कंपनियों पर कर्ज की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में गिरावट

नई दिल्ली: कंपनियों पर कर्ज की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में गिरावट का दौर जारी है। अडाणी टोटल गैस और अडाणी ट्रांसमिशन के शेयर्स में 20-20% की गिरावट आई है। गिरावट का ये दौर तब शुरू हुआ, जब फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। अडाणी ग्रुप पर इसका बड़ा असर पड़ा है।

अडाणी की नेटवर्थ बुधवार से अब तक यानी 3 दिन में 10% से ज्यादा कम हो गई है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक अडाणी को 1.32 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अडाणी की कंपनियों की मार्केट कैप भी कम हुई है, जिसके चलते निवेशकों को 2.75 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

अमेरिकी रिपोर्ट में ग्रुप पर गंभीर आरोप, इसमें मनी लॉन्ड्रिंग भी
फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडेनबर्ग ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि अडाणी ग्रुप की सभी 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है। ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर 85% से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी हैं। अडाणी ग्रुप ने शेयरों में हेरफेर की। अकाउंटिंग में धोखाधड़ी की गई है। अडाणी ग्रुप कई दशकों से मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग कर रहा है।

इस रिपोर्ट के अडाणी ग्रुप पर 3 बड़े इम्पैक्ट

1. टोटल नेटवर्थ अब 96.6 बिलियन डॉलर, यानी 7.88 लाख करोड़ रुपए रह गई है।

2. अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का 20,000 करोड़ रुपए का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) शुक्रवार को खुला। प्राइस बैंड 3 हजार 112 से 3 हजार 276 रुपए प्रति शेयर तय हुआ। पर आज गिरावट के चलते अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर ही 2 हजार 768 रुपए पर आ गया। यानी 18% गिरावट आ गई।

3. फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में अडाणी ग्रुप के मालिक गौतम अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए हैं। 25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो शुक्रवार को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई।

जानिए अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में कितनी गिरावट
कंपनीआज गिरावटबीते 5 दिनों में गिरावट
अडाणी पोर्ट्स-15.24%-22.84%
अडाणी विल्मर-5.00%-7.05%
अडाणी पावर-5.00%-9.80%
अडाणी टोटल गैस-20.00%23.28%
अडाणी ग्रीन एनर्जी-20.00%-24.97%
अडानी इंटरप्राइजेज-18.31%-20.14%
अंबुजा सीमेंट-16.63%-26.41%
ACC-12.27%-20.46%
NDTV-4.99%-11.36%

बुधवार को भी रही थी बड़ी गिरावट
बुधवार को अडाणी ट्रांसमिशन 8.08%, अडाणी पोर्ट्स 6.13%, अडाणी विल्मर 4.99%, अडाणी पावर 4.95%, अडाणी टोटल गैस 3.90%, अडाणी ग्रीन एनर्जी 2.34% और अडाणी एंटरप्राइजेज 1.07% गिरकर बंद हुआ। अडाणी ग्रुप द्वारा हाल ही में खरीदी गई कंपनियों अंबुजा सीमेंट 6.96%, ACC 7.14% और NDTV का शेयर 5.00% गिरा।

अडाणी ग्रुप के CFO जुगशिंदर सिंह ने आरोपों को बताया बकवास
हालांकि अडाणी ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) जुगशिंदर सिंह ने इस रिपोर्ट को बकवास बताया है। उन्होंने रिपोर्ट को फैक्टलेस बताते हुए कहा कि जो आरोप लगाए गए हैं, वे बेबुनियाद हैं। यह रिपोर्ट दुर्भावना से प्रेरित है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या मैट्रिक्स को वेरिफाई करने की कोशिश नहीं की। यह रिपोर्ट गलत सूचनाओं से भरी है।

हिंडनबर्ग फर्म के खिलाफ अडाणी ग्रुप ले सकता है लीगल एक्शन
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के खिलाफ शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के मामले में अडाणी ग्रुप लीगल एक्शन लेने का विचार कर रहा है। लीगल एक्शन को लेकर हिंडनबर्ग ने कहा कि वह पूरी तरह से अपनी रिपोर्ट के साथ खड़ा है और अडाणी ग्रुप द्वारा किसी भी कानूनी कार्रवाई का स्वागत करेगा।

