पहली रैंक के साथ यूपीएससी टॉपर बने आदित्य श्रीवास्तव

आदित्य श्रीवास्तव... यह नाम अब सबकी जुबान पर है। लखनऊ के इस लाल ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2023 के फाइनल रिजल्ट में टॉप किया है। पहली रैंक के साथ अब IAS के लिए चयनित हुए आदित्य ने टॉप किए जाने को लेकर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि वह टॉप-70 में आने की कामना कर रहे थे लेकिन टॉप कर जाना अपने आप में जबर्दस्त एहसास है। उन्होंने अपने शौक के बारे में भी बातें की। इसमें खाने से लेकर फिल्म तक पर बात बताई। वहीं पढ़ाई में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल का फायदा भी बताया।

आदित्य श्रीवास्तव ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में खास बातें बताई। अभी हैदराबाद में IPS ऑफिसर के तौर पर ट्रेनिंग ले रहे आदित्य ने टेलिफोनिक बातचीत के जरिए अपनी बातें सामने रखीं। उन्होंने कहा कि मैं टॉप-70 में रैंक लाकर आईएएस बनने की कामना कर रहा था। लेकिन पहली रैंक हासिल करना तो सरप्राइज जैसा है। इस खास मौके पर मैं अपने माता-पिता को मिस कर रहा हूं।

स्मार्ट पढ़ाई, ChatGPT का यूज

मंगलवार को देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा यूपीएससी का रिजल्ट आया। हैदराबाद पुलिस ट्रेनिंग संस्थान में दोपहर को आदित्य लंच कर रहे थे, तभी रिजल्ट आया। इसके बाद माता-पिता को फोन करके आदित्य ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है। मैंने कड़ी मेहनत की बजाय स्मार्ट वर्क पर फोकस किया। बेसिक किताबों से शुरुआत कर पिछले कुछ सालों के पेपर्स का विश्लेषण करना फायदेमंद साबित हुआ। मैंने पढ़ाई में गूगल के साथ ही चैटजीपीटी का खूब सहयोग लिया।

डायनासोर के बारे में खास दिलचस्पी

आईआईटी कानपुर से बी.टेक और एम.टेक की पढ़ाई के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गए आदित्य श्रीवास्तव को क्रिकेट खेलने और खाना खाने के शौकीन हैं। खाने में मटन का स्वाद उन्हें बहुत पसंद है। आदित्य को डायनासोर के बारे में पढ़ने और जानकारी हासिल करने का बहुत अधिक शौक है। उन्होंने इस सब्जेक्ट पर बनी जुरासिक पार्क फिल्म भी बहुत मन से देखी।

तीसरे प्रयास में कर गए IAS टॉप

आदित्य श्रीवास्तव की ऑल इंडिया रैंक-1 है। आदित्य ने इंटर तक सिटी मांटेसरी स्कूल से पढ़ाई की। यहीं नहीं शुरूआत से ही उन्होंने टॉप किया। 10वीं क्लास की पढ़ाई पूरी होने से पहले ही मन में IAS का सपना लेकर आदित्य ने तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि, पहले अटेंप्ट में आदित्य को सफलता नहीं मिली, वह 3 नंबर से रह गए। इसके बाद उन्होंने 40 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर नौकरी शुरू की। इस बार आदित्य ने UPSC में पहला स्थान हासिल कर देश में नंबर वन का खिताब अपने नाम किया है।

लखनऊ से स्कूल, IIT कानपुर से पढ़ाई

पिता अजय श्रीवास्तव ने बताया कि आदित्य ने 2014 में लखनऊ में CMS की अलीगंज ब्रांच से इंटर किया है। इंटर में उनके 98.4 प्रतिशत अंक थे। इसके बाद कानपुर आईआईटी से इलेक्ट्रिकल ग्रेड से ग्रेजुएशन किया। वहां पर भी आदित्य टॉपर रहे। फिलहाल आदित्य हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं। उन्होंने ये परीक्षा पिछले साल दूसरे अटेंप्ट में क्वालिफाई कर ली थी। तब उनको IPS की 226 रैंक हासिल हुई थी। अभी IPS की ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद में हैं।

