भक्‍तगण ध्‍यान दें! कैंची धाम मेले को देखते हुए बनाया गया ट्रैफिक प्लान, तीन दिन तक रहेगा लागू

 पुलिस ने कैंची धाम मेले को देखते हुए ट्रैफिक प्लान जारी कर दिया है। यह योजना 14 जून सुबह सात बजे से 16 जून की रात्रि 10 बजे तक लागू रहेगा। कैंची धाम को दर्शन करने वाले खैरना में गाड़ी पार्क कर शटल वाहन सेवा से जाएंगे।

बेरीनाग-सेराघाट की ओर से हल्द्वानी को जाने वाले समस्त चौपहिया वाहन बाड़ेछीना तिराहा से दन्या, सुवाखान, छड़ौजा, शहरफाटक, धानाचूली, खुटानी होते हुए हल्द्वानी जाएंगे।

• बागेश्वर-अल्मोड़ा से हल्द्वानी की ओर जाने वाले चौपहिया वाहन बेस तिराहा अल्मोड़ा, करबला, धारानौला, सिकुड़ा बैण्ड, लमगड़ा, शहरफाटक, धानाचूली, खुटानी होते हुए अथवा क्वारब, नथुवाखान, खुटानी बैंड से वाया भीमताल होते हुए हल्द्वानी जाएंगे।

 रानीखेत से हल्द्वानी की ओर जाने वाले समस्त वाहन खैरना, क्वारब, नथुवाखान, खुटानी बैंड से वाया भीमताल होते हुए हल्द्वानी को जाएंगे।

• अल्मोड़ा से होते हुए कैंचीधाम दर्शन को जाने वाले श्रद्धालु के वाहन क्वारब होते हुए खैरना तक जाएंगे। जहां पर सुव्यस्थित तरीके से पार्क कर शटल सेवा के माध्यम से कैंचीधाम दर्शन को जाएंगे।।

• पिथौरागढ़ क्षेत्र से हल्द्वानी जाने वाले वाहनों के लिये एचएन-09 घाट, चम्पावत, टनकपुर, सितारंगज, चोरगलिया से होते हुए हल्द्वानी मार्ग सुगम रहेगा।

• भतरौजखान, सल्ट की ओर से रामनगर- दिल्ली को जाने वाले पर्यटक वाहन वाया बेतालघाट होते हुए रामनगर को जाएंगे।


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दिल्ली, भोपाल, संभल की मस्जिदों में लोग जुटे, UP में ड्रोन से की जा रही निगरानी

देशभर में आज ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जा रही है। जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा की। उत्तर प्रदेश में नमाज को लेकर प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड में है। पुलिस मस्जिद और ईदगाह के पास ड्रोन से निगरानी कर रही है।

पीएम मोदी ने ईद के मौके पर लोगों को बधाई दी। उन्होंने लिखा- ईद-उल-अजहा की ढेरों शुभकामनाएं। यह पावन अवसर हमारे समाज में सौहार्द और शांति के बंधन को और मजबूत करे। सभी को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की शुभकामनाएं

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रावण की जन्मभूमि, शिवलिंग की पूजा, मनोकामना होती है पूरी

उत्तर प्रदेश:गौतम बुद्ध नगर (नोएडा):दोस्तों आज हम आपको उस गांव की जानकारी आपसे सााझा करेंगे, जिसका संबंध त्रेतायुग के महा प्रतापी, महा ज्ञानी महापंडित दशानन से है। जी हां हम बात कर दिल्ली से सटे नोएडा के बिसरख गांव की। कहा जाता है इस गांव में स्थित एक मंदिर में स्थापित शिवलिंग त्रेतायुग की है। इस मंदिर में रावण ने भोलेनाथ को बार बार अपना शीश काटकर अर्पित किया। जिसके बाद रावण को  भगवान शिव ने दस सिरों का वरदान दिया था। तब से रावण को  दशानन के नाम से भी जाना जाने लगा। इसी मंदिर में रावण दसों दिशाओं को बांधकर भोलेनाथ का पूजन करता था। सूत्रों के अनुसार कहा ये भी जाता है इस मंदिर में सभी प्रकार की पूजा अर्चना की जाती है। यहां तंत्र मंत्र संबंधित सभी प्रकार की क्रिया की जाती है। यहां पर फाल्गुन ओर श्वावण मास में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है। इस मंदिर में रावण के पिता विश्रवा ऋषि ने ही अष्टभुजी शिवलिंग की स्थापना की थी। नोएडा के बिसरख गांव का उल्लेख शिवपुराण में भी मिलता है। महंत रामदास के अनुसार ये गांव में भगवान राम और रावण की साथ में पूजा करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है, यहाँ पर रावण ने शिव को अर्पित किए थे अपने शीश, सभी भक्तों की  मनोकामना होती है पूरी,लेकिन इस गांव में रामलीला का आयोजन कभी नहीं किया जाता है। साथ ही इस गांव में रावण का पुतला दहन भी नहीं किया जाता है। आपकों बता दे इस मंदिर में दस शिवलिंग थे। जिसमें एक को छोड़ कर सभी शिवलिंग को अलग अलग दिशा में स्थापित कर दिया था।

