गुजरात में बढ़ता जा रहा Chandipura Virus का कहर

पिछले कुछ दिनों से गुजरात में लगातार चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) के मामले सामने आ रहे हैं। इस वायरस से अब तक गुजरात में 15 बच्चों की जान जा चुकी है। वहीं, इससे संक्रमित लोगों की संख्या 29 तक पहुंच गई है। इस जानलेवा बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब अलग-अलग राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।

यह वायरस दिमाग में सूजन का कारण बनता है और फ्लू जैसे लक्षणों (Chandipura Virus Symptoms) के साथ कोमा और मौत तक का कारण बनता है। इसे बीमारी को लेकर देशभर में चिंता और डर का माहौल बना हुआ है। ऐसे में इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मणिपाल हॉस्पिटल, गोवा में इंटरनल मेडिसिन के सलाहकार डॉ. पोकले महादेव वी से बातचीत की। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्यों है यह खतरनाक-

क्या है चांदीपुरा वायरस?

डॉक्टर बताते हैं कि चांदीपुरा वायरस (CHPV) रबडोविरिडे (Rhabdoviridae) फैमिली से संबंधित एक अर्बोवायरस (arbovirus) है, जहां रेबीज वायरस भी मौजूद होता है। इसका मतलब यह है कि वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित करता है, जो तेजी से अल्टर्ड सेंसरियम, दौरे और फोटोफोबिया का कारण बन सकता है। इसमें ब्रेन के टिश्यू की सूजन बाद में एन्सेफलाइटिस और कोमा में बदल सकती है। इतना ही नहीं यह वायरस शरीर की कई अन्य प्रणालियों को भी प्रभावित कर सकता है। यही वजह है कि इससे बचाव के उपायों के साथ-साथ लक्षणों सहित इसके कारणों के बारे में ज्यादा जानना जरूरी है।

पहली बार यहां मिला था वायरस

चांदीपुरा वायरस यानी CHPV पहली बार साल 1965 में महाराष्ट्र में पाया गया था। यहां इस वायरस ने 36 वर्षों में बड़े पैमाने पर बच्चों की जानें ली और एक प्रकोप की तरह फैलकर पूरे चांदीपुरा गांव को नष्ट कर दिया था। इसी गांव के आधार पर इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस रखा गया।

कैसे फैलता है यह वायरस?

डॉक्टर ने बताया कि इस वायरस को फैलाने में फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाइज (Phlebotomine sandflies) और फ्लेबोटोमस पापटासी (Phlebotomus papatasi) प्रजातियां मुख्य किरदार निभाती हैं। इसके अलावा एडीज एजिप्टी, जो डेंगू बुखार के फैलने का भी कारण बनता है, मच्छर की एक और ऐसी प्रजाति है, जो रेबीज की तरह ही इस बीमारी को फैलाती है। इसलिए, यह ट्रिपैनोसोमा क्रूजी जैसे परजीवियों के लिए प्राकृतिक जलाशयों में पाया जा सकता है। साथ ही जब कीड़े इंसानों या बिल्ली जैसे अन्य जानवरों को काटता है, तो यह बीमारी फैलती है।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण

जब कोई इस बीमारी से संक्रमित हो जाता है, तो सबसे पहले उसमें फ्लू के लक्षण दिखाई देंगे, जिसमें निम्न शामिल हैं-

सिरदर्द

ब्लीडिंग

एनीमिया

शरीर में दर्द

अचानक बुखार आना

सांस लेने में कठिनाई

इन लक्षणों के बाद भी अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो एन्सेफलाइटिस के कारण यह बीमारी गंभीर हो जाती है, जिससे मौत हो जाती है।

चांदीपुरा वायरस का इलाज

इसके इलाज (Chandipura Virus Treatments) के बारे में डॉक्टर ने बताया कि वर्तमान में, इस मामले के लिए विशेष रूप से एंटीरेट्रोवाइरल दवा या वैक्सीनेशन मौजूद नहीं है। ऐसे में इसके इलाज के तौर पर मरीजों को सिर्फ लक्षणों से राहत देने और जटिलताओं को रोकने के लिए सहायक देखभाल दी जा सकती है। इसके अलावा, एन्सेफलाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए और आईसीयू में उनकी देखभाल की जानी चाहिए।