आदित्य ने 2019 में आईआईटी कानपुर से ही एमटेक पूरा किया। इसके बाद बेंगलुरु की एक एमएनसी कंपनी में कुछ दिन तक जॉब की थी। जहां उनका सालाना पैकेज करीब 40 लाख रुपए था। मां अभा श्रीवास्तव ने बताया कि उनके बेटे ने सेल्फ स्टडी करके ये सफलता प्राप्त की है। आदित्य ने इसकी तैयारी करने के लिए किसी भी कोचिंग सेंटर में शिक्षा नहीं ली।


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बाबरी, गुजरात दंगे और हिंदुत्व की राजनीति, NCERT की किताबों से हटाए गए ये टॉपिक्स

नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं क्लास की राजनीतिक विज्ञान या कहें पॉलिटिकल साइंस की किताब में ढेरों बदलाव किए हैं. किताब से बाबरी मस्जिद, हिंदुत्व की राजनीति, 2002 के गुजरात दंगों और अल्पसंख्यकों के जुड़े कुछ संदर्भ हटा दिए गए हैं. इस किताब को एकेडमिक सेशन 2024-25 से लागू कर दिया जाएगा. हाल के वर्षों में किताबों में कई संवेदनशील टॉपिक्स को हटाया गया है. 

एनसीईआरटी ने गुरुवार (4 अप्रैल) को इन बदलावों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ाया जाता है. देश में इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 30 हजार के करीब हैं. भारत के लगभग हर हिस्से में सीबीएसई बोर्ड के स्कूल मौजूद हैं. उम्मीद की जा रही है कि ऐसा ही बदलाव अन्य राज्यों के बोर्ड्स की किताबों में भी देखने को मिल सकता है. 

अयोध्या पर क्या लिखा गया? 

पॉलिटिकल साइंस के 'भारतीय राजनीति: नए अध्याय' नाम के आठवें चैप्टर में 'अयोध्या विध्वंस' के संदर्भ को हटा दिया गया है. चैप्टर में 'राजनीतिक लामबंदी की प्रकृति के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस की विरासत क्या है?' इसे बदलकर 'राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है?' कर दिया गया. एनसीईआरटी का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सवालों के जवाबों को नए बदलाव के साथ जोड़ा जा सके. 

गुजरात दंगों समेत बदले गए ये टॉपिक

'भारतीय राजनीति: नए अध्याय' चैप्टर में ही बाबरी मस्जिद और 'हिंदुत्व की राजनीति' के संदर्भ को भी हटाया गया है. इस चैप्टर में आगे ये भी बताया गया है कि किस तरह से सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ. 'लोकतांत्रिक अधिकार' नाम के 5वें चैप्टर में गुजरात दंगों का जिक्र हटाया गया है. एनसीईआरटी का कहना है कि ये घटना 20 साल पुरानी है और न्यायिक प्रक्रिया के जरिए इसे सुलझा लिया गया है. 

कुछ स्थान जहां पहले मुस्लिम समुदाय का उल्लेख किया गया था, उन्हें भी बदल दिया गया है. 5वें चैप्टर में ही मुसलमानों को विकास के लाभों से 'वंचित' करने का संदर्भ हटा दिया गया है. मुस्लिमों को लेकर किताब में लिखा गया है कि किस तरह से उन्हें अलग माना जाता है, जो उनके खिलाफ नफरत और हिंसा के पूर्वाग्रह को बढ़ा देता है. पहले यहां इस बात का जिक्र था कि उनके साथ गलत व्यवहार और भेदभाव किया जाता है. 


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DSSB ने विभिन्न पदों निकली भर्ती 10वीं-12वीं पास इस सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई

दिल्ली सबऑर्डिनेट सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड ने कुछ समय पहले 600 से ज्यादा विभिन्न पदों पर योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए थे. इनके लिए नोटिस कुछ समय पहले जारी हुआ था और अब रजिस्ट्रेशन लिंक एक्टिव कर दिया गया है. वे कैंडिडेट्स जो डीएसएसएसबी के इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हों, वे ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं.

भरे जाएंगे इतने पद

इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के माध्यम से कुल 650 पदों पर कैंडिडेट्स की भर्ती होगी. ये पद केयरटेकर, एकाउंट्स असिस्टेंट, कैंटीन अटेंडेंट, पीजीटी, स्टोर कीपर, असिस्टेंट आर्किटेक्ट, डेंटल मैकेनिक, पब्लिक हेल्थ नर्सिंग ऑफिसर, पर्सनल असिस्टेंट, सेल्समैन, पीजीटी, मेट्रन, प्रोग्रामर, जूनियर असिस्टेंट, मोटर वेहिकल इंस्पेक्टर आदि के हैं. आवेदन कल यानी 19 मार्च से शुरू हुए हैं.  

