भीषण लू से मिलेगी राहत, अगले चार दिनों तक इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश

देश के कई हिस्सों में भीषण लू की स्थिति जारी है। कई जगहों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार गया है। वहीं, मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में राहत भरी खबर दी है। IMD ने अपने अपडेट में बताया कि आने वाले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों में बारिश होने की संभावना है, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।

इन राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में 26 से 28 अप्रैल के दौरान चमक और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। IMD ने अपने ताजा अपडेट में पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश को लेकर जारी अलर्ट में बताया कि इन राज्यों में 26 और 27 अप्रैल तक बारिश होने की संभावना है। वहीं कई जगहों पर बारिश के साथ-साथ आंधी, बिजली और तेज हवाएं चल सकती हैं।

पूर्वोत्तर भारत में हो सकती है भारी बरिश

IMD ने बताया कि अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वी और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में लू से भीषण लू की स्थिति जारी रह सकती है। वहीं, 26 से 29 अप्रैल के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में और 26-28 अप्रैल के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गरज और चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर भारत को लेकर कहा कि यहां 28-30 अप्रैल को भारी बारिश हो सकती है।

UP-बिहार सहित इन राज्यों में कैसा रहेगा मौसम?

देश के कई हिस्सों में जारी भीषण लू की स्थिति से अगले तीन से चार दिनों तक लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग ने बताया कि गंगीय पश्चिम बंगाल के अधिकांश स्थानों में एवं ओडिशा के कुछ जगहों पर 28 अप्रैल को भीषण लू चलने की संभावना है। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे और आंतरिक कर्नाटक में भी 27 से लेकर तीन अप्रैल तक लू चलने की संभावना है।

मध्य भारत में बारिश की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 26 से लेकर 29 अप्रैल के दौरान, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में और 26 से 28 अप्रैल के दौरान और मध्य भारत में 26-27 अप्रैल के दौरान गरज और चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। IMD ने बताया कि इस दौरान तेज हवाएं भी चल सकती है।


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दिल्ली में राष्ट्रपति शासन का कारण न बन जाए ये चुनाव, एलजी का रूख दे रहा स्पष्ट संकेत

दिल्ली में महापौर चुनाव क्या राष्ट्रपति शासन की वजह बन सकते हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि उपराज्यपाल ने स्पष्ट कर दिया है कि या तो सीएम सलाह देकर फाइल महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी फाइल भेजें।

अब ऐसे में जेल से सरकार चलाने पर अड़ी आम आदमी पार्टी के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके लिए या तो कोर्ट से कोई निर्णय हो या फिर सीएम जेल से बाहर आने के बाद इस पर निर्णय ले, तब ही दिल्ली को नया महापौर मिल सकता है।

राष्ट्रपति शासन के बाद ही एलजी ले सकते हैं फैसला 

अगर, सीएम जेल से बाहर नहीं आते हैं और कोर्ट से भी इस मुद्दे का समाधान नहीं निकलता है तो संभवत: यह प्रक्रिया तब ही एलजी स्वयं पूरी कर सकते हैं जब दिल्ली में चुनी हुई सरकार न हो। ऐसा तब ही हो सकता है, जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा हो।

विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली में महापौर चुनने का यह तीसरा वर्ष है और महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। ऐसे में इस पद पर सामान्य श्रेणी के महापौर के कार्यकाल को ज्यादा दिनों तक विस्तार नहीं दिया जा सकता है।

एलजी के रुख से हो रहा स्पष्ट: अनिल गुप्ता

दिल्ली नगर निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता बताते हैं कि एलजी के रुख से स्पष्ट है कि वह जब तक पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करेंगे, तब तक की सीएम इसमें सलाह न दे दें। लेकिन, यह रुख सही है या गलत है, इसका निर्णय कोर्ट कर सकता है। क्योंकि मनोनीत सदस्यों के चयन में उपराज्यपाल ने सीएम की सलाह की जरूरत से इनकार किया था। अब एलजी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए सीएम की सलाह को जरुरी बता रहे हैं।

गुप्ता ने कहा कि एमसीडी में महापौर पद में तीसरे वर्ष के लिए चुनाव होना है। ऐसे में यह पद इस वर्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है इसलिए अनुसूचित जाति के पार्षद को इस वर्ष ही महापौर बनाना होगा नहीं तो यह एमसीडी एक्ट का सीधे तौर पर उल्लंघन होगा।

