तेजी से बढ़ते कोरोना को लेकर अलर्ट पर पंजाब, मास्क लगाने की सलाह

देश में एक बार फिर से कोरोना वायरल अपने पैर पसार रहा है। कई राज्यों में लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। यहां तक कि कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है। ऐसे में पंजाब सरकार कोरोना वायरस की वापसी को देखते हुए सतर्क हो गई है।

हालांकि, पंजाब में कोरोना को लेकर स्थिति काफी नियंत्रण में है। लेकिन पंजाब सरकार जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सक्रिय (Public Health Advisory on Covid) हो गई है। पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने कोविड को लेकर पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी एडवाइजरी में कहा...

देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में पंजाब के लोगों के लिए एहतियाती सलाह जारी की जाती है। हालांकि, पंजाब राज्य की स्थिति नियंत्रण में है और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से तैयार है लेकिन फिर भी नागरिकों को संक्रमण को को रोकने के लिए कुछ बुनियादी सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है।

इन नियमों का करें पालन

बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित लोगों को भीड़-भाड़ या बंद जगहों पर मास्क पहनना चाहिए।

स्वास्थ्यकर्मी मास्क पहनें और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें।

खांसते या छींकते समय रूमाल/टिशू/कोहनी की मोड़ का उपयोग करके मुंह और नाक को ढकें।

अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में परेशानी हो, तो मास्क पहनें और डॉक्टर से संपर्क करें।

ऐसा करने से बचें

भीड़भाड़ या कम हवादार स्थानों से बचें, खासकर यदि आपको स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हाथ धोए बिना अपने चेहरे को न छुएं।

सार्वजनिक स्थानों पर थूकें नहीं।

श्वसन लक्षणों (respiratory symptoms) के लिए स्वयं दवा न लें।


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देश में 6800 कोरोना केस, 68 मौतें, 24 घंटे में 300 से ज्यादा मामले बढ़े

देश में कोरोनावायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। एक्टिव केसों की संख्या 6815 पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में 324 नए मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 2053 केस हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएंट्स से 12 राज्यों में 68 मरीजों की मौत हुई हैं। सोमवार को केरल, दिल्ली और झारखंड में 1-1 मरीज ने जान गंवाई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 18 मौतें हुई हैं।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सोमवार को 3 डॉक्टर समेत 6 नए केस सामने आए। इसके बाद से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। MP में फिलहाल 43 एक्टिव केस हैं।

कोरोना के बढ़ते मामले के बीच पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य के सभी प्रमुख विभागों के अधिकारियों से बैठक की।

ममता ने कहा- उम्मीद है कि महामारी दोबारा न लौटे, लेकिन हमें तैयार रहना होगा। राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था है, ऐसे में लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

राज्यों से कोरोना अपडेट...

गुजरात: राज्य सरकार ने कहा- हम कोविड से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और ICU बेड की व्यवस्थाएं कर ली हैं। हम अलर्ट पर हैं, किसी भी स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने बताया कि मौजूदा वैरिएंट ओमिक्रॉन वायरस कोविड परिवार का ही है, लेकिन यह इतना गंभीर नहीं है।

केरल: स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज करते समय जून 2023 में जारी की गई कोविड गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।

महाराष्ट्र: राज्य सरकार के मुताबिक राज्य में जनवरी से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 17 है। इनमें से 16 अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे। इस साल अब तक 13,707 सैंपल की टेस्टिंग हुई है। इनमें से 1064 कोविड पॉजिटिव आए।

गुजरात: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 508 कोरोना मरीजों में से 18 अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 490 होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आमतौर पर 6 या 8 महीनों में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

कर्नाटक: गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया गया है। इनमें से पांच-पांच बेड ICU (वेंटिलेटर समेत), हाई डिपेंडेंसी यूनिट और पांच प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हैं। बाकी 10 नॉर्मल बेड हैं।