मेले में दर्शन को आते दूर दूर से भक्त : 

नोएडा के बिसरख गांव में एक भव्य शिव मंदिर स्थित है। जहां पर फाल्गुन और सावन के महीने में दर्शन-पूजन करने आसपास के इलाकों के साथ-साथ दूर-दूर से भक्त आते हैं। कहा जाता है कि शिव मंदिर में जो अष्टभुजी शिवलिंग विराजमान हैं। जिसकी स्थापना रावण के पिता विश्रवा ऋषि ने कराई थी। इस मंदिर की शिवलिंग की गहराई आज तक रहस्यमई बताई जाती है। कहा जाता है कि बहुत पहले के समय में यहां पर खुदाई भी करवाई गई थी, लेकिन कोई छोर नहीं मिलने पर खुदाई को बंद करवा दिया गया था।

बुद्धिमानी और पराक्रमी का मिला वरदान :

माना जाता है कि रावण भी इसी गांव के अष्टभुजी शिवलिंग की पूजा अर्चना करते थे। इसके बाद रावण की पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रावण को इसी जगह बुद्धिमान और पराक्रमी होने का वरदान दे दिया था। इस मंदिर के ट्रस्ट के अनुसार, गांव में आज भी खुदाई होने पर कभी-कभी शिवलिंग निकल जाते हैं। इसी वजह से सालों साल गांव में पूजा- अर्चना करने आने भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती। इस मंदिर की भव्यता और दिव्यता भी बेमिसाल है।

Story by Vaibhav Bhardwaj 

Photo by Pooja Ranjan

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हरिद्वार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, हरकी पैड़ी पर लगा आस्था का सैलाब

आज गंगा दशहरा का स्नान पर्व है। मान्यता है कि आज ही के दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था।‌ इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है।

बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर सुबह से गंगा स्नान करने पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर पूजा कर मां गंगा से सुख समृद्धि की कामना की। माना जाता है कि मां गंगा ने आज के दिन ही धरती पर अवतरित होकर राजा भागीरथ के पुरखों का उद्धार किया था। इसलिए आज के दिन हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।

मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन गंगा स्नान करके दान करने और जल का दान करने का विशेष महत्व है।

मुख्यमंत्री ने दी गंगा दशहरा की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गंगा दशहरा की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि जीवनदायिनी गंगा का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। बिना गंगा व अन्य पावन नदियों के लोक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

गंगा दशहरा की अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि पावन नदियां हमारे अस्तित्व से जुड़ा विषय भी हैं। उन्होंने ने कहा कि इस पावन अवसर पर हमें गंगा एवं अन्य नदियों के साथ ही सभी जल स्रोतों को पवित्र रखने में भी अपना योगदान देना होगा।


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सीएम योगी ने की राम दरबार समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर परिसर में बने पूरक मंदिरों की गंगा दशहरा की तिथि पर प्राण प्रतिष्ठा की। गुरुवार सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक यह कार्यक्रम चला। गंगा दशहरा के दिन इसका सिद्ध योग भी बन रहा था। इसी दिन रामेश्वरम की भी प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इसके पहले सुबह छह बजे से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हुआ। सभी देवताओं का पूजन यज्ञमंडप में किया जाएगा।

सिंहासन समेत सात फीट ऊंची है मूर्ति

सिंहासन समेत राम दरबार के मूर्ति की ऊंचाई  सात फीट है। सिंहासन करीब साढ़े तीन फुट ऊंचा है, जबकि सीताराम का विग्रह साढ़े चार फुट ऊंचा है। मूर्ति सिंहासन पर स्थापित करने के बाद ऊंचाई एक से ड़ेढ फुट कम हो गई है। 

