यूलर मोटर्स को ई-कॉमर्स कंपनियों से 2,500 इकाइयों का ऑर्डर मिला

नई दिल्ली : इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता यूलर मोटर्स ने सोमवार को कहा कि उसे बिगबास्केट और उड़ान सहित कई ई-कॉमर्स कंपनियों से अपने आगामी इलेक्ट्रिक तिपहिया मालवाहक वाहन की कुल 2,500 इकाइयों का ऑर्डर मिला है।


इसमें शहर के अंदर डिलीवरी के लिए हाइपरलोकल और बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) डिलीवरी कंपनियों के ऑर्डर भी शामिल हैं।


यूलर मोटर्स ने एक बयान में कहा कि कंपनियां अपने कारोबार को नया रूप देने और मजबूत करने के लिए दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में उसके ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) तैनात करेंगी।


इन वाहनों की डिलीवरी अगले छह से आठ महीने में कर दी जाएगी।


यूलर मोटर्स के संस्थापक और सीईओ सौरव कुमार ने कहा, "हम बाजार में पेश किए जाने से पहले ऑर्डर की बुकिंग देखकर खुश हैं, इससे हमारे ग्राहकों के विश्वास और हमारे उत्पाद के मजबूत प्रदर्शन और मूल्य प्रस्ताव का पता चलता है।"


उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली की यह कंपनी अगली तिमाही में त्योहारी सीजन के दौरान अपना पहला तिपहिया मालवाहक वाहन पेश करेगी।





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सिंगल चार्ज में 130 किलोमीटर की जबरदस्त रेंज देगा EeVe Soul इलेक्ट्रिक स्कूटर, जानें कब तक होगा लॉन्च

नई दिल्ली : भारत में पिछले कुछ सालों में एक से बढ़कर एक इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की एंट्री हो रही है। जहां शुरुआत में लेड-एसिड बैटरी वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को लॉन्च किया जा रहा था जिनकी रेंज कम होती थी, वहीं अब लिथियम आयन बैटरी वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को लॉन्च किया जा रहा है जो सिंगल चार्ज में जबरदस्त रेंज देने में सक्षम होते हैं। आपको बता दें कि EeVe India जल्द ही भारत में अपने Soul इलेक्ट्रिक स्कूटर को लॉन्च कर सकती है। दावों के अनुसार EeVe Soul एक हाईस्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर होगा जिसमें एक दमदार बैटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। ख़ास बात ये है कि मार्केट के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए इस इलेक्ट्रिक स्कूटर में डिटैचेबल बैटरी ऑफर की जा सकती है जिसकी मदद से आप इसकी रेंज को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं और इससे इलेक्ट्रिक स्कूटर चालक को काफी सहूलियत भी होती है। जानकारी के अनुसार कंपनी इस अपकमिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर को भारत में जून महीने तक लॉन्च कर सकती है। कोरोना वायरस के बढ़ते हुए संक्रमण की वजह से इस स्कूटर की लॉन्चिंग प्रभावित हो सकती है क्योंकि कई जरूरी कम्पोनेंट्स की सप्लाई महामारी की वजह से प्रभावित हुई है, ऐसे में ग्राहकों को इस स्कूटर के लंबा इन्तजार भी करना पड़ सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि EeVe Soul इलेक्ट्रिक स्कूटर सिंगल चार्ज में 130 किलोमीटर तक दौड़ने में सक्षम हो सकता है जो कि एक स्कूटर के हिसाब से अच्छी-खासी रेंज है। जैसा कि हमने कहा कि ये एक हाई स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर होगा ऐसे में इसकी टॉप स्पीड 70 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो ये इलेक्ट्रिक स्कूटर भारत में जल्द ही लॉन्च किया जा सकता है और उसके बाद इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की डिलीवरी भी कंपनी की तरफ से शुरू कर दी जाएगी। ...

