'संजय रॉय ने ही किया कोलकाता डॉक्टर का रेप और मर्डर', आरजी कर केस में CBI ने दाखिल की चार्जशीट

कोलकाता का आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। सीबीआई इस केस को लेकर हर पहलू की जांच में जुटी है। अब इस मामले में सीबीआई ने आज सियालदह कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।  इस केस में पहले से ही हिरासत में लिए गए आरोपी संजय रॉय को ही सीबीआई ने मुख्य आरोपी बताया है।

कोलकाता की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोपपत्र में, आरोपी संजय रॉय स्थानीय पुलिस के साथ एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा था। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोपी को लेकर कहा है, उसने कथित तौर पर 9 अगस्त को पीड़िता के साथ अपराध किया जब पीड़िता अस्पताल के सेमिनार कक्ष में सोने गई थी।

सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय के खिलाफ मिला सबूत

सामूहिक बलात्कार के आरोप का उल्लेख नहीं किया, जिससे संकेत मिलता है कि संजय रॉय ने अकेले ही अपराध किया था। अस्पताल के सेमिनार कक्ष के अंदर महिला के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। वह आधी रात के बाद अस्पताल में अपनी मैराथन शिफ्ट के बीच आराम करने के लिए कमरे में चली गई थी। अगली सुबह एक जूनियर डॉक्टर को उसका शव मिला।

सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को 9 अगस्त की सुबह 4.03 बजे सेमिनार रूम में एंट्री करते देखा गया था। वह लगभग आधे घंटे बाद कमरे से बाहर आए।

कोलकाता पुलिस को हाथ लगा ब्लूटूथ हेडफोन

कोलकाता पुलिस को घटनास्थल पर आरोपी का ब्लूटूथ हेडफोन भी मिला। सीबीआई द्वारा मामले को अपने हाथ में लेने के बाद, रॉय का लाई-डिटेक्टर टेस्ट किया गया, जहां उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने दावा किया कि जब वह सेमिनार हॉल में दाखिल हुए तो महिला पहले से ही बेहोश थी।

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने घटना के बारे में पुलिस को क्यों नहीं बताया तो उन्होंने कहा कि महिला को घायल अवस्था में देखकर वह घबरा गए थे। सीबीआई ने कथित तौर पर कहा कि वह जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था।




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कोलकाता रेप-मर्डर, जूनियर डॉक्टर्स का 41 दिन बाद धरना खत्म

पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार को कोलकाता में साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य भवन के बाहर अपना धरना खत्म किया। डॉक्टर्न कल से आंशिक रूप से ड्यूटी पर लौटेंगे।

जूनियर डॉक्टर्स आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को हुई ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या के विरोध में 42 दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।

जूनियर डॉक्टर्स ने आज राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से साल्ट लेक स्थित CBI कार्यालय तक (लगभग 4 KM) मार्च निकालने के बाद प्रदर्शन खत्म किया। डॉक्टर्स की मांग CBI जांच को जल्द पूरा करने की थी।

डॉक्टरों ने कहा है कि वे OPD में काम नहीं करेंगे, लेकिन इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं में आंशिक रूप से काम करेंगे। हम पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित जिलों में जाएंगे। आरजी कर की ट्रेनी डॉक्टर की याद में अभय क्लीनिक भी स्थापित करेंगे।

डॉक्टर्स बोले- हमारी कुछ मांगें अभी भी अधूरी

डॉक्टर्स की मांग पर हटाए गए कई अधिकारी

प्रदर्शनकारियों में शामिल डॉ. अकीब ने 19 सितंबर को कहा था कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति और हमारी कुछ मांगों पर राज्य सरकार की सहमत के कारण हमने आंशिक रूप से काम पर लौटने का फैसला किया है।

जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर और हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर को हटाया गया है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है। राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की हमारी मांग अभी भी जारी है।

बंगाल सरकार ने विनीत गोयल को पुलिस कमिश्नर पद से हटाया था

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 सितंबर को डॉक्टरों के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद ममता ने कहा कि हमने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली हैं। CM ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा था वे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगी।

डॉक्टरों की मांग पर बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटा दिया था। उनकी जगह मनोज वर्मा ने पद संभाला। स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है।

ममता-डॉक्टरों की मीटिंग को लेकर 7 दिन टकराव चला

डॉक्टरों और ममता की मीटिंग को लेकर कोलकाता में 7 दिन तक टकराव चला था। 4 कोशिशें नाकाम होने के बाद 16 सितंबर को ममता और डॉक्टरों के डेलिगेशन की CM हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मानी थीं और कहा था कि काम पर वापस लौटें।

डॉक्टरों और CM की 16 सितंबर की मीटिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया।

इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलिजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO EFR सेकंड बटालियन का नाम शामिल है।

पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष का रजिस्ट्रेशन रद्द किया

पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। संदीप से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन 13 दिन से ज्यादा निकलने के बाद भी कोई स्पष्टीकरण न मिलने पर काउंसिल ने यह कदम उठाया।

उधर, नए कमिश्नर मनोज वर्मा गुरुवार, 19 सितंबर को आरजी कर कॉलेज और अस्पताल का दौरा करने पहुंचे। इसी घटना के विरोध में TMC से राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।



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कोलकाता रेप-मर्डर केस, डॉक्टर्स प्रदर्शन जारी रखेंगे

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर की विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर ममता ने 2021 में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एक्शन लिया होता तो आज उनकी बेटी जिंदा होती।

विक्टिम के पिता बोले- 'CBI अपना काम कर रही है। जो लोग इस मर्डर से किसी भी तरह जुड़े हैं, या जो सबूतों की छेड़छाड़ में शामिल हो सकते हैं, उन सबकी जांच हो रही है। जो जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे तकलीफ में हैं। वे मेरे बच्चों जैसे हैं। उन्हें ऐसे देखकर हमें भी तकलीफ होती है।

जिस दिन आरोपियों को सजा दी जाएगी, उस दिन हमारी जीत होगी। साल 2021 में भी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, अगर मुख्यमंत्री ने तब संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती तो मेरी बेटी जिंदा होती।'

डॉक्टर ने प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया

जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार-बुधवार रात करीब 2 बजे बताया कि वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। डॉक्टरों की गवर्निंग बॉडी की बैठक शाम 6:30 बजे शुरू हुई थी, जो रात 1 बजे तक चली। जूनियर डॉक्टरों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। हम सरकार से दोबारा बातचीत करना चाहते हैं।

संदीप घोष और अभिजीत मंडल की तीन दिन की CBI हिरासत बढ़ी

कोलकाता के सियालदाह कोर्ट ने संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के SHO अभिजीत मंडल की CBI हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान CBI के वकील ने कहा कि घोष और मंडल से कॉल रिकॉर्डिंग, DVR, CCTV और घटना से जुड़े अन्य डेटा के बारे में आगे की जांच की जा रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पूछताछ के दौरान बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे थे, लिहाजा इस मामले में उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ जरूरी है।

ममता सरकार ने पुलिस कमिश्नर को पद से हटाया

मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाया था। उनकी जगह मनोज वर्मा नए कमिश्नर होंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस कमिश्नर समेत स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को हटाने की मांग की थी।

स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया है।

इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए हैं। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलिजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO EFR सेकंड बटालियन का नाम शामिल है।

16 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच बैठक हुई थी। इसके बाद ममता ने कहा था कि उन्होंने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली हैं। CM ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा था वे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगी। 

अस्पताल में वित्तीय अनियमितता मामले में ED का छापा

दूसरी तरफ, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता मामले में मंगलवार को कोलकाता में फिर से छापा मारा। एजेंसी ने एक नर्सिंग होम सहित कई जगहों पर तलाशी ली।

वित्तीय अनियमितता मामले में ED की यह तीसरी रेड है। एजेंसी ने 6 सितंबर को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था। 12 सितंबर को घोष के पिता सत्य प्रकाश घोष के घर सहित कई ठिकानों पर तलाशी ली थी।

घोष पर कॉलेज के प्रिंसिपल रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप है। इस मामले में CBI ने घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। CBI ने रेप-मर्डर केस में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में 14 सितंबर को SHO अभिजीत मंडल के साथ संदीप घोष को फिर से गिरफ्तार किया था।

सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार का काम

ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (17 सितंबर) को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टरों की नाइट ड्यूटी खत्म करने के फैसले पर बंगाल सरकार को फटकार लगाई।

CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? उन्हें कोई रियायत नहीं चाहिए। सरकार का काम उन्हें सुरक्षा देना है। पायलट, सेना जैसे सभी प्रोफेशन में महिलाएं रात में काम करती हैं।

कोर्ट की फटकार पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बंगाल सरकार की तरफ से कहा कि सरकार महिला डॉक्टरों की ड्यूटी 12 घंटे तक सीमित करने और नाइट ड्यूटी पर रोक लगाने वाले अपने फैसले वापस ले लेगी।

कोर्ट ने विकिपीडिया को मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और तस्वीर हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट 24 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा।

CJI बोले- अस्पतालों में 18-23 साल की डॉक्टर्स काम कर रहीं, वहां पुलिस होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर प्राइवेट एजेंसियों के सुरक्षाकर्मियों की नियुक्त पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम रहे लोगों को 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और वे पूरे अस्पताल में घूमते हैं। इनके जरिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।