उन्होंने आगे कहा कि अगर अडाणी गंभीर हैं, तो उन्हें अमेरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए, जहां हम काम करते हैं। हमारे पास कानूनी प्रक्रिया में मांगे जाने वाले दस्तावेजों की एक लंबी लिस्ट है।

SEBI कर रही रिपोर्ट की जांच
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) अब अदानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। इतना ही नहीं SEBI ने 'अदानी-होल्सिम डील' में इस्तेमाल SPV का ब्यौरा मांगा है। सेबी ने पिछले एक साल में अडाणी ग्रुप की ओर से की गई सभी डील्स की जांच तेज कर दी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लिस्टेड स्पेस में अडाणी ग्रुप की ओर से जितने भी ट्रांजैक्शन हुए हैं, सेबी उन सभी ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है और जांच को पहले से तेज कर दिया है।

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स्मासर्टफोन खरीदने से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान

आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन न केवल शौक बल्कि जरूरत भी बन गया है। ऑनलाइन शॉपिंग, बिल भुगतान, टिकट बुकिंग, सरकारी योजनाओं की जानकारी, ईमेल आदि सभी कुछ इस छोटे से यंत्र में समा चुका है। सही मायनों में काफी हद तक इसने कंप्यूटर को भी रिप्लेस कर दिया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण आज मोबाईल के दाम काफी कम हो गए हैं।

 

अगर आप भी स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं या अपने पुराने फोन को बदलना चाहते हैं तो जरूरी है कि कुछ विशेष बातों पर ध्यान दें जैसेकि कंपनी, हार्डवेयर, आॅपरेटिंग सिस्टम, फीचर्स, रैम, मेमोरी, बैट्री, आफ्टर सेल्स सर्विस आदि ताकि आपके पैसों की सही कीमत मिले तथा भविष्य में आपको परेशानी भी न उठानी पड़े। कम कीमत में अधिक फीचर्स व स्पेसिफिकेशन्स पाने के लिए स्मार्टफोन का चुनाव करते समय पांच बातों का ध्यान रखें...

 

साइज 

आप अपनी सुविधानुसार 4-5 इंच का फोन चुन सकते हैं। चूंकि इससे बड़े साइज के फोन को रखना असुविधाजनक हो सकता है। अल्मोड व आईपीएस डिस्प्ले अच्छी मानी जाती है। 5 इंच से बड़ी डिस्प्ले एचडी (720गुणा1280) तो 5 इंच तक की डिस्प्ले फुल एचडी (1920गुणा1080) होनी अच्छी मानी जाती है।

 

प्रोसेसर, रैम व मेमोरी 

फोन ऑक्टासकोर या क्वाडकोर प्रोसेसर और कम से कम 2 जीबी रैम वाला हो। फोन की इंटरनल मेमेारी कम से कम 16 जीबी हो व उसमें मेमोरी काॅर्ड स्लाॅट भी हो तो अच्छा रहेगा।

 

ऑपरेटिंग सिस्टैम

बाजार में एंड्रायड, विंडोज व आईओएस ऑपरेटिंग सिस्ट्म और फायरफॉक्सच, सायोनोजे़न आदि साफ्टवेयर वाले फोन मिल रहे हैं। नये वर्जन वाले ओएस का फोन लें जैसे हो सके तो एंड्रायड 5.0 लॉलीपॉप वर्जन लें। चैक करें कि भविष्य में उसमें कोई अपग्रेड मिलेगा या नहीं। आईओएस वाले आईफोन काफी महंगे और इसके सभी एप्स पेबेल होने से एंड्रायड या विंडोज वाले फोन पर जा सकते हैं। एंड्रायड फोन में एप्स काफी मिल जाते हैं वो भी मुफ्त जबकि विंडोज फोन में आवश्यकतानुसार कम ही एप्स होते हैं।

 

कैमरा, बैटरी व कनेक्टिीविटी 

फोटोग्राफी का शौक है तो फोन का कैमरा 8-13 मेगापिक्सल का लें। कैमरे की गुणवत्ता, एलईडी फ्लैश और अन्य कैमरा फीचर्स को भी अच्छे से चैक कर लें। बैटरी कम से कम 2800 एमएएच की हो तो अच्छा रहेगा। यदि आप टूर पर रहते हैं तो रिमूवेबल बैटरी वाला फोन लें ताकि बैटरी रिपलेक्स की जा सके। अपनी सुविधा एवं बजट के हिसाब से फोन डबल सिम, सी.डी.एम.ए., जी.एस.एम., 3जी, 4जी आदि चुनें।

