 12 से 18 फीसद जीएसटी की दर में कमी आएगी?


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पीएम मोदी पर 'पनौती' टिप्पणी के लिए राहुल गांधी को पोल बॉडी नोटिस मिला

चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में बताया कि आदर्श आचार संहिता नेताओं को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाने से रोकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी 'पनौती' टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग के निशाने पर आ गए हैं। आयोग ने आज उन्हें नोटिस भेजकर भाजपा द्वारा दायर शिकायत में लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण देने को कहा। उन्हें शनिवार शाम तक अपना जवाब दाखिल करना है.

भाजपा की शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि श्री गांधी ने राजस्थान में अपने अभियान के दौरान अन्य अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और असत्यापित आरोप लगाए, जहां शनिवार को विधानसभा चुनाव होने हैं। शिकायत में कहा गया है कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल एक वरिष्ठ नेता के लिए "अशोभनीय" है।

चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में बताया कि आदर्श आचार संहिता नेताओं को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाने से रोकती है।

मंगलवार को राजस्थान में एक रैली में बोलते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर चुनाव के केंद्र में प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा, "वह टीवी पर आते हैं और 'हिंदू-मुस्लिम' कहते हैं और कभी-कभी क्रिकेट मैच में चले जाते हैं।" रविवार को विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे लड़के विश्व कप जीत सकते थे, लेकिन पनौती (अपशकुन) के कारण हम मैच हार गए।" उन्होंने कहा था, ''पीएम का मतलब पनौती मोदी है.''

पीएम मोदी ने अहमदाबाद के एक स्टेडियम में खेले गए मैच में भाग लिया था, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है।

मीम्स सहित यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, लेकिन गुस्साए भाजपा ने माफी की मांग की।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी 'पनौती' टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग के निशाने पर आ गए हैं। आयोग ने आज उन्हें नोटिस भेजकर भाजपा द्वारा दायर शिकायत में लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण देने को कहा। उन्हें शनिवार शाम तक अपना जवाब दाखिल करना है.

भाजपा की शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि श्री गांधी ने राजस्थान में अपने अभियान के दौरान अन्य अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और असत्यापित आरोप लगाए, जहां शनिवार को विधानसभा चुनाव होने हैं। शिकायत में कहा गया है कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल एक वरिष्ठ नेता के लिए "अशोभनीय" है।

चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में बताया कि आदर्श आचार संहिता नेताओं को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाने से रोकती है।

मंगलवार को राजस्थान में एक रैली में बोलते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर चुनाव के केंद्र में प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा, "वह टीवी पर आते हैं और 'हिंदू-मुस्लिम' कहते हैं और कभी-कभी क्रिकेट मैच में चले जाते हैं।" रविवार को विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे लड़के विश्व कप जीत सकते थे, लेकिन पनौती (अपशकुन) के कारण हम मैच हार गए।" उन्होंने कहा था, ''पीएम का मतलब पनौती मोदी है.''

पीएम मोदी ने अहमदाबाद के एक स्टेडियम में खेले गए मैच में भाग लिया था, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है।

मीम्स सहित यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, लेकिन गुस्साए भाजपा ने माफी की मांग की।  

मतदान का रिकॉर्ड बनाएं: राजस्थान में आज मतदान के दौरान पीएम मोदी की लोगों से अपील

पीएम मोदी की विकसित भारत संकल्प यात्रा को यूपी समेत अन्य राज्यों में झंडी दिखाकर रवाना किया गया

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से मडिगा समुदाय को कोटा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टिप्पणी "शर्मनाक, निंदनीय और अपमानजनक" है।

केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि उन्होंने "हताशा और मानसिक अस्थिरता" का संकेत दिया है।