वायरस का निदान

सीएचपीवी का निदान आमतौर पर इसे संकेतों, न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ी और लक्षणों के जरिए किया जाता है। हालांकि, लैब टेस्ट से ही इसे स्पष्ट किया जा सकता है। इसलिए, खून के सैंपल या cerebrospinal fluid के नमूनों में वायरल आरएनए का पता लगाने के लिए, आमतौर पर आरटी-पीसीआर का उपयोग किया जाता है।

चांदीपुरा वायरस से बचाव

इस बीमारी के खतरनाक परिणाम से बचने के लिए जरूरी है कि बचाव (Chandipura Virus Preventions Tips) के कुछ तरीके अपनाए जाएं। ऐसे में इससे बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल और मच्छरदानी इस्तेमाल करें। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें। इसके अलावा मच्छरों को काटने से रोकने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े पहनना भी एक कारगर उपाय है।


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कोवैक्सीन के शोध दल ने ICMR से मांगी माफी, BHU की रिसर्च टीम पर हो सकती है कार्रवाई

कोवैक्सीन के प्रभाव को लेकर बीएचयू का अध्ययन जिम्मेदारों के गले की फांस बन चुका है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के शोध दल ने आइसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) से माफी मांगी है। शोध टीम में 12 से अधिक डॉक्टर और शोधार्थी निशाने पर हैं।

दल की अगुवाई कर रहे डॉ. एसएस चक्रवर्ती और डा. उपिंदर कौर ने परिषद के महानिदेशक को माफीनामा भेजा है। कहा है कि हमसे गलती हुई है कि हमने प्रोजेक्ट में परिषद को जोड़ लिया। भविष्य में दोबारा ऐसी चूक नहीं होगी।

रिसर्च पेपर से ICMR का नाम हटाने को लिखा गया पत्र

स्विट्जरलैंड के जर्नल स्प्रिंगर नेचर के संपादक को भी पत्र लिखा गया है। उनसे रिसर्च पेपर से आइसीएमआर का नाम हटाने के लिए कहा है। गंभीर खामियों के साथ गड़बड़ डिजाइन के अध्ययन के मामले में कार्रवाई की जा सकती है। परिषद पहले ही कह चुका है कि वह प्रकरण में कानूनी कार्रवाई करेगा। दोनों डॉक्टर इस समय बेंगलुरू में हैं, कुछ दिन बाद वह बनारस लौटेंगे। चिकित्सा विज्ञान संस्थान उनसे सवाल-जवाब भी करेगा।

शोध दल को जारी किया गया था नोटिस

पिछले दिनों परिषद ने शोध दल को नोटिस जारी किया था। आइएमएस निदेशक ने प्रकरण में रिपोर्ट तलब की और चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। विस्तृत जांच रिपोर्ट परिषद को भेजी जा चुकी है। अब परिषद ने भी जर्नल को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि अध्ययन में चार गंभीर खामियां हैं। पहला, उनके पास शोध की पुष्टि करने के लिए बिना टीकाकरण वाले व्यक्तियों का कोई समूह नहीं है कि दुष्प्रभाव वास्तव में टीकाकरण से जुड़े हैं। दूसरा, इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया है कि नमूना आबादी की तरफ से साइड इफेक्ट को कितनी बार रिपोर्ट की गई थी, ताकि स्थापित किया जा सके कि वह टीकाकरण से जुड़ा है।

तीसरा, अध्ययन में उपकरण विश्व स्तरीय नहीं था जबकि चौथी खामी, प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं को टीकाकरण के एक साल बाद किसी भी रिकार्ड या चिकित्सक परीक्षण के सत्यापन के बिना दर्ज किया गया, जिससे पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की संभावना बढ़ गई। नोटिस का जवाब आइएमएस ने भेज दिया है।

अनुसंधान वातावरण को और बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि मामले में आइसीएमआर ने नोटिस में कहा है कि शोधकर्ता अपने शोध से आइसीएमआर की स्वीकृति को हटा दे और माफीनामा प्रकाशित करें, या फिर कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करें। आइएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने बताया कि जांच दल की तरफ से आइसीएमआर को जवाब भेजा गया है। शोध दल केे सदस्यों से शीघ्र ही बात की जाएगी।


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कोरोना के नए वेरिएंट 'FLiRT' ने बढ़ाई चिंता, वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी कर सकता है संक्रमित