उत्तराखंड: राज्य सरकार ने बुधवार को गाइडलाइन जारी कर जिला प्रशासन से अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों, सांस की जुड़े गंभीर इंफेक्शन और कोविड मामलों की रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।

सिक्किम: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जीटी धुंगेल ने बताया कि 29 मई से अब तक राज्य में 526 सैंपल की टेस्टिंग की गई। इनमें से 15 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद सभी अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना, मास्क पहनना और सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश: राज्य में कोविड का पहला मामला सामने आने बाद 4 जून को अस्पताल में सभी को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया। सिरमौर जिले के नाहन में 3 जून को पहला केस मिला था।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, लोगों को चिंता नहीं, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।


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दिल्ली में कोरोना से 5 महीने के बच्चे की मौत

देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 20 दिन में केसों की संख्या में 62 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 16 मई को देशभर में कोविड के 93 एक्टिव केस थे, जिनकी संख्या अब 5755 पहुंच गई है।

केंद्र सरकार ने शनिवार सुबह 8 बजे तक देश में एक्टिव केसेज की संख्या बताई है। बीते 24 घंटे में 391 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि, राज्यवार एक्टिव केस और नई मौतों का डेटा अभी जारी नहीं किया है। कोरोना के नए वैरिएंट्स से जनवरी से 5 जून तक 55 मौतें हो चुकी हैं।

इनमें से 53 की मौत 15 दिनों में हुई हैं। दिल्ली में गुरुवार को दो मौतें हुईं। इनमें पांच महीने का एक बच्चा भी शामिल था। वहीं, केरल में 2, कर्नाटक और पंजाब में 1-1 मौत हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 17 मरीजों ने जान गंवाई है।

ओडिशा में गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल कोविड गाइडलाइन के तहत खोले गए हैं। शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने बताया कि जिन बच्चों को सर्दी, खांसी या बुखार जैसे हल्के लक्षण हैं, उन्हें स्कूल में मास्क पहनना अनिवार्य है। गंभीर लक्षण वाले बच्चों को घर पर ही रहकर आइसोलेट होने की सलाह दी गई है।

राज्यों से कोरोना अपडेट...

केरल: स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज करते समय जून 2023 में जारी की गई कोविड गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।

महाराष्ट्र: राज्य सरकार के मुताबिक राज्य में जनवरी से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 17 है। इनमें से 16 अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे। इस साल अब तक 13,707 सैंपल की टेस्टिंग हुई है। इनमें से 1064 कोविड पॉजिटिव आए।

गुजरात: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 508 कोरोना मरीजों में से 18 अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 490 होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आमतौर पर 6 या 8 महीनों में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

कर्नाटक: गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया गया है। इनमें से पांच-पांच बेड ICU (वेंटिलेटर समेत), हाई डिपेंडेंसी यूनिट और पांच प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हैं। बाकी 10 नॉर्मल बेड हैं।

उत्तराखंड: राज्य सरकार ने बुधवार को गाइडलाइन जारी कर जिला प्रशासन से अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों, सांस की जुड़े गंभीर इंफेक्शन और कोविड मामलों की रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।

सिक्किम: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जीटी धुंगेल ने बताया कि 29 मई से अब तक राज्य में 526 सैंपल की टेस्टिंग की गई। इनमें से 15 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद सभी अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना, मास्क पहनना और सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश: राज्य में कोविड का पहला मामला सामने आने बाद बुधवार को अस्पताल में सभी को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया। सिरमौर जिले के नाहन में 3 जून को पहला केस मिला था।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।


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दिल्ली में फिर डराने लगा कोरोना, Covid से दो और मरीजों की मौत

दिल्ली में कोविड से दो मरीजों की मौत हो गई। पहली घटना में महज पांच महीने का एक मासूम बच्चा, जो कोविड के साथ सेरेब्रल पाल्सी (सीपी), विकास में देरी (जीडीडी), दौरे (सीज़र्स), निमोनिया और सेप्सिस से पीड़ित था, ने दम तोड़ दिया।