"एक 55 वर्षीय व्यक्ति जिसने अपने जीवन में एक दिन भी काम नहीं किया है, जिसके परिवार ने अपने भ्रष्टाचार से दशकों तक परजीवियों की तरह देश का शोषण किया है और जिसकी सरकार ने #LostDecade में देश को आर्थिक रूप से नष्ट कर दिया है, उसका हमारे प्रधानमंत्री के बारे में इस तरह जिक्र करना हताशा और मानसिक संकेत है अस्थिरता,'' एक्स, पूर्व में ट्विटर पर उनकी पोस्ट पढ़ी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री गांधी पर "राष्ट्र-विरोधी" होने का आरोप लगाया।

पीएम मोदी पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता के तंज के कारण मानहानि के एक मामले के बाद उन्हें इस साल की शुरुआत में संसद से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। चार महीने बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी तो उन्हें बहाल कर दिया गया।


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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को मिला चुनाव आयोग का नोटिस

 चुनाव आयोग (ईसी) ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को बीजेपी दिल्ली के ऑफिशियल अकाउंट से शेयर किए गए अपमानजनक पोस्ट पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस संबंध में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद सचदेवा को नोटिस मिला है. उन्हें 23 नवंबर रात 8 बजे तक इसका जवाब देना है और बताना है कि क्यों उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

चुनाव आयोग ने माना है कि पहली नजर में ये साफ तौर पर नजर आता है कि आप की तरफ से जिस ट्वीट और पोस्ट को लेकर शिकायत की गई है, वो आदर्श आचार संहिता का पूरी तरह से उल्लंघन करती है. इसमें कहा गया है कि बीजेपी एक राष्ट्रीय पार्टी है. ऐसे में बीजेपी और उसकी दिल्ली यूनिट से अपेक्षा की जाती है कि वे पब्लिक डोमेन में ऐसे कंटेट को पब्लिश और सर्कुलेट करने से पहले फैक्ट्स को वेरिफाई करें. चुनाव आयोग ने बीजेपी के ट्वीट पर आपत्ति भी जताई. 

प्रचार के दौरान चर्चा का गिर रहा स्तर: चुनाव आयोग

दरअसल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों की वजह से 9 अक्टूबर से आदर्श आचार संहिता लागू है. नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा कि इसने पहले ही पार्टियों से कहा है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान उच्च स्तर बनाए रखें. आयोग ने अपने पिछले निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक चर्चा का स्तर गिरते हुए देखा गया है. सभी राजनातिक दलों के स्टार प्रचारकों से उम्मीद की जाती है कि वे गरिमा को बनाए रखें. 

क्या है पूरा मामला? 

आप ने 16 नवंबर को एक वीडियो पर आपत्ति जताते हुए शिकायत दर्ज की थी. इस वीडियो को बीजेपी दिल्ली के ऑफिशियल फेसबुक और एक्स अकाउंट ने 5 नवंबर को पोस्ट किया था. शिकायत में कहा गया, 'बीजेपी पैरोडी के जरिए माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप की छवि को खराब करने का प्रयास कर रही है. बिना किसी आधार के छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है, जो मुख्यमंत्री की बदनामी और लांछन के समान है.'







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दिल्ली LG का चीफ सेक्रेटरी को हटाने से इनकार

द्वारका एक्सप्रेस-वे में हुए कथित घोटाले में दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को हटाने की सिफारिश की थी। इस पर LG विनय कुमार सक्सेना ने रविवार को विचार करने से इनकार कर दिया।

केजरीवाल ने 15 नवंबर को LG विनय कुमार सक्सेना को चिट्‌ठी लिखकर कुमार पर 897 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। 19 नवंबर को LG सक्सेना ने इस रिपोर्ट को पुरानी धारणाओं और अनुमानों पर आधारित बताते हुए इस पर विचार करने से मना कर दिया।

दरअसल, दिल्ली में बने द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं की शिकायत पर दिल्ली की विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी ने जांच करवाई थी। आतिशी ने बताया कि नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनियों को 897 करोड़ का फायदा पहुंचाया है।