कोरोना (Coronavirus) महामारी ने दुनियाभर भयंकर कोहराम मचाया था, जिसे आज तक लोग भूले नहीं भूल पाए हैं। कोरोनाकाल (Coronavirus Pandemic) का वह दौर आज भी याद कर लोग सहम जाते हैं। पिछले कुछ दिनों से भले ही कोरोना के मामलों में कमी आई हो, लेकिन यह वायरस अभी भी हमारे बीच मौजूद है और समय-समय पर इसके अलग-अलग स्ट्रेन हेल्थ एक्सपर्ट्स और लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इसी बीच अब कोरोना के और एक नए स्ट्रेन लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में COVID-19 के वेरिएंट का एक समूह चिंता का कारण बन गया है। कोरोना के इस नए वेरिएंट को वैज्ञानिकों ने 'FLiRT' नाम दिया है। यह नया वेरिएंट ओमिक्रोन फैमिली का माना जा रहा है। बात दें कि ओमिक्रोन कोरोना वायरस का वही स्ट्रेन है, जिसने दुनियाभर में सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी। भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर के पीछे भी ओमिक्रॉन ही जिम्मेदार था।

वैक्सीन लगवाने पर भी खतरा

हेल्थ एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का यह वेरिएंट फिलहाल अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैल रहा है। इस नए स्ट्रेन के बढ़ते मामलों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि यह वेरिएंट दुनिया के अन्य हिस्सों में भी अपने पैर पसार सकता है। इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि बूस्टर डोज लगवाने के बाद भी यह स्ट्रेन आपको अपनी चपेट में ले सकता है, जिसकी वजह से लोगों की चिंता बढ़ गई है।

कहां पाया गया नया वेरिएंट

कोरोना का ये नया वेरिएंट अमेरिकी वैज्ञानिकों को वेस्ट वॉटर की निगरानी में मिला है। अमेरिकी वैज्ञानिक जे. वेइलैंड के अनुसार, लोगों को इस नए वेरिएंट को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वेस्ट वॉटर की निगरानी कर रही उनकी टीम को पानी के कुछ सैंपल में कोरोना का नया वेरिएंट मिला, जिसके बाद उनकी चिंता बढ़ गई है। उनका ऐसा मानना है कि गर्मी की वजह से यह वेरिएंट कोरोना के मामले बढ़ा सकता है।

इन लोगों को संक्रमण का ज्यादा खतरा

यह वेरिएंट चिंता का विषय इसलिए भी बना हुआ है, क्योंकि अमेरिका के अलावा यह दुनिया के अन्य हिस्सों में मौजूद कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह वेरिएंट कोरोना की एक नई लहर का कारण बन सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना का यह वेरिएंट इसके अन्य वेरिएंट्स की तुलना में कुछ अलग है। यह अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है। खासकर अगर आप डायबिटीज या दिल की बीमारी के मरीज हैं, तो इसे लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।


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कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

कोविशील्ड वैक्सीन के सुरक्षा पहलुओं पर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. बुधवार (01 मई) को जोखिम कारकों का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ चिकित्सा पैनल के गठन की मांग वाली याचिका अदालत में डाली गई है. साथ ही जनता के स्वास्थ्य सुरक्षा के हित में निर्देश जारी करने की भी मांग की गई. 

दि हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, "भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. कोविड 19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है. युवाओं में भी दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं. अब कोविशील्ड के डेवलपर की ओर से यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज के बाद, हम कोविशील्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक परिणामों पर सोचने के लिए मजबूर हैं, जो बड़ी संख्या में नागरिकों को दी गई है."

याचिका में कहा गया कि वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि उसकी कोविड-19 के खिलाफ AZD1222 वैक्सीन कम प्लेटलेट काउंट और दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्कों के जमने का कारण बन सकती है. इस वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था. 

'कोविशील्ड के दुष्प्रभावों की हो जांच' 

अदालत में डाली गई अर्जी में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाए और कोविशील्ट के दुष्प्रभावों की जांच की जाए. साथ ही अर्जी में कहा गया कि समिति में एम्स, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली निदेशक और एक्सपर्ट को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाए. वकील तिवारी ने केंद्र से उन नागरिकों या परिवारों के लिए एक 'वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली' स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की, जिन्हें टीका लेने के बाद दुर्बल स्वास्थ्य संबंधी झटके या यहां तक कि मृत्यु का सामना करना पड़ा है. 