स्थानीय डिस्पले एफएबी विनिर्माण के लिए तैयार भारत

नई दिल्ली : भारत सरकार ने जिस तरह से विभिन्न प्रोत्साहन से जुड़ी योजनाओं के साथ घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर जोर दिया है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि देश के पास एक बेहतरीन अवसर है कि वह एक पूर्ण अर्धचालक निर्माण (एफएबी) इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की स्थापना कर सके। इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने बुधवार को यह बात कही। वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी 2012 में 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 3.6 प्रतिशत हो गई है। घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण साल 2014-15 में 1.90 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 5.34 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 23 प्रतिशत दर्ज की गई है। हालांकि इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। एलसीना के अनुमान के अनुसार, पर्याप्त अवसंरचना की कमी, घरेलू आपूर्ति श्रृंखला और रसद बाधाओं, वित्त की उच्च लागत, गुणवत्ता की अपर्याप्त उपलब्धता, सीमित डिजाइन क्षमताओं के कारण इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण क्षेत्र लगभग 10 प्रतिशत का नुकसान झेल रहा है। कौशल विकास में अपर्याप्तता के अलावा उद्योग द्वारा अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित नहीं हो पाने से भी यह वांछित रूप से विकसित नहीं हो पा रहा है। आईसीएईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रो ने एक बयान में कहा, हम भारत में एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं और निश्चित रूप से इसे शुरू होने में अभी भी देर नहीं हुई है। इसलिए, भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हब बनाने के लिए एफएबी एक कदम हो सकता है। यह घरेलू विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात के 400 अरब डॉलर के एनपीई 2019 लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी कतार में होगा। मोहिंद्रो ने कहा, 2025 तक एक अरब मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन करने का लक्ष्य है, जिसका मूल्य 190 अरब डॉलर होगा। इसमें 60 करोड़ वह मोबाइल हैंडसेट शामिल हैं, जो एक्सपोर्ट किए जाएंगे और उनकी कीमत 110 अरब डॉलर होगी। इसलिए, भारत के पास देश में पूर्ण विकसित एफएबी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने का अवसर और क्षमता है। अप्रैल 2020 में सरकार ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण के लिए 41,000 करोड़ रुपये की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा की थी। हाल ही में, इस योजना को 7,350 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आईटी हार्डवेयर तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार भारत में सेमीकंडक्टर वेफर या डिवाइस फैब्रिकेशन सुविधाओं की स्थापना या भारत के बाहर सेमीकंडक्टर एफएबी के अधिग्रहण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) लेकर आई है। भारत का डिस्पले पैनल बाजार लगभग 7 अरब डॉलर का है और 2025 तक इसके केवल चार वर्षों में बढ़कर 15 अरब डॉलर होने का अनुमान है। हालांकि, एक डिस्पले एफएबी निर्माण इकाई स्थापित करना एक अत्यंत पूंजी-गहन परियोजना है और 2-3 वर्षों की अवधि में लगभग 70,000-75,000 करोड़ रुपये या लगभग 10 अरब डॉलर के अनुमानित निवेश की आवश्यकता है। मोहिंद्रू ने जोर देते हुए कहा, एफएबी विनिर्माण सुविधा एक पूंजी-गहन व्यवसाय है और यह दुनिया के बहुत कम भौगोलिक क्षेत्रों में मौजूद है। इसलिए, हमें एक प्रतिस्पर्धी माहौल बनाना चाहिए। हमें पानी, बिजली और पूंजी समर्थन के अलावा लॉजिस्टिक्स जैसी उचित बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के मामले में बहुत आक्रामक होने की आवश्यकता है। एक शुरूआत पहले ही घरेलू डिस्पले एफएबी विनिर्माण में हो चुकी है, क्योंकि दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज सैमसंग ने भारत में असेंबलिंग डिसप्ले के लिए पहले ही 4,825 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ...

अमेरिका ने चीनी कम्प्यूटर विनिर्माताओं पर प्रतिबंध लगाए

बीजिंग, (वेबवार्ता)। बाइडेन प्रशासन ने बीजिंग के साथ टकराव को बढ़ाते हुए प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के मुद्दे पर सात चीनी सुपर कंप्यूटर अनुसंधान प्रयोगशालाओं और विनिर्माताओं को अमेरिका में निर्यात करने से प्रतिबंधित कर दिया है। गुरुवार को घोषित इस फैसले से संकेत मिलते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ शुरू किए गए सख्त रुख पर बने रहेंगे। इन प्रौद्योगिकी कंपनियों को वाशिंगटन एक जोखिम की तरह मानता है। इस फैसले से चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की औद्योगिक योजनाओं, अमेरिकी प्रौद्योगिकी तक पहुंच और साइबर हमलों के आरोपों और कारोबार संबंधी गोपनीय बातों की चोरी जैसे मुद्दों पर टकराव बढ़ेगा। वाणिज्य विभाग ने कहा कि इन कंपनियों द्वारा बनाए जाने वाले सुपर कम्प्यूटर का इस्तेमाल चीनी सेना हथियारों के विकास में करती है। ताजा प्रतिबंद्ध शोधकर्ताओं और विनिर्माताओं के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी तक पहुंच पर रोक लगाते हैं। बाइडेन ने कहा है कि वह बीजिंग के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं, लेकिन उन्होंने इस बात के कोई संकेत नहीं दिए हैं कि वह चीनी दूरसंचार उपकरण कंपनी हुआवेई और अन्य कंपनियों पर ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेंगे। ...