ऐसे में कुल ऊंचाई सात फीट तक होगी। वहीं, हनुमान व भरत की मूर्ति बैठी मुद्रा में है, ऊंचाई ढाई फीट है। लक्ष्मण व शत्रुघ्न की मूर्ति खड़ी मुद्रा में है, इसकी ऊंचाई तीन-तीन फीट है।

बालकराम के बाद राजाराम की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न

शताब्दियों के संघर्ष के पश्चात अपने पुरातन वैभव को प्राप्त करने की ओर अग्रसर रामनगरी के साथ एक गंगा दशहरा के अवसर पर स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया। 

गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भव्य मंदिर में राजा राम यानी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की। ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर प्रांगण में उल्लास था।

मुख्यमंत्री ने सभी विग्रहों का अभिषेक करके राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया। राजा राम का आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान अयोध्या के 19 संत धर्माचार्य भी मौजूद रहे। इसके अलावा ट्रस्ट, संघ व विहिप के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।


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Kedarnath में लैंडिंग के समय हेलीकॉप्‍टर क्रैश, मचा हड़कंप

केदारनाथ हेलीपैड में ऋषिकेश एम्स से से केदारनाथ आ रहा एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग के समय अचानक अनियंत्रित होकर क्रैश हो गया। ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस के रूप में यह सेवा चलती है, जो केदारनाथ में मरीज को लेने आई थी।

दिल्ली में दो डॉक्टर वह पायलट सवार थे। सभी सुरक्षित हैं। यह घटना हेलीपैड से 20 मी पर पहले हुई। बताया गया कि इमरजेंसी मेडिकल सेवा के तहत ही हेलीकॉप्‍टर मरीज को लेने केदारनाथ आया था।

पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

श्री केदारनाथ धाम में एक मरीज को रेस्क्यू करने पहुंचे संजीवनी हेली एंबुलेंस की आपातकाल लैंडिंग करने के दौरान क्रैश हो गया। पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। हेली में एम्स ऋषिकेश से आई मेडिकल टीम भी सवार थी। सफल आपातकाल लैंडिंग के चलते पायलट सहित मेडिकल की टीम सुरक्षित है।


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माता वैष्णो देवी धाम पर फ्री हुईं कई सुविधाएं, ठहरना और भोजन भी एकदम मुफ्त

भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद देशभर से श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Dham Free Facilities) के आधार शिविर कटड़ा की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे यात्रा आंशिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गुरुवार रात दस बजे तक 5423 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे।

यात्रियों को मिल रही फ्री सुविधाएं

श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा में बढ़ोतरी के लिए श्रद्धालुओं को कटड़ा से लेकर कई तरह की सुविधाएं निशुल्क मुहैया करवाई जा रही है। इनमें कटड़ा, और मां वैष्णो देवी भवन और अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र में ठहरने की व्यवस्था, मां के भवन व अर्धकुंवारी मंदिर परिसर में रोजाना होने वाली दिव्य आरती में बैठने की सुविधाएं शामिल हैं।

इसके अलावा भवन मार्ग पर जगह-जगह स्थापित लंगरों में भोजन, बाणगंगा क्षेत्र के साथ ही कटड़ा रेलवे स्टेशन पर श्राइन बोर्ड द्वारा श्रद्धांलुओं के लिए निशुल्क चाय का काउंटर स्थापित किया है।

भवन पर सुबह और शाम दिव्य आरती के समय श्रद्धालुओं की थोड़ी रौनक देखने को मिल रही है, लेकिन अधिकांश समय मां का भवन और यात्रा मार्ग वीरान नजर आ रहा है।श्राइन बोर्ड ने क्यों लिया यह फैसला?