राष्ट्रपति शासन को मिलेगी ठोस वजह: अनिल गुप्ता

उन्होंने कहा कि एमसीडी एक्ट का उल्लंघन रोकने के लिए जरुरी है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो। यह तब ही होगी जब सीएम जेल से बाहर आकर फाइल साइन करें। या फिर कोर्ट इसमें कुछ दिशा-निर्देश जारी करें।

अगर, कोर्ट से इसका रास्ता नहीं निकलता है तो एलजी को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की ठोस वजह मिल जाएगी। पहले से ही तीन हजार फाइलें दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास लंबित है। इससे लग रहा है कि दिल्ली में संवैधानिक संकट बढ़ रहा है। इस संकट को टालने के लिए एलजी ठोस निर्णय ले सकते हैं।

दैनिक जागरण की सही निकली आशंका

दैनिक जागरण ने सीएम के जे ल जाने के बाद दो अप्रैल को प्रकाशित समाचार में इस आशंका को जाहिर किया था। क्योंकि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति में सीएम की भूमिका काफी अहम होती है। अब तक सीएम ही एलजी को इससे संबंधित फाइलें भेजते रहे हैं। उनके जेल में जाने से यह समस्या आनी स्वभाविक भी थी।

अब सवाल यह है कि अगर, सीएम जल्द ही जेल से बाहर नहीं आए या फिर इससे संबंधित फाइल उनकी सलाह के साथ नहीं गई तो दिल्ली में संवैधानिक संकट गहरा सकता है। नौबत निगम को भंग करने तक की आ सकती है। क्योंकि दिल्ली नगर निगम एक्ट हर वर्ष अप्रैल में होने वाली बैठक में महापौर व उप महापौर का चुनाव कराया जाता है।

कैसे जाती है फाइल उपराज्यपाल के पास

निगम सचिव - कमीश्नर को यह फाइल भेजते हैं।

निगम कमीश्नर- शहरी विभाग के सचिव को फाइल भेजते हैं

शहरी विकास विभाग के सचिव- मुख्य सचिव को फाइल भेजते हैं

मुख्य सचिव - शहरी विकास विभाग के मंत्री को फाइल भेजते हैं

शहरी विकास विभाग के मंत्री- मुख्यमंत्री को यह फाइल भेजते हैं

मुख्यमंत्री - उपराज्यपाल को यह फाइल भेजते हैं।

एलजी के फैसले की कांग्रेस ने भी की निंदा

प्रदेश कांग्रेस एमसीडी प्रभारी जितेद्र कुमार कोचर ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महापौर और उप महापौर चुनाव की चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी के बावजूद वोटिंग पर एलजी द्वारा रोक लगाने को संवैधानिक मूल्यों का हनन बताया है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली के अनुसूचित जाति समाज का अपमान है।

कोचर ने कहा कि दिसंबर 2022, जब से नगर निगम में भाजपा का शासन खत्म हुआ है, हर बार महापौर चुनाव में भाजपा की औछी राजनीति और स्वयंभू बने रहने की सोच के कारण अड़चनें आ रही हैं। पिछले दो वर्षो से निगम में स्थायी समिति, जोन व वार्ड कमेटियों का गठन तक नही हो पाया है।

आप ने बताया बीजेपी को एससी विरोधी मानसिकता

वरिष्ठ पार्टी नेता और आप सरकार में मंत्री आतिशी का कहना है कि एमसीडी एक्ट के अनुसार, एमसीडी के तीसरे साल में महापौर का पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है। इस बार महापौर का चुनाव रद कर भाजपा ने अपनी अनुसूचित जाति विरोधी मानसिकता दिखा दी है।

आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एलजी साहब चुनाव रद करने का कारण बता रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं। इसमें सीएम की इजाजत नहीं मिली है। इससे पहले सीएम ने दिल्ली के हक में हजारों सलाह दी हैं, पर एलजी साहब ने आज तक उस पर काम नहीं किया। 


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रुसलान' की स्क्रीनिंग में पहुंचे सलमान खान

