MI-17 हेलीकॉप्टर से कैलाश दर्शन अगले हफ्ते से

भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से MI-17 हेलिकॉप्टर से अगले हफ्ते से कैलाश पर्वत के दर्शन शुरू हो जाएंगे। इसकी घोषणा 2-3 दिन में हो सकती है। इस यात्रा का खर्च 75 हजार रुपए होगा।

कैलाश पर्वत चीन आधिपत्य वाले तिब्बत में है और व्यू पॉइंट से चीन बॉर्डर 10 किमी दूर है। व्यू पॉइंट की ऊंचाई 14 हजार फीट से अधिक है। इसलिए 55 साल की उम्र तक वालों को ही यात्रा कराई जाएगी।

पुराने रास्तों की तुलना में आधे से भी कम में होगी यात्रा...

पहले की तुलना में इस बार यात्रा का खर्च आधे से भी कम है। 2019 तक भारतीय नागरिक तीन रास्तों से कैलाश पर्वत पहुंच सकते थे। पहला- नेपाल, दूसरा- ओल्ड लिपुलेख और तीसरा- सिक्किम। इन रूट्स से यात्रा 11 से 22 दिन में पूरी होती थी और 1.6 लाख से 2.5 लाख रु. तक खर्च हो जाते थे।

कोरोना आते ही चीन ने तीनों रास्ते बंद कर दिए। इसलिए भारत सरकार ने ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से कैलाश दर्शन कराने का रास्ता निकाला। इस रास्ते को बीआरओ ने बड़ी मुश्किल से कई पहाड़ों को काटकर बनाया है।

पहले आदि कैलाश के दर्शन होंगे

हर यात्री को धारचूला (पिथौरागढ़ से 11 किमी) में स्वास्थ्य जांच करानी होगी। यहीं परमिट मिलेगा।

पहले दिन हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ से गुंजी गांव पहुंचेंगे। यहां रात बिताएंगे।

अगले दिन कार से आदि कैलाश के दर्शन के लिए जॉलिंगकॉन्ग जाएंगे। शाम को गुंजी लौटकर रात बिताएंगे।

तीसरे दिन कैलाश व्यू पॉइंट जाकर लौटेंगे। गुंजी में तीसरी रात बिताएंगे।

चौथे दिन हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लौटेंगे।

सुबह 6 बजे से शुरू होंगीं हेलिकॉप्टर उड़ानें

कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के डीटीओ ललित तिवारी के मुताबिक सुबह 6 बजे से हेलिकॉप्टर की उड़ानें होंगी और दोपहर 2 बजे तक सभी श्रद्धालुओं को गुंजी गांव वापस ले लाएंगे।

इस टूर का पैकेज 4 दिनी रहेगा। इसके लिए हमने 75 हजार रु. प्रति व्यक्ति खर्च प्रस्तावित किया है। इसमें हेलीकॉप्टर-जीप का किराया, रुकना, खाना, गर्म पानी, रजाई-गद्दे आदि शामिल हैं। गुंजी गांव के सभी होम स्टे बुक कर लिए हैं। राज्य या केंद्र सरकारी यात्रा किराए में सब्सिडी दे सकती है, लेकिन हमने यही खर्च तय किया है।

15 सितंबर से सड़क रास्ते से शुरू होनी थी यात्रा

पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्तिराज आर्य के मुताबिक पहले कैलाश पर्वत यात्रा सड़क मार्ग से 15 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन बीते दो हफ्ते में हुई बारिश ने बूंदी गांव के आगे कई सड़कें बुरी तरह खराब कर दी हैं। इसलिए हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू हो रही है। अगले चार-पांच दिन में कैलाश दर्शन की तारीख का ऐलान हो जाएगा।


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पथराव, कर्फ्यू और 52 लोग गिरफ्तार! कर्नाटक में गणपति विजर्सन के दौरान हिंसा का ताजा अपडेट

कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान दो समुदायों में हुई झड़प के बाद 52 लोगों की गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसकी जानकारी दी. बताया गया कि गणेश विसर्जन के जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दोनों समुदायों की तरफ से एक-दूसरे पर पथराव किया गया और पेट्रोल बम भी फेंके गए.

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि हिंसा के बाद इलाके में 48 घंटे का कर्फ्यू लगाया गया था और अब स्थिति काबू में हैं. बेंगलुरू में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति पर काबू पाया, 52 लोगों को गिरफ्तार करके इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई हैं. 