 

वारंटी व सर्विस सेंटर 

अधिकतर फोन एक साल की वारंटी के साथ मिलते हैं। पर घर के पास सर्विस सेंटर का न होना या फिर सपोर्टिंग रेप्युटेशन ठीक न होने पर वारंटी का भी कोई महत्व नहीं रहता। फोन एक्सेसरीज और मार्केट में स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता आदि को अच्छे से चैक कर लें। हो सके तो मोबाइल की डमी से उसकी लुक, डिजाइन, बिल्ड क्वालिटी, पोट्र्स व बटन प्लेसमेंट आदि को पहले से ही देखकर जांच लें।

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नये वित्तीय वर्ष में माल लदान से उत्तर मध्य रेलवे ने अर्जित किया 1599 करोड़

प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे ने इस साल अप्रैल से जनवरी के दौरान कुल 15.49 मिलियन टन लदान किया, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि के दौरान 13.39 मिलियन टन का लदान किया गया था। इस अवधि के दौरान इस आउटवर्ड लोडिंग से रु. 1599.92 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया। राजस्व अर्जन की दृष्टि से इसी अवधि में 12þ की वृद्धि दर्ज की गई है।

 

वर्तमान वित्त वर्ष में प्रारम्भिक लदान में वृद्धि की गति को बनाए रखते हुए नए वर्ष जनवरी के अंत तक, उत्तर मध्य रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में अपने प्रारम्भिक माल लदान में 8.8þ की वृद्धि दर्ज की। जनवरी 2022 के दौरान, उत्तर मध्य रेलवे ने 1.72 मिलियन टन माल लदान लोड किया और रुपये 181.3 करोड़ के राजस्व का अर्जन किया।

 

प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक बिप्लव कुमार ने नए यातायात को आकर्षित करने में मुख्यालय और मंडलों की बिजनेस डेवलेपमेंट इकाइयों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि जिन प्रमुख मदों में लोडिंग बेहतर हुई है, उनमें सीमेंट और पेट्रोलियम आदि शामिल हैं। इस उपलब्धि पर महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने बीडीयू सहित सभी अधिकारियों और उनकी टीम के सदस्यों को बधाई दी है।

 

महाप्रबंधक ने हालांकि बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य से पिछड़ने पर और खाद्यान लदान में कमी पर ध्यान आकर्षित किया। कहा कि लदान को और बेहतर करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएं और निधारित लक्ष्य हासिल किया जाए। उन्होंने कहा कि उपलब्धियां प्रशंसनीय हैं, लेकिन हमें वित्तीय वर्ष के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

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एलएंडटी L&T कंस्ट्रक्शन को एनएचएसआरसीएल से मिला महत्वपूर्ण ठेका

नई दिल्ली। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की निर्माण इकाई को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) से एक बड़ा ऑर्डर मिला है। एलएंडटी ने एक बयान में कहा कि मुख्य रूप से परियोजना के के तहत 8.198 किलोमीटर लंबी डबल लाइन हाई स्पीड रेलवे के लिए सिविल और भवन निर्माण कार्यों का डिजाइन और निर्माण का काम शामिल है।

बयान में कहा गया है, ‘‘लार्सन एंड टुब्रो की निर्माण इकाई ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के पैकेज नंबर – एमएएचएसआर-सी-5 के डिजाइन और निर्माण के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) से ऑर्डर हासिल किया है। यह देश में क्रियान्वित किया जाने वाले पहला द्रुत गति का रेल गलियारा है।’’

 कार्य के दायरे में वडोदरा का प्रमुख स्टेशन, कन्फर्मेशन कार बेस, पुल, वास्तु और अन्य संबंधित कामकाज शामिल है। इस परियोजना को 49 महीनों में पूरा किया जाना है। एलएंडटी पहले से ही हाई-स्पीड गलियारे के दो अन्य पैकेजों का क्रियान्वन कर रही है।

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कमजोर हाजिर मांग के कारण चांदी वायदा कीमतों में गिरावट