श्राइन बोर्ड ने रविवार को इस बात का एलान किया कि जो भी श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा में मां वैष्णो (Mata Vaishno Devi News) की यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं ऐसे सभी श्रद्धालुओं के लिए कटड़ा में श्राइन बोर्ड के आशीर्वाद परिसर में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था श्राइन बोर्ड द्वारा की गई है।

दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यात्रा में कमी को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने आशीर्वाद परिसर में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की है। श्राइन बोर्ड निशुल्क इन सुविधाओं को कब तक जारी रखेगा। इसे लेकर फिलहाल अपडेट नहीं है। लेकिन संभव है कि श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होते ही श्राइन बोर्ड फ्री सुविधाएं रोक दें।


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मां वैष्णो देवी में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था, चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए सुरक्षाबल के जवान

 पिछले कुछ दिनों से मां वैष्णो देवी की यात्रा (Maa Vaishno Devi Yatra) पर बुरा असर पड़ा है। मां वैष्णो देवी की यात्रा में लगातार गिरावट जारी है। मई महीने में 30 से 35 हजार से अधिक श्रद्धालु रोजाना मां वैष्णो के दरबार में पहुंचते थे, लेकिन वर्तमान में मात्र 10 हजार श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं।

इसके चलते आधार शिविर कटड़ा से लेकर मां वैष्णो देवी (Maa Vaishno Devi Yatra 2025) भवन व यात्रा मार्ग सुनसान हो गए हैं और इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं।

कटड़ा में स्थित हैलीपैड भी रहा बंद

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर शाम में छह बजते ही ताराकोट यात्रा मार्ग को श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाता है। शुक्रवार को भी ताराकोट यात्रा मार्ग बंद होने पर श्रद्धालु पारंपरिक मार्ग से ही भवन की ओर रवाना होते रहे।

वहीं, कटड़ा में स्थित हैलीपैड भी बंद रहा। इसके चलते हेलीकॉप्टर सेवा स्थगित रही और श्रद्धालु पैदल या फिर घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी आदि का सहारा लेकर अपनी मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Yatra ) की यात्रा करते नजर आए।

गुरुवार को 10256 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी (Maa Vaishno Devi) के चरणों में हाजिरी लगाई थी और शुक्रवार देर शाम छह बजे तक 4400 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे। मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बैटरी कार सेवा के साथ ही रोपवे केबल कार सेवा जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।

वहीं, माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) रेलवे स्टेशन कटड़ा भी लगभग सुनसान हो गया है। रेल विभाग के अनुसार मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही श्रद्धालु रेल मार्ग से कटड़ा पहुंच रहे हैं। अधिकांश ट्रेन खाली ही कटड़ा पहुंच रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जगह-जगह सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं।


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भारत-पाकिस्‍तान तनाव के बीच केदारनाथ हेली सेवा पर लगी रोक, देहरादून हवाई अड्डे पर सघन चेकिंग जारी

भारत पाकिस्‍तान के बीच चल रहे तनाव का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ रहा है। केदारनाथ धाम की हेली सेवाओं को अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। वहीं देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर सघन चेकिंग की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक जौलीग्रांट से दो धामों को उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर रुद्राक्ष एवियेशन की उड़ान शनिवार के लिए रोकी गई है। अभी कंपनी की और से आगे के लिए दिशा निर्देश नहीं मिलने की जानकारी दी जा रही है।फिलहाल आज हेलीकॉप्टर ने उड़ान नहीं भरी है।


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चारधाम यात्रा सहित सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट, बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि बढ़ा सकती है दुश्वारियां

 उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक वर्षा-ओलावृष्टि का क्रम जारी है। बीते करीब चार दिन से प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा दर्ज की जा रही है। जिससे पारे में भारी गिरावट है। इसके अलावा कहीं-कहीं ओलावृष्टि व अंधड़ दुश्वारियां बढ़ा रहे हैं।

आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही कुछ क्षेत्रों में तीव्र बौछारें मुश्किलें बढ़ा रही हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर भी वर्षा और ओलावृष्टि हो रही है। जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

मौसम विभाग ने आज भी प्रदेशभर में ही वर्षा-ओलावृष्टि और अंधड़ को लेकर अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

धूप और बादलों की आंख-मिचौनी

मंगलवार को देहरादून समेत प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह से ही धूप और बादलों की आंख-मिचौनी चलती रही। कुमाऊं में पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ीं। इसके अलावा गढ़वाल में गर्जन के साथ घने बादलों के बीच तीव्र वर्षा हुई। चारधाम में भी दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ हल्की वर्षा दर्ज की गई।

दून-मसूरी में शाम को झमाझम वर्षा हुई। प्रदेशभर में बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से छह डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है। पहाड़ों में ठिठुरन बढ़ गई है। चारधाम में भी कंपकंपी छूट रही है।


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