अधिकारियों ने दी ये जानकारी

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार (11 सितंबर) देर रात नागमंगला कस्बे में तनाव की स्थिति देखी गई, जहां दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोग पथराव में मामूली रूप से घायल हो गए. हालांकि, स्थिति पर काबू पा लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

नहीं जमा हो सकेंगे चार से अधिक लोग

अधिकारियों के मुताबिक, स्थिति के मद्देनजर 14 सितंबर तक इलाके में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने का आदेश लागू किया गया है. मांड्या के पुलिस सुपरिटेंडेंट मल्लिकार्जुन बलदंडी ने कहा, 'हमने बुधवार की घटना के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थिति अब सामान्य हो गई है. लोग अपने दैनिक कामकाज कर रहे हैं. दुकानें खुली हैं. हमने कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के अतिरिक्त बल के साथ-साथ सादी वर्दी में अन्य पुलिस अधिकारियों को भी तैनात किया है.'

वाहनों में भी आग लगाई गई

पुलिस के मुताबिक गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि बुधवार को जब बदरिकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्रा निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई. उन्होंने बताया कि दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. शोभायात्रा निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.


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सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति की आरती, लालबाग के राजा ने ₹15 करोड़ का सोने का मुकुट पहना

गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में सुबह गणपति की आरती की गई। उन्हें भोग लगाया गया। इसके बाद भक्तों ने दर्शन किए। वहीं देश के सबसे चर्चित गणपित पंडाल लालबाग के राजा के दर्शन करने सुबह से लोग लाइन में लगे रहे। लालबाग के राजा को 20 किलो वजन वाला सोने का मुकुट पहनाया गया। इसकी कीमत 15 करोड़ रुपए है।

आज गणपति स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में 3 शुभ मुहूर्त रहेंगे। मूर्ति स्थापना सूर्यास्त के पहले करने का विधान है। गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल में हुआ था। ये शुभ काल सुबह 11.20 से शुरू हो रहा है।

कोई पूजा हो या अनुष्ठान, या फिर कोई भी शुभकार्य…सबसे पहले गणपति की स्तुति की जाती है। लेकिन क्यों ब्रह्मा, विष्णु और महेश से भी पहले गणेश की पूजा की जाती है? क्यों गणेश के किसी मंदिर में उनकी सूंड दाईं ओर को होती है और कहीं बाईं ओर को।


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केदारनाथ में एयरलिफ्ट किया जा रहा हेलिकॉप्टर गिरा

केदारनाथ से गौचर के बीच भीमबली के पास शनिवार सुबह करीब 8 बजे एक हेलिकॉप्टर घाटी में गिर गया। इसे वायुसेना के MI-17 से एयरलिफ्ट किया जा रहा था। हवा के असर और हेलिकॉप्टर के वजन से बैलेंस बिगड़ने लगा, जिसके कारण पायलट ने उसे लिनचोली के पास थारू कैंप घाटी में ड्रॉप कर दिया।

दरअसल, केस्ट्रल एविएशन का एक हेलिकॉप्टर 24 मई को खराब हो गया था। इसमें 6 यात्री सवार थे। हेलिकॉप्टर इमरजेंसी लैंडिंग से पहले हवा में 8 बार लहराया था। तभी से यह हेलीपैड पर खड़ा था। इसकी गौचर एयरबेस पर रिपेयरिंग होनी थी।

हेलिकॉप्टर में न तो कोई यात्री था, न सामान, इसलिए किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि ऐहतियातन SDRF के जवानों ने घटनास्थल पर पहुंचकर हेलिकॉप्टर के मलबे में सर्चिंग की।

3 महीने से हेलीपैड पर खड़ा था, गौचर में रिपेयरिंग होनी थी दरअसल, 24 मई को लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी आने से जिस हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। उसे ही आज सुबह एयरलिफ्ट किया जा रहा था। इस दौरान MI-17 डिसबैलेंस होने लगा। खतरे को देखते हुए पायलट ने हेलिकाॅप्टर को घाटी में ही सुरक्षितत जगह ड्रॉप कर दिया।

जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे के मुताबिक हेलिकॉप्टर को थारू कैंप के नजदीक पहुंचने पर ड्रॉप करना पड़ा, अगर ऐसा नहीं करते तो MI-17 को नुकसान की संभावना थी। SDRF के मुताबिक रेस्क्यू टीम को पुलिस पोस्ट लिनचोली से हादसे की खबर मिली थी।