बीती रात गुरुवार को आयुष शर्मा स्टारर फिल्म ‘रुसलान’ की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई। इस दौरान उनके बहनोई सलमान खान भी स्क्रीनिंग में पहुंचे। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सलमान अपने भांजे और भांजी को प्यार करते नजर आ रहे हैं। बता दें कि 'रुसलान' 26 अप्रैल यानी आज वर्ल्डवाइड रिलीज हो चुकी है। 'रुसलान' की स्क्रीनिंग में सलमान डैशिंग अंदाज में नजर आए। इवेंट में सलमान की बहन अर्पिता खान बच्चों के साथ एंट्री करती हैं। वहीं सलमान खान भांजी को देखते ही उसके पास चले जाते हैं, और उसके माथे पर किस करते हुए दिखाई देते हैं। उनकी ये वीडियो फैंस को खूब पसंद आ रही है।

बता दें, कुछ दिनों पहले ही सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की घटना हुई थी। फायरिंग की घटना के बाद भी सलमान ने अपना काम नहीं रोका है। अपने काम के चलते हाल ही में वो दुबई पहुंचे थे।


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2 और 8 मई को घोषित होंगे पश्चिम बंगाल बोर्ड माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के नतीजे

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल बोर्ड से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की वार्षिक परीक्षाओं में सम्मिलित हुए लाखों छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (WBBSE) की माध्यमिक (कक्षा 10) की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम 2 मई 2024 को घोषित किए जाएंगे। इसी प्रकार, पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (WBCHSE) की उच्च माध्यमिक (कक्षा 12) की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे 8 मई को जारी किए जाएंगे।

दोनों बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम जारी किए जाने की तारीख (WB 10th 12th Result 2024 Dates) की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने साझा की। WBBSE 10वीं और WBCHSE 12वीं की परीक्षाओं के परिणामों जारी किए जाने के सम्बन्ध में शिक्षा मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आगामी दो मई को माध्यमिक के नतीजे घोषित करेगा जबकि पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद आठ मई को उच्च माध्यमिक के नतीजे की घोषणा करेगा।

बता दें कि कि इस साल माध्यमिक परीक्षा दो फरवरी को शुरू होकर 12 फरवरी को खत्म हुई थी। उच्च माध्यमिक परीक्षा 16 से 29 फरवरी तक चली थी। परीक्षा के तीन महीने के भीतर दोनों परीक्षाओं के नतीजे घोषित होने जा रहे हैं। अगले साल माध्यमिक परीक्षा 14 फरवरी को शुरू होगी व 24 फरवरी को खत्म होगी जबकि उच्च माध्यमिक परीक्षा तीन मार्च से शुरू होकर 18 मार्च तक चलेगी।

WB 10th 12th Result 2024: इन स्टेप में देखें परिणाम

ऐसे में पश्चिम बंगाल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के नतीजों की इंतजार जल्द ही समाप्त होने जा रहा है। दोनों की कक्षाओं के परिणाम निर्धारित तारीखों (West Bengal 10th 12th Result 2024 Dates) पर जारी किए जाने के बाद इन्हें चेक करने के लिए लिंक को आधिकारिक रिजल्ट पोर्टल, wbresults.nic.in पर एक्टिव किया जाएगा।

स्टूडेंट्स इस वेबसाइट पर विजिट करना होगा और फिर अपनी सम्बन्धित कक्षा के परिणाम लिंक पर क्लिक करना होगा। फिर नये पेज पर स्टूडेंट्स को अपना रोल नंबर भरकर सबमिट करना होगा। इसके बाद छात्र-छात्राएं अपना परिणाम और विषयवार प्राप्तांक (Mark Sheet) स्क्रीन पर देख सकेंगे।


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बैलेट पेपर लूट-लूटकर करते रहे राज,अब EVM को कर रहे बदनाम

बिहार के चुनावी दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (PM Narendra Modi) शुक्रवार को ईवीएम (EVM) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से की गई टिप्पणी पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना था कि बैलेट पेपर को लूट-लूटकर राज करने वाले अब ईवीएम को बदनाम कर रहे हैं।

उन्होंने आईएनडीआईए (I.N.D.I.A Bloc) के नेताओं पर भी आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि ईवीएम को लेकर भ्रम फैलाया गया है।  

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में क्या कुछ कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बिहार के अररिया में आयोजित चुनावी सभा में कहा कि अररिया और सुपौल का ये स्नेह मेरे लिए बहुत बड़ी ऊर्जा है, बहुत बड़ी शक्ति है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके इस कर्ज को उतारने के लिए मैं और ज्यादा मेहनत करूंगा और तीसरे कार्यकाल में आपके हित में, देश के हित में और ज्यादा बड़े फैसले देश लेने वाला है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज दूसरे चरण का मतदान भी चल रहा है। ये लोकतंत्र का महापर्व है। मेरी सभी मतदाताओं से, विशेषकर युवा मतदाताओं से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने के लिए जाएं।

उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड से पहले जब बिहार समृद्ध था, तब भारत एक महाशक्ति था। आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए चल पड़ा है, तो बिहार की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि RJD और कांग्रेस के INDI गठबंधन को न देश के संविधान की परवाह है और न ही लोकतंत्र की परवाह है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने लोगों का, गरीबों का अधिकार छीना। पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे, बैलेट पेपर लूट लिए जाते थे।

ईवीएम और बैलेट पेपर को लेकर मोदी ने दी प्रतिक्रिया

INDI गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं।

आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, चुनाव में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है।


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X( Twitter) Down: Elon Musk का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हुआ डाउन

एलन मस्क का माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X का वेब वर्जन एक बार फिर तकनीकी कठिनाइयों का सामना कर रहा है। आपको बता दें कि पहले इसे ट्विटर के नाम से जाना जाता था। आपको बता दें कि कुछ समय पहले भी प्लेटफॉर्म ने इस तरह  आउटेज का सामना करना पड़ा था। इससे यूजर्स अपने अकाउंट को एक्सेस करने में असमर्थ हैं। 



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टी20 वर्ल्ड कप को दिमाग में रखकर IPL खेल रहे शुभमन गिल

शुभमन गिल आईपीएल 2024 में अब तक अच्छे फॉर्म में दिखे हैं. दो पारियों में उनके बल्ले से अर्धशतकीय पारियां भी निकल चुकी हैं. आईपीएल में भारतीय बल्लेबाज़ों का फॉर्म टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिहाज से काफी अहम होगा. आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों पर सिलेक्टर्स की नज़रें होंगी. अब शुभमन गिल ने बताया कि क्या वह टी20 वर्ल्ड कप को दिमाग में रखकर आईपीएल खेल रहे हैं? आइए जानते हैं टी20 विश्व कप के सिलेक्शन पर गिल ने क्या कहा. 

गिल ने कहा कि अगर मैं टी20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर आईपीएल खेलूंगा तो यह अन्याय होगा जो मैं गुजरात टाइटंस के साथ करूंगा. इसके अलावा गिल ने कहा कि पिछले सीज़न करीब 900 रन बनाए, तो अगर उन्हें चुनना होगा तो चुन लेंगे. 

'पीटीआई' से बात करते हुए गिल ने कहा, "अगर मैं टी20 वर्ल्ड कप के बारे में सोचता हूं और उस तरह से खेलता हूं, तो यह अन्याय होगा जो मैं गुजरात टाइटंस और खुद के साथ कर कर रहा हूं. मैंने पिछले सीज़न करीब 900 रन बनाए थे, अगर उन्हें मुझे चुनना होगा तो चुन लेंगे."

गिल के लिए बेहद ही शानदार गुज़रा था पिछला सीज़न 

गिल ने आईपीएल 2023 यानी पिछले सीज़न में खेले गए 17 मैचों की 17 पारियों में बैटिंग करते हुए 59.33 की औसत और 157.80 के स्ट्राइक रेट से 890 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक और 4 अर्धशतक निकले थे. गिल ने 85 चौके और 33 छक्के लगाए थे. 

इस सीज़न भी कर रहे हैं कमाल 

गौरतलब है कि गिल इस सीज़न भी अच्छी फॉर्म में दिख रहे हैं. गुजरात टाइटंस के कप्तान ने अब तक 9 मैचों में 38 की औसत और 146.15 के स्ट्राइक रेट से 304 रन बना लिए हैं. अब तक उनके बल्ले से दो अर्धशतक निकल चुके हैं, जिसमें उनका हाई स्कोर 89* रनों का रहा. गिल ने अब तक 27 चौके और 9 छक्के लगा लिए हैं. 


 

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सुबह 11 बजे तक सबसे ज्यादा इस राज्य में मतदान

लोकसभा के दूसरे चरण का मतदान आज 26 अप्रैल को हो रहा है। इस चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर 1200 से ज्यादा प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आज दूसरे चरण में ही केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर वोटिंग है।

किन किन राज्यों में मतदान?