कोर्ट ने कहा कि रेप-मर्डर मामले का मुख्य आरोपी भी एक सिविक वॉलंटियर ही है। बंगाल में 28 सरकारी अस्पताल हैं। वहां 18-23 साल की युवा डॉक्टर काम कर रही हैं। राज्य के 45 मेडिकल कॉलेजों में लड़कियां 12वीं कक्षा के बाद आती हैं। वे बहुत छोटी हैं। उनमें इंटर्न भी हैं। ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूरी तरह से असुरक्षित है।

CJI ने कहा कि राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पुलिस बल तैनात करना चाहिए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भी प्रोग्रेस काफी स्लो है। वहां 415 अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाने की मंजूरी मिली है, लेकिन अब तक सिर्फ 36 लगे हैं।


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कोलकाता रेप-मर्डर, ममता ने पांचवी बार डॉक्टर्स को बुलाया

कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले को लेकर 38 दिन से प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स को ममता ने 5वीं बार मीटिंग के लिए बुलाया है।

जूनियर डॉक्टर का डेलिगेशन शाम 5 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेगा। बंगाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनोज पंत ने सोमवार सुबह वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट को मेल कर मीटिंग के लिए बुलाया है।

मेल में उन्होंने कहा कि मीटिंग के लिए डॉक्टरों को पांचवी और आखिरी बार बुलाया जा रहा है। 14 सितंबर को चौथी बैठक के लिए जिन 15 डॉक्टरों को बुलाया गया था, उन्हें ही आज बुलाया जा रहा है। मनोज पंत ने कहा कि बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं होगी।

दरअसल जूनियर डॉक्टर्स पिछले 38 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक प्रदर्शन खत्म कर काम पर लौटने के लिए कहा था। डॉक्टरों ने 5 मांगें रखी हैं। सरकार ने मामला सुलझाने के लिए इससे पहले 4 बार डॉक्टरों को बुलाया, लेकिन इनमें से एक भी बार मीटिंग नहीं हो सकी है।

ममता ने पहले 4 बार बुलाया था; इंतजार करती रहीं, डॉक्टर्स नहीं पहुंचे...

10 सितंबर: डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला। ममता सरकार ने शाम 5 बजे डॉक्टरों को मीटिंग के लिए नबन्ना सचिवालय बुलाया। ममता लगभग एक घंटा 20 मिनट तक वहां बैठी रहीं। डॉक्टर्स नहीं आए। डॉक्टर्स ने कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है।

11 सितंबर: जूनियर डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को मेल भेजकर मीटिंग का समय मांगा। सरकार ने शाम 6 बजे का समय दिया। हालांकि, डॉक्टर्स मीटिंग के लिए अपनी 4 शर्तों पर अड़े रहे।सरकार ने शर्तें मानने से इनकार कर दिया।

12 सितंबर: बंगाल सरकार ने डॉक्टरों को तीसरी बार बातचीत करने के लिए बुलाया। 32 डॉक्टर सचिवालय पहुंचे। सरकार ने सिर्फ 15 को बुलाया था। उन्हें बताया गया कि बैठक का लाइव टेलीकास्ट नहीं होगा। इससे डॉक्टर आक्रोशित हो गए और बैठक में नहीं गए। वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2 घंटे 10 मिनट इंतजार करती रहीं।

14 सितंबर: ममता ने 15 डॉक्टरों के डेलिगेशन को मीटिंग के लिए CM हाउस बुलाया बुलाया था, लेकिन उन्होंने मीटिंग के लाइव टेलीकास्ट करने से मना कर दिया था। ऐसे में डॉक्टरों ने CM आवास में दाखिल होने से मना कर दिया। ममता बनर्जी घर के दरवाजे पर खड़े होकर उनका इंतजार करती रहीं। देर रात को ममता उनके पास पहुंचीं और कहा कि चर्चा की बातें रिकॉर्ड की जाएंगी, लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जा सकती, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। ममता ने यह भी कहा कि आपकी सभी मांगें मानना संभव नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- हड़ताल खत्म करें, नहीं तो कार्रवाई होगी

सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। हालांकि, डॉक्टरों ने कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे।

ट्रेनी डॉक्टर की मां बोलीं- CM ममता डॉक्टर्स की मांगों को मानें

ट्रेनी डॉक्टर की मां ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री और आंदोलनकारी डॉक्टरों के बीच बातचीत से नतीजे निकलेंगे। उन्होंने कहा, केवल यह कहने के बजाय कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे दंडित किया जाएगा, सिर्फ यह कहने से बात नहीं बनेगी। ममता को डॉक्टरों की मांगों को पूरा करना होगा।

रेप मर्डर केस में आज CBI स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी

कोलकाता रेप-मर्डर केस में CBI आज दूसरी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। 9 सितंबर को सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने पहली रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें कई खुलासे किए गए थे।

रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि केस से जुड़े कुछ दस्तावेज गायब हैं। इस पर कोर्ट ने कहा था- यह मामला गड़बड़ लगता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को मिसिंग डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।

CBI की पहली स्टेटस रिपोर्ट की 3 बड़ी बातें...