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दिल्ली-NCR में डरा रहे कोरोना के मरीज, गाजियाबाद में कोलकाता से लौटा एक और व्यक्ति मिला संक्रमित

वसुंधरा के रहने वाले 53 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वसुंधरा क्षेत्र के 50 से अधिक लोगों की कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजे हैं। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि उक्त व्यक्ति को तीन जनवरी से बुखार और बदन दर्द की शिकायत है।

वह छह जनवरी को कोलकाता से घर लौटे तो तबीयत खराब हो गई। प्राइवेट लैब से जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में इलाज शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा जिला एमएमजी अस्पताल में पित्त की थैली का आपरेशन करवाने पहुंचे गौतमबुद्ध नगर के एक 43 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद संबंधित जिले को सूचित कर दिया गया है।

सीएमओ के अनुसार, इंदिरापुरम के रहने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति भी जांच करने पर कोरोना संक्रमित मिले हैं। वह रोज दिल्ली जाते हैं। वर्तमान में कुल चार कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। दो का घर और दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव को लगेगा टीका

लोहियानगर स्थित गुरू नानक इंटर कालेज में सर्वाइकल कैंसर से बचाव को टीका लगेगा। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एक एनजीओ द्वारा स्कूल में पढ़ने वाली एक हजार छात्राओं को टीका लगाने का लक्ष्य है। इस संबंध में कुछ प्राइवेट महिला चिकित्सक भी वैक्सीन दे रहीं हैं।

ओपीडी में पहुंचे दो हजार मरीज

शीत लहर के चलते सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो रही है लेकिन सांस और खांसी-जुकाम के मरीज बढ़ रहे हैं। तीनों अस्पतालों में कुल 2271 मरीज पहुंचे। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में 1191 के सापेक्ष 246, संयुक्त अस्पताल में 610 के सापेक्ष 129 और जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में 470 के सापेक्ष 132 बीमार बच्चे पहुंचे। सीएमएस डा. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि ओपीडी में पहुंचे 246 बच्चों में से 11 को भर्ती किया गया है। सांस के 476 मरीजों में से 22 को भर्ती किया गया है।

घर से बाहर कम निकले, गरम कपड़े पहने

डॉ. आलोक रंजन की सलाह है कि शीत लहर से बचाव के लिए कम से कम घर से बाहर निकले। गरम और ढ़ीले कपड़े पहने। गरम पानी और पेय पदार्थों का अधिक सेवन करें। रूम हीटर का उपयोग कर सकते हैं। सुबह-शाम टहलने से बचें। बुजुर्गों,बच्चों व गर्भवती का विशेष ध्यान रखें। तबीयत खराब होने पर तुरंत जिला अस्पताल की इमरजेंसी में जाकर चिकित्सक से संपर्क करें।


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महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल में कोरोना बेकाबू.. देश में बीते 24 घंटे में 2,35,532 नए केस, 871 ने तोड़ा दम

नई दिल्ली। देश में एक दिन में 2,35,532 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,08,58,241 हो गयी है।

 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 871 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,93,198 हो गयी है।

 

मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,01,278 तक कम हो गयी है और अब इस महामारी का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 20,04,333 हो गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 4.91 प्रतिशत है जबकि देश में मरीजों के ठीक होने की दर 93.89 प्रतिशत है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 13.39 प्रतिशत दर्ज की गयी जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 16.89 प्रतिशत दर्ज की गयी। महामारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,83,60,710 हो गयी हैं जबकि मृत्यु दर 1.21 प्रतिशत दर्ज की गयी।

 

अद्यतन आंकड़ों के अनुसार संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,08,58,241 हो गयी है। इस बीच राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 165.04 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।

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कोराेना के सक्रिय मामले बढ़कर 17 लाख से अधिक हुए

नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में 2.38 लाख से ज्यादा नये मामले सामने आने के बाद सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 17 लाख से अधिक होने के साथ इसकी दर 4.62 फीसदी हो गयी है।

इस बीच सोमवार को देश में 79 लाख 91 हजार 230 कोविड टीके लगाये गये हैं और अब तक एक अरब 58 करोड़ 04 लाख 41 हजार 770 कोविड टीके दिये जा चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार की सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश भर में 16 लाख 49 हजार 143 कोविड परीक्षण किए गये , जिनमें दो लाख 38 हजार 018 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी और कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर तीन करोड़ 76 लाख 18 हजार 271 हो गयी है। इसी दौरान 310 और मरीजों की मौत होने के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 4,86,761 हो गयी है। इसी अवधि में 1,57,421 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या बढ़कर तीन करोड़ 53 लाख 94 हजार 882 हो गयी हैं।