तमिलनाडु के थे सवार यात्री

24 मई को हादसे से पहले हेलिकॉप्टर हेलीपैड से करीब 100 मीटर पहले ही हवा में लहराने लगा था। हेलिकॉप्टर को कैप्टन कल्पेश उड़ा रहे थे। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर जाकर यात्रियों की मदद की और उन्हें मंदिर तक पहुंचाया था। हेलिकॉप्टर में सवार तमिलनाडु के 6 श्रद्धालु के नाम शिवाजी, उल्लूबैंकट चलम, महेश्वरी, सुन्दरा राज, सुमति, मयूर बाघवानी थे।

पिछले साल अक्टूबर में बर्फबारी के बीच हुई हेलिकॉप्टर की सेफ लैंडिंग

भारी बर्फबारी के बीच हेलिकॉप्टर के उड़ने का एक वीडियो सामने आया था। हेलिकॉप्टर हैरिटेज एविएशन कंपनी का था, जो केदारनाथ यात्रियों को लेकर आया था लेकिन मौसम खराब होने के कारण वही फंस गया और उड़ान नहीं भर पाया। जब हेलीकॉप्टर केदारनाथ पहुंच उस वक्त बर्फबारी नहीं हो रही थी लेकिन लैंडिंग के दौरान अचानक केदार घाटी में तेज बर्फबारी हुई जिस वजह से हेलीकॉप्टर को लैंडिंग करने में दिक्कत आई और उसे सेफ जगह लेंडिंग कराई गई।


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दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कांवड़ियों संग हादसा, कैंटर के अचानक ब्रेक लगने पर एक की मौत 11 घायल

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मिनी कैंटर के अचानक ब्रेक लगने से बड़ा हादसा हो गया। कैंटर में बंधा डीजे और जेनरेटर कांवड़ियों के ऊपर गिर गया। जिसमें एक डाक कांवड़ियां की मौत हो गई, जबकि 11 कांवड़ियां घायल हो गए।

दिल्ली के रघुवीर नगर खयाला क्षेत्र निवासी राहुल पुत्र राजेश, पवन पुत्र विजय, नितिन पुत्र तनवर, पवन पुत्र अशोक, गुलशन पुत्र विनाेद, रोनित सहगल पुत्र अशोक कुमार, यश पुत्र अयज कुमार, नितेश पुत्र मनोज, सन्नी पुत्र जय सिंह, अनिल, अजय पुत्र मुन्नू, दिनेश निवासी मोदीपुरम, मेरठ आदि डाक कांवड़ियों का जत्था कैंटर में डीजे लगाकर हरिद्वरर से गंगाजल लेने जा रहे थे।

अचानक आए वाहन को बचाने के चक्कर में लगाए ब्रेक

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर रतनपुरी क्षेत्र में रायपुर नंगली के निकट आगे चल रहे वाहन को बचाने के प्रयास में अचानक ब्रेक लगा दिए। इससे कैंटर पर पीछे बंधा डीजे और जेनरेटर कांवड़ियों के ऊपर गिर गया। घायलों को पुलिस ने सेंट फ्रासिंस और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। यहां से दिनेश को मेरठ रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। घायलों को उपचार के बाद रेफर किया गया है। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहन को सड़क किनारे खड़ा कराया है।


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हरिद्वार पहुंची अनोखी कांवड़, 50 रुपये के नोटों से सजी,लगे हैं 55 हजार

श्रावण मास के कांवड़ मेले में शिवभक्त कांवड़ यात्री गंगा जल लेने लगातार हरिद्वार पहुंच रहे हैं। मेले के दूसरे दिन मंगलवार को भी इनकी वापसी का क्रम जारी रहा। करीब चार लाख कांवड़िए जल के लिए हरिद्वार से रवाना हुए।

दो दिनों में हरिद्वार से गंगाजल लेकर रवाना होने वाले कांवड़ तीर्थ यात्रियों की कुल संख्या छह लाख 40 हजार हो गई है। हरकी पैड़ी और आसपास के सभी घाटों पर पैरों में घुंघरू बांधे बम-बम भोले के जयकारे लगाते शिवभक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है।

कांवड़ के विविध रंग

एक ओर जहां कांवड़ तीर्थ यात्री अपनी वेषभूषा से मन मोह रहे हैं, वहीं कांवड़ मेले में कांवड़ के विविध रंग नजर आ रहे हैं। हरिद्वार से गंगाजल लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई नोटों से सजी कांवड़ सबके आकर्षण का केंद्र रही। दिल्ली के कांवड़ यात्रियों का एक समूह 50 रुपये के नोटों से सजी कांवड़ में गंगाजल भरकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ।