नई दिल्ली : मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में बृहस्पतिवार को चांदी की कीमत 438 रुपये की गिरावट के साथ 61,400 रुपये प्रति किलो रह गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले वायदा अनुबंध का भाव 438 रुपये यानी 0.71 प्रतिशत घटकर 61,400 रुपये प्रति किलो रह गया। इस वायदा अनुबंध में 12,824 लॉट के लिये सौदे किये गये। वैश्विक स्तर पर, न्यूयार्क में चांदी का भाव 0.84 प्रतिशत की तेजी के साथ 22.67 डालर प्रति औंस हो गया।



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आयकर विभाग ने 2019-20 के आईटीआर सत्यापन के लिए फरवरी 2022 तक वक्त दिया

नई दिल्ली : जिन करदाताओं ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपने आयकर रिटर्न का अभी तक ई-सत्यापन नहीं किया है, वे सत्यापन की प्रक्रिया को 28 फरवरी 2022 तक पूरा कर सकते हैं।


आयकर विभाग ने करदाताओं को राहत देते हुए सत्यापन की समयसीमा को आगे बढ़ाया है।


कानून के मुताबिक डिजिटल हस्ताक्षर के बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने पर उसका आधार ओटीपी, नेटबैंकिंग, डीमैट खाते के जरिए भेजे गए कोड, पूर्व-मान्य बैंक खाते या एटीएम से सत्यापन करना होता है। यह सत्यापन आयकर रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर करना जरूरी है।


इसके अलावा आयकरदाता बेंगलुरू में केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) कार्यालय में आईटीआर की एक भौतिक प्रति भेजकर सत्यापन भी कर सकते हैं।


यदि सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो यह माना जाता है कि रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है।




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आईटी मंत्री ने ट्वीट किया, 'इंटेल - भारत में स्वागत है'

नयी दिल्ली :  आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को इंटेल फाउंड्री सर्विसेज के अध्यक्ष रणधीर ठाकुर के एक पोस्ट के बाद भारत में इंटेल का ''स्वागत'' करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।


ठाकुर ने अपनी पोस्ट में भारत सरकार द्वारा हाल में घोषित सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण नीति की तारीफ की थी।


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 दिसंबर को देश में सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) और डिस्प्ले बोर्ड के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत अगले चार वर्षों में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने और 1.35 लाख रोजगार के अवसरों के सृजन की उम्मीद है।


यह घोषणा ऐसे वक्त में हुई, जब इलेक्ट्रॉनिक चिप की दुनिया भर में कमी है और कई सेमीकंडक्टर कंपनियां अपनी क्षमता को बढ़ा रही हैं।


आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को ट्वीट किया, ''इंटेल - भारत में आपका स्वागत है।'' यह ट्वीट, इंटेल के ठाकुर के एक ट्वीट के जवाब में था, जिसमें लिखा था, ''इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर केंद्र के रूप में भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण प्रोत्साहन के लिए इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर को बधाई।''


ठाकुर ने आगे लिखा: ''आपूर्ति श्रृंखला के सभी पहलुओं - प्रतिभा, डिजाइन, विनिर्माण, परीक्षण, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक, के लिए एक योजना को देखकर खुशी हुई।








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कोवोवैक्स को मंजूरी से भारत, गरीब देशों के टीकाकरण को मजबूती मिलेगी: एसआईआई

नयी दिल्ली :  प्रमुख वैक्सीन कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के टीके 'कोवोवैक्स' को मंजूरी मिलने से पूरे भारत के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार तेज होगी।


एसआईआई के सीईओ अदर पूनावाला ने एक बयान में कहा, ''डीसीजीआई द्वारा कोवोवैक्स को मिली मंजूरी से भारत और निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के देशों में टीकाकरण के हमारे प्रयासों में मजबूती आएगी। हमें गर्व है कि 90 प्रतिशत असर के साथ हम अत्यधिक प्रभावी प्रोटीन आधारित कोविड-19 वैक्सीन मुहैया करा रहे हैं।''


भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को व्यापक करते हुए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एसआईआई के कोविड-19 रोधी टीके 'कोवोवैक्स' और बायोलॉजिकल ई कम्पनी के टीके 'कोर्बेवैक्स' को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।


केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा 'कोवोवैक्स' और 'कोर्बेवैक्स' को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश किए जाने के एक दिन बाद यह घोषणा की।


मांडविया ने ट्वीट किया, ''मुबारक हो भारत। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक दिन में तीन स्वीकृति दी हैं... कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स टीके और दवा 'मोलनुपिराविर' को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।''