देश में रिकवरी दर घटकर 94.09 पर आ गयी है वहीं मृत्यु दर मामूली गिरावट के साथ 1.29 रह गयी है।

दूसरी तरफ कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट से 27 राज्यों में अब तक 8891 व्यक्ति संक्रमित पाये गये हैं।

महाराष्ट्र सक्रिय मामलों के हिसाब से देश में पहले स्थान पर है। पिछले 24 घंटों में यहां सक्रिय मामले 1995 बढ़कर 2,71,097 हो गये हैं जबकि 29092 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ ही कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 68,29,992 हो गयी है। वहीं 24 मरीजों की मौत हो गयी तथा इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,41,832 हो गयी है।

सक्रिय मामलों में दूसरे स्थान पर कर्नाटक में इनकी संख्या 2,17,326 है। यहां 19,315 सक्रिय मामले बढ़े हैं। राज्य में 7825 मरीजों स्वस्थ हुए हैं जिन्हें मिलाकर 29,91,472 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। वहीं 14 और मरीजों की मौत हुई है तथा अब तक मृतकों की संख्या 38,445 हो गयी है।

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24 घंटे में 1.68 लाख नए मरीज; एक दिन में 12 हजार की कमी, दिल्ली में सभी प्राइवेट दफ्तर बंद

नई दिल्ली : कोरोना महामारी की तीसरी लहर में 11 दिन के अंदर देश में कुल एक्टिव केस की संख्या 1 लाख से बढ़कर 8 लाख के पार हो गई है। सोमवार को लगातार 5वें दिन 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। हालांकि, सोमवार को रविवार के मुकाबले करीब 12 हजार कम केस मिले। देश में बीते 24 घंटे के दौरान 1 लाख 67 हजार 550 नए मामले मिले हैं। इससे पहले रविवार को 1.79 लाख केस मिले थे। अब देश में कुल 8 लाख 15 हजार 46 एक्टिव केस हैं।

सोमवार को 69,798 लोग ठीक हो गए, जबकि 277 लोगों की मौत हुई है। अच्छी बात ये है कि सबसे ज्यादा चिंताजनक बने महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में भी सोमवार को नए मामलों की संख्या में कमी आई है, लेकिन चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में नए मामले बढ़ना लगातार जारी है।

दिल्ली में सभी प्राइवेट ऑफिस और रेस्टोरेंट-बार बंद करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक में ये फैसला लिया गया। हालांकि, लोगों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी गई है।

CM अरविंद केजरीवाल मंगलवार दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें राजधानी में कोरोना के हालात पर समीक्षा की जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली में सख्ती पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

कोरोना अपडेट्स

  • मुंबई में पिछले 24 घंटे में 120 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, 1 पुलिसकर्मी की मौत हुई है।
  • हरिद्वार जिला प्रशासन ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के स्नान करने पर पाबंदी लगा दी है। हरिद्वार के DM विनय शंकर पांडे ने बताया कि जिले में 14 जनवरी की रात 10 बजे से 15 जनवरी सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। इस दौरान हर की पौड़ी इलाके में भी एंट्री बैन रहेगी।
  • हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड पॉजिटिविटी रेट अब 10.64% है। वहीं, ओमिक्रॉन केस की कुल संख्या बढ़कर 4,461 हो गई है। इनमें से 1,711 मरीज ठीक हो चुके हैं।
  • देश में सोमवार 10 जनवरी को 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रीकॉशन डोज लगाने की शुरुआत हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि बीते दिन 10.30 लाख से ज्यादा लोगों को प्रीकॉशन डोज लगाया जा चुका है।

देश की कई बड़ी हस्तियां संक्रमित

  • फिल्म बाहुबली में कटप्पा के नाम से फेमस हुए साउथ के दिग्गज एक्टर सत्यराज पिछले दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए थे। तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
  • केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। बोम्मई में कोरोना के बेहद हल्के लक्षण हैं।
  • बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। तीन दिन पहले CM हाउस के 27 कर्मचारी भी पॉजिटिव मिले थे। पढ़िए पूरी खबर...
  • दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया आइसोलेट हो गए हैं। उनका ड्राइवर कोरोना पॉजिटिव मिला है। वहीं, दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल समेत 1000 सिपाही कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