बच्चा पहले से ही श्वसन विफलता से ग्रस्त था और तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। दूसरी घटना में 87 वर्षीय बुजुर्ग मरीज की मौत हुई। वह मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), हृदय रोग, किडनी की बीमारी जैसी अनेक जटिल बीमारियों से पीड़ित थे।

उन्हें गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) और कोविड निमोनिया हो गया था, जिसके चलते उन्हें सेप्सिस और सेप्टिक शाक की स्थिति का सामना करना पड़ा। वह पहले से ही डायलिसिस पर थे। उनकी हालत बिगड़ती गई और अंततः उन्होंने दम तोड़ दिया।


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देश में कोरोना के 2390 एक्टिव केस, 16 मौतें

देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 2390 पहुंच गई है। केरल में सबसे ज्यादा 727 मामले हैं। महाराष्ट्र एक्टिव केसेज के मामले में दूसरे नंबर पर है। शुक्रवार को राज्य में 84 नए केस सामने आए, यहां अब 681 मरीज हैं। देश के 60 फीसदी एक्टिव केस इन्हीं दो राज्यों में हैं।

कर्नाटक के मैसूर में शुक्रवार को 63 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। राज्य में कोरोना से यह तीसरी मौत है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुल 13 मरीजों की मौत हो चुकी है। कुल मृतक की संख्या 16 पहुंच गई है।

गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को एक दिन के नवजात की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चे को ICU में रखा गया है। पिछले सप्ताह बच्चे की मां भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, हालांकि अब उनकी रिपोर्ट निगेटिव है। मेघालय में 7 महीने बाद कोविड के 2 मिले हैं।

मिजोरम में 7 महीने बाद कोविड का पहला केस मिला

मिजोरम में 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस तरह का आखिरी मामला सामने आने के 7 महीने बाद कोविड के केस मिले। मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे।

उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से न घबराने की बात कही है।

IDSP ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने, नियमित रूप से हाथ धोने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है।

महाराष्ट्र में 9 हजार से ज्यादा कोविड टेस्ट

महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि शुक्रवार को कोविड के 84 नए मामले सामने आए। जबकि मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक कुल 681 केस मिले हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 9592 कोविड-19 टेस्ट किए गए।

वहीं, जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे। दोनों मरीज केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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Covid-19 के बढ़ते मामलों में दोबारा लगवानी होगी वैक्‍सीन या बूस्‍टर डोज, जानें डॉक्‍टर की सलाह

इन द‍िनों कोविड-19 के मामले फिर से दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। अभी  1200 से ज्‍यादा कोरोना के एक्‍ट‍िव केसेज हैं। कोव‍िड-19 की पहली लहर 2019 में आई थी। उस दौरान कोरोना ने पूरी दुन‍िया को ह‍िलाकर रख द‍िया था। अब ए‍क बार फ‍िर ये वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। इससे बचने का एकमात्र जर‍िया है क‍ि आप सावधानी बरतें।

ऐसे में अब लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है क‍ि कोव‍िड से बचने के लिए जो वैक्सीन लगवाई गई थी, वह अभी भी कारगर है या नहीं। वहीं कुछ लोगों ने बूस्‍टर डोज भी लगवाई थी। लोगों के मन में इस बात की शंका है क‍ि क्‍या दोबारा वैक्‍सीन लगवानी पड़ेगी? या दोबारा से बूस्‍टर डोज लेना पड़ेगा? अगर आप भी दुव‍िधा में हैं तो आपको ये लेख जरूर पढ़ना चाह‍िए। आपको बता दें क‍ि COVID-19 का सबसे ज्‍यादा खतरा उन्‍हें होता है ज‍िनकी इम्‍युनि‍टी व‍ीक होती है।

