हरिद्वार पहुंची अनोखी कांवड़, 50 रुपये के नोटों से सजी,लगे हैं 55 हजार

श्रावण मास के कांवड़ मेले में शिवभक्त कांवड़ यात्री गंगा जल लेने लगातार हरिद्वार पहुंच रहे हैं। मेले के दूसरे दिन मंगलवार को भी इनकी वापसी का क्रम जारी रहा। करीब चार लाख कांवड़िए जल के लिए हरिद्वार से रवाना हुए।

दो दिनों में हरिद्वार से गंगाजल लेकर रवाना होने वाले कांवड़ तीर्थ यात्रियों की कुल संख्या छह लाख 40 हजार हो गई है। हरकी पैड़ी और आसपास के सभी घाटों पर पैरों में घुंघरू बांधे बम-बम भोले के जयकारे लगाते शिवभक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है।

कांवड़ के विविध रंग

एक ओर जहां कांवड़ तीर्थ यात्री अपनी वेषभूषा से मन मोह रहे हैं, वहीं कांवड़ मेले में कांवड़ के विविध रंग नजर आ रहे हैं। हरिद्वार से गंगाजल लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई नोटों से सजी कांवड़ सबके आकर्षण का केंद्र रही। दिल्ली के कांवड़ यात्रियों का एक समूह 50 रुपये के नोटों से सजी कांवड़ में गंगाजल भरकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ।

इस समूह में शामिल मोनू ने बताया कि वे हर वर्ष कांवड़ लेने हरिद्वार आते हैं। पिछले वर्ष वे 20 रुपये के नोटों से सजी कांवड़ लेकर गए थे। जिसमें कुल 36 हजार रुपये लगे थे। इस बार 50 रुपये के नोटों से कांवड़ को सजाकर ले जा रहे हैं। जिसमें 55 हजार रुपये लगे हैं।

उन्होंने बताया कि कांवड़ में लगे नोटों को भंडारे व अन्य धार्मिक आयोजनों पर खर्च करेंगे। इसके अलावा कई अन्य आकर्षक कांवड़ ने अपनी ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया। वहीं, कांवड़ मेले की व्यवस्था को परखने के लिए एसएसपी प्रेमेंद्र डोबाल ने हरकी पैड़ी पर संध्याकालीन आरती के समय अपनी टीम के साथ पैदल गंगा घाट से लेकर हाईवे तक निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।



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'दुकान मालिकों को नाम बताने की जरूरत नहीं', नेमप्लेट विवाद पर यूपी सरकार को झटका, SC ने फैसले पर लगाई रोक

कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटलों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यूपी प्रशासन के फैसले पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने तीन राज्य सरकारों को भेजा नोटिस 

कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं। दुकान मालिकों को नाम बताने की जरूरत नहीं है। दुकानदारों को सिर्फ खाने के प्रकार बताने की जरूरत है। मतलब यह कि दुकान पर सिर्फ लिखे होन की जरूरत है कि वहां मांसाहारी खाना मिल रहा है या शाकाहारी खाना। कोर्ट ने इस मामले में अदालत ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

महुआ मोइत्रा ने दायर की याचिका 

कोर्ट ने एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स द्वारा याचिका दाखिल की गई। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसे अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।  जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

पुलिस सख्ती से लागू करवा रही आदेश: याचिकाकर्ता

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या यह प्रेस स्टेटमेंट था या औपचारिक आदेश था कि इन्हें प्रदर्शित किया जाना चाहिए? याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब दिया कि पहले एक प्रेस स्टेटमेंट था और फिर लोगों में आक्रोश था और वे कहते हैं कि यह स्वैच्छिक है लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं।

वकील ने कहा कि कोई औपचारिक आदेश नहीं है, बल्कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक छद्म आदेश है।

एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने कहा,"अधिकांश लोग बहुत गरीब सब्जी और चाय की दुकान के मालिक हैं और इस तरह के आर्थिक बहिष्कार के अधीन होने पर उनकी आर्थिक मृत्यु हो जाएगी। अनुपालन नहीं करने पर दुकानदारों को बुलडोजर कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।"

सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि हमें स्थिति को इस तरह से बयान नहीं करना चाहिए कि जमीन पर जो है, उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए। इन आदेशों में सुरक्षा और स्वच्छता के आयाम भी हैं।

सिंघवी का कहना है कि कांवर यात्राएं दशकों से होती आ रही हैं और मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध समेत सभी धर्मों के लोग उनके रास्ते में उनकी मदद करते हैं। अब आप किसी विशेष धर्म का बहिष्कार कर रहे हैं।"

अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या दी दलील?

अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा,"बहुत सारे शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां हैं जो हिंदुओं द्वारा चलाए जाते हैं और उनमें मुस्लिम कर्मचारी भी हो सकते हैं, क्या मैं कह सकता हूं कि मैं वहां जाकर नहीं खाऊंगा क्योंकि खाना किसी न किसी तरह से मुस्लिमों या दलितों द्वारा छुआ जाता  है?

सिंघवी कहते हैं कि निर्देश में कहा गया है "स्वेच्छा से" (इच्छा से) लेकिन स्वेच्छा कहां है?

मुजफ्फरनगर प्रशासन के आदेश के बाद मचा हंगामा

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इसे पूरे राज्य में बढ़ा दिया है। इस सप्ताह की शुरुआत में मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा आदेश जारी किया गया था कि कांवड़ यात्रा वाले रूट पर दुकानदार अपनी दुकान पर नेमप्लेट लगाएं ताकि कावड़ियां को पता चले कि दुकानदार का नाम क्या है।


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दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पुलिस ने बंद कराईं मीट की दुकानें, कांवड़ मार्ग पर नॉनवेज रेस्टोरेंट भी नहीं खुले

दिल्ली−देहरादून हाईवे-58 पर पुलिस ने मीट की दुकानें, रेस्टोरेंट और ठेलों को बंद करा दिया है। इस क्षेत्र में पुलिस लगातार गश्त कर रही है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि अगर कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी मीट की दुकान खुली पाई गई तो मुकदमा दर्ज होगा और सामान जब्त कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पहले सोमवार पर उमड़ रही भीड़

दो अगस्त को पावन शिवरात्रि का पर्व है। आज सोमवार से सावन का पवित्र महीने का शुभारंभ हो गया है। मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जलाभिषेक को उमड़ रही है। हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर कांवड़िये अपने गंतव्य की ओर दून हाईवे-58 से निकलना शुरू हो गए हैं। जिसके चलते पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर जो भी मीट की दुकान, रेस्टोरेंट और ठेले लगे थे, उन सबको बंद करा दिया है। साथ ही शराब की दुकानों को त्रिपाल से ढकवा दिया गया है।

रविवार रात में खुली दुकान तो पहुंची पुलिस

रुड़की रोड पर सोफीपुर गेट के पास और कंकरखेड़ा में सरधना बाईपास फ्लाईओवर के नजदीक रविवार रात को मीट की दुकान खुली थी, जिसे पुलिस ने बंद कर दिया। साथ ही दोबारा इस तरह की हरकत करने पर मुकदमा दर्ज की चेतावनी दी है।

पुलिस ने हाईवे पर किया सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सीओ दौराला शुचिता सिंह ने बताया कि कंकरखेड़ा से लेकर मोदीपुरम, पल्लवपुरम और दौराला थाना क्षेत्र में जितनी भी कावड़ मार्ग पर मीट की दुकानें हैं, सब बंद करा दी है। खोलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी। साथ ही पुलिस को लगातार गस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखने पर उससे सख्ती से पूछताछ करने को कहा गया है। कावड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के हाईवे पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 


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गाजियाबाद डिपो से 52 रुपये तक बढ़ेगा हरिद्वार का किराया, बसों में भोले के भजनों पर झूमेंगे भक्त

 भोले के भक्त आज सोमवार से सावन शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार जाना शुरू कर देंगे। इनके लिए बसे आरक्षित की गई हैं। 22 जुलाई से डायवर्जन के कारण हरिद्वार जाने वाली बसों के किराए में भी वृद्धि होगी।

करीब 250 बसें की गई आरक्षित

हरिद्वार जाने के लिए गाजियाबाद रीजन के आठ डिपो की करीब 250 बसें आरक्षित की गई हैं। ज्यादातर बसों का संचालन गाजियाबाद डिपो से किया जाएगा। कौशांबी डिपो से जरूरत पड़ने पर ही बसों का संचालन होगा।