रिपोर्ट का मकसद सच्चाई जानना नहीं, राजनीति करना: LG

LG विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि मुझे CM की ओर से विजिलेंस मिनिस्टर की रिपोर्ट बंद लिफाफे में मिली थी, लेकिन ये तो पहले से ही पब्लिक डोमेन में मौजूद है और इसकी डिजिटल कॉपियां सभी के पास हैं। मीडिया इस पर कई खबरें कर चुका है।

सक्सेना ने कहा- शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि इस जांच का मुख्य मकसद सच्चाई जानना नहीं था, बल्कि इसका मीडिया ट्रायल करना, लोगों के बीच धारणा बनाना और अदालतों को गुमराह करना है। साथ ही इस मामले पर राजनीति करना भी है।

केजरीवाल LG को रिपोर्ट सौंप चुके हैं

CM ने बुधवार को LG सक्सेना को लेटर लिखकर नरेश कुमार को पद से हटाने की सिफारिश की थी। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें नरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। 11 नवंबर को मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी ने 3 दिनों में जांच करवाकर 14 नवंबर को रिपोर्ट केजरीवाल को सौंपी।

उन्होंने लेटर के साथ जांच रिपोर्ट भी LG को भी भेजी थी। केजरीवाल ने अपनी विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी को निर्देश दिया था कि वो जांच रिपोर्ट CBI और ED को भी भेज दें।

आतिशी की रिपोर्ट में क्या है

आतिशी ने जांच में पाया कि द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए बामनोली गांव की जमीन का अधिग्रहण होना था। बीते 5 साल में इस जमीन का तय मुआवजा 9 गुना तक बढ़ गया। इस जमीन के मुआवजे से जिस व्यक्ति को फायदा हो रहा था, उसके दामाद की कंपनी में चीफ सेक्रेटरी का बेटा करण चौहान काम करता है।

साथ ही चीफ सेक्रेटरी ने बेटे से जुड़ी कई कंपनियों को सरकारी ठेके दिए और अब इनकी भी जांच होगी। जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मामले में 897 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया है।

आतिशी ने मंगलवार 14 नवंबर को CM केजरीवाल को इस मामले में 650 पेज की जांच रिपोर्ट सौंपी। इसमें आतिशी ने बामनोली भूमि अधिग्रहण में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए ED और CBI से जांच करने की मांग की है।

5 साल में मुआवजा 41 करोड़ से 353 करोड़ हो गया

द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए दिल्ली के साउथ-वेस्ट में बसे बमनोली गांव की 19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। नरेश के चीफ सेक्रेटरी बनने के 40 दिन बाद हेमंत कुमार साउथ-वेस्ट जिले के DM बने। 2018 में इस जमीन के लिए 41 करोड़ 50 लाख तय किए मुआवजे को 2023 में DM हेमंत कुमार ने बढ़ाकर 353 करोड़ रुपए कर दिया।

मुआवजे की रकम बढ़ाने के पीछे हेमंत ने तर्क दिया- इस जमीन को पहले कृषि भूमि बता दिया गया था, जबकि यह रिहायशी भूमि है। जमीन की कीमत भी उसी हिसाब से मिलनी चाहिए। जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसे ऑडिट कराया तो पता चला कि 1 किलोमीटर सड़क बनाने में 251 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। जबकि 1 किलोमीटर के निर्माण के लिए 18 करोड़ रुपए पास किए गए थे।

द्वारका एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार, 3-4 महीने में शुरू होगा.. VIDEO:गडकरी बोले- जाकर देखिए, इतना सुंदर बनाया है… 100 साल तक भूल नहीं पाएंगे

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेस-वे का ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार बताया।

CAG रिपोर्ट- द्वारका एक्सप्रेस-वे की लागत अनुमान से ज्यादा:अफसरों ने रिपोर्ट खारिज की; नाराज गडकरी बोले- जिम्मेदारी तय करें

दिल्ली-हरियाणा के बीच बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर CAG की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के निर्माण में अनुमान से ज्यादा खर्च किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अफसरों ने रिपोर्ट खारिज कर दी थी।


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