ये है लास्ट डेट

इन पदों पर आवेदन करने का लिंक कल खुला है और अप्लाई करने की आखिरी तारीख 17 अप्रैल 2024 है. इस तारीख के पहले बताए गए प्रारूप में फॉर्म भर दें. आवेदन केवल ऑनलाइन होंगे, इसके लिए आपको डीएसएसएसबी की आधिकारिक वेबसाइट – dsssb.delhi.gov.in पर जाना होगा.

ये करें अप्लाई

इन पदों पर आवेदन के लिए योग्यता पद के मुताबिक है और अलग-अलग है. मोटे तौर पर किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं-12वीं पास और किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किए उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. एज लिमिट भी पद के मुताबिक अलग-अलग है.

देना होगा इतना शुल्क

इन पदों पर आवेदन करने के ले शुल्क 100 रुपये तय किया गया है. महिला, एससी, एसटी और पीएच श्रेणी के कैंडिडेट्स को शुल्क नहीं देना है. सैलरी भी पद के मुताबिक अलग-अलग है. कई पदों के लिए महीने के 1 लाख रुपये से भी ज्यादा वेतन दिया जाएगा.

सेलेक्शन कैसे होगा

इन पदों पर चयन के लिए आपको लिखित परीक्षा देनी होगी. इसे पास करने के बाद आगे के चरण आयोजित किए जाएंगे. जैसे डीवी राउंड और पद के मुताबिक स्किल टेस्ट या इंटरव्यू. सभी चरण पास करने पर चयन अंतिम होगा. परीक्षा तारीख से लेकर दूसरा कोई भी अपडेट जानने के लिए समय-समय पर वेबसाइट विजिट करते रहें.


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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला एजुकेशनल सर्टिफिकेट और डिग्री पर केवल पिता का नहीं बल्कि माता का नाम भी होना चाहिए

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक लॉ स्टूडेंट की सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि शैक्षिक प्रमाण-पत्रों और डिग्रियों पर जहां अभिभावक का नाम होता है वहां, माता और पिता दोनों का नाम हो. कोर्ट ने साफ कहा है कि केवल पिता के नाम का कोई मतलब नहीं है. एक लॉ स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि प्रमाण-पत्रों पर मुख्य भाग में माता-पिता दोनों का नाम अनिवार्य रूप से अंकित होना चाहिए. इसमें किसी प्रकार की बहस की जरूरत नहीं है.

कहां का है मामला

ये मामला गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी का है. ये पिटिशन लॉ ग्रेजुएट रितिका प्रसाद ने दाखिल की थी. उनका कहना था कि उन्होंने पांच साल के बीए एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया था. जब कोर्स पूरा हो गया तो उन्हें जो डिग्री दी गई उसमें केवल पिता का नाम लिखा था माता का नहीं. रितिका का कहना था कि डिग्री पर मां और पिता दोनों का नाम होना चाहिए.

क्या कहना है कोर्ट का

कोर्ट का कहना है कि ये मामला देखने में सीधा लग सकता है पर इसके पूर्ण आयाम की चर्चा कि जाए तो ये एक बड़ा सामाजिक महत्व का मुद्दा है. इस संबंध में यूजीसी ने 6 जून 2014 को एक सर्कुलर जारी किया था लेकिन इसकी अनदेखी की गई. कोर्ट ने इस पर भी खेद जताया है.

यूनिवर्सिटी को दिया गया 15 दिन का समय

कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को 15 दिन का समय दिया है. इस मोहतल के अंदर ही उन्हें दूसरा सर्टिफिकेट इश्यू करना है जिस पर मां और पिता दोनों का नाम हो. कोर्ट ने ये भी कहा कि यह गर्व की बात है कि आज बार में शामिल ज्यादातर युवाओं में लड़कियां हैं. और अच्छी बात ये है कि ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स में से 70 परसेंट लड़कियां हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि मान्यता की समानता बहुत जरूरी है. इस पर सवाल उठाना अपमानजनक होगा. 