डॉक्‍टर ने दी ये राय

वैक्‍सीनेशन या बूस्‍टर डोज की बात करें तो इस व‍िषय में हमने डॉ. विकास मित्तल (डायरेक्टर- प्लमोनोलॉजिस्ट, सी.के. बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली) से खास बातचीत की। उन्‍होंने बताया क‍ि COVID-19 के केस लगातार बढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं, ऐसे में पहले लगाई गई वैक्सीन का असर कम हो सकता है। उस दौरान लोगों के ल‍िए ये एक सुरक्षा कवच की तरह काम कर रहा था। इससे लोगों की इम्‍युन‍िटी स्‍ट्रॉन्‍ग हुई थी।

अपडेटेड बूस्टर डोज लगवाने की दी सलाह

उन्‍होंने बताया क‍ि इस बार जो नए Variants आए हैं, उसमें काफी बदलाव है। इस वेर‍िएंट के लक्षण कुछ खास तो नहीं हैं लेक‍िन ये पहले की वैक्‍सीन से स्‍ट्रॉन्‍ग हुई इम्‍युन‍िटी को कमजाेर कर सकते हैं। कहा क‍ि ऐसे पर‍िस्‍थि‍त‍ि में हमारा मानना है क‍ि नए वेर‍िएंट्स को ध्‍यान में रखते हुए अपडेटेड बूस्टर डोज को जरूर लगवाना चाह‍िए। क्‍योंक‍ि भारत जैसे देश में आधे से ज्‍यादा जनसंख्‍या गंभीर बीमार‍ियों से जूझ रही है।

इम्‍युन‍िटी होगी स्‍ट्रॉन्‍ग

इसके अलावा डॉक्‍टर ने कहा क‍ि अगर आप बूस्टर डोज दोबारा लेते हैं तो Immune System को मजबूती म‍िलेगी। जब आपकी इम्‍युन‍िटी स्‍ट्रॉन्‍ग होगी तो आप आसानी से कोरोना को हरा सकते हैं। नई वैक्सीन अभी आए नए वेरिएंट को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।

समय-समय पर बूस्टर डोज लगवाएं

ऐसे में इसका असर पहले से ज्‍यादा अच्‍छा है। साथ ही बताया क‍ि जो लोग हेल्‍दी हैं और उन्‍होंने पहले वैक्‍सीन लगवाई थी, उनमें कुछ हद तक सुरक्षा बनी रह सकती है। अगर वे वे फि‍र भी समय-समय पर बूस्टर डोज लगवाते हैं तो अपने आपको इस वायरस से बचा सकते हैं। डॉक्‍टर म‍ित्‍तल ने कहा क‍ि अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो या फ‍िर इन्‍फेक्‍शन बढ़ने पर आपको डॉक्‍टर के पास जाना चाह‍िए।


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दुनियाभर में बढ़ रहा NB.1.8.1 वैरिएंट का प्रकोप, कोविड के नए रूप का लक्ष्ण,WHO ने जारी किया अलर्ट

 वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने लोगों को अलर्ट करते हुए कहा है कि चीन में पाया जाने वाला कोविड-19 का नया वैरिएंट दुनिया के कुछ हिस्सों में तेजी से बढ़ रहा है और वर्तमान में यह साउथ-ईस्ट एशिया, वेस्टर्न पैसिफिक क्षेत्र और भूमध्य सागर के क्षेत्रों में फैल रहा है।

WHO के अधिकारियों ने बताया कि NB.1.8.1 नामक नए वैरिएंट के कारण चीन में हाल के दिनों में कोरोना का प्रकोप फिर से बढ़ गया है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने द एपोच टाइम्स को बताया कि इस नए वैरिएंट का अमेरिका में पता चला है। हालांकि, अभी तक इसके लगभग 20 सिक्वेंस पाए गए हैं।

WHO ने जताई चिंता

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 वायरस के फिर से बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है। WHO के मुताबिक, फरवरी 2025 के मध्य से दुनियाभर में SARS-CoV-2 वायरस की गतिविधि में वृ्द्धि देखी जा रही है।

WHO के आंकड़ों के अनुसार कोविड टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट 11% तक पहुंच गई है, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे अधिक है। WHO ने NB.1.8.1 वैरिएंट को निगरानी में रखा गया वैरिएंट घोषित किया था और इसके जोखिम को कम माना था।

बुधवार को अपने अपडेट में WHO ने कहा कि चीन सहित कुछ वेस्टर्न पैसिफिक देशों ने कोविड-19 मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की सूचना दी है। हालांकि, अभी तक ऐसा कुछ नहीं है कि सुझाव दिया जाए कि नए वैरिएंट से जुड़ी बीमारी अन्य वैरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है।

WHO ने क्या कहा?