इस समूह में शामिल मोनू ने बताया कि वे हर वर्ष कांवड़ लेने हरिद्वार आते हैं। पिछले वर्ष वे 20 रुपये के नोटों से सजी कांवड़ लेकर गए थे। जिसमें कुल 36 हजार रुपये लगे थे। इस बार 50 रुपये के नोटों से कांवड़ को सजाकर ले जा रहे हैं। जिसमें 55 हजार रुपये लगे हैं।

उन्होंने बताया कि कांवड़ में लगे नोटों को भंडारे व अन्य धार्मिक आयोजनों पर खर्च करेंगे। इसके अलावा कई अन्य आकर्षक कांवड़ ने अपनी ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया। वहीं, कांवड़ मेले की व्यवस्था को परखने के लिए एसएसपी प्रेमेंद्र डोबाल ने हरकी पैड़ी पर संध्याकालीन आरती के समय अपनी टीम के साथ पैदल गंगा घाट से लेकर हाईवे तक निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।



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'दुकान मालिकों को नाम बताने की जरूरत नहीं', नेमप्लेट विवाद पर यूपी सरकार को झटका, SC ने फैसले पर लगाई रोक

कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटलों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यूपी प्रशासन के फैसले पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने तीन राज्य सरकारों को भेजा नोटिस 

कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं। दुकान मालिकों को नाम बताने की जरूरत नहीं है। दुकानदारों को सिर्फ खाने के प्रकार बताने की जरूरत है। मतलब यह कि दुकान पर सिर्फ लिखे होन की जरूरत है कि वहां मांसाहारी खाना मिल रहा है या शाकाहारी खाना। कोर्ट ने इस मामले में अदालत ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

महुआ मोइत्रा ने दायर की याचिका 

कोर्ट ने एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स द्वारा याचिका दाखिल की गई। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसे अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।  जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

पुलिस सख्ती से लागू करवा रही आदेश: याचिकाकर्ता

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या यह प्रेस स्टेटमेंट था या औपचारिक आदेश था कि इन्हें प्रदर्शित किया जाना चाहिए? याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब दिया कि पहले एक प्रेस स्टेटमेंट था और फिर लोगों में आक्रोश था और वे कहते हैं कि यह स्वैच्छिक है लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं।

वकील ने कहा कि कोई औपचारिक आदेश नहीं है, बल्कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक छद्म आदेश है।

एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने कहा,"अधिकांश लोग बहुत गरीब सब्जी और चाय की दुकान के मालिक हैं और इस तरह के आर्थिक बहिष्कार के अधीन होने पर उनकी आर्थिक मृत्यु हो जाएगी। अनुपालन नहीं करने पर दुकानदारों को बुलडोजर कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।"

सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि हमें स्थिति को इस तरह से बयान नहीं करना चाहिए कि जमीन पर जो है, उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए। इन आदेशों में सुरक्षा और स्वच्छता के आयाम भी हैं।

सिंघवी का कहना है कि कांवर यात्राएं दशकों से होती आ रही हैं और मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध समेत सभी धर्मों के लोग उनके रास्ते में उनकी मदद करते हैं। अब आप किसी विशेष धर्म का बहिष्कार कर रहे हैं।"

अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या दी दलील?

अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा,"बहुत सारे शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां हैं जो हिंदुओं द्वारा चलाए जाते हैं और उनमें मुस्लिम कर्मचारी भी हो सकते हैं, क्या मैं कह सकता हूं कि मैं वहां जाकर नहीं खाऊंगा क्योंकि खाना किसी न किसी तरह से मुस्लिमों या दलितों द्वारा छुआ जाता  है?

सिंघवी कहते हैं कि निर्देश में कहा गया है "स्वेच्छा से" (इच्छा से) लेकिन स्वेच्छा कहां है?