राज्य सरकार ने जांच एजेंसी को घटना वाले दिन का सिर्फ 27 मिनट का CCTV वीडियो शेयर किया। राज्य सरकार ने कहा था- वीडियो के कुछ हिस्से दिए गए हैं। कुछ तकनीकी गड़बड़ आई थी।

ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी जब मिली थी तो वह अर्धनग्न थी। सरकार ने बंगाल में CFSL में जांच कराई। जबकि CBI ने सैंपल को AIIMS और बाहर की फोरेंसिक लैब में भेजने का फैसला लिया है।

एक रहस्य यह भी है कि 9 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे से रात 11:30 बजे के बीच जनरल डायरी में केवल 10 एंट्री हैं। क्या यह खुद लिखी गई हैं। डायरी में चार एंट्री ऐसी हैं, जो संदेह पैदा करती हैं।

CBI जांच में अब तक क्या-क्या हुआ...

14 सितंबर: आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल को CBI ने अरेस्ट किया

कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले में 14 सितंबर को CBI ने आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक थाने के SHO अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।

अभिजीत मंडल ताला पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) के पद पर तैनात था। दोनों को 17 सितंबर तक CBI की कस्टडी में भेज दिया गया।

आरजी कर मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन गिरफ्तार किया था।

5 सितंबर: जांच में खुलासा- घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया

5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया था कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था।

सूत्रों के मुताबिक, CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं।

PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया।

जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।

CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े खुलासे...

संदीप घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया। हालांकि अस्पताल में इंटरव्यू लेने वालों का कोई पैनल नहीं था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल मार्क्स जारी किए जाते थे। घोष पर कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्त नहीं करने का भी आरोप है।

संदीप घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड था। वह तब से बिप्लव और सुमन को जानता था। घोष अपने सिक्योरिटी गार्ड, बिप्लव और सुमन के साथ भ्रष्टाचार का नेटवर्क चलाता था।

घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के बाद बिप्लव और सुमन को कोलकाता बुला लिया। उसने दोनों वेंडर्स को अस्पताल के कई टेंडर दिलवाए। घोष का गार्ड अस्पताल के बायोमेडिकल कचरे को बेचने के लिए भी वेंडर्स से कॉन्ट्रैक्ट करता था।

बिप्लब मां तारा ट्रेडर्स, बाबा लोकनाथ, तियाशा एंटरप्राइजेज समेत कई कंपनियां चलाता था। वह इन सभी कंपनियों के नाम पर अस्पताल में टेंडर्स के लिए अप्लाई करता था। ताकि टेंडर के लिए मार्केट में कॉम्पिटिशन दिखे। इसी में किसी एक कंपनी को टेंडर मिलता था।

CBI को बिप्लब की कंपनियों को टेंडर दिए जाने के तरीके में भी कई खामियां मिली हैं। CBI ने कहा कि वर्क ऑर्डर के लेटर कॉलेज के कई अधिकारियों को लिखे जाते थे, लेकिन उन्हें ये लेटर कभी सौंपे ही नहीं गए। इसका मतलब टेंडर प्रोसेस में अन्य अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया।

एजेंसी के मुताबिक, घोष के गार्ड की पत्नी नरगिस की कंपनी ईशान कैफे को अस्पताल में कैंटीन का ठेका मिला। संदीप घोष ने गार्ड की पत्नी की कंपनी को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी।


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कोलकाता रेप-मर्डर केस, स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन जारी

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का आज 36वां दिन है।

डॉक्टरों ने सॉल्ट लेक इलाके में स्वास्थ्य भवन के पास भारी बारिश के बीच लगातार चौथी रात विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इस बीच उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर के नाम पर अभया क्लिनिक खोला।

डॉक्टरों ने कहा कि मीटिंग के लाइव टेलीकास्ट करने की उनकी अपील सही थी क्योंकि सरकार की कई बैठकों का टेलीकास्ट होता है। हमें हॉल के बाहर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट रखवाने पर भी नाराजगी जाहिर की।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू को चिट्‌ठी लिखकर दखल देने की मांग

डॉक्टरों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मामले में दखल देने की मांग है। उन्होंने गुरुवार (12 सितंबर) की रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर भेजा। उन्होंने लिखा- आपका दखल हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा।