WHO ने अपने अपडेट में कहा कि हाल ही में चार देशों और क्षेत्रों में मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिनमें कंबोडिया, चीन, हांगकांग और सिंगापुर शामिल हैं।

WHO ने कहा कि LP.8.1 नामक वेरिएंट वर्तमान में दुनिया भर में प्रमुख संस्करण है।

संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि LP.8.1 और NB.1.8.1 दोनों ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिखाए हैं कि वे अन्य वैरिएंट की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम बढ़ाएंगे।

WHO के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका में हवाई अड्डों की जांच में संक्रमित क्षेत्रों से कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, वर्जीनिया और न्यूयॉर्क आने वाले यात्रियों में नए वेरिएंट का पता चला है।

सीडीसी ने क्या कहा?

सीडीसी के एक प्रवक्ता ने द एपोच टाइम्स को बताया कि भले ही अमेरिका में NB.1.8.1 वैरिएंट का पता लगाया गया है, लेकिन अभी तक यूएस में बेसलाइन निगरानी डेटा में 20 से भी कम सीक्वेंस हैं।

उन्होंने कहा, "यह कोविड डेटा ट्रैकर डैशबोर्ड में शामिल होने की सीमा को पूरा नहीं कर पाया है। हम सभी SARS-CoV-2 की निगरानी कर रहे हैं और यदि यह अनुपात में बढ़ता है तो यह डेटा ट्रैकर डैशबोर्ड पर दिखाई देगा।"

चीन में बढ़ रहा NB.1.8.1 का मामला

NB.1.8.1 स्ट्रेन XDV COVID-19 का ही वैरिएंट है। पिछले हफ़्ते चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र द्वारा प्रकाशित आंकड़ों से संकेत मिलता है कि NB.1.8.1 चीन में प्रमुख स्ट्रेन है। डॉक्टरों ने मीडिया आउटलेट्स को बताया कि इसका एक नया लक्षण में गले में तेज जलन होना शामिल है।

WHO का सुझाव

WHO ने सभी सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वे जोखिम आधारित और इंटीग्रेडेट स्ट्रैटेजी के अनुसार कोविड प्रबंधन करें।

WHO महानिदेशक की सिफारिशों का पालन करें।

वैक्सीनेशन प्रोग्राम बंद न करें, इसे जारी रखें।

हाई रिस्क वाले लोगों को वैक्सीन जरूर लगाएं।

वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौत से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।


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फिर डराने लगा कोरोना! महाराष्ट्र में 66, यूपी में 10 नए केस, देश में अब तक 11 लोगों की मौत

 कोरोना वायरस के केस एक बार फिर से देश में बढ़ने शुरू हो गए हैं. हर दिन कोविड के केस सामने आ रहे हैं. भारत में बुधवार सुबह तक 1047 एक्टिव केस पाए गए. महाराष्ट्र में 66 और उत्तर प्रदेश में 10 नए मामले सामने आए हैं. कोविड 19 की वजह से मरने वालों की संख्या भी 11 पहुंच गई है. देश में कोविड को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. कई राज्यों ने अस्पतालों को गाइडलाइन जारी कर दी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 26 मई तक का डेटा अपडेट किया था. उसने बताया था कि देश में 1010 एक्टिव केस थे, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ गई है. महाराष्ट्र में 66 नए केस सामने आए हैं, जिसमें 31 केस मुंबई शहर के हैं. अगर यहां के कुल एक्टिव केस की बात करें तो वह 325 हो गया है. मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जे जे हॉस्पिटल में 15 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. 