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मनरेगा के नियमों में हुए कुछ बदलाव , निजी जमीन पर काम कराने के लिए कुछ दिशानिर्देशों का करना होगा पालन

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से निजी जमीन पर काम कराया जाता है। इसमें पौधारोपण, पोखर खोदाई जैसी योजनाएं शामिल हैं। लेकिन अब निजी जमीन पर काम कराने के लिए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। अब जमीन पर मालिकाना हक का पूरा ब्योरा देना होगा।

साथ ही उसमें जमीन मालिक का जाबकार्डधारी होना या उसके परिवार के किसी जाबकार्डधारी सदस्य का काम करना भी जरूरी होगा। हालांकि, यह नियम पहले से है कि जाबकार्ड रहने पर ही निजी जमीन पर मनरेगा का काम करा सकते हैं। लेकिन अब उसमें काम करने की अनिवार्यता भी रखी गई है।

लाभुक का जाबकार्डधारी होना अनिवार्य

मनरेगा आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है। इसमें मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यों को लेकर कई बिंदु पर दिशानिर्देश दिए गए हैं। बिना जाबकार्ड के निजी जमीन पर मनरेगा की योजना नहीं दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि निजी जमीन पर योजना के लिए लाभुक का जाबकार्ड धारी होना जरूरी है। योजना में लाभुक या उनके परिवार के किसी वयस्क सदस्य जिनके पास जाबकार्ड हो, उन्हें अनिवार्य रूप से काम करना होगा।

निजी जमीन पर योजना क्रियान्वित कराने के लिए विभाग में आवेदन देना होगा। जिस निजी जमीन पर मनरेगा का काम कराया जाना है, उसके दस्तावेज की जानकारी भी देनी होगी। निजी जमीन से संबंधित पूरा विवरण देना होगा। इसमें जमीन का खाता-खेसरा संख्या, जमीन की चौहद्दी आदि बतानी होगी।

जमीन के मालिकाना हक का देना होगा सबूत

निजी जमीन के मालिकाना हक संबंधित कागजात की कापी भी काम कराने की स्वीकृति वाले आवेदन में लगाना होगा। निजी जमीन पर होनेवाली वैसी येाजनाएं जिनमें अधिसंख्य अकुशल मजदूर की आवश्यकता होगी, वहां पर मजदूर की सूची लाभुक की ओर से विभाग को दी जाएगी। मनरेगा से निजी जमीन पर पोखर खोदाई, पौधारोपण आदि कराया जाएगा।

विभाग की ओर से योजनाओं की निगरानी के लिए भी दिशानिर्देश दिए गए हैं। सभी पंचायतों में निगरानी समिति का गठन करना है। यह समिति मनरेगा की हर योजनाओं की निगरानी करेगी ताकि कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहे। योजना का काम पूरा होने के बाद तकनीकी स्वीकृति देने वाले अधिकारी इसका प्रमाणपत्र भी जारी करेंगे।


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रेलवे सुरक्षा बल में निकली बंपर भर्ती, 4660 कॉन्स्टेबल एवं SI के पदों के लिए अधिसूचना जारी

रेलवे पुलिस फोर्स यानी कि RPF में सब-इंस्पेक्टर एवं कॉन्स्टेबल के रिक्त पदों पर बंपर भर्ती का एलान किया गया है। ऐसे अभ्यर्थी जो इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे उनको बता दें कि इस वैकेंसी के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन तिथियों को घोषित कर दिया गया है। रोजगार समाचार में प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 15 अप्रैल 2024 से शुरू की जानी है।

पात्रता एवं मापदंड

आरपीएफ कॉन्स्टेबल पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके अलावा सब इंस्पेक्टर (SI) पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों का किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से स्नातक उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

आयु सीमा

कॉन्स्टेबल पदों पर आवेदन के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं अधिकतम आयु 28 वर्ष तय की गयी है वहीं एसआई पदों पर फॉर्म भरने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं अधिकतम आयु 28 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में छूट प्रदान की जाएगी। आयु की गणना 1 जुलाई 2024 को ध्यान में रखकर की जाएगी।


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ISC Board केमिस्ट्री का पेपर हुआ लीक, स्थगित की गई परीक्षा

सोमवार आज होने वाली आइएससी (Indian School of certificate) 12 वीं केमिस्ट्री परीक्षा रद्द हो गई है अब यह परीक्षा 21 मार्च को दोबारा कराई जाएगी केमिस्ट्री की है परीक्षा सोमवार को 2:00 बजे से होने वाली थी लेकिन उससे पहले पेपर रद्द करने की सूचना आई है। कुछ परीक्षा केंद्रो के प्रधानाध्यापकों ने यह कहा है कि पेपर लीक हो गया है लेकिन इसकी पुष्टि काउंसिल की तरफ से नहीं की गई है।