मुजफ्फरनगर प्रशासन के आदेश के बाद मचा हंगामा

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इसे पूरे राज्य में बढ़ा दिया है। इस सप्ताह की शुरुआत में मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा आदेश जारी किया गया था कि कांवड़ यात्रा वाले रूट पर दुकानदार अपनी दुकान पर नेमप्लेट लगाएं ताकि कावड़ियां को पता चले कि दुकानदार का नाम क्या है।


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दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पुलिस ने बंद कराईं मीट की दुकानें, कांवड़ मार्ग पर नॉनवेज रेस्टोरेंट भी नहीं खुले

दिल्ली−देहरादून हाईवे-58 पर पुलिस ने मीट की दुकानें, रेस्टोरेंट और ठेलों को बंद करा दिया है। इस क्षेत्र में पुलिस लगातार गश्त कर रही है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि अगर कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी मीट की दुकान खुली पाई गई तो मुकदमा दर्ज होगा और सामान जब्त कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पहले सोमवार पर उमड़ रही भीड़

दो अगस्त को पावन शिवरात्रि का पर्व है। आज सोमवार से सावन का पवित्र महीने का शुभारंभ हो गया है। मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जलाभिषेक को उमड़ रही है। हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर कांवड़िये अपने गंतव्य की ओर दून हाईवे-58 से निकलना शुरू हो गए हैं। जिसके चलते पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर जो भी मीट की दुकान, रेस्टोरेंट और ठेले लगे थे, उन सबको बंद करा दिया है। साथ ही शराब की दुकानों को त्रिपाल से ढकवा दिया गया है।

रविवार रात में खुली दुकान तो पहुंची पुलिस

रुड़की रोड पर सोफीपुर गेट के पास और कंकरखेड़ा में सरधना बाईपास फ्लाईओवर के नजदीक रविवार रात को मीट की दुकान खुली थी, जिसे पुलिस ने बंद कर दिया। साथ ही दोबारा इस तरह की हरकत करने पर मुकदमा दर्ज की चेतावनी दी है।

पुलिस ने हाईवे पर किया सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सीओ दौराला शुचिता सिंह ने बताया कि कंकरखेड़ा से लेकर मोदीपुरम, पल्लवपुरम और दौराला थाना क्षेत्र में जितनी भी कावड़ मार्ग पर मीट की दुकानें हैं, सब बंद करा दी है। खोलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी। साथ ही पुलिस को लगातार गस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखने पर उससे सख्ती से पूछताछ करने को कहा गया है। कावड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के हाईवे पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 


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गाजियाबाद डिपो से 52 रुपये तक बढ़ेगा हरिद्वार का किराया, बसों में भोले के भजनों पर झूमेंगे भक्त

 भोले के भक्त आज सोमवार से सावन शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार जाना शुरू कर देंगे। इनके लिए बसे आरक्षित की गई हैं। 22 जुलाई से डायवर्जन के कारण हरिद्वार जाने वाली बसों के किराए में भी वृद्धि होगी।

करीब 250 बसें की गई आरक्षित

हरिद्वार जाने के लिए गाजियाबाद रीजन के आठ डिपो की करीब 250 बसें आरक्षित की गई हैं। ज्यादातर बसों का संचालन गाजियाबाद डिपो से किया जाएगा। कौशांबी डिपो से जरूरत पड़ने पर ही बसों का संचालन होगा।

रविवार तक गाजियाबाद डिपो से जो बसें मोहननगर, मुरादनगर, मेरठ होते हुए हरिद्वार जा रही हैं उनका किराया 336 रुपये लिया जा रहा है। डायवर्जन होने पर जो बसें मेरठ एक्सप्रेसवे, बिजनौर होते हुए हरिद्वार जाएंगी उनका किराया 371 रुपये निर्धारित किया गया है।

जो बसें गाजियाबाद से हापुड़, सोहराब गेट होते हुए हरिद्वार जाएंगी उनका किराया 369 रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं डायवर्जन के कारण कौशांबी से गढ़मुक्तेश्वर, बरेली, कालागढ़ समेत विभिन्न मार्ग बदलने से भी बसों की दूरी बढ़ेगी। इससे किराया भी बढ़ जाएगा।27 से लालकुआं व हापुड़ चुंगी से होगा बसों का संचालन

27 जुलाई को शहर के अंदर से भी डायवर्जन होने के कारण हरिद्वार की बसें भी हापुड़ चुंगी व लालकुआं से संचालित की जाएंगी। यहीं से कांवड़ यात्रियों को बसें मिलेंगी। ये सभी बसे साधारण होंगी।

बस अड्डे पर साफ-सफाई व पानी की रहेगी व्यवस्था

कांवड़ यात्रा को देखते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक ने कौशांबी व गाजियाबाद डिपो से साफ-सफाई के साथ ही पानी की व्यवस्था करने के कड़े आदेश दिए हैं। यहां पर तीन शिफ्टों पर कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। पूछताछ केंद्र पर 24 घंटे कर्मी तैनात रहेंगे। कांवड़ियों को समस्या होने तक समाधान किया जाएगा।