रविवार तक गाजियाबाद डिपो से जो बसें मोहननगर, मुरादनगर, मेरठ होते हुए हरिद्वार जा रही हैं उनका किराया 336 रुपये लिया जा रहा है। डायवर्जन होने पर जो बसें मेरठ एक्सप्रेसवे, बिजनौर होते हुए हरिद्वार जाएंगी उनका किराया 371 रुपये निर्धारित किया गया है।

जो बसें गाजियाबाद से हापुड़, सोहराब गेट होते हुए हरिद्वार जाएंगी उनका किराया 369 रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं डायवर्जन के कारण कौशांबी से गढ़मुक्तेश्वर, बरेली, कालागढ़ समेत विभिन्न मार्ग बदलने से भी बसों की दूरी बढ़ेगी। इससे किराया भी बढ़ जाएगा।27 से लालकुआं व हापुड़ चुंगी से होगा बसों का संचालन

27 जुलाई को शहर के अंदर से भी डायवर्जन होने के कारण हरिद्वार की बसें भी हापुड़ चुंगी व लालकुआं से संचालित की जाएंगी। यहीं से कांवड़ यात्रियों को बसें मिलेंगी। ये सभी बसे साधारण होंगी।

बस अड्डे पर साफ-सफाई व पानी की रहेगी व्यवस्था

कांवड़ यात्रा को देखते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक ने कौशांबी व गाजियाबाद डिपो से साफ-सफाई के साथ ही पानी की व्यवस्था करने के कड़े आदेश दिए हैं। यहां पर तीन शिफ्टों पर कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। पूछताछ केंद्र पर 24 घंटे कर्मी तैनात रहेंगे। कांवड़ियों को समस्या होने तक समाधान किया जाएगा।

गाजियाबाद डिपो से हरिद्वार की बसों का किराया

गाजियाबाद डिपो से मोदीनगर-बिजनौर-हरिद्वार 336 रुपये -235 किमी

गाजियाबाद डिपो से मेरठ एक्सप्रेसवे-बिजनौर-हरिद्वार 371 रुपये -247 किमी

गाजियाबाद डिपो से हापुड़-हरिद्वार 369 रुपये -245 किमी

गाजियाबाद डिपो से सीधे हरिद्वारा 319 रुपये -201 किमी

कौशांबी डिपो से हरिद्वार की बसों का किराया

वर्तमान में : कौशांबी से मोहननगर-मुरादनगर-मोदीनगर-मेरठ-हरिद्वार 345 रुपये

डायवर्जन : कौशांबी से मेरठ एक्सप्रेसवे-मुजफ्फरनगर-हरिद्वार 377 रुपये

डायवर्जन : कौशांबी से किठौर-बिजनौर-लजीबाबाद-हरिद्वार 402 रुपये

डिपो का उत्तराखंड परिवहन से अनुबंध नहीं

कासना स्थित ग्रेटर नोएडा डिपो का उत्तराखंड परिवहन विभाग से अनुबंध नहीं होने के कारण हरिद्वार के लिए बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। शहर के सेक्टर,सोसायटी और गांव में रहने वालों को गंगाजल लाने के लिए सिटी सेंटर नोएडा जाना पड़ रहा है,जिसके कारण भोले के भक्तों को काफी परेशानी हो रही हैं। उन्हें करीब 25 से 30 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ रहा है,जिससे उनका समय और पैसे भी अधिक खर्च हो रहे हैं।

बता दें हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए ग्रेटर नोएडा, दादरी और आसपास के गांवों से हजारों संख्या में लोग जाते है। इनके जाने के लिए ग्रेटर नोएडा डिपो ने कोई व्यवस्था नहीं की है। डिपो से से भले ही आगरा,इटावा,हाथरस, अलीगढ़ समेत कई रूट पर बसों का संचालन होता है,लेकिन हरिद्वार जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हजारों यात्रियों को बस से जाने के लिए नोएडा जाना पड़ रहा है।

आर्य प्रतिनिधि सभा के जिला उपाध्यक्ष डॉ. आनंद आर्य ने बताया कि कई बार रोडवेज के अधिकारियों से ग्रेटर नोएडा से दादरी होते हुए हरिद्वार के लिए बस चलाने की मांग की थी,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एआरएम ग्रेटर नोएडा डिपो अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा से किसी भी बस के पास हरिद्वार के लिए परमिट नहीं है। यात्रियों को ग्रेटर नोएडा से सिटी सेंटर भेजा जा रहा है।