यूपी में भी बढ़ रहे कोरोना वायरस के केस

उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं. यहां 26 मई तक एक्टिव केस 15 थे, जो कि अब 10 और बढ़ गए हैं. गाजियाबाद में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे. कोरोना मरीज की संख्या 14 पहुंच गई है. होम आइसोलेशन में 13 मरीज हैं और एक मरीज अस्पताल में भर्ती है. गाजियाबाद में एक 4 महीने का बच्चा भी पॉजिटिव पाया गया है. राज्य के अस्पतालों को कोरोना को सचेत किया गया है. 

राजस्थान में कोविड का क्या है अपडेट

देशभर में एक बार फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. राजस्थान में भी कोविड संक्रमण ने फिर दस्तक दी है. राज्य में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के कुल 7 नए मामले सामने आए हैं. इनमें जोधपुर में भी संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, जहां एक नवजात समेत कई मरीज कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं.


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देश में कोरोना से 11 की मौत, 1047 एक्टिव केस

 भारत में कोरोना के मामले अभी बेहद कम हैं लेकिन सरकार फिर भी पूरी तरह से एक्टिव है। सिंगापुर और हांगकांग की हालिया स्थिति को देखते हुए हर राज्य की सरकार ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, आज भारत में कोरोना के एक्टिव एक्टिव मरीजों की संख्या 1010 है, जो कल से एक ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण में 15 एक्टिव केस हैं जबकि बिहार की राजधानी पटना में बीते सोमवार को एक युवक कोविड-19 से संक्रमित पाया गया। वहीं दिल्ली में मौजूदा एक्टिव केस की बात करें तो संख्या 104 है। सबसे ज्यादा केरल में एक्टिव केस 430 हैं। बीते नौ दिनों में भारत में कोरोना से संक्रमित 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिसमें 3 महाराष्ट्र, 2 केरल और एक कर्नाटक से हैं।




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बिहार में कोविड का पहला मरीज मिला

भारत में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बिहार में सोमवार को कोविड का पहला मामला सामने आया। पटना के 31 साल एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है। मरीज का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। हालांकि, उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।

वहीं पश्चिम बंगाल में चार और लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है, जिसके बाद सक्रिय मामलों की संख्या 11 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मरीजों को सांस संबंधी समस्याएं हैं।पीड़ित मरीजों का सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अधिकतर मामले कोलकाता और उसके आसपास से सामने आए हैं।

पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 के 752 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही देश में कुल मामलों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। पिछले एक सप्ताह में केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में सबसे ज्यादा नए मामले सामने आए हैं।

केरल में 335 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही कुल एक्टिव मामले 430 हो गए हैं। महाराष्ट्र में 153 और दिल्ली में 99 नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली में इस वक्त कुल 104 एक्टिव मामले हैं। इन शहरों के बाद गुजरात में 83 मामले दर्ज किए गए हैं। कर्नाटक में 47, उत्तर प्रदेश में 15 मामले दर्ज किए गए हैं।

देश में कोविड के नए मरीजों में अब तक दो मौतें

देश में कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बीच अब तक दो लोगों की मौत भी हुई है। रविवार को महाराष्ट्र के ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज कलवा अस्पताल में इलाज करा रहे 21 साल के कोविड मरीज की मौत हो गई। युवक का 22 मई से इलाज चल रहा था।

इससे पहले 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण हुई। हालांकि, 24 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

भारत में फैल रहा कोविड-19 का नया वेरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी के बीच, देश में दो नए वेरिएंट - NB.1.8.1 और LF.7 के मामले सामने आए हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Insacog) के ताजा आंकड़ों से मिली है।

हालांकि, WHO ने इन्हें चिंताजनक नहीं माना है, लेकिन निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वेरिएंट दिख रहा है। हालांकि NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वेरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वेरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वेरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वेरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वेरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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