-प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर्स, कोलकाता

वहीं, CBI को रेप-मर्डर के आरोपी संजय रॉय के नार्को टेस्ट की इजाजत नहीं मिली। इसके लिए एजेंसी ने कोलकाता की कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। अफसर ने बताया कि जब जज ने संजय से नार्को टेस्ट के बारे में पूछा तो वह राजी नहीं हुआ।


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दो ट्रेनी सैन्य अफसरों को बंधक बनाकर युवती से सामूहिक दुष्कर्म

मध्य प्रदेश के महू में दो प्रशिक्षु सैन्य अधिकारी(कैप्टन) साथ मौजूद दो युवतियों को बंधकर बनाकर उनके साथ मारपीट की गई है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पुलिस की आठ टीम अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।

क्या है पूरा मामला?

महू में ट्रेनिंग लेने के लिए आए अधिकारी कौशल सिंह निवासी बरेली (उप्र) अपनी दो युवतियों के साथ घूमने के लिए जाम गेट पर गए थे। इन्होंने घूमने के लिए किराए की कार ली थी। ये लोग फायरिंग रेंज के करीब खड़े होकर बात कर रहे थे, इसी दौरान वहां 6 बदमाश आ गए।

सबसे पहले बदमाशों ने उन लोगों के साथ मारपीट की और उनसे पैसे छीन लिए। इसके बाद एक अधिकारी और युवती से कहा कि वो 10 लाख रुपये लेकर आएं। बाकी दोनों को बंधक बना लिया। इसके बाद बंधक युवती और अधिकारी को अलग-अलग ले गए।

युवती के साथ बदमाशों ने सामूहिक दुष्कर्म (Mhow Gang Rape) किया। बदमाशों ने जिस ट्रेनिंग अधिकारी को छोड़ा था, उसने जाकर पूरी जानकारी पुलिस को बताई। इसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस को आते देश बदमाश फरार हो गए।

आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

डीआइजी (ग्रामीण) निमिष अग्रवाल ने जानकारी दी कि 23 वर्षीय ट्रेनी सैन्य अधिकारी की शिकायत पर डकैती, मारपीट, फिरौती और सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया गया है। बदमाशों के गिरफ्त से छुड़ाए गए सैन्य अफसर ने पुलिस को बताया कि बदमाश बार-बार रुपयों की मांग कर रहे थे।

साथी अफसर के लौटने में देरी होने पर बदमाश युवती को दूर ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वह उसके रोने की आवाज सुन रहा था। बदमाशों से छोड़ने की गुहार लगाई तो उसके साथ मारपीट की गई।

बता दे कि इंदौर की रहने वाली युवती घटना से सदमे में है। पुलिस ने अफसर के कथन पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा लगाई है। पकड़े गए दो बदमाशों में से एक का आपराधिक रिकार्ड भी है।


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कोलकाता रेप-मर्डर केस, काम पर नहीं लौटेंगे जूनियर डॉक्टर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल मंगलवार को 31वें दिन भी जारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर की सुनवाई में डॉक्टरों को आज शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने को कहा है। कोर्ट ने आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है।

जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है, इसलिए वे काम पर नहीं लौटेंगे। डॉक्टरों ने भी सरकार को शाम 5 बजे तक मांगें मानने का टाइम दिया है।

डॉक्टरों ने एक बयान में कहा है कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट को नहीं भूलना चाहिए कि यह विरोध प्रदर्शन एक जन आंदोलन है। हम सुनवाई से बेहद निराश हैं।

जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव को भी बर्खास्त किया जाए। इसके लिए वे आज दोपहर 1 बजे करुणामयी (सॉल्ट लेक) से स्वास्थ्य भवन तक मार्च भी निकालेंगे।

जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल जारी रखने के तर्क...

राज्य सरकार किसी भी तरीके से हमारा प्रदर्शन रोकना चाहती है। वे हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण लोग मर रहे हैं। हम बता दें कि राज्य के हर मेडिकल कॉलेज में पेशेंट सर्विस चालू हैं। सीनियर डॉक्टर्स काम पर लगे हैं।

राज्य में 245 सरकारी अस्पताल हैं, जिनमें से केवल 26 मेडिकल कॉलेज हैं। जूनियर डॉक्टरों की संख्या 7,500 से भी कम है। जबकि 93,000 रजिस्टर्ड डॉक्टर हैं। ऐसे में सिर्फ कुछ जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मेडिकल सर्विस कैसे ध्वस्त हो सकती है। सरकार झूठ फैला रही है और सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है।