इस मंजूरी के साथ, देश में आपात स्थिति में उपयोग होने वाले कोविड-19 रोधी टीकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।


उन्होंने कहा कि कोवोवैक्स का निर्माण पुणे के 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' में ही किया जाएगा।








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श्रीराम ऑटोमॉल ने पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए अशोक लेलैंड के साथ करार किया

नई दिल्ली : पुराने वाहनों के विक्रेता श्रीराम ऑटोमॉल इंडिया लिमिटेड (एसएएमआईएल) ने सोमवार को कहा कि पुराने वाणिज्यिक वाहन कारोबार के लिए एक मंच उपलब्ध करवाने की खातिर उसने अशोक लेलैंड के साथ साझेदारी की है।


कंपनी ने एक बयान में कहा कि दो कंपनियों के बीच करार हुआ है जिसके तहत श्रीराम ऑटोमॉल इंडिया के प्रत्यक्ष एवं डिजिटल मंच पुराने वाणिज्यिक वाहनों को बदलने, उनके निस्तारण और खरीद की सुविधा देंगे।


इस करार के तहत कंपनी पुराने वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री करने और नए वाहन खरीदने के लिए अशोक लेलैंड आने वाले सभी लोगों को अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन नीलामी मंच उपलब्ध करवाएगा।


अशोक लेलैंड में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों के प्रमुख संजय सारस्वत ने कहा कि इस साझेदारी के जरिए कंपनी को पुराने वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र में स्थापित होने में मदद मिलेगी।





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एक जनवरी से ई-कॉमर्स कंपनियों पर परिवहन एवं रेस्तरां सेवा पर जीएसटी की देनदारी

नई दिल्ली : आगामी एक जनवरी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में कर दर और प्रक्रिया से संबंधित कई बदलाव होंगे। इनमें ई-कॉमर्स सेवा प्रदाताओं पर परिवहन एवं रेस्तरां क्षेत्र में दी जाने वाली सेवाओं पर कर देनदारी भी शामिल है।


इसके अलावा फुटवियर और कपड़ा क्षेत्र में शुल्क ढांचे में बदलाव भी एक जनवरी 2022 से लागू होगा जिसके तहत सभी प्रकार के फुटवियर पर 12 फीसदी जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लगेगा जबकि रेडीमेड कपड़ों समेत सभी टेक्साइटल उत्पादों (कपास को छोड़कर) पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा।


ऑटो रिक्शा चालकों को ऑफलाइन तरीके से दी जाने वाली यात्री परिवहन सेवाओं पर छूट मिलती रहेगी लेकिन जब ये सेवाएं किसी ई-कॉमर्स मंच से दी जाएंगी तो इन पर नए साल से पांच फीसदी की दर से कर लगेगा।


प्रक्रियागत बदलावों के तहत, स्विगी और जोमेटो जैसे ई-वाणिज्य सेवा प्रदाताओं का यह उत्तरदायित्व होगा कि उनके द्वारा दी जाने वाली रेस्तरां सेवाओं के बदले वे जीएसटी एकत्रित करें और उसे सरकार के पास जमा करवाएं। ऐसी सेवाओं के बदले उन्हें बिल भी जारी करने होंगे।


इससे उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा क्योंकि रेस्तरां पहले से ही जीएसटी राजस्व एकत्रित कर रहे हैं। बदलाव सिर्फ इतना हुआ है कि कर जमा करवाना और बिल जारी करने की जिम्मेदारी अब खाद्य पदार्थ आपूर्ति करने वाले मंचों पर आ गई है।


यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि सरकार का ऐसा अनुमान है कि खाद्य आपूर्ति मंचों द्वारा कथित तौर पर पूरी जानकारी नहीं देने से बीते दो वर्ष में सरकारी खजाने को करीब 2,000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है और इन मंचों को जीएसटी जमा करवाने के लिए उत्तरदायी बनाने से कर चोरी पर रोक लगेगी।


कर चोरी रोकने के लिए नए साल में कुछ और कदम उठाए जाएंगे। इनमें जीएसटी रिफंड पाने के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य करना, जिन व्यवसायों ने कर अदा नहीं किए हैं उनकी जीएसटीआर-1 फाइलिंग सुविधा पर रोक लगाना आदि शामिल है।



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