गाजियाबाद डिपो से हरिद्वार की बसों का किराया

गाजियाबाद डिपो से मोदीनगर-बिजनौर-हरिद्वार 336 रुपये -235 किमी

गाजियाबाद डिपो से मेरठ एक्सप्रेसवे-बिजनौर-हरिद्वार 371 रुपये -247 किमी

गाजियाबाद डिपो से हापुड़-हरिद्वार 369 रुपये -245 किमी

गाजियाबाद डिपो से सीधे हरिद्वारा 319 रुपये -201 किमी

कौशांबी डिपो से हरिद्वार की बसों का किराया

वर्तमान में : कौशांबी से मोहननगर-मुरादनगर-मोदीनगर-मेरठ-हरिद्वार 345 रुपये

डायवर्जन : कौशांबी से मेरठ एक्सप्रेसवे-मुजफ्फरनगर-हरिद्वार 377 रुपये

डायवर्जन : कौशांबी से किठौर-बिजनौर-लजीबाबाद-हरिद्वार 402 रुपये

डिपो का उत्तराखंड परिवहन से अनुबंध नहीं

कासना स्थित ग्रेटर नोएडा डिपो का उत्तराखंड परिवहन विभाग से अनुबंध नहीं होने के कारण हरिद्वार के लिए बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। शहर के सेक्टर,सोसायटी और गांव में रहने वालों को गंगाजल लाने के लिए सिटी सेंटर नोएडा जाना पड़ रहा है,जिसके कारण भोले के भक्तों को काफी परेशानी हो रही हैं। उन्हें करीब 25 से 30 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ रहा है,जिससे उनका समय और पैसे भी अधिक खर्च हो रहे हैं।

बता दें हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए ग्रेटर नोएडा, दादरी और आसपास के गांवों से हजारों संख्या में लोग जाते है। इनके जाने के लिए ग्रेटर नोएडा डिपो ने कोई व्यवस्था नहीं की है। डिपो से से भले ही आगरा,इटावा,हाथरस, अलीगढ़ समेत कई रूट पर बसों का संचालन होता है,लेकिन हरिद्वार जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हजारों यात्रियों को बस से जाने के लिए नोएडा जाना पड़ रहा है।

आर्य प्रतिनिधि सभा के जिला उपाध्यक्ष डॉ. आनंद आर्य ने बताया कि कई बार रोडवेज के अधिकारियों से ग्रेटर नोएडा से दादरी होते हुए हरिद्वार के लिए बस चलाने की मांग की थी,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एआरएम ग्रेटर नोएडा डिपो अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा से किसी भी बस के पास हरिद्वार के लिए परमिट नहीं है। यात्रियों को ग्रेटर नोएडा से सिटी सेंटर भेजा जा रहा है।



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बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत ने भक्तों पर लुटाए रुपये, श्रद्धालुओं में मची लूटने की होड़

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में अनियंत्रित भीड़ से पहले ही हालात बिगड़ रहे हैं। अब मंदिर सेवायत भी स्थिति को और बदतर कर रहे हैं। आठ जुलाई को मंदिर में एक सेवायत ने भक्तों पर रुपये लुटाए।

रुपये लूटने के लिए भक्तों में होड़ मच गई। खचाखच भरे मंदिर में रुपये लूटने के लिए होड़ मचने से अफरा-तफरी मच गई। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। इंटरनेट मीडिया पर अब इसका वीडियो प्रसारित होने के बाद मंदिर प्रबंधन कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही है। मंदिर में आए दिन फंसकर श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ रही, कई श्रद्धालुओं की अब तक मृत्यु हो गई है। भीड़ नियंत्रण में सेवायत भी बाधा बन रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में मंदिर के एक सेवायत का वीडियो शुक्रवार को प्रसारित हुआ। इसमें सेवायत प्रभु गोस्वामी श्रद्धालुओं को मंदिर के जगमोहन से रुपये लुटा रहे हैं।

रुपये लुटाने की नहीं है परंपरा

रुपये लूटने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची और अफरा-तफरी फैल गई। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। जबकि रुपये लुटाने की कोई परंपरा नहीं है। ये वीडियो आठ जुलाई का है। उसी दिन प्रभु गोस्वामी की शाम को मंदिर में सेवा थी। प्रभु गोस्वामी का कहना है कि मंदिर में हर दिन उत्सव मनाया जाता है, ठाकुर जी के प्रसादी केरूप में भक्तों को प्रसाद रूप में रुपये लुटाए थे। -उमेश सारस्वत, प्रबंधक।


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