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बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत ने भक्तों पर लुटाए रुपये, श्रद्धालुओं में मची लूटने की होड़

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में अनियंत्रित भीड़ से पहले ही हालात बिगड़ रहे हैं। अब मंदिर सेवायत भी स्थिति को और बदतर कर रहे हैं। आठ जुलाई को मंदिर में एक सेवायत ने भक्तों पर रुपये लुटाए।

रुपये लूटने के लिए भक्तों में होड़ मच गई। खचाखच भरे मंदिर में रुपये लूटने के लिए होड़ मचने से अफरा-तफरी मच गई। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। इंटरनेट मीडिया पर अब इसका वीडियो प्रसारित होने के बाद मंदिर प्रबंधन कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही है। मंदिर में आए दिन फंसकर श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ रही, कई श्रद्धालुओं की अब तक मृत्यु हो गई है। भीड़ नियंत्रण में सेवायत भी बाधा बन रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में मंदिर के एक सेवायत का वीडियो शुक्रवार को प्रसारित हुआ। इसमें सेवायत प्रभु गोस्वामी श्रद्धालुओं को मंदिर के जगमोहन से रुपये लुटा रहे हैं।

रुपये लुटाने की नहीं है परंपरा

रुपये लूटने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची और अफरा-तफरी फैल गई। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। जबकि रुपये लुटाने की कोई परंपरा नहीं है। ये वीडियो आठ जुलाई का है। उसी दिन प्रभु गोस्वामी की शाम को मंदिर में सेवा थी। प्रभु गोस्वामी का कहना है कि मंदिर में हर दिन उत्सव मनाया जाता है, ठाकुर जी के प्रसादी केरूप में भक्तों को प्रसाद रूप में रुपये लुटाए थे। -उमेश सारस्वत, प्रबंधक।


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17 जुलाई से शुरू होगी श्रीखंड महादेव यात्रा, इस दिन से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं श्रद्धालु

श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल है। यह दुनिया भर में प्रसिद्व है जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित हैं। यह स्थान शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

देश भर की कठिनतम धार्मिक यात्राओं में शामिल श्रीखंड महादेव की यात्रा इस बार 14 से 27 जुलाई तक होगी। इस दौरान पंजीकरण कर ही यात्रा में श्रदालु भाग ले सकते हैं। बिना पंजीकरण के श्रदालुओं को जाने की अनुमति नहीं होगी।

सुरक्षा के रहेंगे कड़े इंतजाम

ट्रस्ट की ओर से बुधवार को श्रीखंड महादेव की यात्रा को लेकर पहली बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश ने की। जबकि इसमें विशेष रूप से एसडीएम निरमंड मनमोहन शर्मा मौजूद रहे।

बैठक में निर्णय लिए गए हैं कि प्रशासन की ओर इस बार सुरक्षा को कड़ा किया जाएगा। जिसमें स्पेशल टीम, एनडीआरएफ की तैनाती रहेगी। जबकि यात्रा पर किसी भी प्रकार के नशे की वस्तु नहीं ले जा सकते हैं। इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

18 से 60 साल के लोग ही कर सकेंगे यात्रा

यह यात्रा हर साल सावन के महीने में की जाती है। इसलिए इसमें खतरे की अधिक संभावना बनी रहती है। इसके लिए इस बार पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। यात्रा के लिए पंजीकरण ऑनलाइन व ऑफलाइन किया जाएगा। ऑफलाइन पंजीकरण सिंहगाड़ बेस कैंप में 14 जुलाई से सुबह पांच से शाम सात बजे तक होगा।

इस बार यात्रा के लिए 250 रुपये पंजीकरण शुल्क रखा है। 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड यात्रा के लिए 18 से 60 साल तक की आयु वाले स्वस्थ लोग ही यात्रा कर सकेंगे। पार्वती बाग में रेस्क्यू टीम के साथ चिकित्सक भी तैनात होंगे।

यहां बनाए जाएंगे बेस कैंप

सिंहगाड में मेडिकल जांच व पंजीकरण के बाद यात्रा पर जाने की अनुमति मिलेगी। यात्रा में पांच बेस कैंप सिंहगाड, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी व पार्वती बाग में बनाए जाएंगे। आधार कैंप में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट के अधीन मेडिकल, रेस्क्यू पुलिस की टीमें तैनात होंगी