काउंसिल ने केवल सोमवार को होने वाली परीक्षा स्थगित करने की सूचना दी है और यह परीक्षा 21 मार्च को करने के लिए कहा है जबकि, लखनऊ के कई केंद्रों के प्रधानाचार्यों ने परीक्षा देने आए छात्रों से कहा है कि उनका पेपर लीक हो गया है, वह वापस घर जाएं। दोबारा से 21 मार्च को परीक्षा होगी।

आइएससी की सिटी कोऑर्डिनेटर माला मेहरा का कहना है कि काउंसिल से आज सोमवार को 12वीं केमिस्ट्री के पेपर स्थगित करने की सूचना आई है। पेपर लीक है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं है। दिल्ली से परीक्षा स्थगित करने की सूचना आई है, स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं हुआ है। काउंसिल ने अब यह पेपर 21 मार्च को कराने के लिए कहा है।

लखनऊ में 8400 हजार से अधिक विद्यार्थी आज 88 सेंटर पर परीक्षा देते। यह पहली बार नहीं है जब काउंसिल का कोई पेपर स्थगित हुआ है इससे पहले करीब 20 साल पहले पेपर टल चुका है। काल्विन कॉलेज के प्रिंसिपल सच्चिदानंद सिंह ने परीक्षा देने गए बच्चों को घर जाने के लिए कहा। 26 फरवरी को होने वाली यह परीक्षा 21 मार्च को होगी।

बैंक में रखा जाता है पेपर

इससे और आईएससी का प्रश्न पत्र बैंक में सुरक्षित रखा जाता है परीक्षा के दिन केंद्र व्यवस्थापक और अन्य शिक्षक की निगरानी में यह परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाया जाता है। सोमवार का पेपर मित्रों पर पहुंच भी गया था कुछ जगह बताया जा रहा है कि पेपर खुल भी गए थे परीक्षा के 1 घंटे पहले काउंसिल से पेपर स्थगित करने की सूचना आने के बाद सभी परीक्षा केंद्र और विद्यार्थी स्तब्ध हैं। काउंसिल ने पेपर रद्द करने कोई कारण नहीं बताया है। इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।


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ना घर के रहेंगे ना घाट के रहेंगे पेपर लीक माफिया को सीएम योगी की चेतावनी

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर निकली कॉन्स्टेबल पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले में अभ्यर्थियों के जोरदार हंगामे के बाद योगी सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी है। इसको लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला था।

वहीं लोकसभा चुनाव से पहले इस विरोध को देखते हुए सरकार ने परीक्षा को निरस्त कर दिया है। वहीं रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों को खुली चुनौती दे दी है। सीएम योगी ने कहा कि अब वे ना घर के रहेंगे ना घाट के। उनके खिलाफ नजीर पेश करने वाली कार्रवाई की जाएगी।

सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों ने पहले दिन से संकल्प लिया है की नियुक्ति की प्रक्रिया अगर ईमानदारी पूर्वक आगे नहीं बढ़ पा रही है तो यह युवाओं के लिए खिलवाड़ है और अपनी प्रतिभा को पलायन करने के लिए मजबूर करता है। अगर युवा के साथ अन्याय होता है तो एक राष्ट्रीय पाप है।

विवार को लोकभवन में विभिन्न विभागों में करीब 18 सौ पदों पर निष्पक्ष और परदर्शी ढंग से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपने के दौरान सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों ने पहले दिन से तय किया है कि युवाओं के जीवन और भविष्य के साथ जो खिलवाड़ करेगा, हम उसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर उन तत्वों से उतनी ही सख्ती और कठोरतम तरीके से निपटने का काम करेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने जो कार्रवाई शुरू की है वो कार्रवाई शुरुआत में भी की थी अब फिर एक बार हम लोग उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम लोग तकनीक का प्रयोग करते हैं, वैसे ही वे तत्व भी तकनीक का प्रयोग गलत काम में करने लगते हैं। अगर वो लोग सकारात्मक सोच रखते तो संभवता कभी गलत काम नहीं करते, अच्छी दिशा में आगे बढ़ते और खुशहाल का जीवन व्यतीत करते। लेकिन अब वे तत्व ना घर के रहेंगे ना घाट के रहेंगे।