दूसरे चरण में आज जिन राज्यों में मतदान हैं, उनमें असम में 5 सीटों पर वोटिंग है। बिहार में 5 सीटों पर मतदान है। वहीं छत्तीसगढ़ (03), जम्मू एवं कश्मीर (01), कर्नाटक (14), केरल (20), मध्य प्रदेश (06), महाराष्ट्र (08), राजस्थान (13), त्रिपुरा (01), उत्तर प्रदेश (08) और पश्चिम बंगाल में 03 सीटों पर वोटिंग होगी।

इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर

आजदूसरे चरण के मतदान में कई दिग्गजों की राजनीतिक किस्मत दांव पर है। इनमें राहुल गांधी (कांग्रेस)- वायनाड, शशि थरूर (कांग्रेस) - तिरुवनंतपुरम, एचडी कुमारस्वामी (जेडीएस)- मांड्या, हेमा मालिनी (बीजेपी)- मथुरा,अरुण गोविल (बीजेपी)-मेरठ, ओम बिरला (भाजपा) -कोटा, भूपेश बघेल (कांग्रेस)-राजनांदगांव जैसे दिग्गज शामिल हैं।

दूसरे चरण की वोटिंग के पल-पल की अपडेट जानने के लिए बने रहिए जागरण डॉट कॉम के साथ।


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बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग खारिज

देश में चुनाव इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) से ही होंगे, बैलेट पेपर से नहीं। इसके अलावा EVM से VVPAT स्लिप की 100% क्रॉस-चेकिंग भी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इन मामलों से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि सिस्टम में दखल से बेवजह शक पैदा होगा। हमने प्रोटोकॉल, तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है। हमने 2 निर्देश दिए थे। पहला- सिंबल लोडिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को सील कर दिया जाए। सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिन तक स्टोर रखा जाए।

दूसरा- उम्मीदवारों के अपील पर रिजल्ट के बाद इंजीनियरों की एक टीम माइक्रोकंट्रोलर EVM में बर्न मेमोरी की जांच करेगी। यह काम रिजल्ट घोषित होने के 7 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।इसका खर्च कैंडिडेट को उठाना होगा। अगर जांच में पता चलता है कि EVM से छेड़छाड़ की गई है तो जो खर्च कैंडिडेट ने किया है, उसे री-फंड कर दिया जाएगा।

इससे पहले 24 अप्रैल को 40 मिनट की सुनवाई के बाद बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि हम मेरिट पर दोबारा सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं। हमारे कुछ सवाल थे और हमें जवाब मिल गए हैं। फैसला सुरक्षित रख रहे हैं।

अगस्त 2023 में लगाई गई थी याचिका

VVPAT पर्चियों की 100% वेरिफिकेशन को लेकर एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया कि वोटर्स को VVPAT की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।

इस केस में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से हैं। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अब तक एडवोकेट मनिंदर सिंह, अफसरों और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद रहे हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने EC से पूछा था- क्या वोटर्स को VVPAT पर्ची नहीं दी जा सकती

इससे पहले 18 अप्रैल को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने 5 घंटे वकीलों और चुनाव आयोग की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या वोटिंग के बाद वोटर्स को VVPAT से निकली पर्ची नहीं दी जा सकती है।

इस पर चुनाव आयोग ने कहा था वोटर्स को VVPAT स्लिप देने में बहुत बड़ा रिस्क है। इससे वोट की गोपनीयता से समझौता होगा और बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल दूसरे लोग कैसे कर सकते हैं, हम नहीं कह सकते।

कोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए कदमों के बारे में चुनाव आयोग के वकील से EVM और VVPAT की पूरी प्रक्रिया समझी। साथ ही कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रहनी चाहिए। शक नहीं होना चाहिए कि ये होना चाहिए था और हुआ नहीं। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

16 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भूषण से कहा था- जर्मनी के एग्जाम्पल यहां नहीं चलते

16 अप्रैल को हुई सुनवाई में एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दलील दी कि VVPAT की स्लिप बैलट बॉक्स में डाली जाएं। जर्मनी में ऐसा ही होता है। इस पर जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि वहां के एग्जाम्पल हमारे यहां नहीं चलते। इसके अलावा कोर्ट ने चुनाव आयोग से EVM के बनने से लेकर भंडारण और डेटा से छेड़छाड़ की आशंका तक हर चीज के बारे में बताने को कहा था।