ऐसे पहुंचा जा सकता है श्रीखंड

श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक छोटे वाहनों और बसों में पहुंचा जा सकता है। जहां से आगे करीब 35 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। शिमला से रामपुर- 130 किलोमीटर, रामपुर से निरमंड-17 किलोमीटर, निरमंड से बागीपुल 17 किलोमीटर, बागीपुल से जाओं करीब 12 किलोमीटर दूर है


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पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोलने पर फैसला आज

ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (खजाना) को फिर से खोलने के बारे में आज राज्य सरकार फैसला लेगी। मंदिर का खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। इसे फिर से खोलने का मुद्दा लोकसभा और ओडिशा के विधानसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना था।

भाजपा ने राज्य में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि अगर ओडिशा में भाजपा सरकार बनती है तो 12वीं सदी के मंदिर के खजाने को खोला जाएगा, ताकि उसका लेखा-जोखा किया जा सके।

16 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी ने दिया खजाना खोलने का सुझाव

पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर का प्रबंधन राज्य सरकार के कानून विभाग के अधीन है। मंदिर की प्रबंधन समिति ने ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जज बिश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाले उच्च स्तरीय पैनल के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है, SOPs में कुछ बदलाव किए गए हैं और इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा है।

राज्य सरकार की गठित इस 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने मंदिर के रत्न भंडार की जांच और वहां रखे आभूषणों और कीमती सामान का लेखा-जोखा करने के लिए खजाने को 14 जुलाई को खोलने की सिफारिश की थी।

ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा सिफारिश किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOPs) के कानूनी और अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। शनिवार को राज्य सरकार अपने निर्णय के बारे में बताएगी।

रत्न भंडार में रखें हैं भगवान जगन्नाथ के कीमती आभूषण

12वीं शताब्दी में बना जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है। मंदिर के अंदर ही रत्न भंडार है जो दो हिस्सों में बंटा है। इसका बाहरी हिस्सा तो खुला है, लेकिन भीतरी हिस्सा अब रहस्य बन चुका है।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के कीमती आभूषण रखे हुए हैं, जो किसी जमाने में राजाओं ने दान किए थे।

रथ यात्रा या किसी खास त्योहार के मौके पर विग्रहों को सजाने के लिए बाहरी भंडार से आभूषण निकाले जाते हैं, लेकिन भीतरी भंडार पिछले 46 साल से नहीं खोला गया।

1985 के बाद से नहीं खुला रत्न भंडार का दरवाजा

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछली शताब्दी में जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 1905, 1926 और 1978 में खोला गया और वहां मौजूद बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसके बाद एक बार 1985 में रत्न भंडार का भीतरी हिस्सा खुला, लेकिन लिस्ट अपडेट नहीं हुई।

हालांकि, 1978 में 13 मई से 13 जुलाई के बीच रत्न भंडार में मौजूद सामानों की जो सूची बनी उसमें करीब 128 किलो सोना और 222 किलो चांदी होने की बात कही गई। इनके अलावा सोने-चांदी की कई वस्तुओं का आकलन नहीं किया गया। 1978 के बाद से अब तक मंदिर के पास कितनी संपत्ति आई, इसका कोई अंदाजा नहीं है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद चाबी खोने का दावा

मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की मांग समय-समय पर उठती रही। इसको लेकर ओडिशा के हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। लिहाजा 2018 में ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रत्न भंडार खोलने के लिए निर्देश दिए, लेकिन 4 अप्रैल 2018 को कोर्ट के आदेश पर जब 16 लोगों की टीम रत्न भंडार के चैंबर तक पहुंची तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा, क्योंकि ये दावा किया गया कि रत्न भंडार की चाबी खो गई है।

जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई

चाबी नहीं मिली तो हंगामा हुआ जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 4 जून 2018 को न्यायिक जांच के आदेश दिए। जांच कमेटी ने 29 नवंबर 2018 को चाबी से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी, लेकिन सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया और चाबी का कुछ पता नहीं चल सका। पिछले साल अगस्त में जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति ने राज्य सरकार से सिफारिश की थी कि रत्न भंडार 2024 की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान खोला जाए।


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अमरनाथ यात्रियों की सुविधा के लिए 15 तारीख से चलेगी स्पेशल ट्रेन