ममता सरकार ने 27 अगस्त को एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा का दोष हम पर मढ़ दिया है। हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि हमने 26 अगस्त को कहा था कि हमारा उस कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। हम किसी भी हिंसक घटना का समर्थन नहीं करते हैं और भविष्य में भी नहीं करेंगे।

घटना के 30 दिन बाद भी राज्य सरकार ने आंदोलन की मुख्य मांगों को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। वे सारा दोष CBI जांच पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की लापरवाही या स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। संदीप घोष को सस्पेंड करने का फैसला महज लीपापोती जैसा लगता है।

आंदोलन के पहले दिन से ही हमने सुरक्षा से जुड़ी मांगें उठाई हैं। हमने ऑन-ड्यूटी डॉक्टरों के लिए अलग से रेस्ट रूम और बाथरूम, पर्याप्त सुरक्षा कर्मी, सीसीटीवी और महिलाओं के लिए महिला सुरक्षा कर्मी की मांग की है। सिर्फ पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने और डॉक्टरों के कमरे अलग करने से सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी।

मुख्यमंत्री के प्रेस बयान से हमें पता चला कि पुलिस कमिश्नर ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी। उन्होंने खुद जांच में लापरवाही की बात स्वीकार की है तो उनका इस्तीफा क्यों स्वीकार नहीं किया गया? क्या पुलिस का काम सिर्फ त्योहारों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना है? महिलाओं की सुरक्षा क्या ऐसी पुलिस फोर्स कर पाएगी।

9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद जारी डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सुनवाई हुई थी। कोर्ट में राज्य सरकार की दलील और कोर्ट का आदेश...

राज्य सरकार की दलील: डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से 23 लोगों की जान चली गई। 6 लाख लोगों को इलाज नहीं मिला। रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी में नहीं आ रहे। 1500 से अधिक रोगियों की एंजियोग्राफी नहीं की गई। डॉक्टरों को काम पर वापस जाने के लिए कहा जाए।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: हम निर्देश देते हैं कि जूनियर डॉक्टर 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर वापस नहीं आते हैं तो हम राज्य सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते। यदि वे काम पर वापस आते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि हम मामले से अवगत हैं।

ममता बोलीं- प्रदर्शन छोड़ें, आगे त्योहार की तैयारी करें

यदि आप हर रात सड़कों पर ऐसे ही प्रदर्शन करेंगे तो इससे ध्वनि प्रदूषण होगा। आसपास के बुजुर्गों को नींद नहीं आएगी। आप सभी वापस घर लौटें, CBI को जांच पूरी करने दें। आगे फेस्टिवल आ रहे हैं, उसकी तैयारी करें। -ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

डॉक्टर्स बोले- ममता का बयान अमानवीय हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स ने ममता बनर्जी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा- ट्रेनी डॉक्टर की लाश पर जश्न मनाने का आह्वान करना अपमान है। न्याय मिलने से पहले जश्न मनाना अमानवीय है। मुख्यमंत्री को तुरंत इस बयान को वापस लेना चाहिए।

पैरेंट्स ने कहा- हमने बेटी खोई, अब जीवन में अंधेरा त्योहार मनाने वाले बयान पर ट्रेनी डॉक्टर की मां ने कहा- यह मुझे अमानवीय लगता है क्योंकि मैं एक लड़की की मां हूं। मैंने अपनी बेटी खो दी है। मेरे घर में भी दुर्गा पूजा मनाई जाती थी। लेकिन, अब हमारे जीवन में अंधेरा छा गया है।


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कोलकाता रेप-मर्डर कांड पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में आज कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई होनी है. इस घटना के बाद लोग न्‍याय की मांग करते हुए सड़कों पर लगातर प्रदर्शन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: ही ही इस मामले का संज्ञान लिया था. 

 बंगाल के राज्यपाल ने राज्य सरकार से आरजी कर अस्पताल के मुद्दे पर कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाने की लोगों की मांग पर ध्यान देने को कहा है. इस घटना के विरोध में रविवार (8 सितंबर) को लोगों ने फिर से प्रदर्शन किया. नौ अगस्त को महिला जूनियर डॉक्‍टर का शव अस्पताल में मिला था. 

केंद्र की मांग पर विचार कर सकता है कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है. आज सुनवाई के दौरान SC सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट के अलावा केंद्र के आवेदन पर भी विचार कर सकता है. केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को पूर्ण सहयोग देने का निर्देश देने की मांग की है. 

केंद्र ने SC से अनुरोध किया है कि वह न्यायालय द्वारा पारित आदेश का 'जानबूझकर पालन न करने' के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करे.

जानें क्या हुआ पिछली सुनवाई में 

इस मामले की पिछली सुनवाई 22 अगस्त को हुई थी. इस दौरान SC ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के संबंध में CBI और कोलकाता पुलिस द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड में लेने को कहा था.