5 सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के हाल
1. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे के दौरान नए मामलों में करीब 11 हजार की कमी आई है। राज्य में सोमवार को 33,470 नए केस सामने आए, जबकि रविवार को 44,388 केस मिले थे। सबसे अच्छी खबर महाराष्ट्र में महामारी से उबरने वालों की संख्या दोगुनी हो रही है। रविवार को 15,351 लोगों के मुकाबले सोमवार को 29,671 डिस्चार्ज हुए हैं। इस दौरान 8 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब कुल एक्टिव केस 2,06,046 हो गए हैं। अब तक राज्य में 69.53 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

इनमें 66.02 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 लाख 41 हजार 647 लोगों की मौत हो गई। राज्य में पॉजिटिविटी रेट भी 22% से घटकर 19.26% हो गया है। मुंबई में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को देखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की मुख्य बेंच ने मंगलवार से दिन में केवल 3 घंटे काम करने का निर्णय लिया है। यह आदेश 28 जनवरी तक लागू रहेगा और इस दौरान केवल बेहद जरूरी केस ही सुने जाएंगे।

2. पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में सोमवार को 19,286 नए केस मिले हैं, जो रविवार को मिले 24,287 मामलों से बेहद कम हैं। बंगाल में इस दौरान 8187 मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 16 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, राज्य का पॉजिटिविटी रेट अब भी बढ़ रहा है, जो 34% से बढ़कर 37% पर पहुंच गया है। राज्य में अब तक कुल 17,74,332 केस मिले हैं, जबकि 16.65 लाख लोग रिकवर हो चुके हैं। राज्य में कुल 19,917 लोगों की मौत हो चुकी है3. दिल्ली
दिल्ली में सोमवार को दिल्ली में नए मामलों का आंकड़ा घटकर 20 हजार के नीचे आ गया। पिछले 24 घंटे के दौरान 19,166 नए मामले मिले हैं, जो रविवार को मिले 22,751 नए केस के मुकाबले 16% कम है। आज 17 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान 14,076 लोग रिकवर हुए हैं, जिससे कुल एक्टिव केस भी 65,806 से घटकर 60,733 रह गए हैं।

हालांकि नेशनल कैपिटल में पॉजिटिविटी रेट 24% से बढ़कर 25% पर पहुंच गया है, जिसे चिंता की बात माना जा रहा है। अब तक राज्य में कुल 15,68,896 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14.77 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 25,177 लोगों की मौत हो गई।

4. तमिलनाडु
यहां सोमवार को 24 घंटे के दौरान 13,990 नए मामले सामने आए, जबकि 2547 मरीज ठीक हुए और 11 लोगों की मौत हुई। अब तक राज्य में 28.14 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 27.14 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 36,866 लोगों की मौत हो गई। यहां एक्टिव केस 62,767 हैं। तमिलनाडु में पॉजिटिविटी रेट 10% है।
5. कर्नाटक
यहां सोमवार को 11,698 लोग संक्रमित पाए गए, 1148 लोग ठीक हुए और 4 लोगों की मौत हो गई। अब तक राज्य में 30.63 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 29.65 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 38,374 लोगों की मौत हो गई। 60,148 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। कर्नाटक में पॉजिटिविटी रेट 8% है।

9 अन्य प्रमुख राज्यों का हाल
1. राजस्थान
यहां सोमवार को 6,095 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि 472 लोग ठीक हुए और 2 लोगों की मौत हो गई। अब तक राज्य में 9.82 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 9.48 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 8,974 लोगों की मौत हो गई। यहां एक्टिव केस 25,088 हैं।

2. मध्य प्रदेश
यहां सोमवार को 2,317 लोग संक्रमित पाए गए और 559 लोग ठीक हुए हैं। यहां एक 22 साल की युवती की मौत हो गई। अब तक राज्य में 8.03 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 7.84 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 10,538 लोगों की मौत हो गई। यहां एक्टिव केस 8,599 हैं।

15 दिसंबर 2021 के बाद से अब तक 10 मौतें रिपोर्ट हो चुकी हैं। 24 घंटे में प्रदेश के चारों बड़े शहरों में कोरोना विस्फोट हुआ है। इंदौर में सबसे ज्यादा 948 नए मरीज मिले हैं। भोपाल में 562 केस मिले। इनमें 39 बच्चे शामिल हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...