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यूपी पुलिस के पेपर लीक पर भारी बवाल के बाद योगी सरकार का बड़ा फैसला, परीक्षा निरस्त

 उत्तर प्रदेश में पुलिस परीक्षा का पेपर लीक को लेकर भारी बवाल को देखते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम योगी ने छात्रों की शिकायत के बाद यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को रद्द करने का एलान किया है. छह महीने के अंदर एक बार फिर से ये परीक्षा आयोजित की जाएगी. जल्द ही पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से इसकी घोषणा कर दी जाएगी. 

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद सीएम योगी ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त कर दिया है. सीएम योगी ने साफ़ कहा है कि 6 माह के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ इस परीक्षा को फिर से आयोजित किया जाएगा. सीएम ने परीक्षा में धांधली करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि, युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी. परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने वाले एसटीएफ की रडार में हैं. इस मामले में अब तक कई बड़ी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.

सीएम योगी ने कही ये बात

सीएम योगी ने इस संबंध में एक्स पर जानकारी देते हुए कहा, यूपी पुलिस आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है.'

पुलिस भर्ती परीक्षा लीक मामले की जांच एसटीएफ़ को सौंप दी गई है. आपको बता दें कि परीक्षा के बाद से परीक्षार्थी लगातार पेपर लीक को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद इस मुद्दे को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उठाया था. मामला गरमाने के बाद भर्ती बोर्ड की ओर से इसकी जांच के लिए अंतरिम कमेटी भी बनाई गई थी और अब सीएम योगी ने इस परीक्षा को निरस्त कर दिया है. .



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आज से बोर्ड की परिक्षा शुरू, शिक्षा मंत्री ने तिलक लगाकर किया छात्रों का स्वागत

स्कूलों के बाहर कतार लगाए हुए बच्चे, चैकिंग करते शिक्षक ये दृश्य हैं उत्तरप्रदेश के स्कूलों के। उत्तरप्रदेश में गुरूवार से से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। परीक्षा में 55 लाख 25 हजार 308 छात्र बैठे हैं। नक़ल न हो इसे लेकर प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किये गए हैं। उत्तरप्रदेश में 10 से अधिक अतिसंवेदनशील केंद्र बनाए गए हैं। दो पालियों में परीक्षा आयोजित हो रही है। पहली पाली 11:45 पर समाप्त होगी वहीँ दूसरी पाली दोपहर दो बजे से शुरू होगी। बता दें कि, जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष जिले के 133 परीक्षा केंद्रों की लाइव मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इधर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने छात्रों का स्वागत तिलक और गुलाब का फूल देकर किया। कुछ केंद्रों पर छात्रों पर परीक्षा केंद्रों में प्रवेश के दौरान फूल भी बरसाए गए।

लखनऊ में जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि, जिले भर में 133 परीक्षा केंद्र हैं जहां हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आज से शुरू हुईं। इन सभी केंद्रों की देखरेख और निगरानी के लिए जोनल मजिस्ट्रेट, 13 सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक स्टेटिक तैनात किए गए हैं।" प्रत्येक केंद्र पर मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। स्टैटिक मजिस्ट्रेट स्ट्रांग रूम के प्रभारी हैं। डबल लॉक अलमीरा की व्यवस्था की गई है और प्रश्नपत्र उसमें रखे गए हैं। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी जारी है। लाइव फीड यहां नियंत्रण कक्ष में देखी जा सकती है। छह उड़नदस्तों का गठन किया गया है। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं कि कोई अप्रिय घटना न हो।

गुरुवार को प्रथम पाली में हाईस्कूल हिंदी एवं प्रारंभिक हिंदी की परीक्षा 8273 केंद्रों में आयोजित की गई। हाईस्कूल में 29,38,663 तथा इंटर में 5,123 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। द्वितीय पाली में इंटर हिंदी एवं सामान्य हिन्दी की परीक्षा 8,232 केंद्रों पर होगी। हाईस्कूल में वाणिज्य की परीक्षा 1619 सेंटरों पर हो रही है। इंटर में 24,29,278 तथा हाईस्कूल में 38,437 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। बोर्ड ने प्रश्नपत्र का पैकेट खोलने के लिए भी नई व्यवस्था बनाई है।


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