शत्रुघ्न सिन्हा ने किया डॉक्टरों की मांगों का समर्थन

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रेप-मर्डर की घटना पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "मैंने डॉक्टरों की मांगों का समर्थन किया है. सीएम ममता बनर्जी द्वारा लाया गया बिल (अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक) ऐतिहासिक है. इस मामले में किसी मुख्यमंत्री को दोष देना उचित नहीं होगा. जो मुद्दा है उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए."


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बंगाल में रेप विरोधी 'अपराजिता' विधेयक पेश, 10 दिन में दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान

कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा के विशेष सत्र (Bengal Assembly news) के दूसरे दिन बंगाल सरकार ने दुष्कर्म विरोधी संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय और दुष्कर्म के दोषियों को त्वरित व सख्त सजा देना है।

विधेयक में दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों के अंदर मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। दुष्कर्म विरोधी इस विधेयक का नाम अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 है। राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायक भी इस विधेयक का समर्थन करेंगे। मंगलवार को ही सदन से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास भेज जाएगा।


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कोलकाता रेप-मर्डर केस, नाइट प्रोटेस्ट में घुसा शराबी गिरफ्तार

कोलकाता में रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी के पास चल रहे डॉक्टरों के नाइट प्रोटेस्ट में शनिवार (31 अगस्त) को एक शराबी घुस गया। उसकी बाइक पर कोलकाता पुलिस का स्टीकर था। आरोपी ने आंदोलन कर रहे छात्रों में से एक को टक्कर मारकर घायल कर दिया।

आरोपी बाइक सवार महिला डॉक्टर से रेप के आरोपी की तरह ही पुलिस का सिविक वॉलंटियर है।

घटना रात 2 बजे की है। वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने उसको बिना एक्शन लिए छोड़ दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने उसकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 5 घंटे तक बीटी रोड को जाम कर दिया।

कोलकाता पुलिस के मुताबिक मामले में शनिवार सुबह FIR दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उसे सिविक वॉलंटियर टीम से हटा दिया गया है।

इधर, कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर TMC आज राज्य में विरोध-प्रदर्शन कर रही है। CM ममता प्रदर्शन का नेतृत्व करेगी।

नबन्ना अभियान के दौरान गिरफ्तार वाला छात्र रिहा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 30 अगस्त को रेप-मर्डर केस के विरोध में प्रदर्शन करने वाले छात्र सायन लाहिड़ी को रिहा करने का आदेश दिया है। सायन पर बिना परमिशन के नबन्ना रैली निकालने का आरोप था। इसी रैली में हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों को इस मुद्दे को संवेदनशील तरीके से संभालना चाहिए था, न कि प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाकर उन्हें आंदोलन करने से रोकना चाहिए था। पुलिस को यह समझना चाहिए कि कोलकाता रेप मर्डर केस को लेकर लोगों में गुस्सा है।

दरअसल, पश्चिम बंग छात्र समाज के कार्यकर्ताओं ने ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के विरोध में 27 अगस्त को प्रदर्शन किया था। 'नबन्ना अभियान' प्रदर्शन हिंसक हो गया था। जिसमें 100 से ज्यादा छात्र, 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने हिंसा के आरोप में सायन लाहिड़ी को गिरफ्तार किया था।

छात्र की मां बोली- कॉलेज की घटना से छात्र परेशान था

लाहिड़ी की मां ने बेटे की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने कहा था कि उनका बेटा पश्चिम बंग छात्र समाज से जुड़ा नहीं है और न ही किसी रैली का नेतृत्व किया है। वह मेडिकल कॉलेज में हुई घटना से बहुत परेशान था। इसी वजह से बस छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुआ था।

कोर्ट ने छात्र को रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि अगर मेडिकल कॉलेज में घटना नहीं होती, तो पश्चिम बंग छात्र समाज का अस्तित्व ही नहीं होता। हजारों आम लोग विरोध रैली में शामिल हुए। याचिकाकर्ता के बेटे ने सक्रिय भूमिका निभाई होगी और अन्य प्रदर्शनकारियों की तुलना में थोड़ा अधिक मुखर रहा होगा। इसका यह मतलब नहीं है कि याचिकाकर्ता का बेटा रैली का नेता है।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इनमें घटना के बाद क्राइम सीन पर 10-12 लोग दिखाई दे रहे हैं।

दावा किया जा रहा है कि ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद क्राइम सीन पर पुलिस के अलावा भी लोग वहां गए। इससे सबूतों से छेड़छाड़ की गुंजाइश है। CBI ने भी 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताई थी।

 कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने बताया कि ये तस्वीरें घटना के दिन यानी 9 अगस्त को सेमिनार हॉल के अंदर जांच पूरी होने के बाद की हैं। कोलकाता पुलिस के मुताबिक, वायरल तस्वीर में दिख रहे लोगों को यहां जाने की अनुमति थी। क्राइम सीन से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। फोटो 9 अगस्त को तब ली गई, जब पूछताछ पूरी हो चुकी थी।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8 अगस्त की रात को ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की बॉडी मिली। इसके बाद देशभर के डॉक्टर सड़क पर उतर आए थे। सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल कैंसिल कर दी। हालांकि प्रदर्शन जारी है।

कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया था

20 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान CBI के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने FIR दर्ज करने में देरी पर चिंता जताई थी। उन्होंने कोर्ट में कहा- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही मैंने अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।

भाजपा और TMC दोनों ने किया प्रदर्शन

रेप-मर्डर मामले को लेकर शुक्रवार (30 अगस्त) को TMC और भाजपा, दोनों ने विरोध-प्रदर्शन किया। बंगाल भाजपा की महिला मोर्चा ने 'महिला आयोग तालाबंद अभियान' के तहत राज्य महिला आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला।

दूसरी तरफ, TMC छात्र संघ के समर्थकों ने राज्य के सभी कॉलेजों में प्रदर्शन किया। पार्टी केंद्र से आरोपियों के लिए मौत की सजा का कानून पारित करने की मांग कर रही है। TMC ने 31 अगस्त को राज्य के सभी ब्लॉक में धरना देने का ऐलान भी किया है

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। उनका अर्धनग्न शव सेमिनार हॉल में मिला था। उनकी गर्दन टूटी हुई थी। मुंह, आंखों और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।

बंगाल गवर्नर ने दिल्ली में शाह से मुलाकात की

रेप-मर्डर केस को लेकर विरोध-प्रदर्शन के बीच बंगाल के गवर्नर डॉ. सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार (30 अगस्त) को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। एक सप्ताह के भीतर आनंद बोस का यह दूसरा दिल्ली दौरा है।

भाजपा ने 28 अगस्त को बंगाल बंद बुलाया था

कोलकाता रेप-मर्डर केस में भाजपा ने 28 अगस्त को 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया था। भाजपा 27 अगस्त को कोलकाता में छात्र प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और उन्हें हिरासत में लेने का विरोध कर रही थी। बंद के दौरान कई जिलों में पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई। कई नेताओं-वर्कर्स को हिरासत में लिया गया। इसी दिन बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि कोलकाता हाईकोर्ट ने 29 अगस्त से एक हफ्ते के लिए उन्हें प्रदर्शन की इजाजत दी थी।नॉर्थ 24 परगना जिले के भाटपारा में भाजपा नेता प्रियंगु पांडे की कार पर फायरिंग हुई। प्रियंगु ने बताया- TMC के लगभग 50-60 लोगों ने हमला किया। गाड़ी पर 6-7 राउंड फायरिंग की और बम फेंके गए। ड्राइवर समेत दो लोगों को गोली लगी। नादिया और मंगलबाड़ी चौरंगी में भाजपा और TMC कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। TMC समर्थकों ने भाजपाइयों पर लाठी-डंडे से हमला किया। बनगांव और बारासात दक्षिण में ट्रेनें रोकी गईं।

CBI की जांच जारी, आरोपी ने जुर्म कबूल किया

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में CBI की जांच जारी है। पुलिस के बाद 14 अगस्त को ये केस CBI को हैंडओवर कर दिया गया था। 23 अगस्त को अदालत ने संजय सहित 7 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दी थी। इसमें मुख्य आरोपी संजय रॉय, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर शामिल हैं।

मुख्य आरोपी संजय रॉय ने 25 अगस्त को पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना जुर्म कबूल लिया है। संजय ने कहा कि उसने रेप के बाद ट्रेनी डॉक्टर का मर्डर किया था। घटना को अंजाम देने से पहले वह रेड लाइट एरिया गया था। रास्ते में भी एक लड़की को छेड़ा और गर्लफ्रेंड से न्यूड तस्वीरें मांगी थीं। पुलिस कस्टडी में भी संजय ने रेप और मर्डर की बात स्वीकार की थी। संजय का यह कबूलनामा मर्डर और रेप के 18 दिन बाद आया था।

इसके अलावा 26 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का फिर पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। इसमें घोष ने CBI को कौन सी बातें बताईं, अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। CBI ने कोलकाता की एक अदालत से ASI अनूप दत्ता पर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की परमिशन मांगी है। इसमें पता लगाया जाएगा कि क्या दत्ता ने क्राइम को छिपाने में मुख्य आरोपी संजय रॉय की मदद की थी।


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