3. उत्तर प्रदेश
यहां सोमवार को 8,311 लोग संक्रमित पाए गए। राज्य में 335 लोग ठीक हुए और 4 मौत दर्ज की गई। अब तक राज्य में 17.45 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 16.88 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 22,932 लोगों की मौत हो गई। राज्य में 33,946 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

4. पंजाब
यहां सोमवार को 3,969 लोग संक्रमित पाए गए। 885 लोग ठीक हुए और 8 मरीजों की मौत हो गई। अब तक राज्य में 6.25 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 5.89 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 16,683 लोगों की मौत हो गई। कुल 19,379 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

5. हरियाणा
यहां सोमवार को 5,736 लोग संक्रमित पाए गए और 1552 लोग ठीक हुए। यहां 5 लोगों की मौत हुई है। अब तक राज्य में 7.99 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 7.67 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 10,077 लोगों की मौत हो गई। कुल 22,477 का अभी इलाज चल रहा है।

6. गुजरात
यहां सोमवार को 6,097 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि 1539 ठीक हुए और 2 लोगों की मौत हुई है। अब तक राज्य में 8.68 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 8.25 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 10,130 लोगों की मौत हो गई। कुल 32,469 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

7. छत्तीसगढ़
यहां सोमवार को 4,120 लोग संक्रमित पाए गए। राज्य में 358 लोग ठीक हुए और 4 मरीज की मौत हो गई। अब तक राज्य में 10.27 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 9.94 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 13,619 लोगों की मौत हो गई। कुल 19,222 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

8. बिहार
यहां सोमवार को 4,737 लोग संक्रमित पाए गए। राज्य में 691 लोग ठीक हुए और 5 की मौत हो गई। अब तक राज्य में 7.50 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 7.17 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 12,106 लोगों की मौत हो गई। कुल 20,938 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

9. झारखंड
यहां सोमवार को 4,482 लोग संक्रमित पाए गए। राज्य में 1789 ठीक हुए और 2 मरीज की मौत हो गई। अब तक राज्य में 3.82 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.50 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 5,172 लोगों की मौत हो गई। कुल 26,019 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

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मेरठ में कोविड की रफ्तार तेज, 12 नए मामले

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते 24 घंटों में कोविड के 12 नए मामले सामने आए। जिले में बुधवार को तीन साल के बच्चे समेत 12 नए मरीज मिले। इनमें छह पुरुष और छह महिला वर्ग से हैं। अब जनपद में सक्रिय मरीजों की संख्या 31 हो गई है। कोविड के 5097 सैंपलों की जांच में मंगलवार को चार लोग पॉजिटिव मिले थे। इनमें बिजली विभाग के निदेशक, सीए, अधिशासी अभियंता और चपरासी शामिल हैं। वहीं, सोमवार को मिले आठ मरीजों में से चार की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग ने साझा की है। इनमें दो महिलाएं हैं, जिनमें से एक महिला दुबई से विदेश यात्रा कर कंकरखेड़ा आई है और दूसरी गर्भवती सरधना निवासी है, जबकि दो अन्य मरीज हैं, जो सर्जरी कराने व बुखार होने पर अस्पताल गए थे। इन सभी मरीजों को जिला अस्पताल के करोना वार्ड भर्ती कर इन सभी के सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे जाएंगे। 




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गांगुली की हालत स्थिर

कोलकाता : बीसीसीआई अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की हालत स्थिर है जिन्हें तीन दिन पहले कोरोना संक्रमण के बाद एहतियात के तौर पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वुडलैंड्स अस्पताल की एमडी और सीईओ डॉक्टर रूपाली बसु ने एक बयान में कहा, ‘‘अस्पताल में भर्ती होने के तीसरे दिन बीसीसीआई अध्यक्ष और भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली की हालत स्थिर है। उनका रक्तचाप और ह्र्दयगति स्थिर है और शरीर में आक्सीजन का प्रवाह भी सामान्य है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कल रात उन्हें अच्छी नींद आई। उन्होंने नाश्ता और लंच भी किया। मेडिकल बोर्ड उनकी हालत पर नजर रखे हुए है।’’ गांगुली को इस साल की शुरूआत में दो बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था जब उनकी आपात एंजियोप्लास्टी हुई थी।




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