अमरनाथ यात्रा में जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की है। जबलपुर-श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा विशेष ट्रेन (01707/01708) इस महीने की 15 तारीख से चलेगी।

दोपहर 12.15 बजे पहुंचेगी श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा

जबलपुर से यह विशेष ट्रेन 15 जुलाई से पांच अगस्त तक प्रत्येक सोमवार को सुबह छह बजे रवाना होकर अगले दिन दोपहर 12.15 बजे श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा (Shri Mata Vaishno Devi Katra) पहुंचेगी।

अगले दिन रात 11.25 बजे पहुंचेगी जबलपुर 

वापसी दिशा में यह विशेष ट्रेन 16 जुलाई से छह अगस्त तक प्रत्येक मंगलवार को शाम 6.10 बजे रवाना होकर अगले दिन रात 11.25 बजे जबलपुर पहुंचेगी।

इन स्टेशनों पर होगा ठहराव

सामान्य, शयनयान और वातानुकूलित कोच वाली यह विशेष ट्रेन रास्ते में कटनी मुड़वारा, दमोह, सागर, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, ग्वालियर, मुरैना, आगरा छावनी, मथुरा।

फरीदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, नई दिल्ली, शकूरबस्ती, रोहतक, जींद, जाखल, लुधियाना, जालंधर छावनी, पठानकोट छावनी, जम्मूतवी व बलिदानी तुषार महाजन ऊधमपुर रेलवे स्टेशन पर रुकेगी।


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जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़ जैसी स्थिति! एक श्रद्धालु की मौत

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 7 जून को पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा जुलूस में एक श्रद्धालु की मौत पर दुख जताया है। इसके साथ ही, उन्होंने मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी एलान किया है।

ओडिशा सीएमओ द्वारा किए गए पोस्ट में कहा गया है कि सीएम मोहन चरण माझी ने रथयात्रा में मची भगदड़ में जान गंवाने वाली श्रद्धालु बलांगीर जिले की ललिता बगरती की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

सीएम माझी ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये के मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।

सीएमओ ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र के तलध्वज रथ को खींचते समय दम घुटने से एक श्रद्धालु की दुखद मौत हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज खींचने के दौरान मची भगदड़ 

बता दें कि रविवार को ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज को खींचने के दौरान भगदड़ मच गई।

भगदड़ के दौरान सैंकड़ों श्रद्धालु नीचे जमीन पर गिर पड़े। इस घटना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई। जबकि, 400 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। कई घायलों की हालत गंभीर है।

भगदड़ में पुलिस के दो जवान भी घायल हुए हैं। हादसे में एक पुलिस कर्मचारी का पैर टूटने की भी खबर है।

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई थीं, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि कुछ का इलाज अभी चल रहा है।


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बालटाल और पहलगाम में भारी बारिश रोकी गई अमरनाथ यात्रा

भारी बारिश के चलते अमरनाथ यात्रा को अस्‍थायी रूप से निलंबित कर दी गई है। बारिश खत्‍म होने के बाद ही फिर से यात्रा शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।

कल रात से हो रही लगातार बारिश

अधिकारियों ने बताया कि बालटाल और पहलगाम मार्गों पर कल रात से रुक-रुक कर भारी बारिश देखी जा रही है। बालटाल और पहलगाम मार्गों पर कल रात से रुक-रुक कर भारी बारिश देखी जा रही है। 3,800 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर का दौरा करने और प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के लिंग के 'दर्शन' करने वाले भक्तों की संख्या 1.50 लाख से अधिक हो गई है।

यात्रा के हैं दो मार्ग

अमरनाथ यात्रा 29 जून को दो मार्गों से शुरू की गई। यह यात्रा 19 अगस्‍त को समाप्‍त होगी। यात्रा के दो मार्ग हैं। एक पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और दूसरा गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटा लेकिन तेज बालटाल मार्ग है। पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इस साल बना रिकॉर्ड

अमरनाथ यात्रा ने इस साल नए रिकॉर्ड बना लिया है। पांच ही दिन में अब तक एक लाख से ज्‍यादा लोग यात्रा में शामिल हो चुके हैं। 52 दिन की इस यात्रा को लोग बड़े ही उत्‍साह के साथ करते हैं। कहा जाता है कि इस यात्रा के करने से सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं।


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