अभी 5 EVM के वोटों का ही VVPAT पर्चियों से मिलान

फिलहाल किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में 5 EVM के वोटों का ही VVPAT पर्चियों से मिलान होता है। याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग ने लगभग 24 लाख VVPAT खरीदने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं, लेकिन केवल 20,000 VVPAT की पर्चियों का ही वोटों से वेरिफिकेशन किया जा रहा है।

भारत में VVPAT मशीन का इस्तेमाल पहली बार 2014 के आम चुनावों में किया गया था। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) ने बनाया है।

पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कई बार उठा है मुद्दा

2019 के लोकसभा चुनावों से पहले, 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सभी EVM में से कम से कम 50 प्रतिशत VVPAT मशीनों की पर्चियों से वोटों के मिलान करने की मांग की थी। उस समय, चुनाव आयोग हर निर्वाचन क्षेत्र में सिर्फ एक EVM का VVPAT मशीन से मिलान करता था। 8 अप्रैल, 2019 को मिलान के लिए EVM की संख्या 1 से बढ़ाकर 5 कर दी थी।

इसके बाद मई 2019 कुछ टेक्नोक्रेट्स ने सभी EVM के VVPAT से वेरिफाई करने की मांग की याचिका लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

इसके अलावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने भी जुलाई 2023 में वोटों के मिलान की याचिका लगाई थी। इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- कभी-कभी हम चुनाव निष्पक्षता पर ज्यादा ही संदेह करने लगते हैं।


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दिल्ली जल बोर्ड केस में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई

जल बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज यानी 25 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी। ED ने अपनी चार्जशीट में जल बोर्ड के पूर्व इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, कॉन्ट्रेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल, NBCC इंडिया लिमिटेड कंपनी के पूर्व जनरल मैनेजर डीके मित्तल, NKG इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और तेजिंदर सिंह को आरोपी बनाया है।

4 अप्रैल को हुई सुनवाई में जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल और तेजिंदर सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने ED को आदेश दिया कि वह सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी दे। स्पेशल जज भूपिंदर सिंह ने कहा चार्जशीट से लगता है कि सभी आरोपी व्यक्ति/कंपनी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जल बोर्ड टेंडर घोटाले में शामिल रहे हैं। जिसके आधार पर इन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

ये मामला जल बोर्ड के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटरों की खरीदी से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं से जुड़ा है। ED ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड ने ठेका देने में भ्रष्टाचार किया और घूस की रकम आम आदमी पार्टी को इलेक्शन फंड के तौर पर दी गई।

चार्जशीट पर कोर्ट ने कहा था- आरोपियों के खिलाफ काफी सबूत

प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मार्च को जल बोर्ड केस में पहली चार्जशीट दाखिल की थी। ED ने CBI के मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।कोर्ट ने 3 अप्रैल को ED की चार्जशीट पर एक्शन लेते हुए आरोपी देवेंदर मित्तल और तेजिंदर पाल सिंह को हाजिर होने का आदेश दिया था।

इनके अलावा आरोपी जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को भी कोर्ट में पेश करने का नोटिस जारी किया गया। कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ केस चलाने काफी सबूत मौजूद हैं।

केजरीवाल को नोटिस भेजा था, PA के घर छापा मारा

एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था, पर वो नहीं पहुंचे। ED ने केजरीवाल को शराब घोटाला केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था, वे फिलहाल इस मामले में तिहाड़ जेल में हैं।ED ने जल बोर्ड केस में केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट बिभव कुमार, AAP के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंडल और कुछ और लोगों के घर छापा मारा था।

क्या है दिल्ली जल बोर्ड टेंडर घोटाला

ED के मुताबिक 15 दिसंबर 2017 को दिल्ली जल बोर्ड में इलेक्ट्रोमैग्नेट फ्लो मीटर के लिए मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 5 साल के ऑपरेशन के लिए ठेका दिया गया था। इसमें सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग और कमिशनिंग भी शामिल थी।

ठेके की कुल कीमत 24 करोड़ से ज्यादा थी। जिस कंपनी को ठेका दिया, वह मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। इसके बदले आरोपियों ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज इंडस्टरीज से तीन करोड़ रुपए लिए थे।

एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना ठेका अनिल अग्रवाल की फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दे दिया था।


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